पंचायत चुनाव से ठीक पहले पंचायती राज विभाग (Bihar Panchayati Raj Vibhag) ने नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण किया है। इसके तहत मुखिया को जहां ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा, वहीं इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी जिम्मेवारी होगी। वहीं सरपंच गांवों में सड़कों के रखरखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करेंगे।
मुखिया को हर साल करनी होगी कम से कम बैठकें
पंचायती राज विभाग के अनुसार मुखिया को अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करनी होगी। बैठक के अलावा इनके पास ग्रामी पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने के साथ-साथ प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही भी होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करना भी इनके जिम्मे होगा।
सरपंचों को मिले तीन बड़े अधिकार
मुखिया के साथ सरपंचों को पंचायती राज व्यवस्था में तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने का अधिकार इन्हें मिला हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इन्हीं के पास रहेंगी। इनके जिम्मे जो मुख्य कार्य होंगे उनमें गांव की सड़कों की देखभाल, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना होगा।
पंचायत समिति के जिम्मे होगा ये काम
इनके अलावा पंचायत समिति को जो कार्य सौंपे गए हैं उसके अनुसार इन्हें केंद्र, राज्य और जिला परिषद द्वारा सौंपे कार्यों का निष्पादन करना। पंचायत समिति का वार्षिक बजट बनाना व बजट पेश करना होगा। प्राकृति आपदाओं में पंचायत समिति प्रमुख को 25 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार होगा ।