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Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने जन सुराज पदयात्रा पर पूर्वी चंपारण पहुंचे

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने जन सुराज पदयात्रा पर निकले हुए है। 550 किमी पद यात्रा पूरी कर 18 नवंबर की रात पूर्वी चंपारण जिले में प्रवेश किया।

Prashant Kishore

प्रशांत ने 2 अक्तूबर को बापू की भूमि पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से इस यात्रा का शुरुआत किया था, जो 140 से अधिक पंचायतों और 350 से अधिक गांवों से गुजरते हुए पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर प्रखंड में प्रवेश की।

पटना यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव के लिए हो रहा मतदान

पटना यूनिवर्सिटी में आज छात्र संघ चुनाव के लिए मतदान हो रहा। चुनाव के लिए 8 बजे से वोटिंग जारी है। जो दोपहर 2 बजे तक चलेगी।

Patna University

छात्र संघ चुनाव को लेकर यूनिवर्सिटी में कुल 51 बूथ बनाए गए हैं। जहां कुल 24395 छात्र-छात्राएं मतदान करेंगे। चुनाव में कुल 306 बैलट बॉक्स का इस्तेमाल किया जा रहा।

BPSC ने 68वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी किया

बीपीएससी ने 68वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के लिए नोटिस जारी कर दिया है। जारी नोटिस के अनुसार इसके जरिए कुल 281 रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी।

उम्मीदवार BPSC 68वी प्रारंभिक परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन 25 नवंबर से कर सकते हैं। वहीं आवेदन करने की अंतिम तिथि 20 दिसंबर 2022 निर्धारित की गई है।

BPSC

बता दें कि उम्मीदवार बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर जाकर परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।

Patna High Court News: मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि इलेक्ट्रॉनिक मोड से दिए जाने के मामले पर सुनवाई हुई

18 नवंबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि इलेक्ट्रॉनिक मोड / आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से दिए जाने के मामले पर सुनवाई की। जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए परिवहन विभाग के सचिव को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है ।

कोर्ट ने आईसीआईसीआई लॉमबर्ड की लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया ।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दुर्गेश नंदन सिंह ने बिहार राज्य में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 173 का हवाला देते हुए कोर्ट से अनुरोध किया कि है मोटर दुर्घटना एवं कर्मचारी मुआवजा अधिनियम के तहत मुआवजे की राशि को इलेक्ट्रॉनिक मोड / आरटीजीएस या एनईएफटी के माध्यम से पीड़ितों या लाभार्थियों दिए जाने प्रावधान होना चाहिए।

एमिकस क्यूरी अधिवक्ता मृगांक मौली ने सुप्रीम कोर्ट के केस का हवाला देते हुए कहा कि ऐसा करने का आदेश सभी राज्यों को दिया जा चुका है, लेकिन बिहार में यह लागू नहीं है ।

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राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि मुआवज़ा राशि को इलेक्ट्रॉनिक एवं अन्य माध्यम से दिया जा सकता है। ऐसा करने में राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है, बीमा कंपनी ऐसा कर सकती है ।

इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी ।

न जिला अस्पतालों की दशा सुधरी, न 705 डाक्टरों पर कार्रवाई हुई : सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव न 60 दिन में जिला अस्पतालों को सुधार पाये, न उन 705 डाक्टरों पर कोई कार्रवाई हुई, जिन्हें कई साल से “गायब” बताया गया है।

  • महागठबंधन सरकार में स्वास्थ्य सेवाएँ बद से बदतर
  • औचक निरीक्षण के बाद तेजस्वी के पास समीक्षा तक की फुर्सत नहीं

श्री मोदी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों से गायब डाक्टरों को अब तक वेतन कैसे मिल रहा है?

उन्होंने कहा कि सभी राशनकार्डधारी मरीजों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की जो घोषणा की गई थी , उसका क्या हुआ?

श्री मोदी ने कहा कि जब डेंगू का प्रकोप चरम पर था, तब तेजस्वी यादव ने औचक निरीक्षण कर एक डाक्टर को सस्पेंड किया, लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा तक नहीं की। मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिये गए।

श्री मोदी ने कहा कि खगड़िया में बिना एनेस्थीसिया दिये महिला का बन्ध्याकरण आपरेशन किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता और दुर्दशा, दोनों की गंभीरता बताने के लिए काफी है।

sushilModi

उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में दवा, जांच, डाक्टर की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं को दो माह में ठीक करने का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य सहित आधा दर्जन प्रमुख विभागों का मंत्री बना दिया है। वे किसी विभाग को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उनके पास फुर्सत नहीं है और तकलीफ जनता को झेलनी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार में जन-कल्याण से सीधे जुड़े स्वास्थ्य विभाग की हालत बद से बदतर हो रही है।

दरभंगा एयरपोर्ट के अंदर नीलगाय और जंगली सूअर को गोली मारने का आदेश

दरभंगा । दरभंगा एयरपोर्ट के अंदर 200 से ज्यादा नीलगाय और जंगली सूअर को गोली मारने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए नीलगाय और जंगली सूअर खतरनाक बने हैं।

darbhanga airport

कई बार नीलगाय या सूअर दौड़ते हुए रनवे पर चले जाते हैं।

PMCH में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

पटना । पीएमसीएच में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वास्त किया गया कि जल्दी ही पीएमसीएच में डायलिसिस मशीन को चालू करने की कार्रवाई की जाएगी।

विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस मामलें में एक सप्ताह में हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पीएमसीएच के अधीक्षक को ये बताने को कहा कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार होगा। आज कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अमृत प्रत्यय भी उपस्थित थे।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच में 31 डायलिसिस मशीन खरीदे गए,लेकिन डॉक्टर और टेक्निशयन के नहीं होने के कारण इन मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा हैं।

उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग बारह लाख रुपया है।इन मशीनों के चालू नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरपयोग हुआ है,वहीं मरीजों और उनके घरवालो पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज कराने पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है।

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अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई,लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेजे गए।नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का सही ढंग से ईलाज नही हो रहा है।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त टिपण्णी करते हुए कहा था कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है, तो न्यायिक आदेश से कोर्ट बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा।

इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।

BPSC ने 67वीं प्रीलिम्स का रिजल्ट किया जारी

BPSC ने 67वीं प्रीलिम्स का रिजल्ट गुरुवार की शाम जारी कर दिया है । प्रीलिम्स परीक्षा में 11607 अभ्यार्थी सफल हुए । रिजल्ट बीपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर देख सकते हैं ।

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पटना हाइकोर्ट ने BCCI और BCA (बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया

17 नवंबर 2022 । पटना हाइकोर्ट ने बीसीसीआई और बीसीए ( बिहार क्रिकेट एसोसिएशन) को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाबतलब किया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने आदित्य प्रकाश वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।

याचिकाकर्ता आदित्य प्रकाश वर्मा ने अपनी याचिका में ये आरोप लगाया कि बी सी ए में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती जा रही है।उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में बीसीसीआई को अवगत कराया गया,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

उन्होंने अपनी याचिका में माँग की कि जिस तरह जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन को अधिकार रहित कर,जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने एक कमिटी द्वारा जांच कराई थी,उसी प्रकार पटना हाइकोर्ट भी एक कमिटी गठित कर बी सी ए के क्रियाकलापों की जांच कराए।इससे बी सी ए में बरती जा रही सारी गड़बड़ी उजागर होगा।

HC BCCI BCA

इस मामलें फिर छह सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।

जिस पार्टी की बुनियाद ही क्राइम और करप्शन पर हो, उसके नेता के मुँह से अपराध-भ्रष्टाचार से समझौता न करने की बात शोभा नहीं देती: सुशील मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस पार्टी की बुनियाद ही क्राइम और करप्शन पर हो, उसके नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के मुँह से अपराध -भ्रष्टाचार से समझौता न करने की बात शोभा नहीं देती।

  • बाहुबली, बलात्कारी तक को संरक्षण देने वाले लोग क्राइम-करप्शन पर चुप ही रहें
  • लालू परिवार एक मात्र ऐसा राजनीतिक कुनबा जिसके छह लोग चार्जशीटेड

श्री मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव 750 करोड़ रुपये के मॉल घोटाले में अभियुक्त हैं। उनके माता-पिता ( दोनों पूर्व मुख्यमंत्री) और तीन बहनें भी आईआरसीटीसी घोटाले में चार्जशीटेड हैं।

उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी पांच मामलों में दोषी पाए गए और सजायाफ्ता हैं।

श्री मोदी ने कहा कि देश का कोई राजनीतिक परिवार ऐसा नहीं, जिसके 6 सदस्यों पर भ्रष्टाचार के इतने गंभीर मामले चल रहे हों।

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उन्होंने कहा कि यह राजद का आपराधिक चरित्र है कि वहाँ बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन से लेकर अनंत सिंह तक और बलात्कारी राजबल्लभ यादव से माफिया अरुण यादव तक को संरक्षण मिलता रहा।

श्री मोदी ने कहा कि जिस पार्टी के लोग शराब और बालू के अवैध धंधे में लगे हों और माफिया की फंडिंग से पार्टी चलती हो, उसके नेता को लोकलाज का ध्यान रख कर क्राइम-करप्शन पर जुबान बंद ही रखनी चाहिए।

पटना हाईकोर्ट ने पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा

17 नवंबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने पटना के राजीवनगर/नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामलें पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है।जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामलें पर सभी पक्षों द्वारा दी गई दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने बिहार राज्य आवास बोर्ड को बताने को कहा था कि अब तक पटना में उसने कितनी कॉलोनियों का निर्माण और विकास किया हैं।

साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को एमिकस क्यूरी संतोष सिंह द्वारा प्रस्तुत दलीलों का अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बिहार राज्य आवास बोर्ड के दोषी अधिकारियों और जिम्मेवार पुलिस वाले के विरुद्ध की जाने वाली कार्रवाई की कार्य योजना प्रस्तुत करने को कहा था।

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कोर्ट ने कहा था कि ये बहुत आश्चर्य की बात है कि इनके रहते इस क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर नियमों का उल्लंघन कर मकान बना लिए गए।

इस मामलें पर कोर्ट द्वारा जनवरी, 2023 में निर्णय सुनाए जाने की संभावना है।

ड्रग इंस्पेक्टर पर निगरानी की टीम ने मारा छापा; घर से कैश, ज्वेलरी और कई जमीनों के पेपर मिले

पटना । एक ड्रग इंस्पेक्टर पर निगरानी की टीम ने छापा मारा है। ड्रग इंस्पेक्टर नवीन के घर से कैश और ज्वेलरी मिली है। उनके घर से सोने की कटोरी और चम्मच भी मिला है। बताया जा रहा है कि छापेमारी में कई जमीनों के पेपर भी मिले है। टीम की कार्रवाई जारी है।

टीम ने सीतामढ़ी में नवीन कुमार को 2 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

इसके बाद बाद टीम उसे सीतामढ़ी से पटना लेकर आई। पटना आवास पर सर्चिंग शुरू की। यहां पर सोने की कटोरी और चम्मच समेत काफी जेवर मिला।

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समस्तीपुर: फिर बंद हुआ रामेश्वर जूट मिल

समस्तीपुर। रामेश्वर जूट मिल फिर बंद हुआ । प्रबंधन और मजदूरों के बीच चल रही थी अनबन, मजदूरों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप।

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पटना में साकार ग्रुप के ठिकानों पर आईटी रेड

पटना । बिहार की राजधानी पटना में आयकर विभाग की टीम ने साकार ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा है। टैक्स चोरी के आरोप में कई जगहों पर तलाशी जारी है।

पटना यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है।

सीतामढ़ी में ड्रग इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया

सीतामढ़ी । ड्रग इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार ड्रग इंस्पेक्टर की पहचान नवीन कुमार के रूप में की गई है।

निगरानी की टीम गुप्त सूचना के आधार पर पटना से सीतामढ़ी ड्रग इंस्पेक्टर के आवास पर पहुंचा। जहां रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।

हजारों नियुक्त लोगों को दोबारा नियुक्ति पत्र देने की बाजीगरी दिखा रहे नीतीश: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार के समय उर्दू शिक्षक से लेकर दरोगा-सिपाही तक, जिन 10 हजार से ज्यादा लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी, उन्हीं को दोबारा नियुक्ति पत्र बाँटने की बाजीगरी से नीतीश कुमार बेरोजगारों की आँख में धूल झोंक रहे हैं।

  • अब तक नहीं हुई 10 लाख लोगों को स्थायी नौकरी देने वाली कैबिनेट की बैठक
  • 9 अगस्त के पहले पूरी हुई नियुक्ति प्रक्रिया का श्रेय न ले महागठबंधन सरकार

उन्होंने कहा कि गाँधी मैदान में कभी गिलास से रुमाल और खाली बर्तन से कबूतर निकालने की बाजीगरी दिखाने वाले मजमा लगाते थे , आज वहीं नीतीश कुमार फूँक मार कर हजारों नियुक्ति पत्र निकाल दे रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि बुधवार को जिन 10,459 लोगों को दरोगा-सिपाही के पद पर नियुक्ति पत्र दिये गए, उन्हें एक साल पहले जनवरी में ही संबंधित जोन के एसपी-डीआइजी नियुक्ति पत्र दे चुके हैं और उनका प्रशिक्षण भी चल रहा है। इन नियुक्तियों के लिए विज्ञापन 2019 में प्रकाशित हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस सेवा के लोग जब बिना प्रशिक्षण पूरा किये पूरी वर्दी नहीं पहन सकते, तब नियुक्ति पत्र लेते समय वे वर्दी में कैसे दिखे? यह पहली बार हुआ।

सुशील कुमार मोदी

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार अब यूपीए सरकार के मुख्यमंत्री हैं , लेकिन सारा लोकलाज छोड़ कर वे पिछली एनडीए सरकार के समय हुई नियुक्तियों की चिट्ठी बांट रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव को उन नियुक्तियों के पत्र बाँट कर श्रेय लेने का कोई नैतिक अधिकार नहीं, जिनकी प्रक्रिया 9 अगस्त को सरकार बदलने से पहले शुरू हो चुकी थी।

श्री मोदी ने कहा कि महागठबंधन सरकार की पहली कैबिनेट में पहले दस्तखत से 10 लाख युवाओं को “स्थायी नौकरी” देने का जो वादा किया गया था, उसका समय तो अभी तक शुरू ही नहीं हुआ। क्या वे कैबिनेट की सौ बैठकों के बाद गिनती शुरू करेंगे?

जलीय क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना और मगध प्रमंडल के अंचल अधिकारियो को अगली सुनवाई में तलब किया

16 नवंबर 2022 । राज्य में जलीय क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना और मगध प्रमंडल के अंचल अधिकारियो को अगली सुनवाई में तलब किया है।रामपुनीत चौधरी की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने तिरहुत,दरभंगा और मुंगेर प्रमंडलों के सभी अंचल अधिकारियो को जलीय क्षेत्रों में हुए अतिक्रमण को हटा कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने इस मामलें पर सख्त निर्देश दिया है।

राज्य के विभिन्न जिलों में जलीय क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हुए अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर याचिकाकर्ता ने ये जनहित याचिका दायर किया था।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में पहले बड़ी संख्या में जलीय क्षेत्र थे,जिसका उपयोग कृषि कार्य,पेय जल व अन्य कार्यों के लिए होता था।

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उन्होंने कोर्ट को बताया कि अब अधिकांश जलीय क्षेत्रों पर अवैध कब्ज़ा हो गया है।उन्हें पाट कर उस भूमि पर अवैध कई प्रकार के निर्माण किये गए हैं।

उन्होंने को बताया कि इससे जहां पेय और कृषि कार्य के लिए जल की उपलब्धता कम हुई है,वहीं वर्षा के जल को भी रोकने का मार्ग खत्म हो गया है।

इस मामलें पर अब अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाइकोर्ट ने बिहार में मानसिक स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं से सम्बंधित मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की

16 नवंबर 2022 । चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को अबतक की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने के लिए 12 दिसंबर,2022 तक का मोहलत दिया है।

कोर्ट ने आकांक्षा मालवीय की जनहित याचिका पर सुनवाई की।याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट ने जो भी आदेश दिया,उस पर राज्य सरकार के द्वारा कोई प्रभावी और ठोस कार्रवाई अब तक नहीं किया गया है।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पूरी जानकारी देने को कहा था। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को राज्य में मानसिक स्वास्थ्य सेवा में क्या क्या कमियों के सम्बन्ध में ब्यौरा देने को कहा था।

साथ ही कोर्ट ने इसमें सुधारने के उपाय पर सलाह देने को कहा।याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने बताया कि नेशनल मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम ही के अंतर्गत राज्य के 38 जिलों में डिस्ट्रिक्ट मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम चल रहा हैं।लेकिन इसमें स्टाफ की संख्या नाकाफी ही है। हर जिले में सात सात स्टाफ होने चाहिए।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का दायित्व है कि वह मेन्टल हेल्थ केयर एक्ट के तहत कानून बनाए।साथ ही इसके लिए मूलभूत सुविधाएं और फंड उपलब्ध कराए।लेकिन अबतक कोई ठोस और प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है।

कोर्ट को ये भी बताया गया था कि सेन्टर ऑफ एक्सलेंस के तहत हर राज्य में मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कॉलेज है।लेकिन बिहार ही एक ऐसा राज्य हैं,जहां मानसिक रोग के अध्ययन और ईलाज के लिए कोई कालेज नहीं है।जबकि प्रावधानों के तहत राज्य सरकार का ये दायित्व हैं।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले फंड में कमी आयी है,क्योंकि फंड का राज्य द्वारा पूरा उपयोग नहीं हो रहा था।

पहले की सुनवाई में याचिकाकर्ता की अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय ने कोर्ट को बताया कि बिहार की आबादी लगभग बारह करोड़ हैं।उसकी तुलना में राज्य में मानसिक स्वास्थ्य के लिए बुनियादी सुविधाएँ नहीं के बराबर है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 12 दिसंबर,2022 को होगी।

बिहार के गर्भाशय घोटाले के मामलें पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की

15 नवंबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने बिहार के गर्भाशय घोटाले के मामलें पर सुनवाई की। जस्टिस ए अमानुल्लाह की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया।

पिछली सुनवाई करते कोर्ट ने इन मामलों में केंद्रीय कानून के तहत मामलें दर्ज करने के सम्बन्ध हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

ये जनहित याचिका वेटरन फोरम द्वारा दायर की गई थी। कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा पर दायर करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया था कि इस जनहित याचिका में दिए गए तथ्य वास्तविक नहीं हैं।उन्होंने बताया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष साढ़े चार सौ इस तरह के मामलें आए थे।

राज्य सरकार के जांच के बाद नौ जिलों में गर्भाशय निकाले जाने के सात सौ दो मामलें आए थे।इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई और आगे की कार्रवाई चल रही है।उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति राज्य सरकार ने पचास पचास हजार रुपये पहले ही दे दिए।

इसके बाद बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने आदेश दिया था कि यह राशि बढ़ा कर डेढ़ और ढाई लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाए।महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए राज्य सरकार ने 5.89 करोड़ रुपए निर्गत कर दिए गए है।

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कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि किन किन धाराओं के दोषियों के विरुद्ध मामलें दर्ज किये गए।मानव शरीर से बिना सहमति के अंग निकाला जाना गंभीर अपराध है।इसलिए उनके विरुद्ध नियमों के तहत ही धाराएं लगानी जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि सबसे पहले ये मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष 2012 में लाया गया था।2017 में पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वेटरन फोरम ने दायर किया गया था।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 7 दिसंबर,2022 को की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच अधीक्षक को जवाबतलब किया

15 नवंबर 2022 । पीएमसीएच,पटना में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अधीक्षक,पीएमसीएच से जवाबतलब किया।विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने पीएमसीएच के अधीक्षक को ये बताने को कहा कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार होगा।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच में 31 डायलिसिस मशीन खरीदे गए,लेकिन डॉक्टर और टेक्निशयन के नहीं होने के कारण इन मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा हैं।

उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग बारह लाख रुपया है।इन मशीनों के चालू नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरपयोग हुआ है,वहीं मरीजों और उनके घरवालो पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज कराने पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है।

अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई,लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेजे गए।नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का सही ढंग से ईलाज नही हो रहा है।

HC and PMCH

कोर्ट ने सख्त टिपण्णी करते हुए कहा कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है, तो न्यायिक आदेश से कोर्ट बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 18नवंबर, 2022 को की जाएगी।