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रामविलास पासवान के बरसी के सहारे चिराग ने नीतीश को दी खुली चुनौती बीजेपी के तमाम बड़े नेता हुआ शामिल

”तमाशबीन हूं मैं ”
सड़क के बीचों बीच एक पत्थर गिरा हुआ था उसी सड़क से समाज के अलग अलग वर्ग से जुड़े लोग जा रहे थे और सड़क के बीचों बीच पड़े पत्थर से चोट खा रहे थे। चोट खाने वालो की अलग अलग प्रतिक्रिया आ रही थी। इसी दौरान गांव का प्रधान मुखिया जी भी कही जाने के लिए घर से निकले उनको भी सड़क के बीचों बीच परा पत्थर से चोट लग गया, चोट लगने के बाद मुखिया जी आराम से उस पत्थर को उठाये और सड़क के किनारे रख दिये इस कहनी के सहारे यह संदेश दिया गया है जनप्रतिनिधि किस तरह के सोच वाले होते हैं ये हमारे शिक्षा उपयोग से जुड़ी कहानी के किताब में लिखा।
आजाद भारत में भी इस तरह का दौड़ कभी रहा है नेहरु के कैबिनेट में श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे ।किसी ने राजीव गांधी को कहां कि बाजपेयी सख्त बिमार हैं और इनको बाहर इलाज कराने की जरुरत है। राजीव गांधी ने तुरंत एक डेलिगेट अमेरिका बाजपेयी जी के नेतृत्व में भेजने का फैसला लिया ताकी बाजपेयी जी सरकारी पैसे से अमेरिका में इलाज करा सके ।
लेकिन भारतीय राजनीति का एक दौर ये भी है जहां विपक्ष का मतलब दुश्मन समझा जाता है, वैसे राजनीति में कब कौन दुश्मन दोस्त बन जाये कहना मुश्किल है फिर भी इत तरह कि शैली आज की राजनीति में बढ़ती जा रही है ।
रामविलास पासवान का कल पहली बरसी था नीतीश कुमार उस बरसी में शामिल नहीं हुए हलाकि नीतीश कुमार राजनीति में मतभेद रखने वाले मित्रों के साथ इस तरह का व्यवहार करते रहे हैं फिर भी इस हद तक नहीं
रामविलास पासवान कोई पहला व्यक्ति नहीं है नीतीश इस तरह का व्यवहार पहले भी करते रहे हैं जार्ज ,शरद दिग्विजय सिंह सहित दर्जनों ऐसे नेता थे जिनका नीतीश कुमार के निर्माण में बड़ी भूमिका रही फिर भी मतभेद हुआ तो रिश्ते मनभेद तक पहुंच गया।

ये नीतीश की शैली रही है जिससे मतभेद हुआ उसे मिटाने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं और खास बात यह है कि राजनीतिज्ञ होने के बावजूद भी उनकी मनभेद वाली शैली दिख जाती है।
खैर उनके इसी राजनैतिक जीवन में मनभेद होने के बावजूद भी ना चाहते हुए भी उनके सामने खड़ा है ऐसे कई नाम है सम्राट चौधरी,नीतीश मिश्रा ,श्रेयसी सिंह जो नीतीश के इक्छा के विपरीत मंत्री बने हुए हैं, विधायक बने हुए हैं ,
ऐसे में रामविलास पासवान के परिवार के साथ इस तरह का आचरण राजनीति से जुड़े पंडित देख कर हैरान है क्यों कि कई ऐसे मौके आये हैं जब मनभेद के बावजूद झुके भी हैं और दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और इस बार तो कई ऐसे नेता है जिसको देख कर नीतीश नजर हटा लेते हैं आज कल उन्हें पार्टी में शामिल करने के लिए पूरी ताकत लगाये हुए हैं ।
गांव का साधारण व्यक्ति जिसको राजनीति का कहकरा भी पता नहीं है वो भी जानता है कि पासवान किसके साथ खड़ा है ऐसे में नीतीश कुमार तीन चाह माह बाद बिहार के दो सीटों पर उपचुनाव होना है जिसमें जीत हासिल करना नीतीश के सरकार के लिए बेहद जरुरी है उसमें एक सीट कुशेश्वरस्थान जहां रामविलास पासवान का ननिहाल था और आज भी उनके परिवार के ही लोग जदयू से विधायक रहे हैं ऐसे में इस हद तक विरोध की वजह समझ से पड़े है।

हलाकि नीतीश कुमार की जो राजनैतिक शैली रही है हम साथ आपके जरुर हैं लेकिन कुछ फैसले ऐसे लेते रहे जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इनकी एक अलग पहचान बनी रही ।
एनडीए के साथ है वोट प्रणव दा को देगें यूपीए के साथ हैं वोट कोविंद को देगें इसी तरह से हिन्दू मुस्लिम राजनीति को लेकर कुछ विषय पर मजबूती के साथ खड़े रहते थे चाहे मोदी ही सामने क्योंं ना हो ।लेकिन इस बार फिजा बदली बदली सी नजर आ रही है। हिन्दू मुस्लिम मामले में भी नीतीश उस तरह से अब स्टैंड नहीं ले पा रहे हैं ।
देवीलाल को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर संदेश दे सकते हैं लेकिन उससे भी वो दूरी बना लिए और रामविलास पासवान के बरसी के मौके पर नीतीश के इक्छा के विपरित राज्यपाल के साथ साथ बीजेपी के कई मंत्री ,सांसद और विधायक शामिल हुए यहां तक कि सुशील मोदी भी पहुंच गये मतलब बिहार बीजेपी को अब पहले जैसे नीतीश के नराज होने से कोई परहेज नहीं है ।

तो ऐसे में क्या माना जाये नीतीश ने मान लिया है कि यह मेरी आखिरी पारी है क्या वो भी समझने लगें हैं कि 2010 और 2021 के नीतीश में बहुत बड़ा फर्क है अब वोट को लेकर उस तरह के गेम चेंजर नहीं रहे ।
ऐसे में सीधी पाली खेलते चलिए जातीय जनगणना के सहारे कुछ हासिल हो गया तो ठीक नहीं तो राजनीति से बाय बाय कर लेगें ।

पॉलिटेक्निक के छात्रों ने दायर किया याचिका

पटना हाई कोर्ट ने पॉलीटेक्निक के छात्रों को प्रोन्नत करने के मामले पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को संबंधित अधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन दाखिल देने को कहा है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मनोरंजन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

याचिकाकर्ता ने पॉलिटेक्निक के पहले, तीसरे, चौथे और पांचवे सेमेस्टर के लेटरल एंट्री के छात्रों को यू जी सी द्वारा जुलाई, 2021 में जारी किये गए आदेश के सन्दर्भ में अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत करने हेतु याचिक दायर किया था।
कोर्ट से झारखंड, यू पी, राजस्थान, हरियाणा और बिहार के अन्य यूनिवर्सिटी की तरह ही बगैर किसी परीक्षा लिए संशोधित एकेडेमिक कैलेंडर 2021- 22 और ए आई सी टी ई के अनुसार अगले सेमेस्टर में प्रमोट करने हेतु आदेश देने का अनुरोध किया है।

याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में छठे सेमेस्टर के लिए होम सेन्टर से फिजिकल परीक्षा लेने व् यू जी सी के गाइडलाइंस के अनुसार इसी तरह से बैक लॉग छात्रों के मामले में कार्रवाई करने हेतु निर्देश देने के लिए आग्रह किया है। याचिकाकर्ता को कोर्ट के आदेश की तिथि से चार सप्ताह के भीतर संबंधित अधिकारी के समक्ष अपने शिकायतों के निवारण के लिए अभ्यावेदन दाखिल करने को कहा गया है। संबंधित अधिकारी को आदेश की प्रति के साथ अभ्यावेदन मिलने पर प्राथमिकता देते हुए, दो महीने के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करते हुए इसे शीघ्रता से निष्पादित करने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया।

महापुरुषों को याद करने के सहारे आजकल चल रही है सियासत

‘ भुला दिया गया है’ भारत की राजनीति का अभिन्न थीम बन चुका है। इसके जवाब में ‘ याद किया जा रहा है’ का थीम हर जगह लाँच है। राजनीतिक दल को जनता भले न याद आए लेकिन ‘ भुला दिया गया है’ के भय से वे हर दिन किसी न किसी महापुरुष को याद करते रहते हैं। हर दूसरा फ़ालतू मंत्री सुबह सुबह किसी महापुरुष को याद करता है और फिर अगली सुबह किसी और को। उसका काम सारा उल्टा होता है। राजनीतिक कार्यकर्ताओं के पेज पर जाइये तो हर दिन हाथ जोड़े हुए किसी की जयंती मना रहे होते हैं। हुआ यह है कि राजनीति में इतने महापुरुषों की प्रेरणाएं मिक्स हो चुकी है कि इनसे प्रेरित राजनेता और कार्यकर्ता जनता से दूर हो चुका है। याद करना एक नया उद्योग बन गया है। तारीख़ याद कर लेना ही याद करना हो चुका है।

आज महान कवि सुब्रमण्य भारती की सौवीं वर्षगाँठ है। यहाँ दो दलों के पोस्टर एक दूसरे से होड़ कर रहे हैं। तमिल कोटे से कवि को याद किया जा रहा है। हर जाति हर धर्म और हर भाषा में राजनीतिक दल के लोग हैं और ये लोग इसी काम आते हैं। बाक़ी पोस्टर पर कवि की रचना तो होनी नहीं थी। रचना की दो पंक्तियों को भी जगह मिल सकती थी। कवि की आत्मा को भी लगता होगा कि कौन लोग आ गए हैं।

आपको नेतागीरी करनी है और ट्रोल करने के लिए गिरोह बनाना है तो मूर्ति स्मारक और जयंती पुण्यतिथि याद करना शुरू कर दें।

लेखक –रवीश कुमार पत्रकार

वायरल बुखार को लेकर पूरे राज्य में जारी हुआ अलर्ट सीएम का निर्देश इलाज को हो समूचित व्यवस्था

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई। मुख्यमंत्री ने कोरोना जांच, टीकाकरण एवं बच्चों में फैल रहे वायरल बुखार से बचाव को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बच्चों में वायरल बुखार से बचाव को लेकर उठाये जा रहे कदमों की जानकारी दी। साथ ही कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति, कोरोना जांच एवं वैक्सीनेशन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों एवं जिला अस्पतालों में वायरल बुखार से पीड़ित बच्चों एवं उनके उपचार के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में दवा की उपलब्धता पर्याप्त है। वायरल बुखार को लेकर विभाग पूरी तरह से एक्टिव है। उसकी सघन मॉनिटरिंग की जा रही है। वायरल बुखार को लेकर लोगों को घबराने की जरुरत नहीं है। श्री प्रत्यय अमृत ने बताया कि कोविड वैक्सीनेशन का काम शहरी क्षेत्रों में लगभग शत-प्रतिषत पूर्ण हो गया है। अगर कोई बचे हुये हैं तो उनका टीकाकरण भी जल्द से जल्द करा लिया जायेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में भी टीकाकरण कार्य तेजी से चल रहा है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जिनका टीकाकरण बचा हुआ है, उनका जल्द से जल्द टीकाकरण करायें। ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि खासकर मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वालों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर कोरोना जांच की व्यवस्था रखें। टीकाकरण कोरोना से बचाव का कारगर उपाय है। इसके साथ ही कोरोना की जांच भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें। इसे प्रतिदिन दो लाख तक ले जायें। लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है। माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। वायरल बुखार के लक्षणों पर भी नजर बनाये रखें। बच्चों के इलाज में किसी प्रकार की कोताही नहीं हो। अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कई निर्देश दिये हैं ।
सभी लोग मास्क का प्रयोग जरुर करें। यह कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ-साथ अन्य वायरल बीमारियों से बचाव में भी उपयोगी है।

    माइकिंग के माध्यम से प्रचार-प्रसार कर लोगों को सचेत एवं जागरुक करते रहें।
बच्चों में वायरल बुखार को लेकर अलर्ट और एक्टिव रहें। 
बच्चों के इलाज के लिये अस्पतालों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता रखें।
वायरल बुखार को लेकर विभाग द्वारा उठाये जा रहे कदमों के संबंध में मीडिया के माध्यम से लोगों को जानकारी दें।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष अभियान चलाकर टीकाकरण का कार्य तेजी से पूर्ण करें।
कोरोना जांच की संख्या और बढ़ायें और इसे प्रतिदिन दो लाख तक करें।
मुंबई, केरल और तमिलनाडू से आने वाले लोगों की कोरोना जांच अवश्य करायें। रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड पर बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखें। इन जगहों पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था रखें।

फिलहाल हाईकोर्ट फिजिकल नहीं चलेंगा दशहरा के बाद होगा निर्णय

पटना हाईकोर्ट दशहरा के अवकाश के बाद 20 अक्टूबर, 2021को कोरोना की स्थिति का जायजा लेगा।इसके बाद पटना हाईकोर्ट प्रशासन फिजिकल कोर्ट प्रारम्भ करने के सम्बन्ध में निर्णय लेगा।साथ ही यह भी निर्णय लिया जाएगा कि फिजिकल कोर्ट की कार्यवाही किस हद तक संभव होगा और किस प्रकार चलाया जा सकेगा।

पिछले वर्ष मार्च से कोर्ट में मुकद्दमों की सुनवाई वर्चुअल मोड़ पर की जा रही हैं।अधिवक्ता संघो ने पटना हाईकोर्ट प्रशासन से फिजिकल कोर्ट शुरू करने का अनुरोध किया।लेकिन करोना महामारी को देखते हुए हाई कोर्ट प्रशासन ने फिजिकल कोर्ट नहीं शुरू किया।

4 जनवरी,2021से पटना हाईकोर्ट में करोना के लिए जारी दिशानिर्देश व सुरक्षा नियमों के तहत हाइब्रिड कोर्ट शुरू किया गया।इसमें प्रथम पाली में फिजिकल कोर्ट के माध्यम से मामलों की सुनवाई होती थी और द्वितीय पाली में ऑनलाइन सुनवाई होती थी।

लेकिन मार्च,2021मे करोना महामारी के फिर से बढ़ने के कारण अप्रैल,2021 से फिर मामलों की ऑनलाइन सुनवाई शुरू हुई,जो अबतक चल रही हैं।

इस बीच वकीलों और अधिवक्ता संघो ने कई बार फिजिकल कोर्ट शुरू करने के चीफ जस्टिस से मांग की।इस करोना महामारी काल में वकीलों और उनके साथ जुड़े स्टाफ की स्थिति काफी खराब हो गई।उन्हें गहरे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा।बहुत सारे वकील अपने घर गांव चलें गए और उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
एक ओर कोर्ट बंद होने से उनके आय का स्रोत खत्म हो गया,वहीं सरकार और बार कौन्सिल के द्वारा भी बहुत प्रभावी आर्थिक मदद नहीं।दी गई।

तेजस्वी के दाव में पहली बार नीतीश हुए असहज रघुवंश सिंह और रामविलास पासवान की जंयती को राजकीय सम्मान घोषित करने की हुई मांग

बिहार में एक बार फिर सियासी घेराबंदी शुरु हो गयी है नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व० डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह जी एवं स्व० रामविलास पासवान जी की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित करने की माँग को लेकर माननीय मुख्यमंत्री, बिहार को पत्र लिखा।


बिहार की राजनीति में रघुवंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान की अपनी एक अलग पहचान भी है और समाजिक पकड़ भी है ऐसे में तेजस्वी ने जो मांग कि है अगर सरकार इसको मान लेती है तो इसका क्रेंडिट तेजस्वी को जायेंगा और नहीं मानता है तो तेजस्वी इसके सहारे बिहार की सियासत में एक अलग तरह की गोलबंदी करा सकता है ऐसे में तेजस्वी का यह पत्र बिहार के सियासत को नयी दिशा दे सकता है क्यों कि सार्वजनिक स्तर पर हर कोई जानता है कि रधुवंश सिंह औऱ रामविलास पासवान को लेकर नीतीश कभी सहज नहीं रहे हैं ऐसे में तेजस्वी का यह मांग बिहार की राजनीति में पहली बार नीतीश कुमार के परेशीन पैदा करता है ।

माननीय मुख्यमंत्री जी,
बिहार, पटना।

स्व० डॉक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह एवं स्व० रामविलास पासवान जी दोनों ही राज्य के महान विभूति होने के साथ-साथ प्रखर समाजवादी नेता थे। दोनों ही राजनेताओं ने अपने सामाजिक सरोकारों और सक्रिय राजनीतिक जीवन के माध्यम से बिहार राज्य की उल्लेखनीय सेवा की। दोनों बिहार के ऐसे सपूत रहे हैं जिनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से हम सभी बिहारवासी सदा ऋणी रहेंगे।
महोदय, आपको तो ज्ञात ही है निधन से कुछ दिन पूर्व स्व० डॉ रघुवंश बाबू ने आपको सम्बोधित पत्र के माध्यम से अपनी कुछ माँगे पूर्ण करने की इच्छा व्यक्त की थी। मुझे विश्वास है कि आप उन माँगों को पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठा रहे होंगे। रघुवंश बाबू की अंतिम इच्छाओं को सम्मान देते हुए उन्हें पूरा करना ही उनके प्रति हमलोगों की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इसी प्रकार स्व० रामविलास पासवान जी सामाजिक न्याय, समतावादी विकास और समाजवाद के प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन वंचितों उपेक्षितों के सामाजिक उत्थान, संघर्ष, रक्षा एवं विकास के लिए समर्पित किया। वो बिहार के विकास के लिए सदैव संघर्षरत रहे।
अतः मेरा आपसे विनम्र अनुरोध है कि कृपया स्व० रघुवंश बाबू एवं स्व० रामविलास पासवान जी की राज्य में आदमकद प्रतिमा स्थापित करते हुए उनकी जयंती अथवा पुण्यतिथि को राजकीय समारोह घोषित किया जाए। 
- (तेजस्वी प्रसाद यादव)

पंचायत चुनाव में पहली बार स्ट्रांग रूम में लगाया जायेंगा इलेक्ट्रॉनिक लॉक

पंचायत चुनाव की तैयारी जोड़ पकड़ने लगा और इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत आम चुनाव में तैनात प्रेक्षकों को निर्देश दिया है कि वह मतदान के सात दिन पहले मतदाताओं तक मतदाता पर्ची उपलब्ध करा दें। इससे मतदाताओं को जानकारी मिलेगी कि उनका संबंधित मतदान केंद्र कौन सा है।

सोन भवन चुनाव के दौरान जो प्रेक्षक नियुक्त हुए हैं उसका दो दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है । राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने प्रेक्षक को कहा कि पंचायत चुनाव को हर हाल में निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में संपन्न करना है। इसके लिए ईवीएम से मतदान होगा और साथ ही बायोमेट्रिक पद्धिति का उपयोग कर हर मतदाता की पहचान की जायेगी। इससे फर्जी मतदान पर पूरी तरह से रोक लगेगी।

उन्होंने कहा कि ईवीएम से मतदान होने पर मसल और मनी पावर पर रोक लगेंगा।
इस बार राज्य चुनाव आयोग एक नई व्यवस्था कर रही है। मतदान के बाद ईवीएम और बैलट बॉक्स रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम में इलेक्ट्रॉनिक लॉक लगाया जा रहा है। इस लॉक की विशेषता यह है कि जैसे ही इसे खोला जाएगा कि इससे संबंधित सभी पदाधिकारियों को स्ट्रांग रूम का ताला खोले जाने की जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं चुनाव आयोग को भी पता चल जाएगा कि स्ट्रांग रूम को खोला गया है जिसमें ताला खोलने की तारीख और समय की भी जानकारी मिल जाएगी। चुनाव में यह व्यवस्था पहली बार की गई है।

औरंगाबाद के डिस्ट्रिक्ट जज को हाईकोर्ट ने किया निलंबित

पटना हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी कर औरंगाबाद के वर्तमान जिला जज श्री कृष्णा मुरारी शरण को निलंबित कर दिया है| हाईकोर्ट ने उन्हें बिहार जुडिशियल सर्विस के रुल 6 सब रुल (1) के तहत उन्हें अपने पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है |

इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि श्री कृष्ण मुरारी शरण अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित होने के दौरान बिना पूर्व अनुमति के वे मुख्यालय से बाहर नहीं जा सकेंगे।लेकिन उनके निलंबन के दौरान निर्वाह भत्ता मिलता रहेगा। जॉंच जारी रहने या अगले आदेश तक उन्हें पटना सिविल कोर्ट में अटैच किया गया हैं।

इस आदेश की कॉपी औरंगाबाद के निलंबित।डिस्ट्रिक्ट जज कृष्ण मुरारी शरण को भेजी गई है।उन्हें कहा गया है कि वे अपने कार्य का प्रभार इस आदेश के मिलते ही वरिष्ठतम एडिशनल और सेशन्स जज को सौंप देंगे।इस आदेश की प्रति पटना के ज़िला जज को आवश्यक कार्र्वाई के लिए प्रेषित की गई है।

असंगठित क्षेत्र से जुड़े मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने खोला द्वार

श्रम कल्याण दिवस” से महाभियान चलाकर राज्य के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों का राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर कराया जायेगा निबंधन:

  • 31 दिसंम्बर 2021 तक राज्य के 3 करोड़ 49 लाख कामगारों के निबंधन का पूरा किया जायेगा लक्ष्य:
    श्री जिवेश कुमार, मंत्री श्रम संसाधन विभाग|

बिहार के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों को राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराये जाने हेतु राज्य में महाभियान चलाकर लक्ष्य को पुरा किया जायेगा| इस अभियान को “श्रम कल्याण दिवस” (दिनांक 17/09/2021) से शुरू किया जाएगा| दिनांक 31 दिसंम्बर 2021 तक 3 करोड़ 49 लाख कामगारों के निबंधित कर लिया जायेगा, जो राज्य के लिए भारत सरकार से निर्धारित लक्ष्य है| विभागीय मंत्री, श्री जिवेश कुमार ने उक्त बातें निर्धारित लक्ष्य के प्रप्ति हेतु विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक के दौरान कही|

  1. उन्होंने यह बताया कि केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक बेहतर पहल की है, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने इसकी शुरुआत दिनांक 26 अगस्त को किया है| जिसके तहत देश भर के लगभग 43.7 करोड़ असंगठित श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल (e-SHRAM Portal) से जोड़ा जायेगा| जिसका उदेश्य देश के सभी असंगठित क्षेत्र के कामगार तक सभी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ पहुंचना है|
  2. देश भर के असंगठित श्रमिक जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते है उनका पहचान पत्र और आधार कार्ड की तर्ज पर इनके कार्य के अनुसार रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है| जिससे इनके आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर क्रियान्वित की जा सके| साथ ही निबंधित श्रमिकों को 2 लाख रुपये का बीमा का लाभ भी दिया जा रहा है, जिससे श्रमिक की असामयिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को तात्कालिक आर्थिक सहायता दी जा सके|
    ई – श्रम पोर्टल की विशेषताओं को बताते हुए माननीय मंत्री ने कहा:-
    1) पोर्टल पर श्रमिक अपना रजिस्ट्रेशन खुद से या CSC पर जा करा सकते हैं।
    2) श्रमिक का जन्म तिथि, होम टाउन, मोबाइल नंबर और सामाजिक श्रेणी जैसे अन्य आवश्यक डिटेल भरने के अलावा, आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते का डिटेल का उपयोग करके रजिस्ट्रेशन किया जाता है|
    3) श्रमिकों को एक ई-श्रम कार्ड जारी किया जाता है जो 12 अंकों का विशिष्ट नंबर है।
    4) इसका उद्देश्य सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण करना है।
    5) ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से बिहार सरकार का लक्ष्य 3.49 करोड़ असंगठित श्रमिकों, जैसे: निर्माण मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कामगारों का रजिस्ट्रेशन करवाना है।
  3. बिहार राज्य में अद्यतन स्थिति के अनुसार बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में निबंधित लगभग 17 लाख कामगारों का पूर्ण विवरण को राष्ट्रीय ई पोर्टल में जोड़े जाने हेतु भेजा जा चुका है| साथ ही राज्य के अन्य योजनाओं से जुड़े लगभग 11 लाख कामगारों के डाटा को भी जोड़ा जा चुका है| इस ई पोर्टल से बिहार राज्य से 3 करोड़ 49 लाख कामगारों को जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो राज्य के आबादी का 30 प्रतिशत है, जिससे लगभग राज्य के सभी कामगार आच्छादित हो जायेंगे|
  4. श्रम संसाधन विभाग विभिन्न विभागों (आपदा / कृषि / पथ निर्माण/ भवन निर्माण आदि) से समन्वय स्थापित कर उनके यहां कार्यरत आधार आधारित पंजीकृत कामगारों का भी समायोजन इस ई पोर्टल पर करा रहा है, जिसमें विशेष रूप से मनरेगा के श्रमिक, जीविका दीदियों को जोड़ा जायेगा| साथ ही दिए गए लक्ष्य को जिलावार (जनसंख्या के अनुरूप) विभाजित कर इसे पूरा किया जायेगा| इससे संबधित पत्र सभी जिलों के जिलाधिकारी को अपर मुख्य सचिव स्तर से प्रेषित किया जा रहा है|
  5. सभी कार्य को (CSC) कॉमन सर्विस सेंटर के द्वारा कराया जायेगा जो प्रत्येक पंचायत में कार्यरत है, इसको पूरा करने हेतु भावी रूप रेखा तैयार की गयी है, जिसको लेकर अग्रेतर कारवाई की जा रही है| राज्य में स्टेट एडमिन बना दिया गया, जो जिलावार डाटा मूल्यांकन और अनुश्रवण करेंगे| साथ ही प्रगति हेतु जिला स्तर के पदाधिकारियों से प्रत्येक स्तर पर इसकी समीक्षा कर त्वरित गति से इसे 31 दिसम्बर 2021 तक पुरा किया जायेगा|

समीक्षा बैठक के दौरान, अपर मुख्य सचिव, श्रीमती वन्दना किनी, विशेष सचिव, श्री अलोक कुमार, श्रमायुक्त, सुश्री रंजिता, संयुक्त श्रमायुक्त, श्री अरविंद कुमार और श्री वीरेंद्र कुमार के साथ वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे|

स्वाइन फ्लू ने बिहार में दी दस्तक पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी

वायरल बुखार से अभी राज्य बाहर भी नहीं निकला है कि कोरोना से भी खतरनाक स्वाइन फ्लू के बिहार में आने की सूचना से पूरे स्वास्थ्य महगमा में हड़कंप मच गया है ।विभाग ने कल इसको लेकर एक आपात बैठक बुलाई है।विभाग के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि कोरोना ,वायरल बुखार और स्वाइन फ्लू के लक्षण में काफी समानता है इस वजह से जब तक मरीजों का टेस्ट नहीं होगा तब तक यह तय नहीं हो पायेंगा कि आखिरकार मरीज किस बिमारी से ग्रसित है ।कोरोना कि ही तरह स्वाइन फ्लू से संक्रमित मरीजों से काफी तेजी से संक्रमण फैलता है इसलिए डांक्टर भी स्वाइन फ्लू के आने से घबरा गये हैं ।
खबर ये आ रही है कि आज फुलवारी की बिरला कॉलोनी के अरविंद कुमार (58 वर्ष) की आज दोपहर इनफ्लूएंजा-A से मौत हो गई है। वहीं पारस हॉस्पिटल में दो मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। पारस हॉस्पिटल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आसिफ ने दो मरीजों में स्वाइन फ्लू के H1N1 वायरस की पुष्टि की है। वही खबर ये भी है कि पटना के एक निजी अस्पताल में भी इस बिमारी से संक्रमित कई और मरीजों का इलाज चल रहा है ।

इस बीच पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी का कहना है कि महामारी रोग को देखते हुए अधिकारी को अलर्ट कर दिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है। संक्रमण कहां से आया, इसकी पड़ताल की जा रही है। मृतक के बारे में भी जानकारी इकट्‌ठा कराया जा रहा है। सिविल सर्जन का कहना है कि मामला संज्ञान में आते ही जांच पड़ताल शुरु कर दी गई है।
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन फ्लू का संक्रमण वायरस के कारण होता है।
यह संक्रामक बीमारी एच-1 एन-1 वायरस से फैलता है।
स्वाइन फ्लू संक्रमित मरीज में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण दिखते हैं।
संक्रमित लोगों में नाक से पानी आना, नाक बंद हो जाना आम बात है।
गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर में तेज दर्द होता है।
संक्रमण में थकान, ठंड लगना, पेट दर्द और कभी-कभी दस्त उल्टी होना।
स्वाइन फ्लू से कैसे बचाव करें
डॉक्टरों का कहना है कि स्वाइन फ्लू के संक्रमण को लेकर लोगों को पूरी तरह से अलर्ट होना पड़ेगा। कोरोना की ही तरह मास्क का प्रयोग और साफ सफाई को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। इसमें खांसने, छींकने या छूने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है। इस कारण से स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों को अलग रखा जाना चाहिए।

पैसा बाटने के आरोप में एक बार फिर घिरे तेजस्वी

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमें तेज स्वी महिलाओं के बीच 500-500 रुपये के नोट बांटते हुए दिखाई दे रहे हैं। उनके इस वीडियो को जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।

जेडीयू एमएलसी ने राजद विधायक पर तंज कसते हुए कहा कि जाओ बबुआ अपनी पहचान बनाओ, आर्थिक लुटेरे होने का दाग मिटाओ।

वीडियो वायरल की खबर वायरल होते ही विपक्ष एक बार फिर तेजस्वी पर हमलावर हो गया है
नीरज कुमार ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिख कर
तेजस्वी यादव के गोपालगंज में पैसा बांटने और पँचायत आदर्श आचार संहिता के उलंघन मामले में संज्ञान लेने की मांग की।

वही मंत्री शाहनवाज हुसैन ने इस मसले पर कहाँ कि
पंचायत चुनाव को लेकर आचार संहिता लगा हुआ है।

जिनके पास पैसा है वह पैसा बांट रहे हैं
वैसे नताओं को मर्यादा का पालन करना चाहिए।।

इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा जैसी सुविधाएं रहेंगी मतदान केन्द्रों पर

पंचायत चुनाव 2021 के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो इसको लेकर कई सुधार किये है जिसमें पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्‍तेमाल हो रहा है। पहली बार ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसमें ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों का प्रयोग एक साथ हो रहा है। इस बीच आयोग ने हर मतदान केंद्र पर सेल्‍फी प्‍वाइंट बनाने की बात कही है। आयोग ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव में किए जा रहे सभी नए प्रयोगों को शत प्रतिशत सफल बनाये ।

लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव कि तरह पंचायत चुनाव को उत्सवी माहौल में कराने के लिए हर बूथ पर सेल्फी प्वाइंट बनाया जाए। आयोग के इस पहल से पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करने वाले युवा मतदाता सेल्फी प्वाइंट तस्वीर लेकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर करने में सहूलियत होगी।

मतदाताओं मैं जागरूकता फैलाये
आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में उत्सवी महौल बनाया जाए जिसमें दीवार लेखन, वीडियो के माध्यम से मतदाताओं का जागरूकता जैसे कार्य सुनिश्चित किए जाएं। आयोग के आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों का नामांकन पत्रों का शत प्रतिशत डिजिटलाइज कर अपलोड किया जाए। हर बूथ पर मतदान के दिन बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी हर हाल में बनी रहे।

हर बूथ पर दो महिला कर्मियों की तैनाती का निर्देश
मतदान के दिन हर बूथ पर कम से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती की जाए वही 11 चरणों में चुनाव होने कि वजह से चुनाव कार्य में लगे कर्मी थके नहीं इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला के निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि चुनाव में एक कर्मचारी की अधिकतम चार बार ड्यूटी लगाई जाएगी। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है

नालंदा ,विक्रमशिला और ऑक्सफोर्ड ऑफ द इस्ट देने वाला बिहार शिक्षा के क्षेत्र में आज कही नहीं है

”तमाशबीन हूं मैं
नालंदा विश्वविधालय ,विक्रमशिला विश्वविद्यालय और आधुनिक भारत की बात करे तो पटना विश्वविधालय
देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और कभी इस विश्वविधालय को ऑक्सफोर्ड ऑफ द इस्ट कहा जाता था।
लेकिन कल राष्टीय स्तर पर उच्च शिक्षा पर नजर रखने वाली संस्थान ने देश के विश्वविधालय की जो रैंकिंग जारी किया है उस रैंकिंग में बिहार कही नहीं है ।

वो भी इस स्थिति में जब बिहार के अभिभावक का सबसे बड़ा निवेश बच्चों के शिक्षा पर ही हो रहा है ,इतना ही नहीं राज्य सरकार भी पढ़ाई करने वाले बच्चों को भोजन ,वस्त्र और स्कूल जाने में दिक्कत ना हो इसके लिए साइकिल तक दे रही है ।
10वीं की परीक्षा में फस्ट आने पर राज्य सरकार पैसा देती है टांप करने पर ढ़ेर सारी सुविधाए सरकार दे रही है और ये सारी सुविधाये राज्य सरकार ग्रेजुएशन तक मुहैया करती है इतना ही नहीं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने से लेकर परीक्षा देने जाने तक के लिए राज्य सरकार खर्च वहन कर रही है।

लेकिन पिछले 10 वर्षो के दौरान बिहार बोर्ड से पढ़े बच्चे जो टाँप किये हैं इसकी पड़ताल जब शुरु किये तो हैरान रह गये बहुत मुश्किल से पांच दस को ढ़ूढ पाये जो बेहतर कर रहा है, जबकि इसी बिहार में 90 के दशक तक गांव के स्कूल का टाँपर भी सरकारी नौकरी सीमित होने के बावजूद कुछ ना कुछ बेहतर जरुर करता था।
मेरे बैंंच का टाँपर डीएसपी बना ,मेरे बैंच के बाद दो चार बैंच नीचे और तीन चार सीनियर बैंच के बारे में जो जानकारी है सारे टांपर कही ना कही उच्च पद पर कार्यरत हैं ।

जहां तक मैंने जो जानकारी इकट्ठा किया है आज नवोदय विधालय नहीं होता तो बिहार में पले बढ़े और सरकारी स्कूल से पढ़ा हुआ छात्र यूपीएससी ,आईआईटी और मेडिकल कांलेज में ढ़ूढने से नहीं मिलता यू कहिए तो नवोदय विधालय बिहार का लाज बचा कर रखा है।

क्या आपको लगता नहीं है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर नये सिरे से सोचने कि जरुरत है पिछले 15 वर्षो में बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे प्रयोग किये हैं चाणक्य लाँ विश्वविधालय जैसे कई नये संस्थान राज्य सरकार द्वारा खोला गया लेकिन वो भी आज गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में सफल नहीं है ।

कल ही एक लड़की नौकरी के लिए मुझसे मिलने आयी थी पटना कांलेज से पत्रकारिता से ग्रेजुएशन कि है मैंने उसे कहां तुम अपने गांव से पटना तक के सफर में एक लड़की के रुप में क्या परेशानी हुई उस पर एक रिपोर्ट लिख कर दिखाओं।
नहीं लिख पायी इसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान सासाराम से पटना लौट रहे थे तो एक गांव में चुनावी चर्चा करने बैठ गये बातचीत चल ही रही थी उसी दौरान जिसके दरवाजे पर बैठ कर चर्चा कर रहे थे उस घर की पुतहू गेट के अंदर से ही बोली सर मुझे भी कुछ कहना है मैं हैरान रह गया और फिर वो जो बोली कह नहीं सकते सर मैं ग्रेजुएशन तक पढ़ी हूं मेरा मां पिता जी इसलिए पढ़ाएं की हमारी बेटी नौकरी करेगी हुआ क्या पांच वर्ष तक सरकारी नौकरी की वैकेंसी ही नहीं आयी ।
मेरी शादी हुई जमीन जायदाद वाले हैं लोग है हमारे ससुर पढ़ी लिखी पुतहू चाहते थे इसलिए यहां मेरी शादी हो गयी हाल क्या है सुबह मेरी सास मवेशी का चारा काटती है ,धान रोपनी कर लेती है ,मवेशी के लिए घास काट कर ले आती है ,खेत में निकौनी तक कर लेती है और मैं चुपचाप देखती रहती हूं और इस वजह से रोजोना घर में विवाद होता है और मैं चाह करके भी पांच वर्ष में खेती का काम नहीं सीख पायी।

जीविका से जुड़े 800 रुपया मिलता है सरी जी आज बिहार की लड़कियां कही कि नहीं रही ना पति मिला, ना ससुराल मिला सब कुछ अधकचरा रह गया खाना भी ठीक से नहीं बना पाते हैं नीतीश जी को कहिएगा रोजगार पैदा नहीं कर सकते तो लड़कियों को पढ़ाना बंद कर दे हलाकि मैं इनकी बातो से सहमत नहीं था लेकिन बातचीत के दौरान उसके सवालों को लेकर कई बार मैं खुद निरुत्तर हो जाता था ।

इस स्थिति में आपको लगता नहीं है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नये सिरे से सोचने कि जरुरत है क्यों कि हमारा समाज अभी भी खेतिहर है और शिक्षा का मतलब सरकारी नौकरी मात्र से हैं ऐसे में सरकार पर सरकारी नौकरी देने को लेकर दबाव है और इस वजह से हर परीक्षा में पैसे का खेल चलता है ।

बीजेपी विधायक के पुत्र को केन्द्र सरकार के वकील के तौर पर नियुक्त किये जाने को लेकर विरोध शुरु

पटना हाई कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा आशीष सिन्हा को केंद्रीय सरकार का पक्ष रखने के लिए वकील नियुक्त किये जाने को चुनौती दी गयी है। अधिवक्ता दिनेश कुमार ने याचिका दायर कर आशीष सिन्हा की नियुक्ति को चुनौती दी हैं।गौरतलब है कि आशीष सिन्हा भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा के पुत्र हैं। याचिकाकर्ता ने उनकी नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा विगत 21 जनवरी, 2021 को दिए गए आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा है कि इस तरह नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट से परामर्श लेने का प्रावधान हैं।

पटना हाई कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड नहीं होने के बाद् भी इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार के वकील के रूप में की गई है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल किसी को भी कही से वकील नियुक्त करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इस नियुक्ति से पक्षपात की बू आती है क्योंकि आशीष सिन्हा भाजपा विधायक के लड़के हैं ।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के वकील के तौर पर श्री सिन्हा की नियुक्ति मनमाने ढंग से हुई है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में कहा है कि क्या केंद्र सरकार जब केंद्र सरकार के लिए वकील समेत किसी विधि पदाधिकारी की नियुक्ति करती है, तो गाइडलाइंस का पालन करती है ?

जेल से जुड़े कर्मी के सेवा शर्त को लेकर पटना हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

पटना हाईकोर्ट में राज्य के विभिन्न जेलों में कार्यरत अपर डिवीजन क्लर्क, लोअर डिवीजन क्लर्क व हेड क्लर्क से उनके कार्यों, ड्यूटी व जिम्मेदारियों जैसी सेवा के मामलों में अधिकारियों के कथित मनमाना रवैया पर एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका बिहार स्टेट प्रिजनस नॉन ग़ज़िटेड एम्प्लाइज एसोसिएशन व अन्य द्वारा दायर की गई है।

इस याचिका में उक्त कर्मियों के भविष्य के प्रोन्नति के रास्ते का भी जिक्र किया गया है। इस याचिका में इन कर्मियों के ड्यूटी, जिम्मेदारियों और कार्यों को विशेष रूप से पारदर्शी करते हुए उनसे काम लेने हेतु निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

इस याचिका में कहा गया कि क्लर्क का काम वास्तव में कार्यालय में होता है, लेकिन जेल अधीक्षक द्वारा क्लर्क से अन्य कार्य ,जैसे बंदी का रिलीज करना, सिक्योरिटी का काम करवाना व नाईट पेट्रोलिंग आदि करवाया जाता है।

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि इन कर्मियों से वैसे ही काम लिये जाए, जो राज्य सरकार व विभाग द्वारा नियमानुसार कराए जाने का प्रावधान है।याचिका के जरिये बिहार के जेलों में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट या असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद का सृजन करने की मांग भी की गई है, ताकि राज्य के जेलों में कार्यरत क्लर्क समेत लोअर डिवीजन क्लर्क, अप्पर डिवीजन क्लर्क व हेड क्लर्क को प्रोन्नति का एक और मौका मिल सके।

याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2008 के पहले राज्य के जेलों में कार्य कर रहे क्लर्क के लिए कोई सर्विस रूल्स नहीं था। पुनः 2008 के नियम को 2016 में तब्दील किया गया और अभी 2016 लागू है।
इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई किये जाने की उम्मीद है।

बिहार जदयू संगठन में आँपरेशन आरसीपी शुरु अनिल कुमार और चंदन सिंह पर गिरी गाज

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से आसीपी सिंह के हटने के बाद बिहार जदयू संगठन के अंदर ऑपरेशन आरसीपी की आज शुरुआत हो गयी ।ललन सिंह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आज पहली बार JDU के तमाम प्रकोष्ठ के प्रभारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें आरसीपी के करीबी माने जाने वाले जदयू राष्ट्रीय प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और चंदन सिंह को जिम्मेवारी मुक्त कर दिया है।

प्रदेश मुख्यालय प्रभारी के तौर पर काम कर रहे अनिल कुमार और चंदन सिंह की जगह अब प्रदेश मुख्यालय का जिम्मा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन कुमार आर्य, महासचिव मृत्युंजय कुमार, वासुदेव कुशवाहा और मनीष कुमार को दी गई है।

ललन सिंह ने जदयू के जिला अध्यक्ष को और अधिकारी प्रदान किया है अब जिले के अंदर काम करने वाले सभी प्रकोष्ट के सभी पदाधिकारी जिला अध्यक्ष के अंदर होगे , साथ ही संगठन में जनता दल यूनाइटेड के अंदर बड़ा बदलाव किया गया है। अब हर जिले में दो-दो प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है जिन्हें संगठन को मजबूत और धार दार बनाने कि जिम्मेदारी दी गयी है ।18 जिलों के लिए 36 पार्टी के पूर्व विधायक और पदाधिकारी को जिले का कमान दिया गया है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर नियु्कत किया प्रेक्षक

राज्य निर्वाचन आयोग ने एडीएम, उप सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के 170 प्रेक्षकों की तैनाती की है। ये अधिकारी बिहार राज्य खाद्य निगम, श्रम संसाधन विभाग, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, समाज कल्याण विभाग, भू-अर्जन निदेशालय, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, ऊर्जा विभाग, योजना पर्षद, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार लोक सेवा आयोग, आपदा प्रबंधन विभाग, पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित निगम, बिहार राज्य चिकित्सा सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड, परिवहन विभाग,भवन निर्माण विभाग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, सामान्य प्रशासन विभाग, जीविका में पदस्थापित हैं।

आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को प्रेक्षकों की सूची भेज दी है। हालांकि प्रेक्षक के पद पर जिन अधिकारियों की तैनाती हुई है, उन्हें किस जिले में जाना है। अभी इसकी सूची प्रशासन को नहीं मिली है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद प्रेक्षकों को जिलावार सूची भी जारी कर दी जाएगी।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल

आज हम आपको बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखा रहे हैं और उन तस्वीरों के सहारे कोरोना के तीसरी लहर से लड़ने को लेकर जो दावे किये जा रहे हैं उसकी सच्चाई से आप रुबरु हो सकते हैं ।

पहली तस्वीर राज्य में फैले वायरल बुखार से जुड़ी है खबर यह है कि शहर से लेकर गांव तक में बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित है पीड़ित बच्चों में पांच से आठ प्रतिशत बच्चें ऐसे हैं जिनको अस्पताल की जरुरत है हाल यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच,आईजीएमएस.एनएमसीएच और एम्स जहां कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए विशेष तौर पर पीकू व नीकू अस्पताल तैयार किया गया था वहां एक भी बेड खाली नहीं है ।

अस्पताल के बाहर गलियारे में इलाज के अभाव में बच्चा तरप रहा है ।वही कोरोना वाला हाल माँ के गंधे पर बीमार बच्चा और बाप के हाथ में आँक्सीजन का सिलेंडर ।बेड की जगह बाथरुम के गेट पर बच्चों को गोद में लिए मां हैरान परेशान मरीज के परिजनों को निहार रही है और अपने पति से बार बार कह रही है कुछ कीजिए ना बाबू बहुत रो रहा है ।

पति परेशान है अस्पताल में ना डां है ना बेड है और ना ही दवा है,करे तो करे क्या हर आने जाने वालों को टकटकी निगाह से देख रहा है कही किसी रास्ते से फरिस्ता की तरह कोई डाँ आये और उसके बच्चे को बचा ले ।ये हाल राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का है जिला और अनुमंडल अस्पताल की तो बात ही छोड़ दे ।

दूसरी तस्वीर सिवान सदर अस्पताल की है जहां एक व्यक्ति की लाश 15 घंटे तक फर्श पर पड़ी रही और वार्ड में कुत्ते घूमते रहे, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

तीसरी तस्वीर जीएमसीएच बेतिया की है जहां चोरों ने आईसीयू में घुसकर मरीज को लगा आक्सीजन मॉनिटर चुरा लिया। मरीज के परिजनों के टोकने पर चोर ने खुद को अस्पताल का कर्मचारी बताया। खराब होने व बदलने के नाम पर मॉनिटर चुराकर ले गया। जल्दबाजी में मॉनिटर खोलने के दौरान चोर ने ऑक्सीजन पाइप भी नोंच दिया थोड़ी देर बाद मरीज की स्थिति जब बिगड़ने लगी तो परिचन भागे भागे नर्स रुम में गयी वहां नर्स मौजूद नहीं थी हल्ला हंगामा शुरु हुआ तो कही से एक नर्स पहुंची और फिर किसी तरह आंक्सीजन का पाइप लगायी ये मेडिकल कांलेज का हाल है ।

इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टीम को अस्पताल का दौरा करने के लिए भेजा गया है उन्हें रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है कई विशेषज्ञों से बातचीत में पता चला है कि वायरल फीवर है और सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दिया गया है पूरे मामले पर मैं खुद नजर रख रहा हूं और लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं

संभार–संतोष सिंह के वाल से

बाढ़ को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई मैराथन बैठक

राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय,
प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश

मुख्य बिन्दु :-
1. बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें।

2. कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

3. तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें।

4. पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

5. जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो।

6. जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो।

7. हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।

पटना 08 सितम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक की वर्षापात की स्थिति और आने वाले दिनों के वर्षा पूर्वानुमान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं अल्पवृष्टि को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण- 1 जुलाई से 7 जुलाई, तृतीय चरण- 8 अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। मुख्यमंत्री द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं बाढ़ राहत शिविरों में शरणार्थियों से मिलकर राहत कार्यों का जायजा लिया गया। इससे पीड़ितों का काफी मनोबल बढ़ा। अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477.32 करोड़ रुपये ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि का वितरण किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों में जी0आर0 का वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।

समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती एन0 विजयलक्ष्मी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ के दौरान अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जी0आर0 वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षापात होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। हमने हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि वे अपने जिलों के पूरे क्षेत्रों का ठीक से जायजा ले सकें। प्रभावित लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराया गया। हमने राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यों एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें। उन्होंने कहा कि पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो। हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भविष्य के लिये सचेत रहते हुये पूरी तैयारी रखें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार,पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री श्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश मिश्रा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी जिलां के प्रभारी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के आई0जी0/डी0आई0जी0, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

हनुमान मंदिर की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर की सुरक्षा व संरक्षण तथा वहाँ जलाशय पर किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि चूँकि राजस्व सचिव ने कमेटी का गठन कर दिया है, इसलिए राजस्व सचिव इस मामले पर हलफनामा दायर करें।

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था। पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर के की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।

पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था। उसके बाद अपर जिलाधिकारी ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए आवश्यक आदेश पारित किया।

पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जलाशय की घेराबन्दी करने को भी कहा ,ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया कि इस आदेश के अनुपालन में हलफनामा दायर करने को कहा गया था, लेकिन आज को कोई हलफनामा दायर नहीं किया जा सका।

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई आगे भी की जाएगी।