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Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

वेतनभोगी बन कर रह गया है आज का शिक्षक

आज, शिक्षक और मैं।

आज शिक्षक दिवस है,
अब तक बहुतों ने शुभकामनाएं दी है,
मैं उन शुभकामनाएं का क्या करूँ,
आदर सहित उनको अस्वीकार करता हूँ,
जिनकी भवनाएं टूटती है टूट जाये,
सिर्फ परम्परा को ढोने के लिए
मैं नही बना हूँ,
शायद मैं स्वार्थी बन गया हूँ,
हाँ मैं स्वार्थी हूँ,
क्योंकि मैं एक शिक्षक हूँ,
ओह नहीं,मैं शायद वेतनभोगी हूँ,
मैंने पिछले आठ सालों में
कुछ नही किया है,सिर्फ
शिक्षक का नाम ढोने के अलावे,
कोशिश बहुत की,परन्तु
कभी सफल नही हो पाता हूँ,
इस धंधे में आने से पहले
मैं अपने गुरुओं को बहुत
ही सम्मान की नजरों से देखता था,
उनकी बातों को आत्मसात करता था,
एक ऐसा रिश्ता था उनसे जो
अटूट था,स्नेह भरा था,
उनकी त्याग तपस्या,
और आशीर्वाद ने,
बहुत कुछ दे दिया मुझे,
परन्तु आज जिस छात्र को
देखता हूँ, स्वार्थी नजर आता है,
या शायद मैं स्वार्थी बन गया हूँ,
पढ़ाना मैरी मजबूरी बन गयी है,
अपनी ड्यूटी पर घंटो छात्रों का
इंतज़ार करता हूँ,
कुछ आते है,जो आज आते है वो
फिर कल नही आते है,
कोई जिम्मेदारी नही,कोई शर्म नही,
बस डिग्री कैसे ले इसी जुगाड़ में,
फ़ोन करते है बात करते है,बस
अपने काम के लिए,अपनी मतलब के लिए,
300 छात्रों में 30 भी नही आते,
बस यूं ही चल रहा है सब,
दुख तो तब और बढ़ जाता है
की स्नातक की डिग्री लेने के बाद भी
वे अपने विषय के शिक्षक को पहचानते भी नही।
जो छात्र एक आवेदन नही लिख पाता
वो बड़े शान से ग्रेजुएट हो गया है,
लानत है ऐसी व्यवस्था पे,
लानत है इस बात पे की मैं
एक शिक्षक हूँ,,
मैं नही चाहता कि आज के दिन
कोई मुझे याद करे,
अगर मैं किसी के बेहतर भविष्य का
सहभागी नहीं तो उसकी शुभकामनाओ
का आचार नही डाल सकता हूँ।


संतोष कुमार, सहायक प्राचार्य,
ये विचार मेरे अपने है

गोपाल के सामने क्यों बेबस हैं नीतीश

JDU विधायक गोपाल मंडल पर तेजस राजधानी एक्सप्रेस में यात्रियों के साथ हंगामा गाली गलौज धमकी दिए मामले में रेल एसपी पटना के निर्देश पर जीआरपी थाना आरा में JDU विधायक गोपाल मंडल सहित 4 लोगों पर आरा GRP में प्राथमिकी दर्ज….आरा GRP कांड संख्या –76/21 धारा:–504/290/379/34 भा०दी०वी एवं 3 (r)(s) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है। यह पहला मामला है जब बिहार के किसी विधायक की वजह से जहां पूरे देश में राज्य की आलोचना हो रही है वही सरकार और JDU अपने विधायकों को लेकर पूरी तरह से डिफेंसिव है।

सीएम नीतीश कुमार से जब आज मीडिया ने गोपाल मंडल के हरकत के बारे में सवाल किया तो उन्होंने “जांच चल रही है’ कहते हुए मीडिया से दूरी बना लिए ।गोपाल मंडल को लेकर यह कोई पहला मौका नहीं है जब सरकार को असहज होना पड़ा है।

कुछ दिन पहले राज्य के उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद के बारे में बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी किये थे जिसको लेकर बीजेपी को असहज होना पड़ा था।शराबबंदी को लेकर गोपाल मंडल नीतीश कुमार पर सीधे निशाना साधते हुए कहा था कि ‘मुख्यमंत्री का कान बंद है। इसलिए मुख्यमंत्री का कान खोलना चाहते हैं। बिहार में ऐसा कोई पुलिस या पुलिस अधिकारी नहीं है, जो शराब नहीं पीता।

कुछ दिन पहले बांका में 20 एकड़ जमीन पर JDU के विधायक कब्जा जमाने गए थे, लेकिन लोगों ने उन्हें बंधक बना लिया था। लौटने के बाद भागलपुर में उन्होंने एक समुदाय के खिलाफ जातिसूचक टिप्पणी करते हुए कहा- ‘उन लोगों की हिम्मत है..ठोक देंगे इस घटना को लेकर भी सोशल मीडिया में एक वीडियो खुब वायरल हुआ था इतना ही नहीं समय समय पर सीएम नीतीश कुमार के फैसले पर भी सवाल उठाते रहते हैं विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद उन्होंने कहा टिकट वितरण को लेकर सवाल खड़े हुए कहा था कि जदयू की हार के लिए सीएम नीतीश खुद जिम्मेवार हैं । ‘नाथनगर की सीट नीतीश कुमार की गलती की वजह से पार्टी हार गई।

Jdu और नीतीश गोपाल मंडल को लेकर खामोश क्यों है

इस तरह से व्यवहार के बावजूद नीतीश कुमार की चुप्पी रहस्य की बात है कहा यह जा रहा है कि बिहार विधानसभा में एक तो इस बार जदयू के विधायक की संख्या काफी कम है ऐसे में कारवाई करने के बाद विधायक खुल्ला साँड़ हो जायेंगा और उसके बाद सरकार को और परेशानी बढ़ सकती है

गरीबों के बीच राँबीन हुड, की छवि है गोपाल मंडल का
भागलपुर के गोपालपुर से गोपाल मंडल लगातार चौथी बार विधायक बने हैं इसकी वजह है यह है कि वो जिस गंगोता जाति से आते हैं उसकी पहचार उस इलाके में लड़ाकू जाति के रुप में है ,भागलपुर दंगा के दौरान जब शहर के लोग असुरक्षित महसूस करने लगे थे उस समय गंगोता ही पूरे शहर की सुरक्षा अपने कंधों पर लिया था और फिर भागलपुर में जो कुछ भी हुआ उसके पीछे गंगोता ही खड़ा था।

वो छवि आज भी भागलपुर जिले के लोगों के जेहन से बाहर नहीं निकला है इसका लाभ गोपाल मंडल को मिलता है फिर उस इलाके में भूमिहार और गंगोता के बीच वर्चस्व को लेकर ताना तानी चलता रहता है जिसके खिलाफ गोपाल मंडल हमेशा खड़ा रहता है फिर पुलिस और पदाधिकारी के बारे में सार्वजनिक रुप से बोलने की छवि है इस वजह से गरीबों के बीच गोपाल मंडल काफी लोकप्रिय है इतना ही नहीं भागलपुर लोकसभा में गंगोता जाति के वोट सबसे अधिक वोट 9.26 फीसदी हैं। भागलपुर जिले की राजनीति गंगोता जाति के वोटर तय करते हैं और गोपाल मंडल अपने जाति में भी काफी लोकप्रिय है।

भागलपुर से जदयू सांसद अजय कुमार मंडल भी गंगौता जाति से ही आते हैं और चाह करके गोपालमंडल का प्रभाव वो कम नहीं कर पाये लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार को गोपालमंडल को मनाने में पसीना छुट गया था कहां ये जा रहा है कि गोपालमंडल के मामने के बाद ही अजय मंडल सरल जीत हासिल कर पाये ऐसे में भागलपुर जिले में गोपाल मंडल का राजनैतिक पकड़ इतनी मजबूत है कि नीतीश कुमार चाह करके भी कुछ खास नहीं कर पायेंगे ।

वही गोपाल मंडल नीतीश कुमार से इसलिए भी नराज हैं कि चार बार से लगातार विधायक बनने के बावजूद नीतीश कुमार इन्हें मंत्री नहीं बनाये हैं और उसी नराजगी का यह असर है कि गोपाल मंडल नीतीश कुमार कैसे असहज महसूस करे इसके लिए सीमाएं लांघते रहता है ।

बिहार में एक और डीएसपी निकला करोड़पति 10 वर्षो में कमाया अकूत सम्पत्ति

बालू माफिया से सांठगांठ मामले में आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा आरा के तत्कालीन डीएसपी पंकज कुमार रावत द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में 3 सितंबर को EOU ने पटना में आय से अधिक संपत्ति की FIR नंबर 15/2021 दर्ज की। साथ में कोर्ट से सर्च वारंट लिया। इसी आधार पर आज पंकज कुमार रावत के पटना में बोरिंग रोड वाले फ्लैट, दानापुर के नासरीगंज वाले घर और नालंदा के हिलसा में पुश्तैनी घर पर अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की।

छापेमारी के दौरान पंकज कुमार रावत के पास करोड़ो के सम्पत्ति का खुलसा हुआ है पटना के दीघा बगीचा इलाके में जमीन, एसके पुरी थाना के तहत बोरिंग रोड में फ्लैट, दानापुर के शताब्दी मॉल में दो दुकान और हरियाणा के फरीदाबाद में एक फ्लैट खरीद रखा है। इसके अलावा LIC, बजाज एलियांज में बड़े इंवेस्टमेंट और खरीदी गई प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट्स टीम के हाथ लगे हैं। काली कमाई के जरिए खरीदी गई सारी प्रॉपर्टी और दूसरे इंवेस्टमेंट, डीएसपी, उनकी पत्नी व परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर है।

अब पटना में शंघाई का मजा लीजिए

2025 में जब आप पटना आयेंगे तो अशोक राजपथ पर आपको जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा यू कहे तो आप पटना में शंघाई का मजा ले सकते हैं ।कारगिल चौक से साइंस कॉलेज वाया पीएमसीएच बननेवाले डबल डेकर एलिवेटेड रोड के निर्माण का आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिलान्यास किया।

2022 मीटल लम्बा इस डबल डेकर एलिवेटेड रोड के निर्माण में 422 करोड़ रुपये खर्च होंगे इस रोड के बनने से अशोक राजपथ में जाम की समस्या से मुक्ति होगी. पीएमसीएच आना-जाना आसान होगा।

दूसरे तल्ले से जाना व पहले तल्ले से होगा आना

डबल डेकर एलिवेटेड रोड से आने-जाने की सुविधा होगी. इसके लिए पीएमसीएच के मेन गेट के पास मल्टीलेवल पार्किंग से कनेक्टिविटी होगी. निर्माण को लेकर मिट्टी जांच की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. कारगिल चौक से लेकर साइंस कॉलेज वाया पीएमसीएच के बीच जगह-जगह बैरिकेडिंग कर मिट्टी जांच का काम होगा.

डबल डेकर एलिवेटेड रोड में दूसरे तल्ले से जाना व पहले तल्ले से आना होगा. कारगिल चौक से साइंस कॉलेज जाने के लिए लोग दूसरे तल्ले वाले रोड का इस्तेमाल करेंगे. वहीं साइंस कॉलेज से कारगिल चौक आने के लिए पहले तल्ले वाले रोड से आयेंगे. निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि कारगिल चौक की तरफ से जानेवाले दूसरे तल्ले से पीएमसीएच चले जायेंगे. अगर उन्हें वापस कारगिल चौक की तरफ आना होगा तो पहले तल्ले से जा सकेंगे

दोनों तरफ सर्विस लेन होगी
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि डबल डेकर एलिवेटेड सड़क के दोनों तरफ सर्विस रोड होगी। इससे लोकल मार्केटिंग करने और नजदीक के कार्यालयों में पहुंचने वाले लोग जाएंगे।

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि गांधी मैदान स्थित करगिल चौक के उत्तर ऑटो स्टैंड से डबल डेकर एलिवेटेड सड़क की शुरुआत होगी। गांधी मैदान से PMCH, पटना विवि, NIT जाने वाले लोग दूसरे तल से जाएंगे। वहीं, NIT मोड़ की तरफ से गांधी मैदान की ओर आने वाले लोग पहले तल से आएंगे। पहले तल वाली सड़क BN कॉलेज के सामने नीचे उतरेगी।
मल्टीलेवल पार्किंग भी बनेगी

PMCH में मल्टीलेवल पार्किंग बनेगी। इस पार्किंग से एलिवेटेड सड़क की कनेक्टिविटी दी जाएगी। पहले तल्ले की पार्किंग में एनआईटी मोड़ से आने वाली गाड़ियां पहुंचेगी। वहीं, दूसरे तल पर गांधी मैदान की ओर से जाने वाली गाड़ियां जाएंगी। गंगा पाथ-वे से कृष्णाघाट होकर सड़क निकाली जा रही है। यह सड़क डबल डेकर एलिवेटेड रोड से जुड़ेगी। यहां से गायघाट की तरफ जाने वाले लोग गंगा पाथवे होकर जा सकेंगे। यानी, पटना सिटी इलाके में जाने के लिए जाम का सामना नहीं करना होगा।

आधी आबादी का सच’ हम जानकर भी हैं क्यों अनजान है

महिलाएं आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। समाज का इतना महत्वपूर्ण हिस्सा त्रासदी का शिकार रहा है, चाहे वह पहचान के संकट के रूप में हो या हिंसा झेलने की विवशता।वह भी उस समाज में जहां कहा जाता है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता’। यह समाज का दोहरा चरित्र नहीं तो और क्या है! हमारे यहां पुरुष-प्रधान समाज की ऐसी रचना की गई है कि ये सब कई लोगों को सामान्य लगता है। अखबारों में बलात्कार, दहेज-हत्या आदि समाचारों को हम छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं।
बहू के रूप में नौकरानी ढूंढी जाती है। बेटा सेवा करें या ना करें, बहू (कभी) ना करे तो उसे (और उसके पूरे खानदान तक को) ताना दिया जाता है या फिर उसके साथ घरेलू हिंसा तक की जाती है। बाहर काम करने वाली महिलाओं के साथ तो दोहरा शोषण है, घर के अंदर भी काम करने की उम्मीद और बाहर भी। क्या खूब समाज की रचना की गई है कि लड़के वाले को पैसे के साथ-साथ उल्टे में लड़की भी मिलती है और वह उनसे दबी रहने को मजबूर भी है! और लड़की भी कैसी, सुंदरता के मानकों पर खरी उतरने वाली जिसे देखने वक्त वस्तु की तरह टटोला जाता है, कई सवाल किए जाते हैं आदि, आदि। इसके बाद लड़की का पिता अपने जीवन भर की कमाई, यहां तक कि कर्ज लेकर भी शादी के एक रात में उड़ेल देता है, और फिर भी लोग संतुष्ट नहीं होते हैं।

उसके बाद ससुराल आने पर शुरू होता है ताना देने का दौर। उनकी पसंद कौन पूछता है, बस थोप दिया जाता है, चाहे वह कैरियर की बात हो या बच्चा पैदा करने का मामला। यहां भी समाज ने महिला को महिला के विरुद्ध सामने खड़ा कर दिया है। सोचने का तो सवाल ही नहीं है कि वह महिला ऐसा क्यों कर रही है, बस करना है! फिर ससुराल को अपना घर भी मानने नहीं दिया जाता है और मायके में तो लड़की पराई धन थी।

फिर, ससुराल के लोग, रिश्तेदार आदि शादी के दो-तीन साल के अंदर बहू से बच्चे की उम्मीद करने लगते हैं, उसमें भी होने वाली संतान लड़का हो तो और अच्छा। हिंदुस्तान में संतान पैदा करना/न करना अभी भी औरत के लिए ‘choice’ नहीं है, भले ही देश की आबादी कितनी भी बढ़ती जा रही हो। पर नहीं, समाज ने ऐसी व्यूह- रचना कर रखी है कि औरत आमतौर पर unconventional choices का सोचने से भी डरती है।तदोपरांत जिम्मेदारी बढ़ जाने के बाद अगर जरूरत हो नौकरी छोड़ने की तो मान कर चला जाता है कि लड़की ही छोड़ेगी, चाहे लड़की ने करियर बनाने के लिए लड़के जितना ही मेहनत क्यों न की हो।

आगे, औरत की अपनी जिंदगी कहां, वह तो बस बच्चों और परिवार के लिए अपनी ख्वाहिशो का त्याग कर जीने लगती है और हमारा समाज उसे त्याग की मूर्ति का बस तमगा देकर खुश हो जाता है! इन सब के बीच कोई समाज से यह क्यों नहीं पूछता कि भले ही हम चांद पर पहुंच गए हो, लेकिन इस धरती पर दहेज जैसी मामूली चीज के लिए क्यों किसी की जान ले ली जाती है? उस परिवार को सामाजिक से बहिष्कृत होने का भय क्यों नहीं?

तत्पश्चात बच्चे बड़े होकर अपने कैरियर में व्यस्त हो जाते हैं और पुरुष अपनी दुनिया में, पर औरत monopause, फिर mid-life crisis से जूझते हुए जब तन्हाई में पीछे मुड़कर देखती है तो सब कुछ खाली-खाली सा लगता है। और शायद जिंदगी का लेखा जोखा करते उस वक्त लगता हो कि क्या पाया, क्या खोया। शायद थोड़ा अपने लिए भी जिया होता!

समाधान:
• महिलाओं को अपने हक के लिए assertive होना पड़ेगा।
•पढ़ना और अपने पैरों पर खड़ा होने का हुनर महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है।
•संपत्ति का अधिकार लेना होगा (इसके बारे में विस्तृत कभी आगे लिखूंगी)।
•जरूरत पड़ने पर ना कहना सीखना होगा।
• अपने लिए भी सोचना होगा, superwoman बनने का लक्ष्य unrealistic है।
•पितृ-सत्तात्मक समाज का structure समझना होगा और जो चीजें महिला-विरोधी हैं, उसको सही करने के लिए काम करना होगा।

लेखिका — लक्ष्मी कुमारी (शिक्षक राजनीति शास्त्र ,वीर कुंउस सिंह विश्वविधालय)

बिहार में कोरोना के तीसरे लहर की हुई शुरुआत कई बच्चे पाये गये हैं कोरोना पाँजिटिव

पटना एम्स में 24 घंटे के अंदर शहर के गोसांई टोला की रहने वाली कोरोना संक्रमित बच्ची की मौत हो गयी है वही चार साल की कोरोना संक्रमित एक दूसरी बच्ची भर्ती हुई है । सिया कुमारी नाम की यह बच्ची सारण जिले के मिर्जापुर गांव की रहने वाली है।

एम्स में इलाज करे रहे डां कि माने यो सिया तीसरा बच्ची हो कोरोना संक्रमित पायी गयी ,बिहटा के दिलवारापुर के सात वर्षीय कोरोना संक्रमित शिवांशु कुमार का भी इलाज चल रहा है।

एम्स के डॉक्टर बच्चों में मिल रहे कोरोना के मामलों को लेकर गंभीर हैं. बिहटा के शिवांशु को बुखार और दूसरी परेशानियों के बाद एम्स में 31 अगस्त को दाखिल कराया गया था. यहां भर्ती सिया कुमारी का इलाज छपरा के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. वहां से उसे रेफर कर दिया गया. जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पायी गयी.बच्ची में कोरोना का कौन-सा वेरिएंट है, इसकी जांच के लिए अभी सैंपल लिया गया है. कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच अस्पताल प्रशासन इसे संभावित केस मान रहा है. गुरुवार को पटना एम्स में भर्ती गोसांईं टोला पाटलिपुत्र निवासी 11 वर्षीय आरोही कुमारी की कोविड से मौत हो गयी थी.

परिजनों का भी लिया गया सैंपल
डॉक्टरों ने पीड़ित बच्ची का रिपीट सैंपल लेने के साथ ही उसके परिजनों का सैंपल भी आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजा है. वहीं, पटना एम्स के कोविड वार्ड के नोडल पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार ने बताया कि बच्ची को तेज बुखार, खांसी-जुकाम के साथ पेट में पानी भरने की परेशानी है. हालांकि, ऑक्सीजन सैचुरेशन नियंत्रण में है.

बच्ची की देखभाल के लिए विशेष टीम लगायी गयी है. वायरस के वेरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल लिया गया है. उम्मीद है कि इसे आइसीएमआर भी भेजा जायेगा. उन्होंने कहा कि अभी दो बच्चे संक्रमित मिले हैं और इस आधार पर इसे तीसरी लहर की आहट कहना जल्दीबाजी होगी. विशेषज्ञ डॉक्टर बच्चों के मामलों को देख रहे हैं और सभी तरह की रिपोर्ट मिलने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचना बेहतर होगा.

पंचायत चुनाव को लेकर आयोग ने उठाये कठोर कदम आचार संहिता के उल्लंधन मामले में जा सकते हैं जेल

निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने को लेकर आयोग नित नये आदेश जारी कर रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई करने का कानूनी प्रावधान तय किया है, जिसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है. अगर कोई प्रत्याशी धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाता है, तो उसको तीन से पांच वर्ष की सजा मिलेगी. यह गैर जमानतीय व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है.

इसी प्रकार से कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी किसी के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो, तो उसको भी आइपीसी की धारा 171(जी) के तहत सजा होगी. यह जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी.

इसी प्रकार से निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों का प्रचार मंच के रूप में करना और जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में शामिल है.
अगर कोई प्रत्याशी भ्रष्ट आचरण करते हुए मतदाताओं को रिश्वत देता है , तो उसके लिए पंचायती राज अधिनियम के साथ आइपीसी की धारा में सजा का प्रावधान हैं. मतदाताओं को भयभीत करना, बूथ के 100 मीटर के भीतर वोट मांगना भी अपराध की श्रेणी में शामिल हैं. कोई प्रत्याशी अगर किसी व्यक्ति के शांतिपूर्ण जीवन में उनके घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करता है, तो उसको सजा मिलेगी.

किसी भी व्यक्ति के बिना अनुमति के उसके मकान पर झंडा टांगने, उसकी भूमि का उपयोग करना भी अपराध की श्रेणी में आता है. कोई भी प्रत्याशी या उसके समर्थक अन्य प्रत्याशी के द्वारा आयोजित जुलूस या सभा में बाधा उत्पन्न करता है, तो उसके सजा का प्रावधान किया गया है.

बिना लाइसेंस प्राप्त किये किसी भी प्रत्याशी द्वारा प्रस्तावित सभा व जुलूस में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं किया जायेगा. ऐसा करने पर उसके लाउडस्पीकर एक्ट के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. वोटिंग के दिन भी शांतिपूर्ण मतदान में बाधा करने पर कार्रवाई का प्रावधान है.

सरकारी गांड़ी पर हाईकोर्ट का चला डंडा बगैर निबंधन के सड़क पर उतरा तो होगा जप्त

पटना हाई कोर्ट ने बगैर निबंधन के ही सड़कों पर घूम रही पटना नगर निगम की गाड़ियों के मामले को निष्पादित कर दिया।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने आदेश जारी किया है कि कोई भी सरकारी या अन्य सरकारी निकाय की गाड़ी बगैर निबंधन के सड़क पर खड़ी नहीं रह सकती।

पटना नगर निगम के मामले में कोर्ट ने इस लापरवाही पर अपनी नाराज़गी जताते हुए नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को चार महीने के भीतर जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट ने निर्भय प्रशांत की जनहित याचिका को निष्पादित करते हुए ये आदेश दिया।

कोर्ट ने कड़ी टिपण्णी करते हुए कहा कि देश मे कानून से ऊपर कोई नही है।
जब मोटर वाहन कानून में कोई गाड़ी को निबंधन से छूट नही है, तो नगर निगम की गाड़ियां एक दिन भी आखिर बगैर निबंधन के कैसे सड़कों पर खड़ी रहती थी ? खण्डपीठ ने यह स्पष्ट आदेश जारी किया कि बगैर निबंधन के कोई भी सरकारी व निगम की गाड़ी एक दिन भी सड़कों पर खड़ी नही रहेगी।

कोर्ट में दायर हलफनामे को माने, तो पटना नगर निगम ने 925 गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन के लिए तकरीबन 2 करोड़ रुपये जमा किया।

वर्ष 2019 में राजधानी की सड़कों पर नगर निगम की करीब 925 गाड़ियां बगैर निबंधन व् बीमा के ही घूम रही थी।।

अपराधियों की अब खैर नहीं जनामत तभी मिलेगी जब आपके ऊपर अपराधिक मामला नहीं होगा दर्ज

पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यह तय किया है कि प्रत्येक निचली अदालत को किसी आरोपी की जमानत अर्जी को निष्पादित करने से पूर्व लोक अभियोजक या अनुसंधान पदाधिकारी से यह जानकारी लेनी होगी कि उस आरोपी के विरुद्ध पूर्व में कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि संबंधित अनुसंधानकर्ता या लोक अभियोजक के लिए यह ज़रूरी है कि वह ज़मानत की अर्ज़ीदार के पिछले सभी आपराधिक मामलों का इतिहास अदालत के समक्ष पेश करे।

आरोपी के आपराधिक इतिहास पर पुलिस और अभियोजक से मिली जानकारी को हर निचली अदालत को आदेश में उल्लेख करना होगा, जिससे वो किसी ज़मानत अर्ज़ी को मंज़ूर या खारिज करेंगे। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने अनिल बैठा की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया।

अदालतों से पूर्व के आपराधिक मामलों को छुपा कर ज़मानत लेने की गलत तरीको पर रोकथाम लगाने के लिए हाई कोर्ट ने ऐसा आदेश जारी किया है। इस आदेश की प्रति सभी जिला न्यायाधीश को देने का भी निर्देश हाई कोर्ट ने दिया है। विदित हो कि अनिल बैठा के मामले में जमानत अर्ज़ीदर पर 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे, लेकिन उसने अपनी किसी भी ज़मानत अर्ज़ी में स्पष्ट तौर पर पूर्व के सभी आपराधिक मामलों के बारे में जानकारी नहीं दी थी। पिछला आपराधिक इतिहास को छुपा कर ज़मानत लेने के इस प्रयास को कोर्ट के साथ धोखाधड़ी करार देते हुए हाई कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच कराने के लिए भी राज्य सरकार को आदेश दिया है और हाई कोर्ट के महानिबंधक कार्यालय को निर्देश दिया है कि हाई कोर्ट के साथ इस तरह की धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज की जाए।

पंचायत चुनाव के दौरान नामांकन में गड़बड़ी पायी गयी तो चुनाव से आप हो सकते हैं बाहर

पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के नामंकन का आज दूसरा दिन है अभी तक 900 सौ से अधिक प्रत्याशी नामांकन का पर्चा भर चुका हैं हलाकि आयोग ने इस नामांकन के दौरान कई तरह के गाइड लाइन जारी किया है जिसका अनुपालन नहीं करने पर प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो सकता है ।

राज्य चुनाव आयोग के गाइडलाइन के मुताबिक नामांकन के दौरान कई जरूरी काजगात भी जमा करने होंगे।. नामांकन पत्र के साथ जरूरी कागजात नहीं रहने तथा कागजात में किसी तरह की त्रुटि होने पर अभ्यर्थी का नाम नामांकन पत्र रद्द कर दिया जा सकता है ।

आयोग के द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक नामांकन पत्र दाखिल करते समय निर्वाची पदाधिकारी नामांकन पत्र की बारिकी से जांच करेंगे.
अभ्यर्थी व प्रस्तावक के मतदाता क्रमांक में किसी तरह की गड़बड़ी होने पर निर्वाची पदाधिकारी उसे ठीक करायेंगे. लेकिन जरूरी कागजातों में किसी तरह की त्रुटि होने पर तथा कागजात नामांकन पत्र के साथ संलग्न नहीं रहने पर नामांकन पत्र रद्द हो जायेगा़ ।

. आयोग के द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक नाम निर्देशन पत्र प्रपत्र 6, शपत्र पत्र, अनुसूची-1(बिहार पंचायत राज अनिधियम 2006 की धारा 136 के संबंध में), अनुसूची-2(मतदाता सूची में अभ्यर्थी व प्रस्तावक के नाम दर्ज होने से संबंधित घोषणा), अनुसूची-3 (शपथ पत्र व एनेक्शचर को दी जाने वाली सूचनाओं का प्रपत्र), अनुसूची 3 क (अपराध, संपत्ति व शैक्षणिक योग्यता के संबंध में), अनुसूची 3 ख (अभ्यर्थी का बायोडाटा) देना जरूरी है़ इसके साथ नाम निर्देशन शुल्क, चालान या नाजिर रसीद की मूल कॉपी नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना जरूरी है.

पीएम से मिलकर स्वास्थ्य मंत्री ने भेंट की नये बन रहे पीएमसीएच की आकृति

पीएम से मिलकर स्वास्थ्य मंत्री ने भेंट की नये बन रहे पीएमसीएच की आकृति

पटना, 3 सितंबर। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में मिलकर बिहार में लगातार हो रही बड़ी संख्या में कोरोना जांच और टीकाकरण की विस्तृत जानकारी दी। खास कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में टीका वाली नाव के द्वारा किये जा रहे टीकाकरण के संबंध में बताया गया। साथ ही माननीय प्रधानमंत्री का इमरजेंसी कोविड रिसपोंस पैकेज-2 के तहत केंद्र से मिलने वाले सहयोग के लिए श्री पांडेय ने आभार भी व्यक्त किया। श्री पांडेय ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री ने बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने एवं कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार को हर स्तर पर तैयारी करने की बात कही।

श्री पांडेय ने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री को बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत और बेहतर बनाने के उद्देश्य से किये जा रहे राज्य सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया। इसके अलावे कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर आधारभूत संरचनाओं का विस्तार के अलावे डाॅक्टर्स, नर्स एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की हो रही नियुक्ति के संबंध में भी जानकारी दी गई। श्री पांडेय ने बताया कि प्रधानमंत्री जी को दुनिया का दूसरा और देश के सबसे बड़े बन रहे 5 हजार 462 बेड के अस्पताल पीएमसीएच की आकृति भेंट की। माननीय प्रधानमंत्री ने इस कार्य के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की प्रशंसा भी की। श्री पांडेय ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाये जा रहे लगभग 16 सौ नये अस्पताल के भवनों (स्वास्थ्य उपकेंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) के निर्माण की जानकारी भी माननीय प्रधानमंत्री को दी गई।

मंत्री जी के क्षेत्र भ्रमण पर लगी रोक चुनाव प्रचार करते दिखे तो होगी कारवाई

राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव को देखते हुए मंत्री ,विधायक और सांसद के क्षेत्र भ्रमण पर रोक लगा दिया है इस आदेश का ाअनुपालन नहीं करने वाले मंत्री ,विधायक और सांसद के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के तहत मामला दर्ज में ।आयोग के निर्देश के अनुसार केन्द्र या राज्य सरकार के मंत्री ही नहीं विधायक, विधान पार्षद और सांसद भी अपने सरकारी यात्रा को चुनावी यात्रा से बिल्कुल अलग रखेंगे। दोनों यात्राओं को एक साथ नहीं किया जाएगा।

मंत्री यदि जिला मुख्यालय या क्षेत्रीय स्तर के कार्यालयों तक सरकारी कार्यों के सिलसिले में जाते हैं और उसके बाद निजी वाहन के माध्यम से चुनावी यात्रा करते हैं तब भी पूरे दौरे को चुनावी दौरा माना जाएगा।

साथ ही वो उम्मीदवार जिनके साथ मंत्री देखे जाएंगे उसके चुनावी खर्चे में मंत्री के पूरे दौरे का खर्च जोड़ दिया जाएगा। सरकारी वाहन से लेकर सरकारी भवन के चुनाव कार्यों के लिए उपयोग पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (c) के तहत कार्रवाई होगी। इसके तहत दोष सिद्ध होने पर तीन महीने कारावास की सजा या दो सौ रुपए आर्थिक दंड हो सकता है या दोनों ही हो सकता है। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है। इसकी सुनवाई मजिस्ट्रेट करेंगे।

रिकॉर्ड ऊंचाई पर शेयर बाजार; पहली बार सेंसेक्स 58100 के ऊपर, निफ्टी 17,300 के ऊपर बंद, रिलायंस सबसे आगे

हफ्ते के आखिरी दिन यानी शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 157 अंक या 0.3 फीसदी उछलकर 58140.33 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 87 अंक या 0.5 फीसदी बढ़कर 17321 पर पहुंच गया। मिडकैप इंडेक्स भी शुक्रवार को 104 अंक या 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 29,021 के स्तर पर पहुंच गया।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के शेयर 4 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ शीर्ष सूचकांक योगदानकर्ता थे। टाइटन कंपनी, बजाज-ऑटो, टाटा स्टील, मारुति सुजुकी, डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज, एशियन पेंट्स शीर्ष सूचकांक प्राप्त करने वालों में से थे। इसके विपरीत, भारती एयरटेल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा, जिसमें 1.20 प्रतिशत की गिरावट आई। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), एचडीएफसी बैंक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (एचडीएफसी), इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक सेंसेक्स में गिरावट में शामिल थे।

सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 11 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए। बीएसई पर कारोबार के दौरान 225 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 16 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

भारत में भी लोकतंत्र को बचाये रखना एक बड़ी चुनौती है

सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया को लेकर बेहद कठोर टिप्पणी की है और कहा है कि ये कोर्ट के बारे में भी ताकतवर लोगों के इशारे पर लिखता रहता है ऐसे में इस पर कड़े कानून बनाये जाने कि जरुरत है।

सुप्रीम कोर्ट के इस ऑब्जरवेशन की तारीफ होनी चाहिए लेकिन सवाल यह है कि जिस तरीके से कोर्ट काम कर रही है, उसको लेकर कोर्ट खुद खमोश क्यों है कोर्ट में भ्रष्टाचार चरम पर है ,न्याय की खुल्लम खुल्ला बोली लगती है सब जानता है क्या ये बात कोर्ट को पता नहीं है ऐसे में सवाल करने पर भी रोक लगा दी जायेंगी तो फिर इसे क्या कहेंगे ये हिपोक्रेसी नहीं होगा ।
हाल ही पटना हाईकोर्ट ने सरकार से पुछा है कि ऐसे कितने सरकारी अधिकारी हैं जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं यही सवाल तो जज से भी होनी चाहिए थी कि कितने जज हैं जिनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। इसलिए सिर्फ सवाल करने और नसीहत देने से कोई भी संस्था ज्यादा दिनों तक चल नहीं सकती है ।

अफगानिस्तान इसका सबसे लेटेस्ट उदाहरण है चंद मिनट में ही चंद बंदूकधारी के सामने कोर्ट, सांसद ,पुलिस ,सेना और ब्यूोरोक्रेसी ताश की पत्तों की तरह बिखर गया क्यों? 20 वर्षो के दौरान लोकतंत्र, न्याय व्यवस्था,सैन्य ताकत ,स्त्री स्वतंत्रता और मानवाधिकार के नाम पर जो संस्थान खड़े हुए उस संस्थान में नियुक्ति की जो प्रक्रिया रही वो जनता को रास नहीं आया।
आज ही भारतीय मीडिया में लीड खबर है जेेईई मेंस की परीक्षा में जबरदस्त खेला हुआ है आज की तारीख में गौर करे तो कोई भी ऐसी परीक्षा है जहां आप भरोसे के साथ कह सकते हैं कि सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है वैसे भारत में अभी भी परीक्षा में थोड़ी ईमानदारी बची हुई है इसलिए लोगों को सिस्टम पर भरोसा बचा हुआ है लेकिन यह भरोसा भी धीरे धीरे खत्म होता जा रहा है ।

मीडिया पर से भरोसा उठ ही गया है ,ब्यूरोक्रेसी हाफ ही रहा है ,न्याय व्यवस्था अपनी अंतिम सांस बचाये रखने के लिए संर्घष कर रहा है।

हमारे यहां सांसद और विधायक और मुखिया चुनने को लेकर जो संवैधिनाक प्रक्रिया है उसमें अब अच्छे लोगों के सांसद ,विधायक और मुखिया बनने की सम्भावना लगातार क्षीण होती जा रही है आने वाली राजनीति में लोहिया ,जेपी ,अटल बिहारी ,कर्पूरी ठाकुर, ,लालू ,नीतीश जैसे नेता पैदा होने की सम्भावना अब नहीं बची है।

ऐसे में आपके पास दुनिया का दूसरा तालीबान देश घोषित होने के लिए तैयार रहिए क्यों कि आजादी के 75 वर्ष बाद भी लोकतंत्र को बने रहने के लिए जिस तरीके से संस्थान को मजबूत होना चाहिए था वो नहीं हो पाया ऐसे में पांच वर्ष में एक वोट के सहारे आप लोकतंत्र को बचाये नहीं रख सकते हैं यह यक्ष सवाल हमारे आपके सामने मुंह बाये खड़ा है ।

पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर सरकार का तेवर तल्ख कहा जेपी और लोहिया से समझौते का सवाल नहीं

जेपी और लोहिया के विचारों को बिहार के विश्वविधालय के पाठ्यक्रम से बाहर करने के मामले में राज्य सरकार राजभवन से दो दो हाथ करने के मूड में दिख रहा है आज राज्य के शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि इस मामले में महामहिम से मिलने का समय मांगा गया था लेकिन वो बिहार से बाहर है फिर उनसे मैंने फोन पर बात किया और एमए के पाठ्यक्रम में जो बदलाव हुआ है उससे सरकार के मंशा से अवगत करा दिया है और उम्मीद है कि राजभवन एमए के पाठ्यक्रम में जो बदलाव हुआ है उसको वापस ले लेगा ।

यह मामला बिहार के सारण स्थित जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय में जेपी और राममनोहर लोहिया के विचारों को पीजी के पाठ्यक्रम से हटाने की खबर के बाद सुर्खियों में था जिसको देखते हुए सरकार ने जेपी विश्वविधालय के कुलपति और रजिष्ट्रार को तलब किया था। कुलपति और रजिष्ट्रार से बातचीत के बाद शिक्षामंत्री विजय चौधरी सामने आए और सरकार का रुख साफ किया। शिक्षामंत्री ने कहा कि जयप्रकाश और लोहिया के विचारों की पढ़ाई जारी रहेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार दूसरे विश्वविद्यालयों में भी ऐसे मामलों की जानकारी लेगी।

मीडिया से बात करते हुए विजय चौधरी ने कहा कि सीएम नीतीश ने खुद मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि सीबीसीएस लागू होने से बदलाव की बात कही जा रही है। चांसलर के आफिस ने सभी वाइस चांसलर को इसे भेज दिया था। कहा कि विश्वविद्यालय के स्तर पर भी इन चीजों को देखा जाना चाहिए था, उसके बाद लागू करने की बात होनी चाहिए थी।
शिक्षामंत्री ने कहा कि हम लोगों के समझ में यह बात भी नहीं आ रही कि सीबीसीएस का पाठ्यक्रम में इस तरह के परिवर्तन से क्या लगाव है। कुछ लोगों के राजनीतिक विचार को पाठ्यक्रम से अलग क्यों किया गया, यह समझ से परे है। कहा कि छपरा के कुलपति ने भी अपनी तरफ से कोई आदेश दिया हो ऐसी बात नहीं है। यह जिस रूप में हुआ है, हम लोग इसे उचित नहीं मानते हैं। सरकार के दृष्टिकोण से भी यह बिल्कुल अनुचित और अनियमित है। अभी तक जो परंपरा और नियम रहे हैं, उसके अनुसार भी ठीक नहीं है। नई शिक्षा नीति को लेकर भी यह गलत है।

जेपी-लोहिया के विचार बिना भारतीयता की सोच ही संभव नहीं
उन्होंने कहा कि अगर कोई परिवर्तन हुए और चांसलर आफिस से दिये गए तो बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद को भी उसकी जानकारी होनी चाहिए, जो नहीं हुई है। कुलपति ने भी अपनी पूरी सहमति जताई है कि यह उचित नहीं है, हम लोग इसके निराकरण का उपाय करेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जयप्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया की सोच और विचार के बिना भारतीय राजनीति के दर्शन से समाजवाद, साम्यवाद और जेपी लोहिया के विचारों को अलग कर दिया जाएगा तो भारतीयता की सोच ही अलग हो जाएगी। यह लोग तो खालिस भारतीय विचारों के प्रतिबिंब हैं। उनके विचारों को कैसे अलग किया जा सकता है। कहा कि अभी तक इससे जुड़े कागजातों की पड़ताल नहीं हुई है। अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अन्य विश्वविद्यालयों की भी पड़ताल करें। हो सकते हैं वहां भी इसी तरह की दिक्कतें हों।

निफ्टी नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा; 17,200 के ऊपर बंद, सेंसेक्स 500 अंक से अधिक चढ़ा

साप्ताहिक एफएंडओ एक्सपायरी के दिन बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 रिकॉर्ड-उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहे थे। बीएसई सेंसेक्स 458 अंक या 0.80 प्रतिशत बढ़कर 57,788 पर था, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स 0.80 प्रतिशत ऊपर 17,200 से ऊपर चल रहा था। कारोबार के दौरान निफ्टी ने 17,245 का नया रिकॉर्ड बनाया।

सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 8 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए। टीसीएस 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर । आईटी, एफएमसीजी शेयरों के नेतृत्व में निफ्टी नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा ।

डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज, टाइटन कंपनी, अल्ट्राटेक सीमेंट, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बीएसई सेंसेक्स में शीर्ष पर रहे। एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, मारुति सुजुकी शीर्ष सूचकांक में पिछड़ गए।

सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 8 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

हाईकोर्ट ने तेज प्रताप से चुनाव के दौरान साक्ष्य छुपाने को लेकर मांगा जबाव

पटना हाईकोर्ट में राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह विधायक तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर सुनवाई शुरु कर दिया है। तेज प्रताप यादव के हसनपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचन कोलेकर विजय कुमार यादव ने चुनाव याचिका दायर कर चुनौती दिया है।

कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से विवादित बिंदुओं को दाखिल किया गया। जस्टिस विरेन्द्र कुमार ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए इसे रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया।
अब इस मामलें पर 30 सितंबर को सेटलमेंट ऑफ इशू और गवाही पर सुनवाई की जाएगी। गवाही में संबंधित पक्षकारों द्वारा उन दस्तावेजों और गवाहों की सूची भी दी जाएगी ,जो इस मुकदमें से जुड़े हुए होंगे।

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व् विधायक तेज प्रताप यादव के अधिवक्ता जगन्नाथ सिंह ने बताया कि याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि एक्ट, 1951 की धारा 100 का हवाला देते हुए तेज प्रताप यादव के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने के लिए यह चुनाव याचिका दायर की गई हैं।

अपनी याचिका में याचिकाकर्ता ने यादव के निर्वाचन को अमान्य करार देकर हारे हुए जद यू के उम्मीदवार राज कुमार राय को घोषित करने करने के लिए चुनाव याचिका दायर की है।
यह मामला वर्ष 2020 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से जुड़ा हुआ है। याचिका दायर करने का आधार यादव द्वारा जानबूझकर अपनी संपत्ति के संबंध में पूरा ब्यौरा नहीं देने का आरोप लगाया गया है

याचिकाकर्ता ने जनप्रतिनिधि क़ानून की धारा 123(2) के अनुसार इसे भ्रष्ट आचरण बताया है।

3 नवंबर, 2020 को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था। 10 नवंबर, 2020 को चुनाव परिणाम घोषित किया गया था, जिसमें तेज प्रताप यादव हसनपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विजयी हुए थे। अब इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 30 सितंबर को की जाएगी।

बालू माफिया से सांठगांठ मामले में डीएसपी के घर छापेमारी

बालू माफिया से सांठगांठ मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने कारवाई तेज कर दिया है आज पटना पालीगंज के तत्कालीन एसडीपीओ तनवीर अहमद के ठिकानों पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने छापेमारी की है। वे बालू के अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप में निलंबित हैं। उनके पटना स्थित फ्लैट के अलावा बेतिया जिला के पैतृक घर की भी तलाशी ली जा रही है। इसके अलावा उनके नरकटियागंज अनुमंडल के मैनाताड़ थाना क्षेत्र के पीडारी गाँव में भी छापामारी चल रही है अहमद के पास आय से 60 प्रतिशत अधिक संपति पाई गई है।

डीएसपी का घर भारत-नेपाल सीमा पर है। ईओयू की इस कार्रवाई से पहले उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था। निलंबित किए गए डीएसपी के खिलाफ बालू माफियाओं संग सांठगांठ के सबूत मिले हैं।इससे पहले आर्थिक अपराध इकाई ने बालू माफिया से सांठगांठ मामले में निलंबित डेहरी के तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार सिंह के तीन ठिकानों पर एक साथ छापानारी किया था । ईओयू ने पटना और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर स्थित उनके पैतृक आवास पर भी छापेमारी किय था। वहां कमरे की तलाशी लेने के साथ ही घर पर मौजूद निलंबित एसडीओ से घंटों पूछताछ कि गयी थी ।

चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के खर्च का सीमा किया निर्धारित

बिहार में पंचायत चुनाव का बिगुल बच गया है आज प्रथम चरण के चुनाव को लेकर दस जिलों के 12 प्रखंडों में नामांकन का काम शुरु हो गया है ।

वही इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के अधिकतम खर्च की सीमा निर्घारित कर दिया है ।
आयोग ने सभी पदों के क्षेत्र व जनसंख्या के अनुसार चुनाव में खर्च की सीमा तय कर दी है। मुखिया और सरपंच प्रत्याशी अधिकतम 40 हजार ही खर्च कर पाएंगे वही वार्ड सदस्य और पंच पद के प्रत्याशी अधिकतम 20 हजार रुपए तक चुनाव में खर्च कर सकते हैं।

जिला परिषद प्रत्याशी को एक लाख रुपए तक खर्च करने की छूट दी गई है। वहीं आयोग ने पंचायत समिति सदस्य के पद पर चुनाव लड़ने वालों के लिए अधिकतम 30 हजार रुपया खर्च की सीमा तय कर दी है।

सभी प्रत्याशी को तय सीमा में ही खर्च करनी है साथ ही चुनाव में खर्च की गई राशि का हिसाब भी सभी को देना पड़ेगा। प्रत्याशियों को मतों की गणना का कार्य संपन्न होने के बाद चुनाव खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। अगर इस बार कोई प्रत्याशी खर्च का हिसाब नहीं देते हैं तो अगले चुनाव में वैसे प्रत्याशी चुनाव से वंचित रह सकते हैं।

सभी प्रत्याशियों को मतगणना की समाप्ति के 15 दिन के अंदर अपने खर्च का ब्यौरा निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा करना अनिवार्य होगा। जांच में किसी प्रत्याशी के खर्च की राशि अधिक होती है तो ऐसे में उस प्रत्याशी पर चुनाव आयोग के फैसले का उल्लंघन करने के खिलाफ में कार्रवाई की जाएगी।

भ्रष्ट इंजीनियर के खिलाफ विभाग की चुप्पी से मंत्री और विभागीय अधिकारियों के कार्यशैली सवालों के घेरे में ।

दरभंगा ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता को थाने से ही छोड़ने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है वही अभी तक विभाग द्वारा अभियंता पर कोई कारवाई नहीं किये जाने पर मंत्री सहित विभाग के प्रधान सचिव के मंशा पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं ।

डीजीपी ने पूरे मामले में एसएसपी मुजफ्फरपुर से इंजीनियर मामले में बरामद राशी और एफआईआर के साथ साथ थाने के स्टेशन डायरी तक की कांपी मांगी है। जो खबर आ रही है उसके अनुसार स्टेशन डायरी और एफआईआर दर्ज करने के समय को लेकर कई तरह की त्रृटि है जिसका लाभ अभियुक्त को मिल सकता है हलाकि अब इस पूरे मामले की जांच आईजी मुजफ्फरपुर खुद देख रहे हैं।
इस बीच मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली को लेकर बिहार के पूर्व डीजीपी और बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त अभियान चलाने वाले अभयानंद का कहना है कि जो मीडिया रिपोर्ट है उसके अनुसार मुजफ्फरपुर पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं।

सरकारी सेवक के पास से नगद पैसा बरामद होता है और उस पर आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज होता है जो समझ से पड़े है क्यों कि सरकारी सेवक के मामले में कानून पूरी तौर पर स्पष्ट है अगर किसी भी सरकारी कर्मी के पास से नगद पैसा बरामद होता है और उस पैसे का अगर हिसाब नहीं बता रहा है तो तुंरत उस पर पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज करना है ।
वही मुजफ्फरपुर पुलिस खुद कह रही है कि इंजीनियर के पास से बरामद लैपटांप और मोबाइल के डाटा मालूम करने में इंजीनियर सहयोग नहीं कर रहे हैं ऐसे में थाने से बेल देना समझ से पड़े है।

सीआरपीसी की धारा 41 के तहत नोटिस देने का प्रावधान है लेकिन वैसे स्थिति में ना जब अभियुक्त पुलिस को सहयोग कर रही है दूसरी बात अभियुक्त के बाहर रहने से साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता है लेकिन इंजीनियर मामले में सब कुछ सामने है थाने में रहते हुए छेड़छाड़ कर रहा था ऐसे में मुजफ्फरपुर पुलिस के कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी ही है।
इस बीच मुजफ्फरपुर एसएसपी जयकांत से जब थाने से छोड़ने को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना है कि इस तरह के मामले में थाने से बेल देने का प्रावधान है ,बिहार पुलिस इससे पहले भी इस तरह के मामले में बेल देती रही है ऐसे में इस तरह के सवाल का कोई मतलब नहीं है ।मुजफ्फरपुर पुलिस इस मामले की पूरी गहनता से छानबीन कर रही है और एएसपी स्तर के अधिकारी को इस कांड का अनुसंधानकर्ता बनाया गया है ।

इस बीच इस मामले को लेकर विभागीयमंत्री जयंत राज से जब यह पुंछा गया कि आपके विभाग के एक सीनियर इंजीनियर के पास से 67 लाख रुपया बरामद हुआ है और उस पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है फिर भी अभी तक कोई कारवाई नहीं हुई है इस पर मंत्री का कहना है कि इस मामले में विभाग भी अपनी ओर से जांच कर रहा है और शीघ्र ही समुचित कार्रवाई की जाएगी।