पटना । भाजपा ने अपनी प्रदेश कार्यसमिति में प्रस्ताव पारित कर ये फैसला लिया कि अब आगे किसी सूरत में नीतीश कुमार से कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने भी इस फैसले पर सहमति जतायी है।
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
बोधगया के कालचक्र मैदान में तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव कार्यक्रम का आगाज किया गया है। इस कार्यक्रम में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी सहित कई नेता और अधिकार शामिल हुए।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी ने एक बार फिर निशाना साधागे। बोधगया में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के सामने ही जीतन राम मांझी ने खुले मंच से फिर बिहार में शराबबंदी समाप्त करने की मांग उठाई। मांझी ने मगही भाषा में कहा, “तेजस्वी बाबू बिहार में फेर से शराब चालू करवा देहू, एकरा बारे में मुख्यमंत्री जी से भी बात करहु।”
जीतन राम मांझी ने कहा कि जब बाहर के पर्यटक रुकेंगे ही नहीं तो विदेशी मुद्रा से राजस्व कैसे बढ़ेगा? जीतन राम मांझी ने कहा कि अगर शराबबंदी समाप्त हो जाती है तो पर्यटन में 10 गुना वृद्धि होगी। इसलिए हम मुख्यमंत्री नीतीश जी से शराबबंदी को समाप्त करने के लिए मांग करेंगे।
बोधगया अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल कहने से नहीं बल्कि विदेशी मेहमानों को खाने-पीने के चीजों के प्रबंध करने से कहलाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में देश-विदेश से पर्यटक आ रहे हैं। लेकिन वह रुकते नहीं हैं। यहां कुछ घंटे समय बिताने के बाद वे बनारस और पड़ोसी राज्य झारखंड के हजारीबाग जा रहे हैं। इससे राज्य के राजस्व का नुकसान होगा।
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कहते रहे हैं कि शराबबंदी कानून को वापस नहीं लिया जाएगा। लेकिन दूसरी तरफ उनके ही गठबंधन में शामिल दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार शराब चालू करवाने की मांग कर रहे हैं।
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
पटना हाईकोर्ट ने जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्माण,विस्तार एवं नवीनीकरण के मामले पर पटना एयरपोर्ट के डायरेक्टर को तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया ।
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि पटना ऐयरपोर्ट में सुविधाओं की काफ़ी कमी है।इस एयरपोर्ट से हवाई यात्रा करना काफ़ी जोखिम भर है ।
इस पर कोर्ट ने पटना एयरपोर्ट के डायरेक्टर को अगली सुनवाई को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है । इस मामले की अगली सुनवाई 24 जनवरी,2023 को होगी ।
पटना हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को सहायक प्रोफेसर बहाली मामलें में तलब किया है।जस्टिस पी बी बजनथ्री व जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने डा कुमार चन्दन की अपील पर सुनवाई की।
कोर्ट ने निदेशक को आगामी 31 जनवरी को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।कोर्ट का कहना था कि सहायक प्रोफेसर के बहाली के लिए कौन कौन सा पद स्वीकृत था।
उसकी पूरी जानकारी देने का आदेश आईजीआईएमएस के निदेशक को देने का आदेश दिया ।
इससे पूर्व कोर्ट ने सहायक प्रोफेसर बहाली मामले का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश आईजीआईएमएस को दिया था।इस मामलें पर अगली सुनवाई 31जनवरी, 2023 को की जाएगी।
पटना हाइकोर्ट में पटना स्थित ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान के भवन को हाईकोर्ट को स्थानांतरित करने से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता प्रियंका सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए 3 जनवरी,2023 तक राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया था कि पटना हाइकोर्ट के पश्चिम में हाईकोर्ट की काफी भूमि है।पटना हाईकोर्ट का लगातार विस्तार हो रहा है।
उन्होंने कोर्ट से कहा कि ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास और सामाजिक परिवर्तन संस्थान को पटना के मीठापुर स्थित पुराने बस स्टैंड की भूमि में स्थानांतरित किया जा सकता है। वह क्षेत्र शैक्षणिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया था कि हाईकोर्ट के प्रशासनिक विस्तार के साथ ही यहाँ वकीलों, उनके स्टाफ और कई लोग हाईकोर्ट में काम करने वालों की संख्या काफी बढ़ी है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के पूर्वी सीमा पर भी हाईकोर्ट की भूमि है।हाईकोर्ट के विस्तार को देखते हुए हाईकोर्ट को इन भूमि की आवश्यकता है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि बड़ी तादाद में वैसे वकील है, जिन्हें हाईकोर्ट में बैठने और कार्य करने की व्यवस्था नहीं है।उन्हें बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हो रही है।
उन्होंने बताया कि जो पूर्वी सीमा पर मूल रूप से हाईकोर्ट को भूमि आवंटित की गई थी, राज्य सरकार ने उस पर एमएलए और सरकारी अधिकारियों के फ्लैट निर्माण कर लिया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हाईकोर्ट की पूर्वी सीमा से वीरचन्द पटेल पथ तक की भूमि के बदले हाईकोर्ट को भूमि उपलब्ध करानी चाहिए।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 30जनवरी,2023 को की जाएगी।
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सत्ता में आते ही राजद “भूरा बाल साफ करो” के लालू-मंत्र पर खुल कर काम करने लगा। सरकार के एक मंत्री ने रामचरित मानस की निंदा की और दूसरे मंत्री पूरे सवर्ण समाज को अंग्रेजों का दलाल बता कर समाज को अगड़े-पिछड़े में बाँटने का एजेंडा चला रहे हैं। राजद कभी “माई ” से बाहर आकर “ए-टू-जेड” की पार्टी नहीं बन सकता।
श्री मोदी ने कहा कि स्वाधीनता की लड़ाई में बाबू कुँवर सिंह से लेकर जयप्रकाश नारायण तक सवर्ण समाज की अनेक विभूतियों ने संघर्ष किया, जेल गए और नये भारत के निर्माण में योगदान किया। इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने जब सवर्ण समाज के गरीब लोगों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब राजद ने इसका भी विरोध किया।
श्री मोदी ने कहा कि “सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास” लेकर देश की सबसे बड़ी पार्टी
भाजपा में आज मंडल और कमंडल पूरी एकजुटता से साथ हैं। हम उन ताकतों से लड़ रहे हैं, जो देश की अखंडता और समाज की एकता पर आघात करते हैं।
उन्होंने कहा कि राजद खुद अंग्रेजों की ” फूट डालो-राज करो” की कुटिल नीति का गुलाम है। इस मंशा को भाजपा कभी सफल नहीं होने देगी।
श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार का जदयू जब लालू प्रसाद के गोड़ पर गिर चुका है और उसके विद्वेष फैलाने वाले मंत्रियों के आगे मुख्यमंत्री बेचारे हैं, तब नफरती राजनीति का जवाब सिर्फ भाजपा ही दे सकती है।
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
Live News of Bihar – इस समय की बड़ी खबरें
पटना हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति के छात्रों को केंद्र सरकार की “पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम ” का लाभ नहीं दिए जाने के मामलें में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पार्थसारथी की खंडपीठ ने राजीव कुमार और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की
कोर्ट ने केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के सचिव सहित राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और एससी एवं एसटी कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को 6 हफ्ते के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया है ।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि केंद्र सरकार की इस फ्लैगशिप योजना , जिसके तहत अनुसूचित जाति के छात्रों को मैट्रिक के बाद कॉलेज और यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने हेतु एक “फ्रीशिप कार्ड ” दिया जाता है ।इसके अंतर्गत लाभुक विद्यार्थी को बिना दाखिले फीस, ट्यूशन फीस हॉस्टल चार्ज बगैर ही 5 वर्षों तक पढ़ाई करने का अवसर मिलता है।
कार्डधारी के बैंक अकाउंट में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर मोड के तहत केंद्र सरकार से स्कॉलरशिप राशि डाल दी जाती है ,जिसे सम्बन्धित कॉलेज अथवा यूनिवर्सिटी के अकाउंट से भी जोडा जाता है। इस प्रकार दाखिला ,ट्यूशन, हॉस्टल बगैर के चार्ज जमा हो जाता है।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि जब राज्य सरकार के समक्ष पिछले साल जून में उसने एक प्रतिवेदन देकर आग्रह किया कि सुबह के अनुसूचित जाति के छात्रों को फ्रीशिप कार्ड मुहैया कराने जाए, तो राज्य सरकार की तरफ से इसे ना मंजूरी देते हुए यह कहा गया कि 2016 से ही राज्य सरकार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू किए हुए है।
इसके तहत बिना किसी अड़चन के शिक्षा ऋण मुहैया होता है जिसे छात्र बाद में नौकरी लगने पर वापस अदायगी करते हुए याचिकाकर्ताओं के वकील विकास पंकज का कहना था कि राज्य सरकार ने मनमाने तरीके से छात्रवृत्ति को शिक्षा ऋण से बराबर मिलान कर केंद्र सरकार के इस कल्याणकारी स्कीम का लाभ बिहार के अनुसूचित जाति के छात्रों को देने से रोका है।
कोर्ट ने इन आरोपों पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को जवाब देने का कहा।
इस मामले की अगली सुनवाई 23 मार्च,2023को होगी
बगैर क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के गठन किये खिलाड़ियों के चयन नहीं किये जाने को लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन को आदेश देने को लेकर दायर याचिका पर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अजय नारायण शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते कहा कि यदि नए सिरे याचिका दायर की जाती है, तो इस मामलें पर यथासंभव जल्दी सुनवाई करने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए प्रतिवादियों के नामों को हटाकर उनके पद का नाम देते हुए नए सिरे से याचिका दायर करने के लिए छूट याचिकाकर्ता अजय नारायण शर्मा को दिया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने बताया कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कथित रूप से किये रहे तमाम धांधली व एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा सचिव और क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी का पद खुद में समाहित करने तथा खिलाड़ियों के चयन में बरती जा रही धांधली के विरुद्ध पटना हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को सभी प्रतिवादियों के नामों को हटाकर पद से याचिका दायर करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान, पीएमसीएच के प्रभारी निदेशक डा. सुनील कुमार को नोटिस जारी किया है । चीफ जस्टिस संजय क़रोल एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने ब्रज भूषण की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर अपना जवाबी हलफनामा देने का निर्देश दिया है ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने खंडपीठ को बताया कि पीएमसीएच के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) के पूर्व डायरेक्टर डा. एसएस चटर्जी 31.12.2019 को अपने पद से सेवानिवृत हुए थे । उनकी सेवानिवृत्ति के बाद दिनांक 01.01.20 को डा. सुनील कुमार को आईजीआईसी का प्रभारी निदेशक बना दिया गया।
करीब तीन साल से वह अपने पद पर बने हुए हैं, जबकि उक्त पद पर नियुक्ति हेतु कम से कम डिप्लोमा इन मेडिसिन या एमसीएच की न्यूनतम योग्यता होनी चाहिए।वर्तमान के प्रभारी निदेशक के पास नहीं है ।इस पर कोर्ट ने प्रतिवादी डा.सुनील कुमार को नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार को अपना जवाबी हलफनामा चार सप्ताह में देने का निर्देश दिया है ।
इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी ।
पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू- राजद के नेताओं में जातीय-धार्मिक उन्माद भड़काने वाले बयान देने की होड़ लगी है। पूरे देश को कर्बला की युद्ध भूमि बना देने की जद यू के गुलाम रसूल बलियावी की धमकी इसकी ताजा मिसाल है। नीतीश कुमार को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राजद कोटे के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर रामचरित मानस की निंदा कर जातीय विद्वेष फैला रहे हैं और सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव भारतीय सेना के पराक्रम को चुनाव से जोड़ कर उसका अपमान कर रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि दुर्भाग्यवश, ऐसे जहरीले बयान देने वालों पर नीतीश कुमार का न कोई नियंत्रण है , न उन्हें कुछ पता रहता है। वे एक कमजोर-बेचारे मुख्यमंत्री की तरह समय काट रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ बलियावी देश को गृहयुद्ध में झोकने की धमकी दे रहे हैं और दूसरी तरफ उसी समुदाय से आने वाले राजद के अब्दुल बारी सिद्दिकी को भारत में डर लग रहा है। धमकाने वाला समुदाय डरा हुआ कैसे हो सकता है?
श्री मोदी ने कहा कि जैसे भाजपा ने नूपुर शर्मा पर कार्रवाई की वैसे ही नीतीश कुमार को बलियावी के बयान पर कार्रवाई करने की हिम्मत दिखानी चाहिए।
दिल्ली/पटना । Supreme Court ने शुक्रवार को राज्य में जाति सर्वेक्षण कराने के बिहार सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न दलीलों/याचिकाओं के एक बैच पर विचार करने से इनकार कर दिया।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा कि याचिकाओं में कोई योग्यता नहीं है और याचिकाकर्ताओं को संबंधित उच्च न्यायालय (Patna High Court) का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता के साथ उन्हें खारिज कर दिया।
“यह तो एक जनहित याचिका है। फलां जाति को कितना आरक्षण दिया जाए, इस पर हम कैसे निर्देश जारी कर सकते हैं। क्षमा करें, हम इस तरह के निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं और इन याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते हैं”, पीठ ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा।
Supreme Court, एक NGO द्वारा दायर एक सहित इस मुद्दे पर 3 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, ने कहा कि याचिकाकर्ता उचित उपाय के लिए Patna High Court का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
पीठ ने अपने आदेश दिया, सभी याचिकाओं को वापस ले लिया गया मानकर खारिज किया जाता है और कानून में उचित उपाय खोजने की स्वतंत्रता दी जाती है।