Press "Enter" to skip to content

Posts tagged as “#biharpolice”

बिहार पुलिस का अपराधियों के साथ रिश्ता क्या कहलाता है

राजनीति का अपराधीकरण पर खुब चर्चा होती है लेकिन आज हम आपको पुलिस का अपराधीकरण पर चर्चा करने जा रहे हैं और यह चर्चा इतनी गंभीर है कि आज यह मसला किसी नेता या मंत्री से जुड़ा रहता तो अभी तक इस्तीफा हो गया रहता ।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर डीजीपी से बात करने वाले उस फर्जी व्यक्ति के बारे में जिसने गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार को बचाने के लिए डीजीपी को ही फोन नहीं किया मुख्यमंत्री को भी फोन किया था और जब मुख्यमंत्री सचिवालय को जब संदेह हुआ तो इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई द्वारा करायी गयी और फिर पूरे मामले का खुलासा हुआ।

लेकिन सवाल यह है कि अभिषेक अग्रवाल जिसने एसएसपी गया को बचाने के लिए इस स्तर का फर्जीवाड़ा किया वो पहले भी देश का गृहमंत्री बन कर फर्जीवाड़ा करने के एक मामले में दिल्ली पुलिस गिरफ्तार चुका है,इसी तरह के एक मामले में कोलकत्ता पुलिस इसको गिरफ्तार कर चुका है बिहार के आईपीएस अधिकारी सौरभ शाह के पिता से ठगी करने के मामले में भागलपुर में केस दर्ज है वहां की पुलिस इसे गिरफ्तार कर जेल भेजा है ,चार्जशीटेड है किसी भी समय इसे सज मिल सकती है।

इतने बड़े अपराधी होने का बावजूद पुलिस मुख्यालय जहां आम जन को छोड़िए पत्रकार को भी जाने की अनुमति नहीं है ।
वहां इस व्यक्ति को डीजीपी की और से छूट मिली हुई थी कि पुलिस मुख्लालय के अंदर आने के लिए किसी भी तरह के परिचय पत्र लेने कि जरुरत नहीं है ।आप समझ सकते हैं देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति को इस तरह का छुट पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

इतना ही नहीं अभिषेक अग्रवाल के फेसबुक पेज को जब आप देखेंगे तो इसके व्यक्तिगत कार्यक्रम में बिहार के दो दर्जन से अधिक आईपीएस अधिकारी नियमित आते जाते रहे हैं क्या उन्हें पता नहीं था कि यह व्यक्ति देश के गृहमंत्री के नाम पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप में महीनों तेहाड़ जेल में बंद रहा है इसे क्या कहेंगे आप यह पुलिस का अपराधीकरण नहीं है।

6 जून 2022 को अभिषेक अग्रवाल के बेटे का जन्मदिन था इस अवसर पर पटना के एक बड़े होटल में जन्मदिन समारोह का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के कई आईपीएस अधिकारी मस्ती करते हुए दिख रहे हैं,बिहार के डीजीपी के साथ कई ऐसी तस्वीरे हैं जिसे देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दोनों के बीच किस तरह का रिश्ता है।

31 मार्च 2022 को इन्होंने एक तस्वीर लगायी है जिसमें कई जिले के एसपी इसके साथ होटल में खाना खा रहा है एक आईपीएस अधिकारी जो महाराष्ट्र से पटना लौटता है उसके स्वागत में आईपीएस मेस में गुलदस्ता के साथ ये उपस्थित है क्या ऐसे सीनियर पुलिस अधिकारी को पता नहीं था कि इतने संगीन मामले में यह जेल जा चुका है और अगर नहीं पता था तो फिर ऐसे अधिकारियों के पुलिस में बने रहने का मतलब क्या है।

क्यों कि पुलिस एक ऐसी संस्था है जहां अधिकारियों का व्यक्तिगत चरित्र भी पूरे महकमा को प्रभावित करता है क्यों कि पुलिस राज्य के कानून का प्रमुख होता है जिसको कानून व्यवस्था बनाये रखने और कानून के राज को स्थापित करने की जिम्मेवारी होती है और वही जब अपराधियों से इस तरह गलबहियां करते दिखेंगे तो फिर क्या होगा कानून के राज का ।

इतनी तस्वीर आज किसी मंत्री और नेता के साथ इस तरह के गंभीर आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति के साथ होता तो अभी तक सरकारे हिल गयी होती राजनीतिक दल जगह जगह आन्दोलन शुरु कर दिया रहता है ऐसे में इन अधिकारियों पर कार्यवाही करने में सरकार कितना वक्त लगाती है सबकी नजर इस आ टिकी है।

नवादा: नगर थानाध्यक्ष समेत 3 पुलिसकर्मी हुए निलंबित

नवादा । अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ने में थी संलिप्तता । नगर थानाध्यक्ष समेत 3 पुलिसकर्मी हुए निलंबित । 10 अक्टूबर को ट्रैक्टर को पकड़ कर लाया गया था थाना।

एसडीपीओ सदर और सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा करायी गयी मामले की जांच । टाउन इंस्पेक्टर विजय सिंह की सहमति से एएसआई रामानंद यादव,एएसआई रघुवीर सहनी ने ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ा।

BiharPolice Suspended

एसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल किया निलंबित । इंस्पेक्टर संजीव कुमार सिंह बनाये गए नए नगर थानाध्यक्ष।

एसपी डॉ गौरव मंगला ने प्रेस रिलीज जारी कर दी जानकारी।

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दरोगा और सार्जेंट के लिए हुई परीक्षा का परिणाम किया घोषित

पटना । बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग ने दरोगा और सार्जेंट के लिए हुई परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है । 24 अप्रैल 2022 को जो पारियों में परीक्षा आयोजित की गई थी करीब 48000 अभ्यर्थियों मैं से 45000 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था।

1998 एसआई 215 सर्जन के पदों पर नियुक्ति होने वाली है आयोग ने 6 मई 2022 को मुक्त परीक्षा का परिणाम जारी किया था। आयोग ने मुख्य परीक्षा में शारीरिक जांच परीक्षण के लिए 14856 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था शारीरिक परीक्षण के लिए संपूर्ण अभ्यर्थियों का जांच 10 जून से 26 जून तक दानापुर में हुआ था ।

BiharPolice

आज आयोग ने फाइनल रिजल्ट जारी कर दिया है।

पुलिस के लिए परेशानी का सबब बना बभना गांव, शराब तस्कर खुलेआम दे रहे चुनौती।

जहानाबाद पुलिस के लिए वार्ड नंबर एक का बभना गांव सर दर्द साबित हो रहा है। पुलिस हर हफ्ते 2 हफ्ते पर इस गांव में छापेमारी करती है और धंधेबाज फिर से शराब बनाने के काम में जुट जाते हैं।

शनिवार को एक बार फिर से डीएसपी और उत्पाद अधीक्षक के नेतृत्व में टाउन थाने की पुलिस के साथ थी एंटी लिकर टास्क फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई की। बभना महादलित टोले के समीप छापेमारी कर गैलन और बोतलों में बंद महुआ शराब जब्त किया। छापेमारी के क्रम में एक धंधेबाज को गिरफ्तार किया गया है। किसके ऊपर उत्पाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

अश्विनी कुमार, उत्पाद अधीक्षक, जहानाबाद

अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि गांव में शराब बनाने का काम लगातार जारी है। पुलिस कार्रवाई करती है और धंधेबाज फिर से उसी काम में जुड़ जाते हैं। एसडीपीओ ने यह भी बताया कि शराब तस्करों के ऊपर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी जब तक कि यह पूरी तरह बंद ना हो जाए।

अशोक पांडेय, एसडीपीओ, जहानाबाद

शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश कुमार को थानेदारी ने दी चुनौती

सात समुन्दर पार मैं तेरे पीछे पीछे आ गयी मैं तेरे पीछे पीछे आ गयी , हाथ में जाम और बाहों में हसीना के साथ कोलकत्ता के सोना गांछी में थिरक रहा ये नौजवान किसी नेता का पुत्र नहीं है, किसी बड़े व्यापारी का बेटा भी नहीं है, ये हैं कानून के रखवाले बिहार के सहरसा जिले के सदर थाना का थाना अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद का। जिनका यह वीडियो सोमवार की दोपहर में सहरसा से पटना के लिए चला लेकिन इसका रसुख यह है कि पटना में जहां पहुंचा वहां थानेदार का सिक्का पहुंच गया कई जगह खबर लगी भी लेकिन कुछ देर में उतरभी गयी

देर शाम यह वीडियो मेरे पास भी आया भेजने वाले का यही कहना था अब सब कुछ आपके ही हवाले है। कोई चलाने को तैयार नहीं है लगता है थानेदार को बचाने में कोई ना कोई बड़ी ताकत खड़ा है।

हसीनों के बाहो में जाम छलकाता थानेदार

खैर जितनी भी बड़ी ताकत क्यों ना हो लेकिन जिस जिले की यह घटना है वहां की एसपी लेडी सिंघम है और डीआईजी सुपर कॉप शिवदीप लांडे हैं इन दोनों के रहते वीडियो के वायरल होने के 24 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है तो मामला गंभीर जरुर है वो भी मामला सीधे सीधे शराब से जुड़ा है ।फिर पड़ताल शुरु हुआ और इस दौरान कोसी और सीमाचंल में क्या हो रहा है इसको लेकर बहुत कुछ समझने को मिला।

थानेदार जयशंकर प्रसाद को लेकर जो खबरें आ रही है वो बेहद चौकाने वाला है 2009 बैच का यह दरोगा है इसके पहले यह पूर्णिया जिला में था जहां भूमाफिया के साथ साठगांठ का गंभीर आरोप लगा था उसके इसी चरित्र की वजह से एसएसपी और डीआईजी ने कार्रवाई भी किया था लेकिन वहां से वह बच निकला।

इस दरोगा के सिर पर किसी ना किसी का हाथ तो जरुर है दागी होने के बावजूद इसको सहरसा में सदर थाना का थाना अध्यक्ष बना दिया गया जबकि यह थाना पुलिस मुख्यालय स्तर पर इंस्पेक्टर रैक के अधिकारी के लिए नोटिफाइड है।फिर भी ये सिर्फ प्रशासनिक मसला है ,बड़ा मसला यह है कि जिस शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी स्तर पर समझौते को तैयार नहीं है ऐसे में एक थानेदार का यह चरित्र बहुत कुछ कहता है आखिर थाने स्तर पर हो क्या रहा है इस वीडियो के सहारे समझा जा सकता है।

वैसे कोसी और सीमाचंल में तैनात बहुत सारे पदाधिकारियों का यही हाल है मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बावजूद इनका वीकेंड नेपाल या फिर कोलकत्ता में गुजरता है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार के 16 पुलिसकर्मियों होगे सम्मानित

इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार पुलिस के 16 पुलिसकर्मियों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जायेंगा । केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी सूची में बिहार के एडीजी ऑपरेशन सुशील मानसिंह खोपरे और एडीजी स्पेशल सुनील कुमार को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक और 14 अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिया जाएगा ।

दो एडीजी के साथ इस लिस्ट में एसआई लक्ष्मण कुमार सिन्हा,एसआई दिनेश कुमार मिश्रा,पटना पुलिस,एसआई शुभकान्त चौधरी, डेहरी में तैनात बिहार सशस्त्र पुलिस बल के हवलदार उदय प्रताप सिंह और हवलदार मोहम्मद नसीम,पटना बिहार सशस्त्र पुलिस बल के हवलदार मदन तिवारी,बांका के कांस्टेबल भरत प्रसाद यादव,बोधगया स्थित बिहार सशस्त्र पुलिस बल के रमेश प्रसाद और सीआईडी पटना के ड्राइवर विजय कुमार समेत कई अन्य नाम हैं।

इन सभी पुलिसकर्मी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस पदक से सम्मानित करेंगे ।

मैं बिहार पुलिस हूं मुझे आपको अपमानित करने का अधिकार है

ये बिहार है भाई यहां सब कुछ हो सकता है आप क्या है, आपकी पहचान क्या ,आपका देश और समाज में योगदान क्या है । उससे कोई मतलब नहीं रखता है मैं बिहार पुलिस हू मुझे आपको अपमानित करने का लाइसेन्स मिला हुआ है । जी हां इस बार यह मौका मुजफ्फरपुर पुलिस पुलिस को मिला है जहां टाउन थाना पर पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के फैन सुधीर कुमार की एक पुलिसकर्मी ने पिटाई कर दी। सुधीर ने जिस टाउन थाना का उद्घाटन चीफ गेस्ट बनकर किया था, उसकी थाने के एक मुंशी ने उन्हें गाली दी और फिर मारने के लिए हाथ उठाया। यह था पूरा मामला क्या है ।

मुजफ्फरपुर टाउन थाना की पुलिस ने उनके चचेरे भाई किशन कुमार को हिरासत में लिया था। जब शाम को सुधीर दामोदरपुर अपने आवास पर पहुंचे तो उन्हें घरवालों ने इसकी जानकारी दी। बताया कि पुलिस ने किशन को उठा लिया है, लेकिन, क्या मामला है इस बारे में नहीं बता रहे हैं।

भाई को हवालात में कर रखा था बन्द
सुधीर भागते हुए टाउन थाना पहुंचे। देखा कि उनका भाई हवालात में बंद है। वे उससे पूछने लगे कि किस मामले में उठाया है। उसने बताया कि उसके एक दोस्त में जमीन खरीदा था। जमीन खरीदने में उसका नाम गवाह के रूप में दिया हुआ था। शायद उस जमीन को लेकर कुछ लफड़ा हुआ था। उसी में एक पक्ष ने FIR दर्ज कराया था। जबकि इसके बारे में उसे कुछ जानकारी भी नहीं है। फिर भी पुलिस उसे पकड़ कर ले आयी है।

…और मुंशी ने गाली देना शुरू कर दिया
सुधीर अपने भाई से बात कर रहे थे। तभी एक मुंशी गुस्से में सरिस्ता से बाहर निकले और विवाद करने लगे, फिर उन्होंने गाली देना शुरू कर दिया। जब सुधीर ने इसका विरोध किया तो उनके साथ थाना पर मारपीट की। इसके बाद सुधीर वहां से चुपचाप बाहर निकल गए। फिर DSP से शिकायत की।

सेलिब्रिटी बनकर किया था उद्घाटन
सुधीर ने कहा कि यह मेरा दुर्भाग्य है कि आज से कुछ साल पहले जब यह थाना भवन नया बना था। उस समय उन्हें सेलिब्रिटी के तौर पर उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया था। उन्होंने फीता काटकर इसका उद्घाटन भी किया था। लेकिन, आज उसी थाना पर उनके साथ मारपीट की गई है। जब मेरे साथ इस तरह की घटना हो सकती है, तो आम जनता के साथ पुलिस कैसे पेश आती होगी। ये समझा जा सकता है।

बिहार पुलिस के कार्यशैली में नहीं आया है सुधार आज भी एफआईआर कराने को लेकर भटक रहे हैं लोग

जनता के दरबार मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 180 लोगों की सुनी समस्याएं, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुये। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से आये 180 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग, निर्वाचन विभाग, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी ।

पुलिस के कार्यशैली में नहीं हुआ है सुधार

पूर्वी चंपारण के एक व्यक्ति ने दहेज हत्या मामले पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत की तो वहीं अगमकुआं, पटना की दहेज के लिए दर्ज एफ0आई0आर0 पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को मामले पर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

एक व्यक्ति ने कहा कि मेरी भूमि को कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमित कर लिया गया है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने दो बार अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया, फिर भी सी०ओ० ने अतिक्रमण नहीं हटवाया। मुख्यमंत्री ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।

मुजफ्फरपुर से आए एक बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री से कहा कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है। पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने अब तक कुछ भी नहीं किया। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

रुपसपुर, पटना से आयी एक लड़की ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे साथ रेप किया गया है। हमने रूपसपुर थाने में केस दर्ज कराया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। साथ ही अब आई0ओ0 और थानेदार फोन तक नहीं उठाते हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अररिया से आए एक युवक ने कहा कि मेरे छोटे भाई की हत्या 2020 में हुई थी। हत्या को अंजाम देने के बाद भी अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए डेढ़ साल से हम दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, मगर कुछ नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर न्यायोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

समस्तीपुर से आयी एक महिला ने कहा कि पांच वर्ष पहले हमने पांच कट्ठा जमीन खरीदी थी लेकिन उस पर दूसरे लोगों ने कब्जा कर लिया है। वहीं बेगूसराय के एक व्यक्ति ने कब्रिस्तान की घेराबंदी को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री ने DGP को फोन कर कहा- तुरंत देखिए
पीड़िता ने कहा कि डीजीपी से भी मुलाकात की। लेकिन वे तो न्याय देने के बदले आरोप लगाने लगे कि लड़कियां ही रेप की जिम्मेदार हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि लड़कियां ही इसके लिए लड़कों को उकसाती हैं। ऐसे में मेरे लिए आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी को फोन लगा कर कहा कि यह मामला पटना के नौबतपुर का है। इसे तुरंत देखिए और एक्शन लीजिए।

एक फरियादी ने CM नीतीश कुमार से कहा कि सर बिहार में घूसखोरी काफी बढ़ गई है। घूसखोरी से लोग परेशान हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बात बताइए, क्या समस्या है ? इस पर उस फरियादी ने सीएम नीतीश से कहा कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। प्रशासन कुछ नहीं कर रहा। इस पर मुख्यमंत्री ने फरियादी को राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया।

अपहरण का भी मामला पहुंचा
वहीं, मुजफ्फरपुर से आए बुजुर्ग ने सीएम नीतीश से फरियाद किया कि उनके बेटे का अपहरण हो गया है। लेकिन, पुलिस ने अब तक कुछ भी नहीं किया। इतना ही नहीं पुलिस पैसे की भी मांग कर रही है।

यह शिकायत सुन सीएम नीतीश भौंचक्के रह गए। उन्होंने कहा कि अरे लगाओ, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग को। इसके बाद फोन लगाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके बेटे का अपहरण हो गया है और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह तो आश्चर्यजनक है। कह रहा कि कुछ पैसा भी मांग रहा? इसके तुरंत दिखवाइए।

अब जेल अधिकारी के घर परा छापा कोरोड़ो के अवैध सम्पत्ति हुआ बरामद

#Corruption : छपरा के जेल सुपरिटेंडेंट रामाधार सिंह सरकारी नौकरी में रहते हुए करोड़पति बन गए हैं। आरोप है कि सरकारी पद का दुरुपयोग कर ये भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं।

इस बात के ठोस सबूत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम को मिले। जिसके बाद कल ही यानी गुरुवार को इनके खिलाफ पटना में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया गया।

अब शुक्रवार को निगरानी की टीम ने इनके तीन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर दी है। गुपचुप तरीके से प्लान वे में निगरानी की अलग-अलग टीम ने आज सुबह 10:30 बजे के बाद छपरा, पटना और गया में एक साथ इस कार्रवाई को शुरू किया।

मधुबनी जज मारपीट मामले में हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी के एडीजे अविनाश कुमार पर हुए हमले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया है। जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने इस मामले को काफी गम्भीरता से लेते हुए अगली सुनवाई में राज्य के डी जी पी को कोर्ट में उपस्थित हो कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। इसके साथ- साथ कोर्ट ने डीजीपी को अपनी रिपोर्ट के साथ 29 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट मधुबनी के जिला जज से प्राप्त पत्रांक सं. 1993 पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ये आदेश दिया।

इस पत्र के अनुसार झंझारपुर के डिस्ट्रिक्ट जज ने हाईकोर्ट को घटना की जानकारी देते हुए यह जानकारी दी है कि घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल कृष्णा एवं सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने 18 नवंबर,2021 को दोपहर 2 बजे झंझारपुर के एडीजे अविनाश कुमार-1 के चैम्बर में घुस गए।

उन पर पिस्तौल तान दी और मारपीट के साथ बदसुलूकी की।ए डी जे अविनाश कुमार के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार पर झंझारपुर के वकीलों ने गहरा रोष जताया और कहा कि पहले अपराधियों से सुरक्षा की जरूरत होती थी।लेकिन अब पुलिस वालों से न्यायिक पदाधिकारी व वकीलों को सुरक्षा की आवश्यकता हो गई है।

पटना हाईकोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता और गम्भीरता को देखते हुए बिहार के डीजीपी को स्वयं कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होगी।

ये बिहार पुलिस का मानवीय चेहरा है जिसके सहारे सरकार कानून का राज स्थापित करने की दावा करती है

पुलिस यूपी की हो या दिल्ली की या फिर बिहार की मिजाज एक ही रहता है यह तस्वीर बिहार की राजधानी पटना की है जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में घायल युवक की मौत हो गयी ,इस घटना के विरोध में जब लोग सड़क पर उतरे तो फिर पुलिस पुरुष क्या क्या महिला देखिए किस तरीके से मार रहा है ।

हलाकि इस मामले में पटना एसएसपी से सवाल किया गया गया कहां कि वीडिओ की जांच करवाते हैं जो भी दोषी होगा उस पर कारवाई होगी लेकिन सवाल कारवाई का नहीं है जिस तरीके से पुलिस को ट्रेनिंग दी जाती है उसमें पुलिस को इसी तरह की कारवाई करना सिखाया ही जाता है ।