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मान गये मंत्री जी

कल तक बिना कारवाई के सदन में नहीं जाने की बात करने वाले बिहार सरकार के श्रम संशाधन मंत्री जीवेश मिश्रा सुबह होते ही क्यों नरम पड़ गये यह सवाल आज सुबह से ही राजनीति के गलियारे में घूम रहा है।

हुआ ऐसा था कि कल विधानसभा सत्र की शुरुआत होने से ठीक पहले मुख्यमंत्री के सुरक्षा कारकेट जाने के दौरान मंत्री जीवेश मिश्रा के गांड़ी को पुलिस ने रोक दिया था इसको लेकर मंत्री सड़क से लेकर सदन तक हंगामा खड़ा कर दिये विधानसभा अध्यक्ष इस मामले की जांच अपर मुख्यसचिव गृह और डीजीपी को सौप दिया और इस आदेश के आलोक में अपर मुख्यसचिव गृह और डीजीपी कल शाम विधानसभा परिसर में पहुंच कर जांच शुरु कर दिये थे लेकिन जांच रिपोर्ट अभी आयी भी नहीं है उससे पहले ही जीवेश मिश्रा ने कहा कि किसी अधिकारियों के प्रति मेरी नाराजगी न थी, न है. मैंने तो बस जो सम्मान को लेकर मुद्दा है, उसे उठाया है. उम्मीद करता हूं कि किसी प्रकार की कोई नाराजगी आगे होगी भी नहीं।

हलांकि कल देर रात को पटना के डीएम और एसएसपी मंत्री से मिलने उनके आवास गये थे पटना डीएम इससे पहले दरभंगा का डीएम रह चुके हैं और मंत्री दरभंगा जिले से ही विधायक है इसलिए दोनों में पूराना रिश्ता रहा है डीएम के पहल पर रात में ही मंत्री मान गये थे ऐसा कहां जा रहा है ।

मंत्री जीवेश मिश्रा को शिवानंद की खरी खरी

जीवेश मिश्रा मंत्री हैं. दूसरी दफ़ा चुनाव जीते हैं. और मंत्री बन गए. यह सौभाग्य सब को नहीं मिलता है. बहुत लोगों की ज़िंदगी राजनीति में गुज़र जाती है. कुछ नहीं मिलता है. सबका सौभाग्य जीवेश जी जैसा कहाँ होता है!

पहली मर्तबा मंत्री बनने वालों में ताव ज़्यादा होता है. उनको लगता है हम सरकार हैं. सरकार तो सरकार है. उसके ऊपर कौन! भला देखिए ! ट्रैफ़िक सिपाही की जुर्रत. सरकार की गाड़ी को रोक दिया ! और सरकार के मुलाजिम कलक्टर और एसपी की गाड़ी को आगे बढ़ा दिया. यह तो सरासर सरकार का अपमान है !

इसी भावना से जीवेश जी ने बहुत रोष में इस मामले को विधानसभा में उठाया. विरोधी पक्ष के विधायकों को बढ़िया मौक़ा मिल गया. उन्होंने भी इस पर खूब लहर काटा. जो पुराने लोग हैं उनके साथ अगर इस तरह की घटना हुई होती तो शायद उसको पचा गए होते.

अब क्या होगा ? गौर से देखिए. कलक्टर और एसपी इस मामले में कहाँ क़सूरवार ठहरते हैं. ट्रैफ़िक के सिपाही ने उनको आगे बढ़ने का सिग्नल दिया और वे बढ़ गए. इस पूरे प्रकरण में जीवेश के रोष का शिकार तो गरीब ट्रैफ़िक का सिपाही बन रहा है.

जबकि जीवेश जी को ताव आया होगा कलक्टर और एसपी के लिए उनकी गाड़ी को रोक दिये जाने पर.
जीवेश जी धीरे धीरे पकठा जाएँगे. उनको समझ में आ जाएगा कि वे तो टेम्परोरी हैं. कलक्टर, एसपी परमानेन्ट हैं. इसलिए बेचारा सिपाही टेम्परोरी को देखे या परमानेन्ट को !

राजनीति में बहुत दिनों से सत्ता के केंद्र को लेकर इंदिरा जी के नाम से एक कहावत चलती है. कहा जाता है कि कभी उन्होंने कहा था कि इस सिस्टम में सत्ता के तीन ही केंद्र हैं. पीएम, सीएम और डीएम. पता नहीं इंदिरा जी ने सचमुच कभी ऐसा कहा था या नहीं. लेकिन बात तो सत्य है.

मंत्री जीवेश मिश्रा की शिकायत की जांच करने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी विधानसभा परिसर पहुंचे

मंत्री जीवेश मिश्रा की शिकायत की जांच करने अपर मुख्य सचिव गृह और डीजीपी विधानसभा परिसर पहुंचे जांच के बाद मीडिया से बात करते हुए अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद ने कहा कि ऐसा हो नहीं सकता कि कोई भी पदाधिकारी पुलिस पदाधिकारी माननीय मंत्री जी इज्जत ना करें लेकिन कुछ दिक्कतें हुई है इस पूरे मामले को देखा जा रहा है जा रहा है जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है वही डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने कहा कि वीडियो फुटेज देखा जा रहा है और जांच शुरू कर दी गई है उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

मंत्री को अपमानित करने के मामले में जॉच शुरु