Press "Enter" to skip to content

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के स्थानीय निकायों में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर सुनवाई पूरी का निर्णय सुरक्षित रख लिया

सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि स्थानीय निकायों के चुनाव तय कार्यक्रम के अनुसार 10 अक्टूबर,2022 से होंगे।

कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि इस मामलें पर निर्णय पूजा अवकाश में सुना दिया जाएगा।कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे,तो कर सकता है।

इससे पूर्व इस मामलें पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि इस मुद्दे पर 23 सितम्बर,2022 तक सुनवाई कर ले,तो सही रहेगा।

दिसंबर,2021 में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती,जब तक कि सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा निर्धारित तीन जांच की अर्हता पूरी नहीं कर लेती।

तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी के पिछडापन पर आंकडे जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफरिशों के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं।

साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों का पचास प्रतिशत की सीमा को नहीं पार करें।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

कोर्ट ने कहा कि जब तक तीन जांच की अर्हता नहीं पूरी कर ली जाती,ओबीसी को सामान्य श्रेणी के सीट के अंतर्गत पुनः अधिसूचित किया जाए।

कोर्ट ने ये भी कहा कि बिहार मे नगर निकायों का चुनाव 10 अक्टूबर, 2022 को चुनाव होने हैं।इसके पूर्व पटना हाईकोर्ट को इस मामलें पर सुनवाई कर ले, तो उपयुक्त रहेगा।

आज पटना हाईकोर्ट ने इस मामलें पर सभी पक्षों की लम्बी बहस सुनने के फैसला सुरक्षित रख लिया।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »
More from पटना हाईकोर्ट न्यूजMore posts in पटना हाईकोर्ट न्यूज »