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पाकिस्तानी आतंकी का तार बिहार से जोड़े जाने को लेकर उठने लगे सवाल है

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े पाकिस्तानी आतंकी अशरफ की गिरफ्तारी मामले में जिस तरीके से बिहार से तार जोड़ा जा रहा है उसको लेकर बिहार पुलिस के आलधिकारियों ने गहरी नराजगी व्यक्त किया है ।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा जो मीडिया को बताया गया है उसको लेकर अभी तक दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस मुख्यालय के किसी भी अधिकारी से इस संदर्भ में बात नहीं किया है और ना ही किशनगंज एसपी से।

दिल्ली पुलिस के हवाले से जो मीडिया रिपोर्ट आयी है उसके अनुसार आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था और उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया।

अजमेर शरीफ में उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई, और उन्हीं लोगों के साथ बिहार चला गया । बिहार में जाकर उसने एक गांव में शरण ली और वहां पर कुछ समय रहकर सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवाकर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवाई.
कथ‍ित आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि बाद में वह दिल्ली आया और उसी आईडी के सहारे दिल्ली में पहले राशनकार्ड बनवाया और फिर वोटर आईडी कार्ड और उसके बाद 2014 में पासपोर्ट बनवा लिया ।

राशन कार्ड कैसे बनता है —
राशन कार्ड बनाने की एक पूरी प्रक्रिया है जिसमें पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर तक पूरा महकमा शामिल होता है बिहार में सरपंच या मुखिया को ये अधिकार नहीं है किसी के नागरिक होने का प्रमाण पत्र दे, इतना ही नहीं सरपंच और मुखिया अगर ऐसा कोई प्रमाण देता भी है तो उसके आधार पर राशन कार्ड बन ही नहीं सकता है क्यों कि इसके साथ वोटर आईडी कार्ड के अलावा कई और दस्तावेज चाहिए तभी आपको राशन कार्ड बन सकता है ।

इसलिए ये जांच का विषय है कि बिहार के किसी सरपंच के पत्र के आधार पर दिल्ली या यूपी में कैसे राशन कार्ड बन गया जाचं तो यहां से शुरु होनी चाहिए कि इस खेल में कौन लोग शामिल है

कैसे बनता है पासपोर्ट–
पासपोर्ट बनाने के लिए आपको मौजूदा एड्रेस प्रूफ के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स पानी का बिल टेलीफोन/मोबाइल का बिल बिजली का बिल इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर आईडी-कार्ड के साथ साथ जहां आपका स्थायी पता है उसकी भी जानकारी देनी पड़ती है ।

दोनों जगह पुलिस सत्यापन करती है उसके बाद ही पासपोर्ट बन सकता है ।इतना ही नहीं जन्मतिथि के लिए जरूरी प्रमाण-पत्र नगर निगम की ओर से मिला जन्म प्रमाण-पत्र स्कूल लिविंग या ट्रांसफर लेटर की कॉपी पॉलिसी बॉन्ड या फिर पैन कार्ड होना अनिवार्य है ।

ऐसे में अशरफ का पासपोर्ट कैसे बन गया। जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े कागजात किस संस्थान द्वारा निर्गत किया गया है कई ऐसे सवाल हैं जो दिल्ली पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है क्यों कि 2004 में वो भारत में आता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए ब्लास्ट से पहले रेकी की थी और उस रेकी में वह कई बार वहां पर आया था, लेकिन उसने बम धमाके में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

पुलिस ने धमाकों की साजिश में शामिल एक शख्स की फोटो उसे दिखाई है, जिसके बाद उसने उसे पहचाना लेकिन सही कहा कि उसने सिर्फ रेकी की थी धमाका किसी और ने किया था. स्पेशल सेल अब उसके इस दावे को वेरिफाई करेगी.

कथ‍ित आतंकी अशरफ के जम्मू कश्मीर में भी बम धमाके और हथियार सप्लाई करने का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक वह काफी समय जम्मू कश्मीर में रहा है, जिसके बाद बुधवार को एनआईए, जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस स्पेशल सेल के दफ्तर में आतंकी से पूछताछ करने आएंगी और उसके जम्मू कश्मीर में जाने के साथ ही वहां पर साजिश का पता लगाएगी.

इस तरह के वारदात में वो शामिल रहा है वह भी दिल्ला में रहते हुए ऐसे में ये सवाल तो बनता ही है कि दिल्ली में राशन कार्ड बनवाने में से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक में किसने सहयोग किया इस संदर्भ में बिहार के एक पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली और मुबंई पुलिस अक्सर इस तरह का दाव खेलते रहती है ताकि उसके सिस्टम के फेलियर पर लोगों का ध्यान ना जाये ।