बिहार के ग्राम पंचायत के विकास मॉडल और प्रशासनिक तंत्र पर आज केंद्रीय पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने ना सिर्फ सवाल ही खड़े किये बल्कि तथ्यों के साथ मंत्री और पदाधिकारी को कटघरे में भी खड़े कर दिये ,जबकि बिहार सरकार का यह विभाग बीजेपी के कोटे में ही है।
1– पंचायत सरकार सही से काम नहीं कर रहा है
हुआ ऐसा कि आज केन्द्रीयमंत्री गिरिराज सिंह ने पंचायती राज से जुड़े विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई थी जिसमें उन्होंने कहा है कि बिहार में सिर्फ ग्राम पंचायत सरकार भवन है। ग्राम पंचायत सरकार नहीं चल रही है। ग्राम सभा की बैठकें नहीं हो रहीं।
उन्होंने गांवों के विकास के लिए काम करने वाले सरकारी कर्मियों की प्रतिदिन की उपस्थिति ग्राम पंचायत सरकार भवन में सुनिश्चित करने की ओर भी पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का ध्यान आकृष्ट किया। बैठक में राजस्व एवं भूमि सुधार, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, निबंधन, कृषि और निबंधन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, केंद्रीय सचिव हुकम सिंह मीणा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह, निदेशक जय सिंह, पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी एवं निदेशक रणजीत कुमार सिंह ने प्रस्तुति के जरिए विभाग के कामकाज संबंधी उपलब्धियों को केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया।
2–बिहार में जमीन के दाखिल खारिज
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में जमीन के दाखिल खारिज में हो रही की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाए कि लोगों को सीओ और एसडीओ के अलावा दूसरे कार्यालय में गुलाब और गेंदा का माला लेकर जाने से निजात मिल जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि घर बैठे लोगों को जमीन संबंधित सभी दस्तावेज डिजिटल माध्यम से उपलब्ध हो जाए। जमीन संबंधी कार्यों के लिए सरकारी दफ्तरों में वसूली पर केंद्रीय मंत्री ने करारा कटाक्ष किया।
गिरिराज ने कृषि विभाग के अधिकारियों का ध्यान भूमि संरक्षण संबंधित कार्यों में तेजी लाने की ओर आकृष्ट किया। भूमि संरक्षण को लेकर बिहार में हुए कार्यों के प्रति संतोष प्रकट किया।