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जनता के दरबार में सीएम पुलिस और भूमि विवाद मामले की हुई सुनवाई

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुये मुख्यमंत्री, 195 आवेदकों के मामलों की सुनवाई कर अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश ।

पटना, 06 सितम्बर 2021:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 195 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यकम‘‘ में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में हाजिर होकर लोगों की शिकायतें सुनीं। मुंगेर से आए एक फरियादी ने कहा कि अपराधियों के आतंक से वो परेशान हैं। आगे उन्होंने कहा कि हमने दुकान लूट करने वालों पर मामला दर्ज कराया तो बदमाशों ने दो बार गोली चला दी, मेरे बेटे को पीटा गया। सी0आई0डी0 में मामला चल रहा है। इस संदर्भ में हमने ए0डी0जी0 सी0आई0डी0 से गुहार लगायी तब जाकर जान बची। इस तरह कितना दिन काम चलेगा, हमें न्याय चाहिए। शिकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने आवेदक को पुलिस महानिदेाक के पास भेजा और कहा कि पूरे मामले को देखकर उचित कदम उठाया जाए।

वाल्मीकिनगर से आयी पीड़ित महिला ने जदयू के विधायक श्री रिंकू सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके पति की हत्या के मामले में स्थानीय विधायक श्री रिंकू सिंह को आरोपित किया गया था लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने पीड़ित महिला को डी0जी0पी0 के पास भेजकर जांच कराने को कहा।

भगवानपुर, बेगूसराय के श्री अरुण कुमार सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि गैरमजरुआ जमीन पर दबंगों ने अतिक्रमण कर सार्वजनिक कुआं को भर दिया और उस पर कब्जा कर लिया है। वहीं डिहरी, रोहतास के श्री कुमार महेंद्र प्रताप ने उनके निजी जमीन पर असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा करने के संबंध में शिकायत की। ािकायत सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने समुचित कार्रवाई करने का निर्देा दिया।

एक महिला मुखिया ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या कर दी गई, शिकायत करने के बाद भी थानेदार आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं। अभियुक्त की गिरफ्तारी भी हुई और 17 दिनों में बेल भी मिल गया। अब वह आरोपी लगातार धमकी दे रहा है। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह एवं डी0जी0पी0 को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीवान के सिसवां के श्री गौतम यादव ने पुलिस अधीक्षक और थाना प्रभारी के खिलाफ शिकायत करते हुए कहा कि हमारे द्वारा शराब विक्रेताओं के खिलाफ किए गए लिखित गोपनीय सूचना को व्हाट्सअप पर इनलोगों ने सार्वजनिक कर दी। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का आदेश दिया।

सुपौल से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री के सामने 51 ऐसे मामलों की सूची सौंपी जो भ्रष्टाचार से जुड़े हुए थे। फरियादी ने आरोप लगाया कि यह मामले उनका व्यक्तिगत नहीं है बल्कि जिले से संबंधित है। सुपौल जिले में जबरदस्त भ्रष्टाचार है। जिले के डी0एम0 भ्रष्टाचारों को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके खिलाफ कई तरह की शिकायतें एक साल से वह कर रहे हैं। मुख्य सचिव के सामने भी शिकायत की गई और मुख्यमंत्री कार्यालय में भी लेकिन डी0एम0 साहब के ऊपर कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। जिले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति से जुड़ी योजना में घोटाला किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं में भी जिले में जबरदस्त गड़बड़ी का आरोप फरियादी ने लगाया। इतना ही नहीं तालिमी मरकज घोटाले का भी आरोप डी0एम0 के ऊपर लगाया गया है। उस मामले में जांच कमिटी का गठन तो होता है लेकिन समाधान कुछ नहीं होता। मुख्यमंत्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने को कहा।

पूर्णिया के डगरुआ के श्री सोहैब आलम ने अपनी फरियाद में कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद मेरे दखल भूमि को अंचलाधिकारी द्वारा मेरे पड़ोसी द्वारा कब्जा किए जाने में बढ़ावा देते हैं। वहीं वैशाली की सहदेई बुजुर्ग की श्रीमती प्रियंका कुमारी न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद अब तक आरोपी को थाना द्वारा गिरफ्तार नहीं किए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को कार्रवाई करने को कहा।

कैमूर के भभुआ के श्री परमानंद केसरी ने शिकायत करते हुए कहा कि धार्मिक न्यास परिषद, पटना द्वारा भभुआ स्थित स्व0 कनीराम धर्मशाला को संचालित किया जा रहा है। इसमें अनेक अनियमिततायें बरती जा रही है। वहीं टेकारी, गया के श्री अमरजीत दास ने श्रीराम जानकी बेलवन ठाकुरबाड़ी की जमीन पर दबंगों द्वारा अवैध रुप से कब्जा किए जाने एवं जान से मारने की धमकी की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया।

पूर्वी चंपारण की सुश्री रुचि भारती ने शिकायत करते हुए कहा कि मेरे पिता जी जो कि दैनिक जागरण समाचार पत्र में पत्रकार हैं उनको तंग तबाह किए जाने की नीयत से फंसाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव राजस्व एवं भूमि सुधार श्री विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, संबंधित विभागों के प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। जातीय जनगणना को लेकर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर हमलोगों ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बातों को रख दिया है। इसके संबंध में सभी बातों को पहले ही मीडिया के सामने रख दी गई है। अब निर्णय लेना केंद्र सरकार का काम है। देश में अभी जनगणना की शुरुआत नहीं हुई है। देश के विभिन्न राज्यों से इसकी मांग उठ रही है। अभी कुछ भी सामने नहीं आया है, ऐसे में अभी इस पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मीडिया की खबरों में यह बात सामने आ रही है कि सभी राज्यों के लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं। ये देश के हित में है। इससे सभी को लाभ मिलेगा। जातीय जनगणना होने से समाज के वैसे वर्ग जिनको आगे बढ़ाने की जरुरत है के संबंध में जानकारी मिलेगी। हमलोग इसको लेकर हमेशा अपनी बातों को रखते रहे हैं। कुछ लोग जातीय जनगणना के खिलाफ में बोलते और लिखते रहते हैं लेकिन ऐसी बात नहीं है, यह समाज को बांटने के लिए नहीं बल्कि एकजुट करने के लिए जरुरी है।

किसान आंदोलन के संबंध में पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग पहले से इसको लेकर बोल रहे हैं। यह कुछ इलाकों की समस्या है। केंद्र सरकार ने किसानों से कई बार बात की है। बिहार सरकार ने किसानों के लिए काफी काम किया है। यहां प्रोक्योरमेंट काफी हो रहा है, इससे किसानों को फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसान आंदोलन को कोई चुनाव और राजनीति से जोड़ता है तो यह उनलोगों का काम है, इस बारे में हमंे कुछ भी नहीं कहना है। सभी का राजनीति करने का अपना-अपना तौर तरीका है। हम इसको राजनीतिक ष्टिकोण से नहीं देखते हैं। जनता की भलाई और राज्य के विकास को लेकर हमलोग काम करते हैं। बिहार में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है। बिहार में पहले काफी कम उत्पादकता थी, अब यहां की उत्पादकता बढ़ी है। इससे किसानों को लाभ हुआ है। हमलोग शुरु से ही षि रोडमैप बनाकर काम कर रहे हैं। हमलोग काम में विश्वास करते हैं, प्रचार-प्रसार में नहीं रहते हैं।

कोरोना काल में बेरोजगारी की समस्या बढ़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से पूरी दुनिया कोरोना से प्रभावित हुई है। कोरोना के कारण कई चीजों में रुकावट आने से स्वाभाविक रुप से आर्थिक स्थिति पर इसका प्रभाव पड़ा है। अभी सबसे जरुरी यह है कि कैसे हम जल्द से जल्द कोरोना से मुक्ति पायें। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर तेजी से काम किया है। बड़े पैमाने पर टीकाकरण का काम किया जा रहा है। बिहार में लगभग 4 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है। पिछले दिनों बिहार में एक ही दिन में 25 लाख लोगों को टीका लगाया गया है। राज्य में कोरोना की जांच भी काफी तादाद में की जा रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में भी कोरोना की जांच और टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। कोरोना से बचाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काफी खर्च कर रही है। इस पर राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया है। कोरोना से किसी की मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये की मदद शुरु से ही दी जा रही है। कोरोना से मुक्ति पाना अभी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। अभी ऐसा नहीं माना जा सकता है कि सब कुछ ठीक हो गया है। कोरोना से मुक्ति मिलते ही देश भर में विकास कार्यों में तेजी आयेगी। हमलोग लोगों की सुविधा के लिए विकास का काम लगातार कर रहे हैं। कोरोना के कारण कई प्रकार की बाधायें सामने आयी है। लोगों की मदद के लिए हमलोग जो कुछ भी कर सकते हैं वो कर रहे हैं। इसको लेकर अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है। जो भी जरूरी चीज है उसके लिये काम किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन का काम तेजी से हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कुछ कठिनाई होती है। सभी को इन सब चीजों को महसूस करना चाहिये।

अधिक वर्षापात और बाढ़ से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग ये बार-बार कह रहे हैं कि जो छोटी नदियां हैं उसको जोड़ेंगे तो पानी का बचाव होगा, आगे के लिये अच्छा होगा। जल संसाधन विभाग इसके लिये अध्ययन भी कर रहा है। इसको लेकर जो भी संभव है वह करेंगे। सितंबर माह में भी बाढ़ की संभावना बनी रहती है। इसको लेकर सचेत रहना है। आज से एक सप्ताह पहले बाढ़ से प्रभावित लोगों का जो आकलन किया गया था उसके अनुसार लगभग 57 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। सबके लिये राहत का काम हमलोग करवा रहे हैं। कहीं तो बहुत तेजी से पानी बढ़ा और फिर घटा है, लेकिन अभी कैसे कह सकते हैं कि पानी फिर से नहीं बढ़ेगा। सचेत तो रहना ही है।

बाढ़ से हुई क्षति का आकलन करने आई केंद्रीय टीम को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कहीं भी फ्लड होता है तो राज्य सरकार की तरफ से केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी जाती है। हमलोग तो अपनी तरफ से लोगों की मदद के लिए काम कर ही रहे हैं, लेकिन केन्द्र सरकार की टीम आकर देखेगी और देखकर लगेगा कि यहां मदद करनी चाहिये तो मदद करेगी। ये हर साल रिक्वेस्ट किया जाता है कि आकर देख लीजिये कि कितना ज्यादा इलाका प्रभावित हुआ है। सितंबर माह में भी परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि साउथ बिहार में भी अनेक जगहों पर नुकसान हुआ है। उन सब जगहों पर जो मदद मिलनी चाहिये उसके लिये निर्देश दिया गया है। अगर कहीं सूखे की स्थिति आयेगी तो उस पर नजर रखी जा रही है। जो सूखे से पीड़ित होंगे उनको भी हमलोग सहायता देंगे इसमें कोई शक नहीं है लेकिन अभी ऐसी कोई सूचना नहीं आई है।

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