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पटना हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक की नियुक्ति के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निर्देशक को 6 अप्रैल,2023 को कोर्ट में तलब किया

पटना हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक की नियुक्ति के मामले में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निर्देशक को 6 अप्रैल,2023 को कोर्ट में तलब किया है।जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने रंजीत कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग ने नेत्र सहायक के पद पर नियुक्ति करने के लिए वर्ष 2021 में एक विज्ञापन निकाला था।

इस विज्ञापन के अनुसार इस पद पर नियुक्ति के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान और अंग्रेजी के साथ उत्तीर्ण और मान्यता प्राप्त संस्थान से नेत्र सहायक के डिप्लोमा कोर्स किए उम्मीदवार को ही योग्य माना था। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि विज्ञापन को हाईकोर्ट में चुनौती दिया गया, जिसके बाद कई रिट याचिकाएं अन्य अभ्यर्थियों के द्वारा भी हाईकोर्ट में दायर किया गया।

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हाईकोर्ट ने कुछ रिट याचिकाकर्ताओं के पक्ष में अपना आदेश सुनाया। कोर्ट को बताया गया कि सरकार द्वारा इस मामले में जो शपथ पत्र दायर किया गया है, वह हाईकोर्ट के खंडपीठ के आदेश के विपरीत है।

इसी मामले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अपर निर्देशक को अगली सुनवाई पर तलब किया है।

इस मामलें पर आगे सुनवाई की जाएगी।

मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट का फैसला स्वागत-योग्य, छिन सकती है राहुल की सांसदी: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को चोर बताने वाले राहुल गांधी के अमर्यादित बयान के विरुद्ध मैंने भी पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है और अगर इसमें भी उन्हें सूरत की अदालत की तरह सजा सुनाया गई, तो उनकी संसद सदस्यता छिन जा सकती है।

  • पटना में मैंने भी किया है मानहानि का मुकदमा, गवाही अगले माह
  • अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को कड़ा संदेश दे सकती है न्यायपालिका
  • “चौकीदार चोर है” वाले बयान के कारण उन्हें कोर्ट में मांगनी पड़ी थी माफी

सूरत कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए श्री सुशील मोदी ने कहा कि “मोदी” सरनेम वाले लाखों लोगों ने सांसद राहुल गांधी की टिप्पणी से अपमानित अनुभव किया। उनके विरुद्ध पटना सहित कई अन्य जगह भी मुकदमें दायर हुए।

उन्होंने कहा कि मेरे मामले में वे जमानत ले चुके हैं, लेकिन अगले महीने गवाही के लिए उन्हें पटना सीजेएम के कोर्ट में उपस्थित होना पड़ सकता है।

श्री मोदी ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करने की मंशा से “चौकीदार चोर है” जैसा घटिया बयान दिया था।

उन्होंने कहा कि राफेल विमान सौदे और “चौकीदार चोर है” वाले मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी। फिर भी उन्होंने जुबान पर लगाम लगाना नहीं सीखा।

श्री मोदी ने कहा कि यदि सरनेम वाले बयान के कारण राहुल गांधी को विभिन्न अदालतों से कड़ी सजा सुनायी जाती है, तो यह अमर्यादित भाषा बोलने वालों के विरुद्ध कड़ा संदेश होगा।

बिहार की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि इस सम्बन्ध में ब्लू प्रिंट एक सप्ताह में नहीं पेश किया गया, तो कोर्ट इस पर गंभीर रुख अपनाएगा

पटना हाइकोर्ट ने राज्य की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की। आत्मबोध की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार दिए गए कार्रवाई रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जाहिर किया।

कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि इस सम्बन्ध में ब्लू प्रिंट एक सप्ताह में नहीं पेश किया गया, तो कोर्ट इस पर गंभीर रुख अपनाएगा।

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास,विस्तार और कलाकारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कला व संस्कृति सचिव व उद्योग विभाग के निर्देशक को पटना एयरपोर्ट परिसर में बने मधुबनी पेंटिंग का निरीक्षण कर कल कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत का निर्देश दिया था।

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उन्होंने जो रिपोर्ट दिया ,उससे स्पष्ट हुआ कि पटना एयरपोर्ट के परिसर में जो मधुबनी पेंटिंग लगी है,वहां न तो कलाकारों को क्रेडिट दिया गया है।साथ ही जी आई टैग भी नहीं लगा है।इससे मधुबनी पेंटिंग व उसके कलाकारों की उपेक्षा स्पष्ट होती है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास और विस्तार के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि मधुबनी पेंटिंग सरकारी उपेक्षा का शिकार तो है ही, साथ ही मधुबनी पेंटिंग करने वाले कलाकारों का शोषण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग की ख्याति देश विदेश में है,लेकिन मधुबनी पेंटिंग के कलाकार गरीबी में जीवन बिता रहे है।उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को अपने कानूनी अधिकारों का ज्ञान नहीं है।

इसी का लाभ बिचौलिए उठाते है।उनकी पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते है, जबकि उन कलाकारों को बहुत थोड़ी सी रकम दे देते है।

उन्होंनेे कोर्ट को बताया कि उन्हें 2005 में ही जीआई टैग भारत सरकार से लगाने की अनुमति प्राप्त हुई।ये भौगोलिक क्षेत्र के तहत रजिस्टर होता है ,लेकिन इसका आजतक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।

इसके सम्बन्ध में इन कलाकारों को जानकारी नहीं है।इसका लाभ बिचौलिए उठाते है। इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की। एक्टिंग चीफ जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम को विस्तृत जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का मोहलत दिया।

पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचडखाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है।निविदा की कार्रवाई की जा रही है। पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह की मोहलत मांगी,जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है। अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को बताया कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इससे जहाँ आम आदमी के स्वास्थ्य पर पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे लड़कों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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याचिकाकर्ता के वकील अंकिता कुमारी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचडखानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए ।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाज़ार, पाटलिपुत्रा , राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है।

उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है ,जो कि जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले।

साथ ही जनता को भी स्वस्थ और प्रदूषणमुक्त मांस मछली मिल सके।इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

बिहार में बिजली हुई महंगी, उपभोक्ताओं को लगा महंगी बिजली का करंट; 24% बढ़ोतरी की घोषणा

पटना। बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, बिजली की दर में 24.10% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। इसके बाद बिजली 2 रुपए तक प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी । अब सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर तय होगा प्रति यूनिट बिजली का दर।

बिहार विधानमंडल के मौजूदा सत्र में तमाम गतिरोधों के बीच लाइन लॉस को आधार बनाते हुए बिहार में बिजली की दरें बढ़ा दी गई हैं। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने गुरुवार को बिजली दर में बढ़ोतरी की घोषणा की है। बिजली कंपनी ने इसे 40% तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। आयोग ने सुनवाई के बाद 24.1 फीसदी की मंजूरी दी है।

बढ़ी दरें इस प्रकार से हैं
100 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने वाले को 1.67 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा देने हाेंगे। इसमें फिक्स्ड चार्ज जोड़ दिया जाए तो बढ़ोतरी प्रति यूनिट 2 रुपए से ज्यादा होगी। अभी तक यह दर 6.95 रुपए प्रति यूनिट थी, जो बढ़कर अब 8.62 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। अब सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर तय होगा प्रति यूनिट बिजली का दर।

फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी
बिजली दर बढ़ोतरी के साथ ही बिल में फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है। अब बिजली दरों के 3 स्लैब की जगह अब दो ही होंगे।

बढ़ी दरों का यह फैसला 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगा।

पटना हाईकोर्ट में मुज़फ़्फ़रपुर के सरैया थाना चर्चित हत्याकांड में मृतक के परिजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 3 सप्ताह के लिए टल गई

पटना हाई कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर के सरैया थाना चर्चित हत्याकांड में मृतक निर्भया कुमारी (काल्पनिक नाम) के परिजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टल गई। राज्य सरकार की ओर से जस्टिस अंशुमान की एकल पीठ को बताया गया कि वीडिओ जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आया है।

आज कोर्ट में उपस्थित सरैया के डीएसपी और सम्बंधित अनुसंधानकर्ता ने कोर्ट को ये जानकारी दी।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केस में नामजद अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। साथ ही केस को किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाया जाए।

इस केस में काम नही कर रहे पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही भी चलाया जाए। पिछले सुनवाई के दौरान मुज़फ़्फ़रपुर के एस एस पी ने शपथ पत्र दायर कर बताया कि इस केस में सिर्फ एक व्यक्ति ही संलिप्तता जांच में सामने आई है ।इसलिए बाकी अभियुक्तों को गिरफ्तार नही किया गया।

पूर्व की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि जो शपथ पत्र एसएसपी ने दायर किया है, उसे देखने से प्रतीत होता है कि पुलिस अन्य अभियुक्तों को बचा रही है।

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कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इस केस के डीएसपी और अनुसंधान कर्ता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था।अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि दिनांक 26 अप्रैल 2022 को याचिकाकर्ता की पुत्री अपने घर से बाहर गयी थी ,लेकिन वह वापस नही लौटी।

जिसके बाद परिजन वालों ने अपनी पुत्री को जा खोजबीन किया, परन्तु वह नही मिली। उसी दिन रात्रि 12.47 बजे एक कॉल आया, जिसमे याचिकाकर्ता की पुत्री की आवाज सुनाई दी।वह दर्द से कराह रही थी।

इसके बाद फोन कट गया और पुनः प्रयास करने पर मोबाइल बंद मिला।अगले दिन सुबह में ग्रामीण ने बताया कि याचिकाकर्ता की पुत्री की बॉडी पोखर में पड़ी हुई है।

इसके बाद परिजन घटना स्थल पर जाने के क्रम में देखे की गांव के ही मो0 वसीम खान के द्वारा याचिकाकर्ता की पुत्री को बोलेरो कार से लेकर कहीं जा रहा था।वह बोलेरो मोहम्मद वसीम के घर पर जाकर रुकती है।

फिर मोहम्मद वसीम के परिवार वाले गाड़ी में बैठते है। वे लोग वैष्णवी हॉस्पिटल, मुज़फ़्फ़रपुर याचिकाकर्ता की पुत्री को लेकर जाते हैं, जहाँ याचिकाकर्ता की पुत्री के परिजन भी पहुचते हैं ।

अपनी पुत्री से बात करते हैं, तो याचिकाकर्ता की पुत्री द्वारा बताया जाता है कि लगभग 8 लोग द्वारा बलात्कार किया गया और जहर पिलाया गया। इसमें उसने चार लोगों का नाम भी लिया था, जिसमे से एक व्यक्ति मोहम्मद वसीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया है ।

लेकिन अभी भी तीन नामजद अभियुक्त पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।इस मामलें पर पुनः तीन सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।

बिहार BJP के सम्राट चौधरी होंगे Bihar BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष

पटना । बिहार BJP में सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है । विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है ।

Samrat-Chaudhry

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तत्काल प्रभाव से सम्राट चौधरी को बिहार का अध्यक्ष बनाया है। एनडीए की सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज विभाग के मंत्री थे। सम्राट चौधरी वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।

Bihar Diwas 2023: तीन दिवसीय समारोह की हुई शुरुआत ; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य मंत्री उद्घाटन समारोह में रहे मौजूद

पटना । बुधवार 22 मार्च को बिहार अपना 111वां स्थापना दिवस मना रहा है । 1912 में आज ही के दिन बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग किया गया था। बिहार राज्‍य का गठन आज ही के दिन हुआ था । इसीलिए प्रतिवर्ष 22 मार्च को Bihar Diwas मनाया जाता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गांधी मैदान में तीन दिवसीय बिहार दिवस समारोह का उद्घाटन किया । उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य मंत्री उद्घाटन समारोह में रहे मौजूद ।

Bihar Diwas 2023 अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हमने राज्य में 2010 में बिहार दिवस मनाना शुरू किया था। अब बिहार दिवस अन्य राज्यों और विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है।

“पटना के गांधी मैदान में आयोजित बिहार दिवस के अवसर पर आए लोगों को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश ने फिर से विशेष राज्य की मांग को दोहराते हुए कहा कि हमलोग बहुत पीछे है. राज्य के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।

उन्होंने बिहार के साथ बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और सूफीवाद के विशेष संबंध का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने पद्म श्री प्राप्तकर्ता और सुपर 30 कोचिंग संस्थान के संस्थापक आनंद कुमार को सम्मानित किया। उन्होंने शौर्य श्रेणी में पश्चिम चंपारण के धीरज कुमार और दरभंगा की साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी को जबकि समाज सेवा श्रेणी में छपरा की पाल साक्षी को सम्मानित किया।

Bihar Diwas समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और प्रसिद्ध गायकों के प्रदर्शन द्वारा चिह्नित किया गया।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार लगातार विकास कर रहा है. हम 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार के अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जल्द ही अपना वादा पूरा करेंगे।”

महायज्ञ का समापन 24 मार्च को होगा।

राजनीतिक स्थिरता लाने और विकसित राज्य बनाने का संकल्प ले बिहार: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार दिवस (22 मार्च) पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और अपील कि लोग राजनीतिक स्थिरता लाने और दस साल में विकसित राज्य बनाने का संकल्प लें।

  • श्रीबाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में हुआ था राज्य का प्रारम्भिक विकास
  • 29 साल में 23 मुख्यमंत्री आये-गए, अस्थिरता से बाधित हुआ विकास
  • 1990 में ऐसी सरकार आयी, जिसने अपराध और भ्रष्टाचार का राजनीतिकरण किया, विकास नहीं
  • 2005 में आयी एनडीए सरकार, विकास पटरी पर लौटा, बिहार दिवस मनाने की शुरुआत उसी दौर में
  • निजी महत्वाकांक्षाओं के हावी होने से फिर अस्थिरता मेंं फंसा बिहार

श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 14 साल तक राजनीतिक स्थिरता रही और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य का प्रारम्भिक विकास हुआ।

उन्होंने कहा कि 1961 में श्री बाबू की मृत्यु के बाद अस्थिरता, भ्रष्टाचार और कुशासन के चलते बिहार लगातार पिछड़ता गया।

उन्होंने कहा कि 1961 से 1990 तक 29 साल में यहाँ 23 मुख्यमंत्री आये-गए और राष्ट्रपति शासन भी लगता रहा। इससे विकास बाधित हुआ।

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श्री मोदी ने कहा कि 1990 में ऐसी सरकार आयी, जिसने बीस साल राज करने के इरादे से अपराध और भ्रष्टाचार का खुलकर राजनीतिकरण किया, लेकिन विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। उस दौर में बिहारी कहलाना शर्म की बात हो गई थी।

उन्होंने कहा कि भले ही एक सरकार 20 साल राज नहीं कर सकी, लेकिन 15 साल में ही उसने राज्य को 50 साल पीछे धकेल दिया।

श्री मोदी ने कहा कि 2005 में जब एनडीए सरकार आयी, तब विकास पटरी पर लौटा था। उस दौर में अपराध पर कठोर नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन, भ्रष्टाचार पर अंंकुश, ढांचागत विकास में भारी निवेश और उच्च शिक्षा के नये संस्थान खुलने से बिहारी अस्मिता का पुनर्जागरण हुआ। बिहार दिवस मनाने की शुरुआत भी उसी दौर में हुई थी।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने विकास और गुड गवर्नेंस दिया, जिससे बिहार सबसे तेज विकास करने वाला राज्य बना।

श्री मोदी ने कहा कि दुर्भाग्यवश, कुछ लोगों की पीएम-सीएम बनने की महत्वाकांक्षाएँ इतनी भारी पड़ीं कि बिहार फिर अस्थिरता के भँवर मेंं फंस गया।

उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर हमें राजनीतिक स्थिरता और विकास का दौर लौटाने का संकल्प लेना चाहिए।

पटना हाइकोर्ट ने फोर लेन रजौली-बख्तियारपुर नेशनल हाइवे के प्रथम पैकज के निर्माण में हो रहे बिलम्ब पर NHAI को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया

पटना हाइकोर्ट ने फोर लेन रजौली बख्तियारपुर नेशनल हाइवे के प्रथम पैकज के निर्माण में हो रहे बिलम्ब पर एनएचएआई को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। विपिन कुमार की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट को एनएचएआई के अधिवक्ता ने बताया कि ये एन एच 31 के 105 किलोमीटर को तीन पैकेज में बांटा गया है। पैकेज दो और तीन के कार्य चल रहे है।लेकिन पैकेज एक का कार्य नहीं हो पा रहा है।

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उन्होंने बताया कि इस पैकेज के निर्माण के वन व पर्यावरण विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना बाकी है।उन्होंने बताया कि इसके बाद पैकेज एक का काम प्रारम्भ हो सकेगा।

कोर्ट ने एनएचएआई को छह सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी।

बिहार के तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अदालती कार्रवाई पर तत्काल रोक

पटना हाइकोर्ट ने बिहार के तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अदालती कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए बड़ी राहत दी। जस्टिस संदीप कुमार ने नित्यानंद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

उनके विरुद्ध अपने भाषण में सामुदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया था।अंचलाधिकारी, नरपतगंज,ज़िला अररिया ने एक नरपतगंज थाने मे तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अपने 9 मार्च,2018 को अपने भाषण में साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने की सूचना दी।

सीजेएम अररिया 13अप्रिल,2022 को पुलिस द्वारा 31अक्तुबर,2021 के दायर चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए संज्ञान लिया।कोर्ट ने थाना प्रभारी को इनके विरुद्ध समन जारी करने का निर्देश दिया।

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निचली अदालत के इस आदेश के विरुद्ध केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय ने एक याचिका दायर की।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि जिन प्रावधानों के तहत उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है, वह उन पर लागू ही नहीं होगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि नित्यानंद रॉय ने किसी प्रकार से अपने भाषण में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का काम नहीं किया है।उन्होंने विदेश के एक आतंकवादी के सन्दर्भ में बात कही थी।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये मामला 2018 का है,जबकि निचली अदालत ने इस मामले का संज्ञान 2022 में लिया।

इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया।इस मामलें पर अगली सुनवाई जुलाई,2023 में की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने वैशाली ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल चुनाव की अंतिम मतदाता सूची से दिघी पूर्वी एवं दिघी पश्चिम नगर पंचायत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति का नाम हटाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने वैशाली ज़िला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के निदेशक मंडल चुनाव की अंतिम मतदाता सूची से दिघी पूर्वी एवं दिघी पश्चिम नगर पंचायत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति का नाम हटाने से संबंधित याचिका पर सुनवाई की ।

जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने राकेश कुमार मिश्रा द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले को बिहार सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष भेजने का निर्देश दिया है,ताकि इस मामले का निराकरण किया जा सके ।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एसबीके मंगलम ने कोर्ट को बताया कि प्रतिवादी सं. 12 और 14 दिघी पूर्व और दिघी पश्चिम पैक्स के सदस्य थे।ये अब हाजीपुर नगर परिषद के क्षेत्र में शामिल है ।इस तरह पैक्स ने नगरपालिका क्षेत्र में शामिल होने के बाद अपनी पहचान खो दी है।

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जो वैशाली जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड, हाजीपुर द्वारा बनाए गए उपनियमों के संदर्भ में मतदाता और प्रतियोगी होने के लिए एक आवश्यक शर्त है। सुनवाई के दौरान स्टेट इलेक्शन अथॉरिटी के अधिवक्ता मुकेश कुमार ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि नि:संदेह उपरोक्त 2 पैक्स को हाजीपुर की नगरपालिका सीमा के भीतर शामिल किया गया है।लेकिन फिर भी आज तक पैक्स के उपनियमों को दिनांक 24.11.2009 के पत्र संख्या 7477 के मद्देनजर संशोधित नहीं किया गया है।

रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा, इस तरह, उपरोक्त 2 पैक्स अभी भी पैक्स की पहचान को बनाए रखते हैं । इस पर कोर्ट ने मामले को निष्पादित करते हुए इसे बिहार सहकारिता विभाग के प्रधान सचिव के समक्ष भेजने का निर्देश दिया।

बिहार में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दिए जाने के मामले पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई हुई

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दिए जाने के मामले पर सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी (बालसा) से रिपोर्ट तलब किया।

कोर्ट ने बालसा को ये बताने को कहा कि कितने बच्चों ने स्कूलों की पढ़ाई छोड़ दी है और कितने बच्चों ने दोबारा इन स्कूलों में जाना शुरू किया है ? बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की लोकहित याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए चिंता जताई कि इन बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई है।इसके साथ साथ खंडपीठ ने बालसा के एक सदस्य को लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड में स्थित स्कूल एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के विकास से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि हाईकोर्ट इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है ।

इस मामले में पहले भी हाईकोर्ट ने वकीलों की एक टीम गठित कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया था । इस टीम में अधिवक्ता सूर्या नीलांबरी, अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय , अधिवक्ता आयुष अभिषेक एवं अन्य अधिवक्ता शामिल थे ।

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है।पहले यहाँ पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी।

लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन राज्य सरकार के हाथ में आया तबसे इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।

साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया।यहाँ पर सौ बिस्तर वाला हॉस्टल छात्राओं के लिए था,जिसे बंद कर दिया गया।

इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है। हाईकोर्ट ने अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा इतनी बड़ी संख्या में स्कूल बीच में छोड़ने को गंभीर स्थिति का दर्जा दिया ।

इस मामले की अगली सुनवाई 11अप्रैल,2023 को होगी।

पटना हाइकोर्ट ने उचित सुनवाई का मौका दिये बगैर ही एक कम्पनी को पूरे बिहार में सरकारी कार्य ठेके से वंचित किये जाने के आदेश को निरस्त कर दिया

पटना हाइकोर्ट ने उचित सुनवाई का मौका दिये बगैर ही एक कम्पनी को पूरे बिहार में सरकारी कार्य ठेके से वंचित किये जाने के आदेश को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने ग्रामीण कार्य विभाग के एक मुख्य अभियंता पर 10 हज़ार रुपये का हर्जाना लगाया है।जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने परमार कंस्ट्रक्शन की रिट याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को भी आदेश दिया कि वे राज्य सरकार के सभी विभागों को दिशानिर्देश जारी करें, ताकि कोई भी प्रशासनिक तौर पर कोई दंडात्माक आदेश देने से पहले सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया जाए।साथ ही प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन करने हेतु हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से पारित हुए आदेशों का अनुपालन करे।

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कोर्ट ने कहा कि अधिकारीगण पूर्व के न्याय आदेशों को बगैर ध्यान में रखे ही अवैध तरीके से प्रशासनिक आदेश जारी कर देते हैं।

पटना हाइकोर्ट ने नालंदा स्थित शिवपुरी जलाशय के निर्माण हेतु सरकारी ठेके मे सबसे कम लागत लगाने वाली कम्पनी को अवैध तरीके से अयोग्य करार देने के मामले पर लघु सिंचाई विभाग के वरीय अधिकारी व अभियंता पर 2 लाख रुपये का हर्जाना लगाया

पटना हाइकोर्ट ने नालंदा स्थित शिवपुरी जलाशय के निर्माण हेतु सरकारी ठेके मे सबसे कम लागत लगाने वाली कम्पनी को अवैध तरीके से अयोग्य करार देने के मामले पर सुनवाई की। हाई कोर्ट ने लघु सिंचाई विभाग के वरीय अधिकारी व अभियंता पर दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया है।

जस्टिस पी बी बजंत्री की खंडपीठ ने राजीव कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट ने हरजाने की राशि पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी में दो सप्ताह में जमा करने का आदेश दिया।

याचिकाकर्ता के वकील प्रभात रंजन द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि बिना किसी आरोप के उनके मुवक्किल की कंपनी को नालंदा स्थित शिवपुरी जलाशय के निर्माण कार्य हेतु लगाई गई नीलामी में सबसे कम लागत की लगाने के बावजूद अयोग्य करार दे दिया गया।

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लघु सिंचाई विभाग के तकनीकी मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष व अभियंता प्रमुख ने याचिकाकर्ता को अयोग्य घोषित कर दिया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रभात ने आरोप लगाया कि पूरे विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने निजी स्वार्थ के लिए अधिक लागत की बोली लगाने वाली कंपनी को काम करने का ठेका दे दिया।जबकि याचिकाकर्ता ने काम के लागत राशि से 15 फ़ीसदी कम की बोली लगाई थी।

वही कमेटी के अधिकारियों ने उतनी ही लागत से 13 फ़ीसदी कम की बोली लगाने वाले को काम का ठेका दिया ।
इससे सरकारी राजकोष को इस पूरे काम के लागत यानि 460 करोड़ रुपए के 2 फी सदी का नुकसान झेलना पड़ा ।

कोर्ट ने सरकारी अधिकारी व अभियंताओं से इस मामलें में जवाब माँगा, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

जमीनी सच से टकरा कर टूटे CM-PM के दो हसीन सपने: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच जो भी डील हुई हो, लेकिन तेजस्वी प्रसाद यादव को जमीनी हकीकत का एहसास हो गया है कि न वे अभी सीएम बन सकते हैं, न नीतीश कुमार कभी पीएम बन सकते हैं।

  • जस्वी को कुर्सी सौंपने की डील से पलटे नीतीश कुमार
  • राजद अब नीतीश पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं
  • विपक्षी एकता फेल, ममता,अखिलेश ने जदयू को पूछा नहीं
  • किसी को राष्ट्रीय राजनीति ने किनारे किया, किसी को बिहार के हालात ने

श्री मोदी ने कहा कि सीएम-पीएम के सपने देखने वाले चाचा-भतीजा अपने समर्थकों से नारे लगवा कर या पोस्टर-होर्डिंग्स के जरिये अपनी महत्वाकांक्षा प्रकट करते रहे हैं। अब दोनों सफाई देते फिर रहे हैं कि उन्हें बड़े पद पाने की इच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2023 में तेजस्वी यादव को कुर्सी सौंपने की बात से पलट चुके हैं और राजद भी अब कोई दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है।

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श्री मोदी ने कहा कि जो तेजस्वी यादव कह रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की जल्दी नहीं है, वही अब पद की इच्छा त्याग कर अचानक संत कैसे हो गए?

उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में जब राजद-जदयू अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे होंगे, तब सीएम-पीएम तो बहुत दूर की बात होगी। अच्छी बात है कि तेजस्वी यादव ने इस सच को स्वीकार किया।

श्री मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस को अलग रख कर फ्रंट बनाने का एलान कर चुके हैं। नीतीश कुमार को न ममता पूछ रही हैं, न केसीआर ने भाव दिया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृष्य जहाँ नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा को चूर कर रहा है, वहीं बिहार के हालात तेजस्वी यादव के सपनों पर ओला बरसा रहे हैं।

JDU के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में बड़ा फेरबदल; केसी त्यागी का नाम कटा, देखें पूरी लिस्ट

पटना । मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में बड़ा फेरबदल किया। जदयू की नयी सूची से जदयू महासचिव केसी त्यागी का नाम हटा दिया।

JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी के नए राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों का ऐलान किया । पार्टी द्वारा जारी सूची में मंगनी लाल मंडल को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।

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नई टीम में 22 नेताओं को महासचिव बनाया गया है।

JDU की नई टीम की सूची

Patna High Court News: पिछले दो दशकों से राज्य के विभिन्न निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामलें पर सुनवाई अधूरी रही

पटना हाइकोर्ट में पिछले दो दशकों से राज्य के विभिन्न निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामलें पर सुनवाई अधूरी रही। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ कौशिक रंजन की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में Patna High Court ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार(बालसा)के सचिव को नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के उपलब्ध आंकड़े को मूल रिकॉर्ड से जांच करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता कौशिक रंजन की अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी तादाद में आपराधिक मामलें लंबित पड़े है।उन्होंने बताया कि लगभग 67 हज़ार मामलें ऐसे है,जिनमें पार्टियां कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

Patna High Court ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार व विभिन्न ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार को ऐसे मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि वकीलों सहायता के अभाव में लगभग सात लाख आपराधिक मामलें लंबित है।

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Patna High Court ने इस सम्बन्ध में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को आंकड़े की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा कि इन मामलों में वकीलों की सहायता दिए जाने को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए था।

अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि बहुत सारे मामलें काफी पुराने है,जिनमें अधिकांश सन्दर्भहीन हो चुके है।तीस चालीस साल पुराने मामलों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। याचिकाकर्ता के वकील शमा सिन्हा ने Patna High Court को बताया था कि ये आंकड़े नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले है।इन्ही आंकड़ों को कोर्ट के सामने पेश किया गया।

Patna High Court को यह भी बताया गया इतने पुराने लंबित मामले में आरोपी और परिवादी दोनों की जीवित रहने पर संदेह है, ऐसी स्थिति में या नहीं तो बेकार और कानूनी तौर पर औचित्य पड़े अपराधिक मामले को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए ।

इस मामलें पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट (12th) वार्षिक परीक्षा, 2023 का रिजल्ट किया जारी; 83.70% स्टूडेंट्स हुए पास, यहां देखें रिजल्ट-टॉपर्स लिस्ट

पटना । बिहार इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2023 का परीक्षाफल मंगलवार दिनांक 21.03.2023 को अपराह्न 02:00 बजे जारी किया गया। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर और बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने घोषित किया रिजल्ट। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि टॉप 6 स्टूडेंट्स को लैपटॉप, किंडल ई-बुक और 1 लाख नगद इनाम दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड ने इंटर का रिजल्ट जारी किया, जिसमें 83.70% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। यह पिछली बार से 3.55% ज्यादा है। तीनों स्ट्रीम में लड़कियां टॉपर रही हैं। आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स मिलाकर 13 साल 4 हजार 586 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।

आर्ट्स में 82.74%, वाणिज्य में 93.35% और साइंस में 83.93% छात्र सफल। साइंस में आयुषी नंदन बनी टॉपर , आर्ट्स में मोहनिशा और कॉमर्स में सौम्या और रजनीश बने टॉपर।

साइंस स्ट्रीम में आयुषी नंदन 94.8% के साथ, कॉमर्स स्ट्रीम में सौम्या शर्मा और रजनीश 95% के साथ और आर्ट्स स्ट्रीम में पूर्णिया की मोहनिसा 95% के साथ टॉपर घोषित।

छात्र-छात्राएं अपना परिणाम, घोषित होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in, secondary.biharboardonline.com और results.biharboardonline.com पर देख सकते हैं।

बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट (12th) वार्षिक परीक्षा, 2023 का रिजल्ट किया जारी

पटना । बिहार इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2023 का परीक्षाफल मंगलवार दिनांक 21.03.2023 को अपराह्न 02:00 बजे जारी किया गया। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर और बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने घोषित किया रिजल्ट। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि टॉप 6 स्टूडेंट्स को लैपटॉप, किंडल ई-बुक और 1 लाख नगद इनाम दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड ने इंटर का रिजल्ट जारी किया, जिसमें 83.70% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। यह पिछली बार से 3.55% ज्यादा है। तीनों स्ट्रीम में लड़कियां टॉपर रही हैं। आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स मिलाकर 13 साल 4 हजार 586 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।

BSEB-12th-Result-2022-Inter-result

छात्र-छात्राएं अपना परिणाम, घोषित होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in, secondary.biharboardonline.com और results.biharboardonline.com पर देख सकते हैं।

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने ट्विट कर जानकारी दी।