आज भी मनहूस खबरों के साथ सुबह की शुरुआत हुई जी है नए साल पर जम्मू-कश्मीर में कटरा स्थित वैष्णो देवी मंदिर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। माता का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी थीं। इसी दौरान देर रात करीब 2:45 बजे भगदड़ मच गई। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई। 14 लोग जख्मी हैं जिनमें से 3 की हालत गंभीर है।
जहां तक मुझे याद है एक जनवरी को इस तरह की घटनाएं घटती रहती है और शाम होते होते इस तरह की और भी मनहूस खबरें आएंगी ही आयेंगी फिर भी हम लोग सीख लेने को तैयार नहीं है । अक्सर मेरे दिल में ख्याल आता है मैं मंदिर क्यों जाता हूं क्या सोच कर जाते हैं बहुत सारे ऐसे मंदिर हैं जहां पहुंचने के लिए काफी शारीरिक कष्ट भी उठना पड़ता है लेकिन याद करिए उस दौरान भी हम लोग अपने ईश्वर को किस तरीके से याद करते हैं 2019 का वाकिया आज भी मुझे याद है सुल्तानगंज से देवघर पैदल जा रहे थे इसी दौरान रास्ते में एक उर्म दराज महिला एक बच्ची को लेकर चल रही थी और रो रही थी अचानक मेरी नजर उस पर पड़ गयी मैं रुक कर बात किया तो पता चला वो अपने परिवार वालों से कल से ही बिछड़ी हुई है मेरा पास जो पैसा था वो भी खत्म हो गया सुबह से पोती कुछ खाई नहीं है मैं तुरंत पांच सौ रुपया निकाल कर दे दिया कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ कि वो झूठ बोल रही थी खैर हिन्दू धर्म स्थल पर कमोबेश हर जगह ऐसी ही स्थिति है ।
वैष्णव देवी यात्रा के दौरान कही भी वास रुम सही नहीं मिला आप जा ही नहीं सकते हैं चले गये तो बिमार पड़ना तय है आप समझ सकते हैं 14 किलोमीटर आपको पहाड़ पर चढ़ना है फिर भी सामान्य सुविधा भी उपलब्ध नहीं है । वही सिख धर्म से जुड़े धर्मस्थल पर जाये तो साफ सफाई के साथ साथ सेवा भाव क्या कहना है, हां छठ पर्व के दौरान इस तरह की बाते देखने को मिलती है आज देश की सियासत धर्म पर आधारित नैरेटिव पर चल रहा है बहुत ही माकूल समय है हिन्दू धर्म में व्याप्त पाखंड को खत्म करने का मेरे जैसे लोगों को इस तरह कहना सही नहीं है लेकिन हिन्दू धर्म और मंदिर को लेकर जो बातें देखने को मिलता है या फिर मेरा जो व्यक्तिगत अनुभव रहा है ये धर्म व्यक्ति में चरित्र , ईमानदारी और कर्तव्य के प्रति जिम्मेवार बना ही नहीं सकता सोचिए 2022 में हम लोग प्रवेश कर गये हैं कब तक सच से मुंह मोड़ते रहेंगे ।