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बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई पटना हाइकोर्ट में टल गई

बिहार के पूर्व कानून मंत्री व विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पटना हाइकोर्ट में सुनवाई टल गई। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।इस अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की।

ये मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है।14नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया।

ये मामला दानापुर के जुड़ीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित हैं।
इस मामलें में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर,2014 को सूचना दी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है।

अपहर्ता 18 की संख्या में थे,जो पाँच scorpio गाड़ी से आये थे।उन्होंने राजू को बलपूर्वक ले गए।ये आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह,बंटू सिंह व अन्य सोलह व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया।इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था,जिसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी।

याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है,उनमें वे जमानत पर है।पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी,लेकिन उसे 16 फरवरी,2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।

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उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की।उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था।साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था।

उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे।उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है।

इस अग्रिम जमानत की याचिका पर दिवाली अवकाश के सुनवाई की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक(ऑप्थलमिक असिस्टेंट) के पद पर बहाली प्रक्रिया में गणित से आईएससी पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने की अनुमति दी

18 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक(ऑप्थलमिक असिस्टेंट) के पद पर बहाली प्रक्रिया में गणित से आईएससी पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने की अनुमति देते हुए राहत दी। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रणधीर कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश को पारित किया।

बिहार पारा मेडिकल/पारा डेंटल शिक्षा संस्थान रुल 2005 के अनुसार नेत्र सहायक के पद के लिए फिजिक्स,केमिस्ट्री,जीव विज्ञान,अंग्रेजी के साथ गणित इंटर पास उम्मीदवार योग्यता रखते थे।

2011 में ये स्पष्ट किया गया कि 2012 से नेत्र सहायक के पद के लिए इंटर में गणित को हटा दिया गया।फिजिक्स, केमिस्ट्री,बायोलॉजी और अंग्रेजी विषय में इंटर उत्तीर्ण उमीदवार ही नेत्र सहायक के पद के योग्य माना गया।

कोर्ट ने ये आदेश बिहार तकनीकी सेवा आयोग, पटना के उप सचिव के हस्ताक्षर से निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/ 2021 के मामले में दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने कोर्ट को बताया कि बिहार पारा मेडिकल/ पारा डेंटल शिक्षा संस्थानों की स्थापना की अनुमति) रूल, 2005 व इस रूल के रूल 26 का हवाला दिया गया है।

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इसके तहत इन पदों पर नियुक्ति की योग्यता साइंस में इंटर पास या फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या मैथ और अंग्रेजी विषयों में इंटर पास बताया गया है।

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद कानून ,2016 को सही ढंग से लागू नहीं करने पर पटना हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की

18 अक्टूबर 2022 । पटना हाइकोर्ट ने राज्य की जनता के स्वास्थ्य,जीवन खतरे में डाल कर राज्य मशीनरी द्वारा बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद कानून ,2016 को सही ढंग से नहीं लागू करने पर नाराजगी जाहिर की। जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने एक जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए टिप्प्णी की।

कोर्ट ने इसे बड़ा जनहित याचिका मानते हुए इस पर संज्ञान लेने हेतु पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष भेजा हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के कारण इससे जुड़े कई अपराधों में बढोतरी हुई हैं।उ न्होंने कहा कि जहरीली शराब को नष्ट करने का तरीके का भूमि की उर्वरता पर घातक प्रभाव डालता हैं।

शराब में मिले हुए रासायनिक पदार्थ micro organism पर असर डालता है,जिससे भूमि की उपजाऊ होने पर बुरा असर पड़ता है।इसका बुरा असर पेय जल पर भी पड़ता है,जिससे कैंसर और अन्य घातक बीमारियां हो जाती हैं।

राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इसके घातक प्रभाव को देखते हुए शराब की बोतलों और प्लास्टिक से चूडियां बनायीं जाने लगी हैं।कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी कि पर्यावरण को देखते हुए नीति बनायीं जाए,जिससे इसके दुष्प्रभाव को रोका जा सके।

इसे मद्यनिषेध को सही और प्रभावी ढंग से लागू नहीं करने के कारण शराब की तस्करी होने लगी।इसमें नेपाल और अन्य देशों तक शराब की तस्करी होने लगी हैं। इसमें विधि व्यवस्था सम्भालने में पुलिस बल को इन अपराधियों से जूझना पड़ता है।

साथ ही इससे कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ता हैं।
साथ ही शराब की तस्करी के लिए अवैध वाहनों का इस्तेमाल किया जाने लगा,जिसका रेजिस्ट्रेशन नंबर,इंजन नंबर आदि फर्जी होने लगे। साथ ही पुलिस जब इन वाहनों को पकड़ लेती है,तो फिर अदालत में ही आना होता है।

शराब के अवैध कारोबार में छोटे उम्र के किशोरों को शामिल कर लिया जाता हैं।इससे अपराध और अपराधियों की संख्या और गम्भीरता बढ़ते जा रही हैं।

साथ ही जांच करने वाली एजेन्सी भी अपने कर्तव्य को सही ढंग से नहीं निभाती है।पुलिस शराब स्मग्लरों और गैंग ऑपरेट करने वालोंं के खिलाफ चार्ज शीट दायर नहीं करती।

वह ड्राइवर,क्लीनर,खलासी जैसे लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर देती है, जिनका इसमें कोई सीधी भागीदारी नहीं होती हैं।
जो इस मामले में दोषी अधिकारी है,उनके विरुद्ध सरकार सख्त कार्रवाई नहीं करती है।

पुलिस,ट्रांसपोर्ट,उत्पाद और अन्य सम्बंधित विभागों के दोषी और जिम्मेदार अधिकारियो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिये।

जहरीली शराब से भी बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होती है।इस पर भी सरकार को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।जो भी लोग इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार और दोषी हो,उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता है।

मद्यनिषेध और उत्पाद कानून से सम्बंधित मामलें बड़े पैमाने पर राज्य की अदालतों सुनवाई हेतु लंबित है।इससे अदालतों के सामान्य कामकाज को भी प्रभावित करता है।

जहानाबाद: निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई; 50 हजार घूस लेते सहायक अभियंता को किया गिरफ्तार

जहानाबाद । जिले से एक बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है कि निगरानी विभाग की टीम ने पुलिस भवन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अब्दुल करीम को ₹50000 घूस लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार ।

गौरतलब है कि जहानाबाद शहर के पुराने थाना परिसर में महिला थाना का नया भवन जो कि बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग की तरफ से बनाए जा रहा था । उसी भवन निर्माण में ढलाई का बिल पास करने के लिए सहायक अभियंता अब्दुल करीम के द्वारा ₹50000 की मांग ठेकेदार से की जा रही थी ।

जिसकी सूचना निगरानी विभाग को दी गई तो निगरानी विभाग की टीम ने अब्दुल करीम को ₹50000 घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गई है ।

पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों से सम्बंधित मामलों पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई कल तक टली

18 अक्टूबर 2022 । राज्य के पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों से सम्बंधित मामलों पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई कल तक टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।

पिछली सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल,2022 में इन मामलों के निष्पादन का दर शून्य था।लेकिन जब से कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई और निगरानी प्रारम्भ किया,जुलाई,2022 तक ऐसे 164 मामलों को निष्पादित किया जा चुका है।ये प्रगति काफी सकारात्मक है।

पूर्व की सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध 78 आपराधिक मामलों में 12 मामलों पर आरोप पत्र और 4 मामलों पर अंतिम प्रपत्र दायर किया जा चुका है।

उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया था कि 280 मामलों में कुल 481 गवाहों का परिक्षण किया जा चुका है | पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि वर्तमान व पूर्व एमपी और एमएलए के विरुद्ध कुल 598 आपराधिक मुकदमें लंबित है, जिसमें अधिकतर केस में अनुसंधान पूरा हो गया है।

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लगभग 78 आपराधिक मुकदमों में अनुसंधान लंबित है। इस मामले पर अगली सुनवाई 19अक्टूबर,2022, को होने की संभावना है।

IRCTC घोटाले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को राहत; कोर्ट ने जमानत बरकरार रखी

दिल्ली । IRCTC घोटाले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की जमानत कोर्ट ने बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि बेल कैंसिल नहीं कर रहे हैं। इसका कोई आधार नहीं है।

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साथ ही तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे।

बक्सर में शराबियों की गिरफ्तारी पर भड़के महादलित, थाने पर पहुंचकर किया बवाल

बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र से है जहां बीती रात महादलित बस्ती के लोगों ने थाने पर जमकर बवाल काटा । ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने उनकी बस्ती से 5 लोगों को शराब के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया है।

जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने थाने पर पहुंचकर बवाल काटा,जिसमें थाने की पुलिस जीप के शीशे को फोड़ दिया गया। लेकिन वही इस मामले में मुरार थाना के थाना प्रभारी का कहना है कि बस्ती के पांच लोगों को उत्पाद विभाग की टीम उठाकर ले गई है जिसकी सूचना थाने को भी नहीं थी।

रविकांत, थानाध्यक्ष, मुरार

सोमवार की देर रात स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बगैर चौगाई महादलित बस्ती में छापेमारी कर उत्पाद विभाग की टीम ने बस्ती से शराब के साथ 5 शराबी को शराब के साथ हिरासत मे ले लिया,पांचो को टीम ने गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई।

mrarthana

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की CBI कोर्ट में पेशी आज

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव IRCTC घोटाला में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होंगे। अभी तेजस्वी यादव जमानत पर चल रहे हैं।

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मांगा इस्तीफा। सीएम नीतीश कुमार से डिप्टी सीएम का मांगा इस्तीफा। कहा-नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचारियों से कुर्सी के लिए किया समझौता।

लोजपा मोकामा और गोपालगंज का उप-चुनाव नहीं लड़ेगी: चिराग पासवान

लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली में चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि लोजपा मोकामा और गोपालगंज का उप-चुनाव नहीं लड़ेगी।

समर्थन के सवाल पर चिराग ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि लोजपा का समर्थन किसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि वो शुरू से नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं इसलिए जिस गठबंधन में नीतीश कुमार की जेडीयू होगी, उस गठबंधन को लोजपा का समर्थन नहीं मिलेगा।

Chiragpaswan

चिराग ने इसी मौके पर गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया।

बंद पड़े मकान में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी का माहौल, सिवान के महादेवा ओपी क्षेत्र की घटना

सीवान में बंद पड़े एक मकान में अचानक भीषण आग लग गई। जिससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया। फ्रिज
फटने से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।

आग बुझाने पहुंची दमकल की गाड़ी पानी नहीं निकलने की वजह से फेल हो गई। हालांकि स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। महादेवा ओपी थाना क्षेत्र के नई बस्ती की घटना है।

बताया जा रहा है कि किराएदार अपना कमरा बंद कर ड्यूटी पर गया था। इसी दौरान शार्ट सर्किट की वजह से फ्रिज फट गई और मकान में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। स्थानीय लोगों ने जब मकान से धुआं निकलते देखा तो इसकी सूचना दमकल विभाग और थाने को दी। जिसके बाद मौके पर ओपी थाना की पुलिस और दमकल की गाड़ी पहुंची लेकिन दमकल की गाड़ी पानी नहीं निकलने की वजह से फेल हो गई।

स्थानीय लोगों के घंटो मस्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन कमरे में रखा कीमती सामान जलकर राख हो गया।हालांकि कितनी की छती हुई है यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

बिहार सरकार ने नगर निकाय में आरक्षण मामले में पुनर्विचार याचिका पटना हाईकोर्ट में दायर की

पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार नगर निकाय में आरक्षण मामले में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तिथि 19 अक्टूबर,2022 को की जाएगी। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर 29 सितम्बर,2022 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे कोर्ट ने 4 अक्टूबर,2022 फैसला सुनाया था।

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नगर निकायों के चुनाव स्थगित करना पड़ा था। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि प्रावधानों के अनुसार ओबीसी/इबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक राज्य सरकार 2010 मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच की अहर्ताएं पूरी नहीं कर लेती है।

गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10अक्टूबर,2022 से शुरू होने वाले थे,लेकिन पटना हाइकोर्ट के निर्णय के आलोक में इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करना पड़ा।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी/इबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफारिश के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकायों में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं।
साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीट के पचास फीसदी की सीमा को पार नहीं करें।

राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में ये पुनर्विचार याचिका दायर करते कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामलें में कई बिंदुओं पर तथ्य रखने के लिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की जाए।

मुंगेर में डेंगू विस्फोट

मुंगेर । मुंगेर में डेंगू विस्फोट। एक साथ मिले पचास नए डेंगू से संक्रमित मरीज। डेंगू से संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 134, 150 से अभी भी संदिग्ध।

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अस्पताल प्रशासन हाई अलर्ट पे। बनाए गए नए डेंगू वार्ड । डॉक्टरों की टीम की गई तैनाती ।

जहानाबाद सड़क दुर्घटना में एक बच्ची की मौत, परिवार में मचा कोहराम

जहानाबाद । जहानाबाद सड़क दुर्घटना में एक बच्ची की मौत । बताया जाता है कि बौरी गांव निवासी सुहानी कुमारी सोमवार के पढ़ने के लिए विद्यालय जा रही थी। तभी किसी अज्ञात मोटरसाइकिल ने इस बच्ची को जबरदस्त टक्कर मार दिया जिसके कारण इस बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।

इस घटना की सूचना आसपास के लोगों द्वारा मृतक के परिजन को दिया गया मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचकर इस घटना की सूचना स्थानीय थाने की पुलिस को दी गई । मौके पर पुलिस पहुंच कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल जहानाबाद भेज दिया है ।

बताया जाता है कि सोहानी कुमारी जिसका उम्र लगभग 7 वर्ष है जो बगल के ही विद्यालय में कक्षा दो में पढ़ा करती थी। लेकिन जैसे ही घर से निकला किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई । इस घटना के बाद उसके परिवार में कोहराम मच गया परिवार जनों के रोते-रोते बुरा हाल है ।

इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने थोड़ी देर के लिए सड़क भी जाम कर दिया लेकिन स्थानीय थाने के पुलिस लोगों को समझा-बुझाकर सड़क जाम को हटवाया। पुलिस का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति की पहचान की जा रही है और इसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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लोगों का कहना है कि तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण यह घटना घटी है।

राज्य के दिव्यांग स्कूलों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद की जाएगी

राज्य के दिव्यांग ( दृष्टिहीन,मूक व बधिरों के लिए) स्कूलों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद की जाएगी।राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है।

ये जनहित याचिका भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड स्थित गिरिजा शंकर दृष्टिहीन बालिका विद्यालय के दयनीय हालत के सम्बन्ध में दायर किया गया था।कोर्ट ने इस जनहित याचिका का दायरा बढ़ा कर राज्य के सभी दिव्यांग स्कूलों की अवस्था की सुनवाई के लिए कर दिया।

6जनवरी,2020 में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।उन्हें ये बताने को कहा गया कि क्या दिव्यांग छात्रों को प्रावधानों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।

इस मामलें पर 25 जुलाई,2022 को कोर्ट ने सुनवाई की थी।इसमें जो जवाब राज्य सरकार की ओर से दिया गया था, उसमें स्पष्ट था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद रिक्त पड़े हैं।

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जो स्वीकृत पद रिक्त पड़े थे,उन पर शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई थी।इन स्कूलों में या तो शिक्षक ही नहीं थे या एक या दो शिक्षक थे।दृष्टिहीन छात्रों के शिक्षा को बहुत हल्के ढंग से लिया गया।

कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और राज्य दिव्यांग आयोग को इन स्कूलों की स्थापना और स्कूलों में चल रही व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।

इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है और पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी काफी कमी है।इस मामलें पर अब दीपावली के अवकाश के सुनवाई की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के अपहरण के मामलें को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया

पटना हाईकोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर जिला के ब्रह्मपुरा थाना अंतर्गत राजन साह की 6 वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी के अपहरण के मामलें को जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने इस मामलें पर सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई और निर्देशक,सी एफ एस एल,नई दिल्ली को पार्टी बनाने का निर्देश दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान एसएसपी मुज़फ़्फ़रपुर जयंतकांत ऑनलाइन उपस्थित रहे थे।

अपहृता के वकील ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट को बताया कि एसएसपी,मुजफ्फरपुर द्वारा आज़तक सिर्फ कागजी कार्रवाई किया गया है। लगभग 3 महीना से सिर्फ पॉलीग्राफी टेस्ट का बहाना बना कर कोर्ट का समय बर्बाद किया जा रहा है।

पिछली सुनवाई मे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि एक ऑडियो रेकॉर्डिंग है ,जिसमे संदिग्ध राहुल कुमार की आवाज है।वह अपहृत खुशी के बारे में जानता है।

इस पर कोर्ट ने आदेश दिया था कि वह ऑडियो क्लिप एस एस पी को दिया जाए। एसएसपी ऑडियो की पुष्टि करके करवाई करें।लेकिन जो शपथ पत्र एसएसपी के द्वारा हाई कोर्ट में फ़ाइल किया गया है ,उसमे ऑडियो क्लिप का कोई जिक्र नही किया गया।

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कोर्ट ने पाया कि इस कांड का उद्भेदन अब एस एस पी, मुज़फ़्फ़रपुर द्वारा नही हो सकता है।कोर्ट ने यह भी आदेश दिया था कि 14.10.2022 तक सभी कागजात सीबीआई को मुहैया करवाई जाए।कोर्ट ने सीबीआई के वकील को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

यह मामला 16 फरवरी 2021 को 5 साल की खुशी का अपहरण से जुड़ा है। इसका सुराग आज तक नहीं मिला है। खुशी के पिता मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली से संतुष्ट नही थे, जिसके कारण खुशी के पिता राजन साह ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर किया था।ये याचिका अधिवक्ता ओमप्रकाश कुमार ने याचिकाकर्ता की ओर से दायर किया था। इसमे याचिकाकर्ता ने मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए बच्ची को जल्द से जल्द ढूंढ़वाने का आग्रह किया था।

छपरा सदर अस्पताल में नर्सों का आतंक, दो युवकों के साथ की मारपीट, वीडियो हो रहा वायरल

छपरा । छपरा सदर अस्पताल के ओपीडी में जीएनएम की नर्सों द्वारा दो युवकों की पिटायी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि नर्सों द्वारा कैसे दो युवकों की डंडे से पिटायी की जा रही है. वहीं दोनों युवक हाथ जोड़कर अपना बचाव करते हुए नर्सों से गुहार भी लगा रहे है. हालांकि बिहार न्यूज़ पोस्ट इस मामले में वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.

मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने आए थे अस्पताल

वायरल वीडियो के मामले में नर्स से मार कहा रहे दोनों युवकों का कहना है कि वो नौकरी के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिये अस्पताल आये थे. जहां विभाग में चिकित्सक के मौजूद नहीं होने पर उन्होंने वहां के कुव्यवस्था का वीडियो बनाना शुरू कर दिया. इसी बात से नाराज होकर नर्स द्वारा दोनों युवकों को बंद कर उनकी पिटाई कर दी.

बिहार पुलिस का अपराधियों के साथ रिश्ता क्या कहलाता है

राजनीति का अपराधीकरण पर खुब चर्चा होती है लेकिन आज हम आपको पुलिस का अपराधीकरण पर चर्चा करने जा रहे हैं और यह चर्चा इतनी गंभीर है कि आज यह मसला किसी नेता या मंत्री से जुड़ा रहता तो अभी तक इस्तीफा हो गया रहता ।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी से बात करने वाले उस फर्जी व्यक्ति के बारे में जिसने गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए डीजीपी को ही फोन नहीं किया मुख्यमंत्री को भी फोन किया था और जब मुख्यमंत्री सचिवालय को जब संदेह हुआ तो इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा करायी गयी और फिर पूरे मामले का खुलासा हुआ।

लेकिन सवाल यह है कि अभिषेक अग्रवाल जिसने एसएसपी गया को बचाने के लिए इस स्तर का फर्जीवाड़ा किया वो पहले भी देश का गृहमंत्री बन कर फर्जीवाड़ा करने के एक मामले में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार चुका है,इसी तरह के एक मामले में कोलकत्ता पुलिस इसको गिरफ्तार कर चुका है बिहार के आईपीएस अधिकारी सौरभ शाह के पिता से ठगी करने के मामले में भागलपुर में केस दर्ज है वहां की पुलिस इसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है ,चार्जशीटेड है किसी भी समय इसे सज मिल सकती है।

इतने बड़े अपराधी होने का बावजूद पुलिस मुख्यालय जहां आम जन को छोड़िए पत्रकार को भी जाने की अनुमति नहीं है ।
वहां इस व्यक्ति को डीजीपी की और से छूट मिली हुई थी कि पुलिस मुख्लालय के अंदर आने के लिए किसी भी तरह के परिचय पत्र लेने कि जरुरत नहीं है ।आप समझ सकते हैं देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति को इस तरह का छुट पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

इतना ही नहीं अभिषेक अग्रवाल के फेसबुक पेज को जब आप देखेंगे तो इसके व्यक्तिगत कार्यक्रम में बिहार के दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारी नियमित आते जाते रहे हैं क्या उन्हें पता नहीं था कि यह व्यक्ति देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में महीनों तेहाड़ जेल में बंद रहा है इसे क्या कहेंगे आप यह पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

6 जून 2022 को अभिषेक अग्रवाल के बेटे का जन्मदिन था इस अवसर पर पटना के एक बड़े होटल में जन्मदिन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के कई आईपीएस अधिकारी मस्ती करते हुए दिख रहे हैं,बिहार के डीजीपी के साथ कई ऐसी तस्वीरे हैं जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है।

31 मार्च 2022 को इन्होंने एक तस्वीर लगायी है जिसमें कई जिले के एसपी इसके साथ होटल में खाना खा रहा है एक आईपीएस अधिकारी जो महाराष्ट्र से पटना लौटता है उसके स्वागत में आईपीएस मेस में गुलदस्ता के साथ ये उपस्थित है क्या ऐसे सीनियर पुलिस अधिकारी को पता नहीं था कि इतने संगीन मामले में यह जेल जा चुका है और अगर नहीं पता था तो फिर ऐसे अधिकारियों के पुलिस में बने रहने का मतलब क्या है।

क्यों कि पुलिस एक ऐसी संस्था है जहां अधिकारियों का व्यक्तिगत चरित्र भी पूरे महकमा को प्रभावित करता है क्यों कि पुलिस राज्य के कानून का प्रमुख होता है जिसको कानून व्यवस्था बनाये रखने और कानून के राज को स्थापित करने की जिम्मेवारी होती है और वही जब अपराधियों से इस तरह गलबहियां करते दिखेंगे तो फिर क्या होगा कानून के राज का ।

इतनी तस्वीर आज किसी मंत्री और नेता के साथ इस तरह के गंभीर आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति के साथ होता तो अभी तक सरकारे हिल गयी होती राजनीतिक दल जगह जगह आन्दोलन शुरु कर दिया रहता है ऐसे में इन अधिकारियों पर कार्यवाही करने में सरकार कितना वक्त लगाती है सबकी नजर इस आ टिकी है।

जहानाबाद में दवा दुकान के गोदाम में लगी आग,लगभग 2 लाख का हुआ नुकसान

सोमवार की सुबह अचानक जहानाबाद शहर के बड़ी संगत इलाके में एक आग लगी की घटना हो गई । इसके बाद स्थानीय मोहल्ले वासियों ने तुरंत इसकी सूचना फायर ब्रिगेड टीम को दी तो फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंचकर आग को काबू करने में जुटी हुई है।

फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम और स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू भी पा लिया गया है। इस घटना के संबंध में गोदाम के मालिक मोहम्मद जलालुद्दीन ने बताया कि अचानक दवाई गोदाम में सुबह सुबह आग लग गई। जिसकी सूचना मोहल्ले वासियों ने हमें दी तो हम लोग मौके पर पाहुचे। आग लगी घटना में ₹200000 का नुकसान हुआ है ।

वही अगलगी की घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि शायद पटाखे की चिंगारी के वजह से ही आग लगी है। क्योंकि मोहल्ले वासी ऐसा बता रहे हैं कि पटाखे की आवाज के बाद ही आग लगी है।

पटना हाईकोर्ट ने FIR दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं होने पर राज्य सरकार को आश्रित परिवार को एक सप्ताह में पेंशन व अन्य राशि देने का आदेश दिया

पटना हाईकोर्ट ने एफआईआर दर्ज होने के चार वर्षो के बाद भी अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं होने पर पटना के एसएसपी ने कोर्ट में उपस्थित होकर कहा कि लापता व्यक्ति का पता नहीं लगाया जा सका है ।जस्टिस मोहित कुमार शाह ने सुनवाई सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह में पेंशन व अन्य राशि देने का आदेश दिया।

पटना के एसएसपी ने बताया कि सामान्य रूप से लापता व्यक्ति के मामलें में सात साल बाद मामला समाप्त कर रिपोर्ट दिया जाता है।लेकिन सरकारी कर्मचारी सेवकों के मामलें में एक साल तक व्यक्ति के लापता होने के मामलें में पुलिस रिपोर्ट दे देती है।उसके आधार पर उनके आश्रितों को पेंशन दिया जा सकता है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सावित्री देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के एसएसपी से स्पष्टीकरण मांगा है कि आख़िर 2018 में दायर प्राथमिकी में अब तक अंतिम रिपोर्ट दायर क्यों नहीं किया गया ?

याचिकाकर्ता सावित्री देवी के पति पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में सहायक निदेशक के पद से सेवानिवृत हुए थे।याचिकाकर्ता ने अपनी रिट याचिका दायर कर कोर्ट को बताया कि उनके पति को याददाश्त की समस्या थी। वे 20.12.18 को शनि मंदिर, भूतनाथ रोड (पटना) से लापता हो गए थे।

इसके मामलें में उनके पुत्र ने उसी दिन अगमकुआँ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी।लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो उनका कुछ पता चला और न तो पुलिस ने अनुसंधान के संदर्भ अंतिम रिपोर्ट दायर किया गया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अपूर्व हर्ष ने कोर्ट को बताया कि पुलिस के उदासीन रवैये से याचिकाकर्ता को उसके पति का पेन्शन चार साल तक नहीं मिल सका है।

Patnahighcourt

उन्होंने 24.02.1990 को राज्य सरकार द्वारा जारी एक अधिसूचना संदर्भ देते हुए कहा कि यदि संबंधित सरकारी पेंशनर के आश्रित परिवार द्वारा निकटवर्ती थाने में उसके लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई हो।

साथ ही पुलिस प्रतिवेदन से यह प्रमाणित होता हो कि सभी संभव प्रयास एवं खोजबीन के बावजूद उसके लापता होने की बात सही है, तो सर्वप्रथम सरकारी सेवक द्वारा पूर्व में दिए गए नामांकन पत्र के आधार पर उसके आश्रित परिवार को बकाए वेतन , भविष्य निधि आदि में का भुगतान तुरंत किया जाए।

इस पर कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना के एसएसपी को 17 अक्टूबर,2022 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया था।

इस मामले पर अगली सुनवाई पर अगली सुनवाई 3 नवंबर, 2022 को होगी ।

जहानाबाद में रिटायर्ड दारोगा से 7 लाख की लूट, सीसीटीवी फुटेज आया सामने

7 लाख की लूट का सीसीटीवी फुटेज आया सामने। दरअसल जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के बंधु गंज बाजार में रिटायर्ड दरोगा से सात लाख की लूट हो गई थी।

नइमा गांव निवासी गेंदी पासवान एकंगर सराय से बैंक से रुपया निकालकर अपने घर जा रहे थे। बंधु गंज बाजार में बस से उतर कर अपने घर जाने की तैयारी कर रहे थे । इस दौरान बाइक पर सवार होकर दो अपराधी आए और थैला लेकर फरार हो गया।

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अब सीसीटीवी सामने आने के बाद उम्मीद की जा रही है कि अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द से जल्द होगी।