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अलग पहचान रखने वाला कौम आखिरकार इतना बदमिजाज , बदतमीज और उदंड कैसे हो गया ।

दुनिया का सबसे मेहनतकश क़ौम में एक ,दुनिया को गणित और साइंस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला कौम ,दुनिया को शांति का संदेश देने वाला कौम,साहित्य, अर्थतंत्र और पढ़ाई के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाला कौम आखिरकार इतना बदमिजाज , बदतमीज और उदंड कैसे हो गया । जी हैं हम बात कर रहे हैं बिहारी कौम की पिछले बीस वर्षो का मेरा अनुभव तो यही कह रहा है कि देश पर आतंकी हमले में मारे जाने का मामला हो या फिर गैर कानूनी काम करने की बात हो या फिर प्रतियोगी परीक्षा में सेटिंग करने का मामला हो, निर्भाया जैसी घटना हो,ट्रेन में विवाद हो, बस में विवाद हो, मकान मालिक से विवाद हो ,कॉलेज में विवाद हो या फिर लड़कियों और महिलाओं को परेशान करने का मामला हो इस तरह के विवादों में बिहारी कौम मिल ही जायेगा ।
कल से बुली बाई एप बनाने वालों में को लेकर सोशल मीडिया में हंगामा खड़ा है विशाल झा और उसके परिवार की तलाश जारी है दरभंगा में वो कहां का रहने वाला है उसका परिवार मुंबई में क्या करता है सारा तंत्र उसके ओरिजन को ढूढने में लगा है कई उत्साहित मित्र विशाल झा को समाज से बदर करने तक की मांग कर दी है।वही एक तबका विशाल झा के काम से खुश भी है । हलांकि मुझे तो ऐसा कुछ भी अलग नहीं दिख रहा है जो विशाल झा ने किया है वो हम बिहारियों का चरित्र है लड़कियों और महिलाओं को लेकर यही हमारी सोच है बिहार के घर हो लड़कियां और महिलाएं रोजाना इस तरह की समस्या फेस करती रहती । विशाल झा के बहाने ही सही एक मौका है हम बिहारी लड़कियों और महिलाओं को लेकर जिस तरीके से सोचते हैं उसमें बदलाव कैसे आये क्यों कि ये बड़ी समस्या है और आने वाले दिनों में यह समस्या और गंभीर रूप ले सकती है क्यों कि बिहार में भी लड़कियों की मानसिकता अब बदलने लगी है ऐसे में उसे उस बदलाव पर ग्रहण का लगे इसके लिए पूरे बिहारी समाज को नये तरीके से सोचने कि जरूरत है ।
स्कूल जाने के दौरान, कोचिंग पढ़ने के दौरान ,कॉलेज जाने के दौरान रात में घर लौटने के दौरान लड़कियां अपने आपको असुरक्षित महसूस ना करे ये कैसे सम्भव है इस पर सोचने कि जरूरत हम बिहारी कौम के निर्माण में वो कौन सी त्रुटि रह गयी है जिस वजह से विशाल झा जैसी सोच वाला बच्चा पैदा ले रहा है इस सोच पर हमला करने कि जरूरत है।
यही सोच हम बिहारी को हिंसक बना रहा है बदमिजाज , बदतमीज और उदंड बना रहा है पढ़ाई से दूर कर रहा है ,लड़कियों और महिलाओं को लेकर एक अलग तरह की विकृत सोच पैदा कर रहा है ठंडे दिमाग से सोचिए क्या खोया है आपने ।
ये जो नफरत की राजनीति है ना इसका शिकार एक तरफा नहीं होता है उस नफरत की राजनीति का असर कुछ समय बाद आपके परिवार और समाज पर भी पड़ता है और अब हम लोग उस दौर में प्रवेश कर रहे हैं हो गया लव जिहाद ,हो गया गौ सेवा ,हो गया एनआरसी मुद्दा अब हमारी आपकी बारी है और इसका शिकार लड़कियां और महिलाएं होगी यह भी तय है ।

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