तेज प्रताप अपने ही जाल में इस तरह से उलझते चले जा रहे हैं कि अब उनके सलाहकार भी उस जाल से बाहर कैसे निकले इसको लेकर हाथ खड़े कर दिये हैं ।भाई तेजस्वी से मुलाकात बेनतीजा रहा तेजस्वी ने तेजप्रताप को किसी भी तरह के स्पेस देने से साफ मना कर दिया है। साथ ही चेतावनी भी दे डाला है कि पार्टी में अनुशासन बनाये रखे नहीं तो आप पर भी कारवाई होगी ।
इस बयान के बाद तेज प्रताप आपा खो दिये और फिर अपने अंदाज में संजय यादव और तेजस्वी को देख लेने की धमकी देते हुए तेजस्वी के आवास से बाहर निकल गये ।
हलाकि इस मामले में सुबह में ही बहन रोहिणी आचार्य ने ट्वीट के सहारे तेज प्रताप को परिवार की क्या इक्छा है ये जता दिया था , सफलता की मंजिल पानी है, अनुशासन और संयम को अपनाना है।फिर भी तेज प्रताप अपने व्यवहारा में सुधार लाने को तैयार नहीं है।
वही लालू प्रसाद सहित परिवार के अधिकांश सदस्य तो ये समझ में आ गया है कि इस खेल में मुख्यमंत्री आवास में तैनात के सीनियर अधिकारी शामिल है जो तेज प्रताप के हर पैरवी को एंटरटेन भी करता है और उसके कहने पर तेज प्रताप के साथ रहने वाले लोगों को ठीकेदारी दिलाने में भी मदद कर रहा है।
हलाकि यह खेल 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले से चल रहा है लेकिन लालू प्रसाद परिवार में टूट को लेकर कोई संदेश ना जाये इसका ख्याल रखा और तेज प्रताप के हर जायज नजायज बात को मानता रहा हलाकि अब लालू प्रसाद मन बना चूंके हैं कि तेज प्रताप की जो राजनैतिक शैली है उससे तेजस्वी को खासा नुकसान हो सकता है इसलिए तेज प्रताप को लेकर निर्णय लेने का वक्त आ गया है क्यों कि अभी हाल फिलहाल में कोई चुनाव भी होने वाला नहीं है और फिर अनुसाशन को लेकर लालू यह संदेश भी देना चाहते हैं कि मेरा बेटा ही क्यों ना हो बर्दास्त नहीं करेंगे ।
इस संदेश से आने वाले समय में तेजस्वी को बिहार की राजनीति में अलग पहचान बनाने में मदद मिलेगी क्यों कि परिवार को पता है कि कभी तेज प्रताप जैसी शैली साधू और सुभाष का भी रहा करता था जिसके नुकसान से आज भी राजद बाहर निकल नहीं पाया है ।