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वेंटिलेटर के संचालन हेतु कर्मियों को मिलेगा और बेहतर प्रशिक्षण -स्वास्थ्यमंत्री

#Covid19 इलाज के लिए जिलों को केंद्र से चिह्न्ति दवाओं की उपलब्धता करायी जा रही सुनिश्चित : मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरां और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है। वहीं वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में गंभीर रोगियों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर समेत अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। इसी क्रम में सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों यथा सभी जिलों के सदर अस्पतालों में वेंटिलेंटर अधिष्ठापित कर दी गई है। साथ ही उसके संचालन के लिए कई चरणों में डॉक्टरां एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जृा चुका है।

बिहार में कोरोना का सुनामी पटना बना हाॅट स्पोट

#Covid19 बिहार में कोरोना का सुनामी जारी है आज शाम तक जारी आकड़ों के अनुसार आज 5908 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं, 5 लोगों की मौत भी हुई है। मृतकों में NMCH से 2, साईं हॉस्पिटल से 1, PMCH से 1 और भागलपुर से एक संक्रमित शामिल हैं। अकेले पटना में 2202 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इधर, सोमवार को कोरोना के 4,737 नए मामले सामने आए, जो रविवार के आंकड़े से 6% कम है लेकिन इस दौरान रविवार की तुलना में जांच भी कम हुआ । रविवार को 5,022 कोरोना केस आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना। नीतीश कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से होम आइसोलेशन में हैं।

वही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि नये वैरियंट की वजह से बढ़ता कोरोना संक्रमण जब विशिष्ट व्यक्तियों, डाक्टरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, तब आम नागरिकों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

उम्र या बीमारी के कारण जिन्हें बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें इसके लिए बेहिचक आगे आना चाहिए।

  1. कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने बिहार सहित सभी राज्यों को 156.05 करोड़ डोज उपलब्ध करायी है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। अभी संक्रमितों में केवल 5 से 10 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।

लोगों को भयभीत होने के बजाय मास्क, दूरी और होम आइसोलेशन के जरिये स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए।

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

अब दिल्ली में गया के तिलकुट और भागलपुरी कतरनी चूरा का लुत्फ़ उठा सकेंगे बिहारवासी, मकर संक्रांति के मौक़े पर बिहारिका की ख़ास पहल

• बिहारिका में तिलकुट, चूरा, गुड़, लाई, मखाना उपलब्ध

• बिहार के अलग-अलग ज़िलों से मंगवाए गए पकवान

• बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का ‘बिहारिका’ एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।

• “बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है,” स्थानिक आयुक्त, बिहार भवन

नई दिल्ली के बिहार निवास, चाणक्यपुरी स्थित ‘बिहारिका’ में आगामी मकर संक्रांति को लेकर तैयारियाँ शुरू हो गईं है। बिहार की कला देहरी, बिहारिका, में बिहार के अलग-अलग ज़िलों के हस्तशिल्प और हथकरघा निर्मित उत्पादों के अलावा खाने-पीने की चीज़ों को भी शामिल किया गया है। इनमें गया का तिलकुट, भागलपुरी कतरनी चूरा, गुड़, मटकी दही, धनरुआ की लाई, मिथिला मखाना और अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। 11 जनवरी मंगलवार से 14 जनवरी तक ये सामान उपलब्ध होंगे।

स्थानिक आयुक्त, पलका साहनी (भाप्रसे) ने बताया, “राजधानी दिल्ली में रहने वाले बिहार के वे लोग जो खास तौर पर वहाँ त्योहारों पर बिहार के पकवान को मिस करते हैं, उनके लिए हमने इस पहल की शुरुआत की है। बाजार में उपलब्ध कतरनी चूरा की गुणवत्ता उत्तम मानी जाती है। यह बेहद नरम और सुगंधित होता है। चावल की इस किस्म की न केवल भागलपुर जिले में बल्कि पूरे देश में भारी मांग है। ऐसा माना जाता है कि कतरनी चावल की सुगंध और स्वाद, इस जिले में प्राकृतिक रूप से बनने वाले पर्यावरण का एक उपहार है। बिहारिका में गया का तिलकुट भी उपलब्ध है। हमने अक्सर ये महसूस किया है कि बिहार के पकवानों की दिल्ली में बहुत मांग है। देश-विदेशों तक तिलकुट, लाई और खाजा को पसंद किया जाता है। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में राजधानी दिल्ली और बिहार की दूरी बिहार राज्य के व्यंजन और कला से पाट दी जाएगी।”

ज्ञात हो कि बिहार से 300 किलो उच्च क्वालिटी का कतरनी चूड़ा, 100 किलो चावल, 50 किलो गुड़ और गया का खास्ता तिलकुट बिहार भवन भेजा गया है।

पवित्र पिंड दान और गौतम बुद्ध के अलावा, तिलकुट गया जी की संस्कृति है

माना जाता गया के रमना मोहल्ले में तिलकुट की शुरू हुआ। टेकरी रोड, कोइरीबाड़ी, स्टेशन रोड समेत कई इलाकों में तिलकुट के कारीगर रहते हैं। रमना रोड और टेकरी के कारीगरों द्वारा बनाया गया तिलकुट आज भी बहुत स्वादिष्ट होता है। वे बताते हैं कि कुछ ऐसे परिवार भी गया में हैं, जिनका पारिवारिक पेशा यह हो गया है। खस्ता तिलकुट के लिए मशहूर गया का तिलकुट झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है।

भगवान बुद्ध और ‘तिल’ का संबंध

ऐसा माना जाता है कि बुद्ध तिल (तिल) खाने पर जीवित रहे जब उन्होंने बोधगया में वर्तमान महाबोधि मंदिर के पास उरुवेला में कठोर तपस्या का अभ्यास करना शुरू किया। पाली सूत्रों का उल्लेख है कि उन्होंने कम से कम भोजन और पानी लेना शुरू कर दिया, ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने शायद ही कभी खाया। वह केवल उबलते चावल (अकामा) (मांड), या तिल के बीज (पिनाका) से तेल निकाले जाने के बाद बचे हुए ठोस पदार्थों से बचे हुए पर जीवित रहना शुरू कर दिया। वह आगे प्रतिदिन केवल चावल या तिल के एक दाने पर जीवित रहने लगे। वह कमजोर और पतला हो गया और इस अवस्था के बाद ही उसने मध्य मार्ग का अनुसरण करने का फैसला किया और अंत में आत्मज्ञान प्राप्त किया।

श्रीमती साहनी ने आगे बताया, “बिहार में मकर संक्रांति को सकरात या खिचड़ी भी बोला जाता है। देश के किसानों के प्रति आभार प्रकट करते हुए ताजे खेती वाले चावल का उपयोग ‘खिचड़ी’ बनाने के लिए किया जाता है जिसे सकरात की शाम घी, पापड़, दही और अचार के साथ परोसा जाता है। बिहारिका में नये चावल की खेप भी आई है जिसे आम लोग 14 तारीख़ से पहले आसानी से ख़रीद सकते हैं। इसके अलावा मटकी वाली ताजे दूध की दही, गुड़ और बिहार के धनरुआ में निर्मित खोये और रामदाने की लाई भी उपलब्ध है। बिहारिका न सिर्फ़ दिल्ली में स्थित बिहार के निवासियों के लिए बिहार से जुड़ने का एक मौक़ा है बल्कि वहाँ के कारीगरों, बुनकरों और किसानों को दूर रहते हुए भी आर्थिक रूप से सहयोग करने का एक रास्ता भी है। बिहार की संस्कृति को सहज तरीक़े से प्रसारित करने का बिहारिका एक सुलभ माध्यम बनकर उभरा है।“

#MakarSankranti2022 #MakarSankranti

हाजीपुर पासवान चौक के जाम पर हाईकोर्ट में याचिका दायर

हाजीपुर के नेशनल हाईवे – 19 पर स्थित पासवान चौक पर लगातार जाम की समस्या समाप्त करने व फ्लाईओवर का निर्माण किये जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को सम्बंधित अधिकारी को representation देने का निर्देश दिया।


अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने हाजीपुर एन एच 19 पर स्थित पासवान चौक होने वाले ट्राफिक जाम से होने वाली समस्या पर जनहित याचिका दायर किया।साथ ही उन्होंने सड़क की चौडाइ बढ़ाने व फ्लाईओवर बनाने की माँग इस जनहित में किया।
डिवीजन बेंच ने अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को आदेश पारित करने की तिथि से चार सप्ताह के भीतर अभ्यावेदन दायर करने को कहा है। संबंधित अधिकारी को चार महीने के भीतर अभ्यावेदन पर विचार करते हुए उचित आदेश पारित करते हुए निष्पादित करने को कहा गया है।


कोविड – 19 महामारी के मद्देनजर कार्यवाही को डिजिटल मोड में करने को कहा गया है, जब तक कि संबंधित पक्ष फिजिकल मोड के लिए सहमत नहीं हो जाते हों। साथ ही याचिकाकर्ता को कोर्ट द्वारा इस बात की भी छूट दी गई है कि जरूरत पड़ने पर इस वजह से या आगे भी किसी वजह से कोर्ट के समक्ष मामले को ला सकता है।

बीजेपी विधायक रश्मि वर्मा का बयान पार्टी हल निकाल देगी

विधायक पद से इस्तीफा की पेशकश करने के बाद आज पहली बार रश्मि वर्मा भाजपा कार्यालय पहुंची जहां प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के कक्ष में उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से उनकी मुलाकात हुई । आधे घंटे तक बंद कमरे में हुई मुलाकात के बाद जब वो बाहर निकली तो मीडिया से बात करते हुए कहा- सब ठीक है। लेकिन रश्मि वर्मा जिस अंदाज में मीडिया के सवालों से बच रही थी उससे साफ लग रहा था कि वो अंदर से काफी व्यथित है कई बार आसूं निकलते निकलते रोक ली ।

उप मुख्यमंत्री ने रश्मि वर्मा के त्यागपत्र का किया बचाव

हालांकि उन्होंने ये माना कि वो इस्तीफा देने का मन बना रहीं थी, लेकिन फिर पार्टी ने उनकी परेशानी का खत्म करने का भरोसा दे दिया है, इसलिए अब वो ऐसा नहीं करेंगी। रश्मि वर्मा को मीडिया के सवालों से घिरा देख उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद आगे आए और उन्हें कार्यक्रम में जल्द चलने की बात कही।

विधायक रश्मि वर्मा चेहरे चेहरे से बहुत कुछ कह गयी

वैसे रश्मि वर्मा भले ही मीडिया के सवालों से बचती रही लेकिन उनके चेहरे का भाव जता दिया कि कोई तो बात है ।

बिहार के युवाओं ने इंडिया स्किल्स प्रतियोगिता में लहराया परचम: 4 स्वर्ण, 2 रजत और 5 कांस्य पदक जीता।

इंडिया स्किल्स 2021 की राष्ट्रीय प्रतियोगिता दिल्ली में आयोजित की जा गयी, देश भर से 500 से अधिक प्रतियोगी 54 औद्योगिक क्षेत्रों से अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए प्रतियोगिता में भाग लिया| सभी कौशल प्रतियोगिताओं के विजेताओं को आज दिनांक 10 जनवरी 2022 को सम्मानित किया गया ।

उन्होंने ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है और बहुत बड़ा अवसर है कि बिहार के युवाओं ने अपने कौशल का जौहर राष्ट्रीय स्तर पर दिखाया है और विजेता बनें हैं| हम सभी विजयी प्रतिभागियों को अपनी ओर से शुभकामना देते हैं । साथ ही NSDC और बिहार कौशल विकास मिशन के पदाधिकारियों और कर्मियों को भी इस जीत में साथ देने के लिए आभारी हैं, इस कोरोना काल में आपका योगदान अतुलनीय है ।

बिहार से – श्री उत्सव ने ग्राफ़िक डिजाईन, आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री बद्रीनाथ ने, रिन्यूएबल एनर्जी में श्री रौशन कुमार, और सुश्री ताविसी तन्नु ने विजुअल मर्चेडाइजिंग में स्वर्ण जीता, जबकि रेस्टुरेंट सर्विस में सुश्री अदिति और आई टी नेटवर्क सिस्टम एंड एडमिनिस्ट्रेशन में श्री अमित ने रजत जीता, वहीं कांस्य पदक, फैशन टेक्नोलोजी में सुश्री रिनिता निगोई, कैबिनेट मेकिंग में श्री राजेश शर्मा, ब्रेकरी में सुश्री दीपाली राज, सुश्री बागिषा जैन ने ग्राफ़िक डिजाईन में और रिन्यूएबल एनर्जी में श्री अभिषेक ने जीता|

माननीय मंत्री ने कहा कि बिहार हमेशा से शोध और कौशल का धरती रही है। आर्यभट्ट, चाणक्य, वानभट्ट एवं वशिष्ट नारायण जैसे सरीखे नामों और उनके कौशल कला से पूरी दुनिया परिचित है। बात विक्रमशिला की हो या प्रचीनतम नालंदा विश्वविद्यालय की यहां विश्व के अनेक प्रसिद्ध नामचीन व्यक्तित्व ने विद्या और कौशल को सीखा है| जिसकी ऐतिहासिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से आज भी हम सब रु-ब-रु होते रहते हैं|

मुझे यकीन है कि श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत संचालित, बिहार कौशल विकास मिशन और एनएसडीसी के आपसी समन्वय और सहयोग से, इस जीत को विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता के मंच पर भी प्रदर्शित करेंगे| सभी सफल युवा अपना कौशल का प्रदर्शन चीन के संघाई में 2022 में आयोजित होने वाले विश्व युवा कौशल प्रतियोगिता में अपना अपना परचम लहराएँ, ऐसी हमारी मंगल कामना है|

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने के मामले में याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

पटना हाई कोर्ट ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के कथित गबन की जांच करवाने व जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विशाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई कर ये आदेश दिया।
अरवल जिला के रामपुर बैणा पंचायत की मुखिया पर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में सरकारी धन के गबन का आरोप लगाते हुए विशाल सिंह ने एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका के जरिये जांच और कार्रवाई का आदेश देने का अनुरोध कोर्ट से किया था।

इस मामले में अरवल के बी डी ओ द्वारा गठित की गई जांच को पूरा करने और प्राथमिकी दर्ज करने हेतु आदेश देने की भी माँग किया गया था।
इस जनहित याचिका में खास बात यह भी थी कि याचिकाकर्ता ने अपने चाचा सतीश कुमार सिंह और उनकी मुखिया(रामपुर बैणा पंचायत )पत्नी बिमला देवी पर भी बारह – बारह हजार रुपये लेने का आरोप लगाया था। कहा गया था कि पैतृक जमीन पर पूर्वजों द्वारा बनाये गए शौचालय के नाम पर ही पैसा का गबन किया गया।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि यह कोई जनहित का मामला नहीं प्रतीत होता है, इसलिए याचिकाकर्ता पर अर्थदंड लगाया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस बात पर अपनी सहमति जताते हुए याचिकाकर्ता पर दस हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।

महत्वपूर्ण बात यह भी है कि याचिका कर्ता द्वारा इसी मामले को लेकर पूर्व में भी पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने निष्पादित कर दिया था।

बाजार में तीसरे दिन भी उछला जारी; सेंसेक्स 221 अंक ऊपर, निफ्टी 18,050 के ऊपर बंद हुआ

मंगलवार को भारतीय इक्विटी बाजार में उछाल जारी रहा । सेंसेक्स 221.26 अंक बढ़कर 60,616.89 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 52.45 अंक चढ़कर 18,055.75 पर पहुंच गया।

सेंसेक्स चार्ट (11.01.2022) एक नजर में

बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट बंद हुए। सेक्टरों में मेटल इंडेक्स 2 फीसदी से ज्यादा गिरा, जबकि आईटी, पावर, ऑयल एंड गैस और रियल्टी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली।

सेंसेक्स पैक में एचसीएल टेक, एचडीएफसी, टेक महिंद्रा, टीसीएस, आरआईएल, इंफोसिस, और एचडीएफसी बैंक शीर्ष पर रहे। टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, कोटक बैंक, आईटीसी और डॉ रेड्डीज खराब प्रदर्शन करने वाला रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 16 शेयर बढ़त के साथ और 14 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 0.57% बढ़ा, निफ्टी मेटल इंडेक्स 2% से ज्यादा टूटा । वहीं आईटी, पावर, ऑयल एंड गैस और रियल्टी शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.09 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.06 फीसदी चढ़ा।

निफ़्टी के प्रमुख इंडेक्स

एचसीएल टेक्नोलॉजीज, अदानी पोर्ट्स, एचडीएफसी, टेक महिंद्रा और ओएनजीसी निफ्टी में शीर्ष पर रहे, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, बीपीसीएल, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और कोल इंडिया खराब प्रदर्शन करने वाला रहा।

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 25 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 24 लाल निशान में बंद हुए और 1 बिना बदलाव के बंद हुए। निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

बेपरवाह बिहार कोरोना के फर्जी जांच का हुआ खुलासा

#Covid19 बिहार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना सजग है इसको लेकर आये दिन खबर आती रहती है नया मामला समस्तीपुर से जुड़ा है जहां एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे पहले नालंदा में जहां देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है कोवीशील्ड वो वैक्सीन दो बच्चों को लगा दिया । समस्तीपुर में दो दिन पहले एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई तब पता चला कि जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है, वे एकदम भले-चंगे हैं।

मामला कल्याणपुर प्रखंड का है। मामले का खुलासा होने के बाद DM योगेंद्र सिंह के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने स्वास्थ्य कर्मी दिनेश झा को निलंबित कर दिया। इस मामले में जांच के लिए कल्याणपुर PHC प्रभारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। दो दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।हुआ ऐसा कि कल्याणपुर PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) से 5 जनवरी को 115 लोगों का सैंपल जांच के लिए IGIMS (इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान) पटना भेजा गया था। 7 जनवरी को सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार को कल्याणपुर टीम भेजी गई। जांच में पता चला कि PHC में एक व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कर्मचारी दिनेश झा ने पॉजिटिव व्यक्ति के सीरम को अलग-अलग रख कर 115 लोगों का सैंपल बना लिया और जांच के लिए पटना भेज दिया था।          

इसके पीछे कि कहानी यह है कि आज कल पूरे बिहार में कोरोना जांच किट स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है ,विभागीय लोगों का कहना है कि स्टॉक मिलाने के चक्कर में यह गलती हो गयी और मामला प्रकाश में आ गया फिलहाल उक्त स्वास्थ्य कर्मी पर प्राथमिकी दर्ज करने पर विभाग विचार कर रही है ।

वही मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में पिछले सप्ताह देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है,  2 बच्चों को उसी वैक्सीन की डोज लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के शिकार दोनों भाई पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हमने रविवार को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके बाद आज हम 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल गए।वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमने टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद पता चला कि हम दोनों को कोवैक्सिन की जगह कोवीशील्ड का टीका लगा दिया गया है।हालांकि इस मामले में सरकार उपाधीक्षक को हटा दिया है और जांच गठित कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि पूरी मशीनरी लगने के बावजूद इतनी बड़ी गलती कैसे हो जा रही है इसी तरह 2020 में कोरोना वैक्सीन के दौरान फर्जी मोबाइल नम्बर के इस्तेमाल का मामला सामने आया था और इसको लेकर सरकार की बड़ी किरकरी हुई थी ।

यूरिया को लेकर बिहार में हहाकार कई जिलों में किसान उतरे सड़क पर

बिहार में डीएपी खाद के बाद अब यूरिया को लेकर किसान सड़कों पर है अररिया सुपौल ,मधेपुरा सहित बिहार के कई जिलों में यूरिया खाद को लेकर किसान खासे गुस्से में है कई जगह कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को आगे आना पड़ा है इस समय गेंहू और तेलहन के लिए किसानों को यूरिया खाद की सख्त जरुरत है ।

कृषि विभाग के सचिव डा़ एन सरवण कुमार की अध्यक्षता में 31 दिसंबर तक उर्वरक की हुई आपूर्ति और वितरण की समीक्षा बैठक की रिपोर्ट बताती है कि बिहार को मांग का 26 फीसदी यूरिया कम मिला है़ राज्य के आधा दर्जन के करीब जिलों में तो मांग का आधा यूरिया भी नहीं पहुंचा़ ।

मुजफ्फरपुर, दरभंगा और पश्चिमी चंपारण के किसानों को मांग का मात्र 47 फीसद ही यूरिया मिल सका़ यही वजह है कि पूरे बिहार में यूरिया को लेकर हहाकार मचा हुआ है हालांकि यूरिया के समय पर नहीं मिलने से गंहू और तेलहन के उपज में खासा प्रभाव पड़ सकता है ।

दिसंबर 21 में यूरिया की स्थिति
315000 टन जरूरत
227998.37 टन उपलब्ध
224030.69 टन सेल
3948.82 टन क्लोजिक स्टॉक
जनवरी 22 में यूरिया की स्थिति
220000.00 टन जरूरत
99772.43 टन उपलब्ध
88168.68 टन सेल
11603.75 टन क्लोजिंग स्टॉक

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा के मामलें आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाक्टर राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई और वहां उनके स्मारक की दुर्दशा के मामलें पर सुनवाई करते हुए केंद्र ( आर्केलोजिकल् सर्वे ऑफ इंडिया) और बिहार सरकार द्वारा हलफनामा नहीं दायर नहीं किये जाने पर मामलें की सुनवाई 13 जनवरी,2022 तक टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विकास कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में निश्चित रूप से हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।लेकिन दोनों सरकारों ने आज हलफनामा दायर नहीं किया,जिस कारण इस जनहित याचिका पर सुनवाई टाल दी गई।
इससे पूर्व हाईकोर्ट ने अधिवक्ता निर्विकार की अध्यक्षता में वकीलों की तीन सदस्यीय कमिटी गठित की थी।कोर्ट ने इस समिति को इन स्मारकों के हालात का जायजा ले कर कोर्ट को रिपोर्ट करने का आदेश दिया था।

तीन सदस्यीय वकीलों की कमिटी ने जीरादेई के डा राजेंद्र प्रसाद की पुश्तैनी घर का जर्जर हालत, वहां बुनियादी सुविधाओं की कमी और विकास में पीछे रह जाने की बात कहीं।साथ ही पटना के बांसघाट स्थित उनके समाधि स्थल पर गन्दगी और रखरखाव की स्थिति भी असंतोषजनक पाया।वहाँ

काफी गन्दगी पायी गई और सफाई व्यवस्था की खासी कमी थी।साथ ही पटना के सदाकत आश्रम की दुर्दशा को भी वकीलों की कमिटी ने गम्भीरता से लिया था।

जनहित याचिका में कोर्ट को बताया गया कि जीरादेई गांव व वहां डाक्टर राजेंद्र प्रसाद के पुश्तैनी घर और स्मारकों की हालत काफी खराब हो चुकी है।याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने बताया कि जीरादेई में बुनियादी सुविधाएं नहीं के बराबर है।
न तो वहां पहुँचने के सड़क की हालत सही है।साथ ही गांव में स्थित उनके घर और स्मारकों स्थिति और भी खराब हैं,जिसकी लगातार उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार के इसी उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण लगातार हालत खराब होती जा रही है।कोर्ट को बताया गया कि पटना के सदाकत आश्रम और बांसघाट स्थित उनसे सम्बंधित स्मारकों की दुर्दशा भी साफ दिखती हैं।वहां सफाई,रोशनी और लगातार देख रेख नहीं होने के कारण ये स्मारक और ऐतिहासिक धरोहर अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है।
ऐसे महान नेता स्मृतियों व् स्मारकों की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किया जाना उचित नहीं हैं।इनके स्मृतियों और स्मारकों को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 13 जनवरी,2022 को होगी।

मीडिया का शाख लगा है दाव पर

आज तक पर यूपी चुनाव को लेकर आयोजित एक  कार्यक्रम के दौरान अंजना ओम कश्यप और अखिलेश यादव के बीच जिस अंदाज में संवाद हुआ उसे आप क्या कहेंगे, याद करिए किसान आन्दोलन के दौरान चित्रा त्रिपाठी के साथ जो कुछ भी हुआ उसे आप क्या कहेंगे ।क्या यह माना जाये कि पत्रकारिता संकट में है या फिर हम पत्रकार जिस तरीके से सत्ता के साथ खड़े दिख रहे हैं या फिर सत्ता से सवाल करना छोड़ दिये हैं उसका प्रतिफल है ।                                  

 बिहार में भी इस तरह का एक दौर आया था जब सीएम की कुर्सी पर लालू प्रसाद काबिज थे लालू प्रसाद सार्वजनिक मंच से मीडिया की आलोचना करते थे किसी विषय पर प्रतिक्रिया लेना रहता था तो घंटो घर के बाहर खड़े कर देते थे और आये दिन सार्वजनिक रूप से अपमानित भी करते रहते थे। फिर भी एक रिश्ता बना रहा ।            

जहां तक मेरा अनुभव रहा है अखबार में संपादक से लेकर प्रखंड के संवाददाता तक और चैनल के चैनल हेड से लेकर जिला रिपोर्टर तक पर सवर्णों का कब्जा होने के बावजूद कभी भी कभी सुबह के मीटिंग में यह एजेंडा तय नहीं होता था कि लालू प्रसाद की सरकार को घेराबंदी करने के लिए खबर को प्लांट करो या फिर उस नजरिए से खबर बनाओं जिससे लालू प्रसाद के शासन काल घेरे में आ सके।            

मुझे लगता है जब तक हम मीडिया वाले इस सोच के साथ काम करते रहे है कि जो खबर है चलेगा एजेंडा नहीं चलेगा तब तक ठीक रहा लेकिन जैसे ही हम लोग ऐजेंडे पर खबर करने लगे लोगों का भरोसा उठने लगा जो पहले नहीं था लोगों का मीडिया पर बहुत भरोसा था। और यही वजह थी कि गांव में रहने वाले लोग हो या फिर शहर में रहने वाले लोग हो उन्हें हमेशा लगता था कि मीडिया हमारे साथ खड़ी है हर दिन आम जनता का फोन आता था पुलिस के जुल्म को लेकर या फिर भ्रष्टाचार को लेकर। लेकिन जैसे जैसे मीडिया से आम लोगों के सरोकार से जुड़ी खबरें चलनी कम होती गयी लोग भी हम लोगों से दूर होते चले गये ।

अब पहले जैसे आम लोगों का कहां फोन काँल आता है बहुत कम अब कांल आता है हिन्दू मुसलमान के बीच विवाद को लेकर कही कोई घटना हो जाये एक घंटे में चालीस से अधिक कांल आ जाता है हर स्तर के लोग फोन करने लगते हैं हाल ही पटना में एक मुसलमान दुकानदार खरीदारी के दौरान हुए विवाद के क्रम किसी लड़की पर हाथ चला दिया इतना फोन कांल आया जैसे लगा नरसंहार हो गया हो और पुलिस नहीं पहुंच रही है और फिर क्या हुआ थोड़ी देर में सारे चैनल का हेड लाइन खबर बन गयी जबकि पहले हम मीडिया धार्मिक ,सम्प्रदायिक और जाति आधारित हिंसा से जुड़ी खबरो को लिखने में और दिखाने में बहुत सावधानी बरतते थे हम मीडिया वालों की पहली जिम्मेवारी यही होती थी कि ऐसा खबर ना चले जिससे समाज में तनाब बढ़ जाये लेकिन आज क्या हो रहा है हम लोग तनाब और घृणा पैदा करने वाली खबर ही नहीं चला रहे हैं बल्कि खबर प्लांट भी कर रहे हैं इससे हुआ क्या आम लोग जो मीडिया और मीडियाकर्मियोंं की ताकत हुआ करती थी वो हम मीडिया वालों से दूर चल गया और जैसे ही इसका आभाव सत्ता और सिस्टम को हुआ पूरी मीडिया को हासिया पर पहुंचा दिया
संकट की वजह यही है ऐसे में मीडिया से जुड़े लोग एक बार फिर से आम लोगों का भरोसा कैसे जीते इस पर सोचने कि जरूरत है क्यों कि जैसे ही आम लोग हम लोगों के साथ जुड़ने लगेगी बहुत सारी चीजें बदल जाएंगी । मेरा तो अनुभव यही रहा है कि सत्ता से सवाल करने वाले पत्रकारों से भले ही सरकार नराज रहे लेकिन जनता हमेशा सर आंखो पर बिठा कर रखती हैं। वक्त आ गया है आत्ममंथन करने का नहीं तो फिर इस संस्था का कोई मतलब नहीं रह जायेगा ।

प्यार तो बस एक एहसास है

इसे कहते है कसक ओर चाहत

ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस शख्स से मिलना। जिंदगी के लिए एक संजीवनी के समान था।

जिंदगी भी कमबख्त कभी कभी अजीब से मोड़ पर ले आती है। ऐसे हालातों से सामना करवा देती है जिसकी कल्पना तो क्या कभी ख्याल भी नही कर सकते ।

वो आया और मेरे पास ही खाली जगह पर बैठ गया। ना मेरी तरफ देखा। ना पहचानने की कोशिश की। कुछ इंच की दूरी बना कर चुप चाप पास आकर बैठ गया। बाहर सावन की रिमझिम लगी थी। इस कारण वो कुछ भीग गया था। मैने कनखियों से नजर बचा कर उसे देखा। उम्र के इस मोड़ पर भी कमबख्त वैसा का वैसा ही था। हां कुछ भारी हो गया था। मगर इतना ज्यादा भी नही।
फिर उसने जेब से चश्मा निकाला और मोबाइल में लग गया।

चश्मा देख कर मुझे कुछ आश्चर्य हुआ। उम्र का यही एक निशान उस पर नजर आया था कि आंखों पर चश्मा चढ़ गया था। चेहरे पर और सर पे मैने सफेद बाल खोजने की कोशिश की मग़र मुझे नही दिखे।

मैंने जल्दी से सर पर साड़ी का पल्लू डाल लिया। बालो को डाई किए काफी दिन हो गए थे मुझे। ज्यादा तो नही थे सफेद बाल मेरे सर पे। मगर इतने जरूर थे कि गौर से देखो तो नजर आ जाए।

मैं उठकर बाथरूम गई। हैंड बैग से फेसवाश निकाला चेहरे को ढंग से धोया फिर शीशे में चेहरे को गौर से देखा। पसंद तो नही आया मगर अजीब सा मुँह बना कर मैने शीशा वापस बैग में डाला और वापस अपनी जगह पर आ गई।

मग़र वो साहब तो खिड़की की तरफ से मेरा बैग सरकाकर खुद खिड़की के पास बैठ गए थे।
मुझे पूरी तरह देखा भी नही बस बिना देखे ही कहा, ” सॉरी, भाग कर चढ़ा तो पसीना आ गया था । थोड़ा सुख जाए फिर अपनी जगह बैठ जाऊंगा।” फिर वह अपने मोबाइल में लग गया। मेरी इच्छा जानने की कोशिश भी नही की। उसकी यही बात हमेशा मुझे बुरी लगती थी। फिर भी ना जाने उसमे ऐसा क्या था कि आज तक मैंने उसे नही भुलाया। एक वो था कि दस सालों में ही भूल गया। मैंने सोचा शायद अभी तक गौर नही किया। पहचान लेगा। थोड़ी मोटी हो गई हूँ। शायद इसलिए नही पहचाना। मैं उदास हो गई।

जिस शख्स को जीवन मे कभी भुला ही नही पाई उसको मेरा चेहरा ही याद नही😔

माना कि ये औरतों और लड़कियों को ताड़ने की इसकी आदत नही मग़र पहचाने भी नही😔

शादीशुदा है। मैं भी शादीशुदा हुँ जानती थी इसके साथ रहना मुश्किल है मग़र इसका मतलब यह तो नही कि अपने खयालो को अपने सपनो को जीना छोड़ दूं।
एक तमन्ना थी कि कुछ पल खुल के उसके साथ गुजारूं। माहौल दोस्ताना ही हो मग़र हो तो सही😔

आज वही शख्स पास बैठा था जिसे स्कूल टाइम से मैने दिल मे बसा रखा था। सोसल मीडिया पर उसके सारे एकाउंट चोरी छुपे देखा करती थी। उसकी हर कविता, हर शायरी में खुद को खोजा करती थी। वह तो आज पहचान ही नही रहा😔

माना कि हम लोगों में कभी प्यार की पींगे नही चली। ना कभी इजहार हुआ। हां वो हमेशा मेरी केयर करता था, और मैं उसकी केयर करती थी। कॉलेज छुटा तो मेरी शादी हो गई और वो फ़ौज में चला गया। फिर उसकी शादी हुई। जब भी गांव गई उसकी सारी खबर ले आती थी।

बस ऐसे ही जिंदगी गुजर गई।

आधे घण्टे से ऊपर हो गया। वो आराम से खिड़की के पास बैठा मोबाइल में लगा था। देखना तो दूर चेहरा भी ऊपर नही किया😔

मैं कभी मोबाइल में देखती कभी उसकी तरफ। सोसल मीडिया पर उसके एकाउंट खोल कर देखे। तस्वीर मिलाई। वही था। पक्का वही। कोई शक नही था। वैसे भी हम महिलाएं पहचानने में कभी भी धोखा नही खा सकती। 20 साल बाद भी सिर्फ आंखों से पहचान ले☺️
फिर और कुछ वक्त गुजरा। माहौल वैसा का वैसा था। मैं बस पहलू बदलती रही।

फिर अचानक टीटी आ गया। सबसे टिकिट पूछ रहा था।
मैंने अपना टिकिट दिखा दिया। उससे पूछा तो उसने कहा नही है।

टीटी बोला, “फाइन लगेगा”
वह बोला, “लगा दो”
टीटी, ” कहाँ का टिकिट बनाऊं?”

उसने जल्दी से जवाब नही दिया। मेरी तरफ देखने लगा। मैं कुछ समझी नही।
उसने मेरे हाथ मे थमी टिकिट को गौर से देखा फिर टीटी से बोला, ” कानपुर।”
टीटी ने कानपुर की टिकिट बना कर दी। और पैसे लेकर चला गया।
वह फिर से मोबाइल में तल्लीन हो गया।

आखिर मुझसे रहा नही गया। मैंने पूछ ही लिया,”कानपुर में कहाँ रहते हो?”
वह मोबाइल में नजरें गढ़ाए हुए ही बोला, ” कहीँ नही”
वह चुप हो गया तो मैं फिर बोली, “किसी काम से जा रहे हो”
वह बोला, “हाँ”

अब मै चुप हो गई। वह अजनबी की तरह बात कर रहा था और अजनबी से कैसे पूछ लूँ किस काम से जा रहे हो।
कुछ देर चुप रहने के बाद फिर मैंने पूछ ही लिया, “वहां शायद आप नौकरी करते हो?”
उसने कहा,”नही”

मैंने फिर हिम्मत कर के पूछा “तो किसी से मिलने जा रहे हो?”
वही संक्षिप्त उत्तर ,”नही”
आखरी जवाब सुनकर मेरी हिम्मत नही हुई कि और भी कुछ पूछूँ। अजीब आदमी था । बिना काम सफर कर रहा था।
मैं मुँह फेर कर अपने मोबाइल में लग गई।
कुछ देर बाद खुद ही बोला, ” ये भी पूछ लो क्यों जा रहा हूँ कानपुर?”

मेरे मुंह से जल्दी में निकला,” बताओ, क्यों जा रहे हो?”
फिर अपने ही उतावलेपन पर मुझे शर्म सी आ गई।
उसने थोड़ा सा मुस्कराते हुवे कहा, ” एक पुरानी दोस्त मिल गई। जो आज अकेले सफर पर जा रही थी। फौजी आदमी हूँ। सुरक्षा करना मेरा कर्तव्य है । अकेले कैसे जाने देता। इसलिए उसे कानपुर तक छोड़ने जा रहा हूँ। ” इतना सुनकर मेरा दिल जोर से धड़का। नॉर्मल नही रह सकी मैं।

मग़र मन के भावों को दबाने का असफल प्रयत्न करते हुए मैने हिम्मत कर के फिर पूछा, ” कहाँ है वो दोस्त?”
कमबख्त फिर मुस्कराता हुआ बोला,” यहीं मेरे पास बैठी है ना”

इतना सुनकर मेरे सब कुछ समझ मे आ गया। कि क्यों उसने टिकिट नही लिया। क्योंकि उसे तो पता ही नही था मैं कहाँ जा रही हूं। सिर्फ और सिर्फ मेरे लिए वह दिल्ली से कानपुर का सफर कर रहा था। जान कर इतनी खुशी मिली कि आंखों में आंसू आ गए।

दिल के भीतर एक गोला सा बना और फट गया। परिणाम में आंखे तो भिगनी ही थी।
बोला, “रो क्यों रही हो?”

मै बस इतना ही कह पाई,” तुम मर्द हो नही समझ सकते”
वह बोला, ” क्योंकि थोड़ा बहुत लिख लेता हूँ इसलिए एक कवि और लेखक भी हूँ। सब समझ सकता हूँ।”
मैंने खुद को संभालते हुए कहा “शुक्रिया, मुझे पहचानने के लिए और मेरे लिए इतना टाइम निकालने के लिए”
वह बोला, “प्लेटफार्म पर अकेली घूम रही थी। कोई साथ नही दिखा तो आना पड़ा। कल ही रक्षा बंधन था। इसलिए बहुत भीड़ है। तुमको यूँ अकेले सफर नही करना चाहिए।”

“क्या करती, उनको छुट्टी नही मिल रही थी। और भाई यहां दिल्ली में आकर बस गए। राखी बांधने तो आना ही था।” मैंने मजबूरी बताई।

“ऐसे भाइयों को राखी बांधने आई हो जिनको ये भी फिक्र नही कि बहिन इतना लंबा सफर अकेले कैसे करेगी?”

“भाई शादी के बाद भाई रहे ही नही। भाभियों के हो गए। मम्मी पापा रहे नही।”

कह कर मैं उदास हो गई।
वह फिर बोला, “तो पति को तो समझना चाहिए।”
“उनकी बहुत बिजी लाइफ है मैं ज्यादा डिस्टर्ब नही करती। और आजकल इतना खतरा नही रहा। कर लेती हुँ मैं अकेले सफर। तुम अपनी सुनाओ कैसे हो?”

“अच्छा हूँ, कट रही है जिंदगी”
“मेरी याद आती थी क्या?” मैंने हिम्मत कर के पूछा।
वो चुप हो गया।

कुछ नही बोला तो मैं फिर बोली, “सॉरी, यूँ ही पूछ लिया। अब तो परिपक्व हो गए हैं। कर सकते है ऐसी बात।”
उसने शर्ट की बाजू की बटन खोल कर हाथ मे पहना वो तांबे का कड़ा दिखाया जो मैंने ही फ्रेंडशिप डे पर उसे दिया था। बोला, ” याद तो नही आती पर कमबख्त ये तेरी याद दिला देता था।”

कड़ा देख कर दिल को बहुत शुकुन मिला। मैं बोली “कभी सम्पर्क क्यों नही किया?”

वह बोला,” डिस्टर्ब नही करना चाहता था। तुम्हारी अपनी जिंदगी है और मेरी अपनी जिंदगी है।”
मैंने डरते डरते पूछा,” तुम्हे छू लुँ”

वह बोला, ” पाप नही लगेगा?”
मै बोली,” नही छू ने से नही लगता।”
और फिर मैं कानपुर तक उसका हाथ पकड़ कर बैठी रही।।

बहुत सी बातें हुईं।

जिंदगी का एक ऐसा यादगार दिन था जिसे आखरी सांस तक नही बुला पाऊंगी।
वह मुझे सुरक्षित घर छोड़ कर गया। रुका नही। बाहर से ही चला गया।

जम्मू थी उसकी ड्यूटी । चला गया।

उसके बाद उससे कभी बात नही हुई । क्योंकि हम दोनों ने एक दूसरे के फोन नम्बर नही लिए।

हांलांकि हमारे बीच कभी भी नापाक कुछ भी नही हुआ। एक पवित्र सा रिश्ता था। मगर रिश्तो की गरिमा बनाए रखना जरूरी था।

फिर ठीक एक महीने बाद मैंने अखबार में पढ़ा कि वो देश के लिए शहीद हो गया। क्या गुजरी होगी मुझ पर वर्णन नही कर सकती। उसके परिवार पर क्या गुजरी होगी। पता नही😔

लोक लाज के डर से मैं उसके अंतिम दर्शन भी नही कर सकी।

आज उससे मीले एक साल हो गया है आज भी रखबन्धन का दूसरा दिन है आज भी सफर कर रही हूँ। दिल्ली से कानपुर जा रही हूं। जानबूझकर जर्नल डिब्बे का टिकिट लिया है मैंने।
अकेली हूँ। न जाने दिल क्यों आस पाले बैठा है कि आज फिर आएगा और पसीना सुखाने के लिए उसी खिड़की के पास बैठेगा।
एक सफर वो था जिसमे कोई #हमसफ़र था।
एक सफर आज है जिसमे उसकी यादें हमसफ़र है। बाकी जिंदगी का सफर जारी है देखते है कौन मिलता है कौन साथ छोड़ता है…!!!

आरटीआई कार्यकर्ता में हो रहे हमले को लेकर हाईकोर्ट नराज

पटना हाईकोर्ट ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगे जाने पर सूचना मांगने वाले व्यक्ति से उसके सही आचरण वाले और आपराधिक मामले में संलिप्त नहीं का हलफनामा देने के विरुद्ध दायर याचिका पर सुनवाई की।विकास केन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव और राज्य कैबिनेट सचिवालय के प्रधान सचिव को नोटिस जारी करते हुए चार सप्ताह में जवाब माँगा।

इस जनहित याचिका में विगत 16 जनवरी, 2006 को कैबिनेट सचिवालय विभाग के उप सचिव व राज्य सरकार के कॉर्डिनेशन डिपार्टमेंट द्वारा जारी उक्त आशय के संबंध में जारी किये गए संकल्प को रद्द करने हेतु आदेश देने की माँग की गई है।

याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आर टी आई एक्ट के विरुद्ध इस प्रकार का गैर कानूनी व मनमाना शर्त लगाया गया है। याचिका के जरिये उस पत्र को भी रद्द करने हेतु आदेश देने का अनुरोध किया गया है, जिसके जरिये लोक सूचना ऑफिसर द्वारा पत्र जारी कर याचिकाकर्ता से विभाग द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के लिए उसके सही आचरण और आपराधिक मामलों में शामिल नहीं होने के सम्बन्ध में शपथ पत्र की मांग की गई है।

इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने बगैर बिलंब किये ही सूचना उपलब्ध कराने के लिए लोक सूचना अधिकारी को आदेश देने को लेकर भी आग्रह किया है। आर टी आई एक्ट की धारा 7 के तहत याचिकाकर्ता को अविलंब सूचना उपलब्ध कराने के संबंध में निर्णय लेने का आग्रह भी कोर्ट से किया गया है।
इस मामलें पर चार सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी।

सेंसेक्स में 651 अंक का उछाल, निफ्टी 18,000 से ऊपर बंद; टाइटन 3.29% उछला, पेटीएम 6% गिरा

सोमवार को भारतीय इक्विटी बाजार में उछाल जारी रहा। सेंसेक्स 650 अंक बढ़कर 60,395 पर समाप्त हुआ, निफ्टी 190 अंक बढ़कर 18,003 पर के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

सेंसेक्स 10012022

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.7 फीसदी बढ़ा जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 1.2 फीसदी बढ़ा। पीएसयू बैंक, आईटी, ऑटो, कैपिटल गुड्स, पावर, बैंक, रियल्टी सूचकांकों में 1-3 फीसदी की तेजी के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए।

बीएसई पर टाइटन, मारुति, एलएंडटी, एसबीआई, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा बैंक और आईटीसी ने अपने शेयरों में 3.29 – 2.20 फीसदी की तेजी के साथ सबसे ज्यादा बढ़त हासिल की। विप्रो, नेस्ले इंडिया, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और डॉ रेड्डीज सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला रहा।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 20 शेयर बढ़त के साथ और 10 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी बैंक और निफ्टी ऑटो 3.23-1.6 फीसदी तक चढ़े। मिड और स्मॉल-कैप शेयर सकारात्मक नोट पर समाप्त हुए क्योंकि निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.84 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 1.28 फीसदी की
तेजी आई।

निफ़्टी के प्रमुख इंडेक्स

यूपीएल लिमिटेड निफ्टी में शीर्ष पर रहा क्योंकि स्टॉक 4.57 प्रतिशत बढ़ा, हीरो मोटोकॉर्प, टाइटन, एसबीआई और मारुति भी लाभ में थे। लूजर में , विप्रो, नेस्ले इंडिया, डिविज लैब, एशियन पेंट्स और पावरग्रिड थे ।

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 35 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 15 लाल निशान में बंद हुए । निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

राजधानी पटना सहित बिहार में अनियंत्रित रूप से हो रही चोरी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर

पटना हाई कोर्ट ने पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में कथित तौर पर अनियंत्रित रूप से हो रही चोरी, लूट- पाट और सेंधमारी की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिंह व संजीव कुमार मिश्रा की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

हाईकोर्ट को इन जनहित याचिकाओं में बताया गया कि राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य इलाकों में अपराध, चोरी, लूटपाट व् सेंधमारी की घटनाएं बढ़ गई हैं। वहीं पर राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून लागू करने के लिए अलग से विशेष टास्क फोर्स का गठन कर दिया है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि बिहार एक्साइज ( संशोधित ) एक्ट , 2018 के प्रावधानों को लागू करने के लिए अलग से पुलिस फोर्स/ विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाना चाहिए, ताकि प्रभावी ढंग से शराबबंदी कानून से जुड़े प्रावधानों को लागू किया जा सके और अपराध में शामिल एजेंसी व व्यक्तियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जा सके।

याचिका के जरिये शराबबंदी कानून के प्रावधानों को लागू करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन अलग हटकर पुलिस टास्क फोर्स के गठन करने हेतु आदेश का आग्रह किया गया है ,ताकि स्थानीय कानून व्यवस्था की समस्याओं को भी बराबर प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई की जा सके और संज्ञेय अपराधों के मामले में त्वरित एफ आई आर दर्ज किया जा सके।
नियमित रूप से पुलिस पेट्रोलिंग करने का भी आग्रह किया गया है, खासकर के वैसे क्षेत्रों में जहाँ वृद्ध लोग अकेले रह रहे हों।इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

विशेष राज्य का दर्जा को लेकर सड़क पर उतरे पप्पू यादव

जन अधिकार पार्टी द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, किसानों के लिए एमएसपी, बेरोजगारी एवं वार्ड सचिवों की जायज मांग को लेकर पूरे बिहार में रेल चक्का जाम किया है जाम का नेतृत्व जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव खुद कर रहे थे पटना के सचिवालय हॉल्ट पर रेल चक्का जाम करने के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलनी चाहिए। नीति आयोग के आकंड़ों के अनुसार बिहार पिछड़ा राज्य है। विकास के सभी सूचकांक में बिहार निचले पायदान पर हैं। बिहार के विकास के लिए , विशेष राज्य के मांग के लिए हमारी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं।

पप्पू यादव फिर उतरे सड़क पर

बिहार की जनता ने केंद्र और राज्य सरकार को भर भर के सांसद और विधायक दिए हैं। ऐसे में अब उनकी बारी है कि जनता को उनका हक विशेष राज्य के दर्जे के रूप में दें। यह राजनीति का नहीं, बिहार के भविष्य का सवाल है और हम किसी भी कीमत पर इससे समझौता नहीं करेंगे।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पाप्पू यादव अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ करीब 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दी। जाप कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पुलिस का घेरा तोड़कर रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ गए और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह, पूर्व विधायक भाई दिनेश, राजू दानवीर, डॉक्टर संतोष कुमार को रेल प्रशासन ने गिरफ्तार किया।

मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू, अरुण सिंह, जावेद अली, पूनम झा, सुप्रिया खेमका, राजू दानवीर, संजय सिंह, गौतम आनन्द, भाई दिनेश, सन्नी , पुरुषोत्तम कुमार,दीपक कुमार रजत, आलोक सिंह,ननि यादव, शशांक कुमार मोनू, बबलू यादव, टिंकू यादव, नीतीश यादव, नीरज सिंह,अमित सिंह, अमरनाथ साह, गौरीशंकर सहित सैकड़ों लोग मैजूद थे।

बिहार में युवा सबसे अधिक कोरोना से हो रहे हैं संक्रमित, ओमीक्रोन के दस्तक से दहशत में सरकार

#Covid19  कोरोना को हलके में ना ले दूसरे लहर से भी खतरनाक हो सकता है तीसरा लहर ऐसा मानना है पटना एम्स के डांक्टर का, हो यह रहा है कि तीसरी लहर को सामान्य सर्दी खांसी वाली लहर समझ कर मरीज घर से बाहर  निकल जा रहे हैं जो खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। लक्षण होने के बावजूद जांच ना कराना और काम पर निकल जाना बड़ी परेशानी बन सकती है। एम्स में अभी तक जीतने भी मरीज आ रहे हैं उनमें ज्यादातर वही लोग हैं जो कामकाजी लोग हैं। 18 से 25 साल के बीच के लोग जो सक्रिय लोग हैं जो घरों से ज्यादा निकलते हैं कामकाज करते हैं ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है।  साथ ही आम लोग काफी हद तक खुद से घर में इलाज कर ले रहे हैं। लेकिन, ऐसे में यह समझ लेना कि लक्षण गंभीर नहीं हैं ऐसा नहीं है एम्स में अभी तक 60 मरीज भर्ती हो चुके हैं, अब तक 5 की मौत भी हुई है 11 लोग ICU में हैं।

1—24से 26 जनवरी तक तीसरा लहर पीक पर जा सकता है 

तीसरे लहर में कोरोना को लेकर अभी तक जो बात सामने आयी है उसमें बिहार का R-Value 4.55 यानी एक व्यक्ति 4 से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में हम यह मान रहे हैं कि बिहार में तीसरी लहर की पीक 24 से 26 जनवरी के बीच आएगी ऐसे में काफी सतर्क रहने कि जरूरत है और इस बार 40 से 50 के बीच युवा मरीज ज्यादा परेशानी महसूस कर रहे हैं ।

2– तीसरे लहर में कोरोना का लक्षण बदल गया है 

सामान्य तौर पर इस बार लक्षणों में सर्दी खांसी ज्यादा है लेकिन इसके साथ ही कुछ नए लक्षण भी हैं जो सामने आ रहे हैं। बदन में असहनीय दर्द हो रहा है, इतना ज्यादा कि मरीज कई बार दर्द की वजह से डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। गले में खराश बहुत ज्यादा परेशान करने वाली है। इसके साथ ही पेट खराब होना , आंखों में लालीपन, लाल चकत्ते शरीर पर होना , सिर दर्द यह सारे लक्षण है जो इस बार सामने आ रहे हैं।

3—कोरोना संक्रमित मरीजों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला तेज हो रहा है

एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 72 घंटों के दौरान बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों का अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला तेज होने लगा है चार दिन पहले दो चार ऐसे मरीज आ रहे थे जिनको भर्ती होने कि जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन अभी 

एम्स में—48, आईजीएमस–12, एनएमसीएच–47, पीएमसीएच–05

मतलब पूरे बिहार में इस समय सौ के करीब मरीज भर्ती है जिसमें 30 से अधिक मरीज आईसीयू में भर्ती है ।

4–ओमीक्रोन पहुंचा बिहार

एक सप्ताह तक बिहार में ओमीक्रोन से पीड़ित एक मरीज का पता चला था जो दिल्ली अपने ओमीक्रोन पीड़ित भाई से मिलने गया था लेकिन बिहार में कल जिस 32 सैंपल की जांच हुई है उसमें 27 ओमीक्रोन से पीड़ित मिला है इस तरह कुल टेस्ट का 85 प्रतिशत मरीज ओमीक्रोन से पीड़ित मिल रहा है ऐसे में विशेषज्ञों की राय है कि बिहार में जांच में तेजी लायी जाये तो ओमीक्रोन से संक्रमित मरीजों की संख्या काफी हो सकती है ऐसे में बिहार के लोगों को और सतर्क रहने कि जरूरत है ।

5–पटना बना #Corona Hotspot 

जी है अभी तक जो जांच रिपोर्ट सामने आया है उसमें संक्रमण दर की बात करे तो बिहार में सबसे अधिक 21.94 प्रतिशत संक्रमण पटना का है दूसरे स्थान पर गया है वही अभी तक 300 प्रखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है पिछले एक सप्ताह के दौरान जांच के बाद संक्रमण दर एक फीसदी से बढ़कर 2.55 प्रतिशत हो गया है ।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के काम काज को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कोर्ट ने लिया संज्ञान

पटना हाईकोर्ट में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में सही तौर से काम- काज किये जाने को लेकर तदर्थ कमेटी बनाने हेतु एक जनहित याचिका पर सुनवाई 17 जनवरी,2022 तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अजय नारायण शर्मा की जनहित याचिका पर सुनवाई की है।

इस जनहित याचिका में चयनकर्ताओं/ सपोर्ट स्टाफ व बी सी सी आई द्वारा संचालित घरेलू टूर्नामेंट में विभिन्न उम्र के राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाडियों को सही तौर से चयन करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया गया है।।
इस जनहित यह आरोप लगाया गया है कि प्रबंधन कमेटी में अवैध रूप से कुर्सी पर काबिज लोगों द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है।

यह भी आरोप लगाया गया है कि कुर्सी पर कथित रूप से अवैध तौर पर बैठे लोग प्रतिभावान क्रिकेट खिलाड़ियों के दावों को हतोत्साहित कर रहे हैं। खिलाड़ियों के मनमाने औऱ अनुचित तौर से चयन कर क्रिकेट को बेचने पर उतारू है।
इस याचिका में यह भी माँग की गई है कि पटना हाईकोर्ट में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से सम्बंधित मामलों की सुनवाई एक साथ एक बेंच द्वारा की जाए।

राज्य में खिलाड़ियों की स्थिति और भी खराब होते जा रही है। साथ ही इस से खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में भी कामयाब नहीं हो रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बोर्ड ऑफ कंट्रोल फोर क्रिकेट इन इंडिया एंड अदर्स बनाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार व अन्य के मामले में 9 अगस्त, 2018 को दिये गए फैसले दिया गया था।

इसके अनुसार जस्टिस आर एम लोढ़ा कमेटी द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में खिलाड़ियों का सही तौर से चयन करने हेतु क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के गठन करने को लेकर आदेश देने का अनुरोध किया गया है।

इस मामलें पर अब अगली सुनवाई 17 जनवरी,2022 को होगी।

पीएम को सुरक्षा मानको से खिलवाड़ की अनुमति नहीं होनी चाहिए

मोदी की सुरक्षा में चूक सिस्टम का फेल्योर है ।
सुप्रीम कोर्ट को कठोर एक्शन लेनी चाहिए ।
पीएम को सुरक्षा मानको से खिलवाड़ की अनुमति नहीं होनी चाहिए ।

लोकतंत्र में जनता द्वारा चुनी गयी सरकार बहुमत के दंभ पर मनमर्जी ना करे उसी को नियंत्रित करने के लिए न्यायपालिका और कार्यपालिका का गठन किया है, भारतीय लोकतंत्र का सार तत्व यही है लेकिन भारत में धीरे धीरे विधायिका के सामने कार्यपालिका और न्यायपालिका कमजोर पड़ती जा रही है ऐसे में लोकतंत्र खतरे में है यह कहने में कोई गुरेज नहीं है।
एक कहानी अमेरिका में काफी प्रचलित है एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन व्हाइट हाउस के बाहर सुबह सुबह टहल रहे थे कोहरा की वजह से एक राहगीर राष्ट्रपति से टकरा गया । वह व्यक्ति शायद जल्दी में था झुँझलाकर पूछा कौन है भाई राष्ट्रपति का जवाब था यही जानने के लिए तो मैं टहल रहा हूं।

ये नहीं चलेगा एसपीजी को सख्त होना होगा


राहगीर को लगा कि यह व्यक्ति सनकी है फिर राहगीर ने व्हाइट हाउस की ओर इशारा करते हुए पूछा इसमें कौन रहता है राष्ट्रपति ने कहा मित्र इसमें कोई नहीं रहता है लोग आते और चले जाते हैं कहने का मतलब पीएम की कुर्सी पर लोग आते हैं और चले जाते हैं लेकिन संस्थान से जुड़े लोग हमेशा बने रहते हैं ऐसे में संस्थानों की विशेष जिम्मेवारी है कि ये जो आने और जाने वाले लोग है जिन्हें जनता चुनती है उनकी मनमर्जी को नियंत्रित रखे तभी इस देश में लोकतंत्र आगे बढ़ पायेगा
पंजाब में पीएम का रास्ता रोके जाने के मामले में जो सियासी तमाशा चल रहा है इसमें संस्थानों की जिम्मेवारी बढ़ गयी है सवाल मोदी का नहीं है

ये व्यक्ति कैसे पीएम के गाँड़ी के पास पहुँच गया क्या ये चूक नहीं है

सवाल देश का है ऐसे में मोदी की सुरक्षा को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है अच्छा है पीएम की सुरक्षा को लेकर विस्तृत बहस हो और उसके बाद ऐसा फुलप्रूफ व्यवस्था बने कि फिर से पीएम की सुरक्षा को लेकर सियासत ना हो सके क्यों कि पंजाब की घटना के बाद कई ऐसे तथ्य सामने आयी है जहां मोदी सुरक्षा मानकों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन करते दिख रहे हैं ये अनुमति किसी भी पीएम को नहीं मिलनी चाहिए और इसके लिए एसपीजी को सुरक्षा मानको को लेकर और सख्त होने कि जरूरत है ।

पंजाब से जो खबरें आ रही है कि पीएम का काफिला रोकने के मामले में पीएम के पास कोई भी किसान नहीं था जबकि बीजेपी के नेता ही मौजूद थे पीएम इस रास्ते से जा रहे हैं ये बीजेपी के नेता को कैसे पता चला जिस बीजेपी के नेता का वीडियो वायरल हो रहा है उसका नाम शिवम है और मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया है कि पीएम के पास मोदी जिंदाबाद का नारा में हूं लहरा रहा था वीडियो में साफ दिख रहा है कि झंडा लिए यह शख्स पीएम के गाड़ी के काफी करीब पहुंच गया है और एसपीजी मूकदर्शक बना हुआ है क्या बीजेपी का झंडा और मोदी जिंदाबाद का नारा लगाने वाले आतंकी नहीं हो सकता है यह वीडियो कही ना कही एसपीजी के प्रोफेशनल पुलिस होने पर सवाल खड़े कर रही है इतना ही नहीं एक वीडियो काशी का भी सामने आया है इस वीडियो को देखने के बाद तो लगता ही नहीं है कि पीएम की सुरक्षा में एसपीजी लगा हुआ है यह वीडियो तो बर्दाश्त योग्य नहीं इसी तरह की गलती की वजह से देश दो प्रधानमंत्री को खो चुका है।