साथ ही जस्टिस मोहित शाह ने किशोर पाठक की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के मकान को तोड़ने पर रोक लगा दिया है।
कोर्ट ने अररिया के डीएम को निर्देश दिया कि वे स्वयं उस जमीन पर जाकर उसे देखें और उचित आदेश संबंधित अधिकारियों को दे। कोर्ट ने डीएम को कहा कि अगली सुनवाई में इस मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे।
कोर्ट ने अररिया डीएम को कहा कि वह इस बात की जानकारी भी अगली सुनवाई में कोर्ट को दें कि याचिकाकर्ता का मकान अतिक्रमण कर बनाये गए जमीन पर है या उसके निजी जमीन पर। मकान तोड़े जाने की नोटिस दिए जाने के पहले अतिक्रमण संबंधी नोटिस उसे दिया गया था या नही।
इन सब बातों की जानकारी अगली सुनवाई में कोर्ट को दें . याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राकेश कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि जिस जमीन पर बने मकान को तोडने का नोटिस भरगावां के अंचलाधिकारी ने दिया है, वह उसकी पुस्तैनी जमीन है।
सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों के चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 अक्टूबर,2022 से होंगे।
कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामलें पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा।कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे,तो कर सकता है।
इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर,2022 तक सुनवाई कर ले,तो सही रहेगा।
दिसंबर,2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती,जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती।
तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछडापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं।
साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें।
कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती,ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 को चुनाव होने हैं।इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले, तो उपयुक्त रहेगा।
आज पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर सभी पक्षों की लम्बी बहस सुनने के फैसला सुरक्षित रख लिया।
पटना हाईकोर्ट ने डी एम, औरंगाबाद को निर्देश दिया है कि अतिक्रमण नहीं हटाने के मामलें में गड़बड़ी करने वाले ओबरा के सीओ और खुदवा के थानाध्यक्ष के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए। जस्टिस मोहित शाह ने डी एम, औरंगाबाद को कार्रवाई कर अगली सुनवाई में फिर कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया।
अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने डी एम, औरंगाबाद द्वारा अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सख्त रुख अपनाते हुए आज कोर्ट में तलब किया था।कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि अधिकारी सही जवाब नहीं देंगे,तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है।आज कोर्ट में औरंगाबाद के एस पी भी सुनवाई के दौरान उपस्थित थे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि खुदवा थानाध्यक्ष एक महिला को सहयोग दे कर जिनके भूमि पर अतिक्रमण था,उनके पूरे परिवार के विरुद्ध एस सी/एस टी एक्ट के तहत औरंगाबाद सिविल कोर्ट में मामला दर्ज करवा दिया है।साथ ही जिनकी भूमि है,उन्हें तरह तरह से धमका रहे है।साथ ही सीओ की भूमिका संदिग्ध है।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 10अक्टूबर, 2022 को की जाएगी।
बिहटा थाना क्षेत्र के अमदाबाद में सोन नदी से अवैध बालू निकासी को लेकर दो गुटों में जमकर गोलीबारी हुई है। चार व्यक्ति की गोली लगने से मौत की बात सामने आ रही है। कई लोग घायल हुए हैं।
सूचना के बाद मौके पर बिहटा पुलिस पहुंच गई है। कल रात से चल गोली चलने की बात सामने आई है। बिहार में फिलहाल राज्य सरकार ने बालू खनन पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। दूसरी और बालू माफियाओं के द्वारा अवैध खनन का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
यहां तक कि बालू माफिया अब किसानों के निजी जमीन को अपना निशाना बनाते जा रहे हैं। जिसके अवैध खनन को लेकर मिल रही लगातार सूचना के बाद दो दिन पहले ही पटना जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले के बिहटा और मनेर के सोन नदी इलाके में छापेमारी किया गया था।
इस छापेमारी के दौरान लगभग दो दर्जन पोकलेन मशीन को जब्त किया गया है और उसमें खनन विभाग और जिला पुलिस बल के द्वारा तोड़फोड़ किया गया था।
पिछली साल दिसंबर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद से सीडीएस का पद खाली था। एक साल बाद तेजतर्रार अधिकारी रहे अनिल चौहान को इसकी कमान सौंपी गई है।
सेना में 40 वर्षों तक अपनी सेवाएं देने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान को केन्द्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया है। वे पिछले साल ही सेवानिवृत्त हुए थे। वह भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान अपने लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में कई कमांड संभाल चुके हैं। उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में व्यापक अनुभव भी है
बिहार में घूसखोरों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। निगरानी की टीम हर कुछ दिन के अंतराल पर घूसखोर कर्मियों को दबोच रही है। लेकिन इसके बावजूद भी घूसखोरी की घटनाएं शायद कम नहीं हो रही।
इसका ताजा उदाहरण है वैशाली की घटना। जहां एक घूसखोर विजिलेंस के हत्थे चढ़ गया। इस बार रिश्वतखोर कोई सरकारी कर्मी नहीं बल्कि एक प्रतिनिधि था। जी हां मुखिया को घूस लेते गिरफ्तार किया गया है।
वैशाली के लालगंज के एतवारपुर सिसौला के मुखिया को 2 लाख 16 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया गया है।निगरानी की टीम ने मुखिया दिनेश लाल को घूस लेते रंगेहाथों पकड़ा है। गिरफ्तार मुखिया को साथ लेकर विजिलेंस की टीम पटना के लिए रवाना हुई है।
इलाके में घूसखोर मुखिया की चर्चा खूब हो रही है। वहीं इस घटना के बाद हर दिन कमाई में लगे ग्राम पंचायत प्रतिनिधि डरे सहमे दिख रहे हैं।
अमरजीत की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते सुल्तान पैलेस के मामलें पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार को 8 सप्ताह में जवाब देने को कहा।
इस जनहित याचिका में राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी, जिसमें उसने सुल्तान पैलेस को तोड़े जाने का निर्णय लिया गया है।याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री रामकृष्ण ने कोर्ट को बताया कि ये ऐतिहासिक महत्व का स्मारक है और लगभग सौ साल पुराना हैं।
ऐसे भवन के देखभाल और उसे सही स्थिति में रखने की जगह उसे तोड़े जाने का राज्य सरकार ने निर्णय लिया है,जो उचित नहीं है।
#PatnaHighCourt
कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि सौ साल पुराने ऐतिहासिक स्मारक को क्यों तोड़ने का निर्णय लिया गया है।कोर्ट ने इस जनहित याचिका में उठाए गए मामला की सराहना करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का मोहलत दिया था।
सीवान के मैरवा की घटना है, जहां प्रेमिका अपने घर वालो से परेसान होकर प्रेमी के घर पहुंच गई और प्रेमी के साथ रहने की जिद करने लगी। यह हम नहीं कह रहे हैं जबकि यह कहना है प्रेमिका का।
दरअसल मामला मैरवा थाना क्षेत्र का है। प्रेमी मैरवा थाना क्षेत्र के उपाध्याय छापर गांव के रहने वाला राम लखन है जिसके घर पहुंच गई प्रेमिका। बताया जा रहा है कि इन दोनों में काफी दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था और लड़की के घर वाले को यह बात मंजूर नहीं थी।
बताया जा रहा है कि लड़की पक्ष वाले द्वरा थाना में आवेदन दीया है।तो वह अब लड़की लड़के के साथ रहने की जिद कर रही है और लड़के के घर पहुची हुई है।अब ये बात चर्चा का विषय बना हुआ है।
अब देखना है कि लड़की अपने घर जाती है या प्रेमी के घर ही रहती है।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई की जा रही है।
इससे पहले इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर,2022 तक सुनवाई कर ले,तो उपयुक्त रहेगा।
दिसंबर,2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती,जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती।
तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछडापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं।
साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा नहीं पार करें।
#PatnaHighCourt
कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती,ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए।
कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 को चुनाव होने हैं।इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले, तो उपयुक्त रहेगा।
आज पटना हाईकोर्ट में इस मामलें पर दिन भर सुनवाई हुई,लेकिन बहस पूरी नहीं हो पायी।इसलिए अब इस मामलें पर कल भी सुनवाई होगी।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पीएफआई पर प्रतिबंध को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि न केवल पीएफआई, बल्कि आरएसएस पर भी बैन लगना चाहिए.
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में तेजस्वी यादव को झटका लगा है। कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। साथ ही 18 अक्टूबर को कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।
बताते चलें कि सीबीआई ने कोर्ट में याचिका दर्ज कर कहा था कि तेजस्वी यादव की जमानत याचिका को रद्द कर दिया जाए। सीबीआई का आरोप था कि तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीबीआई को धमकाया था। इसलिए उनकी जमानत याचिका को रद्द कर दिया जाय।
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल में टेलीकॉलिंग सिस्टम शुरू किया गया, जिसके माध्यम से अब लोग घर बैठे कॉल करके डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं, और दवाइयां भी घर बैठे मंगा सकते हैं।
राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर बिहार के सभी सदर अस्पतालों में इसकी शुरुआत की जा रही है। सिविल सर्जन डा यू सी शर्मा ने बताया कि इसे सुमन योजना के तहत शुरू किया जा रहा है। इसका जिम्मा हैदराबाद की एक निजी एजेंसी को दिया गया है। इसका नंबर 104 रहेगा।
इस नंबर पर फोन करने बाद लोगों सारी जानकारियां मिल सकेंगी।वही सिविल सर्जन ने बताया कि कॉल सेंटर पर फोन करके लोगों को डॉक्टर और दवाओं की जानकारी मिलेगी। साथ ही एंबुलेंस की भी जानकारी मिल सकेगी।
जहानाबाद। केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ आज मंगलवार को जदयू के द्वारा जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय यथा जहानाबाद, काको,रतनी फरीदपुर,मखदुमपुर, घोसी, हुलासगंज एवं मोदनगंज में सतर्कता एवं जागरूकता मार्च निकाला गया।
जिला मुख्यालय में मार्च के बाद अम्बेडकर चौक पर एक सभा का आयोजन किया गया।
इस सभा को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी संतोष कुशवाहा ने कहा कि भाजपा देश के सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ रही है। इस साजिश का पर्दाफाश करने के लिए इस मार्च का आयोजन किया गया है।
कुशवाहा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से भाजपा पूरे देश में अलग-थलग पड़ गई है।
वहीं सतर्कता एवम जागरूकता मार्च को संबोधित करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री कृष्णंदन वर्मा ने कहा की हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के प्रयासों से 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का पूरी तरह सफाया तय है।
कृष्ण नंदन वर्मा, पूर्व शिक्षा मंत्री, बिहार सरकार
भाजपा देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के साथ ही संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने और विभिन्न जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने में लगी है।
सभा को सम्बोधित करते हुए जिला प्रभारी मनोरंजन गिरी ने कहा कि ये वही बीजेपी के कमल का फूल है जिसका बटन दबाने से सरकारी बैंक को प्राइवेट कर दिया गया और इनका विकास हिन्दू मुस्लिम, मंदिर मस्जिद, पाकिस्तान यही तक सिमित रह गया!
यह वही कमल का फूल है। जिसका बटन दबाने से हर साल दस लाख रोजगार देने का वादा था लेकिन उसके बाद इन्होने लाखो नौकरिया छिन ली।
ये वही मोदी सरकार है। जो रेलवे एवं एयरपोर्ट को बेच रहा है। इस लिए भाजपा हटायो देश बचाओ।
इस मार्च में महेन्द्र कुमार सिंह, गोपाल शर्मा ,निरंजन केशव प्रिंस,रामभवन सिंह कुशवाहा, अमित कुमार उर्फ़ पम्मु, दिलीप कुशवाहा , दिलीप कुमार पटेल, रंगनाथ शर्मा,संभू शर्मा, सिया देवी,रंधीर पटेल, रामप्रवेश कुशवाहा, मो अरमान अहमद उर्फ गुड्डू,राकेश पांडेय,मुकेश शर्मा, प्रेम कुमार पप्पु,अनुज कुमार निराला,हरेराम शर्मा , विनोद केशरी ,रशीद प्रवेज, अजीत कुमार , कल्पनाथ कुमार, मूर्तजा अंसारी, कुंदन कुमार बिमल, धनन्जय दास आदि शामिल थे।
दरभंगा । डायन का आरोप लगा महिला की जमकर की पिटाई । अधमरे महिला को DMCH में करवाया गया भर्ती । तांत्रिक विद्या कर बच्चे की हत्या का महिला पर लगाया आरोप।
मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला की बचाई जान। बच्चे का शव आरोपित महिला के निर्माणाधीन मकान से मिलने के बाद नाराज हुए स्थानीय।
सकतरपुर थाना क्षेत्र के शेरपुर नारायणपुर दरगाह टोल का है घटना। आज महिला का अस्पताल में किया भर्ती।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का मोहलत दिया है।
इस मामलें में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरा रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया था।कोर्ट ने पूरा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया।
कोर्ट ने पिछली सुनवाई में निदेशक प्रमुख,स्वास्थ्य सेवा और सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर द्वारा हलफनामा नहीं दायर करने को गम्भीरता से लिया थ।पूर्व की सुनवाई में मुजफ्फरपुर के एस एस पी को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कोर्ट ने निर्देश दिया था।मुकेश कुमार ने ये जनहित याचिका दायर की है।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वी के सिंह ने कोर्ट को बताया था कि इस मामलें में दर्ज प्राथमिकी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
इसमें कोर्ट को यह भी बताया गया था कि आँखों की रोशनी गवांने वाले पीडितों को बतौर क्षतिपूर्ति एक एक लाख रुपए दिए गए हैं।साथ ही मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल को बंद करके एफ आई आर दर्ज कराया गया था,लेकिन अब तक दर्ज प्राथमिकी पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई ।
#PatnaHighCourt
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने आरोप लगाया गया है कि कथित तौर पर आई हॉस्पिटल के प्रबंधन व राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा बरती गई अनियमितता और गैर कानूनी कार्यों की वजह से कई व्यक्तियों को अपनी आँखें की रोशनी खोनी पड़ी।
याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करनी चाहिए, क्योंकि इन्हीं की लापरवाही की वजह से सैकड़ों लोगों को अपनी ऑंखें गंवानी पड़ी।
इस मामले पर अगली सुनवाई दुर्गापूजा अवकाश के बाद की जाएगी।
उत्तर भारतीयों में सरकारी नौकरी को लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता हैं, खासकर बिहार में युवाओं की पहली कोशिश सरकारी नौकरी पाने की ही होती है। लेकिन मुजफ्फरपुर का एक ऐसा गांव हैं जहाँ आजादी के बाद से एक भी व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं हुई। लेकिन अब जब गांव के एक युवा ने इस रिकॉर्ड को तोड़ा है तो गांव में जश्न का माहौल है।
हम बात कर रहें हैं मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के सोहागपुर गांव की जहाँ पहली बार किसी युवक को सरकारी नौकरी मिली है, इसको लेकर परिवार और गांव में ख़ुशी का माहौल है. आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर भी पूरे गांव में किसी को सरकारी नौकरी नही मिल पाई थी, लेकिन अब गांव के ही युवक राकेश कुमार ने इस मिथक को तोड़ दिया है और अब वो सरकारी शिक्षक बन गए है।
आपको बता दें कि यह गांव लगभग 2000 लोगों की आबादी वाला है लेकिन आज तक किसी को सरकारी सेवक बनने की सफलता हाथ नहीं लगी थी. गांव के स्वर्गीय राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने अपनी सच्ची लगन और मेहनत के बदौलत मुकाम को हासिल कर दिखाया है. राकेश गांव में शिक्षा दीक्षा के बाद MCom की पढ़ाई जिला दरभंगा के यूनिवर्सिटी से किया और उसके बाद राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास की।
वही इस सफलता की बात सुनकर स्थानीय लोग काफी खुश हैं और गांव वालों का कहना है कि आजादी के ही बाद यह पहला लड़का है जो अपनी मेहनत और लगन के बदौलत अपने गांव का नाम रोशन किया, इससे अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी।
आपको बता दें कि राकेश कुमार की नियुक्ति मुजफ्फरपुर के जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हुई है जहां वे अब बच्चों को शिक्षा देंगे।
पिछले 2 साल से कोरोना की मार ने एक तरफ जहां देश की अर्थव्यवस्था तक हिला कर रख दी तो वहीं छोटे से बड़े कारोबारी एवं रोजगार करने वाले मजदूरों तक इसका असर देखने को मिला।
खासकर आवाजाही की मनाही के बाद मूर्तिकारो पर इसका खासा असर दिखा। जब मूर्तिकार को रोजगार ही मिलना बंद हो गया। लेकिन इस बार कोरोना के प्रकोप में कमी के बाद दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाने की इजाजत लोगों को मिली तब मूर्तिकारों को भी एक बार फिर रोजगार मिलना शुरू हुआ और उनकी दिनचर्या भी सामान्य होने लगी तथा जिंदगी पटरी पर लौटने लगी ।
शहरों में कई इलाके में मूर्ति कारों की बड़ी तादाद है जो जिले ही नहीं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में घूम घूम कर मूर्ति का निर्माण करते हैं एवं अपने परिवार का प्रतिपालन करते हैं ।
मूर्तिकारों ने बताया कि पिछले 2 साल से जब वह कहीं बाहर जाते थे तो वहां से उन्हें वापस कर दिया जाता था और इसकी सबसे बड़ी वजह थी की कोरोना का असर लोगों की आस्था पर भी दिखने लगा था और लोग सरकार के निर्देश के आलोक में पूजा पाठ से भी दूर होते जा रहे थे ।
कई जगहों पर मूर्ति के निर्माण तक नहीं हुए जिससे उन लोगों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई थी । लेकिन अब जब जिंदगी दोबारा पटरी पर लौटने लगी हैं तो मूर्तिकारों में भी खुशी है एवं उन्हें आशा के साथ साथ विश्वास भी है कि अब वे अपने रोजगार को पुनः एक बार फिर जीवंत कर सकेंगे और अपने परिवार का पालन सही ढंग से कर सकेंगे । साथ ही साथ देश के उत्थान में भी अपना हाथ बटाएंगे ।
जहानाबाद । शराब बेचने वालों और पीने वालों के खिलाफ उत्पाद विभाग के साथ ही जहानाबाद पुलिस भी लगातार कार्रवाई कर रही है। झारखंड से शराब लाकर दुर्गा पूजा एवं नगर निगम चुनाव में हुड़दंग मचाने के प्रयास में जुटे शराब तस्कर तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर झारखंड से शराब बिहार ला रहे हैं।
जहानाबाद की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर एक कार और बस से भारी मात्रा में शराब की खेप को बरामद किया है। जिस कार से खराब मिली है उसपर भारतीय जनता पार्टी का झंडा लगा है। इस मामले मे पुलिस ने बस के ड्राइवर और खलासी समेत कार सवार 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में जुटी है।
बीजेपी का झंडा लगी कार से शराब मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि झारखंड से शराब की बड़ी खेप बिहार पहुंची है। जिसके बाद पुलिस ने नगर थाना क्षेत्र स्थित कोर्ट स्टेशन गुमटी के वाहनों की चेकिंग शुरू की। इसी दौरान रांची से पटना जा रही बस और बीजेपी का झंडा लगी कार से 400 से ज्यादा बोतल शराब को बरामद किया। इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों के पास से 77 हजार रुपए भी बरामद किए गए हैं।
पुलिस की मानें तो बस की छत पर सामानों के बीच में शराब की खेप छिपाकर रखा गया था। छापेमारी के दौरान बस से कई कार्टन शराब बरामद किया गया है जबकि लग्जरी कार से भी काफी मात्रा में शराब पुलिस के हाथ लगी है। पुलिस को शक है कि लग्जरी कार पर सवार लोगों द्वारा ही बस से शराब की बड़ी खेप बिहार लाई जा रही थी।
फिलहाल पुलिस गिरफ्तार लोगों से कड़ी पूछताछ में जुटी है। जहानाबाद जिले में 2 दिनों के अंदर भारी मात्रा में शराब की बरामदगी बिहार में शराबबंदी कानून पर सवाल खड़ा कर रहा है।
दानापुर के फुलवारी शरीफ में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जहां एक बड़ा हादसा हुआ है रोड किनारे मौजूद लंबा तार का पेड़ ऑटो पर गिर गया है ।
जिसमें ड्राइवर सीट के बगल में बैठे हैं तीन की मौत हो गई है जब 5 लोग गंभीर घायल हो गए जिसमें से भी एक की मौत इलाज के दौरान हो गया। घटना में 3 लोगों की मौत हुई है।
घटना फुलवारीशरीफ के महावीर कैंसर संस्थान के पास घटित हुई है। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तार के पेड़ को ऑटो से हटाया और सभी गंभीर घायालाओं को अस्पताल पहुंचाया है।
घटना की जानकारी के बाद फुलवारी शरीफ पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है। घटना स्थल पर भीड़ लगाने से जाम की स्थिति बनी हुई है। ऑटो की स्थिति देख कर दिल दहल जा रहा था ।