Press "Enter" to skip to content

Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से क्या बिहार की राजनीति बदलेगी

कांग्रेस का मिशन पंजाब जिस तरीके उलझ गया है उसको लेकर भले ही निशाने पर राहुल और प्रियंका है लेकिन कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद बिहार की राजनीति में जो खामोशी देखी जा रही है वह चौंकाने वाला है। बिहार के कांग्रेसी चुप हैं ,राजद कन्हैया को लेकर सहज नहीं है, चिराग से भी सवाल किये गये तो वो भी टाल गये ,बिहार के वामपंथी भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं ।

लेकिन इस तरह के सवाल को नजरअंदाज करने वाले नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया आयी है और कहां कि हमारे रिश्ते भी रहे हैं कहां आते जाते हैं वो उनका फैसला।वही बीजेपी नेता सुशील मोदी जो आजकल छोटी बात पर भी प्रतिक्रिया देने से परहेज नहीं करते हैं उनका बयान सिर्फ इतना ही आया है कि कांग्रेस सत्ता के लिए देश विरोधी ताकतों के साथ।मतलब बिहार की जो वर्तमान राजनीतिक सेटअप है उसमें कन्हैया को लेकर मंथन जरूर चल रहा है ।

1—– क्या कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से बिहार की ठहरी हुई सियासत में बदलाव आ सकती है
मंडल आयोग के लागू होने के बाद बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद और नीतीश कुमार जिस सामाजिक समीकरण के आधार पर सियासत कर रहे हैं उससे यही लग रहा था कि बिहार फिलहाल मंडल ऐरा से बाहर निकल नहीं पायेंगा।

15 वर्षों तक पिछड़ा,दलित और मुस्लिम गठजोड़ से सहारे लालू प्रसाद के नेतृत्व में बिहार की राजनीति चलती रही, फिर नीतीश आये उन्होंने पिछड़ा को अतिपिछड़ा ,दलित को महादलित और मुस्लिम को पसमांदा मुस्लिम में बांट दिया और सवर्ण को साथ लेकर 15 वर्षो से बिहार पर राज कर रहे हैं । हालांकि 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान जिस तरीके से जनता का मोहभंग नीतीश से हुआ उससे लगा कि बिहार की सियासत एक बार फिर से लालू प्रसाद के परिवार के हाथों में चली जायेगी लेकिन अंतिम चरण के चुनाव में बदलाव के लिए जो वोटर घर से निकले वो मतदान केन्द्र पर पहुंचते पहुंचते रुक गया वजह नीतीश के शासन व्यवस्था से जो वोटर ऊब गया था वो लालू के 15 वर्षो के कार्यकाल को याद करके ठहर गया।

कन्हैया के कांग्रेस में आने से बिहार की राजनीति पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि कन्हैया के आने से बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव आ सकता है।हलाकि यह सोचना जल्दबाजी होगा क्यों कि जिस कांग्रेस पार्टी में कन्हैया शामिल हुआ है उसकी बिहार में हैसियत क्या है 1990 के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी नहीं हुई है धर्मनिरपेक्षता के नाम पर जिस तरीके से राजद के कुशासन के साथ कांग्रेस खड़ी रही उसका नुकसान यह हुआ कि कांग्रेस का परंपरागत वोटर सवर्ण ,दलित और मुसलमान एक एक कर साथ छोड़ते चले गये और आज कांग्रेस के पास कोई जमा पूंजी नहीं बचा है जिसके सहारे कन्हैया बहुत कुछ कर सकता है ।

हालांकि कन्हैया को लेकर इस तरह की राय रखने वाले जानकार का कहना है कि बिहार की सियासत में मुस्लिम वोटर कभी भी पूरी तौर पर राजद के साथ खड़ा नहीं रहा है ,कांग्रेस के साथ भी था ,कुछ हिस्सेदारी रामविलास पासवान की भी रही ,जदयू ने पसमांदा के सहारे मुस्लिम वोटर में बड़ी सेंधमारी की।लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि राजद के पास ना शहाबुद्दीन है, ना तस्लीमुद्दीन है ,ना फातमी है और अब्दुल बारी सिद्दीकी चुनाव हार चुके हैं ऐसे में राजद के पास फिलहाल कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं है।

वहीं जदयू और लोजपा मुस्लिम को लेकर सिम्बॉलिक पॉलिटिक्स में भरोसा करता रहा है ऐसे में कन्हैया के कांग्रेस में आने से बिहार के जो मुस्लिम वोटर का जो वोटिंग ट्रेंड रहा है उसमें बड़ा बदलाव आ सकता है क्योंकि एक तो कन्हैया की छवि मोदी विरोध को लेकर मुस्लिम यूथ में ओवैसी से भी बड़ा है। दूसरा एनआरसी को लेकर कन्हैया खुलकर मुस्लिम के साथ खड़े हुए थे ,गांव गांव में रैली किया था और फिर पटना के गांधी मैदान में रैली करके अपनी ताकत का एहसास भी कराया था ।

वही दूसरी और कन्हैया के वामपंथी होने की वजह से कमजोर ,दलित और गरीबों के बीच इसका सहज प्रवेश रहा है ।साथ ही कन्हैया की भाषण शैली और युवा पीढ़ी के बीच जिस तरह का नेटवर्क सोशल मीडिया से लेकर गांव स्तर तक विकसित किया है इसका लाभ कांग्रेस को मिल सकता है ।अगर ऐसा हुआ तो फिर कन्हैया कांग्रेस का जो पुराना फॉर्मूला रहा है सवर्ण ,दलित और मुसलमानों को जोड़ने में कामयाब हो सकता है क्यों कि बिहार के 30 वर्षों की जो राजनीति रही है उसमें जिस तरीके सवर्ण राजनीति को लालू प्रसाद हो या फिर नीतीश कुमार हो जिस तरीके से समाप्त करने की सियासत को बढ़ाया है उससे सवर्ण मतदाता खासे नाराज हैं वही बिहार भाजपा में भी फिलहाल सवर्ण राजनीति हाशिए पर हैं।

ऐसे में जैसे ही कोई तीसरा विकल्प दिखेगा तो सवर्ण मतदाता रातो रात बदल जाये तो कोई बड़ी बात नहीं होगी क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में पहले और दूसरे फेज के चुनाव में ये देखने को भी मिला जहां चिराग के प्रत्याशी मजबूत सवर्ण नेता था वहां जदयू के उम्मीदवार को वोट नहीं किया।

2–कन्हैया के सामने चुनौती भी कम बड़ी नहीं है कागज पर भले ही कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से बड़े बदलाव की बात चल रही है लेकिन जमीन पर कन्हैया के सामने कम बड़ी चुनौती नहीं है। जिस वामपंथ के सहारे कन्हैया यहां तक पहुंचा है उस विचारधारा से जुड़े ऐसे लोग जो कन्हैया के साथ पूरी मजबूती के साथ खड़ा था उसको कन्हैया अपने साथ कैसे जोड़े रख सकता है यह पहली चुनौती है।

क्यों कि वामपंथ की वजह से ही इनका प्रवेश गरीब.दलित और कमजोर वर्ग में हो सका है । साथ ही वामपंथी इंटेलीजेंसिया जो इसके साथ खड़ा रहा है और इस वजह से मीडिया और बौद्धिक जगत में कन्हैया की पकड़ मजबूत हुई वो वर्ग कन्हैया के साथ जुड़ा रहे ये भी बड़ी चुनौती कन्हैया के सामने हैं हालांकि बिहार कांग्रेस में अब कोई ऐसा नेता नहीं रहा जिससे कन्हैया को आमने सामने की टक्कर दे सके लेकिन ऐसे नेता का अभी भी भरमार है जो इसका खेल बिगाड़ सकता है ।

विशेष राज्य पर कोई समझौता नहीं — नीतीश कुमार

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बिहार दौरे की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य की मांग जारी रहेगी । मंत्री के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि वो अलग तरीके से कहा गया बयान है कि इतने दिनों से मांग नहीं मानी गई है इसलिए अब विशेष राहत की मांग करेंगे।

मुख्यमंत्री नीतीश कूमार ने कहा कि बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग हमलोग शुरू से करते आ रहे हैं और ये जारी रहेगा । सीएम ने कहा कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो विशेष दर्जा के लिए कमिटी भी बनी थी. लेकिन उसपर कुछ नहीं हुआ । अब इस मामले पर केंद्र को निर्णय लेना है । मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी मानते हैं कि राज्य का विकास होना चाहिए इसलिए शुरू से हम सबकी यह मांग रही है ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना पर भी अपनी बात कही । उन्होंने कहा कि दिल्ली में हम सबने बात की है । मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया. हम सभी दल आपस में बैठकर बात करेंगे । राज्य के लिए कुछ करना है तो सभी बैठकर बात करेंगे और आपसी सहमति से इसपर आगे बढ़ा जाएगा।

नीतीश कुमार के इस बयान के बाद एक बार फिर बिहार की सियासत गरमाने लगी है ।

दूसरे चरण का चुनाव छिटपुट हिंसा के बीच सम्पन्न

बिहार पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में अपराधियों और उपद्रवियों पर मतदाता का जोश भारी पड़ा छिटपुट हिंसा के बीच चुनाव आज 34 जिलों के 48 प्रखंडों में वोटिंग हुई जिसमें 55 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
मुंगेर जिले के टेटियाबम्बर के टेटिया पंचायत में दो पक्षों के बीच पथराव हुआ है। इसके बाद कई राउंड फायरिंग हुई है। गोलीबारी में 7 लोग जख्मी हैं। एक की हालत गंभीर है। वहीं, इस मामले में 2 महिला समेत 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इधर, पटना के पालीगंज में गोलीबारी हुई है।

पटना के पालीगंज में मतदान के अंतिम क्षण में बूथ संख्या 306 एवं 307 पर कुछ असामाजिक ने गोलीबारी की है। गोलीबारी से वहां अफरातफरी का माहौल बन गया और मतदान के लिए आए लोगों में भगदड़ मच गई । ​​​​​​​इधर, भोजपुर जिले के तिलाठ बूथ संख्या 112,114 पर दो मुखिया प्रत्याशी के समर्थक आपस में एक बार फिर भिड़ गए हैं। दोनों तरफ के समर्थकों के बीच मारपीट के बाद फायरिंग भी की गई है। मारपीट में एक का सिर भी फट गया है। बुधवार की सुबह भी दोनों प्रत्याशी के समर्थक भिड़ गए थे। पीरो प्रखंड के तिलाठ पंचायत का है मामला।

एक नजर चुनाव के दौरान क्या खास रहा

  • समस्तीपुर में बूथ पर पिस्टल के साथ युवक गिरफ्तार। चार जिंदा कारतूस भी बरामद।
  • गया के टिकारी में दो जगहों पर मुखिया प्रत्याशियों के बीच झड़प।
  • पूर्णिया जिले के बनमनखी प्रखंड में मतदान केंद्र पर पल्स पोलियो और कोविड-19 टीकाकरण भी।
  • भोजपुर की बूथ संख्या 112, 114 पर दो मुखिया प्रत्याशी समर्थकों के बीच मारपीट के बाद फायरिंग।
  • भोजपुर के लहठान पंचायत के पिटरों गांव में बूथ संख्या 170 पर मतदाता की हार्ट अटैक से मौत।
  • भोजपुर के लहठान पंचायत में बूथ संख्या 170 पर जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे महिला मतदाता।
  • बेतिया के चनपटिया प्रखंड के उतरी घोघा पंचायत की बूथ संख्या 146 पर दो प्रत्याशियों में झड़प।
  • मोतिहारी के फेनहारा की बूथ संख्या 48 पर ASI ने बोगस वोटिंग से रोका तो दबंगों ने पीटा।
  • नालंदा के प्यारेपुर पंचायत के दुर्गापुर गांव में निवर्तमान मुखिया राकेश कुमार के घर छापेमारी। हिरासत में लिए गए।
  • मुजफ्फरपुर के सरैया पंचायत में फारयिंग का मामला सामने आया है। SDPO समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे।
  • भोजपुर के छछूडिह गांव में बूथ संख्या -158 के पीठासीन पदाधिकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया।
  • मुजफ्फरपुर में बूथ संख्या 325 पर बवाल, सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को खदेड़ा।
  • भोजपुर के राजकीय मध्य विद्यालय तिलाठ बूथ संख्या 112,114 पर मतदान से पहले जमकर हंगामा।

कन्हैया का सीपीआई छोड़ना वामपंथ के लिए बड़ा नुकसान है।

बेगूसराय से किसी मित्र ने यह तस्वीर भेजी है गौर से देखिए कौन है, जी है ये कन्हैया है । सीपीआई के महासचिव एबी बर्धन कन्हैया को जोरदार भाषण देने के लिए पुरस्कृत कर रहे हैं। मतलब कन्हैया का सफर कहां से शुरु हुआ था और कहां पहुंच गया वामपंथ विचार से जुड़े लोगों को इस पर विचार करना चाहिए।

23 वर्षो के पत्रकारिता जीवन में बात राजनीतिक दलों के नेताओं से रिश्तों की करे तो बीजेपी और वामपंथी पार्टियों से जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं से मेरा बेहद करीबी रिश्ता रहा है। हलाकि मोदी के आने के बाद बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता दोनों के चाल चरित्र और चेहरा में बड़ा बदलाव आ गया है।

मेरा मानना है कि विपक्ष में रहने के दौरान जितना सरल और सहज बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता होते हैं वो सहजता सत्ता में आने के साथ ही रातो रात गुम हो जाती है।

वही वामपंथी आलोचना कभी बर्दास्त नहीं करता है वो हमेशा आक्रमक रहता है, पढ़ाई लिखाई की बात करे तो वामपंथी पढ़ाई लिखाई से लगाव रखता है लेकिन बदलवा में विश्ववास नहीं है।

जो कार्ल मार्क्स जो कह गये वही सत्य है कन्हैया का जाना उसी बदलाव का एक हिस्सा है जिसको वामपंथी स्वीकार करने को तैयार नहीं है कि कार्ल मार्क्स के आगे भी दुनिया है ।

-पत्रकार संतोष सिंह के वाल से

पटना के मछुआटोली कूड़ा डपिंग यार्ड को हटाने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर।

पटना हाई कोर्ट ने पटना के मछुआटोली स्थित घनी आबादी वाले क्षेत्र में कूड़ा (गारबेज ट्रांसफर सेंटर व गारबेज प्रोसेसिंग) नष्ट के कार्यों को अन्य स्थान पर शिफ्ट करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा पटना नगर निगम से जवाबतलब किया। हलफनामा दाखिल करने को कहा है। यह जनहित याचिका मोहन प्रसाद व अन्य द्वारा दायर की गई।

इस जनहित याचिका में स्थानीय लोगों के असुविधाओं व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के मद्देनजर क्षेत्र में इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। ये जनहित याचिका दायर करने वाले मछुआटोली क्षेत्र के निवासी है।
इस याचिका में कहा गया है कि उक्त जमीन पर मिडिल स्कूल चल रहा था। शेष बचे जगह पर स्थानीय लोग उस खुले जगह का इस्तेमाल घूमने टहलने के लिए करते थे।

वहाँ बांकीपुर अंचल मयूनिसिपल ऑफिस भी था, जिसे बाद में कही और स्थानांतरित कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने इस स्थान को चिल्ड्रेन पार्क के तौर पर विकसित करने का आग्रह संबंधित अधिकारियों से किया।

अंततः अधिकारियों ने उक्त जमीन पर मॉल बनाने का निर्णय लिया। निर्माण भी शुरू हुआ, लेकिन पूरा नहीं किया जा सका। जिसके परिणामस्वरूप आसामाजिक तत्वों का उक्त स्थान पर प्रवेश हुआ।

इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने संबंधित अधिकारियों से मॉल का निर्माण करने का अनुरोध किया, ताकि क्षेत्र साफ सुथरा रह सके। लेकिन, कुछ भी नही हो सका और अभी उस स्थान पर कूड़ा केंद्र और व्यवसाय के लिए खाद उत्पादन यूनिट की स्थापना कर दी गई है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अजित कुमार ने बताया कि इस प्रकार का कार्य मयूनिसिपल लॉ, पर्यावरण लॉ व जनसंख्या से जुड़े कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। इतना ही नहीं भारत के संविधान में वर्णित शालीनता के साथ रहने के अधिकार का भी उल्लंघन है। इस मामले पर आगे सुनवाई की जाएगी।

उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स, निफ्टी लाल निशान में बंद; पावर, मेटल्स, पीएसयू बैंक, फार्मा और रियल्टी टॉप गेनर रहे।

बुधवार को मासिक वायदा और विकल्प समाप्ति से एक दिन पहले उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स, निफ्टी में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 254.33 अंक नीचे 59,413.27 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 37.30 अंक नीचे 17,711.30 पर बंद हुआ।आज दिन के सबसे निचले स्तर पर सेंसेक्स 556 अंक तक गिर गया और निफ्टी 50 इंडेक्स 17,608 के निचले स्तर को छू गया। हालांकि दोपहर में बाजारों में आंशिक रिकवरी हुई ।

सेंसेक्स चार्ट (29.09.21) एक नजर में

सेक्टर के मोर्चे पर, बिजली, धातु, फार्मा और रियल्टी सूचकांकों में 1-3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि ऑटो, बैंक, पूंजीगत सामान, एफएमसीजी नामों में बिकवाली देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स ने बेहतर प्रदर्शन किया । बैंक निफ्टी 0.53% की गिरावट के साथ बंद हुआ क्योंकि निजी बैंक शेयरों में गिरावट के साथ कारोबार हुआ ।

सेंसेक्स में एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक शीर्ष पर थे। HDFC के शेयर 1.96%, कोटक बैंक के शेयर 1.75% और एशियन पेंट्स के शेयर 1.72% गिरकर बंद हुए। वहीं NTPC के शेयर 6.52%, पावरग्रिड 6.18% और सन फार्मा के शेयर 4.09% चढ़कर बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 18 शेयर्स कमजोरी के साथ और 12 शेयर्स बढ़त के साथ बंद हुए। बीएसई पर कारोबार के दौरान 218 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 28 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

प्रथम जन प्रस्ताव (IPO) खुला

आज से असेट मैनेजमेंट कंपनी आदित्य बिड़ला सनलाइफ AMC का IPO खुल गया है। निवेशक 1 अक्टूबर तक निवेश के लिए बोली लगा सकेंगे। कंपनी ने इश्यू का प्राइस बैंड 695-712 रुपए प्रति शेयर तय किया है। यह इश्यू 11 अक्टूबर 2021 को लिस्ट हो सकता है।

छिटपुट हिस्सा को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण, 15 से अधिक उपद्रवी गिरफ्तार

पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में आज सुबह से ही हिंसा, तोड़फोड़ और मारपीट की खबरे आ रही है वही EVM में खराबी बायोमेट्रिक सिस्टम फेल होने से कई जगहों पर मतदान कार्यप्रभावित हुआ है। फिर मतदाता घर से बाहर निकल रहा है आज भी महिला वोटर पुरुष की तुलना में ज्यादा वोटिंग कर रही है दोपहर 1 बजे तक 35 से 40 प्रतिशत वोटिंग हुई है।

1–छिटपुट हिंसा और मतदान केन्द्रों पर कुव्यवस्था के लिए याद किया जायेंगा यह चरण
आज बिहार सभी 34 जिलों के 48 प्रखंडों में पंचायत चुनाव के 23,161 पदों के लिए वोटिंग चल रहा है ।बेतिया के फेनहारा की बूथ संख्या 48 पर बोगस वोटिंग रोकने के दौरान पुलिस और स्थानीय दबंगों में हाथपाई हो गई। दबंगों ने ASI की पिटाई कर दी। इधर, भोजपुर के कटरिया पंचायत के छछूडिह गांव में बूथ संख्या -158 के पीठासीन पदाधिकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। बुजुर्ग महिला को मतदान कराने के लिए साथ में वोटिंग रूम पहुंच गए थे।

मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड अंतर्गत रामपुर विश्वनाथ पंचायत के निवर्तमान पंचायत समिति एवं उम्मीदवार राजन चौधरी के ऊपर हमला किया गया। वे क्षेत्र में निकले थे। इसी क्रम में बाइक सवार अपराधियों ने फायरिंग की। गोली बाइक पर लगी है। उम्मीदवार बाल बाल बच गए हैं। SDPO समेत कई अफसर मौके पर पहुंच गए हैं।

मतदान को लेकर देखे उत्साह

​​​​​​​नालंदा के प्यारेपुर पंचायत के दुर्गापुर गांव में निवर्तमान दुबरापुर पंचायत के मुखिया राकेश कुमार के घर में एसडीओ और डीएसपी के नेतृत्व में छापेमारी की गई, जहां खाना बनाकर वोटरों के बीच पर वितरण करने की तैयारी चल रही थी। सामान सहित निवर्तमान मुखिया राकेश कुमार को हिरासत में लिया गया है।

पश्चिम चंपारण के चनपटिया प्रखंड के उत्तरी घोघा पंचायत के बूथ नंबर 146 पर दो गुटों विवाद के बाद पत्थरबाजी हुई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजी। डीएम कुंदन कुमार और एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा मौके पर पहुंचे। डीएम ने कहा, मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है।

सुबह-सुबह भोजपुर में दो मुखिया प्रत्‍याशियों में भिड़त के कारण एक बूथ पर जबरदस्‍त हंगामा हो गया। मधेपुरा में एक महिला वोटर लाइन में खड़े-खड़े हीं बेहोश हो गई तो । भोजपुर के पीरो के लहठान पंचायत के पिटरों गांव में बूथ संख्या 170 पर लाइन में खड़े मतदाता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मृतक पिटरों गांव के वार्ड नम्बर नौ के निवासी रामेश्वर महतो थे।

लोकतंत्र के इस महापूर्व में शामिल होने के लिए पहुंची बिमार महिला

मोतिहारी के धारा प्रखंड के रूपौलिया पंचायत के बूथ संख्या 46 पर बोगस वोटिंग कर रहे युवक को रोकने पर पुलिस के साथ मारपीट की गई। इसमें एएसआई अजय कुमार घायल हो गए हैं। मौके पर पहुंचे एसपी नवीन चंद्र झा ने एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी ने इस मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया है।

वही इस बार कई जिलों से ये खबर आ रही है कि मतदान केन्द्रों पर बेसिक सुविधा भी उपलब्ध नहीं था कई जगहों पर मतदानकर्मी जमीन पर बैठकर वोटिंग कराते हुए देखे गये हैं ।

2–जितिया पर्व के बीच भी बड़ी संख्या में पहुंच रही महिलाएं
जितिया पर्व के कारण महिलाएं सुबह से ही मतदान केंद्र पर पहुंचने लगी हैं। भोजपुर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, नालंदा समेत बिहार के 34 जिलों में व्रती महिलाएं भी वोट देने के लिए पहुंची हैं। वे सुबह 6 बजे से ही पहुंचने लगी और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रही हैं।

वोटिंग को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है ।

वहीं भोजपुर के ही तिलाठ पंचायत के मोहन टोला बूथ पर ईवीएम खराब रहने के कारण एक घंटे से मतदान बाधित है। इससे आक्रोशित होकर लाइन में खड़ी करीब 70 महिलाएं बिना वोट दिए ही वापस घर लौट गईं। उनका कहना था कि वे निर्जला व्रत में हैं। आज सुबह 6 बजे ही बूथ पर आई थी। हलाकि दस बजे के बाद महिला वोटर मतदान केन्द्रों पर कम दिखने लगी थी ।

3—मां बेटी और भाई आमने सामने चुनाव मैंदान में है
इस बार के चुनाव में इस तरह कि दिलजस्प खबरे कई जिलों से आ रही है जहां सीतामढ़ी के चोरौत प्रखंड में मुखिया के लिए मां शकीला हुसैन व बेटी अनीसा हुसैन आमने-सामने हैं। चोरौत पूर्वी पंचायत में 20 साल से दो भाई राम प्रवेश चौधरी और राम नरेश चौधरी आमने-सामने हो रहे हैं।

मां बेटी आमने सामने चुनाव में

कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए अस्पतालों में बच्चों के लिये बनेंगे 1516 कोविड डेडिकेटेड बेडः मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए बच्चों के लिए बिहार में करीब 1516 कोविड डेडिकेटेड बेड बनाये जाएंगे। इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने बीएमआईसीएल को निविदा निकाल आगे की कार्रवाई करने को कहा है, ताकि तय समय पर राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में बेड अधिष्ठापित हो सके। अगले मार्च माह तक कार्य के पूर्ण होने की संभावना है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना पीड़ित बच्चों को त्वरित एवं बेहतर इलाज उपलब्ध हो सके इसे ध्यान में रख कर बेड की व्यवस्था की जा रही है। राज्य के सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड बेड लग जाने से आपात स्थिति में कोरोना से ग्रामीण क्षेत्रों के पीड़ित बच्चों का इलाज अपने नजदीकी जिलों में संभव हो सकेगा और आर्थिक बोझ से भी मुक्ति मिलेगी।

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कोरोना की रोकथाम और संभावित तीसरी लहर से सामना करने लिए राज्य में सभी आवश्यक तैयारियां पुख्ता करने का निर्देश दिया है, ताकि सही समय पर स्थितियों से निपटा जा सके। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास जारी है।

श्री पांडेय ने कहा कि 30 जिलों में 42-42 बेड और 8 जिलों में 32-32 बेड की व्यवस्था की जाएगी। कुल 1516 बेड में 456 हाइब्रिड आईसीयू बेड होंगे एवं 1060 ऑक्सीजनयुक्त बेड रहेंगे। इनमें कुछ बेड हाई डिपेंडेंसी होंगे।

विभाग संभावित तीसरी लहर के अलावे राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर प्रखंड, अनुमंडल और सदर अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेजों में संसाधनों को बढ़ाने का लगातार कार्य कर रहा है।

कोविड डेडिकेटेड बेड के क्रियाशील होने के बाद इसके संचालन को लेकर भी अस्पताल प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये जाएंगे, ताकि मरीजों को परेशानी न हो ।

सृजन घोटाले का मास्टरमांइड विपिन शर्मा गिरफ्तार।

सृजन घोटाले का मास्टरमाइंड विपिन कुमार शर्मा को ईडी ने गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद घोटाले के कई अहम राज खुलने की उम्मीद है। सृजन घोटाला की किंगपिन स्व. मनोरमा देवी और उसके पुत्र अमित कुमार से विपिन के साथ गहरे रिश्ते रहे हैं। भागलपुर स्थित जीटीएम मॉल में सात दुकान विपिन कुमार और उसकी पत्नी रूबी कुमार के नाम से खरीद हुई है। चार दुकान विपिन के नाम और तीन पत्नी रूबी कुमारी के नाम पर है। इसका भुगतान सृजन महिला विकास समिति के खाते से हुआ है।

SrijanScam

रूबी सृजन घोटाले के एक मामले में पटना एयरपोर्ट से पहले ही गिरफ्तार चुकी है। रूबी कुमारी के नाम गाजियाबाद में आवासीय फ्लैट का भुगतान भी सृजन महिला विकास समिति के खाते से किया गया है। विपिन कुमार तिलकामांझी थाने का रहने वाला है। वह बैंक, सृजन महिला विकास समिति, जिला कल्याण पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी, भूअर्जन पदाधिकारी के बीच विचौलिये की भूमिका निभाता था। पूर्णिया से तेरह लाख रुपये के चार पहिया वाहन की खरीद भी महिला विकास समिति के खाते से ही की गई थी। इसके अलावा राजधानी पटना के बेलीरोड स्थित गोला रोड में मैजेस्टिक जानकी अपार्टमेंट में फ्लैट नंबर 109 की खरीद भी की है।

विपिन के खिलाफ नौ मामले की जांच
ईडी विपिन कुमार शर्मा के खिलाफ दर्ज सृजन घोटाले के नौ मामले का अनुसंधान कर रही है। सीबीआई इन मामलों में चार्जशीट कर चुकी है। सृजन घोटाला के आरोपियों के खिलाफ ईडी 24 मई 2018 से ही जांच कर रही है। इस केस में ईडी ने पीएमएलए 05/21 दर्ज किया है। एक अन्य आरोपित देवशंकर मिश्रा भी इस मामले में न्यायिक हिरासत में जेल में है।

अन्य आरोपित भी खोल रहे राज
इससे पहले अकाउंटेंट प्रणव कुमार घोष, जो मनोरमा देवी और सृजन महिला विकास समिति के खाते का लेखा-जोखा रखता था, अभी वे फिलहाल बेऊर जेल में हैं।

ईडी की बड़ी कारवाई रेलवे इंजीनियर की करोड़ो की संपत्ति किया जप्त

ईडी ने बड़ी कारवाई करते हुए रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव की 3.44 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया है। चन्देश्वर यादव के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।

ईडी ने रेलवे का स्क्रैप बेचने के मामले में पूर्व रेलवे जमालपुर के तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था।

इसी मामले में मेसर्स श्री महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अभियुक्तों पर आरोप है कि रेलवे के स्क्रैप (रेल वैगन का पुराना हिस्सा) को मोटी रकम लेकर महारानी स्टील को औने-पौने दाम में बेच दिया था।

इसके कारण रेलवे को लगभग 34 करोड़ रुपये का चूना लगा था। उक्त स्क्रैप के कस्टोडियन तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव ही थे।

इस मामले में कंपनी के फाइनांसर राकेश कुमार ने बताया था कि उक्त स्क्रैप को खरीदने के लिए रेलवे के पदाधिकारियों को मोटी रकम दी गयी थी।इस मामले में सीबीआइ ने भी नौ फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था और जांच कर रहा है।

ईडी ने इस मामले को 28 फरवरी, 2020 में दर्ज की थी। पूछताछ के बाद तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव व मेसर्स महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार के नाम सामने आये थे और फिर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा – कन्हैया कुमार

काफी जद्दोजहद के बीच आज कन्हैया कुमार नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कन्हैया कुमार ने भाजपा और RSS पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश का भविष्य खराब करना चाहते हैं, कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। आज देश में गांधी की एकता, आंबेडकर की समानता और भगत सिंह के साहस की जरूरत है।
कन्हैया ने कहा कि हमारे देश का नेतृत्व कांग्रेस ही कर सकती है।

कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से लोकतांत्रिक पार्टी है। यह परिवार को छोड़ने के लिए नहीं कहती है। महात्मा गांधी पत्नी के साथ आजादी की लड़ाई लड़े थे। कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है, जो गांधी की विरासत को आगे ले जाएगी। सरोजिनी नायडू, आंबेडकर, नेहरू, अशफाक उल्लाह खान, भगत सिंह और मौलाना आजाद के रास्तों पर चलेगी।

यहां समानता और बराबरी कुछ लोगों के लिए सीमित नहीं है। ये भारतीय होने का इतिहास है और इस भारतीय होने के इतिहास को अगर कोई अपने आप में कोई समेटे हुए हैं तो वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है।

कन्हैया ने कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं, क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, एक विचार है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है। मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं… सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता।

मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हो रहा हूं, क्योंकि मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वे एक सोच हैं। वे देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस एक बड़े जहाज की तरह है, अगर इसे बचाया जाता है, तो मेरा मानना है कि कई लोगों की आकांक्षाएं, महात्मा गांधी की एकता, भगत सिंह की हिम्मत और बीआर आंबेडकर के समानता के विचार की भी रक्षा की जाएगी। इसलिए शामिल हुआ हूं।

देश के लाखों-करोड़ों नौजवानों को ये लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। हम कांग्रेस पार्टी में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि कांग्रेस गांधी की विरासत को लेकर आगे चलेगी।

सेंसेक्स, निफ्टी दोनों गिरकर नीचे बंद हुए।

नकारात्मक वैश्विक बाजार संकेतों और मुनाफावसूली ने चार दिनों में पहली बार सेंसेक्स और निफ्टी दोनों को नीचे धकेल दिया । सेंसेक्स 410.28 अंक गिरकर 60,000 अंक से नीचे फिसलकर 59,667.60 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 106.50 अंक फिसलकर 17,750 के स्तर से नीचे 17,748.60 पर बंद हुआ। इससे पहले दिन में, बीएसई बेंचमार्क 1,032.35 अंक की गिरावट के साथ 59,045.53 के निचले स्तर पर पहुंच गया था, जबकि निफ्टी ने 279.00 अंक की गिरावट के साथ 17,576.10 के निचले स्तर को छुआ था।

सेंसेक्स चार्ट (28.09.21) एक नजर में

सेक्टोरल मोर्चे पर, आईटी और रियल्टी सूचकांक 2-3 प्रतिशत गिर गए, जबकि बिजली, तेल और गैस और धातु सूचकांक हरे रंग में समाप्त हुए। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.71 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप 0.62 फीसदी टूटा। निफ्टी पीएसयू बैंक, निफ्टी फार्मा और निफ्टी मेटल सभी लाल निशान में बंद हुए। रियल्टी इंडेक्स 3.02 प्रतिशत नीचे, निफ्टी आईटी इंडेक्स 2.20 फीसदी गिरा ।

अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और कच्चे तेल की कीमत के साथ-साथ चीनी संकट ने वैश्विक बाजार में चल रही रैली के लिए प्रमुख हेडविंड के रूप में काम किया। कारोबार के आखिरी घंटे में बाजार ने जबरदस्त रिकवरी की। बीएसई 30-पैक इंडेक्स, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, सन फार्मा और टाइटन के नेतृत्व में केवल नौ स्टॉक उच्च स्तर पर बंद हुए। जबकि भारती एयरटेल, टेक महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व शीर्ष हारे हुए थे।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 20 शेयर्स कमजोरी के साथ और 10 शेयर्स बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। बीएसई पर कारोबार के दौरान 215 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 25 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

जदयू कार्यकारणी की हुई घोषणा पूराने चेहरे पर ही जताया भरोसा

जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने पार्टी की नई टीम का गठन कर दिया है। इसमें अधिकांश चेहरे पुराने ही हैं।

राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने केसी त्‍यागी (KC Tyagi) को फिर राष्‍ट्रीय प्रधान महासचिव (Secretary General) की जिम्‍मेदारी सौंपी है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी संसदीय दल के अध्‍यक्ष बने रहेंगे।

गोपालगंज के सांसद डा. आलोक कुमार सुमन को कोषाध्‍यक्ष बनाया गया है। टीम में लंबे अरसे बाद 18 सदस्‍यीय टीम में सांसद रामनाथ ठाकुर को महासचिव बनाया गया है।

इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मो अली अशरफ फातमी, पूर्व विधायक रामसेवक सिंह, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी, आफाक अहमद खान, प्रवीण सिंह, विधान पार्षद कमरे आलम, हर्षवर्धन सिंह को भी महासचिव बनाया गया है।

कुल नौ महासचिव बनाए गए हैं, जिनमें चार अल्‍पसंख्‍यक हैं। इसके अलावा पांच सचिव बनाए गए हैं। इनमें सांसद आरपी मंडल, पूर्व विधायक विद्यासागर निषाद, रविंद्र प्रसाद सिंह, राज सिंह मान और राजीव रंजन प्रसाद शामिल हैं।

बिहार की राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस से बेहतर कोई और विकल्प नहीं था ।

कन्हैया कुमार का कांग्रेस में जाना 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही तय हो गया था क्यों कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरीके से राजद,भाकपा माले और सीपीआई कन्हैया को हराने के लिए घेराबंदी कर रहा था ऐसे में कन्हैया के सामने कांग्रेस में जाने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचा था।

1—बिहार में कन्हैया के सामने कांग्रेस से बेहतर कोई विकल्प नहीं था
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस चाहती थी कि कन्हैया बेगूसराय से महागठबंधन के उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़े और इसके लिए अहमद पटेल कई बार लालू प्रसाद से बात किये इतना ही नहीं बीजेपी के विचारधार से असहमति रखने वाले कई बड़ी हस्ती लालू प्रसाद से जेल में जाकर मिले लेकिन राज्यसभा सांसद मनोज झा का वह तर्क भारी पड़ा जिसमें उनका मनना था कि कन्हैया सांसद बन गया तो फिर तेजस्वी के लिए खतरा हो सकता है इतना ही नहीं कन्हैया महागठबंधन का उम्मीदवार ना हो इसके लिए मनोज झा के साथ भाकपा माले और बिहार सीपीआई के नेता भी शामिल थे ।

2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल और लालू प्रसाद के परिवार बीच पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान जो दूरियां रही उसकी वजह कही ना कही कन्हैया भी रहा क्यों कि कांग्रेस का मानना था कि कन्हैया के महागठबंधन से बाहर रहने से मोदी के खिलाफ गोलबंदी कमजोर होगी और इसका प्रभाव भी देखने को मिल बिहार की चुनावी राजनीति में पहली बार लोकसभा चुनाव में राजद खाता तक नहीं खोल पाया।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी सीपीआई भले ही महागठबंधन का हिस्सा रहा लेकिन पूरे चुनाव के दौरान टिकट वितरण से लेकर प्रचार अभियान के तक कन्हैया को कैसे चुनावी प्रक्रिया से अलग रखे इसको लेकर मनोज झा के नेतृत्व में होटल मौर्या में वार रुम बना हुआ था इस खेल में भाकपा माले ,सीपीआई और कांग्रेस के भी कुछ सीनियर नेता शामिल थे ।

चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी के बाद राजद के उम्मीदवारों ने चुनावी सभा कराने के लिए सबसे ज्यादा मांग कन्हैया का ही किया था 90 से अधिक ऐसे राजद के उम्मीदवार थे जो कन्हैया का सभा अपने क्षेत्र में करााना चाह रहा था लेकिन ऐसा नहीं हो सका ।

वही दूसरी और बीजेपी की पूरी टीम कन्हैया की पीछे पड़ी हुई है ऐसे में कन्हैया को राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस से बेहतर विकल्प दूसरा कोई नहीं था क्यों कि बिहार में सीपीआई की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है वही राजद और बीजेपी के साथ खड़ी उन ताकतों के सामने सीपीआई आज की तारीख में खड़े होने की स्थिति में नहीं है ऐसे में कन्हैया के सामने कांग्रेस छोड़कर कोई दूसरा विकल्प नहीं था।

2—-कन्हैया के साथ आने से बिहार में कांग्रेस मजबूत होगी
आज कांग्रेस की स्थिति 2014 जैसी नहीं है साथ ही आज की तारीख में राहुल पप्पू वाली छवि से बाहर निकल चुका है वही राष्ट्रीय स्तर पर राहुल यह साबित करने में कामयाब रहा है कि वो नरेन्द्र मोदी से मजबूती के साथ लड़ सकता है फिर भी उन्हें ऐसे युवा चेहरे की जरुरत है जो अपने बल पर कुछ वोट जोड़ सके ।

इस लिहाज से कन्हैया बिहार में भी उपयोगी है खास करके बिहार के यूथ का एक हिस्सा और मुस्लिम अभी भी कन्हैया का दिवाना है वही कन्हैया के आने से बिहार कांग्रेस को एक ऐसा चेहरा मिल जायेंगा जो अपने बल पर पांच से दस हजार लोगों की सभा कर सकता है जिसको सूनने के लिए लोग घर से बाहर निकल सकते हैं ।

3–कन्हैया मीडिया ब्वॉय है
भले ही निगेटिव खबर ही क्यों ना चलाये लेकिन मीडिया को आज भी कन्हैया की जरुरत है कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने की खबर आज सभी चैनल का हेडलाइन है बिहार में सीपीआई दफ्तर में मीडिया सुबह से ही स्टोरी करने में लगी हुई है कि कैसे कन्हैया सीपीआई दफ्तर में आना बंद किया तो जिस कमरे में कन्हैया रहता था वहां से AC निकलवा लिया है।
निगेटिव स्टोरी ही क्यों ना चलाये आज से कन्हैया मीडिया में जगह लेता रहेगा ।

कन्हैया आज कांग्रेस में शामिल होंगे

JNU छात्र संघ के पूर्व आध्यक्ष और CPI का फायरब्रांड नेता कन्हैया कुमार अपने साथ गुजरात विधानसभा के सदस्य जिग्नेश मेवानीअंशुल त्रिवेदी,सुशील और पीयूष रंजन झा आज दोपहर तीन बजे कांग्रेस का हाथ थाम लेंगे।

कन्हैया कुमार दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में कांग्रेस की सदस्यता लेंगे। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहेंगी।

कन्हैया CPI के टिकट पर 2019 लोकसभा चुनाव भाजपा के गिरिराज सिंह के खिलाफ बेगूसराय सीट से लड़ा था, हालांकि वे हार गए थे।

सदस्यता से पहले भगत सिंह की प्रतिमा पर करेंगे माल्यार्पण
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने से पहले कन्हैया कुमार दोपहर 2:30 बजे दिल्ली के ITO स्थित शहीद-ए-आजम भगत सिंह पार्क जाएंगे।

यहां वे भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद वे कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे। कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने से बिहार की राजनीति बदल सकती है ।

हर्ष फायरिंग पर लग सकती है रोक, हाईकोर्ट ने सरकार से माँगी रिपोर्ट ।

पटना हाई कोर्ट ने शादी।समारोहों में लाइसेंसी/बिना लाइसेंसी बंदूको से अंधाधुध फायरिंग कर मानव जीवन को खतरे में डालने पर दायर एक लोकहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 3 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है |

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हर साल कई सारे लोग शादी समारोहों में लाइसेंसी/बिना लाइसेंसी बंदूको से हुए अंधाधुध फायरिंग का शिकार हो कर जान से हाथ धोते हैं |

याचिकाकर्ता ने वैशाली जिला स्थित चंडी धनुष के ऐसे ही वारदात का हवाला देते हुए विवाह कार्यक्रमों में हवाई फायरिंग पर रोक लगाये जाने पर याचिका दायर की थी |

इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के अन्दर जवाब देने के लिए कहा है | मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी |

कोरोना से लड़ने के लिए यूनीसेफ और बिहार सरकार के बीच हुआ करार

भारत भर में कोविड-19 टीकाकरण अभियान हेतु जापान सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही सहायता के अंतर्गत यूनिसेफ़ द्वारा हासिल किए गए कोल्ड चेन उपकरण (सीसीई) की पहली खेप आज एक प्रतीकात्मक हस्तांतरण समारोह में बिहार सरकार को सौंपी गई. पहली खेप में लगभग बीस हज़ार वैक्सीन कैरियर शामिल हैं।

यूनिसेफ़ इंडिया के उप प्रतिनिधि, यासुमासा किमुरा से वैक्सीन कैरियर ग्रहण करने के उपरांत बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा, “हम यूनिसेफ के ज़रिए कोल्ड चेन उपकरण बिहार की सहायता करने के लिए जापान सरकार के आभारी हैं। बिहार सरकार कोविड-19 से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और 6 महीने में 6 करोड़ टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

सीसीई से राज्य के टीकाकरण क्षमता में वृद्धि होगी जिससे कोविड-19 टीकाकरण के साथ-साथ बच्चों और महिलाओं के नियमित टीकाकरण को गति मिलेगी।

भारत में जापान सरकार के Ambassador Extraordinary and Plenipotentiary महामहिम सुजुकी सातोशी और यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. यासमीन अली हक़ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

पटना में आयोजित कार्यक्रम में प्रत्यय अमृत, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार और यूनिसेफ़ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़ समेत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, बिहार सरकार एवं यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

जापान सरकार द्वारा भारत के कोविड-19 महामारी बचाव अभियान की मदद करने के लिए घोषित कुल 93 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता राशि के हिस्से के रूप में बिहार सरकार को 100,000 फ्रीज़ फ़्री वैक्सीन कैरियर, दो वॉक-इन कूलर, तीन वॉक-इन फ्रीज़र, 20 कोल्ड चेन इक्विपमेंट रिपेयर और मेंटेनेंस टूलकिट और 2100 फ्रीज़ टैग (जो एक वैक्सीन फ्रीज प्रिवेंशन मॉनिटरिंग डिवाइस है), मिलेगा।

भारत में जापान के Ambassador Extraordinary and Plenipotentiary महामहिम सातोशी सुजुकी ने कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में हमारे संयुक्त प्रयासों से कोविड-19 महामारी के कारण होने वाले विनाशकारी प्रभाव को दूर करने में मदद मिलेगी एवं हमारे संबंधों को और भी अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने का अवसर मिलेगा।

यूनिसेफ़ इंडिया की प्रतिनिधि डॉ. यासमीन अली हक़ ने कहा, “यूनिसेफ के माध्यम से जापान सरकार द्वारा भारत को सही समय पर यह बड़ी सहायता मिली है जब देश अपने टीकाकरण योग्य आबादी, विशेषकर कमज़ोर वर्ग के लोगों को कोविड टीका लगाने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

पूरे भारत में पहले से ही 81 करोड़ से अधिक ख़ुराकें दी जा चुकी हैं और आने वाले दिनों में कोविड-19 टीकाकरण से देश में स्थिति सामान्य करने एवं आपातकालीन सेवाओं की सुरक्षित बहाली में मदद मिलेगी।

सभी स्तरों पर कोल्ड चेन सिस्टम की आपातकालीन क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए जापान सरकार के वित्त पोषण का कोल्ड चेन उपकरण की ख़रीद में निवेश किया जा रहा है ताकि एक प्रभावी कोविड-19 टीकाकरण अभियान के अलावा महिलाओं और बच्चों के नियमित टीकाकरण को लंबी अवधि के लिए मज़बूती मिल सके. इसमें कोल्ड चेन सिस्टम का हिस्सा – वॉक इन कूलर, वॉक इन फ्रीज़र, सोलर डायरेक्ट ड्राइव, फ्रीज़ फ़्री वैक्सीन कैरियर, टूलकिट, फ्रीज़ टैग और वोल्टेज स्टेबलाइज़र्स की ख़रीद और वितरण शामिल होंगे तथा 25 राज्यों में टीकाकरण अभियान में सहायता करेंगे।

पटना शहर स्थित पूराने तलाब को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश ।

पटना के बुद्धा कॉलोनी क्षेत्र के दुज़रा में सरकारी जमीन पर स्थित तालाब के रूप में चिन्हित स्थान को विकसित करने के लिए पटना हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।

इस जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए पटना के जिलाधिकारी और पटना नगर निगम को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।। यह जनहित याचिका सुभाष कुमार ने इस जनहित याचिका को दायर किया।

कोर्ट ने पटना के डी एम को तीन सदस्यीय एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। यह कमेटी स्थिति की जांच कर एक रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि लगभग 5 एकड़ 17 कट्ठा में सरकारी भूमि पर पर स्थित तालाब का गैर कानूनी अतिक्रमण किया गया है।

भूमि का अधिग्रहण राजेन्द्र स्मारक के नाम पर तालाब के निर्माण के लिए किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा इस पर अतिक्रमण कर लिया गया है।

अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने अपने जनहित याचिका के जरिये चहारदीवारी बनाने का भी अनुरोध किया है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा तालाब क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है।

याचिकाकर्ता ने 6 सितंबर, 2021 को पटना के जिलाधिकारी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से इस मामले को लेकर पत्र भी लिखा गया है, जिसके जरिये तालाब से अतिक्रमण हटाने और चहारदीवारी का निर्माण करने की बात कही गई है।

याचिकाकर्ता ने तालाब के स्थल का पर जाकर कुछ फोटो लेने का काम भी किया है, जिसे याचिका के साथ कोर्ट के सामने प्रस्तुत किया गया।अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

सेंसेक्स 60,078, निफ्टी 17,855 पर सपाट बंद; ऑटो शेयरों में तेजी, आईटी में गिरावट

सोमवार को बाजार उतार-चढ़ाव के बीच सेंसेक्स, निफ्टी सपाट बंद हुए। सेंसेक्स 29 अंक बढ़कर 60,078 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर और निफ्टी 50 इंडेक्स 2 अंक बढ़कर 17,855 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ।

निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स सपाट नोट पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक सपाट बंद हुए।

सेंसेक्स चार्ट (27.09.21) एक नजर में

सेक्टोरल मोर्चे पर, ऑटो और रियल्टी सूचकांकों में 2.5-3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आईटी सूचकांक में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट आई। एफएमसीजी, फार्मा, हेल्थकेयर और कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स भी नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए।

मारुति सुजुकी 6.5 प्रतिशत से अधिक की तेजी के साथ सेंसेक्स में शीर्ष पर रही, इसके बाद एमएंडएम, बजाज-ऑटो, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का स्थान रहा। दूसरी तरफ, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, बजाज फिनसर्व, इंफोसिस, नेस्ले इंडिया, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), सन फार्मा, टीसीएस, भारती एयरटेल शीर्ष इंडेक्स ड्रैगर्स थे। निफ्टी ऑटो 3.22 फीसदी की बढ़त के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि निफ्टी आईटी लगभग 3 फीसदी गिर गया।

stock270921
सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 13 शेयर्स बढ़त के साथ और 17 शेयर्स कमजोरी के साथ कारोबार करते दिखे। बीएसई पर कारोबार के दौरान 236 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 33 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगायी फटकार

पटना हाईकोर्ट ने कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण बंद होने के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा कि कब तक टेंडर निकालने की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। डा आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को ये बताने कहा कि वेडिंग जोन निर्माण कब तक पूरा हो जाएगा।

कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि राज्य के नगर विकास और आवास विभाग ने इस योजना को कैसे रोक दिया।कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि नगर निगम स्वायत्त संस्था हैं,जिसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के लिए फिर कब टेंडर जारी किया जाएगा और ये कब तक पूरा हो जाएगा।

पटना नगर निगम ने कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण रोके जाने के मामले में एक हलफनामा दायर किया।इस हलफनामा में यह बताया गया कि नगर निगम को दो करोड़ रुपए से अधिक का टेंडर जारी करने का अधिकार नहीं है।

साथ ही इस तरह के निर्माण के लिए बुडको से सहमति लेना आवश्यक है।कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इन सरकारी विभागों ने निगम के टेंडर को कैसे रद्द कर दिया,जबकि नगर निगम संवैधानिक दर्जा प्राप्त स्वायत संस्था हैं।

साथ ही नगर निगम को बुडको की सहमति क्यों लेने की जरूरत है।हाईकोर्ट ने जानना चाहा कि जब नगर निगम स्वायत्त संस्था हैं और उसकी वित्तीय स्वतंत्रता हैं,इन सरकारी विभागों को टेंडर रद्द करने का क्या अधिकार हैं।

अधिवक्ता मयूरी ने याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया कि इन दोनों सरकारी विभागों न सिर्फ कदमकुआं वेंडिंग जोन परियोजना को रद्द किया,बल्कि आठ अन्य परियोजनाओं को भी रद्द किया है।
इस मामले अगली सुनवाई फिर दो सप्ताह बाद सुनवाई होगी।