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यूरिया को लेकर बिहार में हहाकार कई जिलों में किसान उतरे सड़क पर

बिहार में डीएपी खाद के बाद अब यूरिया को लेकर किसान सड़कों पर है अररिया सुपौल ,मधेपुरा सहित बिहार के कई जिलों में यूरिया खाद को लेकर किसान खासे गुस्से में है कई जगह कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा है इस समय गेंहू और तेलहन के लिए किसानों को यूरिया खाद की सख्त जरुरत है ।

कृषि विभाग के सचिव डा़ एन सरवण कुमार की अध्यक्षता में 31 दिसंबर तक उर्वरक की हुई आपूर्ति और वितरण की समीक्षा बैठक की रिपोर्ट बताती है कि बिहार को मांग का 26 फीसदी यूरिया कम मिला है़ राज्य के आधा दर्जन के करीब जिलों में तो मांग का आधा यूरिया भी नहीं पहुंचा़ ।

मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पश्चिमी चंपारण के किसानों को मांग का मात्र 47 फीसद ही यूरिया मिल सका़ यही वजह है कि पूरे बिहार में यूरिया को लेकर हहाकार मचा हुआ है हालांकि यूरिया के समय पर नहीं मिलने से गंहू और तेलहन के उपज में खासा प्रभाव पड़ सकता है ।

दिसंबर 21 में यूरिया की स्थिति
315000 टन जरूरत
227998.37 टन उपलब्ध
224030.69 टन सेल
3948.82 टन क्लोजिक स्टॉक
जनवरी 22 में यूरिया की स्थिति
220000.00 टन जरूरत
99772.43 टन उपलब्ध
88168.68 टन सेल
11603.75 टन क्लोजिंग स्टॉक

बिहार में खाद को लेकर किसानों का हंगामा जारी

बिहार में खाद को लेकर संग्राम जारी है दो सप्ताह पहले तक डीएपी खाद को लेकर किसान परेशान था अब यूरिया खाद को लेकर किसान परेशान है ।इस बीच अररिया के किसानों को खाद नहीं मिलने की वजह से शनिवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में किसानों ने टाउन हॉल के समीप सड़क को जाम कर दिया और खाद उपलब्ध कराने की मांग करने लगे।

बिहार में खाद के लिए सड़क पर उतरे किसान

जीरोमाइल से चांदनी चौक जाने वाली मुख्य मार्ग जाम हो जाने से सैकड़ों वाहन का जाम मे फस गया और आवागमन बाधित हो गया है। जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो गई। मामले की जानकारी मिलते ही अररिया SDO पुष्कर कुमार नगर थाना अध्यक्ष कुमार अभिनव दल बल के साथ पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे किसानों को समझा बुझाकर शांत कराया।

इस मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आरोप लगाया कि यूरिया प्रति बोरा 266 का दाम है लेकिन खाल दुकानदार के द्वारा 300 से 400 में यूरिया बेचा जा रहा है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि जब वह लोग सरकारी दाम पर यूरिया देने की मांग करने लगे तो खाद दुकानदार दुकान बंद कर फरार हो गया। जिसके बाद आक्रोशित किसानों ने सड़क जाम कर दीया और सड़क पर टायर जलाकर प्रदर्शन करने लगे।

खाद को लेकर बिहार में गुस्से में है किसान


यह स्थिति पूरे बिहार का है पहले डीएपी को लेकर हंगामा था अब यूरिया को लेकर हंगामा है हालांकि खाद को लेकर इस तरह की परेशानी काफी दिनों बाद देखने को मिल रहा है ।

एक बोरा यूरिया के लिए परेशान है बिहार का किसान

धान का कटोरा कहे जाने वाले सासाराम ,औरंगाबाद ,बक्सर और शेखपुरा जिले के धान उत्पादक किसान एक बोरा यूरिया के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। यूरिया खाद के लिए वे इतने परेशान हैं कि रोज-रोज हंगामा और सड़क जाम करने की नौबत आ रही है। इसके बाद भी आधी रात से ही किसान बिस्कोमान के गोदाम एवं दुकानों के सामने लाइन लगाकर खड़े रह रहे हैं।

किसानों की इस समस्या से विभाग को कुछ खास मतलब नहीं है। स्थिति यह है कि मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है। खाद नहीं मिलने से किसानों की धान की फसलों के नुकसान होने की पूरी संभावना है।

दो सप्ताह पूर्व बिस्कोमान दो सप्ताह पूर्व बिस्कोमान एवं प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों की अनुज्ञप्ति प्राप्त खाद दुकानदारों ने किसानों के बीच खाद का वितरण किया। संबंधित पदाधिकारी ने प्रत्येक किसान चार से पांच पाकेट खाद देने की बात कही थी। बाद में दो-दो पाकेट ही दिया जाने लगा।

यह किसानों के लिए यह पर्याप्त नहीं है। तीन दिन पूर्व भी खाद वितरण किया गया लेकिन शनिवार को वह समाप्त हो गया। हलसी प्रखंड को धान का कटोरा माना जाता है। प्रखंड में आठ हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि में किसानों ने धान की खेती की है।

वैज्ञानिकों के अनुसार धान बुआई के बाद खरपतवार की निकौनी करके पौधे को हरा रखने एवं उसकी अधिक वृद्धि के लिए निम्कोटेड, नाइट्रोजन सहित अन्य रासायनिक पदार्थ युक्त यूरिया खाद का इस्तेमाल किसान करते हैं। इससे पौधा का विकास तेजी से होने के साथ ही अधिक उत्पादन होता है। इस मामले में जब राज्य के कृषि मंत्री से बात हुई तो उन्होंने खाद की किल्लत की बात तो स्वाकारी लेकिन कहां कि थोड़ा विलम्भ हो रहा है लेकिन किसान को समय पर खाद मिल जा रहा है ।