पटना हाईकोर्ट ने पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन भवन को तोड़े जाने के मामलें पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश दिया। उपेंद्र नारायण सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।
कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को बताने को कहा कि वकीलों और उनके स्टाफ के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था की जानकारी तलब की।साथ ये भी बताने को कहा कि वकीलों के लिए बन रहे भवन का निर्माण कार्य कब तक पूरा होगा।
वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने ये कहा कि वकीलों के बैठने की व्यवस्था विकास भवन में की जा सकती है।इसके लिए कार्रवाई की जा रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से वकीलों के लिए आधुनिक और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने को कहा था।वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि पटना समाहरणालय बार एसोसिएशन के भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि वकीलों के बैठने और काम करने की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है।राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशन के भवन या तो है ही नहीं या काफी बुरी स्थिति में है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट में उपस्थित पटना के प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि पटना के जिलाधिकारी ने इस सम्बन्ध में बैठक किया।
उस बैठक की रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था।इसमें कहा गया कि वकीलों के बैठने के लिए भवन निर्माण किया जाएगा।जबतक वकीलों को बैठने के लिए विकास भवन में बैठने की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
कोर्ट ने बिहार राज्य बार कॉउन्सिल और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को राज्य के विभिन्न बार एसोसिएशनों के भवनों की हालत के सम्बन्ध में जानकारी देने को कहा। वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि राज्य में वकीलों को बैठने और कार्य करने के लिए न तो उचित व्यवस्था है और न ही भवन हैं।
ऐसे में वकीलों के पेशागत कार्य करने में बहुत कठिनाई होती हैं।
इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 दिसम्बर,2022 को की जाएगी।