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दरभंगा के सांसद डां गोपाल जी ठाकुर ने गृहमंत्री से की मुलाकात

आज दरभंगा सांसद डॉ गोपाल जी ठाकुर, राष्ट्रीय कार्यसमिति विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में मनोनित होने के पश्चात पहली बार देश के केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी से नई दिल्ली स्थित लोकसभा कार्यालय में मुलाकात किए।

इस दौरान सांसद डॉ ठाकुर ने गृहमंत्री अमित शाह जी को मिथिला परंपरा अनुसार पाग, चादर, मखान माला एवं मछली के चित्रयुक्त मिथिला पेंटिंग देकर भव्य स्वागत किया।

सांसद डॉ ठाकुर ने पार्टी द्वारा उनको राष्ट्रीय कार्यसमिति विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनित करने एवं रेल संबंधी स्थाई समिति में पुनः सदस्य मनोनित करने के लिए गृह मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुलाकात के क्रम सांसद डॉ ठाकुर ने गृह मंत्री जी को मिथिला के केंद्र दरभंगा आने का निमंत्रण दिया जिसे गृहमंत्री जी द्वारा स्वीकार किया गया।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि नवभारत के विश्वकर्मा, देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी एवं देश के यशस्वी गृह एवं सहकारिता मंत्री आदरणीय श्री अमित शाह जी दरभंगा सहित संपूर्ण मिथिला एवं देश के विकास के प्रति काफी गंभीर हैं।

इसी के तहत केंद्र सरकार द्वारा दरभंगा को एक के बाद एक कई जनहित से जुड़ा महत्वपूर्ण परियोजना दिया गया है। सांसद डॉ ठाकुर ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में एम्स, उडान योजना से दरभंगा एयरपोर्ट को जोड़ने, आईटी पार्क, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, तारामंडल,दरभंगा- समस्तीपुर दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण,दरभंगा-आमस एक्सप्रेस-वे, कोसी रेल महासेतु, कचरा निस्तारण प्लांट, पाग पर डाक टिकट जारी करने, मैथिली को सीबीएसई पाठ्यक्रम में शामिल करने, दरभंगा रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय स्टेशन बनाने, दरभंगा में दस आरओबी देने, काकरघाटी-शीशो बायपास रेललाइन, मखाना के विकास हेतु दस हजार करोड़ रुपए देने, पूसा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा सहित दर्जनों विकास परियोजना देने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं आदरणीय गृहमंत्री जी के प्रति आभार जताया।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि आने वाले दिनों में दरभंगा एक स्वर्णिम इतिहास को लिखेगा। मुलाकात के दौरान डॉ ठाकुर ने गृह मंत्री जी को क्षेत्र की प्रमुख समस्या बाढ़ से स्थाई निदान, दरभंगा में सीआईएसएफ बेस कैंप की स्थापना, दरभंगा स्थित दरभंगा एयरपोर्ट का सुरक्षा सीआईएसएफ से कराने, दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण कवि कोकिल बाबा विद्यापति जी के नाम पर करने एवं दरभंगा जिला को-ऑपरेटिव बैंक को पुनः प्रारंभ करने सहित विभिन्न मुद्दों को माननीय मंत्री जी के समीप रखा।

उन्होंने बाढ़ से संबंधित विस्तृत जानकारी गृह मंत्री जी के समीप रखते हुए इसके जल्द स्थाई समाधान का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष बारिश के समय नेपाल से निकलने वाली प्रमुख नदी और उसके सहायक नदी मिथिला सहित पूरे उत्तर बिहार में भारी विनाश और तबाही मचाती है।

जिस कारण प्रत्येक वर्ष करोड़ों की आबादी इससे प्रभावित होती है। सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि मिथिला क्षेत्र मुख्यत: कृषि पर आधारित है। क्षेत्र की अधिकतर आबादी के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है। बाढ़ और सुखाड़ के कारण प्रतिवर्ष लाखों हेक्टेयर फसलें बर्बाद होती आ रही है।

जिस कारण क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो जाती है वहीं बाढ़ की विभीषिका की वजह से प्रत्येक वर्ष हजारों लोग काल के गाल में समाहित हो जाते हैं और लाखों लोग बेघर हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए की सड़कें एवं सरकारी भवन भी ध्वस्त हो जाती है और इसके पश्चात सरकार द्वारा एक बड़ी राशि इनके पुनर्वासन में खर्च किया जाता है।

उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण उत्तर बिहार वह मिथिला क्षेत्र के करोड़ों लोग एवं युवा मजबूरन पलायन करते हैं। सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि बाढ़ क्षेत्र के लिए एक स्थाई अभिशाप बन गया है और इसके स्थाई निदान के लिए पूर्व की सरकार द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया।

जिस कारण समस्या जस की तस बनी हुई है। सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में नदी से नदी जोड़ने की कल्पना कर बाढ़ से स्थाई निदान की परिकल्पना की गई थी। इसके अलावा सांसद डॉ ठाकुर ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में दशकों से बंद दरभंगा जिला सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक को पुनः प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया है।

सांसद डॉ ठाकुर ने कहा कि इस बैंक के पुनः प्रारंभ हो जाने से जिले के किसान भाइयों के साथ-साथ आम लोगों को काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि इस को-ऑपरेटिव बैंक के स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में शीर्ष बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराना, सहकारी गतिविधियों को बढ़ावा देना एवं सहकारी समितियों के लिए ऋण की व्यवस्था करना इत्यादि था।

इसके बंद हो जाने से क्षेत्र के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है खासकर किसान भाइयों को । सांसद डॉ ठाकुर ने दरभंगा एयरपोर्ट का सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के हाथ देने में अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दरभंगा का अतीत काफी गौरवशाली है। यह विद्वानों की पावन भूमि रही है।

परंतु विगत कुछ दशकों में आंतरिक सुरक्षा दरभंगा के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। चूंकि यह क्षेत्र काफी शांति प्रिय एवं मृदुभाषी है। इसी का फायदा उठाकर आतंकी संगठन इस क्षेत्र को अपना सुरक्षित पनाह बनाने की कोशिश करते रहते हैं और कई मामलों में यहां के तार पाकिस्तान एवं दूसरे आतंकी संगठनों से जुड़ा पाया गया है।

ऐसे में दरभंगा स्थित महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा ही की जानी चाहिए। सांसद डॉ ठाकुर ने दरभंगा एयरपोर्ट का नामकरण कवि कोकिल बाबा विद्यापति जी के नाम पर करने का भी अनुरोध माननीय गृह मंत्री जी से किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से इस एयरपोर्ट का नामकरण कवि कोकिल बाबा विद्यापति के नाम पर करने हेतु प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जा चुका है।

दरभंगा एम्स के निर्माण का रास्ता हुआ साफ राज्य सरकार 200 एकड़ जमीन दिया।

दरभंगा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने मिथिला के केंद्र दरभंगा में बनने वाले एम्स हेतु 200 एकड़ की भूमि स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को निःशुल्क हस्तांतरित करने हेतु कैबिनेट निर्णय किये जाने पर बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी व बिहार सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि दरभंगा एम्स के निर्माण को लेकर लगातार सभी स्तरों पर प्रयासरत हूं।

सांसद ने कहा कि बीते दिनों कुशेश्वरस्थान उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के जनसभा के दौरान दरभंगा एम्स निर्माण की दिशा में गति प्रदान करते हुए, एम्स हेतु प्रस्तावित स्थल पर सभी मूलभूत कार्यों को पूर्ण करने का आग्रह किया था ताकि शिलान्यास हेतु प्रस्तावित स्थल को जल्द से जल्द तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि पूर्व में दरभंगा एम्स के प्रस्तावित स्थल के लो लैंड पर मिट्टीकरण हेतु राशि भी स्वीकृत की जा चूँकि है। उन्होंने कहा कि मिट्टीकरण के साथ- साथ बाउंड्री वाल निर्माण का कार्य भी होगा।

दरभंगा सासंद गोपाल जी ठाकुर

सांसद श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एम्स निर्माण के साथ आठ करोड़ मिथिलवासियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 1264 करोड़ की लागत से 750 बेड वाले एम्स के निर्माण मिथिला के केंद्र दरभंगा में होगा। उन्होंने कहा कि इस अत्याधुनिक अस्पताल के बन जाने से निकट भविष्य में 8 करोड़ मिथिलवासी सहित पड़ोसी देश नेपाल और पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के करोड़ों लोग दरभंगा एम्स से लाभन्वित होंगे। उन्होंने कहा कि कुल 10 करोड़ से ऊपर की आबादी दरभंगा एम्स से लाभान्वित होगी।

सांसद गोपाल जी ठाकुर ने दीपावली की पूर्व संध्या मिथिलवासियों को ऐतिहासिक सौगात देने हेतु बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, उपमुख्यमंत्री द्वय तारकिशोर प्रसाद जी व रेणु देवी जी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय जी, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय और दरभंगा जिला के प्रभारी मंत्री सम्राट चौधरी जी के प्रति हृदय की गहराई से आभार व्यक्त किया।

दरभंगा, भागलपुर और बक्सर आयुर्वेदिक कालेज फिर से होंगे शुरू

आयुष चिकित्सा के विकास को राज्य सरकार प्रतिबद्धः मंगल पांडेय
दरभंगा, भागलपुर और बक्सर आयुर्वेदिक कालेज फिर से होंगे शुरू

पटना। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। दरभंगा, भागलपुर और बक्सर के आयुर्वेदिक कॉलेजों में फिर से पढ़ाई शुरू की जाएगी। इसके लिये प्रयास तेज कर दिए गये हैं। पटना और गोपालगंज में 50-50 बेड की क्षमता के आयुष अस्पताल स्थापित किये जाएंगे।

श्री पांडेय ने कहा कि पटना सिटी स्थित नवाब मंजिल में आयुष अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया है। इसके डेढ़ साल में तैयार होने की संभावना है। यहां पर आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी और योगा पद्धति से इलाज किये जाएंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से गोपालगंज में आयुष अस्पताल खोले जाएंगे।

आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा कालेजों की शैक्षिक और आधारभूत संरचना की कमियां दूर की जाएगी। बेगूसराय और दरभंगा के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में दो नये भवन बनेंगे। मुजफ्फरपुर स्थित राय बहादुर टुंकी साह शासकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के परिसर में भी एक नया भवन बनाया जाएगा।

श्री पांडेय ने कहा कि आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में स्नातक (यूजी) सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है। राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज ने यूजी सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है और पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू की गई। स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष डॉक्टरों और जीएनएम की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई। सूबे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और वेलनेस सेंटर पर भी आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा जनता को दी जाएगी।

जमीन माफिया से लेन देन की वजह से पुजारी की हुई है हत्या पुलिस इस बिन्दू पर शुरु की जांच

मीडिया वाले और कसाई पर अब कोर्ई फर्क नहीं रह गया है – दरभंगा के ऐतिहासिक कंकाली मंदिर में आज सुबह जिस तरीके से अंधाधुध फायरिंग करके मुख्य पुजारी की हत्या कर दी गयी उससे पूरा मिथिलांचल हतप्रभ है। क्यों कि दुर्गा पूजा के दौरान पूरे मिथिलांचल में एक अलग तरह का भक्तिमय माहौल रहता है उपवास और पूजा पाठ में घर के सभी सदस्य लगे रहते हैं।

ऐसे में आस्था के केन्द्र माने जाने वाले कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी जिनके बारे में कहां जाता है कि वो पूरे दुर्गा पूजा के दौरान सिर्फ पानी पीकर रहते हैं उनके साथ इस तरह की घटना महज मोबाइल विवाद को लेकर घटित हो जाये किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा है।

परिवार वाले मोबाइल विवाद को ही वजह बता रहे हैं हलांकि जिन चार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है उसमें से तीन अपराधियों को मंदिर के पास मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई शुरु कर दिया जिस दौरान एक अपराधी पुलकित कुमार सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी ।

पुलकित कुमार सिंह के पिता विश्वविधालय में कर्मचारी है और ये चकिया मोतिहारी का रहने वाला है घटना स्थल से जो कार बरामद हुआ है वो कार पुलकित कुमार सिंह के पिता के नाम पर ही है ।दो और अपराधी जिसका इलाज चल रहा है अभिजित श्रीवास्तवऔर अभिषेक राज दरभंगा का ही रहने वाला है चौथा जो अपराधी भाग गया वो अंशु ठाकुर है जो कटरा मुजफ्फरपुर का रहने वाला है।

पुजारी की हत्या पर दरभंगा एसएसपी क्या कह रहे हैं जरा आप भी सुनिए

इन चारों अपराधी को मुख्य पुजारी के परिवार वाले पहचान रहे हैं और उनकी माने तो इन्हीं लोगों से विवाद हुआ था हलाकि पुलिस के रिकार्ड में इन लोगों के खिलाफ कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है लेकिन पर्दे के पीछे जो तथ्य सामने आ रहा है वह पूरा मामला मंदिर के करोड़ो के जमीन से जुड़ा हुआ है जिसका डील ये चारों कर रहा था और इन चारों का सम्बन्ध संतोष झा गैग से रहा है हलाकि पुलिस फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहा लेकिन इस घटना दूसरा पहलु इस घटना से भी घिनौना है ।

पुजारी की हत्या पर उनके पड़ोसी का क्या कहना है

मीडियाकर्मी और राजनीतिज्ञ इस घटना में सांप्रदायिक एंगल ढूढ़ते दिखे

जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर ब्रेक हुआ पांच मिनट के अंदर दिल्ली और पटना से जुड़े मीडियाकर्मियों और राजनीतिज्ञों का फोन आना शुरु हो गया कैसे हुआ संतोष जी क्या मामला है, मेरी संगति राइट और लेफ्ट दोनों से है और दोनों की सियासत को भी समझते हैं ।

फोन की घंटी से ही समझ जाते थे कि इस खबर में जबाव ढूंढ क्या रहे हैं, मंदिर में पुजारी की कैसे हत्या हुई उसको लेकर को गम्भीर नहीं थे बल्कि हत्यारा कौन है ये जानने के लिए ज्यादा उत्साहित थे ।

चलिए राजनीतिज्ञों की तो आज कल इसी से दुकान चल रही है लेकिन मीडिया वाले हमारे बंधु का व्यवहार हैरान करने वाला था। राजनीतिज्ञ तो थोड़ा धैर्य से घटना क्यों हुई वो सून भी रहे थे हमारे मीडिया वाले भाइयों का सीधा सवाल था मिया मारा है क्या,मैंने कहां नहीं तो उसके बाद ऐसा लगा जैसे वो बेहोश हो कर गिर गया उसके आवाज में जो खनक थी वो समाप्त हो गयी ठीक है संतोष रखते हैं।

एक बंधु इतना उत्साहित थे कि संतोष कुछ तो इनसाइड स्टोरी रहा होगा दरभंगा है वहां इस तरह का खेल पर्दे के पीछे चलता रहता है ,जरा पता करो ना मोबाइल के लिए इस तरह हत्या नहीं हो सकती है मैंने कहां ठीक है पता करते हैं वैसे एक स्टोरी है दरभंगा एसएसपी को लेकर मंदिर में जाने से रोक रहे थे एसएसपी दलित है कुछ एंगल बना सकते हैं तो बना लीजिए ये भी बिकने वाला एंगल है ,बाईट मिलेगा संतोष मैं तो पटना हूं दरभंगा आपके चैनल का भी स्ट्रिगर होगा ही मंगवा लीजिए देने में कोई दिक्कत नहीं होगा वैसे कोई नहीं कोई मिलेगा तो माले वाला है ही ।

पुण्यतिथि पर याद किए गए दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह

आज कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० शशिनाथ झा जी की अध्यक्षता में उनके द्वारा प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उन्हें याद करते हुए शशिनाथ झा ने कहा कि लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस वह पुण्य स्थान है जहां महाराज ने जन्म लिया। शिक्षा ग्रहण किया,यज्ञोपवीत का संस्कार से लेकर विवाह संस्कार तक इसी भवन में हुआ। यह मनोरम स्थल बहुत ही महत्वपूर्ण है ।

1952 में जमींदारी प्रथा खत्म होने के बाद भी दरभंगा महाराज कामेश्वर सिंह द्वारा लोगों की भलाई के लिए यह भवन शैक्षणिक कार्यों के लिए आमजनमानस को दिया गया। इसी परिप्रेक्ष्य में 1960 संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में यह भवन महाराज के द्वारा स्थापित किया गया। संस्कृत शिक्षा के सर्वांगीण विकास हेतु उनके द्वारा यह कदम उठाया गया था।

संस्कृत के प्रति उनका समपर्ण इस बात का गवाह है कि लक्ष्मीश्वर विलास पैलेस जैसे भवन में आज संस्कृत विश्वविद्यालय संचालित है।ऐसे दानवीर, दूरगामी, सामाजिक अध्येयता, समाज के हितैषी जनमानस में इन्ही कारणों से सर्वदा लोकप्रिय थे और आज भी उनके विचार और कार्य लोगों के लिए कल्याणकारी और प्रेणादायक है।

सर कामेश्वर सिंह को याद करते हुए इसमाद के राहुल कुमार ने कहा कि कामेश्वर सिंह ने हमेशा लोगों के जीवनयापन को सुलभ बनाने के लिए समर्पित रहते थे।और यही वजह के इनके जीवन काल में मिथिला एक सम्पन्न क्षेत्र हुआ करता था।

इसमाद के न्यासी संतोष कुमार ने कहा सर कामेश्वर सिंह ने दरभंगा समेत मिथिला को विकसित करने के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं से तराशा,जिसका सुख आज आमजनमानस को प्राप्त हो रहा है। लेकिन उनकी असमय मृत्यु से उनके कई कार्य निर्माणधीन ही रह गए जिसे पूरा करने में मिथिला के लोगों को मशक्कत करनी पड़ी।

इस अवसर पर उनसे स्नेह रखने वाले ने संतोष चौधरी, अभिनव सिन्हा, रवि प्रकाश,राजीव कुमार झा, सौरभ आदि ने भी अपने विचार रखे। और आज उनकी पुण्यतिथि पर सबने उन्हें याद कर नमन किया।