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Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

#BPSCPaperLeak मामले में आईएएस अधिकारी का साख दाव पर

BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई जिस तरीके से आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह और  परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार के बीच हुए वॉट्सऐप मैसेज को आधार बनाकर FIR दर्ज किया था, उसी दिन साफ हो गया था की जांच टीम को कही ना कही इन दोनों के बीच प्रश्न पत्र लीक होने को लेकर जो संवाद हुआ है उसको जांच के दायरे में लाना चाह रही है । हालांकि इसको लेकर आईएएस अधिकारियों ने मीडिया में खबर आने के बाद गहरी नाराजगी व्यक्त किया था अब खबर आ रही है कि आर्थिक अपराध इकाई ने रंजीत कुमार सिंह से लंबी पूछताछ की है और उनके वॉट्सऐप पर प्रश्न पत्र लीक होने कि सूचना भेजने वाले लड़के के बारे में जानकारी मांगी है ।

ऐसा कहां जा रहा है कि जो लड़का इनको  वॉट्सऐप किया था उसके साथ इनकी कई तस्वीरे सोशल मीडिया पर मौजूद है। लेकिन सवाल उठता है कि इसमें गलत क्या है ,उक्त आईएएस अधिकारी प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना परीक्षा शुरू होने से कोई 16 मिनट पहले BPSC के परीक्षा नियंत्रक को भेजा है ये कोई अपराध तो नहीं है ये तो हर जनता का कर्तव्य है कि कही कोई अपराध होने कि सूचना मिलती है तो तुरंत पुलिस या फिर संबंधित विभाग को सूचना दे।

लेकिन बड़ा सवाल यह है कि प्रश्न पत्र लीक होने कि सूचना छात्र नेता दिलीप कुमार ने भी अपने सोशल मीडिया के पेज पर सार्वजनिक किया था उसने 11:49 पर प्रश्न पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेज दिया था आर्थिक अपराध इकाई उससे पांच घंटे तक पूछताछ भी किया था लेकिन उसके मोबाइल को आर्थिक अपराध इकाई ने केस का हिस्सा नहीं बनाया । हालांकि आर्थिक अपराध इकाई का कहना है कि मामला काफी संवेदनशील है ऐसे में हमारे पास गवाह के तौर पर आईएएस अधिकारी मौजूद हैं तो फिर छात्र नेता को सूचक की श्रेणी में रखने का कोई मतलब नहीं है ,क्यों कि ये बयान बदल भी सकता है लेकिन जानकार बता रहे हैं कि आईएएस अधिकारी के मोबाइल नम्बर का जिक्र FIR में करना दूर की सोच है क्यों जिस नम्बर से आईएएस अधिकारी को प्रश्न पत्र लीक होने कि सूचना दी गयी है अभी तक जो साइंटिफिक इन्वेस्टिगेशन हुआ है उसमें उस नम्बर की भूमिका संदिग्ध है जिस वजह से आर्थिक अपराध इकाई उसे सामने आने को लेकर लगातार दबिश बनाए हुए हैं।

1—व्हिसल ब्लोअर की भूमिका क्यों है संदेह के घेरे में 

आर्थिक अपराध इकाई प्रश्न पत्र लीक की घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है अभी तक उनका पूरा अनुसंधान प्रश्न पत्र लीक कहां से हुआ और प्रश्न पत्र से जुड़ा पहला वॉट्सऐप मैसेज किसके मोबाइल से भेजा गया इस पर ही केंद्रित है इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई छात्र नेता और आईएएस अधिकारी से पूछताछ किया है वैसे बिहार के लिए ये कोई नहीं बात नहीं है पिछले बीपीएससी परीक्षा के दौरान भी औरंगाबाद में आरा की तरह ही हंगामा हुआ था लेकिन बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक को लेकर कोई जांच नहीं करायी और सिर्फ औरंगाबाद सेंटर की परीक्षा रद्द कर पूरे मामले का इति श्री कर दिया था ।लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ जो आरा के हंगामे के बाद चंद मिनटों में कमेटी भी बन गयी और शाम होते होते कमिटी का रिपोर्ट भी आ गया और परीक्षा भी रद्द हो गया । पेच यही है प्रश्न पत्र लीक करने वाले गिरोहों के बीच ऐसा क्या हुआ जो प्रश्न पत्र लीक की खबर एक आईएएस अधिकारी तक के पास पहुंचा दिया खेला यही है और आर्थिक अपराध इकाई इसी खेल को उजागर करने के लिए तथाकथित व्हिसल ब्लोअर को ही जांच के दायरे में ले आया है बस देखना यह है कि कब सच सामने आता है या फिर आता भी है कि नहीं ।

2–कौन है आईएस रंजीत कुमार सिंह  

रंजीत कुमार के बारे में मुझे कोई खास जानकारी नहीं था बहुत पहले हमारे एक मित्र ने कहा था कि रंजीत मेरा जूनियर रहा है और अच्छा लड़का है बात आयी चली गयी लेकिन यही कोई छह माह पहले इसकी एक खबर को यूट्यूब से हटाने को लेकर एक बड़ा खेल हुआ मुझे समझ में नहीं आया कि एक वर्ष पूरानी खबर को यूट्यूब से हटाने को लेकर इस तरह का खेल करने की जरूरत क्या है । इस घटना के बाद पहली बार रंजीत कुमार के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया क्यों कि जिस व्यक्ति ने यूट्यूब से खबर हटाने को लेकर खेल खेला उसके बारे में पता चला कि इसका एक एनजीओ है जो मधुबनी में कुछ काम किया था उसमें गड़बड़ी हुई थी जिसको लेकर स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर कर दिया है उसी को लेकर कुछ मोल भाव हुआ है बात आयी गयी ये सब चलता रहता है।

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लेकिन इस बार चर्चा में आया तो दिलचस्पी बढ़ी  रंजीत कुमार सिंह गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और इन दिनों बिहार प्रतिनियुक्ति पर आये हुए हैं ।इनकी खासियत यह है कि बहुत ही लम्बे अर्से बाद कोई ऐसा बिहारी है जो बिहार में पढ़ाई किया , पटना में तैयारी किया और पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते हुए आईएएस बना था जिस दौर में इसका चयन हुआ था उस दौर में ये बिहार के छात्रों का हीरो हुआ करता था । हालांकि उस दौर में भी इसके चयण को लेकर कई तरह के किस्से पटना विश्वविद्यालय के छात्रों के जुबान पर आज भी है खैर जो भी हो लेकिन प्रतिनियुक्ति पर बिहार आने के बाद उन्हें सीतामढ़ी का डीएम बनाया गया बाद में इनके कई किस्से मशहूर होने लगे और फिर सरकार उनको सीतामढ़ी से हटा कर शिक्षा विभाग पटना में पोस्ट कर दिया । चर्चा यह है कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के तबादले को लेकर मंत्री और इनके बीच विवाद की बात सामने आयी और रातो रात इनका शिक्षा विभाग से तबादला कर दिया गया और शिक्षा विभाग के सारा तबादले को रद्द कर दिया है ।

व्यक्तिगत जीवन को लेकर भी कई तरह की चर्चा सरेआम है जो भी हो लेकिन जब BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले में एक मीडिया द्वारा सवाल खड़े किये जाने के बाद उनकी जो प्रतिक्रिया आयी वो भी चौकाने वाला था,मीडिया को एक प्रेस रिलीज जारी किया प्रेस रिलीज का मजबून देख ऐसा लगा कि यह रिलीज आर्थिक अपराध इकाई या फिर BPSC द्वारा जारी किया गया है जबकि दोनों ऐन्जसी से बात कि गई तो वो साफ इनकार कर दिये। बाद में प्रेस रिलीज पर जब गौर किया गया तो किसकी ओर से जारी किया गया है उसका नाम ही दर्ज नहीं था खैर कभी कभी अनुभव की कमी या फिर अति आत्मविश्वास की वजह से इस तरह की गलतियां हो जाती है और यही वजह है कि आर्थिक अपराध इकाई ने बस किसी नम्बर से प्रश्न पत्र लीक होने की सूचना इन तक पहुंची इसकी जानकारी देने के लिए मुख्यालय बुलाया तो बड़ी खबर बन गयी ।

खैर मामला जो भी हो साख दाव पर जरूर लग गया है ।

नया समाहरणालय भवन परिसर का निर्माण प्रशस्त, सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा मामला निरस्त

पटना में नया समाहरणालय भवन परिसर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में चल रहे एक सिविल मैटर को आज निरस्त कर दिया है।

सचिव, भवन निर्माण विभाग, बिहार सरकार-सह-आयुक्त, पटना प्रमंडल श्री कुमार रवि ने कार्यपालक अभियंता, निर्माण प्रमंडल-1 एवं एजेंसी को अविलंब कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी, पटना को भी यहां चल रहे कार्यालयों को अन्यत्र स्थानांतरित करने को कहा है।

सचिव श्री रवि ने कहा कि नया समाहरणालय भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक उत्कृष्ट भवन होगा।

सुब्रत रॉय के गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुब्रत रॉय के गिरफ्तारी वारंट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

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पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का आदेश

#ViralVideo : ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी ट्रकों को रोक रोक कर पैसे की कर रहा है उगाही

छपरा । छपरा में बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही तो जहां आम लोग परेशान हैं वहीं पुलिस कर्मियों के लिए ये ट्रक कामधेनु बने हुए हैं।

पुलिस कर्मियों के अवैध वसूली का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जो छपरा के गरखा थाना क्षेत्र स्थित महमदा ओवरब्रिज का बताया जा रहा है । वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी वहां से गुजरने वाले ट्रकों को रोक रोक कर पैसे की उगाही कर रहा है।

एसपी ने वायरल वीडियो के जांच के आदेश दे दिए हैं।

पटना हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सहारा के संस्थापक सुब्रतो रॉय हाज़िर नहीं हुए, कोर्ट ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त करते हुए पुलिस को 16 मई को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया

कोर्ट के आदेश के बावजूद सहारा के संस्थापक सुब्रतो रॉय के कोर्ट में हाज़िर नहीं होने पर पटना हाईकोर्ट ने कड़ी नाराज़गी व्यक्त की। कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए बिहार और उत्तर प्रदेश के डीजीपी समेत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को हर हाल में सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को 16 मई को साढ़े दस सुबह में कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है ।

जस्टिस संदीप कुमार ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गए पैसे का भुगतान को लेकर दायर चार हजार से ज्यादा हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया ।

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कोर्ट ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद सुब्रतों रॉय का कोर्ट में उपस्थित नही होना यह प्रमाणित करता है कि कोर्ट के आदेश का वे सम्मान नही करते है ।

कोर्ट ने कहा कि कोई भी कानून से ऊपर नही है । 12 मई , 2022 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सुब्रतो रॉय को हर हाल में 13 मई को 10:30 बजे कोर्ट में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा ,जो निवेशकों द्वारा सहारा के विभिन्न कंपनियों में जमा किये गए हैं ,उसका भुगतान इन कंपनियों द्वारा कैसे और कब तक किया जाएगा।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 16 मई, 2022 को की जाएगी।

BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले में पटना के कोचिंग माफिया का हाथ आया सामने

BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले में चार दिन बीत जाने के बावजूद आर्थिक अपराध इकाई का हाथ खाली है । वैसे आर्थिक अपराध इकाई ने तमाम ऐसे विशेषज्ञ पुलिस पदाधिकारी जिनके पास इस तरह के अपराध पर काम करने का प्रयाप्त अनुभुव है उनको लगाया है ।

लेकिन जॉंच जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है जॉच का दायरा बढ़ता जा रहा है।
वही पटना का कोचिंग माफिया प्रश्न पत्र लीक मामले को आरा तक ही केन्द्रीत रहे इसको लेकर मीडिया प्रबंधन से लेकर जॉच की दिशा बदलवाने में पूरी ताकत लगा दिया है वही जो साक्ष्य सामने आ रहा है वो चीख चीख कर जता रहा है कि इस खेल में बड़ी मछली शामिल है।

1–परीक्षा को BPSC का गाइड लाइन क्या था
BPSC की परीक्षा को लेकर जो गाइड लाइन जारी किया गया उसके अनुसार प्रश्नपत्र परीक्षा की तिथि से 24 घंटे पहले सभी जिला के ट्रेजरी में पहुँचेगा,परीक्षा के दिन 10 बजे जोनल दंडाघिकारी ट्रेजरी से प्रश्न पत्र प्राप्त करेगा इस दौरान सारी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी होगा ।
जोनल दंडाघिकारी प्रश्नपत्र रिभिव करने के बाद वो सीधे परीक्षा केन्द्र जायेगे जहॉ वो प्रश्न पत्र सेंटर सुपरिटेंडेंट को हस्तगत करायेगा इस दौरान भी पूरी प्रक्रिया का वीडियोग्राफी होना है 11.30 मिनट में पहले उत्तर पुस्तिका का सील तोड़ा जायेगा उसकी भी वीडियोग्राफी करनी है उसके बाद 11.45 मिनट पर प्रश्न पत्र का सील तोड़ा जायेगा और उसकी भी वीडियो ग्राफी होगी ।

2—प्रश्न पत्र की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाता है
BPSC प्रश्न पत्र ट्रेजरी से संटेर के बीच आउट ना हो इसको लेकर कई तरह के सुरक्षा मानको का ध्यान रखा जाता है ।
प्रश्न पत्र जहाँ छपाई होती है वहॉ पहले चालीस प्रश्न पत्र को लिफाफा में सील किया जाता है फिर सेंटर पर छात्रों को संख्या कितनी है उसके अनुसार कपड़ा के एक बड़े झौला में चालीस चालीस का लिफाफा डालकर फिर उसको सील कर दिया जाता है और अंत में छात्रों की संख्या के आधार पर तैयार झौला को बोरा में डाला जाता है और फिर उसको सील किया जाता है ।
मतलब प्रश्नपत्र तीन स्तर पर सील बंद रहता है सेंटर सुपरिटेंडेंट एक एक कर तीनों सील को तोड़ता है और इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होती है ।

आरा के जिस सेंटर पर बवेला मचा था वहाँ BPSC की ओर से जारी गाइड लाइन में छेड़छाड़ की बात सामने नहीं आ रही है और उससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रश्न पत्र 10.24 मिनट में आउट हुआ है जब कि ट्रैंजरी से लेकर आरा के उक्त सेंटर तक प्रश्न पत्र प्राप्त करने का जो समय दर्ज है वो 10.24 मिनट के बाद का है वैसे वीडियोग्राफी देखने से और भी बहुत कुछ सामने आ सकता है।

पटना हाईकोर्ट प्रशासन ने राज्य भर में 500 से ऊपर न्यायिक पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया

पटना हाईकोर्ट प्रशासन ने राज्य भर में 500 से ऊपर न्यायिक पदाधिकारियों का स्थानांतरण किया है । इस सम्बंध में पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जेनरल ने अधिसूचना जारी की है।

पटना हाईकोर्ट प्रशासन ने सीआरपीसी ,1973 की धारा 11(3) में प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 164 जूनियर डिविज़न ऐवं 107 सीनियर डिविज़न के सिविल जजों का स्थानांतरण किया है ।

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इसके साथ साथ हाईकोर्ट प्रशासन ने 223 एडीजे ऐवं 16 जूनियर डिविज़न के सिविल जजों का स्थानांतरण किया है । ग़ौरतलब है कि पहली बार इतनी संख्या में न्यायिक पदाधिकारियों का तबादला देखने के लिए मिला है ।

Patna High Court News : पटना हाई कोर्ट ने पटना-गया-डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की

पटना हाई कोर्ट ने पटना -गया -डोभी एनएच 83 फोर लेन के मामले में सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए डी एम, गया व अन्य सबंधित अधिकारियों को एन एच पर से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया।

साथ ही जिनका भूमि अधिग्रहण किया गया है, उन्हें मुआबजा देने की कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया।आज कोर्ट में गया के डी एम,एन एच ए आई के क्षेत्रीय पदाधिकारी और निर्माण कंपनी के अधिकारी उपस्थित थे।

कोर्ट ने निर्माण कंपनी से कहा कि बहुत धीमे गति से हो रहा है।इसमें काम काफी कम हुआ हैं।कोर्ट ने उन्हें निर्देश दिया कि वे निर्माण के लिए की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई में कोर्ट में प्रस्तुत करें।

कोर्ट का कहना था कि जमीन मालिकों को मुआवजा का भुगतान अब तक क्यों नहीं किया गया।इस काम में ढिलाइ नहीं बरतनी चाहिए।

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राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस राष्टीय राजमार्ग का निर्माण तीन चरणों में होना है।पटना से जहानाबाद, जगनाबाद से गया तथा गया से डोभी तक होने वाली निर्माण कार्य धीमी प्रगति से चल रही है। एनएच की ओर से कोर्ट को बताया गया कि निर्माण कार्य चल रहा है।

कोर्ट का कहना था कि भूमि मुआवजा को लेकर कई शिकायतें मिली है। सड़क निर्माण कार्य के लिए किसानों का जमीन अधिग्रहण किया गया, लेकिन उन्हें मुआवजा का भुगतान नहीं किया गया है।

16 मई, 2022 को इस मामलें पर फिर सुनवाई की जाएगी।

Patna High Court News : पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम क्षेत्र में बनने वाले वेडिंग जोन के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का दिया निर्देश

पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम क्षेत्र में बनने वाले वेडिंग जोन के सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने डा आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट को बताया गया कि कदमकुआं वेंडिग जोन का निर्माण कार्य छह माह में पूरा हो जाएगा। इसके निर्माण में हो रहे विलम्ब होने पर ये जनहित याचिका दायर की गई थी।

पटना नगर निगम की ओर से इस सम्बन्ध में कोर्ट को बताया गया कि पटना नगर निगम क्षेत्र में 98 वेंडिग जोन बनाने की कार्रवाई चल रही है।लगभग 50 वेंडिग जोन के निर्माण के लिए राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा हैं।

ये पटना नगर निगम क्षेत्र के कदमकुआं,शेखपुरा और बोरिंग रोड के अलावे ये 98 वेंडिग जोन बनाए जाने की योजना हैं।इनके निर्माण की कार्रवाई शीघ्र शुरू की जाएगी।

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कोर्ट ने विभिन्न सरकारी विभागों के मध्य एक बेहतर सहयोग किये जाने बात की, जिससे सभी योजनाओं को सही ढंग से लागू किया।जा सके।

कोर्ट ने पटना नगर निगम के आयुक्त से स्पष्ट कहा कि वे सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं हैं,बल्कि वे स्वायत्त संस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं।

कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में जानना चाहा था कि राज्य के नगर विकास और आवास विभाग ने इस योजना को कैसे रोक दिया।साथ ही यह भी बताने को कहा था कि वेंडिग जोन का निर्माण कब तक पूरा होगा।

कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि नगर निगम स्वायत्त संस्था हैं,जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के लिए फिर कब टेंडर जारी किया जाएगा और ये कब तक पूरा हो जाएगा।

पूर्व में पटना नगर निगम ने कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण रोके जाने के मामले में एक हलफनामा दायर किया था।इस हलफनामा में यह बताया गया कि नगर निगम को दो करोड़ रुपए से अधिक का टेंडर जारी करने का अधिकार नहीं है।साथ ही इस तरह के निर्माण के लिए बुडको से सहमति लेना आवश्यक है।

इस मामले पर 16 मई , 2022 को सुनवाई की जाएगी।

Patna High Court News : पटना हाईकोर्ट ने सहारा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के संस्थापक सुब्रतो रॉय को कल 13 मई,2022 को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गए पैसे का भुगतान को लेकर दायर की हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सहारा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के संस्थापक सुब्रतो रॉय को कल 13 मई,2022 को कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। जस्टिस संदीप कुमार इस मामलें की सुनवाई कर रहे हैं।

सहारा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय ने पटना हाईकोर्ट के 27अप्रैल,2022 के उनके कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर challenge किया गया था।
कोर्ट ने आज स्पष्ट किया कि कल उन्हें साढ़े दस बजे सुबह कोर्ट में उपस्थित होना है।

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सहारा कंपनी को यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो सहारा कंपनी के विभिन्न स्कीमों में निवेशकों द्वारा जमा किया गया है, उसे उन्हें किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा। सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने रखा ।

इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था यदि 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नही दी जाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश उस पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके।

इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 13 मई ,2022 को होगी।

जहानाबाद के कल्पा थाने में थानाध्यक्ष और एएसआई के बीच विवाद, एएसआई का गंभीर आरोप

जहानाबाद । थाने की जिम्मेवारी थानाध्यक्ष को होती है और उनकी सहायता के लिए एसआई भी होते हैं लेकिन जहानाबाद जिले का एक थाना ऐसा है जहां थानाध्यक्ष और एसआई का विवाद सतह पर आ गया है । मामला हाथापाई तक पहुंच गई। पीड़ित एसआई न्याय नहीं मिलने पर कोर्ट जाने की धमकी दे रहा है।

जहानाबाद के कल्पा थाने

चारों तरफ छितराया हुआ सामान, थाने में किंकर्तव्यविमूढ़ और परेशान अवस्था में स्टाफ। यह तस्वीरें हैं जहानाबाद जिले के कल्पा ओपी थाने की। जहां थाने के दो अधिकारियों का विवाद सतह पर आ गया है। दरअसल कई महीनों से चला रहा विवाद बीती रात गाली गलौज पर उतर आया। परेशान यह शख्स कल्पा ओपी में एएसआई है। नाम है हरिहर यादव। हरिहर यादव की मानें तो इनके थानाध्यक्ष राजेश कुमार इनके साथ अक्सर दुर्व्यवहार करते हैं।

बीती रात 11:00 बजे के आसपास जब यह ड्यूटी के बाद सोए थे, थानाध्यक्ष ने उनके साथ बदसलूकी की और सामान को फेंक दिया। हरिहर बताते हैं कि 36 घंटा तक लगातार ड्यूटी के बाद आराम करने के लिए एक जगह तक थानाध्यक्ष नहीं देना चाहते। हरिहर यादव ने उच्च अधिकारियों से कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन इनकी बात उनसे नहीं हो पाई।

इधर आरोपों पर थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया उनका चेंबर है जिस में अनाधिकृत रूप से हरिहर यादव ने कब्जा कर लिया। थानाध्यक्ष ने इसी बात को लेकर हरिहर यादव को इसकी शिकायत की। हालांकि थानाध्यक्ष इसे बड़ा मामला नहीं मानते। इसलिए उन्होंने इसकी जानकारी एसपी और डीएसपी को नहीं दी।

थाने के दो अधिकारियों के बीच विवाद से थाने की कार्य पद्धति पर असर पड़ा है। ज्यादातर स्टाफ थानाध्यक्ष के कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर करते हैं। अब देखना यह है कि आला अधिकारी मामले का निपटारा कैसे करते हैं।

Patna High Court News : देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत से सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने पटना स्थित बिहार विद्यापीठ का प्रबंधन अपने हाथ में लेने के लिए विशेष प्रस्ताव राज्य सरकार को पारित करने को कहा।ये जनहित याचिका अधिवक्ता विकास कुमार ने दायर किया हैं।

साथ ही कोर्ट ने बिहार विद्यापीठ सोसाईटी व इसके सदस्यों के क्रियाकलापों की जांच करने के लिए राज्य निगरानी को निर्देश दिया है।

पिछली सुनवाई में अर्कीलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक ने पटना स्थित राजेंद्र स्मृति 1 और 2 का पटना के डी एम के साथ जायजा ले कर कोर्ट को रिपोर्ट किया था।

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कोर्ट ने अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जानना चाहा था कि डा राजेंद्र प्रसाद से सम्बंधित स्मारकों को देख रेख कर सकता है या नहीं।इस पर अर्कीलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से बताया गया कि जो सौ वर्ष से पुराने स्मारक हैं,ये उनकी ही देख रेख कर सकते हैं।

कोर्ट ने उनसे कहा कि वे विशेष परिस्थिति में क्या वे इसके देख रेख का जिम्मा ले सकते हैं।महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि कोर्ट ने जानना चाहा कि डा राजेंद्र प्रसाद से सदाकत आश्रम, बांसघाट और जीरादेई स्थित स्मारकों को अपने नियंत्रण में ले कर देख भाल कर सकते हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि बिहार विद्यापीठ परिसर में सभी गैर कानूनी अतिक्रमण को हटा दिया गया।साथ ही बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन का जिम्मा पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को सौंप दिया गया।

कोर्ट ने पूर्व की सुनवाई में डी एम, पटना को बिहार विद्यापीठ की भूमि का विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।साथ ही यह भी बताने को कहा था कि बिहार विद्यापीठ की भूमि पर कितना अतिक्रमण है और इससे सम्बंधित कितने मामलें अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 16 मई, 2022 की जाएगी।

बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई का साख लगा दाव पर

BPSC प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर आज मुख्य सचिव और बीपीएससी के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बिहार के सभी डीएम के साथ बैठक हुई है जिसमें परीक्षा के स्वच्छ संचालन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है।वही दूसरी ओर आर्थिक अपराध इकाई का अनुसंधान एक जगह आकर ठहर गया है और अब सवाल खड़े होने लगे हैं कि आरा से गिरफ्तारी कही आई वास तो नहीं है।

वही आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह भले ही प्रश्नपत्र लीक मामले में अपना संवैधानिक दायित्व के निर्वाहन की बात कर रहे हैं लेकिन सवाल यह उठना शुरू हो गया है कि एक आईएएस अधिकारी कैसे खुद कोचिंग चला सकता है और इसके लिए वो सरकार से अनुमति लिए हैं या फिर सर्विस कोड उन्हें यह करने कि अनुमति देता क्या है ।                        

बात पहले आरा से हुई गिरफ्तारी की करते हैं बरहरा के बीडीओ जयवर्धन गुप्ता ,वीर कुंवर सिंह कॉलेज के उप केंद्र अधीक्षक योगेंद्र प्रसाद सिंह, सहायक केंद्र अधीक्षक कुमार सहाय और परीक्षा उप नियंत्रक सुशील कुमार सिंह की गिरफ्तारी पर अब सवाल उठने लगे हैं क्यों कि जो आरोप लगाया जा रहा है कि ये सारे पदाधिकारी छात्रों को मदद करने के लिए दो तीन कमरे में पहले प्रश्न पत्र दे दिया  और अन्य कमरे में प्रश्न पत्र बाटा ही नहीं ।                        

आरा सेंटर पर हंगामा कर रहे छात्रों को समझाते पुलिस

इस संदर्भ में जो जानकारी मिल रही है उसके अनुसार आरा के उस केंद्र पर जितने छात्रों का सेंटर था उतना प्रश्न पत्र बीपीएससी द्वारा मुहैया ही नहीं कराया गया था जैसे ही झात हुआ आरा के उस सेंटर पर मौजूद अधिकारी ने तुरंत इसकी सूचना जिला मुख्यालय स्थिति नियंत्रण कक्ष को दिया।              

नियंत्रण कक्ष तुरंत प्रश्न पत्र भेजने कि बात करते हुए परीक्षा शुरू करने का निर्देश दिया,इसी निर्देश के आलोक में प्रश्न पत्र बांटना शुरू कर दिया गया था लेकिन प्रश्न पत्र जब तक आता तब तक दूसरे कमरे में प्रश्न पत्र का इन्तजार कर रहे छात्रों ने हंगामा शुरु कर दिया।                    

हंगामे की सूचना के बाद जब स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारी आरा के उस परीक्षा केन्द्र पर पहुंचा उस समय छात्र चीख चीख कर कह रहा था कि कॉलेज वाले कुछ छात्रों को पहले प्रश्न पत्र देकर मदद पहुंचा रहा है उस समय डीएसपी और अनुमंडल पदाधिकारी मौजूद थे उन्होंने इतने गंभीर आरोप को अनसुना कैसे कर दिया  जबकि आरा पुलिस को एफआईआर दर्ज करके तत्काल छात्रों का बयान लेकर लाभ उठा रहे छात्रों को हिरासत में लेकर जांच उस दिशा में बढ़ानी चाहिए थी लेकिन आरा पुलिस ने ऐसा तो कुछ भी नहीं ।

आरा सेंटर पर मौजूद छात्र क्या कह रहे थे

आर्थिक अपराध इकाई तो घटना के 24 घंटे बाद एफआईआर दर्ज किया है इतने समय तक आरा पुलिस क्यों सोयी रही सवाल उठना लाजमी है ।हालांकि आर्थिक अपराध इकाई ने इन चारों को प्रश्न पत्र लीक मामले में गिरफ्तार नहीं किया है इन्हें सूचना प्रौद्योगिकी कानून और बिहार परीक्षा आचरण कानून, 1981 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है ।            

प्रश्न पत्र कम होने का मामला सिर्फ आरा में ही नहीं हुआ है बेगूसराय,अरवल सहित बिहार के एक दर्जन से अधिक जिलों में इस तरह प्रश्न पत्र छात्रों की संख्या से कम पहुंचा है और बाद में स्थानीय स्तर पर इसको मैनेज किया गया और यही वजह रही है कि कई जिलों के कई परीक्षा केन्द्र पर 12.45 मिनट पर परीक्षा शुरू हुआ है।          

जानकार बता रहे हैं कि अगर इस तरह की गड़बड़ी हुई है तो इसके लिए आयोग पूरी तरह जिम्मेदार है क्यों कि आयोग को पता है कि जिले के किस परीक्षा केन्द्र पर कितना छात्र परीक्षा दे रहा है और उस हिसाब से उन्हें प्रश्न पत्र मुहैया करना है ।

समस्तीपुर में शिक्षक को मारी गोली, स्कूल में गोली चलने से दहशत में लोग

समस्तीपुर । समस्तीपुर सदर अनुमंडल क्षेत्र से जहां पर गोलीबारी की घटना एक बार फिर सामने आई है। इस बार गोलीबारी शिक्षा के मंदिर में हुई है। बाहरी लोगों ने स्कूल केम्पस में कर रहे थे मारपीट इसी दौरान हुई फायरिंग । फायरिंग के दौरान शिक्षक को लगी गोली ।

मामला मुफस्सिल थाना इलाके के धर्मपुर हाई स्कूल परिसर का है। जहां पर छात्रों के दो गुटों में आपसी वर्चस्व को लेकर मारपीट के दौरान हुई फायरिंग में एक शिक्षक जख्मी हो गया। जख्मी शिक्षक की पहचान बिरजू राम के रूप में की गई है।

आनन-फानन में सदर अस्पताल से एंबुलेंस मंगवा कर शिक्षक बिरजू राम को सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

जहानाबाद के मखदुमपुर में दहेज उत्पीड़न का मामला, लड़की के भाई के साथ मारपीट

जहानाबाद । जहानाबाद के मखदुमपुर प्रखंड के बराबर थाना क्षेत्र का है। जहां दौलतपुर गांव में दहेज उत्पीड़न को लेकर मारपीट की घटना सामने आई है।

पीड़ित परिजनों ने बताया कि, उनकी बेटी की शादी दौलतपुर गांव में हुई है। जिसका पति बाहर में नौकरी करता है, लेकिन उनके परिजनों के द्वारा मारपीट की जाती है। बीती रात भी महीला के साथ मारपीट की गई। साथ ही बहन को घर से बाहर निकाल दिया गया। रात भर वह भटकती रही।

जानकारी मिलने के बाद सुबह लड़की का भाई गांव पहुंचा था। जिनके साथ भी मारपीट की गई । घायल भाइयों का इलाज जहानाबाद सदर अस्पताल मेंकराया जा रहा है।

परिजनों ने मामले की सूचना जहानाबाद पुलिस को भी दी है।

अमर्यादित बयान का मामला, दो पूर्व सांसदों की जहानाबाद कोर्ट में पेशी

जहानाबाद कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे पूर्व सांसद पप्पू यादव और अरुण कुमार ने एक बार फिर से केन्द्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला।

पप्पू यादव ने बीपीएससी पेपर लीक मामले से लेकर जातीय जनगणना तक नीतीश कुमार और लालू परिवार पर निशाना साधा। वहीं अरुण कुमार ने छोटी जमात को केस में फंसाकर जनता की आवाज़ को दबाने का आरोप लगाया।

दरअसल अमर्यादित बयान देने के आरोप में दर्ज मामले में पेशी के लिए गुरुवार को पूर्व सांसद पप्पू यादव और अरुण कुमार जहानाबाद न्‍यायालय में पेश हुए। आरोप लालू प्रसाद और नीतीश कुमार पर बयान देने को लेकर है।

जहानाबाद कोर्ट में चल रहे इस मामले की सुनवाई पटना हाई कोर्ट में करवाने की दोनों सांसदों ने मांग की थी, लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिली। जहानाबाद कोर्ट में डॉ. चंद्रिका प्रसाद यादव ने दोनों पूर्व सांसदों के खिलाफ परिवाद दायर किया था। कोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया था। किसके बाद दोनों सांसद अप्रैल के पहले हफ़्ते में पेशी के लिए पहुंचे थे।

आज यानी गुरूवार को एक बार फिर से पेशी हुई। पप्पू यादव के वकील ने बताया कि जल्द ही अदालत से नई तारिख मिलेगी।

बिहार की आज की सबसे बड़ी तस्वीर

1–तेजस्वी का सीएम से मुलाकात

सीएम से मिलने पहुँचा तेजस्वी

2–विश्वेश्वरैया भवन में लगी आग तेजस्वी ने सरकार पर बोला हमला

विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने पर तेजस्वी ने ली चुटकी

3–विश्वेश्वरैया भवन में आग बुझाने को लेकर जारी अप्रेशन का निरक्षण करते मुख्यमंत्री

विश्वेश्वरैया भवन में चल रहे फाइर फाईटिंग का निरक्षण करते सीएम

पटनासिटी में नव युवक की गोली मारकर हत्या

पटनासिटी: नव युवक की गोली मारकर हत्या, अज्ञात अपराधियों ने घटना को दिया अंजाम

एनएमसीएच में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने किया मृत घोषित, हत्या का कारण अबतक स्पष्ट नहीं, पुलिस पहुंची मौके पर

मृतक की पहचान मोहम्म कल्लू के रूप में की गई, आलमगंज थानाक्षेत्र के पीरवैश मार्केट की घटना

बिहार सरकार का साख एक बार फिर दाव पर

BPSC प्रश्नपत्र लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई की चुनौती लगातार बढ़ती जा रही है तो तथ्य सामने आ रहा हैं वो कही ना कही आरा वाले थ्योरी को कमजोर कर रहा है । क्यों कि परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र पहले वितरण करने को लेकर भले ही विवाद हुआ है ।

लेकिन प्रश्न प्रत्र के लीक होने के मामले में अभी भी आरा की भूमिका संंदिग्ध ही है क्यों कि प्रश्न पत्र लीक का मामला जैसे ही सामने आया वैसे ही छात्रों का फोन आना शुरु हो गया था मेरे पास जो साक्ष्य है उसके अनुसार प्रश्न पत्र जहां से भी लीक हुआ है वो समय है 10 बजकर 24 मिनट है,मतलब ट्रेजरी से निकलने के साथ ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था गौर करने वाली है कि प्रश्न पत्र पीडीएफ फाइल में लीक किया गया है मतलब प्रश्न पत्र लीक करने वाला मानसिक तौर पर पहले से ही इसकी तैयारी में लगा हुआ था ।

आर्थिक अपराध इकाई ने जो प्राथमिकी दर्ज की है उसके अनुसार 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा प्रारंभ होने के निर्धारित समय से पहले ही प्रश्न सेट-सी का हिंदी प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो चुका था. यह भी बताया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को प्रश्न पत्र की प्रति उनके मोबाइल नंबर 9472276281 पर किसी व्यक्ति द्वारा मोबाइल नंबर 9472343001 से उन्हें दिनांक 8 मई 2022 को 11:43 बजे पूर्वाह्न में भेजा गया था।

BPSC Paper

वैसे 947234001नंबर से परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार को प्रश्न पत्र की कांपी के साथ लीक होने का मैसेज आया था वो नंबर बिहार पंचायती राज के निदेशक और चर्चित आईएएस रंजीत कुमार सिंह का है।एक बात और गौर करने वाली है कि आर्थिक अपराध इकाई की एफआईआर कॉपी से एक बात और स्पष्ट होती है कि आरा में हंगामा शुरू होने से पहले ही बीपीएससी के दफ्तर में पेपर लीक की खबर मिल गई थी. आरा में हंगामा लगभग सवा 12 बजे यानी कि 12:15 के बाद शुरू हुआ जबकि उससे आधा घंटा पहले ही बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक के पास पेपर की कॉपी पहुंच गई थी वैसे प्रश्न पत्र 10.24 मिनट पर ही छात्रों के पास पहुंच गया था ।

ऐसे में आरा पर प्रश्न पत्र लीक करने का ठीकरा फोड़ना जल्दबाजी होगा वैसे एक और बड़ा सवाल है जिसका जबाव आरा डीएम को देना चाहिए क्यों कि मान्यता प्राप्त कांलेज में 10 वीं या 12वीं के परीक्षा का सेंटर बनाया जाता है तो परीक्षा नियंत्रक किसी ना किसी सरकारी स्कूल और सरकारी कांलेज के शिक्षक या फिर प्रोफेसर को बनाया जाता है ऐसे में बीपीएससी जैसे महत्वपूर्ण परीक्षा में किस परिस्थिति में परीक्षा पूरी तौर पर मान्यता प्राप्त कांलेज के प्रोफेसर और प्रिंसिपल के जिम्मे छोड़ दिया गया जबकि उस कांलेज को लेकर पहले भी शिकायत रही है।

इतना ही नहीं इस परीक्षा में शामिल वीक्षक की सूची दो दिन पहले ही जारी कर दिया गया था जबकि ऐसा पहले नहीं होता था कई ऐसे सवाल हैं जो बीपीएससी के कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रही है जो जानकारी मिल रही है यह खेल बड़े स्तर पर चल रहा था डीएसपी के लिए 70 लाख रुपये लिये गये हैं वहीं किसी भी पद के लिए 30 से 40 लाख रुपया पटना के कई कोचिंग संस्थान वालो ने जमा करवाया है।

विक्की कुमार के हत्या मामले में पुलिस ने किया उद्भेदन, 13 आरोपियों को किया गिरफ्तार

दानापुर बेवर थाना क्षेत्र के रहने वाले विक्की कुमार के हत्या मामले में पुलिस ने किया उद्भेदन। हत्या के मामले में 13 आरोपियों को किया गिरफ्तार।

सुपारी किलर भी हुए गिरफ्तार। प्रेमिका की ह्त्या कराने को विक्की का दिया सुपारी और जमीन के पार्टनर ने ही करा दी ह्त्या। पटना से ले जाकर मोतिहारी के पिपरा कोठी में की ह्त्या ,पुलिस की बड़ी उपलब्धि