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नीतीश का तीर लगा निशाने पर राजद की लालटेन गयी बुझ

बिहार विधानसभा उपचुनाव का जो परिणाम सामने आये हैं उससे यह संकेत साफ है कि बिहार अभी भी एमवाई समीकरण की आक्रामकता को स्वीकार करने को तैयार नहीं है ,दूसरा संदेश यह भी है कि बिहार की राजनीति में लालू अब प्रासंगिक नहीं रहे और तीसरा संदेश है बिहार की राजनीति में बनिया जाति बीजेपी का अब बपौती नहीं रहा और चौथा संदेश नीतीश की राजनीति में अब वो धार नहीं रही ।

1–एमवाई समीकरण की आक्रामकता राजद के हार की वजह बनी 
बात कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र के परिणाम से करते हैं 2020 में जदयू के शशिभूषण हजारी और कांग्रेस से डॉ अशोक राम चुनाव लड़े थे ।2020 के विधानसभा चुनाव में शशि भूषण हजारी को 53,980 वोट मिला था और डॉक्टर अशोक कुमार 46,758 मिला था ।

 इस बार के चुनाव में जदयू के  अमन भूषण हजारी को 59,882 और राजद के गणेश भारती 47184 वोट आया है मतलब पिछले चुनाव की तुलना में जदयू को लगभग 5902 हजार वोट अधिक मिला वही राजद उम्मीदवार को कांग्रेस से मात्र 426 वोट अधिक मिला है, संदेश क्या है पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जो स्वर्ण का वोट मिला था वो वोट पूरी तौर पर जदयू के साथ हो गया, वहीं मुसहर जाति को टिकट देकर  राजद ने जो प्रयोग किया था वह प्रयोग पूरी तौर पर विफल रहा ।उसकी वजह यह रही कि कुशेश्वरस्थान में मुसहर और यादव के बीच वर्चस्व को लेकर लड़ाई रही है इस हकीकत को राजद ने नजर अंदाज कर दिया ।

वहीं वर्षो बाद राजद का लालटेन देख कर जिस तरीके से यादव और मुस्लिम वोटर मिजाज में आ गये थे और इसका असर यह हुआ कि कुशेश्वरस्थान में सारी जाति एक साथ गोलबंद हो गये और पिछले चुनाव से लगभग 5 प्रतिशत वोट कम पड़ने के बावजूद जदयू 12 हजार से अधिक वोट से चुनाव जीत गया।

2–बिहार की राजनीति में लालू अब प्रासंगिक नहीं रहे  उप चुनाव के परिणाम ने तय कर दिया कि बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद अब प्रासंगिक नहीं रहे उनकी सभा से या फिर राजनीति शैली से भले ही यादव और मुसलमान वोटर आक्रमक हो जाते हैं वही दूसरी और अन्य वोटर राजद से अलग भी हो जाता है ।

कुशेश्वर स्थान में लालू का ही साइड इफेक्ट रहा कि सवर्ण कांग्रेस प्रत्याशी का साथ छोड़ दिया पिछले चुनाव में तारापुर से निर्दलीय चुनाव लड़े कांग्रेस प्रत्याशी को 12 हजार से अधिक वोट आया था, लेकिन इस बार 4 हजार से भी कम वोट आया यही हाल लोजपा प्रत्याशी का भी रहा कुशेश्वरस्थान में पिछले चुनाव में 12 हजार से अधिक वोट आया था और इस बार 5 हजार में सिमट कर रह गया तारापुर में भी यही स्थिति रही यहां भी पिछले चुनाव से लगभग तीन हजार वोट कम आया लोजपा को।जैसे ही गोलबंदी शुरु हुई राजपूत और ब्राह्रमण मतदाता के जाति के उम्मीदवार होने के बावजूद लोग वोट नहीं किये ।

3—बिहार की राजनीति में बनिया जाति बीजेपी का अब बपौती नहीं  रहा 2020 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी के लाख कोशिश के बावजूद बनिया वोट में सेंधमारी करने में राजद कामयाब रहा था उस चुनाव में पांच विधायक बनिया समाज से राजद के टिकट पर चुनाव जीत कर आये , इस बार फिर तारापुर में बीजेपी के तमाम बनिया नेता के मैदान में उतरने के बावजूद बनिया वोटर में बड़ा बिखराव हुआ ,कुशेश्वर स्थान में भले ही जदयू को बड़ी जीत मिली है लेकिन यहां भी बनिया वोटर में बिखराव दिखा है भले ही  स्थानीय मुद्दा ही क्यों ना हो ।

2020 के विधानसभा चुनाव की बात करे तो जदयू को 64 हजार 199 वोट आया था और राजद को 56943 वोट आया था और जदयू 7 हजार 225 वोट से जीता था और इस बार जेडीयू – 78966 वोट प्राप्त हुआ  वही राजद को आरजेडी – 75145 आया और जदयू 3821 मतों से चुनाव जीत गया । 

मतलब इस बार के चुनाव में जदयू को पिछले चुनाव की तुलना में 14,199 वोट ज्यादा आया वही राजद को 18,202 वोट ज्यादा मिला फिर भी राजद 3821 वोट से चुनाव हार गया, बनिया का वोट राजद के साथ जुड़ा लेकिन पिछले चुनाव में लोजपा और निर्दलीय उम्मीदवार को (इस बार कांग्रेस से चुनाव लड़ रहे थे)वोट मिला वो सारा वोट जदयू में सिफ्ट कर गया मतलब सीधी लड़ाई हुई तो राजद एमवाई के अतिरिक्त वोट जोड़ने के बावजूद चुनाव हार गया ।

4–नीतीश की राजनीति में अब वो धार नहीं रही दोनों चुनाव जीतने के बावजूद ये कहना कि नीतीश कुमार की राजनीति में अब वो धार नहीं रही तोड़ अटपटा लगता है लेकिन कुशेश्वर स्थान में भी जहां जदयू जबरदस्त जीत हासिल की है वहां भी नीतीश कुमार के समीकरण वाला वोट जदयू को कैसे मिला है मंत्री संजय झा बेहतर बता सकते हैं तारापुर में भी यही स्थिति रही मतलब जदयू लव कुश और अति पिछड़ा के बदौलत राजद की तरह ही अंतिम चरण तक फाइट में बने रह सकते हैं लेकिन जीतने के लिए उन्हें सवर्ण वोटर का जबरदस्त सहयोग चाहिए यह साफ इस चुनाव में दिख रहा था कुशेश्वर स्थान और तारापुर में भी लव कुश और अति पिछड़ा और महादलित का वोटर कम नहीं है लेकिन सच्चाई यही है कि सवर्ण थोड़ा सा भी मुख मोड़ लेता तो हार निश्चित था,

 ऐसे में आने वाले चुनाव में सवर्ण और बनिया जिसके साथ खड़ा होगा उसकी सरकार बनेगी क्यों कि  बिहार की राजनीति में राजद जो प्रयोग कर रहा है वह प्रयोग उसे नीतीश के बराबरी में लाकर खड़ा कर दिया है।

तीन लोकसभाऔर बिहार के दो विधानसभा सहित 29 विधानसभा उप चुनाव सीटों पर वोटों की गिनती शुरु

आज 3 लोकसभा और 13 राज्यों की 29 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज आएंगे। सुबह 8 बजे सभी सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इन सीटों पर 30 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी।

29 विधानसभा सीटों में से भाजपा और जदयू के पास एक दर्जन से अधिक सीटें थी कांग्रेस के पास नौ सीटें थीं, जबकि बाकी क्षेत्रीय पार्टियों के पास थीं। जिन सीटों पर लोकसभा उपचुनाव हुए उनमें दादरा और नगर हवेली, हिमाचल प्रदेश की मंडी और मध्यप्रदेश में खंडवा शामिल हैं।

तीनों लोकसभा क्षेत्रों में मौजूदा सदस्यों के निधन के बाद वोटिंग हुई है। मार्च में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट खाली हुई थी। मध्यप्रदेश की खंडवा संसदीय सीट भाजपा सदस्य नंद कुमार सिंह चौहान के निधन से खाली हुई थी, जबकि दादरा और नगर हवेली सीट पर निर्दलीय मोहन डेलकर के निधन के कारण दोबारा वोटिंग हुई है।

राजस्थान: भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला
राजस्थान में वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत और धारियावाड़ से भाजपा विधायक गौतम लाल मीणा के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा। वल्लभनगर में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने हिम्मत सिंह झाला को मैदान में उतारा है।

कांग्रेस ने धारियावाड़ से नागराज मीणा को भाजपा प्रत्याशी खेत सिंह मीणा के खिलाफ मैदान में उतारा है।
मध्यप्रदेश: भाजपा-कांग्रेस के बीच जोरदार टक्कर
मध्यप्रदेश में खंडवा लोकसभा और तीन विधानसभा सीट जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव के नतीजे आएंगे।
बिहार: दोनों सीटों का नतीजा आना है

बिहार की दो विधानसभा सीट तारापुर और कुशेश्वर स्थान उपचुनाव हुआ है यह दोनों सीट जदयू के खाते में था । NDA ने तारापुर से जेडीयू राजीव कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। RJD ने अरुण साव को कैंडिडेट घोषित किया है। कांग्रेस ने राजेश मिश्रा और LJP (रामविलास) ने चंदन कुमार को प्रत्याशी बनाया है।

कुशेश्वरस्थान से JDU ने दिवंगत नेता और पूर्व विधायक शशिभूषण हजारी के पुत्र अमन भूषण को प्रत्याशी बनाया है। RJD ने मुसहर जाति से ताल्लुक रखने वाले गणेश भारती को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अतिरेक कुमार को मुकाले में उतारा है। LJP (रामविलास) ने अंजू देवी को प्रत्याशी बनाया है।

हरियाणा: अभय चौटाला के खिलाफ भाजपा के गोविंद कांडा
हरियाणा में केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता अभय चौटाला के विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण ऐलनाबाद विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव हुए। इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय चौटाला कांग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल और भाजपा-जेपी उम्मीदवार गोबिंद कांडा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जो हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा के भाई हैं।

चौटाला के लिए यह एक अहम मुकाबला है क्योंकि अभय चौटाला ने ऐलनाबाद से 2010 का उपचुनाव जीता था जब ओम प्रकाश चौटाला ने सीट खाली कर दी थी और फिर 2014 में और 2019 के विधानसभा चुनावों में भी इसे बरकरार रखा था।
हिमाचल में विधानसभा की 3 सीटें दांव पर

लालू का दावा दोनों विधानसभा जीतेंगे


हिमाचल प्रदेश में मंडी लोकसभा और अर्की, फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीटों पर वोटों की गिनती होगी। मंडी संसदीय सीट पर BJP के ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर का मुकाबला कांग्रेस की प्रतिभा सिंह के साथ है। फतेहपुर से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री स्व. सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी सिंह पठानिया का मुकाबला बीजेपी के बलदेव ठाकुर के साथ है।
अर्की विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पीसीसी महासचिव संजय अवस्थी की टक्कर बीजेपी के रतन सिंह पाल के साथ है। वहीं, जुब्बल-कोटखाई विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक रोहित ठाकुर की बीजेपी की पूर्व जिला परिषद सदस्य नीलम सरकइक के साथ टक्कर है।

पश्चिम बंगाल: क्या फिर चलेगा ममता बनर्जी का खेला
पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा सीटों गोसाबा, खरदाहा, दिनहाटा, शांतिपुर में उपचुनाव के लिए मतदान हुए हैं। TMC के विधायकों के निधन के बाद खरदाहा और गोसाबा में उपचुनाव होना है। उधर, बीजेपी के सांसद निसिथ प्रमाणिक के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी। वहीं, शांतिपुर से भाजपा विधायक जगन्नाथ सरकार के TMC में शामिल होने के बाद चुनाव हो रहा है।

सबसे ज्यादा असम की 5 सीटों पर मतदान
असम की पांच विधानसभा सीटों गुसाईंगांव, भबानीपुर, तामुलपुर, मरियानी और थोवरा सीटों पर उपचुनाव हुए। गुसाईंगांव और तामुलपुर के विधायकों के निधन के बाद वहां उपचुनाव की जरूरत पड़ी। वहीं भबानीपुर, मरियानी और थोवरा के विधायकों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
कर्नाटक, आंध्र, महराष्ट्र और मिजोरम का हाल
कर्नाटक की सिंदगी सीट जद (एस) विधायक एमसी मनागुली और हंगल सीट से विधायक सीएम उदासी के निधन के बाद दोनों सीटों पर वोट डाले गए हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के लिए यह पहली चुनावी परीक्षा होगी, जिन्होंने बीएस येदियुरप्पा की जगह ली थी। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश की बडवेल सीट (पहले YSRC के पास) महाराष्ट्र में देगलुर ( कांग्रेस के पास थी) और मिजोरम में तुइरियाल विधानसभा सीटों पर भी गिनती होगी।

तेलंगाना में भाजपा और TRS के बीच सीधी टक्कर
तेलंगाना के हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र में सत्तारूढ़ TRS, विपक्षी भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। जमीन हथियाने के आरोपों में राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद जून में एटाला राजेंदर के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हुआ था। आरोपों को खारिज करने वाले राजेंद्र ने TRS छोड़ दी थी। अब वे भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। परिणाम भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उद्देश्य 2023 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ TRS के विकल्प के रूप में उभरना है।
दादरा और नगर हवेली में शिवसेना के खिलाफ भाजपा
दादरा और नगर हवेली लोकसभा क्षेत्र में सात बार के निर्दलीय सांसद मोहन देलकर की पत्नी कलाबेन देलकर, भाजपा के महेश गावित और कांग्रेस के महेश धोड़ी के खिलाफ शिवसेना उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।

ट्रांसजेंडर को पंचायत चुनाव में आरक्षण का मिलेगा लाभ

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ट्रांसजेंडर अर्थात किन्नर को भी पर्याप्त आरक्षण मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। वीरा यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को लिखा है। याचिका के जरिये मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच सदस्यों, पंचायत समिति के सदस्यों व जिला परिषद के सदस्यों के पद पर निर्वाचन में आरक्षण की माँग की गई।

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि इस याचिका के लंबित रहने तक वर्तमान प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जाए। उक्त मामले में पंचायत राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 5 फरवरी, 2021 को एक पत्र भी लिखा गया था।
याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने कांस्टेबल / सब इंस्पेक्टर के प्रत्येक 500 पदों पर 2011 की जनगणना के मुताबिक ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा
26 फरवरी, 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी। इस मामले पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।

मतगणना में हेराफेरी बर्दास्त नही –तेजस्वी

तारापुर और कुशेश्वरस्थान उपचुनाव की मतगणना को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। इस बार RJD मतगणना के दौरान गड़बड़ी ना हो इसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी दरभंगा में और RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के नेतृत्व में एक टीम तारापुर विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग के लिए मुंगेर में कैम्प करेंगे ।JDU उपाध्यक्ष संजय सिंह ने राजद के इस निर्णय पर पलटवार करते हुए कहा है कि RJD उपचुनाव में होने वाली हार से डर गई है।

तेजस्वी ने नीतीश को दी नसीहत कहां जनमत का सम्मान करना सीखे

बिहार विधानसभा के उपचुनाव में जिन दो सीटों पर चुनाव हुआ है वहां कल मतगणना होना है राजद शुरु से ही चुनाव के दौरान प्रशासन द्वारा हेराफेरी का आरोप लगाते रहा है चुनाव के दौरान जदयू द्वारा साड़ी और शराब बांट जाने का आरोप लगाते हुए कहा था कि जदयू चुनाव जीतने के लिए सारे हदे पार कर दिया है।

उप चुनाव में नीतीश कुमार चुनाव जीतने के लिए हदे पार कर दी है
उपचुनाव में मतगणना को लेकर राजद अर्लट मैं खुद दरभंगा में कैम्प करेंगे

हालांकि सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग के कार्यशैली पर सवाल उठाना समझ से पड़े हैं वैसे जनता का जो फैसला होगा स्वीकार करना चाहिए ।

मतगणना को लेकर आयोग अभी भी एकमत नहीं है

होईकोर्ट थैलेसीमिया के रोगियों को खून, आवश्यक दवाएं व रेफ़रल सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर संतोष जाहिर किया

पटना हाईकोर्ट ने पूर्णियां व मुजफ्फरपुर जिले समेत राज्य के अन्य जिलों में थैलेसीमिया के रोगियों को खून, आवश्यक दवाएं व रेफ़रल सुविधा उपलब्ध कराने के मामले राज्य सरकार की कार्रवाई पर संतोष जाहिर किया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अमित कुमार अग्रवाल व अन्य की जनहित याचिका पर सुनवाई करने के बाद निष्पादित कर दिया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह का कहना था कि करोना के संक्रमण के दौरान इन जिलों में थैलेसीमिया की वजह से मृत्यु व बीमारी की रिपोर्ट मिली है।अतः उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने की जरूरत थी।

याचिकाकर्ता का आगे यह भी कहना था कि राज्य भर के जिला अस्पतालों में इस बीमारी की दवाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि लोगों को इसके लिए पटना नहीं आना पड़े। ब्लड व उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं के वर्तमान स्थिति का आकलन करने को लेकर एक कमेटी बनाने की माँग किया गया था।
इसमें सीनियर मेडिकल ऑफिसर व सिविल सोसाइटी के सदस्यों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के हेल्थ सर्विसेज के एडिशनल डायरेक्टर द्वारा पटना हाई कोर्ट में दाखिल हलफनामा में बताया गया है कि राज्य सरकार सक्रिय रूप से मामले को देख रही है।ऐसे मामलों से निपटने को लेकर बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। इसको लेकर विद्यालयों व समाज में जागरूकता भी चलाया जा रहा है।
लैब की स्थापना भी की जा रही है। प्रैग्नेंट महिलाओं व उनके पतियों का स्क्रीनिंग भी किया जा रहा है ,ताकि थैलेसीमिया मेजर और सिकल सेल से प्रभावित बच्चों के जन्म होने से रोका जा सके।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में चार को फांसी और दो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट ने 9 आतंकियों को सजा का ऐलान कर दिया है। विशेष NIA कोर्ट के जज गुरविंदर सिंह ने चार आतंकियों को फांसी की सुनाई है, जबकि दो को उम्र कैद की सजा दी गई है। दो दोषियों को 10 साल और एक को सात साल की सजा सुनाई है और एक अभियुक्त को पहले ही दोष मुक्त कर चुका है। इन चार आतंकियों को मिली फांसी की सजा

गाँधी मैदान ब्लास्ट मामले में चार को मिला मृत्युदंड


NIA कोर्ट ने इस कांड का मास्टर माइड हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी नोमान अंसारी,मो. मोजिबुल्लाह अंसारी और इम्तियाज अंसारी उर्फ आलम को फांसी की सजा दी है। साथ ही उमर सिद्दीकी और अजहरूद्दीन को उम्र कैद की सजा दी है। यह सभी छह आतंकी IPC का सेक्शन 302, 120B और UAPA एक्ट जैसे गंभीर धाराओं में दोषी करार दिए गए थे। NIA के स्पेशल PP ललित प्रसाद सिन्हा ने इन सभी के लिए फांसी की मांग की थी। इनके अलावा कोर्ट ने अहमद हुसैन और फिरोज आलम उर्फ पप्पू को 10 साल और इफ्तिखार आलम को सात साल की सजा सुनाई है। खास बात है कि इफ्तिखार की सजा 7 साल पूरी हो गई है।

https://youtu.be/V2TBT-8_Um8
बचाव पंक्ष का वकील ने कहा फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जायेंगे


कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी आतंकी को इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करनी है तो वो 30 दिनों के अंदर कर लें, वरना सजा का यह आदेश कन्टीन्यू किया जाएगा।
गंभीर धाराओं में दोषी 6 आतंकवादियों की जानकारी
उमर सिद्दीकी – 120B/302 IPC
अजहरुद्दीन – 121/121A IPC, 18,19,20 UAPA ACT
नोमान अंसारी – 302/34 IPC
हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह उर्फ ब्लैक ब्यूटी – 120B/302 IPC

आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर लगाम एनडीए सरकार की बड़ी उपलब्धि

आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर लगाम एनडीए सरकार की बड़ी उपलब्धि

  • सुशील कुमार मोदी

-गांधी मैदान ब्लास्ट के दोषियों को सजा सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाने वाला

  • पीएम मोदी ने साहस न दिखाया होता, तो भगदड़ में जाती जानें
  1. यूपीए सरकार के दस साल में आतंकियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया था कि आये दिन न केवल देश के किसी न किसी शहर में सीरियल ब्लाट होते थे, निर्दोष लोगों की जान जाती थी, बल्कि 2013 में प्रधानमंत्री-पद के उम्मीदवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र भाई मोदी को पटना की सभा में निशाना बनाने की कोशिश की गई थी।
    एनडीए सरकार को आतंकवाद और नक्सली हिंसा पर रोक लगाने में बड़ी सफलता मिली।
  2. सात साल में जम्मू-कश्मीर को छोड़ कर देश में कहीं भी आतंकवाद को सर उठाने की हिम्मत नहीं।
    आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर यह मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि है कि आज देशवासी सुरक्षित होकर हर त्योहार मना सकते हैं।
  3. एनआइए कोर्ट ने पटना सीरियल धमाके में दोषी पाए गए 9 में से 4 को फांसी और 2 को उम्र कैद की सजा सुना कर आतंकवाद के विरुद्ध कड़ा संदेश दिया है।
    यह जांच और सुरक्षा एजेंसियों का मनोबल बढ़ाने वाला फैसला है।
  4. आठ साल पहले गांधी मैदान धमाके के समय सभास्थल पर मौजूद नरेंद्र भाई ने उस दिन अदम्य साहस और सूझबूझ का परिचय दिया था।
    उन्होंने धमके की खुफिया सूचना के बावजूद कार्यक्रम स्थगित नहीं किया और विस्फोट के बीच भाषण जारी रखते हुए जनता को एहसास नहीं होने दिया कि कोई आतंकी हमला हुआ था।
    यदि विस्फोट की बात से भगदड़ मचती, तो बड़ी संख्या में जानें जा सकती थीं।

बिहार में शराब बंदी जारी रहेंगा

नीतीश कुमार के जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान आज गृह, पुलिस, सामान्य प्रशासन और जमीन जुड़े मामले की सुनवाई हुई ।इस बार भी सबसे अधिक मामला पुलिस द्वारा कारवाई नहीं किये जाने से ही जुड़ा हुआ था । इसमें एक बुजुर्ग अचानक रोने लगा। CM ने जब रोने का कारण पूछा तो बुजुर्ग ने कहा कि साहब, मेरे बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अब मेरा कोई सहारा नहीं है।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा

इस पर CM ने वृद्ध फरियादी को DGP के पास भेजा और कहा कि DGP इस मामले को देखेंगे।जेपी सेनानी पेंशन नहीं मिलने की शिकायत लेकर पहुंचे। कहा कि 1974 में जेल गए थे। लेकिन पेंशन नहीं मिल रही। सीएम ने कहा कि अब तक कहां थे। फरियादी बेतिया जिले से आए थे।

मंहगाई के सवाल पर नीतीश ने साधी चुप्पी पूरे कहां पूरे देश का मामला इसमें मैं क्या राय दू

उन्‍हें संबंधित विभाग के अधिकारी के पास भेज दिया गया। एक बुजुर्ग आते ही रोने लगे। कहा कि जमीन के विवाद में पुलिस उनके ही बेटे को गिरफ्तार कर ले गई। एक महिला ने बताया पति की हत्‍या हो गई लेकिन न तो आज तक कोई कार्रवाई हुई न मुआवजा मिला।

कोरोना को लेकर अलर्ट सीएम ने कहां सतर्कता हटी दुर्घटना घटी इसलिए सावधान रहना है

वहीं, एक व्यक्ति ने CM से कहा कि गांव के दबंग भू-माफिया ने परेशान कर रखा है। जमीन हमारी है, वो पैसा मांगता है। मेरी पत्नी DIG से शिकायत करने पहुंची तो भू-माफिया ने चौराहे पर इज्जत लूटने की धमकी दी। सर कुछ करिए…। इस पर मुख्यमंत्री ने युवक को DGP के पास भेज दिया।

उपचुनाव के परिणाम को लेकर सीएम ने कहा जनता मालिक है उनके फैसले का सम्मान करेंगे

बेतिया से आए एक युवक ने CM के सामने कहा कि हमारे पिता पुलिस में थे। सर्विस के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। मौत के बाद हमें अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा रही। पुलिस विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि आपके 2-2 भाई नौकरी में हैं, इसीलिए आपको अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जा सकती। इस पर मुख्यमंत्री ने DGP को फोन लगाकर कहा कि जब अनुकंपा पर नौकरी दी जाती है तो इस युवक को नौकरी क्यों नहीं मिली? अगर कोई तकनीकी बाधा है तो देखिए।

पुलिस ने इतना मारा कि दिव्यांग हो गए

शराबबंदी के साथ पूरा राज्य खड़ा है इसलिए शराबबंदी वापस लेने का सवाल ही नहीं

एक दिव्यांग व्यक्ति ने पुलिस की शिकायत करते हुए कहा कि कोलकाता में काम करता था। गांव आया था। एक न्योता में बाइक से गया। जब गांव लौट रहा था तो पुलिस ने पकड़ लिया। लाइसेंस मांगा तो नहीं था। इस पर पुलिस ने एक हजार रुपए मांगे। उसके पास रुपए नहीं थे। फिर पुलिस वालों ने उसे खूब मारा। वो बेहोश हो गए। बाद में पुलिस वाले ही उसे अस्पताल ले गए। जब युवक पुलिस थाने में गया तो उसका केस दर्ज नहीं किया जा रहा है। युवक ह्वील चेयर के सहारे जनता दरबार में पहुंचा था।

जनता दरबार में एक लड़की ने CM से कहा कि मेरे पापा का एक साल पहले अपहरण हो गया। भू-माफिया ने जमीन हड़प ली, अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। CM नीतीश कुमार ने तुरंत DGP को फोन कर मामले को गंभीरता से देखने को कहा।

जनता दरबार खत्म होने के बाद मीडिया के सवालों का जबाव देते हुआ कहां कि बिहार विधानसभा उपचुनाव ,शराब बंदी और कोरोना से जुड़े सवालों का जबाव दिए ।

कोरोना और सांप्रदायिकता तनाव को देखते हुए पूरे राज्य में जारी हुआ अलर्ट

दीपावली और छठ को देखते हुए राज्य सरकार ने पूरे राज्य में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है और पुलिस अधिकारियों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारी और मेडिकल फील्ड से जुड़े कर्मियों की छुट्टी अगले आदेश तक के लिए रद्द कर दिया गया है ।

कोरोना और सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों पर विशेष नजर रखने का निर्देश जारी किया गया है और इसके लिए रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट पर दो लेयर में सुरक्षा और स्वास्थ्य कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल का पूरी तौर पर पालन हो सके ।

पुलिस मुख्यालय ने इसको लेकर एक निर्देश जारी किया है डीजीपी एसके सिंघल के आदेश पर एडीजी विधि-व्यवस्था विनय कुमार ने छुट्टी पर रोक लगाने से संबंधित पत्र जारी कर दिया है। आदेश के तहत दिवाली, काली पूजा और छठ महापर्व पर विधि-व्यवस्था व सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए 12 दिनों तक पुलिसकर्मियों के सभी प्रकार के अवकाश पर रोक लगाई गई है।

हालांकि विशेष परिस्थितियों में बहुत जरूरी होने पर अवकाश दिया जा सकता है। इसकी मंजूरी जिला, रेल और अन्य इकाइयों के वरीय पुलिस अधिकारी से लेनी होगी। आदेश की कॉपी सभी जिलों के एसएसपी-एसपी के अलावा इकाइयों और बिहार विशेष सशस्त्रत्त् पुलिस के कमांडेंट को भेज दी गई है।

इसी तरह स्वास्थ्य विभाग की और से भी सभी सिविल सर्जन और डीएम को निर्देश जारी किया है जिसके तहत कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन शत प्रतिशत हो इसके लिए रेलवे स्टेशन ,बस स्टेंड और एयरपोर्ट पर विशेष जांच व्यवस्था कराने का निर्देश जारी किया है ।

बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम चौकाने वाला हो सकता है!

बिहार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम जो भी हो लेकिन चुनाव का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा यह साफ दिख रहा है, वोटिंग ट्रेंड एनडीए के पक्ष में नहीं है ,महिला वोटर 2005 के चुनाव बाद पहली बार घर से बाहर नहीं निकली है जैसे पहले निकलती थी। वही वोटिंग प्रतिशत की बात करे तो दोनों जगह लगभग 5 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है, अगर जदयू चुनाव हारती है तो जदयू और भाजपा के बीच दूरियां बढ़ सकती है क्यों कि इस चुनाव में भी साफ दिख रहा था कि बीजेपी का कार्यकर्ता उदासीन ही नहीं था जदयू चुनाव हार जाये इस तरह खुलकर बात भी कर रहा था दिल की सुनो उसी और इशारा था एक और बात जो पूरे मतदान के दौरान चर्चा में रहा वह था सरसों तेल की कीमत (मिथिलांचल में करुआ तेल कहते हैं) इसको लेकर महिला मतदाता चर्चा कर रही थी ,इसका कितना असर वोट पर पड़ा यह फिलहाल कहना मुश्किल है, वैसे इस बार जदयू प्रशासनिक और मीडिया प्रबंधन में बाजीगर रहा , फिर भी परिणाम क्या होगा कहना मुश्किल है क्यों कि तारापुर विधानसभा में यादव और मुसलमान भी वोट देने के लिए उस तरीके से बाहर नहीं आया जैसे आते रहे हैं ।1—मतदान का प्रतिशत कम रहा इस बार कुशेश्वरस्थान में 49% तो तारापुर में 50.04 % वोटिंग हुई है। आम चुनाव 2020 की तुलना में दोनों सीटों पर मतदान का प्रतिशत कम रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में तारापुर में 54.43%, जबकि कुशेश्वरस्थान में 55.8 फीसदी वोटिंग हुई थी।बात महिला वोटर कि करे तो कुशेश्वर स्थान 49,6 प्रतिशत वोटिंग हुई है जिसमें 48,3 प्रतिशत पुरुष और 50.9%महिला वोट की है वहीं तारापुर की बात करे पुरुष की तुलना में मात्र पांच हजार अधिक वोट महिला की है ।फिर भी किसके सिर ताज बंधेगा कहना मुश्किल है

मुख्यमंत्री ने जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का किया विधिवत उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का किया विधिवत उद्घाटन

पटना, 30 अक्टूबर 2021 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज पटना के कंकड़बाग में नवनिर्मित जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का मंत्रोच्चार एवं शंख ध्वनि के बीच फीता काटकर तथा नारियल फोड़कर विधिवत उद्घाटन किया। इसके साथ ही अब जयप्रभा मेदांता सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इन पेशेंट-सर्विस की शुरुआत हो गई, अब मरीज यहां भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अस्पताल के एम०आर०आई०, रेडियेशन रुम, हार्ट कमांड सेंटर, नर्सिंग स्टेशन, आइसोलेशन यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, इंटेंसिव केयर यूनिट, कैथ लैब्स सहित विभिन्न विभागों एवं वार्डो का मुआयना किया। मुख्यमंत्री को जयप्रभा मेदांता अस्पताल के सी०ई०ओ० डॉ० पंकज साहनी ने अस्पताल भ्रमण के दौरान अस्पताल से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल का सीएम ने किया उद्धाटन

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, पटना नगर निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू मेदांता के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ० नरेश त्रेहान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेन्द्र शर्मा, जयप्रभा मेदांता अस्पताल के सी०ई०ओ० डॉ० पंकज साहनी सहित जयप्रभा मेदांता अस्पताल के अन्य चिकित्सकगण / कर्मी अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

जयप्रभा मेदांता अस्पताल बिहार के स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए मिल का पत्थर साबित होगा

इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि आज पटना में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का विधिवत उद्घाटन हुआ है। इसके लिए काफी पहले से प्रयास जारी था। जयप्रभा अस्पताल खोलने की शुरुआत वर्ष 1979 में की गई थी। श्रद्धेय लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की इच्छा थी कि पटना में कैंसर का अस्पताल बनना चाहिए। वर्ष 2005 में जब हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो हमलोगों ने इसका लेकर काफी विचार-विमर्श किया। अस्पताल चलाने वाले कई लोगों से वार्ता की गई लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। हमलोगों को खुशी है कि मेदांता के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डॉ० नरेश त्रेहान पटना में अस्पताल चलाने को तैयार हुये। वर्ष 2006 में जयप्रभा मेदांता अस्पताल का शिलान्यास किया गया था। पिछले वर्ष अस्पताल के ओ०पी०डी० सेवा की शुरुआतक मरीज यहां आकर डॉक्टरों से इलाज करा सकें। हमलोगों की शुरु से इच्छा थी कि जल्द से जल्द अस्पताल पूरी तरह से शुरु हो जाय।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने श्री नरेश त्रेहान साहब से कहा है कि जल्द से जल्द कैंसर का इलाज भी यहां शुरु करा दीजिए क्योंकि लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की इच्छा थी कि यहां कैंसर का अस्पताल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाकी सब बीमारियों का इलाज यहां शुरु हो गया है। इस अस्पताल का हमने मुआयना किया है। यह अस्पताल काफी अच्छा है। उन्होंने कहा कि जयप्रभा मेदांता अस्पताल में गरीब गुरबा लोगों के लिए 25 प्रतिशत बेड आरक्षित किया गया है। गरीब गुरबा लोगों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जो निर्धारित शुल्क हैं उसी शुल्क पर यहां उनका इलाज किया जायेगा। सरकारी कर्मचारियों का भी यहां इलाज नॉर्मल रेट पर होगा। इस अस्पताल के शुरु हो जाने से बिहार के लोगों को काफी सुविधा होगी। प्राइवेट अस्पताल के रूप में मेदांता अस्पताल का देश में काफी नाम है। देश के कई जगहों पर मेदांता अस्पताल खोला गया है। पटना में भी मेदांता अस्पताल की शुरुआत हुई है यह काफी खुशी की बात है। बिहारवासियों को अब इस अस्पताल में इलाज की बेहतर सुविधा मिलेगी।

प्रदेश के सभी कामगारों का ई – श्रम पोर्टल पर होगा निबंधन:

ई-श्रम निबंधन और कार्ड वितरण समारोह संपन्न:
सामाजिक सुरक्षा के तहत श्रमिकों को मिलेगा सभी प्रकार का लाभ:
प्रदेश के सभी कामगारों का ई – श्रम पोर्टल पर होगा निबंधन:
सर्वाधिक निबंधन करने वाले तीन सामान्य सेवा केंद्र संचालक किये गए पुरस्कृत:

आज दिनांक-30.10.2021 को ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) पर निबंधित बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच ई-श्रम कार्ड का निबंधन एवं वितरण समारोह का आयोजन श्रम संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा ‘‘दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान, पटना’’ में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में श्री रामेश्वर तेली, माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार रहे, अध्यक्षता श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग द्वारा की गयी| श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री, श्री रामकृपाल यादव, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री -सह- माननीय सांसद (पाटलिपुत्र) विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में श्रीमती वन्दना किनी, अपर मुख्य सचिव, श्रम संसाधन विभाग, श्री आलोक कुमार, विशेष सचिव, श्रम संसाधन विभाग, सुश्री रंजिता, श्रमायुक्त, बिहार, एवं विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया।

कार्यक्रम में ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के बीच श्री रामेश्वर तेली, माननीय केन्द्रीय राज्य मंत्री, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ई-श्रम कार्ड का वितरण किया गया। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल पर बिहार के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के निबंधन की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने ई-श्रम पोर्टल को असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने हेतु एक अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताया गया।

श्री जिवेश कुमार, माननीय मंत्री, श्रम संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा बताया गया कि देश भर में असंगठित कामगारों के सम्पूर्ण विवरण सहित एक डाटा बेस की आवश्यकता विगत कुछ वर्षों से महसूस की जा रही थी। इसी परिप्रेक्ष्य में श्रम एवं नियोजन मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा हाल के दिनों में लाँच किया गया ई-श्रम पोर्टल के दिशा में उठाया गया एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण कदम है, जिसका प्रासंगिकता लम्बे समय तक बनी रहेगी। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित असंगठित श्रमिकों को न सिर्फ विभिन्न प्रकार की केन्द्र एवं राज्यों की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जा सकेगा साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर एक डाटा बेस तैयार होगा जिससे असंगठित श्रमिकों को Portability of Scheme का भी फायदा मिलेगा। साथ ही प्रवासी श्रमिकों की ट्रेकिंग भी इस पोर्टल के माध्यम सुलभ हो जायेगा। तत्काल ई-श्रम पोर्टल पर निबंधित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अन्तर्गत 2 लाख रूपये का दुर्घटना कवर दिया जाएगा।

अवगत हुआ जा सकता है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा देश भर के लगभग 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों को इस पोर्टल के माध्यम से निबंधित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से बिहार के लिए कुल 3.49 करोड़ असंगठित श्रमिकों को निबंधित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आज के तारीख में लगभग 75 लाख बिहार के असंगठित श्रमिकों का इस पोर्टल पर निबंधन किया जा चुका है।

राष्ट्रीय ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन निरंतर जारी है, पंचायत चुनाव को लेकर भी इसपर कोई प्रभाव नहीं पड़ रह है| श्रमिक अपनी सुविधानुसार प्रातः या देर शाम निबंधन कार्य करा सकते हैं| साथ ही केद्र सरकार द्वारा प्रायोजित, श्रम योगी मानधन योजना के अंतर्गत निबंधन श्रमिकों के द्वारा कराया जा सकता है|

श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा राज्य में राष्ट्रीय ई – श्रम पोर्टल पर सर्वाधिक निबंधन करने वाले श्रेष्ठ तीन सामान्य सेवा केंद्र संचालकों (VLE) को प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया| जिसमें विभाग द्वारा प्रथम पुरस्कार के रूप में 21 हजार रूपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 15 हजार रूपये और तृतीय के लिए 11 हजार रूपये की राशि पुरस्कार स्वरूप दिया गया| यह प्रतिस्पर्धा प्रति माह सामान्य सेवा केंद्र संचालकों (VLE) के बीच कराया जायेगा, जिससे राज्य के सभी कामगारों का निबंधन ससमय पूरा किया जा सके और निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके|

कार्यक्रम के दौरान ‘‘प्रयास’’ कार्यक्रम के तहत् कर्मचारी राज्य भविष्य निधि संगठन द्वारा ‘‘कर्मचारी भविष्य निधि पेंशन योजना, 1995’’ अन्तर्गत निबंधित सदस्यों को उनके सेवानिवृति के फलस्वरूप PPO (Pension Payment Oder) दिया गया।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा ‘‘कोविड-19 राहत् योजना’’ अन्तर्गत बीमित व्यक्तियों के कोविड-19 के फलस्वरूप मृत्यु की स्थिति में उनके वैध आश्रितों को लाभ दिया गया।

कार्यक्रम का समापन भाषण एव धन्यवाद ज्ञापन श्रमायुक्त, बिहार द्वारा दिया गया।

वोटिंग प्रतिशत पर तय होगा कुशेश्वर स्थान और तारापुर में कौन बनेगा विधायक

बिहार विधानसभा उपचुनाव के प्रचार अभियान के दौरान चुपचाप का नारा खुब चला लेकिन आज एक नया नारा तारापुर और कुशेश्वरस्थान में चल रहा है दिल की सुनो,और ये जो नारा है दिल की सुनो वो सत्तारूढ़ दल के दिल की धड़कनों को तेज कर दिया है ।

दो बजे की तस्वीर है तारापुर विधानसभा का एक भी वोटर मतदान केन्द्र पर मौजूद नहीं है

दिल की सुनो नारे के पीछे एक अखबार के संपादक के साथ साथ सरकार में शामिल दल के मेंटर की भूमिका देखी जा रही है और यही वजह है कि कुशेश्वर स्थान जहां जदयू की जीत तय मानी जा रही थी वहां स्थिति हजार पांच सौ के बीच पहुंच गई है हालांकि मतदान खत्म होने के बाद स्थिति और भी स्पष्ट हो जायेंगी लेकिन वहां वोट का बड़ा बिखराव देखने को मिल रहा ।यही स्थिति तारापुर विधानसभा में भी देखने को मिल रहा है जहां दिल की सुनो नारा जदयू प्रत्याशी को थोड़ी मुश्किल बढ़ा दी है ।

महिला वोटर में वो उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है

हालांकि सब कुछ वोटिंग प्रतिशत पर निर्भर करता है क्यों कि अधिकांश मतदान केन्द्र खाली हो गया और ये स्थिति चुनाव खत्म होने तक बनी रह गयी तो फिर बहुत मुश्किल होगा वापसी ,वैसे राजद का कोर वोटर जहां है वहां भी बहुत ज्यादा उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है । कुशेश्वरस्थान विधानसभा 2020 के चुनाव में कुल 54.42 प्रतिशत मतदान हुआ था और आज की बात करे तो दो बजे तक 41 प्रतिशत के करीब वोट पड़ा है और शाम चार बजे तक ही वोटिंग होनी है यही स्थिति तारापुर विधानसभा क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है अधिकांश मतदान केन्द्रों पर एक दुक्का वोटर आ रहा है । इस बार कही भी महिलाओं की वो लम्बी लाइने देखने को नहीं मिल रही है जो बिहार चुनाव की पहचान रही है ।

11 बजे की तस्वीर है मतदाता अपने समय का कर रहे हैं इन्तजार

तारापुर में 2020 के विधानसभा चुनाव में 55 प्रतिशत वोटिंग हुई थी लेकिन अभी दो बजे तक 42 प्रतिशत के करीब वोटिंग हुई है दोनों जगह का परिणाम वोटिंग प्रतिशत ही निर्भर करेगा ।

बिहार विधानसभा उपचुनाव के दो सीटों पर मतदान शुरु सुबह से ही देखी जा रही है लम्बी कतार

बिहार विधानसभा उपचुनाव में वोटिंग शुरु हो गयी शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी । चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो इसके लिए चुनाव आयोग ने अधिकांश मतदान केन्द्रों पर अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है पुलिस मुख्यालय की माने तो अर्द्धसैनिक बलों की 25 कंपनियों के अलावा बिहार विशेष सशस्त्र बल की 6 कंपनियां भी भेजी गई है। अधिकारी और जवान भी चुनाव ड्यूटी में लगाए गए हैं। सुबह से ही मतदाताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है ।वही सुबह से ही राजद नेता आक्रमक दिख रहे हैं 

1–चुनाव शुरु होते ही लालू ने भरा हुंकार
भेल ही ये दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है लेकिन इन सीटों का परिणाम बिहार की राजनीति में दूरगामी पड़ सकता है यही वजह है कि राजद अपनी पूरी शक्ति लगा दी है मतदान शुरु होने से ठीक पहले लालू प्रसाद अपने वोटर को आक्रामक बनाने के लिए एक बयान जारी किया है जिसमें कहां है कि दोनों सीटों का उप चुनाव जीतते ही वे बिहार की नीतीश सरकार को गिरा देंगे। उन्‍होंने कहा कि उप चुनाव के बाद राजद की सरकार और तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए फार्मूला उन्होंने तैयार कर लिया है।वही दूसरा और तेजस्वी ने बयान जारी करके कहां है कि दोनों सीट जीत रहे हैं और मतदाताओं में जनता में नल-जल योजना में धांधली और महंगाई जैसे मसलों को लेकर काफी नाराजगी है। इसका असर चुनाव में देखने को मिलेगा ।

युवा मतदाताओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है
सुबह से ही लंबी कतारे देखी जा रही है मतदना केन्द्रों पर

2– महिला वोटर के लिए विशेष व्यवस्था इस बार बिहार विधानसभा उप चुनाव में एक नया प्रयोग किया जा रहा है. दोनों विधानसभा क्षेत्रों में कुल 114 सहायक बूथ बनाए हैं, इनमें से 110 सहायक बूथों पर सिर्फ महिलाएं वोट देंगी. इन बूथों पर महिला मतदान कर्मी और महिला सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. विधानसभा चुनाव में महिलाओं को लेकर यह पहली बार प्रयोग किया जा रहा है।

इस बार महिला और पुरुष बराबरी में वोटिंग करने पहुंचे हैं

3–कुशेश्वरस्थान विधानसभा कुशेश्वरस्थान विधानसभा के आठ उम्मीदवारों की किस्मत आज ईवीएम में बंद हो जाएगी।कुशेश्वरस्थान विधानसभा क्षेत्र में वोटरों की संख्या कम है। वहां दो लाख 57 हजार 153 वोटर मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें महिला वोटरों की संख्या एक लाख 21 हजार 974 है।कुशेश्वरस्थान से चुनावी मैदान में जदयू के अमन भूषण हजारी, राजद के गणेश भारती, कांग्रेस के अतिरेक कुमार, लोजपा(रा) अंजू देवी, जाप(लो) के योगी चौपाल, समता पार्टी के सच्चिदानंद पासवान, निर्दलीय जीवछ कुमार हजारी और राम बहादुर आजाद शामिल है ।शाम चार बजे तक वोटिंग होगी 4–तारापुर विधान सभा उप चुनाव  9 प्रत्याशी के भाग्य का फैसला आज ,3 तारापुर में कुल 3.27 लाख मतदाताओं में 1.76 लाख पुरुष और 1.51 लाख महिलाएं हैं.  मतदान,सुबह 7 बजे से ले शाम 4 बजे तक होगा मतदान होना है। मतदान के लिए 406 मतदान केंद्र । जिसमे 5 आदर्श और 10 महिला(पिंक बूथ), 68 सहायक और 52 नक्सल मतदान केंद्र है शामिल ।तारापुर विधानसभा क्षेत्र से राजद के अरुण कुमार, लोजपा(रा) के कुमार चंदन, जदयू के राजीव कुमार सिंह, कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्र, राष्ट्रीय समता पार्टी के उपेंद्र सहनी, द प्लुरल्स पारटी के वशिष्ठ नारायण के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों में अंशु कुमार, दीपक कुमार और शिव गांधी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

ये नजारा कुशेस्वर स्थान विधान सभा का
कुशेश्वरस्थान विधानसभा नाव से जा रहे हैं वोट देने

घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक लगाने में षडयंत्र ते आरोपी को हाईकोर्ट से नहीं मिली जमानत

पटना हाई कोर्ट ने कथित तौर पर घोड़ासहन में रेलवे ट्रैक पर विस्फोटक लगाने में षडयंत्र और विस्फोटक को विस्फोट करने का प्रयास करने के आरोपी गजेंदर शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर दी।जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने गजेंद्र शर्मा द्वारा दायर क्रिमिनल अपील पर सुनवाई की।

इसके साथ ही खंडपीठ ने ट्रायल को दिन प्रतिदिन के आधार पर करने का निर्देश दिया। साथ ही आदेश की प्रति की पेश करने की तारीख से एक वर्ष के भीतर पूरा करने हेतु प्रयास करने का आदेश ट्रायल कोर्ट को दिया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि ट्रायल एक वर्ष में पूरा नहीं होता है, तो अपीलार्थी अपनी जमानत हेतु निचली अदालत में ही याचिका दायर कर सकेगा।

इस अपील में ही जमानत हेतु आग्रह किया गया था। अपील के जरिये अपीलार्थी ने पटना के एन आई ए के विशेष न्यायाधीश द्वारा 19 फरवरी, 2021 को पारित आदेश को रद्द करने की माँग की थी।

अपीलार्थी के अधिवक्ता सिद्धार्थ हर्ष का कहना था कि अपीलार्थी एफ आई आर में नामित नहीं है। अनुसंधान के दौरान नाम आया है। साथ ही अपीलार्थी के अधिवक्ता का यह भी कहना था कि अपीलार्थी 16 फरवरी, 2017 से जेल में है और ट्रायल भी अभी पूरा नहीं हुआ है। 138 चार्जशीट गवाहों में अभी तक सिर्फ 33 गवाहों का परीक्षण हुआ है।

अपीलार्थी के जमानत का विरोध करते हुए एनआईए के विशेष लोक अभियोजक छाया मिश्रा ने कोर्ट को बताया की गवाहों के परीक्षण में देरी कोविड – 19 की वजह से हुआ है। किन्तु, अब चूंकि स्थिति सामान्य हो रही है, इसलिए अभियोजन की ओर से बचे हुए गवाहों का परीक्षण अवलिंब हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अभियोजन उन सभी प्रयासों को करेगा ,जिससे कि अगले 9 महीने में सभी गवाहों का परीक्षण हो जाए। उनका यह भी कहना था कि अपीलार्थी के खाते से पैसों का लेनदेन और इसके स्टूडियो से सामानों की बरामदगी अपराध में सहभागिता को स्पष्ट रूप से प्रमाणित करता है।

सुशील मोदी ने तेजस्वी के बयान पर किया पलटवार गरीबों का वोट छीनने वाला दे रहा है नसीहत

मोदी- ट्वीट

29.10.2021

लालू-राज में होती थी चुनावी हिंसा, मंत्री लुटवाते थे बूथ

  • सुशील कुमार मोदी

एनडीए ने स्थापित किया कानून का राज

  • गरीबों के वोट छीनने के दिन गए
  1. लालू-राबड़ी राज में बिहार का कोई भी चुनाव बिना हिंसा और बूथ लूट के नहीं होता था।
    गरीबों को वोट नहीं देने दिया जाता था, बल्कि उनके वोट छीने जाते थे या साड़ी, शराब या नकद रुपये का लोभ देकर हथियाये जाते थे।
    जिस दौर में राज्य के दर्जनों मंत्री खुद खड़े होकर बूथ लूट की अगुवाई करते थे, वो जमाना चला गया।
    …………………………….
  2. वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में 61 लोग मारे गए थे, जबकि साल भर बाद 2001 में हुए पंचायत चुनाव के दौरान 196 जानें गईं।
    एनडीए ने कानून का राज स्थापित किया है। अब किसी की मजाल नहीं कि भय या प्रलोभन से किसी के वोट हासिल कर ले।
    सत्तारूढ़ दल जनता की सेवा के बदले मजदूरी के रूप में वोट मांगते हैं, बूथ नहीं लूटते।

अबतक एनडीए के कार्यकाल में 9 चुनाव हो चुके हैं परंतु न तो चुनावी हिंसा हुई और न हीं कोई मारा गया।

दिल्ली के कनॉट प्लेस में बिहार के कलात्मक कौशल को ‘बिहारिका’ के रूप में एक और स्थायी ठिकाना मिला

नई दिल्ली,

बिहार की कला और शिल्प को बढ़ावा देने और राज्य के बुनकरों के लिए स्थायी बाजार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, बिहार निवास, चाणक्यपुरी में हस्तशिल्प, हथकरघा और अन्य कलाकृतियों की एक विस्तृत श्रृंखला की शुरुआत की गई है। श्रीमती पलका साहनी (भा.प्र. से), स्थानिक आयुक्त, बिहार भवन ने शुक्रवार को आर्ट कियोस्क ‘बिहारिका’, बिहार की कला डेहरी, का लोकार्पण किया।

दिल्ली के कनॉट प्लेस में अंबापाली बिहार एम्पोरियम के बाद, बिहार के कलात्मक कौशल को ‘बिहारिका’ के रूप में एक और स्थायी ठिकाना मिल गया है।

इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से बेहतरीन हस्तशिल्प और हथकरघा जनित विचारोत्तेजक इंस्टॉलेशन आर्ट को प्रोत्साहित करना है। मंजूषा कला, मधुबनी कला, सिक्की, सुजनी, पेपर माशे, बावन बूटी, ओबरा और मिथिला, तिरहुत, मगध, आंग और भोजपुर के कई अन्य प्रमुख कलाकृतियों से ‘बिहारिका’ को सुसज्जित किया गया है।

बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों, बुनकरों, शिल्पकारों और क्यूरेटरों को स्थानीय कलाकारों और विक्रेताओं की सहायता से एक महत्वाकांक्षी साइट-विशिष्ट आयोगों को साकार करने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रत्येक कलाकार ने अपनी नई प्रदर्शनी के लिए दिल्ली और इसके ऐतिहासिक महत्व पर शोध किया है ताकि प्रत्येक शिल्प खरीदारों और आगंतुकों के लिए सार्थक और प्रासंगिक हो।

स्थानिक आयुक्त ने कहा, “बिहार राज्य पारंपरिक रूप से मधुबनी कला या मिथिला पेंटिंग के लिए बाहरी दुनिया के लिए जाना जाता है, और हम बिहार के विभिन्न जिलों के स्थानीय कलाकारों को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि मधुबनी, मंजूषा, सिक्की, सुजनी सहित बिहार की वो लोक कलाएँ जो वहाँ के लोगों की जीवन शैली का हिस्सा हैं लेकिन बिहार के बाहर बहुत प्रसिद्ध नहीं हैं, वो लोगों के ज्ञान में आ सकते हैं और उन्हें प्रसिद्धि मिल सकती है। पिछले दो वर्षों में, हमने 200 से ज़्यादा कलाकारों को सूचीबद्ध किया है। दिल्ली-स्थित बिहार के कारीगरों ने भी अपनी कलाकृतियों को बिहारिका भेजने के लिए सहमति दी है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में बिहारिका दिल्ली में अपनी अलग पहचान बनाएगा जिससे लोकल बुनकरों और शिल्पकारों को असीम संभावनाएं मिल सकेंगी।”

यह अक्सर उद्धृत किया जाता है कि ‘खानपान के इतिहास को सामान्य रूप से संस्कृति के इतिहास से अलग नहीं किया जा सकता है’। इस अभिव्यक्ति से एक सीख लेते हुए, प्रदर्शनी में भोजन और कला का मिश्रण देखने को मिलेगा, क्योंकि आगंतुक बिहार निवास के ‘द पॉटबेली रेस्तरां’ में बिहार के कई लोकप्रिय व्यंजनों का स्वाद चख सकेंगे। उन्होंने आगे कहा, “बिहारी व्यंजनों के मामले में पॉटबेली पहले से ही अग्रणी रहा है। बिहारिका के उद्घाटन के बाद लोगों को बिहार निवास आने के लिए अधिक रुचि बढ़ेगी।”

बिहार के कलाकारों द्वारा भेजी गई विभिन्न कृतियों को कियोस्क पर प्रदर्शित किया गया है। ये सभी खरीदारों और आगंतुकों के लिए उपलब्ध हैं। इन वस्तुओं को डिजिटल भुगतान के माध्यम से सीधे कलाकारों से खरीदा जा सकता है।

मैं क्रिमिनल थोड़े हैं जो नीतीश को गोली मरवा देंगे

लालू यादव आज फिर मीडिया के सामने आये और तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच जारी विवाद कर खुल कर बोले साथ ही उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भकचोन्हर और विसर्जन जैसी बातो को लेकर जो बवंडर उठा था उसको भी अपने अंदाज में शांत करने की कोशिश कि

1–बीजेपी वाले तेज प्रताप को गुमराह कर रहा है

तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) में कोई विवाद नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि तेजस्वी और तेजप्रताप में बैठकर बातचीत भी हुई है. दोनों हमारे बेटे हैं आने के बाद सबको इकट्ठा किए हैं दोनों भाई एक साथ हैं सब परिवार एक साथ है तेज प्रताप के साथ बीजेपी के कुछ लोग रहते हैं वो गुमराह करते रहते हैं.

2–मैं क्रिमिनल थोड़े हैं

लालू प्रसाद ने कहा नीतीश कुमार ने विसर्जन का मतलब गलत समझ लिया, वे समझ गए कि मारने के लिए कह रहे हैं,हम क्रिमिनल थोड़े हैं कि गोली मरवा देंगे चुनाव है इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया ताकि उनको फायदा मिले. हमने विसर्जन शब्द बोला यानी चुनाव में सफाया हो जाएगा

3—भकचोन्हर’ पर सफाई दी.
लालू यादव ने भक्त चरण दास पर बोले गए शब्द ‘भकचोन्हर’ पर सफाई दी कहा कि यह कोई विवादित शब्द नहीं है इसका मतलब होता है नासमझ ।यह समझने वाली बात है भोजपूरा जानने वाले और बिहार के लोग जानते हैं कि यह बोलचाल की यह समान्य भाषा है ।

4—मोदी को भगाना मेरा उदेश्य है
लालू यादव ने कहा कि कश्मीर में बिहार के लोगों को मारा जा रहा है. अनुच्छेद 370 के वक्त भी मारा जा रहा था, ये कोई नई बात नहीं है. ऐसे में आतंकी ऐसा कर अपनी मौजूदगी दिखा रहे हैं. केंद्र की राजनीति में भूमिका पूछे जाने पर लालू यादव ने कहा कि केंद्र की राजनीति में हमारी भूमिका होगी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाना और भाजपा को गद्दी से उतारना है।

चार और जिलों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा शीघ्र: मंगल पांडेय

चार और जिलों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा शीघ्र: मंगल पांडेय

रोहतास, किशनगंज, कटिहार और सहरसा में लैब बनाने की प्रक्रिया शुरू

पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव और इलाज का इंतजाम करने में स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आरटीपीसीआर जांच बेहद ही कारगर है। इस जांच के जरिए कोरोना वायरस से पीड़ित होने की जानकारी मिल जाती है, जिससे वायरस का प्रसार रोकने और पीड़ित का इलाज करना आसान होता है।

श्री पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा को सरल और सुलभ बना रही है। रोहतास, किशनगंज, कटिहार और सहरसा जिला के सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल प्रदेश के 33 जिलों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध है। पिछले साल कोरोना का कहर शुरू हुआ था तो संक्रमण की पुष्टि कर पाना काफी कठिन था। इसलिये राज्य सरकार कोरोना जांच की व्यवस्था को सुदृढ़ कर रही है।

श्री पांडेय ने कहा कि रोहतास, किशनगंज, कटिहार और सहरसा में आरटीपीसीआर लैब बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इस जांच की सुविधा प्रदेश के 37 जिलों में हो जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कोरोना से बचाव को लेकर टीकाकरण में तेजी लायी जा रहा है।

विधान सभा उप चुनाव को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर हुआ तेज जदयू ने भी किया पलटवार

बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी बयानबाजी चरम पर पहुंच गया है राजद नेता तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहां कि जनता अपना फैसला तय कर चुकी है। लड़ाई किसी पार्टी के बीच नहीं, बल्कि जनता और सरकार के बीच है।न्‍होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा-जदयू के नेता चुनाव प्रचार की समयसीमा खत्‍म होने के बाद भी तारापुर और कुशेश्‍वरस्‍थान में जमे हुए हैं। सत्‍ताधारी दल चुनाव में गड़बड़ी की कोशिश में जुटे हुए हैं। वोटरों को गुमराह करने के लिए साड़‍ियां बांट रहे हैं और प्रलोभन दे रहे हैं।

तेजस्‍वी ने कहा कि मतदान के दौरान बूथों पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की प्रतिनियुक्ति होनी चाहिए। बिहार की पुलिस जदयू की कार्यकर्ता की तरह व्‍यवहार कर रही है। उन्‍होंने अधिकारियों पर भी पक्षपात करने का भी आरोप लगाया। तेजस्‍वी ने डीएसपी स्‍तर के एक अधिकारी को शिकायत के बाद चुनाव आयोग के स्‍तर से हटाए जाने का जिक्र करते हुए बाकी अफसरों को चेतावनी भी दी।उन्‍होंने कहा कि मतदान के दौरान गड़बड़ी की शिकायत मिली तो वे हेलीकाप्‍टर से मौके पर पहुंच जाएंगे।

तेजस्वी के इस बयान पर जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि उनके पास जो भी शिकायतें या वीडियो है वह लेकर चुनाव आयोग के पास जाए,निखिल मंडल से जब यह पूछा तेजस्वी यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में सरकार चली गई किसी को पता था क्या इस पर निखिल मंडल ने कहा कि उनका फिजिक्स केमेस्ट्री मैथमेटिक्स तीनों खराब है वह नवमी पास है उन्होंने यह भी कहा कि पहले तो वह जीत ही नही रहे हैं और अगर जीत भी जाते हैं तो 121 काआंकड़ा कहा से पार करेंगे।

वही हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हार देख कर तेजस्वी बौखला गये हैं नीतीश कुमार काम पर विश्वास करते और बिहार की जनता उनके साथ है ।