नवादा । अवैध बालू लदे ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ने में थी संलिप्तता । नगर थानाध्यक्ष समेत 3 पुलिसकर्मी हुए निलंबित । 10 अक्टूबर को ट्रैक्टर को पकड़ कर लाया गया था थाना।
एसडीपीओ सदर और सर्किल इंस्पेक्टर द्वारा करायी गयी मामले की जांच । टाउन इंस्पेक्टर विजय सिंह की सहमति से एएसआई रामानंद यादव,एएसआई रघुवीर सहनी ने ट्रैक्टर को रिश्वत लेकर छोड़ा।
एसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल किया निलंबित । इंस्पेक्टर संजीव कुमार सिंह बनाये गए नए नगर थानाध्यक्ष।
एसपी डॉ गौरव मंगला ने प्रेस रिलीज जारी कर दी जानकारी।
पटना हाईकोर्ट में पटना के जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के विस्तार और विकास के मामले पर सुनवाई कल की जाएगी।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ इन जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।
कोर्ट ने राज्य के हवाईअड्डों की समस्यायों के मामलें पर अगली सुनवाई में केंद्र सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बिहार के विभिन्न हवाईअड्डों के विकास और विस्तार से जुड़ी समस्यायों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया गया।इनमेंं भूमि से सम्बंधित मामलें थे।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मामलें में स्थिति स्पष्ट करते हुए जवाब देने का निर्देश दिया था।
एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री व पायलट राजीव प्रताप रूडी ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया था।उन्होंने राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जाने के मुद्दे को उठाया था।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाया जाना चाहिए।
कोर्ट को बताया गया था कि राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज , मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं। लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव एवं सुरक्षा की समस्याएं हैं।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर, 2022 को होगी।
जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने इस मामले में पुलिस से केस डायरी की मांग कर दी है। अब केस डायरी की स्टडी करने के बाद ही कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई होगी।
बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर जो खेल चल रहा है पूर्णिया एसपी उसका एक प्यादा है और इस प्यादा के सहारे इस खेल को समझा जा सकता है, दयाशंकर 2014 बैच का आईपीएस अधिकारी है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद 2016 में उसकी पोस्टिंग अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में आरा जिला में हुआ और फिर वही से इसे शेखपुरा जिला का एसपी बनाया गया।
शेखपुरा जिला एक अनुमंडल और 9 थाने का जिला है लेकिन अवैध पहाड़ खनन के कारण बिहार का यह धनबाद है । तीन वर्ष से अधिक समय तक ये शेखपुरा का एसपी रहाइस दौरान एसपी के संरक्षण में अवैध खनन की लगातार शिकायतें पुलिस मुख्यालय को मिल रही थी ,हुआ क्या इस पर कार्यवाही होने के बजाय इन्हें 31 दिसम्बर 2021 को शेखपुर से सीधे उठा कर चार अनुमंडल 40 थाना और प्रमंडल मुख्यालय पूर्णिया जिला का एसपी बना दिया गया।
जबकि एसपी की पोस्टिंग करने के समय पटना,मुजफ्फरपुर, दरभंगा,भागलपुर,गया और पूर्णिया में जो सीनियर आईपीएस अधिकारी होते हैं जिनके पास तीन चार जिले में पुलिसिंग का अनुभव रहता है उन्हें पोस्ट किया जाता है । ऐसे में दयाशंकर को सीधे शेखपुरा से पूर्णिया का एसपी बनाये जाना साधारण बात नहीं है क्यों कि नीतीश कुमार के यहां ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर एक व्यवस्था है फाइल हमेशा डीजीपी के यहां से मूव होता है और उसमें डीजीपी को पूरी स्वतंत्रता रहती है किसको कहां पोस्ट करना है और उस अधिकारी का कार्यक्षमता कैसा है वो लिखनी पड़ती है इतना ही नहीं अगर किसी तरह की शिकायत है तो वह भी उस फाइल पर दर्ज करना है और पोस्टिंग से पहले खुल कर चर्चा होती है बहुत कम ऐसे मौके आये हैं जब सीधे सीएम के यहां से नाम डीजीपी को भेजा गया हो। फिर उस लिस्ट पर सीएम,मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ साथ सीएम के प्रधान सचिव बैठ कर निर्णय लेते हैं जिसका पैरवी रहता है उस अधिकारी के नाम के सामने उस नेता का नाम लिखा रहता है ।
पैसा वाला खाता अलग रहता है जो पूरी तौर पर अधिकारी के स्तर पर ही चलता है और उसका अलग अलग तरीका है चाहे आरसीपी का ही जमाना क्यों ना रहा हो है। कौन किस कोटा से हैं इसकी जानकारी सीएम को जरूर रहती है । साथ ही एसपी और डीएसपी स्तर के अधिकारियों के तबादले में नीतीश कुमार डीजीपी के पसंद को नजरअंदाज नहीं करते हैं अभयानंद के बाद जो भी डीजीपी बने सीएम के इस शैली का खूब लाभ उठाया है और जमकर वसूली किया है।
जहां तक मेरी जानकारी है दयाशंकर मामले में नाम डीजीपी कार्यालय से ही आया था और इसके उपर खनन माफिया से साठगांठ और थाना बेचने का जो आरोप लगा था बैठक में इसकी चर्चा तक नहीं हुई ।कहा ये जा रहा है कि दयाशंकर को शेखपुरा से सीधे पूर्णिया पोस्टिंग पर सवाल भी उठे थे लेकिन बैठक में मौजूद अधिकारी दयाशंकर के साथ खड़े थे ।
दयाशंकर बिहार का रहने वाला है लेकिन इसकी कोई ऐसी राजनीतिक पैरवी नहीं है जिसके सहारे शेखपुरा से सीधे पूर्णिया पहुंच जाये हालांकि दयाशंकर के पूर्णिया एसपी बनने के कुछ ही दिनों के बाद सीएम तक यह खबर पहुंचने लगी थी कि पूर्णिया एसपी शराब माफिया से जुड़ कर डालखोला से ट्रक से शराब का तस्करी करावा रहा है और इस सूचना के बाद ही सीएम ने एसपी पूर्णिया पर एक्शन लेने को कहा ।
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि ऐसे अधिकारियों का फिल्ड में पोस्टिंग कैसे हो जा रहा है जबकि जिला जाने की स्थिति में सौ से ज्यादा आईपीएस अधिकारी सरकार के पास नहीं है कौन क्या है क्या कर सकता है बिहार का बच्चा बच्चा जानता है ऐसे में मुख्यमंत्री जिस विभाग के मंत्री हो वहां इस तरह का खेल हो तो सवाल उठना लाजमी है वैसे इस एक्शन से आईपीएस अधिकारियों में भय तो जरूर व्याप्त हुआ है और पुलिस मुख्यालय स्तर से इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के फील्ड में भेजने से जुड़ी एक फाइल जो काफी तेजी से मूवमेन्ट कर रहा था कल सुबह ही रुक गया देखिए आगे आगे होता है क्या वैसे इस एक्शन के बाद तबादले नीति में बदलाव आएगा ऐसा दिख रहा है।
12 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट में राज्य के पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों से सम्बंधित मामलों पर सुनवाई हुई।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।
सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल,2022 में इन मामलों के निष्पादन का दर शून्य था।लेकिन जब से कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई और निगरानी प्रारम्भ किया,जुलाई,2022 तक ऐसे 164 मामलों को निष्पादित किया जा चुका है।ये सकारात्मक प्रगति है।
पूर्व की सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध 78 आपराधिक मामलों में 12 मामलों पर आरोप पत्र और 4 मामलों पर अंतिम प्रपत्र दायर किया जा चुका है।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि 280 मामलों में कुल 481 गवाहों का परिक्षण किया जा चुका है | पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि वर्तमान व पूर्व एमपी और एमएलए के विरुद्ध कुल 598 आपराधिक मुकदमें लंबित है, जिसमें अधिकतर केस में अनुसंधान पूरा हो गया है।
लगभग 78 आपराधिक मुकदमों में अनुसंधान लंबित है। इस मामले पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर,2022 , को होगी ।
बिहार में मॉनसून की विदाई से पहले बारिश संबंधी गतिविधियां अपने चरम पर है। मौसम विभाग ने बुधवार को राज्य भर में वज्रपात के साथ बरसात होने के आसार जताए हैं।
सभी जिलों में ठनका का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, गया, नवादा समेत चार जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई है।
पूर्वी बिहार और सीमांचल-कोसी क्षेत्र में भी बुधवार को अच्छी बरसात हो सकती है।
मखदुमपुर। मंगलवार की देर शाम पटना गया राष्ट्रीय मार्ग के वीर्रा गांव के समीप हाईवा ट्रक एवं टेंपो में सीधी टक्कर हो गई। जिसमें एक व्यक्ति की मौत एवं दो अन्य लोग घायल हो गए।
मृतक उमता धरनई ओपी के छतियाना गांव निवासी अमन कुमार बताया जाता है। जबकि घायल व्यक्ति भी छतियाना गांव निवासी ललन साव एवं अजीत कुमार बताए जाते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार छतियाना गांव से टेंपो यात्री लेकर मखदुमपुर आ रहा था तभी बिर्रा गांव के समीप पटना से गया की ओर जा रहे हाइवा ट्रक ने सीधी टक्कर मार दिया, जिसमे में टेम्पो चालक रहे अमन कुमार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना पाकर मखदुमपुर थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंचे और स्थानीय लोगो के सहयोग से घटना में घायल रहे ललन साव एवं अजीत कुमार को इलाज के लिए रेफ़रल अस्पताल मखदुमपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों में घायलों की स्थिति को देखते हुए विशेष इलाज हेतु पीएमसीएच रेफर कर दिया।
वहीं घटना में टेंपो के पचखे उड़ गए , थाना अध्यक्ष रवि भूषण ने बताया कि पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज रही है।
स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने पूर्णिया के एसपी दया शंकर के कम से कम आठ ठिकानों पर रेड किया है। इस छापेमारी में उनके पास से उनकी आय से 71 लाख 42 हजार अधिक रुपए के सबूत मिले हैं।
एसवीयू ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद कार्रवाई की है।
दया शंकर, साल 2014 बैच के आईपीएस अफसर हैं। बिहार के कई जिले में एसपी रहे हैं। उनका पदस्थापन विवादित रहा है और उनके खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती रही है। एसवीयू को लगातार मिली शिकायतों के बाद एडीजी नैय्यर हसनैन खां ने एक जांच टीम गठित किया था। जांच में यह पुष्टि हुई कि आईपीएस दया शंकर ने कई चल -अचल संपत्तियां बनाई हैं, जो उनके आय स्रोत से अधिक है।
प्रथम दृष्टया मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा पाया गया है। प्राथमिक जांच में 71 लाख 42 हजार के सबूत एसवीयू के हाथ लगे हैं।
कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद एसवीयू की टीम ने मंगलवार की सुबह पूर्णिया एसपी दया शंकर के पटना स्थित घर और अन्य ठिकानों पर रेड किया। बताया जाता है कि जांच के क्रम में उनसे जुड़े दूसरे लोगों से भी पूछताछ हो सकती है।
बिहार में किसी आईपीएस पर लंबे समय के बाद इस तरह की कार्रवाई हुई है।
बताया जा रहा है कि एसपी के साथ ही उनके रीडर सावन और सदर थाने के एसएचओ संजय सिंह के आवास पर भी छापेमारी चल रही थी।
रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ सुनवाई कर रही हैं।
पहले की सुनवाई में कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल और राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में जवाब देने का निर्देश दिया था।इस जनहित याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार के कई विभागों द्वारा उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा किया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राशि लगभग एक लाख बारह हज़ार करोड़ का हैं,जिसका उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दायर किया गया है।ये आंकड़े 31अगस्त,2022 तक का हैं।
ये राशि 2002 – 03 से ले कर 2020 – 21तक सामंजित किया जाना लंबित हैं।कोर्ट ने अकाउंटेंट जनरल के पक्ष प्रस्तुत कर रहे अधिवक्ता से जानना चाहा कि इस सन्दर्भ में अकाउंटेंट जनरल की क्या शक्तियां हैं।
कोर्ट ने जानना चाहा था कि उन्होंने अपने शक्तियों का प्रयोग क्यों नहीं किया।साथ ही राज्य सरकार के मुख्य सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा2003 -04 से 2020- 21 तक उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं जमा करने पर क्या कार्रवाई की।
पटना-गया रेल लाइन पर कई सारे अवैध रेलवे क्रॉसिंग। जिस पर अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती है। रेलवे ने अवैध क्रॉसिंग को बंद करने का फैसला लिया है। जिसके बाद पटना–गया खंड पर 47 अनऑथराइज्ड क्रॉसिंग को बंद किया जा चुका है।
वही मंगलवार को रेलवे के अधिकारी और आरपीएफ की टीम स्थानीय पुलिस को लेकर सेवन हॉल्ट रेलवे क्रॉसिंग को बंद करने पहुंची थी। इस बात की जानकारी मिलते ही सेवनन पंचायत और आसपास के 11 गांव के लोग रेलवे हॉल्ट के पास पहुंच गए। और रेल प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने लगे।
स्थानीय मुखिया और लोगों की मांग पर फिलहाल रेल प्रशासन की टीम बिना कार्रवाई किए लौट गई। स्थानीय लोगों की मानें तो जब से रेल ट्रैक बिछा है तब से अब तक इसी रास्ते से लोगों का आना जाना होता है। ऐसे में रास्ता बंद कर दिए जाने से लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी।
स्थानीय लोगों ने कहा कि जल्द ही वे लोग सांसद और जनप्रतिनिधियों से मिलकर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग करेंगे। हालांकि लोगों के माल को देखते हुए रेल प्रशासन ने कार्रवाई का फैसला टाल दिया है। लेकिन जल्द ही समाधान नहीं निकला तो इसको लेकर आंदोलन तेज होने की आशंका है।
राज्य में पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड स्थित अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए एकमात्र स्कूल की दयनीय अवस्था को पटना हाइकोर्ट ने गम्भीरता से लिया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के निदेशक और समाज कल्याण विभाग के निदेशक को अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने के लिए तलब किया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार में अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है।पहले यहाँ पर कक्षा एक से ले कर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी।
लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन सरकार के हाथों में गया,इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।
साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया।यहाँ पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था,जिसे बंद कर दिया गया।
इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।
कोर्ट ने जानना चाहा कि इतनी बड़ी तादाद में छात्राएं स्कूल जाना क्यों बंद कर दे रही है।कोर्ट ने कहा कि जब इस स्कूल के लिए केंद्र सरकार पूरा फंड देती है,तो सारा पैसा स्कूल को क्यों नहीं दिया जाता हैं।
CJI यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश की है। CJI ललित 8 नवंबर को रिटायर हो जाएंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को CJI के रूप में शपथ लेंगे।
CJI ललित ने मंगलवार सुबह SC के जजों की उपस्थिति में पर्सनली जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी।
पूर्णिया । पूर्णिया के एसपी दयाशंकर के आवास ,पुलिस लाइन, सदर थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह समेत कई ठिकानों पर स्पेशल विजिलेंस और ईओ यु की टीम कर रही है छापामारी।
विशेष निगरानी के एसपी डॉ जे पी मिश्रा के नेतृत्व में चल रही है छापामारी, टीम में 100 से अधिक लोग हैं शामिल ,50 से अधिक केंद्रीय पुलिस बल भी है तैनात ,एसपी के आवास समेत सात ठिकानों पर चल रही है स्पेशल विजिलेंस और इओयू की छापामारी ,सुरक्षा की है पुख्ता व्यवस्था.
आय से अधिक संपत्ति का मामला. स्पेशल विजिलेंस की टीम सुबह से ही कर रही है छापामारी। मीडिया कर्मियों को भी अंदर जाने से रोका जा रहा है। जानकारी के अनुसार एसपी दयाशंकर पर आय से 71 लाख रुपये के अधिक संपत्ति का मामला सामने आया था।
उसी को लेकर पटना से डीजी नैयर हसनैन खां के निर्देश पर स्पेशल विजिलेंस और ईओयू की कई टीम पूर्णिया और अन्य जगहों पर छापामारी कर रही है.बाहर हाल देखना है कि छापामारी में क्या मामला सामने आता है।
बेतिया । बेतिया में पारिवारिक कलह में एक महिला ने अपने बच्चों के साथ नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। जिसमें चारो की मौत हो गई। घटना लौरिया थाना क्षेत्र के नगर पंचायत वार्ड नंबर 2 स्थित नोनियाटोला की है।
स्थानिए गोताखोरों ने महिला और उसकी एक बेटी के शव को पानी से बाहर निकाल लिया है जबकि एक बेटा और एक बेटी के शव की तलाश की जा रही है।
बताया जा रहा है कि नोनियाटोला के कमलेश चौधरी मजदूरी करता है जिसका कल पत्नी आरती के साथ खाना खाने को लेकर विवाद हुआ था । जिसके बाद घर मे सो रहे तीनो बच्चों को लेकर आरती गांव के पास ही सिकरहना नदी की उपधारा यानी नारा पर पहुंची । जिसके बाद महिला ने पहले तीनो बच्चों को पानी मे फेंक दिया और फिर खुद भी नदी की धारा में कूद गई।
इस हादसे में सभी की मौत हो गई जिससे इलाके में सनसनी मच गई है।घटना की सूचनामिलते ही नरकटियागंज एसडीपीओ सहित पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन में जुट गई है।
मुजफ्फरपुर । बिहार सरकार जेल में बंद कैदियों और बंदियों को साक्षर और उनकी समस्याओं के निराकरण की दिशा में पहल शुरू कर दी है सरकार के द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में केंद्रीय कारा ,मुजफ्फरपुर और बेउर जेल,पटना में जन शिक्षा निदेशालय के सहयोग से साक्षरता प्रोग्राम शुरू की गई है।
जिसमें 3 शिक्षकों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है । साथ ही जेल में बंदी दरबार का भी आयोजन कर कैदियों और बंदियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उसके निराकरण की दिशा में पहल की जा रही है। इसी क्रम में आज शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर में निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने और बंदी दरबार कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसका जिलाधिकारी प्रणव कुमार और कारा अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया । जेल में निरक्षर पुरुष महिला कैदियों एवं बंदियों के समस्याओं को सुना गया और हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया गया ।
बंदियों के बीच किताब का भी वितरण किया गया।जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने बताया कि जेल में बंद बंदियों से संवाद स्थापित कर विधिक सहयोग और सहायता के दिशा में अग्रतर कार्रवाई की जा रही है साथ ही निरक्षर बंदियों को साक्षर बनाने की दिशा में शिक्षा विभाग द्वारा पहल की गई है।
गौरतलब है कि वर्तमान में खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में 3626 कैदी और बंदी बंद है,963 निरक्षर बंदी हैं
सीवान । जहा मूर्ति विसर्जन के दौरान दो पक्षों में खूनी संघर्ष हुई है। जिसमें 4 लोग घायल हुवे है जिसमें दो की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद दोनों गंभीर रूप से घायलों को सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया है जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
घटना एमएच नगर हसनपुरा थाने के ठीक सामने घटित हुई है। घायलों में हसनपुरा निवासी अमृत जैसवाल,कुणाल शर्मा,प्रमोद कुमार तथा आत्मा प्रसाद शामिल है।घटना के बाद सभी घायलों को एक निजी क्लीनिक में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां चिकित्सकों ने दो लोग प्रमोद व अमृत को गंभीर चोट आने के बाद स्थिति गंभीर बताते हुए सीवान सदर अस्पताल रेफर कर दिया है।
बताया जाता है कि माता रानी की प्रतिमा विसर्जन के पश्चात प्रसाद का वितरण चल रहा था तभी दो पक्ष आपस मे भीड़ गए जहा जमकर मारपीट हुई। वहीं इस मारपीट के दौरान विसर्जन के दौरान भगदड़ मच गई।
घायल अमृत जयसवाल तथा कृष्णा शर्मा ने पूर्व मुखिया मोतीलाल प्रसाद समेत उनके भतीजा और भाई पर लाठी-डंडों से हमला करने का आरोप लगाया है।
इधर घटना के बाद एमएच नगर हसनपुरा थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने के मामलें में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार व पटना नगर निगम को आधुनिक बूचडखाने के निर्माण और विकास के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की थी।उन्होंने अपनी जनहित याचिका में यह कहा था कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं।इससे जहाँ आम आदमी के स्वास्थ्य पर पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से बालकों के कोमल ह्रदय व मन पर गहरा आघात होता है।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया कि खुले में चलने वाले बूचडखानों को नगर निगम द्वारा जल्द से जल्द बंद कराया जाना चाहिए । उन्होंने बताया कि पटना के राजा बाज़ार, पाटलिपुत्रा , राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है ,जो कि जानता के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
#PatnaHighCourt
उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले।साथ ही जनता को भी स्वस्थ और प्रदूषणमुक्त मांस मछली मिल सके।
इस सम्बन्ध में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को 1नवंबर,2022 तक हलफनामा दायर कर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया है।
बिहार सरकार ने राज्य सरकार ने 6564 प्राइमरी और मिडिल सरकारी स्कूलों को सेकंड्री और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में उत्क्रमित कर दिया।लेकिन इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है।
अधिकतर स्कूलों के पास नही तो पर्याप्त ज़मीन या क्लास रूम है।इन स्कूलों में शिक्षकों की काफी कमी हैं।छात्रों को पढ़ने के लिए मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी है।शुद्ध पेय जल,शौचालय, लेबोरेट्री,लाइब्रेरी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।
इन स्कूलों को उत्क्रमित कर दिया गया है, लेकिन उन स्कूलों को आवश्यकता के अनुसार न तो मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध है और न ही उनका विकास हो पाया हैं।ऐसे में किस प्रकार की शिक्षा दी जा सकती हैं।
कोर्ट ने जानना चाहा कि निजी और सरकारी स्कूलों में भेदभाव क्यों किया जाता है।कोर्ट ने कहा कि अगर निजी स्कूलों के कोई मापदंडों पूरा नहीं करता, तो उन्हें सम्बद्धता नहीं मिलता है।लेकिन सरकारी स्कूलों की ऐसी स्थिति में भी उन्हें सारी सरकारी सुविधाएँ उपलब्ध होती है।ऐसा भेदभाव क्यों होता है।