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नीतीश कुमार चुनाव जीतने के लिए साड़ी और शराब बटवा रहे हैं –तेजस्वी

कुशेश्वर स्थान विभानसभा सीट पर कब्जा के लिए जदयू और राजद दोनों अपनी पूरी ताकत झौक को दिया है वही इस बार राजद प्रशासनिक हेराफेरी को लेकर कुछ ज्यादा ही संचेत है और यही वजह है कि कल से राजद लगातार चुनाव आयोग में अधिकारियों और मंत्री के खिलाफ शिकायत कर रहा है ।

आज एक बार फिर नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव थोड़ी देर पहले बिहार विधानसभा उपचुनाव के संदर्भ में मीडिया के सहारे कई सवाल खड़े करते हुए तेजस्वी सीधे सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोल दिया है ,तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाया है कि वो शराब और साड़ी बटवा रहे हैं उनके कई मंत्री अभी भी चुनाव क्षेत्र में डटे हुए हैं और छठ पर्व के बहाने गाड़ियों से नोट और साड़ी बाट रहा है, मेरी पार्टी चुनाव आयोग से इसकी शिकायत करने जा रही है, डीएसपी दिलीप कुमार झा के हटाये जाने से हमारी बात सही साबित हुई है अगर 30 तारीख को गड़बड़ी की कोशिश की गई तो हम हेलीकॉप्टर से कुशेश्वर स्थान पहुंच जाएंगे इनकी बेईमानी किसी भी स्थिति में चलने नहीं देगे मतलब साफ है राजद खेमा मान रही है कि तारापुर सीट पर जीत पक्की है लेकिन कुशेश्वर स्थान को लेकर कुछ पेच अभी भी फंसा हुआ है खास करके राजद जिस मुसहर जाति के उम्मीदवार को उतरा है उसके वोट को लेकर राजद खेमा में अभी भी संशय बना हुआ है कि और यही वजह है कि तेजस्वी बार बार सरकार और नीतीश कुमार पर हमलावर हो रहे हैं ताकि वहां के यादव वोटर आक्रमक हो और मुसहर को लगे कि राजद उसके साथ पूरी तौर पर खड़ा है।

जिस सीट को लेकर दोनों पार्टी अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया है उस सीट के गणित को जरा आप भी समझ लीजिए ,तारापुर में स्थिति लगभग स्पष्ट हो गया है यहां विशेष कुछ करने की गुनजाइस नहीं बची है ,लेकिन कुशेश्वर स्थान में अभी भी बहुत कुछ बची हुई है इसलिए दोनों दलों के तरकश में जीतने भी तरह के तीर मौजूद है सबका प्रयोग कल शाम पांच तक होना तय है।

इस बार कुशेश्वर स्थान का चुनाव कई मायने में महत्वपूर्ण है लक्ष्मीनिया का साख दाव पर है हो भी क्यों नहीं किसी ने भरोसा जताया है यह कह कर कि मैं आपको राजनीतिक भागीदारी दे रहा हूं। अब देखना यह है कि इस भागीदारी वाली शब्दावली का कितना प्रभाव पड़ता है ।जी है हम बात कर रहे हैं कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव का जहां आजादी के बाद से ही यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है फिर भी बिहार के सबसे पिछड़े प्रखंड और इलाकों में एक कुशेश्वर स्थान है जहां दलितों में सबसे बड़ी आबादी मुसहरों की है ।

आजादी के 74 वर्ष बाद भी सबसे गरीब ,निरक्षर और भूमिहीन दलितों में इसकी आज भी गिनती होती है ,आज भी मुसहर जाति में दो चार गांव में एक दो मैट्रिक पास मिल जाये तो बड़ी बात होगी,किसी जमाने में कालाजार बीमारी का सबसे बड़ा केंद्र कुशेश्वर स्थान ही हुआ करता था और इस बीमारी के कारण हजारों मुसहर असमय दुनिया से चला गया ।

हालांकि अब वो स्थिति नहीं है लेकिन बाढ़ की वजह से देश का सबसे बड़ा मेहनतकश आबादीअभी भी भूखे सोने को मजबूर है हालांकि अब इस इलाके से भी बड़ी संख्या में मुसहर जाति के लोग बाहर कमाने जा रहे हैं लेकिन हुनर के मामले में अभी भी यह समाज खेती और मिट्टी कटाई के साथ साथ समान ढ़ोने जैसे काम से बाहर नहीं निकल पाया है ।

बात अगर राजनीतिक समझ कि करे तो पंचायत चुनाव के दौरान जो आरक्षण दिया गया है उसका लाभ दिख रहा है ,इस समाज से जुड़े कई लोग मुखिया ,पंचायत समिति सदस्य ,वार्ड सदस्य और सरपंच बना है नीतीश सरकार के महादलित योजना की वजह से कुछ लड़को को नौकरी भी मिली है ।फिर भी बहुत पिछड़ापन है इसकी वजह यह है कि आज भी यह पूरी तौर पर भूमिहीन जाति है कहां यह जाता है कि उस इलाके के जो जमींदार थे ये उनको बाहर से खेती का काम करने के लिए लाये थे क्यों कि उस इलाके की गिनती किसी जमाने में सिल्क रूट की तरह होती थी यहां से मछली ,मखाना और मकई पूरे देश में जाता था और इस काम में मुसहर जाति के लोग काफी निपुण माने जाते थे और यही वजह थी कि जिस इलाके में मुसहर रहते थे उस इलाके को लक्ष्मी का इलाका कह कर पुकारा जाता था ।

आज भी हर गांव में आपको लक्ष्मीनिया टोला मिल जायेंगा और जब आप उस टोलो में जायेंगे तो शत प्रतिशत आबादी मुसहर का मिलेगा हालांकि मध्य बिहार की तरह यहां का मुसहर शराब बनाने का धंधा नहीं करता है लेकिन नशा करने में कम नहीं है शाम होते होते पूरा परिवार मस्त हो जाता है ,दिन में भी लोग मिल जायेंगे नशे में । तेजस्वी जो चिंता जता रहे हैं कि वोटिंग धीमा कराया जा सकता है प्रशासन के द्वारा वजह वो नहीं है वजह यह है कि घर घर शराब पहुंच गया तो फिर वोट छोड़ कर दिन भर ये लोग पूरा परिवार शराब पीने में ही रह जाएगा।

हालांकि पहली बार राजद का चुनाव चिन्ह लालटेन इस इलाके से चुनाव लड़ रहा है इसलिए यादव काफी उत्साहित है और यह माना जा रहा है कि इस लक्षमिनिया वोटर को मतदान केन्द्रों तक पहुंचाने में यादव अपना सब कुछ दाव पर लगा देगा, लेकिन इसके विपरीत एक और तथ्य है इस इलाके में कुर्मी (धानुक)जाति के लोग भी बहुत है जिनके साथ मुसहर की बड़ी आबादी गांव में साथ साथ रह रहे हैं ।

पंचायत चुनाव की वजह से इन इलाकों के मुसहर में बड़ा डिवीजन देखा जा रहा है अगर ये डिवीजन वोटिंग तक नहीं रहा तो इन इलाकों में पिलाओ ,खिलाओ और सुलाओ वाले फॉर्मूले पर काम शुरु हो जायेंगा और इसकी जबरदस्त तैयारी भी है वैसे कल सुबह आठ बजे के बाद तस्वीर साफ हो जायेंगी कौन सा खेला चल रहा है ।

वैसे कांग्रेस के डटे रहने के कारण राजद को थोड़ी परेशानी जरुर हो रही है क्यों कि अशोक राम के परिवार के लिए यह चुनाव राजनीतिक भविष्य से जुड़ा है और इसका प्रभाव दिख भी रहा है लड़ाई में नहीं रहने के बावजूद अशोक राम की पूरी टीम मैदान में डटी हुई है और राजद के लिए एक खतरा यह भी है देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तय है चुनाव बड़ा दिलचस्प होगा और कल शाम पांच बजे के बाद ही कहां जा सकता है कि कुशेश्वर स्थान का ताज किसके सिर पर सजेगा ।

लालू प्रसाद पर सुशील मोदी का बड़ा हमला कहां अब कौन सा राज लाना चाहते हैं

लालू राज में 50 साल पीछे रह गया बिहार, लोग नहीं भूले इतिहास

  • सुशील कुमार मोदी
  • हर गांव में बिजली पहुंचने का वर्तमान एनडीए सरकार की देन
  1. राजद ने मतदान से पहले ही हार मान ली। हताशा में वे भाजपा के वैश्य विधायकों की फोटो वाले पर्चे पर राजद का प्रचार करने की धोखाखड़ी पर उतर आये हैं।
    अाज वे अफसरों पर पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं, हारने पर ईवीएम पर सवाल उठायेंगे।
    लालू प्रसाद पहले ही बता दें कि उन्हें ईवीएम पर भरोसा है या नहीं।
  2. राजद नेता इतिहास भुलाने की बात कर रहे हैं परंतु जनता यह इतिहास नहीं भुला सकती कि लालू-राबड़ी के तेल पिलावन लाठी वाले राज ने बिहार को 50 साल पीछे धकेल दिया था।
    इतिहास से सबक लेकर ही लोगों उन्हें सत्ता से बाहर किया और एनडीए सरकार ने विकास को पटरी पर लाया।
  3. बिहार का जर्जर सड़क के दौर से फोरलेन सड़कों पर आना, चरवाहा विद्यालय से ऊपर उठकर उच्च शिक्षा के नए-नए संस्थान खुलना और लालटेन युग से बाहर हर गांव तक बिजली पहुँचाने वाला उज्जवल वर्तमान भी लालू प्रसाद को नहीं दिख रहा है।
    यह रोशन और विकासशील बिहार एनडीए सरकार की देन।

हाईकोर्ट से फर्जी जमानत का मामला आया सामने हाईकोर्ट ने जांच का दिया आदेश

पटना हाई कोर्ट में प्रथम दृष्टया फर्जी तरीके से जमानत लेने का एक मामला सामने आया । सारण के नयागांव थाने में दर्ज शराबबंदी मामले का अभियुक्त, बिमलेश राय उर्फ रोहित ने ,उक्त कांड के सिलसिले में अक्टूबर 2020 में हाई कोर्ट में एक अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था । उस याचिका पर बकायदा पिछले साल का ही एक केस नम्वर भी पड़ा ।

कोरोना के कारण मामला कई दिनों तक लम्बित रहा और सुनवाई नही हो पाई । इस बीच अभियुक्त ने पहली याचिका को वापस लिए बगैर ही , हाई कोर्ट में दूसरी अग्रिम जमानत याचिका 2021 में दायर किया जो उसी नयागावँ थाना कांड संख्या के सिलसिले में था।

पहली ज़मानत अर्ज़ी की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हैरानी जताते हुए कोर्ट को बताया कि उसके मुवक्किल ने बिना उन्हें जानकारी दिए हुए दूसरी बार अग्रिम जमानत अर्ज़ी डाला है, जिसमे उसे गत 29 सितम्बर को हाई कोर्ट से ही अग्रिम जमानत भी मिल गयी है।

जब दूसरे मामले का कम्प्यूटर पर केस विवरणी देखा गया ,तो हाई कोर्ट के ऑफिस में इस बात को कहा गया है कि एक ही कांड संख्या में इस आरोपी के नाम से पहले भी अग्रिम जमानत अर्जी दायर है ,जो सुनवाई हेतु लंबित है।
इससे स्पष्ट पता चला कि दूसरी याचिका के शपथ पत्र में पहली याचिका की जानकारी नही है। तथ्य को छुपा कर कोर्ट से जमानत ली गयी है।

जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामले को प्रथम दृष्टया हाई कोर्ट के साथ फर्जीवाड़ा मानते हुए महानिबंधक कार्यालय को जांच का आदेश दिया । साथ ही दोनो याचिकाओं की फाइलों को जांच रिपोर्ट के साथ चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है । इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवम्बर को होगी ।

पौराणिक स्थल स्थल सिमरिया घाट के विकास पर खर्च होंगे 12 करोड़ रुपए। स्वच्छ गंगा निधि से मिलेगी राशि…उपमुख्यमंत्री

बेगूसराय जिला अंतर्गत सिमरिया घाट के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए तकरीबन 12 करोड़ खर्च किए जाएंगे। उक्त आशय की जानकारी देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पटना के सौजन्य से तैयार किए गए प्रस्तावित डी.पी.आर. पर एन.एम.सी.जी. की कार्यकारिणी समिति ने विचारोपरान्त महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डीपीआर के कुल परियोजना लाग 11 करोड़ 92 लाख रुपए की राशि से सिमरिया घाट के विकास हेतु एंबेंकमेंट प्रोटेक्शन, टॉयलेट, चेंजिंग रूम, डस्टबिन, हाई मास्ट लाइट, शवदाहगृह का संस्थापन किया जाएगा। हाई मास्ट लाइट के अनुरक्षण कार्य शहरी निकाय द्वारा किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि घाट पर वेंडिंग जोन एवं दुकानें, घाट तक 850 मीटर का पहुंच पथ के साथ-साथ इको-फ्रेंडली लैंडस्केप एवं वृक्षारोपण के कार्य भी घाट और आसपास के क्षेत्रों में किए जाएंगे। प्रस्तावित परियोजना लागत राशि में संबंधित एजेंसी द्वारा 12 महीने का संचालन एवं अनुरक्षण कार्य भी शामिल है।

उन्होंने बताया कि सिमरिया सिमरिया घाट को आकर्षक एवं रमणीक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, ताकि इस ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल पर आने वाले पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को सुविधा हो। उन्होंने कहा कि घाट पर पानी की गहराई एवं खतरे के निशान, प्रवेश द्वार, निर्गम द्वार, वॉसरूम इत्यादि मूलभूत सुविधाओं को इंगित करती जानकारी के साथ एनएमसीजी लोगो (Logo) युक्त व्यवस्थित साइनेज भी प्रत्येक घाटों के उपयुक्त स्थानों पर संस्थापित किए जाएंगे। घाट पर तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के व्यवस्थित प्रबंध सुनिश्चित होंगे।

उन्होंने कहा कि सिमरिया सुप्रसिद्ध राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्म धरती रही है एवं एक माह तक यहां श्रद्धालु कल्पवास करते हैं। इस दौरान सुप्रसिद्ध कल्पवास मेला का भी वर्षों से आयोजन होता रहा है। एन.एम.सी.जी. की कार्यकारिणी समिति की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय में रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं, कविताओं तथा कल्पवास से संबंधित संस्कृत के श्लोकों को उद्धृत करती शिलापट्टिकाएँ भी घाट के उपयुक्त स्थानों पर संस्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि सिमरिया घाट पर इन तमाम मूलभूत सुविधाओं का निर्माण हो जाने से यह स्थल सैलानियों एवं धर्मावलंबियों के लिए प्रमुख आस्था एवं आकर्षण का केंद्र बनेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नमामि गंगे परियोजना और स्वच्छ गंगा विकास मिशन के माध्यम से नदियों की निर्मलता एवं अविरलता को बनाए रखने की दिशा में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने सिमरिया घाट के विकास एवं सौंदर्यीकरण हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह एवं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत के उत्कृष्ट प्रयास एवं पहल के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

बाहुबली विधायक अनंत सिंह को हाईकोर्ट से लगा झटका ,नहीं मिली जमानत

बाढ़ में एके -47 राइफल एवम विस्फोटक सामग्री रखने के आरोप में जेल में बंद मोकामा विधायक अनंत सिंह की जमानत अर्जी पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है । जस्टिस अंजनी कुमार शरण ने विधायक की ओर से दूसरी बार दायर हुई ज़मानत अर्ज़ी को खारिज़ करने का आदेश दिया ।

याचिकाकर्ता के वकील अजय कुमार ठाकुर ने विधायक की बीमारी व उससे सम्बन्धित मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए जमानत देने की गुहार लगायी ।

वहीं राज्य सरकार की ओर से इस मामले के विशेष सहायक लोक अभियोजक अजय कुमार मिश्रा ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि निचली अदालत में गवाही पूरी हो चुकी है और आरोपी को अपने बचाव में कहने के लिए अदालत बार बार बुला रही है, लेकिन आरोपी ,अपनी बीमारी का हवाला देते हुए एक शब्द नही बोल रहे ।

दंड प्रक्रिया संहिता की दफा 313 के तहत आरोपी से उसका बचाव में सुनवाई करने कानूनन ज़रूरी है ।
आरोपी विधायक इस कानूनी प्रक्रिया के पालन में कोर्ट से सहयोग नही कर रहे हैं । पिछले बार ज़मानत अर्ज़ी खारिज करते वक्त हाई कोर्ट ने 9 महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था ।

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के दलीलों के आलोक में विधायक की जमानत अर्ज़ी खारिज कर दिया । विदित हो कि आर्म्स एक्ट एवम विस्फोटक निषिद्ध कानून के मामले में मोकामा विधायक दो साल से अधिक जेल में हैं।

दिसंबर तक सूबे के सभी लोगों को लगेगा टीका का पहला डोज

दिसंबर तक सूबे में सभी लोगों को लगेगा
कोरोना टीका का पहला डोजः मंगल पांडेय
संक्रमण से बचाव को लेकर त्योहार एवं अन्य कार्यक्रमों में सावधानी बरतने पर जोर
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि भारत सरकार सूबे में दोनों डोज के शत-प्रतिशत टीकाकरण को लेकर गंभीर है।

साथ ही इमरजेंसी कोविड रिसपोंस पैकेज (इसीआरपी) के तहत केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त राशि भी आवंटित की जा रही है। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के मंत्रियों की समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और सुदृढ़ीकरण सहित टीकाकरण को लेकर विभिन्न पहलुआें पर चर्चा हुई।

श्री पांडेय ने कहा कि समीक्षा बैठक में कोरोना की संभावित अगली लहर को देखते हुए पिछले साल की तरह राज्यों को सतर्क रहने को कहा गया है। आने वाले त्योहार एवं वैवाहिक कार्यक्रमों के अलावे अन्य समारोहों सहित धार्मिक स्थलों, शॉपिंग मॉल और बाजारों में सावधानी बरतने पर भी विशेष जोर दिया जाय, ताकि लोग संक्रमण से बच सकें।

साथ ही बैठक में दिसंबर तक कोरोना टीका का पहला डोज का सौ फीसदी पूर्ण करने और दूसरा डोज का प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा डोर-टू-डोर दूसरे डोज से वंचित लोगों का सर्वे किया जा रहा है। बिहार में पहला डोज से छूटे और दूसरा डोज नहीं लेने वालों के लिए मतदाता सूची के आधार पर सर्वे का काम पूर्व से चल रहा है।

समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विशेष मेगा अभियान चला कोरोना टीकाकरण की संख्या भी बढ़ायी जा रही है।
श्री पांडेय ने कहा कि इमरजेंसी कोविड रिसपोंस पैकेज (इसीआरपी) फेज-2 के तहत बिहार को करीब साढ़े 13 सौ करोड़ रुपये मिलना है। इस मद में से राज्य स्वास्थ्य समिति को लगभग 860 करोड़ रुपये मिल चुका है। इसीआरपी फेज-2 स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ-साथ पीडियाट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पर केंद्रित होगा।

इसके अलावे प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत इस वर्ष इस 1116 करोड़ रूपये की योजना स्वीकृत हुई है। 2025 तक बिहार को 62 सौ करोड़ रुपये मिलना है। इस राशि का उपयोग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए डायग्नॉस्टिक सेवाओं को विकसित करने एवं प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का शहरी क्षेत्र में विकेंद्रीकृत करने में किया जायेगा। प्रत्येक 15 हजार शहरी आबादी पर एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित होगा।

श्री पांडेय ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदत राशि से शहरी क्षेत्रों के अलावे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर किया जायेगा। उप स्वास्थ्य केंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए नये भवनों का निर्माण उन जगहों पर किया जायेगा, जहां मौजूदा भवन उपलब्ध नहीं है।

साथ ही इस राशि को प्रखंड जन स्वास्थ्य इकाइयों के माध्यम से रोगों की निगरानी और जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला को प्रखंड स्तर पर विकसित करने के अलावे इस राशि को स्वास्थ्य उपकेंद्रों और अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डायग्नॉस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में लगाया जायेगा।

हाईकोर्ट ने हार्ईवे निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई पर लगायी रोक

पटना हाई कोर्ट ने नारायणपुर – मनहारी- पूर्णिया हाईवे के निर्माण के दौरान पेड़ों की कटाई को रोकने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल किसी भी पेड़ की कटाई पर रोक लगा दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता शाश्वत की याचिक पर सुनवाई करते हुए एन एच ए आई को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से हाईवे निर्माण में पेड़ की कटाई करने के बजाए पेड़ को हटाकर दूसरे स्थान पर लगाने को लेकर सहमति प्रदान कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने इस मामले में विकास व निर्माण के दौरान पेड़ो की कटाई पर रोक को लेकर 26 जुलाई, 19 को राज्य सरकार के पर्यावरण, वन व मौसम विभाग द्वारा जारी कार्यालय आदेश का भी जानकारी कोर्ट को दिया है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये संबंधित विभागों से विस्तृत योजना रिपोर्ट , क्लेरेन्स सर्टिफिकेट, योजना पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर रिपोर्ट उपलब्ध करवाने को लेकर भी अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या, पेड़ों की उम्र, इसका पर्यावरण के लिए महत्व व पेड़ो की कटाई से आसपास के पशु- पक्षियों पर पड़ने वाले प्रभाव के आकलन करने को लेकर विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाने का भी मांग की हैं।

याचिका में इस प्रकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट व पटना हाई कोर्ट द्वारा पूर्व में दिये गए आदेशो का भी जिक्र किया गया है। याचिका में राज्य सरकार, नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, राज्य सरकार के परिवहन विभाग, राज्य के पर्यावरण, वन व मौसम मंत्रालय, बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड व बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पार्टी बनाया गया है।
इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी।

बिहार की राजनीतिक मिजाज जिस दिशा की और बढ़ चला है आने वाले समय में वह मांडल देश के लिए नजीर साबित हो सकता है ।

हालांकि बिहार विधानसभा उपचुनाव दो सीटों पर ही हो रही है लेकिन जिस तरीके से बिहार की राजनीति बदल रही है ऐसे में आने वाले समय में बिहार राजनीति के क्षेत्र में देश के सामने एक नजीर पेश कर दे कोई बड़ी बात नहीं होगी।

इस बार दो जगह पर उपचुनाव हो रहा है दोनों इलाकों का मिजाज अलग अलग है एक अंग प्रदेश से जुड़ा हुआ इलाका है तारापुर और दूसरा मिथिलांचल से जुड़ा हुआ इलाका है कुशेश्वर स्थान दोनों के मिजाज में भी बहुत बड़ा फर्क है लेकिन दोनों विधानसभा क्षेत्र में एक खास तरह की राजनीति चल रही है ।

बात पहले कुशेश्वर स्थान की करते हैं यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है 1995 से अभी तक इस सीट से राजद चुनाव नहीं लड़ा है यह इलाका पहले सिंघिया विधानसभा क्षेत्र में आता था और 2008 के परिसीमन के बाद यह कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र हो गया । बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन था और यहां से कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक राम चुनाव लड़ते रहे हैं ऐसे में माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस के खाते में ही जायेगा लेकिन राजद यहां कुछ अलग प्रयोग करना चाहता था।इसलिए राजद कांग्रेस से इस सीट को लेकर बातचीत भी नहीं किया और सीधे उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दिया।

राजद का कहना था कि गणेश भारती मुसहर जाति से आते हैं और कुशेश्वर स्थान विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक वोटर होने के बावजूद भी आज तक मुसहर जाति को कभी प्रतिनिधित्व नहीं मिला है इसलिए पार्टी ने गणेश भारती को टिकट देना का फैसला लिया है ।लेकिन इस फैसले के पीछे की सोच पर आप गौर करेंगे तो पता चलेगा कि जिस राजनीति के सहारे नीतीश कुमार 2005 से बिहार में राज कर रहे हैं अब उसी राजनीति को राजद आगे बढ़ा रहा है ।

जी है जो काम नीतीश कुमार जहानाबाद ,बेगूसराय जैसे सवर्ण बाहुल्य लोकसभा क्षेत्रों का सामाजिक और जातीय समीकरण बदल कर किये थे ठीक वही काम अब राजद कर रहा है। उस दौर में सवर्ण के सामने लालू के चेहरा था चाह कर के भी वो राजद के साथ नहीं जा सकता था इस मानसिकता का नीतीश कुमार ने लाभ उठाया और एक अलग तरह की राजनीति की शुरुआत बिहार में हुई।

राजद कुशेश्वर स्थान में नीतीश कुमार की उसी राजनीति तो एक कदम आगे बढ़ाया है यादव और मुसलमान साथ है ही बस मुसहर का वोट साथ ले आयेंगे तो चुनाव जीत जायेंगे ।नीतीश इस जातिये गठबंधन को रोकने के लिए जीतन राम मांझी सहित मुसहर जाति से जुड़े नेताओं को वहां कैंप तक करवा दिया, साथ ही बाढ़ और अन्य योजनाओं का जो लाभ नहीं मिला था वो रातो रात मुसहर जाति के घर पहुंच गया फिर भी बहुसंख्यक वोट राजद के साथ खड़ा दिख रहा है।और कही सवर्ण चुप हो गया तो यह सीट भी जदयू कही हार जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी

अब बात तारापुर विधानसभा की करते हैं यहां 1990 से कोयरी विधायक बन रहा है इस इलाके की दूसरी जाति यादव के गुंडई की वजह से राजद से जुड़ नहीं पा रहा था और इस वजह से राजद यहां से लगातार चुनाव हार रहा था। लेकिन इस बार राजद बनिया को टिकट दे दिया है ताकी बनिया ,मुसलमान और यादव का एक नया गठजोड़ बन जाये जिसका काट चुनाव प्रचार के खत्म होने के बावजूद एनडीए नहीं निकाल पाया है, जबकि बनिया ट्रेडिशनल भाजपा और एनडीए का वोटर रहा है ।

राजद के इस चुनावी गणित को तोड़ने के लिए एनडीए से जुड़े राज्य के सभी बनिया नेता को पूरे चुनाव के दौरान तारापुर में कैंप करवा दिया , संजय जायसवाल और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद गांव गांव में सभा किये इसके बावजूद बात नहीं बनी तो अंतिम दिन सुशील मोदी भी मैदान में उतर आये फिर भी बनिया वोटर राजद के साथ खड़ा है ।

इन सबके बावजूद जदयू प्रत्याशी का हालत पतला इसलिए है कि इन क्षेत्रों के जो सवर्ण मतदाता है पूरी कोशिश के बावजूद एनडीए के साथ नहीं जुड़े पाये हैं ऐसे में यह सीट जदयू हार जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी ।राजनीतिक दल भले ही जाति का यह प्रयोग चुनाव जीतने के लिए कर रहा है लेकिन इसका प्रभाव कितनी दूर तलक पड़ा है इसको महसूस करना है तो आप गांव में जायें तो पता चलेगा कि किस तरह गांव की पूरी सामाजिक ताना बाना टूट चुकी है ।एक नया बिहार का उदय हो रहा है इसका एहसास आपको होगा ।

जी है याद करिए 1990 से पहले बिहार में कैसे चुनाव होता था और 1990 के बाद जब से मंडल का दौर आया किस तरीके से बिहार की राजनीति पूरी तौर पर बदल गयी ,और पिछड़ा राजनीति का ऐसा ध्रुवीकरण करण हुआ कि सवर्ण राजनीति हाशिए पर चली गयी और बिहार में मुख्यमंत्री और मंत्री की कुर्सी से लेकर गांव के चौपाल तक में एक नये शासक वर्ग का उदय हुआ जिसका नेतृत्व यादव कोयरी, कुर्मी और पासवान के हाथों में था ।

नीतीश कुमार इस राजनीति को और नीचे ले रहे पिछड़ा अति पिछड़ा में बट गया दलित महादलित में बट गया और देखते देखते यादव,कुर्मी और कोइरी हाशिए पर चले गये और एक नये राजनीतिक वर्ग का उदय हुआ है जिसमें साहनी, ठाकुर,चंद्रवंशी ,मंडल ,कामत चौरसिया,जैसी छोटी छोटी जातियों के हाथों सत्ता पहुंच गई, इसी तरह दलित की राजनीति पासवान और राम से आगे निकल कर सदा ,रजक और डोम के हाथों पहुंच गई है।

मतलब जाति आधारित राजनीति जो सवर्ण के हाथों से दबंग पिछड़ी और दलित जाति के हाथों में पहुंच गया वह अब पिछड़ी जाति में जो पिछड़ा है उसके हाथों में जा रहा है ,इसी तरह दलित राजनीति भी पासवान के हाथों से निकल कर सदा ,मांझी,रजक,डोम के हाथों में चला गया है।राजद को इसकी समझ 2021 के विधानसभा चुनाव के दौराना बनी और पहली बार ऐसे सीटों पर जहां यादव और मुसलमान की अच्छी आबादी है वहां तीसरी ऐसी जाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया जो राजद का परंपरागत वोटर नहीं रहा है और इसका असर यह हुआ कि ऐसे 30 से अधिक ऐसी सीट है जहां राजद इस तरह का प्रयोग करके चुनाव जीता है।

मतलब जाति आधारित राजनीति का जो चक्र है वह अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है क्यों कि जदयू और भाजपा द्वारा जो प्रयोग शुरू किया गया था वो अब व्यस्क हो गया है और उनके परम्परागत वोटर साथ छोड़ने लगे हैं क्यों कि एनडीए के साथ जो जाति परंपरागत रूप से जुड़ी है उसमें बनिया और सवर्ण सत्ता की चाहत रखने वाली जाति है इसलिए सत्ता में भागीदारी जो भी दल देने को तैयार हो रहा है वो उसके साथ हो जा रहे हैं ।

ऐसा नहीं है आने वाले समय में राजद का भी एमवाई समीकरण टूटेगा नहीं क्यों कि यादव सत्ता से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रह सकता है जैसे सवर्ण नहीं रह सकता है। इसलिए तरह का प्रयोग ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है । देखिए आगे आगे होता है क्या लेकिन इतना तय है कि आने वाले कुछ दशक के बाद जब जाति आधारित राजनीति की सर्किल पूरी हो जायेगी तो फिर बिहार में एक नयी तरह की राजनीति सामने आएगी यह दिखाई देने लगा है ।

बिक्रम मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने पटना के बिक्रम में मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए नोएडा स्थित हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2002 में ही ट्रामा सेंटर बन कर तैयार हो गया था।इसमें जेनरल सर्जन, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जनरल मेडिकल डॉक्टरों, रेडियोग्राफर, प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य आवश्यक मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ के पदों को भरने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मेडिकल राहत और उपचार की जरूरत होती है। तत्काल मेडिकल उपचार मुहैया नहीं किये जाने की वजह से लोगों की जान चली जाती है, जिसे रोका जा सकता है ।साथ ही इससे मृत्यु दर में कमी आयेगी।

इतना ही नहीं मेडिकल सुविधा समय पर उपलब्ध नहीं दिए जाने की वजह से लोग विकलांगता के शिकार हो जाते हैं। ट्रामा सेंटर एक रेफ़रल अस्पताल के तौर पर भी काम करता है।

इस ट्रामा सेंटर का उद्घाटन 3 नवंबर, 2001 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सी पी ठाकुर द्वारा किया गया था। इसी मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाई कोर्ट में वर्ष 2004 में भी दायर की गई थी।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पटना के सिविल सर्जन को डॉक्टरों की तैनाती व पोस्टिंग किये जाने को लेकर 9 अगस्त, 2004 को ही आदेश दिया था। इसके बावजूद फिलहाल ट्रामा सेंटर तो काम नहीं कर रहा है, लेकिन ट्रामा सेंटर के परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता चंदन कुमार ने बताया कि इस ट्रामा सेंटर को चालू करने को लेकर याचिकाकर्ता ने 7 जून, 2020 को प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। ट्रामा सेंटर को बहाल करने को लेकर राज्य सभा के सांसद विवेक ठाकुर द्वारा राज्य सभा के सत्र में 23 मार्च , 2021 को प्रश्न भी उठाया गया।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये यह आरोप लगाया है की राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से इस ट्रामा सेंटर को शुरू नहीं किया जा सका है, जोकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार दास को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। इस मामले पर आगे की सुनवाई 13 दिसंबर, 2021 को होगी।

उपचुनाव के आखिरी दिन नीतीश पर जमकर बरसे चिराग कहाँ नीतीश के हटाये बगैर बिहार का विकास सभंव नहीं

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान के आखिरी दिन सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत झोंक दिया इसी कड़ी में आज लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई  सांसद चिराग पासवान जी ने कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव में अकबरपुर बेंक परती, बिरौल में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपनी पार्टी के  उम्मीदवार श्रीमती अंजू देवी के समर्थन में वोट मांगा । 

अपने संबोधन में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए  कहा कि कुशेश्वरस्थान मे मूल- भूत सुविधाओं का घोर आभाव है। जजर्र सड़क, पलायन और पंगु शिक्षा व्यवस्था ने इस विधान सभा के नागरिकों का बुरा हाल कर रखा है ।
आगे , उन्होंने  पूछा कि नीतीश कुमार अपने को ‘विकास पुरुष’ कहते है लेकिन प्रदेश में क्राइम, भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है । 16 वर्षो से बिहार की  जनता को सिर्फ बेवकूफ बनाया गया है । जब भी जनता नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य  की मांग करती है तब उनको 15 साल की कहानी सुनाई जाती है ।

चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर साधा निशाना

 चिराग ने मौजूदा सरकार से , प्रवासी बिहारियों की हत्या और उनके स्वाभिमान पर आघात का जवाब मांगा । बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए नीतीश कुमार के विकास के नियत पर सवाल किया और पूछा कि क्या विगत चुनाव में जनता ने उनको सरकार बनाने का मैंडेट दिया था ?  सरकार का ‘ सात निश्चय’   भ्रष्टाचार से भरा है और समाज को बांटने का काम करता है ।
सभा मे मौजूद हज़ारों की संख्या में लोग ने चिराग पासवान की बातों को ध्यान से सुना और तालियों से उनका अभिवादन किया ।

सभा में मंच पर बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी जी,  बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय जी , प्रधान महासचिव संजय पासवान जी, लोजपा (आर) प्रत्याशी अंजू देवी जी , राष्ट्रीय सचिव शंकर झा जी , प्रदेश प्रवक्ता प्रो. विनीत सिंह, ज़िला अध्यक्ष देवेंद्र झा जी , प्रखंड अध्यक्ष बालकृष्ण आचार्य जी,अल्पसंख्यक प्रकोष्ट के प्रदेश अध्यक्ष इमाम ग़ज़ाली , वरिष्ठ नेता सीमांत मृणाल जी , पूर्व प्रत्याशी संजय सिंह , श्रीमती विनीता सिंह, श्री विवेक आनंद जी  मौजूद थे ।

राजनीति के गब्बर सिंह हैं लालू, सभी वर्गों को डरा कर किया राज -सुशील कुमार मोदी

राजनीति के गब्बर सिंह हैं लालू, सभी वर्गों को डरा कर किया राज

  • सुशील कुमार मोदी
  • राबड़ी देवी ने मुखिया, प्रमुख के पदों पर बिना आरक्षण दिये कराये थे चुनाव
  • एनडीए ने खत्म किया दहशत का राज, आरक्षण का अधिकार लौटाया
  1. लालू प्रसाद राजनीति के गब्बर सिंह हैं। इनके नाम से अतिपिछड़ा, दलित और व्यवसायी काँपते हैं, क्योंकि उन्हें फिरौती के लिए अपहरण-हत्या, रंगदारी वसूली और नरसंहार की घटनाएँ नहीं भूली हैं।
    बिहार में सियासी गब्बर के डर से शाम होते दुकानों के शटर गिर जाते थे, सिनेमा के नाइट-शो बंद हो गए और रात की शादियों का चलन खत्म हो गया था।
  1. लालू प्रसाद ने “भूरा बाल साफ करो” का नारा देकर ऊँची जाति के लोगों को डराया और जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इस वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब इसका विरोध किया।
    उन्होंने जनता को बाँट कर और डरा कर राज किया। लाठी में तेल पिलावन रैली डर पैदा करने के लिए ही की गई थी।
  2. लालू प्रसाद के लिए सारे दलित भकचोन्हर हैं, इसलिए उन्होंने इस वर्ग को सामाजिक न्याय से वंचित रखा।
    2003 में लालू-राबड़ी राज के दौरान मुखिया, प्रमुख, जिप अध्यक्ष जैसे एकल पदों पर दलितों-अतिपिछड़ों को अारक्षण दिये बिना ही चुनाव कराये गए थे।
  3. वर्ष 2008 में एनडीए सरकार ने पहली बार पंचायतों में एससी-एसटी को 17 फीसद और अतिपिछड़ों के 20 फीसद आरक्षण दिया।
    लालू प्रसाद ने जिन वर्गों के आरक्षण का अधिकार छीन लिया था, उन्हें एनडीए सरकार ने वापस दिलाया।

बेरोजगारी के मुद्दे पर तेजस्वी ने नीतीश पर साधा निशाना कहां गुमराह कर रहे हैं बिहार के युवाओं

तेजस्वी ने आज फिर नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहां कि नीतीश कुमार सिर्फ बोलते हैं रोजगार को लेकर चुनाव में बड़े बड़े वादे किये थे लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं किये हैं उलटे इनसे जो रोजगार की बात कर रहे हैं उन्हें जेल भेजवाने का काम कर रहे हैं।

नीतीश कुमार पर तेजस्वी का बड़ा हमला इस बार विर्सजन तय है

मेरी पार्टी गांधी मैदान में बेरोजगारी को लेकर एक रैली आयोजित करने जा रही है जनवरी या फरवरी में रैला का होगा आयोजन होगा और उसमें नीतीश कुमार से हिसाब मांगा जाएगा ।

लालू प्रसाद और सोनिया गांधी के बीच नहीं हुई है बात बिहार कांग्रेस ने किया खारिज

सियासी दाव में माहिर लालू प्रसाद आज तारापुर की चुनावी रैली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात होने की चर्चा करते हुए कहा कि सोनिया जी ने उनसे उनका हालचाल पूछा कि कहां और कैसे हैं। राजनीतिक मुद्दे पर भी बात हुई।

सोनिया गाँधी से बातचीत को लेकर क्या कहाँ लालू प्रसाद

सोनिया जी ने कहा कि समान विचारधारा वाले सभी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर इकट्ठा करना है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ एक होना है।

लालू के मुताबिक सोनिया चाहती हैं कि उपचुनाव के नतीजे के बाद सबकी बैठक बुलाकर आगे की रणनीति तय की जाए।हलाकि कांग्रेस से लालू प्रसाद के इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि लालू जी झूठ बोल रहे हैं सोनिया जी से उनकी कोई बात नहीं हुई है ।

कांग्रेस विधायक शकील अहमद लालू प्रसाद की सोनिया गाँधी से बातचीत की बात को अफवाह बताया ।

राजनीति के जानकार बता रहे हैं कि लालू प्रसाद को पता है कि कांग्रेस और राजद में जो कुछ भी चल रहा है उस वजह से मुस्लिम वोट में बिखराव हो सकता है ।

बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास ने लालू और सोनिया के बीच बातचीत को नकारा

इसलिए रणनीति के तहत तारापुर के ईदगाह मैदान में आयोजित रैली के दौरान लालू प्रसाद ने सोनिया गांधी से बात होने कि बात कि है ताकि मुस्लिम वोट में बिखराव ना हो। क्यों कि कन्हैया और कांग्रेस से जुड़े मुस्लिम नेता के आने से मुस्लिम वोट में बिखराव बड़ी तेजी से होने लगा है ।

तंबाकू नियंत्रण के लिए सामाजिक आंदोलन जरूरीः मंगल पांडेय

तंबाकू नियंत्रण के लिए सामाजिक आंदोलन जरूरीः मंगल पांडेय
समाज को तंबाकू से दूरी बनाने के लिए किया जा रहा प्रेरित

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान को धरातल पर उतारने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर कदम उठा रहा है। अभियान के तहत सार्वजनिक भवनों को स्वच्छ एवं साफ रखा जाना है। इसी उद्देश्य को ध्यान रखते हुए बिहार राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, संस्थान एवं शिक्षण संस्थान आदि परिसर को तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि सभी सरकारी परिसर एवं स्वास्थ्य संस्थानों में तम्बाकू मुक्त परिसर का बोर्ड, होर्डिंग अथवा साइनेज लगाया जाएगा। इस निर्णय का जिलों में अनुपालन होता भी दिख रहा है। तंबाकू नियंत्रण के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है, जिससे समाज को तंबाकू से दूरी बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके। तंबाकू चबाने या धुम्रपान से होने वाली सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को जागरूक करने के लिए बैनर, पोस्टर, होर्डिंग आदि लगाया जा रहा है।

श्री पांडेय ने कहा कि तंबाकू का सेवन जन स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरों में से एक है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना स्वास्थ्य के लिए खतरा है और संचारी रोग के फैलने का एक प्रमुख कारण है। तंबाकू सेवन करने वाले की प्रवृति यत्र-तत्र थूकने की होती है। थूकने के कारण कई गंभीर बीमारी तथा कोरोना, इंसेफलाइटिस, यक्ष्मा, स्वाइन फ्लू आदि का संक्रमण फैलने की आशंका रहती है।

पर्यावरण को लेकर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया है।

वन उत्पादकता संस्थान, रांची ने भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तत्वावधान में “राज्य REDD+ के विकास के लिए राज्य वन विभागों की क्षमता निर्माण” पर बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों के लिए 27 और 28 अक्टूबर 2021 को संस्थान में दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया है।

इस अवसर के मुख्य अतिथि श्री. अरविंदर सिंह, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने सभा को संबोधित करते हुए कार्यशाला में भाग लेने वाले अधिकारियों से पुरे कार्यक्रम के दौरान गहरी रुचि लेने और प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए जोर दिया और REDD+ कार्यक्रम के महत्व के बारे में बात की जो कि है वनों की कटाई और वन क्षरण, वनों के संरक्षण, वनों के सतत प्रबंधन और वन कार्बन स्टॉक में वृद्धि से उत्सर्जन को कम करने के लिए विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन शमन विकल्पों में से एक है। अंत में, उन्होंने सभी को शुभकामनाएं दीं और औपचारिक रूप से कार्यशाला का उद्घाटन किया।

डॉ. नितिन कुलकर्णी, निदेशक ने इस अवसर पर सभी गणमान्य व्यक्तियों, बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों, वैज्ञानिकों और तकनीकी अधिकारियों का औपचारिक रूप से स्वागत किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और वन क्षरण से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना (REDD+), प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशाला की गतिविधियों के संचालन में समूह अभ्यासों के महत्व के बारे में एक परिचय दिया।

विशिष्ट अतिथि श्री. एके द्विवेदी, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक ने प्रतिभागियों से कार्यशाला में सक्रिय साझेदारी की अपेक्षा जाहिर किया ताकि राज्य REDD+ कार्य योजना समय पर तैयार हो सके। बिहार के राज्य वन विभाग के अधिकारियों के संक्षिप्त परिचय के पश्चात डॉ शंभू नाथ मिश्रा, नोडल अधिकारी, वन उत्पादकता संस्थान, रांची ने उद्घाटन सत्र के लिए धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

कार्यशाला के बाद तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें देहरादून से REDD+ विशेषज्ञ श्री. वीआरएस रावत और डॉ. आरएस रावत ने REDD+ और राष्ट्रीय REDD+ रणनीति और एसआरएपी प्रक्रियाओं का अवलोकन’ पर व्याख्यान दिया।
प्रशिक्षण सत्र का संचालन नोडल अधिकारी श्री संजीव कुमार और डॉ. एस.एन. मिश्रा, द्वारा किया गया। राज्य वन विभाग, बिहार के अधिकारियों ने सभी गतिविधियों और चर्चा में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इन कारकों को दूर करने के लिए आगे के समाधान और हस्तक्षेप पैकेज बिहार के संदर्भ मे मानकीकृत किए गए। सत्र की मध्यस्ता डॉ ब्लेसिंग रॉय सुचियांग, डॉ अंशुमान दास, श्री राजीव रंजन और श्री. अरविंद कुमार द्वारा किया गया। । श्री संजीव कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक के कार्बन स्टॉक में वृद्धि पर समापन टिप्पणी के बाद डॉ ब्लेसिंग रॉय सुचियांग द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ घाट का लिया जायजा

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार आज छठ पर्व के घाटों की तैयारी का जायजा लेने खुद निकले उनके साथ उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy CM Tara Kishor Prasad)पूर्व मुख्‍य सचिव दीपक कुमार, आनंद किशोर, कमिश्नर संजय अग्रवाल, डीएम चंद्रशेखर सिंह मौजूद थे ।

दानापुर से लेकर पटना सिटी के बीच जीतने भी घाट आये सबका निरीक्षण किये और इस दौरान संपर्क पथ, सुरक्षा समेत अन्‍य बिंदुओं पर जरूरी निर्देश दिए। गांधी घाट से स्‍टीमर पर सवार होकर सीएम निकले। गंगा के बढ़े जलस्‍तर को लेकर अधिकारियों से उन्‍होंने बात की। उन्‍होंने कहा कि तीन नवंबर को एक बार फिर वे तैयारियों का जायजा लेंगे।

घाटों का निरीक्षण करने के बाद सीएम ने बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण सबकुछ पर रोक लग गई थी। उसको छोड़कर पिछले सभी वर्षों में समय पूर्व तैयारी का जायजा लेने निकलते हैं। इस बार पानी का असर ज्‍यादा रहा है।

पानी का बहाव भी तेज है ऐसी स्थिति में विशेष सतर्कता बरतने कि जरुरत है गंगा तट पर स्थित घाट के अलावे शहर के अलग अलग मुहल्ले में भी छठ पर्व करने के लिए घाट का निर्माण करने का निर्देश है। सीएम ने कहा कि तीन नवंबर को वे फिर यहीं से शुरुआत करेंगे और कार्य की प्रगति का जायजा लेंगे।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में 9 आरोपी दोषी एक साक्ष्य के अभाव में हुआ बरी

गांधी मैदान सीरियल ब्‍लास्‍ट मामले में एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि एक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाने के लिए एक नवम्‍बर की तारीख तय किया है।

अभियुक्त पक्ष के वकील वकील असगर अली

आज सुबह से ही पटना सिविल कोर्ट परिसर में गहमागहमी थी। आठ साल बाद गांधी मैदान ब्‍लास्‍ट मामले में क्‍या इंसाफ होता है, यह हर कोई जानना चाहता था। इस कांड में 10 लोगों की मौत हुई थी जबकि 89 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। बुधवार को आए फैसले से उनके परिवारों ने थोड़ी राहत महसूस की है। फैसले के लिए सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की सुबह बेऊर जेल से सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया। इसके बाद कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई।

इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्‍य सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है।

एनआईए के वकील ललन कुमार

पांच दोषी बोधगया ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है
गांधी मैदान ब्‍लास्‍ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से पांच आरोपियों को बोधगया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी 187 लोगों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है यह संयोग ही है कि कोर्ट ने गांधी ब्‍लास्‍ट मामले में इंसाफ के लिए उसी तारीख को चुना जिस तारीख को आठ वर्ष पूर्व धमाका किया गया था।

एक आरोपित को जुवेनाइल कोर्ट ने दी थी 3 साल की सजा
इस कांड का मुख्य आरोपी व साजिशकर्ता हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत दस के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। सभी आरोपितों को बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।

इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। अभी 10 आरोपितों के मामले की सुनवाई पूरी हुई है। ब्लास्ट मामले में जुवेनाइल बोर्ड द्वारा एक आरोपित को तीन वर्ष की कैद की सजा पहले ही सुनायी जा चुकी है।

चौराहे पर खड़ा है बिहार तय नहीं कर रहा है किस ओर जाये

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान का आज आखिरी दिन है छह वर्ष बाद लालू प्रसाद किसी चुनावी जनसभा को संबोधित किये हैं, वही चुनाव के आखिरी दिन सुशील मोदी भी प्रचार अभियान के लिए घर से बाहर निकले, मतलब इन दो सीटों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपना सब कुछ झोंक दिया है ।

लेकिन बिहार की सियासत 2005 में जिस जंगल राज के नैरेटिव से शुरू हुआ था आज भी वो नैरेटिव चुनावी राजनीति में बनी हुई है 2020 के विधानसभा चुनाव के तीसरे और चौथे चरण के दौरान पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार भी अंत में जंगलराज और अपहरण राज पर आकर ठहर गये थे और उसका लाभ भी मिला ।

इस उप चुनाव में भी एनडीए उस जंगलराज और अपहरण राज के नैरेटिव को भूलने नहीं दिया है नीतीश कुमार इस उप चुनाव में चार चुनावी सभा को संबोधित किये चारों सभा में वो अपने 15 वर्षो के शासन काल के दौरान किये गये कार्यों पर चर्चा करने के बाद मिया बीबी के शासन काल को याद दिलाने से भूले नहीं हैं। मतलब बिहार की जनता के अंदर उस भय को जिंदा रखना चाहते जिसमें एक नैरेटिव बनाया गया है कि लालू परिवार आयेगा तो फिर से एक बार जंगलराज लौट आयेगा।

कल लालू प्रसाद नीतीश कुमार को लेकर जो बयान दिया कि नीतीश कुमार का विसर्जन करने आये हैं उस बयान पर नीतीश कुमार कि जो प्रतिक्रिया आयी है लालू उन्हें गोली मरवा सकते हैं।लालू यादव चाहें तो गोली मरवा सकते हैं। बाकी वो कुछ नहीं कर सकते हैं। नीतीश कुमार लालू प्रसाद के इस सामान्य से बयान को भी उसी जंगलराज वाले नैरेटिव की ओर मोड़ने कि कोशिश किये है ताकि राज्य में एक बार फिर से भय का माहौल बने।

नीतीश कुमार का यह बयान आना था कि एनडीए के सभी नेता एक साथ लालू के उस बयान को लेकर मोर्चा खोल दिये
जीतन राम मांझी आज सुबह सुबह ट्वीट करके लालू प्रसाद से सवाल किया कि
आज भ्रष्टाचार,जंगलराज,दलित नरसंहार सहित कई मामलों पर आदरणीय .@laluprasadrjd जी भाषण देंगें।
और यह बताएंगे कि,
दलित नरसंहार की जरूरत क्यों पडी।

15 साल का जंगलराज बिहार के लिए क्यों जरूरी था।

इसी तरह सुशील मोदी ने ट्वीट करके लालू प्रसाद से सवाल किया कि
लालू प्रसाद बताएं कि उनके राज में सड़कें जर्जर क्यों थीं और विकास ठप क्यों था?
अपराधियों के डर से बाजार शाम के बाद बंद होते थे, उन्हें एनडीए सरकार के विकास पर सवाल उठाने से पहले अपने चौपट भकचोंधर राज का हिसाब देना चाहिए।

जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का बयान आया है दोनों सीटों पर चुनाव की थकान मिटेगी, रंगारंग हास्य ठहाकेदार कार्यक्रम होने जा रहा है…जमूरा और चेला के साथ 15 साल जंगल राज के सुल्तान आ रहे हैं..
इस तरह एक बार फिर 2005 में जिस नैरेटिव के सहारे बिहार में सत्ता बदला था उस नैरेटिव को अभी भी एनडीए बनाये रखना चाहता है क्यों कि इसका लाभ एनडीए को आज भी मिल रहा है।

लेकिन एक बड़ा सवाल है कि इस भय के सहारे कब तक बिहार की जनता अपने मूल समस्याओं से मुख मोड़ता रहेगा 2005 में शिक्षा,स्वास्थ्य,रोजगार ,कृषि ,वाणिज्य और व्यापार में देश में बिहार की क्या स्थिति थी और आज बिहार कहां खड़ा है।
इसी तरह 2005 से पहले असंगठित क्षेत्रों में काम करने के लिए जिस संख्या में बिहार के युवा गांव छोड़ रहे थे आज उसमें कोई बदलाव आया है की नही, इसी तरह प्रति व्यक्ति आय ,बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं के समाधान के क्षेत्रों में बिहार कहां तक पहुंचा है।

राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ तो निवेश आना चाहिए ना 2005 के बाद कितने का निवेश हुआ है निवेश के क्षेत्र में बिहार देश के सामने कहां खड़ा है। वही लालू राज में जो व्यापारी बिहार छोड़ कर चले गये थे उनमें कितने व्यापारी लौट कर बिहार आये कई ऐसे सवाल हैं जिसके सहारे राज्य के वास्तविक राजनीति को समझा जा सकता है क्यों कि इस नैरेटिव की वजह से बिहार एक मुहाने पर आकर ठहर सा गया है बात करिए तो सवाल आप ही से होगा विकल्प क्या है। लेकिन इस विकल्पहिनता की जिम्मेवारी जनता की है इस पर कोई बता करने को तैयार नहीं है ऐसे में जरता वाली स्थिति उत्पन्न होना स्वभाविक है ,सिस्टम का करपस्ट होना स्वभाविक है,समाज के अंदर विवेक शून्यता आना स्वभाविक है मतलब हमलोग चौहारे पर खड़े है लेकिन किस और जाना है तय नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में दुर्घटना ही होता है ना ।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में आज आएगा फैसला पूरे बिहार में हाई अर्लट

आज गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा फैसला सुनाएगे आज ही दिन आठ वर्ष पहले 27 अक्टूबर, 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान व पटना रेलवे जंक्शन पर सिलसिलेवार बम विस्फोट किया गया था. इसमें 10 लोगों की मौत हो गयी थी और 89 लोग लोग घायल हो गये थे।इस मामले को एनआईए देख रही है एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था जिसमें एक आरोपी नाबालिग है ।

ब्लास्ट की शुरुआत पटना रेलवे स्टेशन से होनी थी लेकिन ब्लास्ट टीम में शामिल आतंकी बम लगाने में चुक कर दिया और लगाने के दौरान ही ब्लास्ट हो गया बाद में ब्लास्ट में घायल आतंकी से पूछताछ करने के बाद पूरे मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन पर गांधी मैदान में बम ब्लास्ट करने का आरोप है ।मामले की सुनवाई पूरे 8 वर्षों तक चली।

और 6 अक्टूबर 2021 को मामले में अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अपना निर्णय सुनाने के लिए आज की तिथि निश्चित की थी।


इस मामले में हैदर अली, मुजीब उल्लाह, अंसारी नुमान, अंसारी उमर सिद्दीकी , अजहर उद्दीन कुरेशी, फखरुद्दीन, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम के खिलाफ एनआईए ने वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाहों को पेश किया था।अधिकांश आरोपी झारखंड का रहने वाला है ।

आभासी दुनिया से सावधान रहे

सोशल मीडिया वाला प्रेम !

मैसेंजर और व्हाट्सएप सोशल मीडिया की सबसे असुरक्षित और खतरनाक जगहों में तब्दील होते जा रहे हैं। बहुत कम लोग हैं जो इनका इस्तेमाल सार्थक और रचनात्मक संवाद के लिए करते हैं। आमतौर पर यहां लोग टाइमपास अथवा मजे के लिए शिकार की तलाश में भटकते देखे जाते हैं।

औरतें यहां धोखे और ब्लैकमेलिंग की सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। वे ऐसी औरतें हैं जो चैटिंग के दौरान भावुकता के कमज़ोर पलों में नितांत निजी बातों या कभी-कभी क्षणिक यौन संतुष्टि के लिए कामुक संवादों अथवा तस्वीरों का आदान-प्रदान कर जाती हैं।

मैं नहीं कहता कि हमारे-आपके इनबॉक्स में या व्हाट्सएप पर आने वाले तमाम लोग गलत होते हैं, लेकिन हम व्यक्तिगत रूप से जिन्हें जानते नहीं, उनपर भरोसा कर उनके साथ अपनी व्यक्तिगत बातें कैसे शेयर कर सकते हैं ? शायद मेरी पुलिसिया पृष्ठभूमि की वजह से हर महीने ब्लैकमेल की शिकार दो-चार महिला मित्र मुझसे सलाह मांगती ही रहती हैं।

कभी-कभी तो मर्द भी। ज्यादातर मामले अश्लील वसंवादों या तस्वीरों को सार्वजनिक करने की धमकी देकर पैसे वसूलने या अकेली मिलने के लिए बाध्य करने के होते हैं।

आभासी दुनिया प्रेम की तलाश की सही जगह नहीं है। बहुत कम भाग्यशाली लोगों की तलाश यहां पूरी होती है। इस मंच ने बहुत लोगों को ठगा और छला है और कुछ को तो आत्महत्या तक के लिए मज़बूर कर दिया है। अपवादों की बात अलग है, लेकिन प्रेम अगर आपको मिलेगा तो वास्तविक जीवन में ही मिलेगा। आभासी दुनिया के आभासी प्रेम से सावधान रहें !

लेखक –ध्रुव गुप्ता पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं