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पंचायत चुनाव का आठवां चरण की वोटिंग समाप्त

बिहार पंचायत चुनाव का आठवां चरण का मतदान संम्पन ।

आठवें चरण में 36 जिलो के 55 प्रखंडों के 834 पंचायतों में हुआ मतदान ।

वोटिंग के लिये 7398 भवनों में 11527 बूथ बनाये थे ।

614 बूथ नक्सली प्रभावित थे ।

66 लाख 55 हजार 233 वोटर थे वोटर ।

वोटिंग के लिये तकरीबन 40 हजार पुलिस अधिकारी व जवानों की गई थी तैनाती ।

कुल मतदान 61.95 प्रतिशत

महिला 65.24
पुरुष 58.65।

शांतिपूर्ण रहा मतदान ।

रघुनाथ पुर में हवाई फायरिग की घटना हुई लेकिन बूथ के आसपास नही हुआ।

कुल 705 evm बदले गए ।

आज के चुनाव में क्या खास रहा

जमुई में नक्सली बंद बेअसर, मतदाताओं ने जमकर डाले वोट, जमुई के खैरा में हुई 70% वोटिंग, हर बूथ पर महिलाओं की भीड़, 8 किमी पैदल चल कर वोट देने पहुंची महिलाएं। पहली बार कई लड़कियों ने किया मतदान।

बिहार पंचायत, मुखिया चुनाव: बांका में एक लाख रुपये के साथ मुखिया प्रत्‍याशी गिरफ्तार, सिवान व बक्‍सर में फायरिंग

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बिहार नगरपालिका एक्ट 2007 की वैधता को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

पटना हाईकोर्ट में बिहार नगरपालिका एक्ट,2007 के Chapter 5 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष डा. आशीष कुमार सिन्हा व अन्य द्वारा दायर याचिका पर एडवोकेट जनरल ने हलफनामा दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय लिया।

याचिकाकर्ता की अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि यह नगरपालिका संगठनात्मक संरचना से सम्बंधित कानून हैं।नगरपालिका के इस कानून में श्रेणी ए और बी पदों पर नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार करती हैं।जबकि श्रेणी सी और डी के पदों पर नियुक्ति पर नगरपालिका का बहुत सीमित अधिकार था।

लेकिन 31 मार्च,2021 को कानून में संशोधन कर श्रेणी सी और डी के पदों पर नियुक्ति के सीमित अधिकार को राज्य सरकार ने नगरपालिका से ले लिया है।


ये याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार द्वारा इस कानून में किये गए संशोधन को पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया।
चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने 31 मार्च,2021 को कानून में संशोधन कर राज्य सरकार द्वारा मनमाने ढंग से नगरपालिका के शक्ति प्राप्त कमिटी के नियुक्ति सम्बन्धी अधिकार को लिए जाने को गम्भीरता से लिया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मयूरी ने कोर्ट को बताया कि कानून के तहत अन्य राज्यों में नगरपालिका के कर्माचारियों की नियुक्ति नगर निगम करती हैं।

उन्होंने कहा कि नगर निगम स्वायत्तशासी संस्था है।इसके लिए जरूरी है कि नित प्रति दिन के कार्य में सरकारी हस्तक्षेप नहीं हो और ये इकाई स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य कर सके।

कोर्ट को बताया गया कि नगर निगम के कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों पर राज्य सरकार का नियंत्रण है,जबकि ये पैसा निगम के फंड से दिया जाता है ।

निगम के कर्मचारियों के cadre का केंद्रीयकृत होना नगरपालिका संस्थाओ के स्वायतता के मूल भावना के विरूद्ध है।इस मामले पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी।

बाज़ार में फिर गिरावट; सेंसेक्स 323 अंक टूटा, निफ्टी 17,450 से नीचे।

फ&ओ एक्सपायरी से एक दिन पहले आज बुधवार को निफ्टी 50 इंडेक्स 88.3 अंक नीचे 17415.05 पर बंद हुआ, जबकि बीएसई सेंसेक्स 323.34 अंक नीचे 58340.99 पर बंद हुआ। इंट्राडे में सेंसेक्स दिन के उच्चतम स्तर से 825 अंक तक गिर गया और निफ्टी 17,354 के निचले स्तर को छू गया।

सेंसेक्स चार्ट (24.11.21) एक नजर में

सेक्टरों में ऑटो, एफएमसीजी और आईटी इंडेक्स में 1-1 फीसदी की गिरावट आई, जबकि तेल & गैस और बैंकिंग नामों में खरीदारी देखी गई। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.5 फीसदी गिरा, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स 0.4 फीसदी चढ़ा।

कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी और आईसीआईसीआई बैंक 1% से अधिक की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहे। सेंसेक्स के सबसे खराब प्रदर्शन के रूप में मारुति सुजुकी इंडिया 2.62% नीचे थी, इसके बाद इंफोसिस, आईटीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज का स्थान रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 8 शेयर बढ़त के साथ और 22 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.4 फीसदी की गिरावट के साथ मिड- और स्मॉल-कैप स्टॉक मिले-जुले रहे, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।

निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.5 फीसदी की गिरावट। निफ्टी ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स भी 0.5-1.3 फीसदी के बीच गिरे।

निफ्टी बैंक, मीडिया, पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक और ऑयल एंड गैस इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 0.61% गिरा ।

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 13 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 36 लाल निशान में बंद हुए, 1 अपरिवर्तित रहा। निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

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ऐतिसाहिक धरोहर को लेकर सरकार गंभीर नहीं

पटना हाईकोर्ट ने विनय कुमार सिंह की जनहित याचिका को सुनते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार को लोमस और यज्ञबल्कय ऋषि के गुफाओं व पहाड़ियों का फोटो दो सप्ताह में कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। इस जनहित याचिका पर जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने सुनवाई की।

हाईकोर्ट में केंद्र सरकार ने माना कि इन पहाड़ियों का धार्मिक महत्त्व है और वहां पूजा अर्चना होती हैं।लेकिन ये पुरातत्व महत्व का स्थल नहीं है।

याचिका में ये कहा गया कि लोमस और याज्ञवल्कय ऋषि की गुफाएं केवल ऐतिहासिक दृष्टि से ही नही, बल्कि जैव विविधता के दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है । ऐसे स्थानों को संरक्षित करने की बजाए समाप्त किया जा रहा है।इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने संवेदनशीलता नहीं दिखाई हैं।

राज्य सरकार के खनन व पर्यावरण विभाग के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि ये गुफाएं व पहाड़ी पर्यटन स्थल या ऐतिहासिक महत्व की नहीं हैं।लेकिन राज्य सरकार इसे संरक्षित रखेंगी और इसे नष्ट नहीं होने देगी।

इन पहाड़ के जंगल व आस पास होने वाले खनन कार्य पर पटना हाईकोर्ट ने 20 जुलाई, 2021 को रोक लगा दी थी। यह रोक को अगली सुनवाई तक जारी रखने का कोर्ट ने निर्देश दिया था।

सुनवाई के दौरान कुछ लोगों ने हस्तक्षेप अर्जी के जरिये खनन कार्य पर से रोक हटाने का अनुरोध किया, जिसे हाई कोर्ट ने नामंजूर कर दिया ।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 1906 में प्रकाशित तत्कालीन गया जिले के गज़ट में दोनों पहाड़ियों का सिर्फ पुरातात्विक महत्त्व ही नही बताया गया हैं, बल्कि वहां की जैव विविधता के बारे में भी अंग्रजों ने लिखा है।

उन पहाड़ियों के 500 मीटर के दायरे में झरना , बरसाती नदी और एक फैला हुआ वन क्षेत्र है। उस जंगल को अवैध खनन कर बर्बाद किया जा रहा है।

लोमस और याज्ञवल्कय पहाड़ियों को आर्कियोलॉजिकल एवं हेरिटेज साइट बनाने का कोर्ट से आग्रह किया गया। कोर्ट ने दोनों पहाड़ियों के वन क्षेत्र विस्तार और रिहाइशी बस्तियों के बिंदु पर राज्य व केंद्र सरकार से जवाब मांगा था । इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

बिहार पंचायत चुनाव का 8 चरण छिटपुट हिंसा को छोड़कर शातिपूर्वक चल रहा है चुनाव

बिहार पंचायत चुनाव में 8वें चरण की सीटों पर मतदान जारी है दोपहर एक बजे तक 35 से 40 प्रतिशत मतदान की खबर है हलांकि नक्सली के बंद की वजह से नक्सल प्रभावित जिलों में मतदानकर्मी थोड़े दहशत में जरुर है लेकिन मतदाताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं है ।
8वें चरण में 36 जिलों के 55 प्रखंडों की 822 पंचायतों में चुनाव हो रहा है। इस चरण के 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है।
92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक कुल 92 हजार 376 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में कुल 66 लाख 55 हजार 233 मतदाता मतदान करेंगे। इनमें 31 लाख 52 हजार 763 महिला मतदाता जबकि 35 लाख 2 हजार 260 पुरुष मतदाता हैं। इस चरण में वोटरों के लिए कुल 11 हजार 527 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
आठवें चरण में कुल पदों की संख्या 25 हजार 561 है। इनमें ग्राम पंचायत सदस्य पद की संख्या 11 हजार 173 है। ग्राम पंचायत मुखिया के 1135 पद, पंचायत समिति सदस्य के लिए 821, जिला परिषद सदस्य के 124 पद, ग्राम कचहरी सरपंच के 1135 पद और ग्राम कचहरी पंच के 11 हजार 173 पदों के लिए चुनाव होंगे। वहीं, 92 हजार 376 उम्मीदवारों में से 42 हजार 803 पुरुष और 49 हजार 573 महिला उम्मीदवार शामिल हैं।

3356 पदों पर निर्विरोध हो चुका है निर्वाचन
8वें चरण की सीटों पर 3356 पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। इनमें ग्राम पंचायत सदस्य के 148, पंचायत समिति सदस्य के 3, ग्राम कचहरी सरपंच के 2, मुखिया के 1 और ग्राम कचहरी पंच के 3202 पद शामिल हैं। इस चरण के 166 पद खाली रह गए हैं। इसकी वजह ये है कि इन 166 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया है। इनमें 4 ग्राम पंचायत सदस्य के, 1 पंचायत समिति सदस्य और 161 ग्राम कचहरी सदस्य के पद शामिल हैं।

आज के चुनाव में क्या खास है
1—सीवान के रघुनाथपुर प्रखंड मुख्यालय के मुस्लिम टोला में मस्जिद के समीप दो राउंड फायरिंग हुई है। पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, एक समुदाय विशेष ने वोट को लेकर फायरिंग की है।
2—नालंदा के हरनौत के दैली में चुनाव से पहले युवक को मारी गोली। हरनौत थाना क्षेत्र के दैली गांव में पंचायत चुनाव की रंजिश में 32 वर्षीय मुन्ना कुमार को गोली मार दी गई। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात गांव में घूम कर कुछ लोग कह रहे थे कि गांव के ही मुखिया उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करना है। इसी दौरान मुन्ना कुमार ने कहा कि वह किसी के दबाव में मतदान नहीं करेगा। आरोप है घटना के पीछे यही विवाद है।
3–नालंदा में चुनाव ड्यूटी में तैनात ईवीएम के मास्टर ट्रेनर की मौत। ईवीएम की गड़बड़ी दूर करने के लिए हरनौत के चौरिया पंचायत सेक्टर में तैनात मास्टर ट्रेनर 55 वर्षीय रविचंद्र किरण की मौत हो गई। वे नूरसराय प्रखंड के नीरपुर के निवासी थे तथा नूरसराय के उत्क्रमित मध्य विद्यालय पपरनौसा में सहायक शिक्षक के तौर पर पदस्थापित थे। निर्वाची पदाधिकारी रवि कुमार ने बताया कि ड्यूटी पर आने के दौरान वे बाइक से गिर गए और उनकी मौत हो गई।
4–गया के अतिनक्सल प्रभावित इमामगंज विधानसभा क्षेत्र के इमाम गर्लफ्रे आदर्श राजकीय मध्य विद्यालय में मतदान जारी है। नक्सली बंदी के बावजूद लोग वोट करने के लिए आ रहे हैं। लोगों में वोट के प्रति उत्साह, अपने नेता को चुनने के प्रति उनका जोश बना हुआ है। स्कूल में दो बूथ हैं। एक बूथ पर 320 और दूसरे बूथ पर 600 से अधिक मतदाता हैं। यहां 3:00 बजे तक मतदान होगा। यहां बायोमेट्रिक के उपकरण तो हैं पर वह काम नहीं कर रहे। वोटिंग प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही मशीन काम करना बंद कर दिया।
5–सीतामढ़ी के रीगा प्रखंड अंतर्गत बूथ संख्या 5 पर EVM में आई गड़बड़ी, तकरीबन एक घंटे से बाधित है मतदान, कई मतदाता बिना वोटिंग किए लौटे घर।
6—मुजफ्फरपुर के गायघाट की 23 पंचायतों के 329 बूथों पर मतदान जारी है। बूथ संख्या 142,143, और 144 पर भारी संख्या में मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन, वोटिंग की गति काफी धीमी थी। इस कारण सभी मतदाता जमीन पर ही बैठ गए। काफी देर बाद भी जब उनकी बारी नहीं आयी तो सभी ऊब गए और हंगामा करने लगे।

दरोगा बहाली की प्रक्रिया पर उठा सवाल हाईकोर्ट ने बोर्ड से माँगी रिपोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में हो रहे दारोगा भर्ती परीक्षाओं में शारीरिक दक्षता जांच में हुई गड़बड़ी के आरोपों के मामलें पर बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा भर्ती आयोग को दारोगा भर्ती से जुड़े मूल कागजात व रिकॉर्ड कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है । अखिलेश कुमार व अन्य की ओर से दायर रिट याचिका जस्टिस पी बी बजनथ्री ने सुनवाई की।

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को बताया कि दारोगा भर्ती हेतु पीटी व मेंस परीक्षाओं में ये सभी याचिकाकर्ता सफल हुए । उन्हें बोर्ड ने शारीरिक दक्षता जांच के लिए बुलाया था , जो विगत 22 मार्च से 12 अप्रैल 2021 के बीच अलग जगह अलग समय पर होनी थी ।

चूंकि उस वक्त कोरोना की दूसरी लहर फैलने का खतरा मंडरा रहा था , इसलिए कई अभ्यर्थियों ने (जिनमे याचिकाकर्ता भी थे ) शारीरिक दक्षता जांच की तारीख आगे बढ़ाने के लिए अनुरोध किया।इसे आयोग ने स्वीकार करते हुए नया एडमिट कार्ड भी जारी किया।

शारीरिक दक्षता जांच की नई तारीख और नए एडमिट कार्ड जारी होने के बाद अचानक आयोग ने नया जारी हुआ एडमिट कार्ड को रद्द कर दिया । परिणामस्वरुप सभी याचिकाकर्ता शारीरिक दक्षता जांच के मौके से वंचित कर दिए गए । हाई कोर्ट ने इसे मनमानापन मानते हुए आयोग से भर्ती प्रक्रिया के मूल अभिलेखों को प्रस्तुत करने का आदेश आयोग को दिया।इस मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होनी है।

वकील और उनकी नौकरानी की हत्या मामले में हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई

पटना हाई कोर्ट ने बिहार स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष व अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय और उनकी नौकरानी की हत्या मामलें में अभियुक्त गोपाल भारती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केस डायरी तलब किया। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने मुख्य अभियुक्त गोपाल भारती द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की।

अधिवक्ता कामेश्वर पांडेय के भतीजे अभिजीत कुमार द्वारा 6 मार्च, 2020 को स्थानीय पुलिस को दी गई लिखित सूचना के आधार पर आई पी सी की धारा 302, 380, 120(बी) व 34 के तहत भागलपुर जिले मेंं कोतवाली (तिलकामांझी) प्राथमिकी संख्या 72/ 2020 दर्ज की गई थी।

इस तिथि को अधिवक्ता पाण्डेय के ड्राइवर द्वारा कांड के सूचक को फोन पर सूचना दी गई थी कि वे तुरंत घर आ जाइये। वकील साहब की हत्या हो गई है।हत्या के बाद कामेश्वर पांडेय के घर के मुख्य द्वार के पास कुछ खून के धब्बे पाए गए थे और वे अपने बेडरूम में अस्त व्यस्त हालात में अचेत पड़े हुए थे।

उनके चेहरे पर खून लगा हुआ तकिया रखा हुआ पाया गया था। कमरे में रखा हुआ आलमारी टूटा हुआ था और उसमें रखा हुआ सामान गायब था।

मुख्य द्वार के निकट पोर्टिको में जेनेरेटर के बगल में रखा हुआ ड्राम में नौकरानी का शव पाया गया था। घर से सारे नकदी, कागजात, एक स्मार्ट फोन और कामेश्वर पांडेय के कार को लेकर आरोपी अपने साथियों के साथ भाग गया था।

कोर्ट को बताया गया कि दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मृत कामेश्वर पांडेय का किराएदार गोपाल भारती से आये दिन मकान खाली करने को लेकर विवाद होता रहता था।नौकरानी से भी वह उलझा करता था और धमकी भी देता था कि तुमलोगों को देख लेंगे।

प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि याचिकाकर्ता अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। इस बात की जानकारी मोहल्ले वालों परिवार वाले और कचहरी के कुछ लोगों की भी थी की गोपाल भारती का विचार और व्यवहार अच्छा नहीं था।

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सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर नियुक्ति मामले में अभ्यर्थी पहुंचा हाईकोर्ट विभाग पर बहाली में लगाया धांधली का आरोप

पटना हाई कोर्ट ने सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एस टी एस) के पद पर नियुक्ति सुनवाई करते हुए स्टेट हेल्थ सोसाइटी को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस पी बी बजन्थरी ने सोनु कुमार व अन्य द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल इन पदों पर नियुक्ति पर रोक लगा दी है।

याचिकाकर्ता ने इस पद पर नियुक्ति हेतु सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स को भी शामिल करने हेतु आदेश देने का आग्रह किया गया है। इसको लेकर राज्य के स्टेट हेल्थ सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक के हस्ताक्षर से विज्ञापन जारी किया गया था।

इस मामले में नेशनल tubercolosis संशोधित प्रोग्राम, स्टेट हेल्थ सोसाइटी व केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस और पूर्व में नियुक्ति के लिए मान्यता प्राप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स की योग्यता रखने वाले भी एस टी एस के पद पर नियुक्ति के योग्य होंगे।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने बताया कि मान्यता प्राप्त सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स की योग्यता रखने उम्मीदवारों समेत याचिकाकर्ता को सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के पद पर नियुक्ति हेतु ऑनलाइन आवेदन करने के लिए अनुमति देने के लिए कोर्ट से अनुरोध किया।

इन सभी याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के बिहार पैरा मेडिकल / पैरा डेंटल एग्जामिनेशन कमेटी द्वारा संचालित की गई सेनेटरी इंस्पेक्टर कोर्स को पास किया है।
इस मामलें पर आगे भी सुनवाई होगी।

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सेंसेक्स, निफ्टी में 4 दिन की गिरावट का सिलसिला टूटा; सेंसेक्स 58664 पर, निफ्टी 17503 पर बंद हुआ।

मंगलवार को गिरावट का सिलसिला टूटा, बीएसई सेंसेक्स 198 अंक उछलकर 58,664 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 86.80 अंक बढ़कर 17,503 पर बंद हुआ। आज इंट्रा-डे में दिन के निचले स्तर से सेंसेक्स 1,100 अंक से अधिक चढ़ गया और निफ्टी 17,216 के निचले स्तर पर पहुंचने के बाद 17,500 से ऊपर चला गया।

सेंसेक्स चार्ट (23.11.21) एक नजर में

आईटी को छोड़कर, बिजली, धातु, रियल्टी, फार्मा, पूंजीगत सामान, तेल और गैस, पीएसयू बैंक सूचकांकों के साथ अन्य सभी क्षेत्रीय सूचकांक हरे रंग में समाप्त हुए, 1-3 प्रतिशत ऊपर।

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1-1 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में से प्रत्येक में लगभग 2% की बढ़त के साथ व्यापक बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया।

पावर ग्रिड 3.89% ऊपर सेंसेक्स में शीर्ष पर रहा, इसके बाद एनटीपीसी, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और सन फार्मा का स्थान रहा। दूसरी ओर, इंडसइंड बैंक 2.59% की गिरावट के साथ शीर्ष स्थान पर रहा, इसके बाद एशियन पेंट्स, इंफोसिस, बजाज ऑटो और मारुति का स्थान रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 21 शेयर बढ़त के साथ और 9 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1.76 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स करीब 2 फीसदी चढ़े, मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में मजबूत खरीदारी देखी गई। बैंक निफ्टी 0.4% चढ़ा।

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 40 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 10 लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

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लालू यादव को सदेह उपस्थिति से मिली छूट

लालू यादव को पटना सीबीआई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है कोर्ट ने लालू यादव के उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें बीमारी को देखते हुए सदेह उपस्थिति से छूट का आग्रह किया गया था।कोर्ट से सुनवाई के बाद उनके संदेह पेशी से छूट दे दिया ।

बांका कोषागार से 46 लाख रुपए की अवैध निकासी मामले में लालू मंगलवार को पटना के CBI की विशेष अदालत MP-MLA कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट से सशरीर पेशी से राहत देने की मांग की। इस पर कोर्ट राजी हो गया।

RJD सुप्रीमो ने कहा, “हुजूर… मैं अक्सर बीमार रहता हूं। ऐसे में मुझे पेश होने से राहत दीजिए। मेरे वकील इस मामले को देखेंगे।’ उनकी इस मांग पर कोर्ट ने कहा, “ठीक है अब से आप अपने वकील को तारीख पर भेज दीजिएगा।’

1996 से चल रहा मामला

बांका उपकोषागार से फर्जी विपत्र के सहारे 46 लाख रुपए की अवैध निकासी का मामला 1996 से चल रहा है। इसमें शुरू में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव के अलावा 44 आरोपी थे। फिलहाल 28 लोगों पर केस चल रहा है। आधा दर्जन आरोपियों की मौत हो चुकी है। इसकी सूचना कोर्ट को दी गई है।

शराबबंदी कानून को लेकर पुलिस का आया अमानवीय चेहारा

शराब की तलाश में अब पुलिस दुलहन को भी नहीं छोड़ रही है मामला राजधानी पटना के रामकृष्णा नगर थाना से जुड़ा है जहाँ थानेदार अपनी टीम के साथ बोधि बिहार कम्यूनिटी हॉल में घुस गए। वहां शादी हो रही थी।

शराब की खोज में दुलहन के घर घुसा पटना पुलिस

जिस वक्त पुलिस पहुंची थी, उस वक्त वहां लड़की पक्ष के लोग थे। सबसे आश्चर्य वाली बात यह है कि पुलिस टीम में एक भी महिला अफसर या सिपाही शामिल नहीं थी। टीम में सभी पुरूष थे। शादी वाली जगह पर हर एक कमरे को खुलवाकर इन लोगों ने देखा, उसे खंगाला। कमरों में मौजूद लोगों के सामानों को चेक किया गया।

हद तो तब हो गई, जब पुलिस टीम दुल्हन के कमरे में घुस गई। वहां दुल्हन के साथ परिवार की कुछ महिलाएं थीं। जो अचानक से पुलिस को कमरे में देख असहज हो गईं। उस वक्त दुल्हन के श्रृंगार का सामान, ज्वेलरी और कपड़े, कमरे के अंदर बिखरे पड़े थे।

इस छापेमारी से जुड़े वीडियो के सामने आने से बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है , पुलिस के इस कार्रवाही से मुख्यमंत्री भी सकते हैं ।

शराबबंदी को लेकर नीतीश की नसीहत

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शराबबंदी को लेकर विपक्ष हुआ हमलावर

जगदानंद सिंह ने कहां है कि महागठबंधन के दबाव में नीतीश कुमार ने शराबबंदी का फैसला लिया और शराब जहां से आ रही है

शराबबंदी कानून को लेकर जगतानंद सिंह ने नीतीश पर साधा निशाना

उन राज्यों में पुलिस जाकर छापेमारी क्यों नहीं कर रही है पुलिस छापेमारी शादी समारोह में कर रही है और शराब के नशे से हमारे नौजवान बर्बाद हो रहे हैं

कांग्रेस ने शराबबंदी को लेकर नीतीश पर साधा निशान

7 महीने में सबसे बड़ी गिरावट; निफ्टी 17,450 के नीचे, सेंसेक्स 58,465 पर हुआ बंद।

सोमवार को लगातार चौथे सत्र बेंचमार्क इंडेक्स लाल निशान में बंद। सेंसेक्स 1,170 अंक की गिरावट के साथ 58,465 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 348 अंक गिरकर 17,416 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी 2.23% की गिरावट के साथ 37,128 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स चार्ट (22.11.21) एक नजर में

अधिकांश मिडकैप और स्मॉल-कैप सूचकांकों में से प्रत्येक में 2% से अधिक की गिरावट के साथ व्यापक बाजारों में गिरावट देखी गई। भारत VIX, अस्थिरता का एक बैरोमीटर, 18 प्रतिशत चढ़कर 17.5 के स्तर पर पंहुचा।

भारती एयरटेल 3.9% की बढ़त के साथ सेंसेक्स में शीर्ष पर रही, इसके बाद एशियन पेंट्स, पावर ग्रिड और इंडसइंड बैंक का स्थान रहा। बजाज फाइनेंस 5.74% की गिरावट के साथ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेंसेक्स स्टॉक था, इसके बाद बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एनटीपीसी का स्थान ।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 3 शेयर बढ़त के साथ और 27 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी ऑयल एंड गैस, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, प्राइवेट बैंक, मीडिया, फाइनेंशियल सर्विसेज, ऑटो और बैंक इंडेक्स भी 2-4 फीसदी के बीच गिरे। निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स में 4.5 फीसदी की गिरावट।

मिड और स्मॉल कैप शेयरों को भी भारी बिकवाली के दबाव का सामना करना पड़ा क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 3 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 2.74 फीसदी की गिरावट आई।

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 9 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 41 लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

कोरोना को लेकर सरकार फिर सख्त।

राज सरकार ने अनलॉक 9 की घोषणा की है 23 नवंबर से लेकर 30 नवंबर तक राज्य में विवाह समारोह और बरात के दौरान डीजे बजाने की इजाजत नहीं होगी

शादी के तारीख से 3 दिन पहले स्थानीय थाने को सूचना देनी होगी श्राद्ध कर्म में भी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जिन राज्यों में शंकर मन अधिक है वहां से आने वाले लोगों को कोरोना जांच अनिवार्य कर दिया गया है

क्लब जीमस्विमिंग पूल 50% उपस्थिति के साथ खुलेंगे यहां सिर्फ को भी टीका पर आप लोगों का आना अनुमान होगा

जिन जिलों में अभी भी संक्रमण ज्यादा है वहां से फ्लाइट रेल ट्रक अन्य वाहनों से राज्य से आने वाली यात्रियों की जांच कराई जाएगी जांच कराने में उन्हें ही छूट मिलेगी जो 72 घंटा पहले का आरती पीसीआर टेस्ट लेकर आएंगे

सिनेमा हॉल पहले की तरह 50% उपयोग के साथ ही खुलेंगे शॉपिंग मॉल में प्रोटोकॉल का प्रक्रिया अनिवार्य है

सार्वजनिक स्थानों पर किसी प्रकार का आयोजन जिला प्रशासन की अनुमति के अनुरोध होगा साथ ही 3 दिन पहले इसकी सूचना देनी होगी दुकानों में सिर्फ को भी टीका प्राप्त व्यक्ति ही कार्य करेंगे

पूर्व डीजीपी अभयानंद ने नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून पर खड़े किये सवाल

शराबबंदी को लेकर सीएम समीक्षा बैठक करने वाले हैं ये खबर जैसे ही मीडिया आयी उसी दिन से ही  पुलिस शराब कारोबारी के खिलाफ हल्ला बोले हुए है राजधानी पटना में पिछले 48 घंटे में 100 से अधिक शराब पीने वाला और होटल से जुड़े कर्मी गिरफ्तार हो चुके हैं ,बिहार की पूरी पुलिस शराब सूंघने में लग गयी है ऐसे में बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने शराबबंदी कानून को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर किया है  पुलिस को शक्ति कहाँ से मिलती है?

**सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थापित था। पिताजी के एक IPS मित्र ने मुझसे एक सवाल पूछ दिया – “यह बताओ कि पुलिस की शक्तियाँ तुम्हें कहाँ से मिलती हैं?”पिछले एक साल में कानून की जितनी पढ़ाई की थी उन सब को बारी-बारी से उनको बता दिया, इस विश्वास के साथ कि किसी एक उत्तर से वे खुश होकर मेरी पीठ थपथपा देंगे।

लेकिन वैसा हुआ नहीं।वे मुस्कराते हुए मेरे उत्तर धैर्य से सुनते रहे। अंत में उन्होंने कहा, “तुम्हारी शक्ति उन लोगों की स्वीकारिता से आती है जिनपर तुम अपना हुक़्म चलाना चाहते हो।”यह सीख मेरे ज़हन में घर कर गई। समझ गया कि कानूनी रूप से जितना भी सही आदेश हो, अगर उसकी आम स्वीकार्यता नहीं हो, तो कानूनी शक्ति कानून की किताबों में बंद रह जाती है।     “तुम्हारी शक्ति उन लोगों की स्वीकारिता से आती है जिनपर तुम अपना हुक़्म चलाना चाहते हो।”यह पंक्ति ही बहुत कुछ कह गया ।

मधुबनी की घटना संवैधानिक संस्थाओं के बीच बढ़ती दूरियों का नतीजा है

मधुबनी के झंझारपुर कोर्ट में जो कुछ भी हुआ उसको लेकर पुलिस अपनी पुलिस के साथ खड़ी है वही जज के साथ न्यायपालिका और वकील खड़ा हैं ।बात पत्रकारिता की करे तो अभी तक तो बस इतना ही है कि हम लोग दोनों का बयान छाप रहे हैं ।वही बात आम लोगों की करे तो स्वाभाविक है हर कोई पुलिस के अमानवीय व्यवहार से त्रस्त है ऐसे में मास जज साहब के साथ खड़ा है।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पुलिस के जिस गुंडागर्दी से आम लोग परेशान है उसके लिए जिम्मेवार कौन है, पुलिस झुठे मुकदमे में फंसा कर आम लोगों को तबाह कर रहा है इसके लिए जिम्मेदार कौन है,पुलिस,सीबीआई और ईडी जैसी संस्थान सरकार की रखैल बन गयी है इसके लिए जिम्मेदार कौन है।इस पर जब बहस होगी तो चीजें बहुत कुछ स्पष्ट हो जायेंगी क्यों दोनों मिल कर जनता को किस तरह से लूट रहा यह तस्वीर जब तक सामने नहीं आयेगा खेल चलता रहेगा क्यों कि यो जो लड़ाई है ना वो हिस्सेदारी की लड़ाई है और कौन श्रेष्ठ है इसकी लड़ाई है।

भारतीय लोकतंत्र क्या कहता है जिस तीन स्तम्भ की हमारे संविधान में चर्चा है उसकी क्या जिम्मेवारी है कोर्ट का गठन क्यों किया गया था ।आज जज साहब की पिटाई पर हंगामा बरपा हुआ है आम लोग रोज पीटता रहता है कोर्ट स्वत संज्ञान लेती है।

इस गठजोड़ को समझिए अंग्रेज तो चला गया लेकिन सत्ता और सरकार अभी भी अंग्रेज वाली मानसिकता से बाहर नहीं निकल पायी है पुलिस अभी भी उसी मानसिकता में काम कर रही है जिस मानसिकता में अंग्रेज की पुलिस काम कर रही थी, और यही नजरिया कोर्ट का भी कोर्ट में भी कुछ नहीं बदला है जज साहब उपर बैठे रहते हैं और तारीख देने के लिए कर्मचारी जो पैसा लेता है वो भी अंग्रेज के समय से ही चला आ रहा है ।

अभी भी कोर्ट का नजरिया शासक के साथ खड़े रहने वाला ही है और यही वजह है कि कोर्ट का नजरिया आज भी पुलिस को लेकर वैसा ही है जैसे 1947 से पहले था ऐसा नहीं है कि बदलाव नहीं आया है लेकिन तमाम बदलाव के बावजूद चरित्र वही है।

दिल्ली दंगा को लेकर जमानत पर सुनवाई करने के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट की दिल्ली पुलिस को लेकर क्या प्रतिक्रिया थी ,याद है या भुल गये ।कोर्ट टिप्पणी करने के बजाय दिल्ली पुलिस के जिस अफसर ने निर्दोष लोगों को दंगा में जेल भेजा उस पुलिस अफसर को चिन्हित करके कार्रवाई क्यों नहीं किया जिस दिन कोर्ट ये करना शुरू कर दे स्थिति पूरी तरह से बदल जायेंगी ।

जय भीम फिल्म इन दिनों काफी चर्चा में है वकील ने जिस स्वतंत्र विटनेस (गवाह)को कोर्ट में खड़ा करके पूरे मुकदमे का चरित्र बदल दिया वो कभी कभी होता है फिर सूर्या जैसा वकील भी होना चाहिए ।

कोर्ट में न्याय कैसे मिलता है इससे आप परिचित नहीं है अभी भी देश की 95 प्रतिशत आबादी कोर्ट कचहरी से बाहर है जो कोर्ट के चक्कर में पड़ा है जरा उनसे पूछिए न्याय का क्या मतलब है इस देश में सबसे ज्यादा दबाव में पुलिस है उसका इस्तेमाल सरकार भी करती है और कोर्ट भी करता है और पीसती जनता है इसलिए इस घटना को लेकर समग्र तरीके से सोचने कि जरूरत है

क्यों कि जो पुलिस वाले जनता के साथ खड़ी होती है उसके साथ ना तो सरकार खड़ी रहती है और ना ही कोर्ट हजारों ऐसे उदाहरण है फिर व्यवस्था तो ऐसे ही चलेंगी एक बार बिहार के पूर्व डीजीपी डीएन गौतम से बात हो रही थी मैंने उनसे पूछा सर आपके पूरे करियर किस तरह का पैरवी आपको सबसे ज्यादा परेशान किया उन्होंने कहा संतोष जी नेता बदनाम है, नेता पैरवी भी करते हैं तो कहते हैं गलती हो गया है जरा देख लीजिए या फिर गलत फंसाया गया है जरा देख लीजिए ।लेकिन हमारे सीनियर अधिकारी कहते हैं इसको बचाना है या फिर उसको फंसाना है सीधा आदेश ।

नेता की बात नहीं माने चलेगा लेकिन अधिकारी की बात नहीं माने नहीं चलेगा आपका कैरियर उसी दिन से दाऊ पर लगा जायेंगा।बात मधुबनी की करे तो यह तो अभी शुरुआत है बिहार में इस तरह की घटनाओं का प्रचलन नहीं रहा है इससे पहले भागलपुर में इस तरह की घटना घटी थी ।

लेकिन जिस तरीके से संस्थानों के बीच दूरियां बढ़ रही है आने वाले दिनों में इससे भी बड़ी घटनाएं घट जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि जिला में अधिकारियों के बीच आपसी रिश्ते इतने खराब रहते हैं कि आप सोच नहीं सकते हैं ।एसपी की डीएम से रिश्ता सही नहीं रहता है ,जज से प्रशासन ऐसी दूरी बना कर रखता है जैसे अछूत हो ।आज भी जिस जिले में डीएम ,एसपी और जिला जज के बीच बेहतर समन्वय है उस जिले में अपराध के साथ साथ पूरी व्यवस्था नियंत्रण में रहती है।

याद करिए यही पुलिस थी, यही कोर्ट था 6 दिन के अंदर बलात्कार जैसे अपराध में सजा दिया है।ऐसा कैसे हो गया हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से डीजीपी और मुख्य सचिव इसको लेकर मिलते थे बात होती थी बहस होता था फिर एक दिशा तय होती थी जो एसपी डीएम से थाने तक और जिला जज से लेकर लोअर जुडिसियर तक पहुंच जाता था ।

यही बिहार था ना जहां बड़े से बड़े अपराधी आर्म्स लेकर घूमना बंद कर दिया था लेकिन इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है इसलिए सही समय आ गया है बदलाव नहीं हुआ तो फिर अराजकता के लिए तैयार रहिए कुछ दिन पहले सेना से भी इसी तरह की खबरे आयी थी जवान सेना के अधिकारी के घर में घुस कर मारपीट किया है। बाकी देख ही रहे हैं सीबीआई और ईडी के निदेशक का पद पांच वर्ष के लिए हो दिल्ली पुलिस का आयुक्त कि नियुक्ति के लिए क्या क्या किया गया है सीबीआई .ईडी जैसे विभाग किस तरीके से अपना भरोसा खोते जा रहा है ।

किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत अहिंसात्मक आंदोलन की जीत है

लगभग सालभर से चल रहे किसान -आंदोलन की मुख्य मांग सरकार ने मांन ली , तीनों कृषि कानूनों की वापसी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी जी ने की है ।

मोदी जी को साधुवाद । देर से ही सही वे और उनकी सरकार यह समझ पायी कि जिन कानूनों को वे किसान के हित मे समझते थे ,किसान अपने हित मे नही समझती है और वे ,उनकी सरकार और उनकी पार्टी (दुनिया की कथित सबसे बड़ी सदस्यता वाली पार्टी ) भारतीय जनता पार्टी की पूरी फौज किसानों को यह समझाने में नाकाम रही कि ,तीनो कृषि कानून किसानों के हित में है । इसलिए तीनो कृषि विल वापस लेने की सरकार की मजबूरी ,भारतीय जनता पार्टी की असफलता मानी जानी चाहिए क्योंकि पार्टी के नीतियों के अनुरूप बने विधेयक के फायदे ,जनता को बताने की जिम्मेवारी पार्टी की होती है ।

इसलिए पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए कि चूक कहाँ हुई ?
यहां यह जोर देना आवश्यक है कि भारतीय जनता पार्टी के उन सारे भाषणवीरों /प्रवक्ताओं/सोसालमीडिया के रणबांकुरे जो इस किसान आंदोलन के लिए क्या -क्या नही उद्गार व्यक्त किये …..के लिए मोदी जी का यह निर्णय एक जवाब है और मैसेज भी कि “अंध भक्ति ” का जो टैग आप पर लगा है वह विल्कुल सही है । पार्टी कार्यकर्ता के रूप में गांवों में किसानों के बीच जाएंगे नहीं ,उन्हें कानून के पक्ष के तर्क (जो वे खुद से जानते नही) समझाएँगे नही तो अंधभक्ति से पार्टी और सरकार चलने वाला नही ,मोदी जी को भी आपकी ऐसी “अंधभक्ति” की जरूरत नहीं । पार्टी और साकार नीतियों से चलती है ,नीतियां जनता के लिए फायदेमंद है यह जनता को बताने की जिम्मेवारी पार्टी कार्यकर्ता की है ,अगर आप ऐसे कार्यकर्ता नही तो ऐसे अंधभक्ति से आपका पार्टी में कोई भविष्य नही ,यही संदेश मोदी जी ने पार्टी को भी दिया है । आप अपना भविष्य देख लें ।ऐसे छोटे -बड़े अंधभक्तों के पर कतरने की शुरुआत आनेवाले दिनों में होने वाला है ।

“अहिंसात्मक आंदोलन “की जीत
से मेरा तात्पर्य यह है कि

अपने खुद के ७४छात्र आंदोलन (जेपी आंदोलन) से हमने यही सिखा था कि हमारा आंदोलन जितना ही अहिंसात्मक होगा जनता की भागीदारी उतनीही बढ़ेगी ,आंदोलन के मांगों के प्रति जागरूकता उनकी उतनी ही बढ़ेगी ,आंदोलन के कामयाब होने संभावना उतनी ही बढ़ेगी । अहिंसात्मक आंदोलन में भी अनेक रूपों में कष्ट भोगने होते है ,पुलिश की लाठियां खानी होती है ,जेल जाने होते है और शहादत भी देने होते हैं ।सरकार /सत्ता-प्रतिष्ठान आंदोलन हिंसात्मक हो जाए इसकी भरपूर कोशिश करेगी और आंदोलनकारी अगर सरकार के झांसे में आ गयी और थोड़ी भी हिंसा की तो सरकार खुद बड़ी हिंसा करेगी बिभिन्न दंडात्मक करवाई कर आंदोलन को कुचल देगी। आज़ादी के पूर्व और आज़ादी के बाद भी हिंसक आंदोलनों के नतीजे हमारे सामने है।

किसान आंदोलन शुरू से गैर राजनैतिक रहा ,राजनैतिक दल के नेताओं से दुरियां बना कर रखा , किसी भी राजनैतिक दल के नेता को अपने मंच का इस्तेमाल नही करने दिया ।

किसान संगठनों के सामूहिक नेतृत्त्व से संचालित रहा , अहिंसात्मक रहा,ढेर सारे (लगभग चालीस)किसान संगठनों के नेताओं का सामूहिक नेतृत्त्व टिकाऊ रहा यह अपनेआप में महत्त्वपूर्ण था आपसी वर्चस्व की लड़ाई की कोई खबर नही ,सामूहिक निर्णय पर सब की एक ही भाषा रही वो भी तब जब इनके पास गांधी/जेपी/अन्ना हज़ारे और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत (किसान नेता ) जैसा बड़ा नाम आंदोलन के नेतृत्त्व करने को नही था ।

फिर भी कोई बस नही जलाए गए , कोई सरकारी प्रतिष्ठान या संस्थान लुटे नहीं गए /जलाए नही गए ,किसी व्यापारिक प्रतिष्ठान को कोई क्षति नही पहुंचाई गई ।ठंढ में गर्मी में धरने पर बैठे रहे ,कुर्वानी देते रहे लगभग ७००किसानों ने शहादत दी ।
सभी तरह के उकसावे और भड़कावे के बावजूद अपना धैर्य बनाए रखा ,हिंसा पर उतारू नही हुए/हिंसा नही की । इसलिए किसानों की भागीदारी बढ़ती गयी ,पंजाब/हरियाणा से आगे बढ़कर किसान आन्दोलन पुरे देश के किसानों का आंदोलन बन गया । आंदोलन तोड़ने के सरकारी/गैर सरकारी प्रयास निष्फल हुए ।इन सभी अर्थों में यह आंदोलन और इसका नेतृत्त्व इतिहास बना गया जो भविष्य के जन आंदोलनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा ।

अंततः किसानआ आंदोलन की जीत हुई ,शहादत देनेवाले किसान भाइयों को नमन पूर्वक श्रद्धांजलि और सभी किसान भाइयों को बधाई ।

हम अपने प्रधानमंत्री ” मोदी “जी से ही उम्मीद बांध रहे हैं कि एमएसपी( न्यूनतम समर्थन मूल्य ) पर खरीद की गारंटी वाला कानून भी बनाकर लागू कर दें । बिहार के संदर्भ में इसके व्यापक लाभ हमे समझना होगा ……..
हमें उचित मूल्य मिलेंगे ,हम खेतिहर मजदूर को उचित और सम्मानपूर्वक मजदूर दे पाएंगे ,उनका पलायन( माइग्रेसन) रुकेगा ,हमारी उपज बढ़ेगी ,हमारी आमदनी बढ़ेगी ,हम खेती दिल से करेंगे । हमारी पूंजी बनेगी तो खेती से जुड़ा उद्योग खड़ा कर पाएंगे । रोजगार के अवसर पैदा कर सकेंगे ।

खेती में बचत नही है या खेती में फायदा नही है यह बिहार के हर घर की कहानी है ,उन्हें खेती करने की दिशा में जाने नही देना है यह हमारी सोच बन गयी है। परिवार के जो बच्चे पढ़ने में अच्छा नही कर रहे हैं उनपर भी हम अपनी जमीन -जायदाद बेचकर ( अगर सरकारी नौकरी में हैं तो भ्रष्टाचार में शामिल होकर) लाखों खर्च कर ,बाहर कोचिंग करवा रहे हैं ,इंजिनीरिंग /मेडिकल में डोनेशन देकर नामांकन करवा रहे हैं या फिर घुस देकर किसी सरकारी नौकरी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं और इन सब जगह लूट के शिकार हो रहे हैं । अंचल कार्यालय से लेकर सचिवालय तक भ्रस्टाचार का बोलबाला इसलिए भी है कि हमारा बच्चा खेती नही करेगा (इसलिए घुस लेना उनकी मजबूरी है) भले ही हमारे पास कितनी भी जमीन हो ।यह सिर्फ इसलिए कि खेती से गुजारा नही होगा । हमारे पूर्वजों का “उत्तम खेती “वाला सूत्र अब “निकृष्ट खेती “वाला सूत्र बनगया है । ऐसे ही बच्चे अपने लाइफ स्टाइल को बनाए रखने के लिए सभी तरह के क्राइम में संलिप्त हो रहे हैं । देश के लिए समस्या बन रहे हैं ।

हमे खेती को लाभकारी बनाकर इन सब समस्याओं से निदान पाने के दिशा में सोचना चाहिए । अभी एमएसपी देंगे तो ऐसे लोग खेती के तरफ आएंगे ,खुदका रोजगार पाएंगे ही अनेकों को रोजगार देंगे ।

लेखक –फूलेन्द्र कुमार सिंह पेशे से इंजीनियर रहे हैं

नक्सली के भारत बंद का रेलवे सेवा पर पड़ा असर कई ट्रेने रद्द कई का रुट बदला गया ।

भाकपा माओवादियों द्वारा बुलाये गये भारत बंद का झारखंड में असर देखने को मिल रहा है कई इलाकों में नक्सलियों ने रेलवे ट्रेक को नुकसान पहुंचाया है जो खबर आ रही उसके अनुसार देर रात नक्सलियों ने —

चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत लोटा पहाड़ और सोनुआ स्टेशन के बीच माओवादी नक्सलियों ने रेल पटरी उड़ाने की कोशिश की। रेल पटरी नहीं उड़ पाई लेकिन कंक्रीट स्लीपर डैमेज हो गए । मरम्मत कार्य जारी है जिसके कारण मुंबई हावड़ा रूट पर ट्रेनों का परिचालन बाधित हो गया है वही नक्सलियों ने लातेहार और टोरी स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया है बम ब्लास्ट के कारण रेलवे का ट्रॉली क्षतिग्रस्त हो गया है ।

नक्सलियों के भारत बंद का रेलवे सेवा पर पड़ा असर

रेलवे ट्रेक के नुकसान होने से रेलवे सेवा पर प्रभाव पड़ा है और कई ट्रनों का मार्ग बदल दिया गया है या फिर रद्द कर दिया है रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट के कारण कई ट्रेन का रूट डाइवर्ट,18636 सासाराम-रांची और 08310 जम्मू तवी एक्स. डाइवर्ट भाया गया-कोडरमा-मुरी होकर चलेगी वही रेलवे ने 2 ट्रेन के परिचालन को आज के लिए किया रद्द कर दिया है

03364 डिहरी ऑन सोन – बरवाडीह स्पेशल रदद्
03362 बरवाडीह- नेसुबोगोमो स्पेशल ट्रेन भी कैंसिल।

भाकपा माओवादियों ने अपने केन्द्रीय कमेटी के सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी के विरोध में आज भारत बंद का एलान किया है ।

धनबाद मंडल के टोरी-लातेहार रेलखंड पर रेलवे ट्रैक पर बम विस्फोट, परिचालन बाधित

धनबाद मंडल के टोरी-लातेहार रेलखंड पर रिचुगुटा-डेमू स्टेशनों के बीच किमी 206/25-27 के बीच रात्रि लगभग 12.50 बजे अप एवं डाउन लाइन पर तथाकथित बम विस्फोट के कारण रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया । इस घटना की जाँच की जा रही है।

🔸अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है जिसके कारण यात्री सुरक्षा एवं संरक्षा के दृष्टिकोण से इस रेलखंड से गुजरने वाली कुछ ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया है ।

🔸 02 पैसेंजर ट्रेन का परिचालन रद्द किया गया है तथा कुछ ट्रेनें परिवर्तित मार्ग से चलायी जा रही हैं ।

🔸बरकाकाना से दुर्घटना राहत यान घटना स्थल पहुंच चुकी है ।

🔸परिचालन की पुनर्बहाली हेतु युद्धस्तर पर कार्य जारी है ।

🔸घटनास्थल पर धनबाद मंडल के उच्चाधिकारी, रेल सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस पहुंच चुकी हैं ।

(राजेश कुमार)
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

मधुबनी जज हमला मामले में पुलिस ने जज पर लगाया गंभीर आरोप

मधुबनी – झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के ADJ अविनाश कुमार पर जानलेवा हमला करने वाले दोनों पुलिसकर्मियों ने दरभंगा पुलिस के सामने अपना फर्द बयान दर्ज कराया है। दोनों ही पुलिसकर्मी दरभंगा DMCH में भर्ती हैं। अपने बयान में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण ने ADJ अविनाश कुमार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पहले अभद्र टिप्पणी की थी। कई मामलों में आरोपित व्यक्ति को ‘सर’ कहकर संबोधित करने का निर्देश दिया था। ऐसा नहीं करने पर मुझे जूते से मारा और फिर मौजूद कर्मियों को निर्देश दिया कि मेरे गले में रस्सी लगाकर टांग दिया जाए।

पुलिस एसोसिएशन ने निष्पक्ष जाँच की मांग

गोपाल कृष्ण के बयान के अनुसार, ‘ झंझारपुर व्यवहार न्यायालय के कर्मी अवकाश मिश्रा ने 17 नवंबर को मुझे कॉल कर कहा कि आपके विरुद्ध विधिक सेवा प्राधिकार में दीपक राज नाम के व्यक्ति ने शिकायत की है। इसपर सुनवाई के लिए उपस्थित होना है। मुझे शराब के खिलाफ कार्रवाई में जाना था, इसलिए मैंने अगले दिन का समय मांगा। पूरी कार्रवाई में देर होने की वजह से अगले दिन 18 नवंबर को निर्धारित 11 बजे की बजाय दोपहर दो बजे के करीब न्यायालय पहुंचा। वहां अपने साथ गए SI अभिमन्यु कुमार शर्मा को जज के केबिन के बाहर छोड़कर अंदर गया तो उन्होंने (ADJ अविनाश कुमार) सीधे कहा कि तुमको टांग देंगे।

फिर मुझे वहां मौजूद एक इंजीनियर दीपक राज को ‘सर’ कहकर संबोधित करने को कहा। उनपर कई थानों में कई मामले लंबित हैं। जज ने कहा कि इनसे कई काम करवाना है। तुम बहुत मगरूर हो गए हो। मुझसे डरते क्यों नहीं हो, तुमको जूता से मारेंगे। इसपर मैंने उन्हें कहा कि आप माननीय जज हैं, कृप्या गाली न दें। तब उनके इशारे पर वहां मौजूद दीपक राज, अवकाश मिश्रा आदि लोगों ने मुझे पकड़ लिया और मारने लगे।

मधुबनी जज पिटाई मामला घायल पुलिसकर्मियों को DMCH में भर्ती कराया गया ।

इसी बीच 15-20 वकील और अंदर आ गए। सभी मुझसे मारपीट करने लगे। इतना होने पर बाहर खड़े SI अभिमन्यु कुमार शर्मा जब जज के केबिन में आए तो उनके साथ भी मारपीट की गई। भीड़ ने अभिमन्यु से उनका सर्विस पिस्टल छीन लिया। मुझे जान से मारने की कोशिश की तो मैंने किसी तरह कमरे में बने टॉयलेट में छिपकर अपनी जान बचाई। बाद में जब स्थानीय पुलिस के लोग पहुंचे तो मुझे सुरक्षा के साथ बाहर निकाला गया। इस दौरान मैंने देखा कि अभिमन्यु कुमार शर्मा घायल हैं और उनके मुंह और सिर से खून निकल रहा है।

जज के चेम्बर एवं न्यायालय परिसर में लगे CCTV कैमरे की बिना छेड़छाड किए जाँच हो।
पीड़ित थाना अध्यक्ष अपने अध्यक्ष से बोले की वे पूरी घटना पर पॉलीग्राफ़ मशीन ( झूठ पकड़ने वाली मशीन ) से जाँच कराने के लिए तैयार है। ताकि इससे भी सत्य सामने आ सकता है।— मृत्युंजय कु सिंह

पीड़ित घायल थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण से प्रदेश अध्यक्ष मृत्युंजय कु सिंह फ़ोन से बात कर सारी जानकारी लिए।बात करते समय पीड़ित दरोग़ा रोने लगा और घटना की जानकारी दिया। एसोसिएशन के महामंत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष पीड़ित थानाध्यक्ष से मुलाक़ात किए। न्यायालय आस्था और न्याय का मंदिर है।न्यायालय का सभी पुलिस वाले सम्मान करते है और हर न्यायोचित आदेश का पालन करते है और करते रहेंगे।झंझारपुर में घटित पूरी घटना की निष्पक्ष जाँच की माँग बिहार पुलिस एसोसिएशन करता है–मृत्युंजय कु सिंह

बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में ईओयू ने कोइलवर के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनुज कुमार के ठीकाने पर मारा छापा आय से अधिक सम्पत्ति का हुआ खुलासा।

पटना । बालू माफियाओं से सांठगांठ कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में आज निलंबित भोजपुर के कोइलवर के तत्कालीन अंचलाधिकारी अनुज कुमार के पटना स्थित आवास, नवादा स्थित पैतृक आवास और गया स्थित ससुराल में एक साथ छापेमारी की गयी है। ईओयू की टीम इस छापेमारी में सुबह से ही लगी हुई थी । तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है साथ ही अनुज कुमार के द्वारा अर्जित अन्य परिसंपत्तियों की भी जांच की जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई को इस बात की भी आशंका है कि आज की छापेमारी में अनुज कुमार के ठिकानों से नगद और अन्य सामान नहीं पाया जाना यह दर्शाता है कि बालू माफियाओं से अवैध परिसंपत्तियों को हटाया गया है और इस पर अनुसंधान चल रहा है। अनुज कुमार के द्वारा अर्जित परिसंपत्तियों इनके वास्तविक आय से लगभग 52% अधिक पाया गया है।