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पटना नगर निगम के कर्मचारी संघो ने कई दिनों से चल रहे हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय लिया

एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पटना नगर निगम के कर्मचारी संघो ने कई दिनों से चल रहे हड़ताल को समाप्त करने का निर्णय लिया है।

नगर निगमकर्मियों की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निगमकर्मियों के संघो ने विचार विमर्श कर हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया हैं।

आज पटना हाईकोर्ट में इस मामलें पर सुनवाई होनी थी, लेकिन वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट से अनुरोध किया कि चूंकि हड़ताल कर कर्मचारियों के विभिन्न संघ हड़ताल समाप्त करने के मुद्दे पर विचार विमर्श कर रहे है, इसलिए आजतक की मोहलत दी जाए।

Patna Municipal Corporation

कोर्ट ने उनके अनुरोध कोव् स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए कल की तिथि निर्धारित की। अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि कल वे कर्माचारी संघ के हड़ताल समाप्त करने के निर्णय के सम्बन्ध में कोर्ट को जानकारी देंगे।

उन्होंने बताया कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने हड़ताल समाप्त करने के निर्देश के साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को कर्मचारियों के न्यायसंगत मांगों पर विचार करने हेतु बैठक करने को कहा था।

इस मामलें पर कल सुनवाई की जाएगी।

पटना सदर इलाके के प्रतिबंधित क्षेत्रों में धारा-144 लागू

पटना । राजधानी पटना में सोमवार को हुए हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अगले 3 दिनों तक पटना सदर इलाके के प्रतिबंधित क्षेत्रों में धारा-144 लागू कर दी गई है।

इसमें डाकबंगला चौराहा, गांधी मैदान, बेली रोड और बोरिंग रोड के इलाके आएंगे।

section 144

पटना विश्वविद्यालय में स्नातक नामांकन के लिए पोर्टल आज से खुला

पटना विश्वविद्यालय में स्नातक नामांकन के लिए आज से पोर्टल खोल दिया गया है। छात्र फॉर्म चार जून तक भर सकते हैं, लिखित प्रवेश परीक्षा 18 जून को होगी।

एक ही आवेदन पर छात्र सभी कॉलेजों के लिए योग्य होंगे। नोडल संस्थान बीएन कॉलेज के द्वारा इस संबंध में शनिवार को भी बैठक की गयी थी। बैठक में नोडल संस्थान के द्वारा कुछ गाइडलाइन बनायी गयी है।

हाईकोर्ट से फर्जी जमानत का मामला आया सामने हाईकोर्ट ने जांच का दिया आदेश

पटना हाई कोर्ट में प्रथम दृष्टया फर्जी तरीके से जमानत लेने का एक मामला सामने आया । सारण के नयागांव थाने में दर्ज शराबबंदी मामले का अभियुक्त, बिमलेश राय उर्फ रोहित ने ,उक्त कांड के सिलसिले में अक्टूबर 2020 में हाई कोर्ट में एक अग्रिम जमानत याचिका दायर किया था । उस याचिका पर बकायदा पिछले साल का ही एक केस नम्वर भी पड़ा ।

कोरोना के कारण मामला कई दिनों तक लम्बित रहा और सुनवाई नही हो पाई । इस बीच अभियुक्त ने पहली याचिका को वापस लिए बगैर ही , हाई कोर्ट में दूसरी अग्रिम जमानत याचिका 2021 में दायर किया जो उसी नयागावँ थाना कांड संख्या के सिलसिले में था।

पहली ज़मानत अर्ज़ी की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने हैरानी जताते हुए कोर्ट को बताया कि उसके मुवक्किल ने बिना उन्हें जानकारी दिए हुए दूसरी बार अग्रिम जमानत अर्ज़ी डाला है, जिसमे उसे गत 29 सितम्बर को हाई कोर्ट से ही अग्रिम जमानत भी मिल गयी है।

जब दूसरे मामले का कम्प्यूटर पर केस विवरणी देखा गया ,तो हाई कोर्ट के ऑफिस में इस बात को कहा गया है कि एक ही कांड संख्या में इस आरोपी के नाम से पहले भी अग्रिम जमानत अर्जी दायर है ,जो सुनवाई हेतु लंबित है।
इससे स्पष्ट पता चला कि दूसरी याचिका के शपथ पत्र में पहली याचिका की जानकारी नही है। तथ्य को छुपा कर कोर्ट से जमानत ली गयी है।

जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामले को प्रथम दृष्टया हाई कोर्ट के साथ फर्जीवाड़ा मानते हुए महानिबंधक कार्यालय को जांच का आदेश दिया । साथ ही दोनो याचिकाओं की फाइलों को जांच रिपोर्ट के साथ चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है । इस मामले पर अगली सुनवाई 23 नवम्बर को होगी ।

बिक्रम मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने पटना के बिक्रम में मोडल हाईवे ट्रामा सेंटर शुरू करने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए नोएडा स्थित हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉर्पोरेशन (इंडिया) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि वर्ष 2002 में ही ट्रामा सेंटर बन कर तैयार हो गया था।इसमें जेनरल सर्जन, ऑर्थोपेडिक सर्जन, जनरल मेडिकल डॉक्टरों, रेडियोग्राफर, प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन व नर्सिंग स्टाफ समेत अन्य आवश्यक मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ के पदों को भरने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया है।

याचिकाकर्ता का कहना था कि सड़क दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति को तत्काल मेडिकल राहत और उपचार की जरूरत होती है। तत्काल मेडिकल उपचार मुहैया नहीं किये जाने की वजह से लोगों की जान चली जाती है, जिसे रोका जा सकता है ।साथ ही इससे मृत्यु दर में कमी आयेगी।

इतना ही नहीं मेडिकल सुविधा समय पर उपलब्ध नहीं दिए जाने की वजह से लोग विकलांगता के शिकार हो जाते हैं। ट्रामा सेंटर एक रेफ़रल अस्पताल के तौर पर भी काम करता है।

इस ट्रामा सेंटर का उद्घाटन 3 नवंबर, 2001 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सी पी ठाकुर द्वारा किया गया था। इसी मुद्दे को लेकर एक जनहित याचिका पटना हाई कोर्ट में वर्ष 2004 में भी दायर की गई थी।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पटना के सिविल सर्जन को डॉक्टरों की तैनाती व पोस्टिंग किये जाने को लेकर 9 अगस्त, 2004 को ही आदेश दिया था। इसके बावजूद फिलहाल ट्रामा सेंटर तो काम नहीं कर रहा है, लेकिन ट्रामा सेंटर के परिसर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता चंदन कुमार ने बताया कि इस ट्रामा सेंटर को चालू करने को लेकर याचिकाकर्ता ने 7 जून, 2020 को प्रधानमंत्री को एक पत्र भी लिखा है। ट्रामा सेंटर को बहाल करने को लेकर राज्य सभा के सांसद विवेक ठाकुर द्वारा राज्य सभा के सत्र में 23 मार्च , 2021 को प्रश्न भी उठाया गया।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिये यह आरोप लगाया है की राज्य सरकार की लापरवाही की वजह से इस ट्रामा सेंटर को शुरू नहीं किया जा सका है, जोकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।

इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता पुरुषोत्तम कुमार दास को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है। इस मामले पर आगे की सुनवाई 13 दिसंबर, 2021 को होगी।

गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में आज आएगा फैसला पूरे बिहार में हाई अर्लट

आज गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में एनआईए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा फैसला सुनाएगे आज ही दिन आठ वर्ष पहले 27 अक्टूबर, 2013 को भाजपा की हुंकार रैली के दौरान गांधी मैदान व पटना रेलवे जंक्शन पर सिलसिलेवार बम विस्फोट किया गया था. इसमें 10 लोगों की मौत हो गयी थी और 89 लोग लोग घायल हो गये थे।इस मामले को एनआईए देख रही है एनआईए ने 11 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था जिसमें एक आरोपी नाबालिग है ।

ब्लास्ट की शुरुआत पटना रेलवे स्टेशन से होनी थी लेकिन ब्लास्ट टीम में शामिल आतंकी बम लगाने में चुक कर दिया और लगाने के दौरान ही ब्लास्ट हो गया बाद में ब्लास्ट में घायल आतंकी से पूछताछ करने के बाद पूरे मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिन पर गांधी मैदान में बम ब्लास्ट करने का आरोप है ।मामले की सुनवाई पूरे 8 वर्षों तक चली।

और 6 अक्टूबर 2021 को मामले में अंतिम बहस की सुनवाई पूरी करने के बाद विशेष न्यायाधीश ने अपना निर्णय सुनाने के लिए आज की तिथि निश्चित की थी।


इस मामले में हैदर अली, मुजीब उल्लाह, अंसारी नुमान, अंसारी उमर सिद्दीकी , अजहर उद्दीन कुरेशी, फखरुद्दीन, अहमद हुसैन, इम्तियाज अंसारी, इफ्तेखार आलम और फिरोज असलम के खिलाफ एनआईए ने वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था।

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाहों को पेश किया था।अधिकांश आरोपी झारखंड का रहने वाला है ।

लोमस और याज्ञवल्क ऋषि की गुफाओं के संरक्षण के लिए जनहित याचिका दायर

पटना हाईकोर्ट ने विनय कुमार सिंह की जनहित याचिका को सुनते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। इस जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

गाजियाबाद में गिरफ्तार चोर की मुखिया पत्नी सुनिए क्या कहती है

हाईकोर्ट ने कहा की कि लोमस और याज्ञवल्क ऋषि की गुफाएं केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नही, बल्कि जैव विविधता के दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है । ऐसे स्थानों को संरक्षित करने की बजाए समाप्त किया जा रहा है ।इसकी परवाह न तो केंद्र सरकार को है, न ही राज्य को है।

गाँव के लोग क्या कहते हैं गाजियाबाद के उस शातिर चोर के बारे में

इन पहाड़ के जंगल व आस पास होने वाले खनन कार्य पर पटना हाईकोर्ट ने 20 जुलाई, 2021 को रोक लगा दी थी। यह रोक को अगली सुनवाई तक जारी रखने का कोर्ट ने निर्देश दिया था।
सुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने हस्तक्षेप अर्जी के जरिये खनन कार्य पर से रोक हटाने का अनुरोध किया, जिसे हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया ।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 1906 में प्रकाशित तत्कालीन गया जिले के गज़ट में दोनों पहाड़ियों का सिर्फ पुरातात्विक महत्त्व ही नही बताया गया हैं, बल्कि वहां की जैव विविधता के बारे में भी अंग्रजों ने लिखा है।

गाजियाबाद में गिरफ्तार चोर का गाँव जहाँ चोरी के पैसे से बनाया है सड़क

उन पहाड़ियों के 500 मीटर के दायरे में झरना , बरसाती नदी और एक फैला हुआ वन क्षेत्र है। उस जंगल को अवैध खनन कर बर्बाद किया जा रहा है।

लोमस और याज्ञवल्क पहाड़ियों को आर्कियोलॉजिकल एवं हेरिटेज साइट बनाने का कोर्ट से आग्रह किया गया। कोर्ट ने दोनों पहाड़ियों के वन क्षेत्र विस्तार और रिहाइशी बस्तियों के बिंदु पर राज्य व केंद्र सरकार से जवाब मांगा था । इस मामले पर अगली सुनवाई 15 नवंबर,2021 को की जाएगी।

अतिक्रमणकारियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने का हाईकोर्ट ने दिया आदेश

पटना हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अतिक्रमणकारियों से मिल रही धमकी के मद्देनजर राज्य के डीजीपी को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए मौखिक आदेश दिया है। राजधानी के बुद्धा कॉलोनी क्षेत्र के दुज़रा में सरकारी जमीन पर स्थित तालाब के रूप में चिन्हित स्थान को विकसित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

याचिककर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में अतिक्रमणकारियों द्वारा याचिकाकर्ता को फ़ोन पर धमकियां दी जा रही है।

कोर्ट ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए वहां उपस्थित राज्य सरकार के अधिवक्ता को कहा कि याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर राज्य के डीजीपी को कहें।

इसके साथ ही खंडपीठ ने एक सप्ताह में राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है। पटना के जिलाधिकारी और पटना नगर निगम को जवाबी हलफनामा दायर करने को कहा है। इसके पूर्व अदालत ने पटना के जिलाधिकारी को तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन करने को कहा है, ताकि कमेटी पूरी स्थिति का पता चल सके।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि 5 एकड़ 17 कट्ठा में सरकारी जमीन पर थाना नंबर 4 , प्लॉट नंबर – 613 पर स्थित उक्त तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया है। जमीन का अधिग्रहण राजेन्द्र स्मारक के नाम पर तालाब के निर्माण के लिए किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा इस पर अतिक्रमण कर लिया गया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आगे बताया कि इस जनहित याचिका के जरिये चहारदीवारी बनाने का भी आग्रह किया हैं, क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा तालाब क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता द्वारा 6 सितंबर, 2021 को पटना के जिलाधिकारी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से उक्त मामले को लेकर पत्र भी लिखा गया है, जिसके जरिये तालाब से अतिक्रमण हटाने और चहारदीवारी का निर्माण करने की बात कही गई है।

प्लॉट संख्या 613 के पूरे जमीन औऱ इस प्लॉट तक पहुचने के लिए लिंक रोड को अतिक्रमण मुक्त करने व चहारदीवारी के निर्माण का आग्रह किया गया है।याचिकाकर्ता ने तालाब के स्थल का पर जाकर कुछ फोटो लेने का काम भी किया है, जिसे याचिका के साथ कोर्ट की सहायता हेतु लगाया गया है। उक्त मामले में पटना नगर निगम की ओर से अधिवक्ता प्रसून सिन्हा उपस्थित थे।इस मामले पर एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी।

साइबर क्राइम मामले में हाईकोर्ट ने दिखाया सख्त रुख कहां ऐसे मामले में आरोपी को बेल नहीं दी जा सकती

पटना हाईकोर्ट ने आम लोगों ठगने के लिए 28 पृष्टों में मोबाइल फ़ोन नंबर पकड़े जाने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए शिव कुमार को अग्रिम जमानत नहीं दिया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आज के दिनों में इस प्रकार का अपराध समाज में अनियंत्रित हो गया है, जब अपराधी लोगों को फ़ोन करके उनसे बैंक आदि के डिटेल्स ले कर ठग रहे हैं।

शिव कुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संदीप कुमार ने याचिकाकर्ता को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने ससमय आत्मसमर्पण नहीं करने की स्थिति में नवादा के पुलिस अधीक्षक को इस मामले में याचिकाकर्ता समेत इस मामले के सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का भी आदेश दिया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में नवादा के पुलिस अधीक्षक को केस के अनुसंधान अधिकारी (आई ओ )को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है कि आखिर इस मामले के अभियुक्तों की गिरफ्तारी अभी तक क्यों नहीं कि गई है,जबकि यह मामला वर्ष 2020 का है।

कोर्ट ने इस बात की जानकारी मांगी है कि इनकी गिरफ्तारी को लेकर क्या कार्रवाई अभी तक कि गई है। इतने लंबे समय तक इनकी गिरफ्तारी पुलिस द्वारा क्यों नहीं कि गई है।

कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि इस तरह के अपराध वारीसलीगंज पुलिस थाना क्षेत्र में अनियंत्रित ढंग से फैला हुआ है। कोर्ट नवादा को दूसरा जामताड़ा होने की अनुमति नहीं देगा।

आदेश का अनुपालन को लेकर इस आदेश की प्रति को फौरन नवादा के पुलिस अधीक्षक को फैक्स के जरिये भेजने का आदेश कोर्ट द्वारा दिया गया है। कोर्ट के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट नवादा के पुलिस अधीक्षक के व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पेश करने को कहा गया है।

मामला वारीसलिगंज थाना कांड संख्या – 163 / 2020 से जुड़ा हुआ है, जिसमें आई पी सी की धारा 419/ 420 व आई टी एक्ट की धारा 66( बी) के तहत केस दर्ज किया गया था। याचिकाकर्ता के पास से कथित तौर पर 28 पृष्टों में आम लोगों को ठगने के लिए मोबाइल फ़ोन नंबर पाया गया था।
इस मामले पर आगे की सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

हाईकोर्ट ने 67 वीं बीपीएससी परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा में छूट दिए जाने के मामले पर सुनवाई पूरी निर्णय सुरक्षित ।

पटना हाईकोर्ट ने 67 वीं बीपीएससी परीक्षा में अधिकतम उम्र सीमा में छूट दिए जाने के मामले पर सुनवाई पूरी कर निर्णय सुरक्षित रख लिया है ।

जयदीप अभय व अन्य की ओर से दायर रिट याचिकाओं पर जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने सभी पक्षों का बहस सुनने के बाद सुरक्षित रखा। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में पिछले 15 वर्षों से लोक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा को , हर साल लेने की जगह दो तीन वर्षों की परीक्षा एक साथ संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित किया जाता है।

हर वर्ष बहाली के लिए परीक्षा आयोजित नही होने के कारण अभ्यार्थियों को परीक्षा में बैठने का समान अवसर नही मिलता है।अगर हर वर्ष परीक्षा आयोजित किया जाता,तो उम्मीद्वार को पूरा अवसर मिलता।
साथ ही संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने पर अवसर कम मिल पाएंगे।

परीक्षा में शामिल होने की उम्र सीमा खत्म होने के बाद उन्हें परीक्षा में शामिल होने का अवसर नहीं प्राप्त होता है। उन्हें समान अवसर नहीं प्राप्त मिलने के कारण उनके साथ न्याय नहीं हो पाता है।

वहीं बीपीएससी की तरफ से इन याचिकाओं का विरोध करते हुए अधिवक्ता संजय पाण्डेय ने कोर्ट को बताया गया संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में अधिकतम उम्र में छूट दी जाती रही है ।

साथ ही उन परीक्षाओं में हर वर्ष की रिक्तियां भी एकसाथ सम्मिलित रहती है । अभ्यार्थियों को उचित अवसर मिलता मिलता है ।हाई कोर्ट ने सभी पक्षों का बहस सुनने के बाद इस मामले पर निर्णय सुरक्षित रख लिया ।

बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शिरकत करने पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पटना पहुंचे हैं

बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह में शिरकत करने के लिए भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पटना पहुंचे हैं, राष्ट्रपति तीन दिनों तक पटना में रहेंगे इस दौरान आज शाम पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीशों संग ‘हाई-टी’ की शोभा बढ़ायेंगे। 21 अक्टूबर को सुबह पटना साहिब और हनुमान मंदिर का दर्शन करेंगे उसके बाद बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह को लेकर सुबह 10.50 बजे विधानसभा परिसर पहुंचेंगे।

वे यहां शताब्दी स्तंभ का शिलान्यास करेंगे और इस परिसर में बोधिवृक्ष के शिशु पौधे लगाएंगे फिर समारोह को संबोधित करेंगे। वे ‘सदन में विमर्श ही संसदीय प्रणाली का मूल है’ विषय पर विधायकों को संबोधित करेंगे। शाम साढ़े सात बजे से महामहिम राष्ट्रपति के सम्मान में विस अध्यक्ष के सरकारी आवास पर रात्रि भोज रखा गया है। इस दौरान बिहार कोकिला शारदा सिन्हा समेत कुल 77 कलाकार राज्य की सांस्कृतिक खूबियों का प्रदर्शन उनके समक्ष करेंगे। 22 को सुबह पटना भ्रमण के बाद राजभवन से पटना एयरपोर्ट के लिए राष्ट्रपति सुबह 11 बजे रवाना होंगे।

राष्ट्रपति बनने के बाद चौथी बार पटना आ रहे हैं राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति कोविंद का बिहार से विशेष लगाव है। 8 अगस्त 2015 को उन्होंने बिहार के राज्यपाल पद की शपथ ली और 19 जून 2017 को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद बिहार के राजभवन से सीधे राष्ट्रपति भवन के लिए विदा हुए। राष्ट्रपति बनने के बाद वे चौथी बार बिहार के दौरे पर पहुंच रहे हैं।

पहली बार 9 नवंबर 2017 को तृतीय कृषि रोडमैप का शुभारंभ करने आये थे। 15 नवंबर 2018 को राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय पूसा तथा एनआईटी पटना के दीक्षांत समारोह में शामिल होने बिहार आए। तीसरी बार 25 अक्टूबर 2019 को महामहिम राजगीर परिभ्रमण पर पहुंचे थे।

राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली दो यात्राओं में वे एक-एक दिन राजभवन में रुके थे। अबकी चार साल बाद 22 और 23 की रात वे यहां विश्राम करेंगे। इसको लेकर राजभवन के राष्ट्रपति सूट को चकाचक किया जा चुका है। यहां के रसोइयों, खानसामों में भी महामहिम के आगमन को लेकर खासा उत्साह है।

राष्ट्रपति समेत छह वक्ता करेंगे समारोह को संबोधित
बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह को लेकर विधानसभा के बाहरी परिसर में बनाए गये भव्य पंडाल के मंच पर राष्ट्रपति श्री कोविंद समेत छह लोगों की ही कुर्सियां होंगी और इतने ही लोग समारोह को संबोधित भी करेंगे। स्वागत भाषण विस अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा करेंगे, उसके बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्यपाल फागू चौहान का संबोधन होगा।

राष्ट्रपति के मुख्य संबोधन के बाद विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। मौके पर विधानसभा द्वारा तैयार स्मारिका का भी लोकार्पण होगा। राज्यपाल चौहान इसे लोकार्पित कर इसकी पहली प्रति राष्ट्रपति कोविंद को प्रदान करेंगे।