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बिहार के लोग 2024 के लोकसभा चुनाव में “भ्रष्ट नेताओं को करारा जवाब” देंगे : अमित शाह

लखीसराय । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बिहार के लखीसराय जिले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा । शाह ने कहा…

वह सिर्फ लालू को बेवकूफ बना रहे हैं’ और नीतीश कुमार को ‘पलटू बाबू’ (मिस्टर यू-टर्न) कहा

बिहार BJP के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह, बिहार भाजपा के विनोद तावड़े, सुनील ओझा, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, राष्ट्रीय मंत्री रितुराज सिंन्ह, पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी समेत सभी बड़े नेता स्टेज पर मौजूद थे।

CM नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अभी-अभी पलटू बाबू पूछ रहे थे कि नौ साल में क्या किया? अरे नीतीश बाबू, जिनके साथ इतना बैठे हो, जिनके कारण मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे हो- उनका तो लिहाज करो।पीएम नरेंद्र मोदी जहां जा रहे हैं, वहां मोदी-मोदी हो रहा। ये मोदी का सम्मान जो पूरे दुनिया भर में हो रहा है वह उनका या भाजपा का सम्मान नहीं हो रहा बल्कि आपका और पूरे देश की जनता का सम्मान हो रहा है।

जब से भाजपा की सरकार बनी तो पाक प्रेरित आतंकियों को जगह दिखा दी। सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को घर घुसकर मारा। कांग्रेस, जदयू, राजद, ममता समेत सारे विपक्षी 70 साल से धारा 370 को गोद में खिला रहे थे। लेकिन, मोदी जी ने धारा 370 को खत्म कर दिया और कश्मीर की रक्षा की। यह लोग संसद में बैठकर काउ-काउ करते थे कि धारा 370 हटाओगे तो खून की नदियां बहेंगी। अरे राहुल बाबा खून की नदियां तो छोड़ो किसी ने कंकड़ तक चलाने की हिम्मत नहीं हुई। नरेंद्र मोदी ने देश और बिहार के विकास के लिए कई काम किए।

Amit Shah in Bihar

उन्होंने पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार से यह बताने को भी कहा कि उन्होंने बिहार के लिए क्या किया है। “उन्होंने केवल अपने गठबंधन सहयोगियों को बदला है।”

अमित शाह बोले- अरे नीतीश बाबू, जिनके कारण मुख्यमंत्री बने हो, उनका तो लिहाज करो

मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ‘क्या बार-बार घर बदलने वाले नेता पर भरोसा किया जा सकता है? क्या ऐसे आदमी के हाथ में बिहार की बागडोर दी जानी चाहिए? वह भी यह जानता है. इसीलिए वह देश का पीएम बनने के लिए कांग्रेस के घर के सामने बैठे हैं. वह पीएम नहीं बनना चाहते, वह इस उम्र में सिर्फ लालू यादव को बेवकूफ बना रहे हैं.’ वह यहीं बिहार में रहना चाहते हैं और उन्होंने बीजेपी के सभी प्रतिद्वंद्वियों को इकट्ठा कर लिया है.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा पिछले सप्ताह 15 विपक्षी दलों के 32 नेताओं की पटना में मुलाकात के कुछ दिनों बाद हुई है और उनमें से एक को छोड़कर सभी ने संयुक्त रूप से भाजपा का मुकाबला करने और 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले एक साझा एजेंडा बनाने की कसम खाई थी।

अमित शाह ने यह भी कहा कि महागठबंधन सरकार के तहत कानून-व्यवस्था की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।

यह कहते हुए कि बिहार राज्य ने हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है, शाह ने कहा, “बिहार 2024 के चुनावों में भ्रष्ट नेताओं को करारा जवाब देगा।”

अमित शाह ने कहा कि जिन्होंने विश्वासघात किया है, उन्हें दंड देने का काम मुंगेर लोकसभा वालों को करना है। जनता से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में मोदीजी को जिताओगे, 2025 में BJP को जिताओगे।

हाईकोर्ट के फैसले पर आक्रामक मूड में बीजेपी, जहानाबाद में सीएम और डिप्टी सीएम का फूंका पुतला

आज जहानाबाद में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्यव्यापी आंदोलन के तहत अस्पताल मोड़ चौराहा पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का पुतला फूंका।

बीजेपी के लोगों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार ने पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग को अपने वोट बैंक के रूप में उपयोग करने के चक्कर में बिहार में नगर निकाय के चुनाव को खत्म करवा दिया।

जिस तरह से बिना किसी प्रक्रिया पूरा किए हुए सरकार चुनाव में गई। इससे आम लोगों को काफी परेशानी झेलना पड़ा। ऐसे में जब कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया, तो इसके लिए सीधे बिहार सरकार जिम्मेदार है।

बीजेपी जिला अध्यक्ष ने यह मांग की है कि उम्मीदवारों के जो खर्च हुए हैं उन्हें सीएम नीतीश कुमार के द्वारा दिया जाना चाहिए।

2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाना गलती थी: नीतीश कुमार

04 सितंबर 2022। आज नेशनल काउंसिल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संबोधित करते हुए इस बात को स्वीकार किया कि 2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ जाना गलती थी।

nitish kumar

हमारे भारतीय जनता पार्टी के साथ जाने से कई हमारे लोग थे वो अलग हो गए अब हम फिर वापस आ गए हैं तो सभी लोगों ने हमारे फैसले को सराहा है।

स्वास्तिक हमारी संस्कृति का हिस्सा, विवाद खड़ा करना अनावश्यक: सुशील कुमार मोदी

स्वास्तिक शुभ चिह्न हमारी हजारों वर्ष पुरानी वैदिक सभ्यता और संस्कृति का हिस्सा है, इसलिए इस पर राजनीति करना अनावश्यक और दुर्भाग्यपूर्ण है।

धर्मनिरपेक्षता का अर्थ देश के बड़े वर्ग की आस्था, परम्परा और प्रतीक चिह्न से अनादरपूर्वक दूरी बनाना नहीं होता।

हम जब विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित कर या नारियल फोड़ कर भी करते हैं, तब देश की सांस्कृतिक परम्परा का ही पालन करते हैं, लेकिन फीता काटने की रवायत बंद नहीं की गई है।

बिहार विधानसभा के स्मृति चिह्न में अशोक चक्र के साथ स्वास्तिक चिह्न भी रहे, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
विधानसभा के आधिकारिक लेटरहेड पर भी स्वास्तिक चिन्ह का प्रयोग होता है।

जिनके पास जनहित के मुद्दे नहीं हैं, वे कभी वंदेमातरम् गायन का विरोध करते हैं तो कभी स्वास्तिक चिन्ह का विरोध करने लगते हैं।

इनलोगों को यह भी नहीं मालूम है कि भारत का स्वास्तिक चिन्ह हिटलर के चिन्ह से बिल्कुल भिन्न है।

सदियों से भारत में शुभ अवसरों पर स्वास्तिक चिह्न बनाये जाते रहे हैं, लेकिन जिनकी समझ अपने मनीषियों के ग्रंथों की उपेक्षा और भारत-विरोधी लेखकों की चंद किताबें पढ़ाने से बनी हो, केवल वे ही स्वास्तिक से दुराग्रह प्रकट कर सकते हैं।