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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने जन सुराज पदयात्रा पर पूर्वी चंपारण पहुंचे

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए है। 550 किमी पद यात्रा पूरी कर 18 नवंबर की रात पूर्वी चंपारण जिले में प्रवेश किया।

Prashant Kishore

प्रशांत ने 2 अक्तूबर को बापू की भूमि पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से इस यात्रा का शुरुआत किया था, जो 140 से अधिक पंचायतों और 350 से अधिक गांवों से गुजरते हुए पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर प्रखंड में प्रवेश की।

बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्री,बिहार में शिक्षा की भयावह स्थिति: प्रशांत किशोर

बेतिया । प्रशांत किशोर ने की प्रेस वार्ता,नरकटियागंज के टीपी वर्मा कॉलेज परिसर में की पीसी। नीतीश कुमार पर जमकर बोला हमला, कहा-बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्री, बिहार में शिक्षा की भयावह स्थिति ।

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नीतीश कुमार के 17 साल के कार्यकाल का यह काला अध्याय है,पीएम आवास योजना में भी कमीशनखोरी हावी,लाभार्थियों के खातों की जांच कराने की मांग,बीडीओ स्तर से की जा रही है अनियमितता।

प्रशांत किशोर का विपक्ष और नीतीश कुमार पर बड़ा हमला, बिहार में बदलाव जरूरी

जन सुराज पदयात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण के जमुनिया गांव में प्रशांत किशोर ने कहा, “किसी से आजतक पैसा नहीं लिए हैं, अब ले रहे हैं।

बिहार में बदलाव के लिए उनसे फीस ले रहे हैं, जिनके लिए अब तक काम किया है, ताकि ये टेंट लगाया जा सके। मेहनत से, अपनी बुद्धि से 10 साल काम किए हैं, दलाली नहीं किए हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “2014 में चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने दिल्ली आकर कहा कि हमारी मदद कीजिए। 2015 में हमलोगों ने उनको जिताने में कंधा लगाया, अभी 10-15 दिन पहले बुलाकर बोले कि हमारे साथ काम कीजिए, हमने कहा कि ये अब नहीं हो सकता है।

एक बार जो लोगों को वादा कर दिया है कि 3500 किमी चलकर गांव-गांव में जाकर लोगों को जगाना है, वही करेंगे। एक बार जनबल खड़ा हो गया, कोई टिकने वाला नहीं है लिखकर रख लीजिए।”

समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर प्रशांत किशोर, कहा – पदयात्रा के बाद जारी करेंगे बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट

समस्तीपुर । जन सुराज अभियान के तहत प्रशांत किशोर बिहार के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में वो समस्तीपुर के दो दिवसीय दौरे पर आए हैं। अपने दौरे के दूसरे दिन आज उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जन सुराज की सोच और अपनी रणनीति के बारे में विस्तार से बात की।

बिहार के समग्र विकास का ब्लूप्रिंट ऐसा होगा

समस्तीपुर के एक स्थानीय होटल में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझ सकें। इसके बाद बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषय जैसे शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि पर एक विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और उसमे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे। ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वो भी से सकते हैं।”

जन सुराज के राजनीतिक दल बनने पर प्रशांत किशोर ने ये कहा

प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा और इसी अधिवेशन में तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है। उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी। प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे।

महागठबंधन सरकार पर प्रशांत किशोर का हमला जारी, कहा – बहुत दिनों तक नहीं चल सकती 7 दलों की सरकार

प्रशांत किशोर ने बिहार की नई महागठबंधन सरकार को बधाई देते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा नीतीश कुमार ने गांधी मैदान से 10 लाख नौकरी देने का वादा किया है, अगर ये सरकार ऐसा करती है तो मैं अपने इस पूरे अभियान को वापस ले लूंगा और नीतीश कुमार का समर्थन करूंगा। महागठबंधन की स्थिरता पर संदेह जाहिर करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा नहीं लगता है कि 7 दलों का ये महागठबंधन अगले विधानसभा और लोकसभा चुनाव तक चलेगा।

उन्होंने कहा संभव है कि लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है। प्रशांत किशोर ने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है, इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है। नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है और ये जदयू के चुनावी प्रदर्शन में साफ तौर पर देखा जा सकता है।