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पंचायत चुनाव में शुरु हुआ खेला चुनाव से पहले ही 900 से अधिक प्रत्याशी हुए निर्वाचित

बिहार पंचायत चुनाव में इस बार भी पंच पद को लेकर लोगों ने दिलचस्पी नहीं दिखायी है प्रथम चरण के चुनाव में 2233 पंच पद पर चुनाव होना था उसमें 830 पंच निर्विरोध निवार्चित घोषित कर दिये गये क्यों कि इनके खिलाफ एक भी प्रत्याशी नामंकन नहीं भरा ।वही पंच के 71 पदों पर कोई नामंकन ही नहीं हुआ है जिस वजह से यह पद रिक्त रह गया। हलाकि वार्ड सदस्य को हर घर जल नल योजना की जिम्मेवारी मिलने का असर इस बार देखने को मिल रहा है फिर भी 2233 पदों में से 26 पदों पर दूसरे प्रत्याशी के खड़े नहीं होने के कारण 26 वार्ड सदस्य चुनाव से पहले ही निर्वाचित घोषित कर दिये गये ।वही एक पद पर कोई नामंकन ही नहीं हुआ इसी तरह पंचायत समिति सदस्य में एक और जिला परिषद सीट पर एक उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गये हैं

प्रथम चरण में 10 जिलों के 12 प्रखंडो में मतदान 24 सितंबर को होना है। यहां वोटों की गिनती 26-27 सितंबर को होनी है। निर्वाचन आयोग ने जो डेटा जारी किया है, उसके मुताबिक गिनती के पहले ऐसे पद जिस पर सिंगल नॉमिनेशन आया, उन्हें विजयी घोषित किया गया है।

इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा जैसी सुविधाएं रहेंगी मतदान केन्द्रों पर

पंचायत चुनाव 2021 के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो इसको लेकर कई सुधार किये है जिसमें पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्‍तेमाल हो रहा है। पहली बार ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसमें ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों का प्रयोग एक साथ हो रहा है। इस बीच आयोग ने हर मतदान केंद्र पर सेल्‍फी प्‍वाइंट बनाने की बात कही है। आयोग ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव में किए जा रहे सभी नए प्रयोगों को शत प्रतिशत सफल बनाये ।

लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव कि तरह पंचायत चुनाव को उत्सवी माहौल में कराने के लिए हर बूथ पर सेल्फी प्वाइंट बनाया जाए। आयोग के इस पहल से पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करने वाले युवा मतदाता सेल्फी प्वाइंट तस्वीर लेकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर करने में सहूलियत होगी।

मतदाताओं मैं जागरूकता फैलाये
आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में उत्सवी महौल बनाया जाए जिसमें दीवार लेखन, वीडियो के माध्यम से मतदाताओं का जागरूकता जैसे कार्य सुनिश्चित किए जाएं। आयोग के आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों का नामांकन पत्रों का शत प्रतिशत डिजिटलाइज कर अपलोड किया जाए। हर बूथ पर मतदान के दिन बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी हर हाल में बनी रहे।

हर बूथ पर दो महिला कर्मियों की तैनाती का निर्देश
मतदान के दिन हर बूथ पर कम से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती की जाए वही 11 चरणों में चुनाव होने कि वजह से चुनाव कार्य में लगे कर्मी थके नहीं इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला के निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि चुनाव में एक कर्मचारी की अधिकतम चार बार ड्यूटी लगाई जाएगी। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है

पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने उठाये कठोर कदम आचार संहिता के उल्लंधन मामले में जा सकते हैं जेल

निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने को लेकर आयोग नित नये आदेश जारी कर रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का कानूनी प्रावधान तय किया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है. अगर कोई प्रत्याशी धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाता है, तो उसको तीन से पांच वर्ष की सजा मिलेगी. यह गैर जमानतीय व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है.

इसी प्रकार से कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी किसी के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो, तो उसको भी आइपीसी की धारा 171(जी) के तहत सजा होगी. यह जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी.

इसी प्रकार से निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का प्रचार मंच के रूप में करना और जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में शामिल है.
अगर कोई प्रत्याशी भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को रिश्वत देता है , तो उसके लिए पंचायती राज अधिनियम के साथ आइपीसी की धारा में सजा का प्रावधान हैं. मतदाताओं को भयभीत करना, बूथ के 100 मीटर के भीतर वोट मांगना भी अपराध की श्रेणी में शामिल हैं. कोई प्रत्याशी अगर किसी व्यक्ति के शांतिपूर्ण जीवन में उनके घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करता है, तो उसको सजा मिलेगी.

किसी भी व्यक्ति के बिना अनुमति के उसके मकान पर झंडा टांगने, उसकी भूमि का उपयोग करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक अन्य प्रत्याशी के द्वारा आयोजित जुलूस या सभा में बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके सजा का प्रावधान किया गया है.

बिना लाइसेंस प्राप्त किये किसी भी प्रत्याशी द्वारा प्रस्तावित सभा व जुलूस में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जायेगा. ऐसा करने पर उसके लाउडस्पीकर एक्ट के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. वोटिंग के दिन भी शांतिपूर्ण मतदान में बाधा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है.

पंचायत प्रतिनिधियों के असहज मौत पर राज्य सरकार देंगी मुआवजा

पंचायत चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर कई तरह के फैसले लिए हैं जिसमें मुखिया ,सरपंच के क्षेत्राधिकारी के साथ साथ अब कार्यकाल के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों की मौत होने पर सरकार मुआवजा का भी प्रावधान किया है ।

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी व्यवस्था के तहत जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति प्रमुख, उप प्रमुख, पंचायत समिति के सदस्य, मुखिया, उप मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम कचहरी सरपंच, उप सरपंच और ग्राम कचहरी के पंच चुनाव जीतते हैं और कार्यकाल के दौरान उनकी आपराधिक घटना, प्राकृतिक आपदा या हिंसात्मक घटना और दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उनके स्वजन को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मृत्यु की स्थिति में राशि स्वीकृति का अधिकार सरकार ने जिलाधिकारी को दिया है।

सरपंच होंगे पंचायत का प्रशासनिक हेड

पंचायत चुनाव से ठीक पहले पंचायती राज विभाग (Bihar Panchayati Raj Vibhag) ने नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण किया है। इसके तहत मुखिया को जहां ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा, वहीं इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी जिम्मेवारी होगी। वहीं सरपंच गांवों में सड़कों के रखरखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करेंगे।

मुखिया को हर साल करनी होगी कम से कम बैठकें
पंचायती राज विभाग के अनुसार मुखिया को अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें आयोजित करनी होगी। बैठक के अलावा इनके पास ग्रामी पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने के साथ-साथ प्रस्तावों को लागू करने की जवाबदेही भी होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करना भी इनके जिम्मे होगा।

सरपंचों को मिले तीन बड़े अधिकार
मुखिया के साथ सरपंचों को पंचायती राज व्यवस्था में तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने का अधिकार इन्हें मिला हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इन्हीं के पास रहेंगी। इनके जिम्मे जो मुख्य कार्य होंगे उनमें गांव की सड़कों की देखभाल, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना होगा।

पंचायत सम‍िति के जिम्‍मे होगा ये काम
इनके अलावा पंचायत समिति को जो कार्य सौंपे गए हैं उसके अनुसार इन्हें केंद्र, राज्य और जिला परिषद द्वारा सौंपे कार्यों का निष्पादन करना। पंचायत समिति का वार्षिक बजट बनाना व बजट पेश करना होगा। प्राकृति आपदाओं में पंचायत समिति प्रमुख को 25 हजार रुपये तक खर्च करने का अधिकार होगा ।

पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी चार चक्का गांड़ी का नहीं कर सकते हैं इस्तमाल

राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव को लेकर कई और गाइड लाइन जारी किये हैं जिसके तहत प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के दौरान कितने वाहन यूज करना है इस पर खास ध्यान रखा गया हैै।

प्रत्येक पद के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। जिप सदस्य प्रत्याशी को दो हल्के मोटर या दो दोपहिया वाहन से प्रचार करने की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं सरपंच को चालक सहित एक यांत्रिक दोपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वाचन अभिकर्ता के लिए मंजूरी दी जाएगी। ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच प्रत्याशी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता चुनाव प्रचार में किसी तरह के वाहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। आयोग द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अभ्यर्थी या निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी एक को ही वाहन का परमिट दिया जायेगा। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किये जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जायेगा।

आयोग द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर अंकित होनी चाहिए। उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिह्न बिल्कुल भी अंकित नहीं होना चाहिए। 100 मीटर पहले रुक जायेंगे वाहन नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में किसी भी वाहन का प्रवेश पूरी तरह वर्जित होगा।

पंचायत चुनाव में कौन कहां से चुनाव लड़ सकता है चुनाव आयोग ने जारी किया निर्देश मुखिया पद के प्रखंड का वोटर होना अनिवार्य

बिहार में होने वाले पंचायत आम चुनाव के दौरान कोई भी मतदाता अपने प्रखंड के किसी भी पंचायत से मुखिया पद का प्रत्याशी बन सकेगा।राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के निर्वाचन क्षेत्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार किस पद के प्रत्याशी के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा कौन-कौन सी होगी, इसकी जानकारी दी गयी है। आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर मुखिया पद का प्रत्याशी बनना चाहता है तो वह अपने प्रखंड के अंदर किसी भी पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ सकता है। इसी प्रकार, आयोग ने अन्य पदों के लिए भी निर्वाचन क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट कर दी है।

आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना आवश्यक है। मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद कोई व्यक्ति ग्राम पंचायत सदस्य या ग्राम कचहरी के पंच का चुनाव लड़ना चाहता है तो वह उस ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड से प्रत्याशी हो सकता है।

इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति मुखिया, सरपंच या पंचायत समिति सदस्य का प्रत्याशी बनना चाहता है तो वह उस प्रखंड के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव का प्रत्याशी हो सकता है। शर्त यह है कि उसका नाम उस प्रखंड के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए।

इसी प्रकार, आयोग ने जिला परिषद प्रत्याशी को लेकर भी निर्देश दिया है। जिला परिषद प्रत्याशी अपने जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकता है। बर्शेते कि उसका नाम उस जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल हो।