पटना । बिहार सरकार ने सोमवार को जाति-आधारित गणना-2022 के आंकड़ों का पहला सेट जारी किया, जिसमें राज्य में पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों (ईबीसी) की आबादी का अनुपात क्रमशः 27% और 36% बताया गया है। 19.7 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति से है और 1.7 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति से है। सामान्य जनसंख्या 15.5 प्रतिशत है। राज्य की कुल जनसंख्या 13.1 करोड़ से अधिक है।
बिहार जाति आधारित सर्वेक्षण का डेटा जारी करने वाला पहला राज्य बन गया है। जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट बिहार में OBC की संख्यात्मक श्रेष्ठता और चुनावी प्रभाव को रेखांकित करती है। आंकड़ों के मुताबिक, OBC अब राज्य के 63.1 प्रतिशत हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बाद में ऐतिहासिक दिन पर ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए राज्य सरकार की अलग-अलग सराहना की।
नीतीश कुमार ने कहा, “बिहार में जाति-आधारित जनगणना को लेकर जल्द ही बिहार विधानसभा में नौ दलों (उपमुख्यमंत्री की राष्ट्रीय जनता दल और सहयोगी से कट्टर प्रतिद्वंद्वी बनी भाजपा सहित) की बैठक बुलाई जाएगी। उन्हें परिणामों के बारे में सूचित किया जाएगा।”
विपक्षी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) मांग कर रहा है कि सर्वेक्षण को राष्ट्रीय स्तर पर एक मुद्दा बनाने के प्रयास में किया जाना चाहिए, जिस पर वे 2024 का राष्ट्रीय चुनाव लड़ेंगे।
सोमवार को जारी जातिगत जनगणना के आंकड़े कहते हैं कि राज्य में कुल 13 करोड़ से ज्यादा की आबादी है। जो 2011 की जनगणना के मुकाबले 25.5% से ज्यादा है। पिछड़ा वर्ग की कुल आबादी राज्य की जनसंख्या का 63 फीसदी से भी ज्यादा है। इनमें 27 फीसदी से ज्यादा पिछड़ी जातियां तो 36 फीसदी से ज्यादा अति पिछड़ी जातियां भी शामिल हैं। अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फीसदी है। वहीं, अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.68 फीसदी है। इसके साथ ही कुल आबादी में सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी करीब 15.52 फीसदी है।
आंकड़ों में कहा गया है कि यादव एकमात्र जाति है जिसकी आबादी राज्य में 10 फीसदी से भी ज्यादा है। प्रदेश में सिर्फ तीन जातियां ऐसी जिनकी आबादी पांच फीसदी से ज्यादा है।
पिछड़ा वर्ग, जिसमें 30 जातियाँ शामिल हैं, 27.12% हैं और उच्च जातियाँ (चार हिंदू और तीन मुस्लिम जातियाँ शामिल हैं) 15.52% आबादी हैं। अनुसूचित जाति (एससी), जिसमें 22 जातियां शामिल हैं, 19.65% हैं और अनुसूचित जनजाति, जिसमें 32 उपजातियां शामिल हैं, 1.68% हैं। पिछड़े वर्गों में यादवों की आबादी 14.26% है, जबकि कुशवाह और कुर्मी 4.27% और 2.87% हैं।
आइये जानते हैं कि बिहार जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट क्या है? किस जाति की कितनी आबादी है? किन जातियों की संख्या सबसे ज्यादा है? सबसे कम किस जाति के लोग हैं?
Bihar Caste Survey 2023 : जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई नवंबर तक स्थगित कर दी । पूर्व IAS अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी की याचिका पर SC ने सुनवाई 3 नवंबर तक के लिए टाल दी ।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ समय की कमी के कारण मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई नहीं कर सकी क्योंकि यह बोर्ड में शीर्ष पर सूचीबद्ध नहीं था और अब इस पर 3 नवंबर को सुनवाई करेगी।
यह याचिका गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से दायर की गई है। उमा कृष्णैया की याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 के संशोधन के जरिए पूर्व व्यापी प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में संशोधन किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोषी आनंद मोहन को छूट का लाभ दिया जाए।
इससे पहले अगस्त में सुनवाई के दौरान SC ने बिहार सरकार से पूर्व सांसद की रिहाई पर जवाब मांगा था। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि जेल मैनुअल में संशोधन के बाद सजा पाने वाले कितने दोषियों को पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ इस साल अप्रैल में रिहा किया गया, इस पर जवाब देते हुए बिहार सरकार ने कोर्ट को बताया कि आनंद मोहन सहित 97 दोषियों को सजा में छूट देकर जेल से रिहा किया गया था। 11 अगस्त को शीर्ष अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी थी और इसे सितंबर के आखिरी सप्ताह में पोस्ट किया था।
1994 में, गोपालगंज के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट कृष्णैया को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था, जब उनके वाहन ने गैंगस्टर छोटन शुक्ला के अंतिम संस्कार के जुलूस को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी। भीड़ को आनंद मोहन सिंह ने उकसाया था। इस मामले मे आनंद मोहन को उम्रकैद की सजा मिली थी।
नई दिल्ली । शुक्रवार को दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और 14 अन्य आरोपियों को नौकरी के लिए भूमि घोटाला ( Land For Job Scam ) मामले में नए आरोप पत्र के संबंध में समन जारी किया। सभी राउज एवेन्यू कोर्ट में 4 अक्तूबर को पेश हाेंगे ।
इस मामले में लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की 21 सितंबर को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई और अब यह सुनवाई आज यानी की 22 सितंबर हुई है । इससे पहले इस मामले की सुनवाई 8 अगस्त को होनी थी, जो टल गई थी, इसके बाद सुनवाई को बढ़ाकर 12 सितंबर तक किया गया था, जिसे कोर्ट 21 सितंबर तक टाल दिया था ।
CBI ने 3 जुलाई को कथित भूमि-नौकरी घोटाले में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और 14 अन्य को नामित करते हुए आरोप पत्र दायर किया था। एजेंसी ने अदालत को सूचित किया था कि लालू और 3 रेलवे अधिकारियों – महीप कपूर, मनोज पांडे और पीएल बनकर के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी की आवश्यकता होगी।
गुरुवार को, CBI ने अदालत को सूचित किया कि उन्हें इस सप्ताह की शुरुआत में कपूर, पांडे और बनकर के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। एजेंसी ने पहले अदालत को सूचित किया था कि लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी भी इस महीने की शुरुआत में गृह मंत्रालय से मिल गई थी।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने 3 जुलाई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर एक नए आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन जारी करते हुए 4 अक्टूबर को उसके सामने पेश होने के लिए कहा है।
Land For Job Scam उस समय का है जब RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव साल 2004 से 2009 के बीच UPA सरकार में रेल मंत्री थे। CBI ने आरोप लगाया है कि 2004 से 2009 के बीच भारतीय रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप D के पदों पर कई लोगों की नियुक्ति की गई, जिन्होंने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों के नाम कर दी ।
इस मामले में CBI जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब आरोप है कि जो जमीनें ली गईं थी, वो लालू यादव ने पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर ली थी।
Bihar News: Land For Job Scam: दिल्ली कोर्ट ने लालू, राबड़ी, तेजस्वी समेत 14 अन्य आरोपियों को समन जारी किया; 4 अक्तूबर को हाेंगे पेश ।
सामान्य प्रशासन निभाग की तरफ से तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 8, भारतीय रेल सेवा (IRSS ) के 1 व बिहार प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है।
बिहार के सीवान में दिन-दहाड़े BJP नेता की हत्या, पुलिस ने दर्ज किया मामला ।
SC ने बिहार जाति सर्वेक्षण मामले की सुनवाई अक्टूबर तक के लिए स्थगित की ।
पटना । बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने गुरुवार को दो अलग-अलग अधिसूचना जारी कर राज्य के 9 आईएएस अधिकारियों समेत 6 एसडीओ का भी तबादला कर दिया है। सामान्य प्रशासन निभाग की तरफ से तबादले की अधिसूचना जारी कर दी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 8, भारतीय रेल सेवा (IRSS ) के 1 व बिहार प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया गया है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2006 बैच के आईएएस अधिकारी दयानिधान पांडेय को भागलपुर आयुक्त के पद से स्थानांनतरित करते हुए चकबंदी, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का निदेशक बनाया है
मुंगेर आयुक्त के पद पर तैनात भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2007 बैच के अधिकारी संजय कुमार सिंह को भागलपुर प्रमंडल के आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।
कला संस्कृति विभाग के अपर सचिव दीपक आनंद को उपभोक्ता संरक्षण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग में निदेशक
कृषि विभाग के संयुक्त सचिव अनिल कुमार झा को राजस्व पर्षद, पटना के सचिव,
सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार को ग्रामीण विकास विभाग में मनरेगा आयुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गयी है
वाणिज्य-कर विभाग की संयुक्त सचिव रूबी को सांस्कृतिक कार्य निदेशालय के निदेशक एवं संयुक्त सचिव का अतिरिक्त प्रभार में भी रहेंगी
जबकि कृषि विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार सिंह को भवन निर्माण विभाग में संयुक्त सचिव
सहकारिता विभाग के संयुक्त सचिव अभय झा को बिहार राज्य पथ परिवहन निगम, पटना के प्रशासक की जिम्मेदारी सौँपी गयी है
जबकि परिवहन निगम के प्रशासक के अतिरिक्त प्रभार से लघु जल संसाधन विभाग की विशेष सचिव आशिमा जैन को मुक्त कर दिया गया है
सामान्य प्रशासन विभाग ने भारतीय रेल सेवा (IRSS) के सन्नी सिन्हा परिवहन विभाग के विशेष सचिव के पद से स्थानांतरित करते हुए बिहार राज्य पाठय-पुस्तक प्रकाशन निगम लिमिटेड, पटना का निदेशक पद पर पदस्थापित किया है
पटना । 16 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें इस बहिष्कार की जानकारी नहीं थी। उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसा लगता है कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी ने कुछ पत्रकारों का समर्थन प्राप्त कर लिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने I.N.D.I.A के पत्रकार बहिष्कार की जानकारी से इनकार किया। उन्होंने कहा :- ‘
“हम नहीं जानते हैं कौन पत्रकार का सूची निकाला है , ई सब गलत बात है।” “हमको कुछ नहीं पता है , हम सब पत्रकार को सपोर्ट करते हैं।”
I.N.D.I.A गठबंधन ने 14 टीवी एंकरों की एक सूची प्रकाशित की है, जिन्हें आने वाले दिनों में बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने 14 सितंबर को एक मंच पर इस फैसले की घोषणा की और कहा, “यह निर्णय आज पहले आयोजित एक आभासी बैठक के दौरान भारत मीडिया समिति द्वारा किया गया था।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विशिष्ट पत्रकार शो का बहिष्कार करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A) की आलोचना की और उनके दृष्टिकोण को “अत्यधिक दमनकारी, तानाशाही और प्रतिकूल” बताया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए I.N.D.I.A गठबंधन पर बरसे और कहा बिहार में मोदी जी के समर्थन में 2019 के चुनावों का 39 सीट का रिकार्ड टूटेगा, NDA 2024 के आम चुनाव में बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतेगा।
इससे पहले मधुबनी के झंझारपुर में बिहार BJP के अध्यक्ष स्मार्ट चौधरी बोले “इस देश में जो घमंडी गठबंधन के लोग और बिहार में जो लठबंधन के साथी बने हैं इसको उखाड़ कर फेंकने का काम इस झंझारपुर से करेंगे” ।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा- ‘बिहार के अंदर गोलीबारी, लूट, अपहरण, पत्रकारों की हत्या और दलितों की हत्या के किस्से बढ़ते जा रहे हैं’। उन्होंने कहा, “बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति हर दिन खराब होती जा रही है और महागठबंधन की मौजूदगी से आने वाले दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाएगी।”
केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah ने कहा ‘कुछ दिन पहले लालू-नीतीश ने फतवा जारी किया कि बिहार में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी की छुट्टी नहीं होगी लेकिन इसके बाद जनता ने जो आक्रोश दिखाया मैं उसका सम्मान करता हूं’। ‘बिहार सरकार ने हिंदू त्योहारों की छुट्टियां घटाईं, ये लोग अब सनातन पर हमला कर रहे हैं’ ।
अमित शाह ने कहा- ‘लालू जी एक्टिव हो गए हैं, नीतीश जी इनएक्टिव, अब आप समझ जाओ बिहार कैसा चलेगा’ बिहार में हर तरफ जंगल राज’ हैं । नीतीश-लालू गठबंधन तेल और पानी के मिश्रण की तरह है और “वे लंबे समय तक बरकरार नहीं रह सकते।” उन्होंने दावा किया कि गठबंधन ने राम मंदिर निर्माण का विरोध किया था और इसके निर्माण को रोकने की पूरी कोशिश की थी ।
गृह मंत्री Amit Shah ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू प्रमुख नीतीश कुमार कभी नहीं चाहते थे कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया जाये ।
उन्होंने कहा, “लालू अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और नीतीश कुमार पीएम बनना चाहते हैं। लेकिन उनकी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होंगी। मोदीजी 2024 में पीएम बनेंगे। अगर मोदीजी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बने तो पूरा सीमांचल क्षेत्र घुसपैठियों से भर जाएगा। यह वोट बैंक की राजनीति करने के लिए लालू कुछ भी करने के लिए तैयार हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री Amit Shah ने कहा लालू जी गरीबों की बात करते हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने गरीबों के लिए क्या किया है? मोदी जी ने 86 लाख किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिये और बिहार के किसानों के खाते में सीधे 19,800 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये। मिथिला के मखाने को जीआइ टैग देने का काम मोदीजी ने किया। किसानों को इससे फायदा होगा। सवा चार सौ करोड़ की लागत से कई स्टेशनों का पुन: विकास करने का काम हमारी सरकार कर रही है। मैं लालू जी से पूछ रहा हूं। 10 साल आप केंद्र में मंत्री थे, बिहार को क्या दिया।
दरभंगा AIIMS पर गृह मंत्री अमित शाह का नीतीश कुमार को जवाब, ‘नीतीश जी जरा गड्ढे वाली जमीन में झुककर देखिए और बताइए इसमें AIIMS कहां बनेगा’ ।
Amit Shah ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण ही अफ्रीकी संघ को G-20 में शामिल किया गया। शाह ने कहा कि चंद्रयान जब लैंड किया तो मन आनंद से भर गया। यह भारत के आर्थिक विकास का नक्शा खींचने वाला है। कई देश भारत के साथ व्यापार करने को लालायित हैं। उन्हें भारत पर विश्वास है। मोदी जी ने G-20 के माध्यम से भारत को विश्व में स्थापित किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज 16 सितंबर को बिहार दौरे पर रहेंगे । आगामी Lok Sabha Election 2024 को लेकर BJP पार्टी के कद्दावर नेता बिहार का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज अमित शाह बिहार का दौरा करेंगे। गृह मंत्री का पिछले एक साल में बिहार का छठा दौरा होगा।
गृहमंत्री के आगमन को लेकर सीमा पर तैनात सशस्त्र सुरक्षा बलों के द्वारा सीमा पर ज्वाइंट पेट्रोलिंग कराई जा रही है। सीमावर्ती इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भारत-नेपाल के जोगबनी स्थित इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट पर जाने का कार्यक्रम है। अमित शाह यहां पर SSB जवानों के लिए आवासीय भवन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही SSB 56 बटालियन स्थित भवन का भी ऑनलाइन उद्घाटन करेंगे।
गृहमंत्री अमित साह एक बजकर दस मिनट पर दरभंगा एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से चलेंगे और एक बजकर 25 मिनट पर झंझारपुर स्टेडियम पहुंचेंगे। एक बजकर तीस मिनट पर वे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। झंझारपुर के ललित कर्पूरी स्टेडियम में दोपहर 2 बजे एक रैली को करेंगे संबोधित।
यह इलाका लालू यादव का गढ़ है। यादव और मुस्लिम, आरजेडी का MY समीकरण माना जाता है। झंझारपुर की जनसभा से अमित शाह एक साथ दो इलाकों को साधेंगे। मिथिलांचल में अमित शाह जहां पर अपनी यह सभा करेंगे यह इलाका ( दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर सुपौल, मधेपुरा, सहरसा ) सबसे अधिक यादव और मुस्लिम समुदाय बहुल क्षेत्र है। अमित शाह अपनी इस रैली से लालू के परंपरागता वोटरों में सेंघमारी करने का प्रयास करेंगे।
बिहार दौरा के क्रम में अमित शाह आज BJP कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी करेंगे। जोगबनी में लगभग एक हजार बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होनी है जिसमें वे उन्हें 2024 चुनाव को लेकर गुरुमंत्र देंगे । माना जा रहा है कि अमित शाह बिहार दौरे पर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए उनके साथ बैठक भी करेंगे।
मुख्य परीक्षा 30, 31 दिसंबर 2022 और 7 जनवरी 2023 को पटना में आयोजित की गई थी
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मुजफ्फरपुर । मुजफ्फरपुर से एक दुखद घटना सामने आई है। मुजफ्फरपुर जिले के बेनीबाद सहायक थाना क्षेत्र में गुरुवार को बागमती नदी में एक नाव पलट गई। बताया जा रहा है कि नाव में 30-35 बच्चे सवार थे, जिनमे महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। इस घटना में एक दर्जन से अधिक बच्चे लापता बताए जा रहे हैं। बताया जाता है कि बच्चे नाव पर सवार होकर स्कूल जा रहे थे।
यह हादसा सुबह साढ़े 9 बजे गायघाट थाना क्षेत्र के बेनीबाद OP में हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही गायघाट और बेनीबाद पुलिस के साथ SDRF-NDRF की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया और अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। कुछ लोगों ने तैर कर अपनी जान बचाई।
जानकारी के अनुसार अब तक 20 बच्चों को नदी से बाहर निकाल लिया गया है और बाकी एक दर्जन से अधिक बच्चे लापता हैं। बताया जा रहा है कि बच्चों के स्कूल नदी के उस पार है और हर रोज की तरह आज भी वे सब नाव से स्कूल जा रहे थे। अचानक से नदी का बहाव तेज होने के कारण नाव पलट गई और यह हादसा हो गया। इस दर्दनाक घटना के इलाके में ही नहीं बल्कि पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है।
इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से वो नदी पर पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन उनकी बात को नहीं सुना गया। हादसा प्रशासन और सरकार की उदसीनता का नतीजा है। नाव पर बच्चों के साथ कुछ महिलाओं के भी सवार होने की भी बात कही जा रही है।
नई दिल्ली। मंगलवार को लैंड फॉर जॉब घोटाला (Land for Job Scam) मामले में गृह मंत्रालय ने लालू यादव के खिलाफ CBI को केस चलाने की अनुमति दे दी है। इसकी जानकारी सीबीआई ने इस बात की जानकार एवेन्यू कोर्ट को दी गई। दलीलों पर गौर करते हुए अदालत ने मामले को 21 सितंबर को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
विशेष लोक अभियोजक अधिवक्ता डीपी सिंह के माध्यम से सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल को सूचित किया कि लालू प्रसाद के खिलाफ मंजूरी गृह मंत्रालय से मिल गई है, लेकिन रेलवे के तीन पूर्व अधिकारियों के खिलाफ मंजूरी अभी तक नहीं मिली है। सीबीआई ने आगे कहा कि शेष मंजूरी एक सप्ताह के भीतर प्राप्त होने की उम्मीद है।
लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। माना जा रहा है कि लालू के ऊपर रेलवे में नौकरी के बदले जमीन रजिस्ट्री कराने का मालला दर्ज था। इस मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
इसके साथ ही इस मामले में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई की तरफ से दायर चार्जशीट पर सुनवाई एक बार फिर से टल गई है। दिल्ली का राउज एवेन्यू कोर्ट में अब 21 सितंबर को मामले की सुनवाई होगी।
हाल ही में CBI ने लैंड फॉर जॉब कथित घोटाला मामले में लालू प्रसाद समेत बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है।
CBI के अनुसार, तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री, उनकी पत्नी, बेटे, पश्चिम मध्य रेलवे (डब्ल्यूसीआर) के तत्कालीन जीएम, डब्ल्यूसीआर के दो सीपीओ, निजी व्यक्तियों सहित 17 आरोपियों के खिलाफ नामित अदालत में यह दूसरा आरोपपत्र है। नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित एक मामले में कंपनी भी शामिल है।
सनातन धर्म को लेकर लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बयान पर विवाद हो गया है। जगदानंद सिंह ने कहा कि टीका लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया है। भारत जब गुलाम हुआ तो न कर्पूरी ठाकुर थे, न लालू प्रसाद थे, न राम मनोहर लोहिया थे। सिर टीका लगाकर घूमने वालों के कारण भारत गुलाम बना।
हालाँकि JDU ने जगदानंद सिंह के बयान से किनारा किया है । JDU नेता और बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने जमा खान ने कहा कि जदयू और जदयू के नेता नीतीश कुमार सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जगदानंद सिंह को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए थी। देश में आपसी प्रेम और भाईचारा बना रहे यह हर किसी की जिम्मेवारी है।
जगदानंद सिंह ने RSS एवं BJP पर भी हमला बोला और कहा कि ये सिर्फ हिंदू मुसलमान करने में जुटे हैं, हिंदू- मुसलमान में भारत को बांटने से काम नहीं चलेगा। बना लो मंदिर और तोड़ तो मस्जिद, इससे भारत नहीं चलेगा। उन्होंने सनातन पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिसमें भेदभाव हो, लोगों को जाति के नाम पर बांटा जाए, वो धर्म नहीं होता है।
इस बयान ने बिहार में सियासी घमासान मच गया। BJP इसका विरोध कर रही है। जगदानंद सिंह के बयान पर पटलवार करते हुए BJP प्रवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि भारत को वैसे टीकाधारी लोगों ने गुलाम बनाया था जो कुर्सी के लिए सत्ता के लिए, पद के लिए और राज के लिए अपना जमीर, जागीर और धर्म तक बेच दिया। उसी तरह से आज भी सावन में जानवरों का मांस पकाया और खाया जाता है सत्ता के लिए।
कुछ लोग मुख्यमंत्री बनने के लिए नकली बाइबिल और कुछ लोग प्रधानमंत्री बनने के लिए नकली जनेऊ धारण कर रहे हैं। ऐसे लोगों से देश को सावधान रहना होगा। पुत्र के लिए और सत्ता के लिए जो अपने धर्म का नहीं हो सका वह इस देश का क्या होगा। वह सबको बेच सकता है। और जो परवचन दे रहे हैं वह सबकुछ बेच चुके हैं।
बिहार की नीतीश सरकार पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा आरोप ‘कल संभव है कि बिहार में शरिया लागू कर दी जाये और हिंदू त्योहार मनाने पर रोक लग जाये’।
गिरिराज सिंह ने ये X किया है
शिक्षा विभाग,बिहार सरकार द्वारा दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। कल संभव है कि बिहार में शरिया लागू कर दी जाये और हिंदू त्योहार मनाने पर रोक लग जाये।
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 30, 2023
दरअसल, बिहार सरकार के माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से मंगलवार को पत्र जारी किया गया है। इस पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम-से-कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों में कम से कम 220 दिन क्लास चलना चाहिये। लेकिन चुनाव, परीक्षा, विधि-व्यवस्था, त्योहार, अनुष्ठान संबंधी आयोजन, बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं, विभिन्न प्रकार के आयोग की परीक्षाओं /भर्ती परीक्षाओं के कारण स्कूलों में पढाई प्रभावित हो जाती है। इसके अलावा त्योहारों और अनुष्ठानों के मौके पर स्कूलों बंद होने की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है।
ऐसे में शिक्षा विभाग ने ये निर्णय लिया है कि सभी राजकीय / राजकीयकृत / प्रारंभिक और माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक विद्यालयों में साल 2023 के बचे हुए दिनों के लिए एक समान अवकाश होगा।
शिक्षा विभाग के नये आदेश ने बिहार के सरकारी स्कूलों में इस साल की 15 दिनों की छुट्टियां रद्द की है। पहले से घोषित छुट्टी के मुताबिक 30 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी स्कूलों में 25 दिन की छुट्टी होनी थी। लेकिन शिक्षा विभाग ने इसमें से 15 दिनों की छुट्टी रद्द कर दी है।
रद्द छुट्टियां ये हैं…
रक्षाबंधन- 30 अगस्त
चेहल्लूम-6 सितंबर
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी-07 सितंबर
हरितालिका तीज-18-19 सितंबर
अनंत चतुर्दशी/हजरत मो. साहब की जयंती-28 सितंबर
महात्मा गांधी जयंती-02 अक्टूबर
जीवित पुत्रिका व्रत(जीउतिया)-06 अक्टूबर
दुर्गा पूजा/श्री कृष्ण सिंह जयंती-19 से 24 अक्टूबर
दीपावली, चित्रगुप्त पूजा, भैया दूज, छठ पूजा-13 से 21 नवंबर
गुरूनानक जयंती, कार्तिक पूर्णिमा-27 नवंबर
क्रिसमस डे-25 दिसंबर
अहम बात ये है कि जन्माष्टमी जैसे पर्व पर केंद्र सरकार ने एनआई एक्ट के तहत छुट्टी घोषित कर रखी है। यानि सारे सरकारी दफ्तर से लेकर बैंक तक उस दिन बंद रहेंगे लेकिन बिहार के सरकारी स्कूलों को खोलने का आदेश दिया गया है। बिहार सरकार ने 21 अक्टूबर को दुर्गा पूजा के महासप्तमी की छुट्टी घोषित कर रखी है। लेकिन शिक्षा विभाग ने महासप्तमी को स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया है।
पटना । रविवार को बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने व्यापक पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग की । बिहार प्रशासनिक सेवा के चार दर्जन अफसरों के साथ IAS अफसर का भी स्थानांतरण आदेश जारी किया। तबादले किये अधिकारीयों में कई अनुमंडल पदाधिकारी और लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के साथ ही परिवहन एवं अन्य विभागों के अधिकारी शामिल है। इसमें कई अधिकारियों को नई जिम्मेवारी दी गई है तो कई कई अधिकारियों को साइडलाइन किया गया है।
बिहार सरकार ने 21 अनुमंडल में नए SDO की पोस्टिंग की है। बिहार प्रशासनिक सेवा के मूल कोटि और उप सचिव स्तर के अफसरों का ट्रांसफर किया गया है। कुल 48 अधिकारी इधर से उधर हुए हैं। 48 में से कुल 22 अधिकारियों को अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर तैनाती की गई है। अनीता सिंह को अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी जहानाबाद बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना रविवार को जारी की है।
Bihar Transfer-Posting : जानें कहां-कहां हुई ट्रांसफर-पोस्टिंग
समाज कल्याण विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी इंद्रवीर कुमार को सुपौल सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी पश्चिमी चंपारण के जिला भू अर्जन पदाधिकारी नीरज कुमार को सुपौल में वीरपुर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
बक्सर निवासी सारण में मढ़ौरा के अपर अनुमंडल पदाधिकारी नलिन प्रताप राणा को पूर्वी चंपारण के पकड़ी दयाल का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी कुमार ओमकेश्वर को नालंदा में राजगीर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
भागलपुर निवासी बक्सर के जिला पंचायत राज पदाधिकारी उमेश कुमार भारती को दरभंगा में बिरौल का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
जहानाबाद निवासी नालंदा के वरीय उप समाहर्ता आशुतोष रंजन को रोहतास में सासाराम सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मधेपुरा निवासी बेगूसराय के वरीय उप समाहर्ता संजीत कुमार को भोजपुर के जगदीशपुर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
औरंगाबाद निवासी जहानाबाद की अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्रेया कश्यप को भोजपुर जिला के पीरो का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी किसलय श्रीवास्तव को गया सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी कैमूर के अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सुजीत कुमार को गया में टेकारी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
रोहतास निवासी जमुई के अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अनुग्रह नारायण सिंह को गया में शेरघाटी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
रोहतास निवासी हाजीपुर की अपर अनुमंडल पदाधिकारी डॉक्टर प्रेरणा सिंह को सारण मढ़ौरा का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
भागलपुर निवासी सोनपुर के अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार को सीवान में सीवान सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
गया निवासी शेखपुरा के वरीय उपसमाहर्ता अमित कुमार को मुजफ्फरपुर के मुजफ्फरपुर पूर्वी का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष कार्य पदाधिकारी सूर्य प्रकाश गुप्ता को पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
मुजफ्फरपुर निवासी सिवान सदर के अनुमंडल पदाधिकारी रामबाबू बैठा को वैशाली में हाजीपुर सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पूर्णिया निवासी कटिहार की जिला पंचायत राज पदाधिकारी रोजी कुमारी को अररिया में फारबिसगंज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
सीवान निवासी सीतामढ़ी के पुपरी अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरुण कुमार को पूर्वी चंपारण में अरेराज का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
नवादा निवासी भोजपुर के जगदीशपुर की अनुमंडल पदाधिकारी सीमा कुमारी को शिवहर का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
बक्सर निवासी भोजपुर में पीरो के अनुमंडल पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार को पश्चिम चंपारण का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।
समस्तीपुर निवासी अररिया के वरीय उपसमाहर्ता विजय कुमार को कैमूर में भभुआ अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में नियुक्ति मिली है।
आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अविनाश कुमार को जहानाबाद सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
कटिहार निवासी शिवहर के वरीय उपसमाहर्ता अशोक कुमार मंडल को भागलपुर में कहलगांव का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी नालंदा के राजगढ़ की अनुमंडल पदाधिकारी अनिता सिन्हा को जहानाबाद का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी सासाराम के अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार को अररिया का जिला परिवहन पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी भभुआ अनुमंडल पदाधिकारी साकेत कुमार को सीतामढ़ी में पुपरी का अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
भागलपुर निवासी सारण के जिला भू अर्जन पदाधिकारी नवनील कुमार को अररिया सदर का अनुमंडल पदाधिकारी बनाया गया है।
पश्चिमी चंपारण निवासी मुजफ्फरपुर पूर्वी के अनुमंडल पदाधिकारी ज्ञान प्रकाश को जिला पंचायत राज पदाधिकारी बक्सर के रूप में नियुक्ति मिली है।
सीवान निवासी पश्चिमी चंपारण के नरकटियागंज अनुमंडल पदाधिकारी धनंजय कुमार को अररिया का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
नालंदा निवासी पूर्वी चंपारण के अरेराज अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार को सहरसा का जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
रोहतास निवासी गया सदर के अनुमंडल पदाधिकारी राजेश कुमार को सारण का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।
पटना निवासी गया के टेकारी की अनुमंडल पदाधिकारी करिश्मा को कैमूर का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
मधुबनी निवासी गया के शेरघाटी अनुमंडल पदाधिकारी अनिल कुमार रमण को जमुई का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
अरवल निवासी जहानाबाद सदर के अनुमंडल पदाधिकारी मनोज कुमार को किशनगंज का अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी बनाया गया है।
बक्सर निवासी सारण मढ़ौरा के अनुमंडल पदाधिकारी योगेंद्र कुमार को कटिहार जिला पंचायत राज पदाधिकारी बनाया गया है।
रोहतास निवासी पूर्वी चंपारण के पकड़ी दयाल अनुमंडल पदाधिकारी कुमार रविंद्र को पश्चिम चंपारण का जिला आपूर्ति पदाधिकारी बनाया गया है।
सहरसा निवासी वैशाली के हाजीपुर अनुमंडल पदाधिकारी अरुण कुमार को किशनगंज का जिला परिवहन पदाधिकारी बनाया गया है।
सीतामढ़ी निवासी दरभंगा के बिरौल अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार कापर को समस्तीपुर का जिला भू अर्जन पदाधिकारी बनाया गया है।
नई दिल्ली । बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से बिहार के कई परियोजनाओं को लेकर मुलाकात की। तेजस्वी यादव ने कहा कि नितिन गडकरी से बहुत सकरात्मक बातचीत हुई है। नितिन गडकरी एक सकरात्मक व्यक्ति है और वो विकास को लेकर बहुत सकरात्मक रहते हैं।
दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई। बातचीत के दौरन डिप्टी सीएम तेजस्वी ने केंद्रीय मंत्री से बिहार में एक्सप्रेसवे नहीं होने पर बात की। मुलाकात के दौरान तेजस्वी ने बिहार में परिवहन के विकास से जुड़ी कई मांगें रखीं।
बैठक में बक्सर से भागलपुर तक एक्सप्रेसवे, गंगा पर जेपी सेतु के समानांतर पुल, पटना से कोइलवर और अनीसाबाद से दीदारगंज के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण की मांग की गई. इसके अलावा केंद्र की लंबे अरसे से लंबित परियोजनाओं जैसे पटना-गया, हाजीपुर-छपरा, महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया एनएच, मुजफ्फरपुर बाईपास को शीघ्र पूर्ण कराने पर भी विमर्श हुआ।
मुलाकात के बाद तेजस्वी ने कहा कि नितिन गडकरी ने अपनी विशेष गाड़ी ‘हाइड्रोजन कार’ आजमाने के लिए कहा और इससे वो अपने आवास चल रहे हैं। यह कार इसलिए भी अहम है क्योंकि इस कार की अभी देश में टेस्टिंग चल रही है। यह कार सिर्फ नितिन गडकरी के पास है जो इस कार में सफर करते हैं।
Bihar Teacher Exam 2023 : बिहार में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा सबसे बड़ी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा 24 से 26 अगस्त तक दो पालियों में आयोजित की जा रही है। 1.70 लाख पदों के लिए 8.10 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया है। पटना में 40 सेंटर तो सूबे में 876 सेंटर पर इस परीक्षा का आयोजन हो रहा है।
बिहार के जिला और पुलिस प्रशासन को परीक्षा को कदाचार मुक्त कराने का निर्देश दिया है। सभी केन्द्रों पर धारा 144 लागू रहेगा। हर केन्द्र पर पर्यवेक्षक रहेंगे। परीक्षा केन्द्र के 100 गज के अंदर किसी को रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी। परीक्षा को लेकर अफवाह फैलाने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। खासकर फर्जी प्रश्न पत्र वायरल करने वाले गैंग पर प्रशासन की विशेष नजर होगी।
कोई भी बिना अनुमति के परीक्षा केन्द्र से बाहर नहीं निकल सकते । परीक्षा में प्रश्न पत्र सीधे परीक्षा हॉल में भेजा जाएगा और अभ्यर्थियों के समक्ष खोला जाएगा। परीक्षा समाप्ति के बाद OMR सीट सील होगी। पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। इसबार आयोग ने OMR बॉक्स को सील करने के लिए एक जैकेट तैयार किया है।
Bihar Teacher Exam 2023 : जाने परीक्षा के नियम और निर्देश
अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्रों पर प्रथम पाली 0730 बजे पूर्वाह्न एवं द्वितीय पाली 0100 बजे अपराह्न से प्रवेश दिया जायेगा। परीक्षा केन्द्र पर ढाई घंटे पहले अभ्यर्थियों को पहुंचना होगा। जांच-पड़ताल के बाद एक घंटे पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। पेपर शुरू होने से एक घंटा पहले गेट बंद कर दिए जाएंगे।
परीक्षा में बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज होगी। आंख की पुतली का मिलान करने के साथ एडमिड कार्ड का भी मिलान किया जाएगा। अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र पर ढाई घंटे पहले पहुंचना होगा। एक घंटे पहले परीक्षा कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा।
सभी अभ्यर्थियों के लिए हर शिफ्ट में ई एडमिट कार्ड की एक एक्स्ट्रा कॉपी अपने साथ परीक्षा केंद्र ले जाना अनिवार्य होगा। परीक्षा के दौरान वीक्षक के सामने हस्ताक्षर कर उन्हें देना होगा।
परीक्षा केन्द्र पर छात्रों को सिर्फ ब्लैक, ब्लू बॉल पेन और व्हाइट बॉल पेन के साथ प्रवेश मिलेगा। हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट पर रोक होगी।
परीक्षार्थी अपने ऑनलाईन आवेदन में भरे गये मूल फोटो पहचान पत्र साथ में रखना सुनिश्चित करेंगे।
इस परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकृति होगी। परीक्षार्थियों को मार्कर परीक्षा कक्ष में ले जाना वर्जित है।
परीक्षा समाप्ति के बाद भी अभ्यर्थी बिना वीक्षक की अनुमति के बाहर नहीं निकल सकते।
परीक्षा केंद्र सभी 38 जिलों में बनाए गए हैं। तीन दिन तक चलने वाली परीक्षा को देखते हुए सभी जिला मुख्यालयों के होटल और लॉज की बुकिंग अभ्यर्थियों ने पहले ही करा ली है। होटल में कमरे फुल हो चुके हैं। अभ्यर्थी सगे- संबंधियों और जाननेवालों के यहां भी पहुंच रहे हैं।
पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जाति सर्वेक्षण के दौरान ट्रांसजेंडरओं को जाति की सूची में रखने के खिलाफ दायर हुई जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए यह कहा है कि ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों को भूल वश ही जाति की सूची में दर्ज किया गया है। उन्हे इस सर्वेक्षण में एक जाति विशेष ना मानते हुए एक अलग ग्रुप माना जाए जिनकी अपनी एक निश्चित पहचान है।
चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने रेशमा प्रसाद की जनहित याचिका पर सुनवाई की।इन्ही ग्रुप के सदस्यों की सामाजिक आर्थिक और शैक्षणिक हालात से जुड़े जो आंकड़े जुटाए गए, वही तय करेंगे कि ट्रांस जेंडर के सामाजिक उत्थान के लिए उन्हे कल्याणकारी योजनाओं की कितनी ज़रूरत है ।
याचिकाकर्ता जो स्वयं एक ट्रांसजेंडर समुदाय से है, उसने हाई कोर्ट से अनुरोध किया कि जाति सर्वेक्षण के आंकड़े जुटाना में एन्यूमैरेटरों को जो फार्म दिया गया है, उस फॉर्म में ट्रांसजेंडर को जाति की सूची में उल्लेखित किया गया है।
ये ट्रांसजेंडरों के अलग अस्तित्व एवं पहचान होने के मौलिक अधिकार का हनन है।राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि 24 अप्रैल,2023 को ही सभी जिला अधिकारियों को यह सूचित किया गया कि वह ट्रांसजेंडररो का जेंडर तय करने के लिए महिला पुरुष के साथ एक तीसरा विकल्प (बॉक्स )भी रखे,जो “अन्य” के नाम से जाना जाएगा ।
ट्रांसजेंडर इसी तीसरे विकल्प को भरेंगे।साथ ही वे जिस जाति से होंगे, वो जाति का उल्लेख करेंगे।
हाई कोर्ट ने कहा कि चूंकि जाति सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, इसलिए जनहित याचिकाकर्ता को या उसके ट्रांसजेंडर समुदाय के किसी भी सदस्यों को यह छूट दिया कोर्ट ने कि वह अपने जेंडर को तीसरे विकल्प में और अपनी जाति, जिसमें वह आते हैं।उसे जाति का विकल्प चुनने के लिए राज्य सरकार को अलग से अर्ज़ी दे सकते है।
मॉनसून की सक्रियता से बिहार में पिछले कुछ दिनों से झमाझम बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने शनिवार 12 अगस्त को भी उत्तर बिहार में कुछ जगहों पर भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।
सावन में बिहार के लोगों ने उमस भरी गर्मी झेला है। बारिश के बाद एक बार फिर उमस भरी गर्मी से सभी परेशान हुए। लोग लंबे समय से यहां झमाझम वर्षा का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद बारिश की गतिविधि बढ़ी है। 3 दिनों से बारिश हो रही है ।
बिहार में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। वर्षा, मेघ गर्जन और ठनका की चेतावनी है। राज्यभर में विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
मौसम विज्ञान केंद्र पटना के पूर्वानुमान के मुताबिक शनिवार को पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और सुपौल जिले के कुछ इलाकों में अति भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों से सावधान रहने के लिए कहा गया है। वहीं, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सहरसा एवं पूर्णिया जिले में भी कहीं-कहीं भारी बारिश की आशंका है।
बिहार में झमाझम बारिश का दौर फिलहाल एक-दो दिन और चलेगा। 14 अगस्त के बाद मॉनसून संबंधी गतिविधियों में कमी आने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को बीते 24 घंटे के भीतर दरभंगा और मधुबनी जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। दरभंगा के हायाघाट में 89, घनश्यामपुर में 88 और मधुबनी के मधेपुर में 86 मिलमीटर पानी गिरा।
पश्चिम चंपारण समेत चार जिलों में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, तो मुजफ्फरपुर और पूर्णिया समेत पांच जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। इसके साथ ही उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व बिहार सीमांचल में शनिवार को वज्रपात यानी ठनका गिरने की भी आशंका है।