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भारत में सुप्रीम और हाईकोर्ट में जजों की बहाली में कालेजियम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है: योगेश चंद्र वर्मा

भारत में न्यायपालिका की स्वतन्त्रता,पारदर्शिता और निष्पक्षता को पूरी दुनिया में सराहा और माना जाता है। भारतीय न्यायपालिका की प्रतिष्ठा और मर्यादा को बढ़ाने में यहाँ के जजों और वकीलों की काफी बड़ी भूमिका है।

पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि भारत में सुप्रीम और हाईकोर्ट में जजों की बहाली में कालेजियम की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जजों की योग्यता,क्षमता और कानूनी ज्ञान के मद्देनजर ही जजों की नियुक्ति होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए अपनाए गए वर्तमान कॉलेजियम व्यवस्था में पर सवाल खड़ा करते हुए इसे अपारदर्शी व अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कॉलेजियम नाम की कोई व्यवस्था ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के जरिये समाज के सभी लोगों को प्रतिनिधित्व उनके सक्षम होने के बावजूद नहीं मिल पाता है, क्योंकि उनके नामों को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं होता है। श्री वर्मा ने आगे कहा कि संविधान के अनुसार न्यायपालिका को स्वतंत्र,स्वतन्त्रता और पारदर्शिता होनी चाहिए।

लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायपालिका में जो नियुक्तियां हो रही है, वह प्रभावित प्रतीत होता हैं।संभवतः इस कारण जजों की बहाली में स्वतन्त्रता और पारदर्शिता में कमी नज़र आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में जो वर्तमान व्यवस्था में आवश्यक बदलाव जरूरी हैं।जजों नियुक्तियों की व्यवस्था में वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश किये जाने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति के ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए,जिसमें समाज के हर वर्ग को प्रतिनिधित्व होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जजों की बहाली में हर तबके के वकीलों के बेस्ट ब्रेन को ध्यान में रखा जाए।साथ ही वर्तमान में जजों की सेवानिवृति की उम्र सीमा बढ़ाने की आवश्यकता नहीं लग रही हैं।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध रूप से चलने वाले ईंट भट्टे से होने वाले प्रदूषण के मामलें पर सुनवाई की

अनमोल कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने करते हुए सख्त टिप्पणी की।

कोर्ट ने कहा कि आपने सभी 102 ईट भट्टों को बंद करा दिया,लेकिन आपके होते हुए इतनी बड़ी संख्या में ये ईट भट्टे चल कैसे रहे थे।बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर कोर्ट को बताया गया कि अवैध रूप से चल रहे 102 ईट भट्टे को बंद करा दिया गया।

साथ ही ये भी कोर्ट से ये भी कहा गया कि आगे अगर ऐसे
अवैध रूप से ईट भट्टे चालू पाये गए,तो उन्हें तत्काल बंद करा दिया जाएगा तथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

एमिकस क्यूरी अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने कोर्ट को बताया कि राज्य में ईट भट्टे चलाने के क्रम में नियमों का खुला उल्लंघन किया गया।उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में तो ईट भट्टे ऐसे भी बंद ही रहते है।

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उन्होंने कहा कि इन ईट भट्टे से होने वाले प्रदूषण के कारण वातावरण पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता हैं।

इस मामलें पर फिर अगली सुनवाई 29 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में पुलिस द्वारा सही ढंग और स्तरीय जांच नहीं किये जाने के कारण अपराधियों के सजा से बच जाने के मामलें पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया

जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने मामलें पर सुनवाई करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में अपराधियों के सजा पाने से बच जाने के कारण लोगों का आपराधिक न्याय व्यवस्था पर विश्वास कम होते जा रहा है।पुलिस अधिकारियों द्वारा किये जा रहे जांच में त्रुटियों और कमी के कारण अपराधियों को सजा से बच जाते है।

बिहार पुलिस एकेडमी के निदेशक ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों को जांच और अन्य आपराधिक मामलों को सुलझाने की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया जाता है।उनका समय समय पर परीक्षा ली जाती हैं और उनके प्रगति का मूल्यांकन होता है।इसमें लगातार सुधार किया जा रहा हैं।

पुलिस आधुनकिकरण के ए डी जी के के सिंह ने कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण और त्रुटियों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि संसाधनों की कमी के कारण भी समस्याएं हैं।फॉरेंसिक लेबोरेट्री में आवश्यक सुधार और सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत हैं।एक फॉरेंसिक लैब पटना में है।दो क्षेत्रीय फॉरेंसिक लैब मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी है।दरभंगा में फॉरेंसिक लैब की स्थापना होने जा रहा है।

कोर्ट ने कहा कि आपराधिक न्याय व्यवस्था को प्रभावी ढंग से जारी रखने के लिए पुलिसकर्मियों सही ढंग से प्रशिक्षित करने की जरूरत हैं।साथ ही उनकी जांच में जिम्मेदारी तय करना भी आवश्यक है।

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बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि आपराधिक न्याय व्यवस्था को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि अपराधियों को सजा देने का अनुपात बढ़े।पुलिस कि संवेदनशील बनाने के साथ ही उनकी कार्यक्षमता और कुशलता बढ़ाने के समय समय पर वर्कशॉप का आयोजन किया जाए

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि पुलिस के जांच की स्तर सुधारने के लिए क्या हो रहा हैं।कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा सही ढंग, वैज्ञानिक और स्तरीय जांच नहीं करने के कारण अपराधियों को सजा नहीं मिलने पर गहरी चिंता जाहिर की थी।

उन्होंने कहा था कि जहां पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से आपराधिक मामलों की जांच के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराया जाना जरूरी है।सही तरीके से जांच करने,ठोस सबूत और पक्के गवाह उपलब्ध कराने पर ही अपराधियों को कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकेगी।

कोर्ट ने कहा था कि जबतक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी,कोई भी सुरक्षित नहीं रह सकता हैं।इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के जांच आधुनिक,स्तरीय और वैज्ञानिक हो,जिसमें अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो।

पटना हाईकोर्ट ने शराबबन्दी कानून के तहत जब्त गाड़ियों को छुड़ाने हेतु बढ़ रहे रिट याचिकाओं की बढ़ती संख्या पर नाराजगी जाहिर की

चीफ जस्टिस संजय क़रोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने इस स्थिति पर सख़्त टिप्पणी करते हुए राज्य के उत्पाद आयुक्त को निर्देश दिया कि वो एक हफ्ते मे कोर्ट को विस्तृत आंकड़े दे, जिसमे ये जानकारियां हो कि पिछले तीन माह मे राज्य मे कितने लोगों को शराबबन्दी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है।

साथ ही कोर्ट को यह भी बताना है की हरेक ज़िलों मे ज़ब्त हुई गाड़ियों के जब्ती हेतु कितने मामले लम्बित पड़े हैं ।कोर्ट ने यूनाइटेड स्पिरिट्स की रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया।

कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि महज देढ़ लीटर शराब पाए जाने पर पूरे गाड़ी को सालों भर जब्त कर रखा जाना न्यायसंगत है क्या। साथ ही उसे छुड़ाने हेतु दायर आवेदन को कलेक्टर एक घिसे पिटे ढंग से रद्द कर देते है।

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कलेक्टर के आदेश को ही अपीलीय और रिविजिनल प्राधिकार बिना विवेक का इस्तमाल किये और घिसे पिटे तरीके से संपुष्ट कर देते हैं।

अपील और रिविजन के आदेश समान ही दिखते है , कलेक्टर के आदेश से ऐसा मेल खाते हैं। जो त्रुटि कलेक्टर के आदेश मे दिखती है, वही गलती अपील व रिविजन प्राधिकार के आदेश में भी नजर आती है।
मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

पटना हाईकोर्ट में बिहार के गर्भाशय घोटाले के मामलें पर सुनवाई अब 20 सितम्बर,2022 को होगी

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को अब तक की गई कार्रवाई का ब्यौरा हलफनामा पर दायर करने का निर्देश दिया था।जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने वेटरन फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

कोर्ट ने मुख्य सचिव को ये भी बताने को कहा था कि आगे इस मामलें में क्या कार्रवाई करने की योजना है। कोर्ट में उपस्थित एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि इस जनहित याचिका में दिए गए तथ्य वास्तविक नहीं हैं।

उन्होंने बताया था कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष साढ़े चार सौ इस तरह के मामलें आए थे। राज्य सरकार के जांच के बाद नौ जिलों में गर्भाशय निकाले जाने के सात सौ दो मामलें आए थे।

इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई और आगे की कार्रवाई चल रही है।उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पीड़ित महिलाओं को क्षतिपूर्ति राज्य सरकार ने पचास पचास हजार रुपये पहले ही दे दिए।इसके बाद बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने आदेश दिया था कि यह राशि बढ़ा कर डेढ़ और ढाई लाख रुपए बतौर क्षतिपूर्ति दिए जाए।

महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए राज्य सरकार ने 5.89 करोड़ रुपए निर्गत कर दिए गए है।

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कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि किन किन धाराओं के दोषियों के विरुद्ध मामलें दर्ज किये गए।मानव शरीर से बिना सहमति के अंग निकाला जाना गंभीर अपराध है।इसलिए उनके विरुद्ध नियमों के तहत ही धाराएं लगानी जानी चाहिए।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया था कि सबसे पहले ये मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष 2012 में लाया गया था।2017 में पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वेटरन फोरम ने दायर किया गया था।

इसमें ये आरोप लगाया गया था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का गलत लाभ उठाने के लिए बिहार के विभिन्न अस्पतालों/डॉक्टरों द्वारा बड़ी तादाद में बगैर महिलाओं की सहमति के ऑपरेशन कर गर्भाशय निकाल लिए गए थे।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 20सितम्बर,2022 को की जाएगी।

मुजफ्फरपुर में दिनदहाड़े बैंक से 15 लाख की लूट, गोबरसही में ICICI बैंक में तीन अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम

मुजफ्फरपुर । मुजफ्फरपुर के सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही में बैंक लूट की बड़ी घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया है। गोबरसही के ICICI बैंक में हथियारबंद तीन अपराधीयों ने बैंककर्मियों को बंधक बनाकर 15 लाख से अधिकारी रूपये लूट लिए और फरार हो गए।

घटना के बाद मौके पर पहुंची सदर थाना की पुलिस मामले की जांच कर रही है. वहीं नगर डीएसपी रामनरेश पासवान ने भी बैंक जाकर घटना की जानकारी ले रहें हैं. उन्होंने बताया कि 15 से 16 लाख रूपये लूट की बात सामने आई है, फिलहाल मामले की जांच कर रहें हैं।

वहीं ब्राँच की डिप्टी मैनेजर सुनीता कुमारी ने बताया कि जब वो फिल्ड से बैंक में लौटी तो तीन की संख्या में अपराधी अंदर पहुंचे हुए थे और सबको बंधक बना चुके थे, काउंटर पर रखा कारोबार 14 लाख और अन्य ग्राहकों के पैसे लेकर अपराधी फरार हो गए।

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पटना हाईकोर्ट में राज्य में पुलिस द्वारा सही ढंग और स्तरीय जांच नहीं किये जाने के मामलें पर सुनवाई कल तक के लिए टल गई

जस्टिस अश्विनि कुमार सिंह की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा कि पुलिस के जांच की स्तर सुधारने के लिए क्या हो रहा हैं।कोर्ट ने राज्य पुलिस द्वारा सही ढंग, वैज्ञानिक और स्तरीय जांच नहीं करने के कारण अपराधियों को सजा नहीं मिलने पर गहरी चिंता जाहिर की थी।

कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा था कि पुलिस द्वारा जांच में त्रुटि और कमियों के कारण बड़ी संख्या में अपराधी सजा पाने से बच जाते है।कोर्ट ने इस पर काफी गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह के जांच से अपराधियों को सजा नहीं मिल पाना गलत संदेश जाता है।

उन्होंने कहा था कि जहां पुलिस अधिकारियों को सही ढंग से आपराधिक मामलों की जांच के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन उपलब्ध कराया जाना जरूरी है।सही तरीके से जांच करने,ठोस सबूत और पक्के गवाह उपलब्ध कराने पर ही अपराधियों को कोर्ट द्वारा सजा दी जा सकेगी।

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कोर्ट ने सही ढंग से पुलिस द्वारा जांच नहीं करने,ठोस सबूत और गवाहियां प्रस्तुत करने पर अपराधियों के सजा से बच जाने के उदाहरण भी दिया।ऐसा ही मामला गोपालगंज जहरीली शराब पीने से हुए मौत का मामला है,जहां पुलिस जांच में कमियों के कारण कई अभियुक्त सजा से बच गये थे।

कोर्ट ने कहा कि जबतक अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी,कोई भी सुरक्षित नहीं रह सकता हैं।इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के जांच आधुनिक,स्तरीय और वैज्ञानिक हो,जिसमें अपराधियों को सजा मिलना सुनिश्चित हो।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 20 सितम्बर,2022 को की जाएगी।

शाह ने नीतीश की घेरेबंदी शुरु की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सीमांचल के सहारे लोकसभा 2024 का आगाज करने 23 और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज के दौरा पर आ रहे हैं स्वाभाविक है यह इलाका बीजेपी के हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव में पूरी तरह से फिट बैठता है।
ऐसे में नीतीश कुमार के अलग होने के बाद बिहार की राजनीति में बने रहने के लिए अभी से ही यूपी की तरह यहां भी कैराना की खोज बीजेपी ने शुरु कर दी है हालांकि सीमांचल के अररिया, किशनगंज कटिहार और पूर्णिया इलाके में बीजेपी की पकड़ मजबूत हो इसके लिए संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 1981 से ही कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है।

वैसे बीजेपी का कोई बड़ा नेता पहली बार बिहार के इन इलाकों में सेंधमारी करने की मुहिम शुरू करने जा रहा है कितना सफल होगा कहना मुश्किल है लेकिन पहली बार बड़ी कोशिश शुरु होने वाली है ये जरूर दिख रहा है और निशाने पर नीतीश है । क्यों कि इस इलाके में अभी भी नीतीश की पकड़ मजबूत है पिछले विधानसभा चुनाव में इन्ही इलाकों मेंं चिराग फैक्टर भी प्रभावी नहीं रहा था। सीमांचल के चुनावी समीकरण की बात करे तो यहां चार लोकसभा क्षेत्र हैंं जहां बिहार का सर्वाधिक मुस्लिम वोटर है ।किशनगंज यहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 67 फीसदी है, कटिहार जहां मुस्लिम वोटर की संख्या 38 फीसदी, अररिया जहां 32 फीसदी है और पूर्णिया जहां 30 फीसदी मुस्लिम आबादी है।

इन लोकसभा क्षेत्र की बात करे तो एनडीए के साथ जब जब नीतीश साथ रहे 2009 के लोकसभा चुनाव में और 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए जीत हासिल की है । नीतीश अकेले चुनाव लड़े तो 2014 के मोदी लहर में भी ये सारी सीटें बीजेपी हार गयी थी ,मतलब इन इलाको में मुस्लिम वोटर के अलावे बड़ी संख्या में अति पिछड़ा वोटर है और जब तक अति पिछड़ा वोटर को साधने में बीजेपी कामयाब नहीं हो जाती है तब तक बहुत मुश्किल है इन इलाकों में बीजेपी की वापस । वैसे ये जो इलाका है पूरी तौर पर कृषि आधारित इलाका है और शहरीकरण नहीं के बड़ाबड़ हुआ है ।वहीं यादव जो हिन्दू में मजबूत तबका है उसमें अभी भी लालू परिवार का तिलिस्म पूरी तौर पर खत्म नहीं हुआ है यू कहे तो अभी भी मजबूत स्थिति में है ऐसे में इन इलाकों में हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव को आगे बढ़ना बहुत ही मुश्किल है साथ ही इन इलाकों में बीजेपी का वैसा जमीनी नेता पिछड़ी और अति पिछड़ी जाति में नहीं है जो माहौल बना सके ।

अररिया के सांसद जरुर अति पिछड़ी जाति से आते हैं लेकिन वो उतने प्रभावी नहीं हैं और क्षेत्र से भी बाहर ही रहते हैं ।वैसे यह इलाका कभी राजद का गढ़ माना जाता था लेकिन नीतीश कुमार यादव के खिलाफ अति पिछड़ों की राजनीति करके राजद को इन इलाकों से सफाया कर दिया था और अभी भी जदयू का सबसे मजबूत किला यही इलाका है, कटिहार और पूर्णिया में जदयू का सांसद है और आज भी जदयू का सबसे अधिक विधायक इन्ही इलाकों से जीत कर आया है ।इसलिए बीजेपी के लिए और भी बड़ा चुनौती है क्यों कि नीतीश कुमार के साथ जो वोटर है उसको हिन्दू मुस्लिम नैरेटिव में बांटना यादव की तुलना में मुश्किल है वैसे अमित शाह की यात्रा को लेकर जदयू कुछ ज्यादा ही सचेत है क्योंकि उन्हें पता है कि इस इलाके में नीतीश की पकड़ कमजोर हुई तो नीतीश की सियासत ही खत्म हो जायेंगी और यही वजह है कि अमित शाह के दौरा के बाद महागठबंधन इन इलाकों में गांव गांव में सम्मेलन करने का निर्णय लिया है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में ICICI बैंक में 15 लाख की लूट बड़ी वारदात

मुजफ्फरपुर। लूट की बड़ी घटना, सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही में ICICI बैंक में लूट की बड़ी वारदात, 15 लाख की लूट की घटना।

तीन की संख्या में आये थे अपराधी, नगर डीएसपी राम नरेश पासवान ने की पुष्टि ।

पुलिस कर रही मामले की जांच।

हाजीपुर के जोहरी बाजार स्थित नर्सिंग होम में लगी आग, अफरा-तफरी का माहौल

बड़ी खबर हाजीपुर से है जहां नगर थाना क्षेत्र के जोहरी बाजार स्थित एक निजी नर्सिंग होम में अचानक आग लग जाने से अफरा-तफरी मच गई है। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।

हाजीपुर का जोहरी बाजार मैं दर्जनों निजी नर्सिंग होम है और यहां सैकड़ों मरीज और उनके परिजन कई नर्सिंग होम में है। ऐसे में आग लगने से अफरा तफरी मच गया है.आग धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है लेकिन अभी तक मौके पर न तो नगर थाना के पुलिस पहुंची है और ना ही दमकल की गाड़ियां. हालांकि आग से किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है।

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आसपास के लोग और निजी नर्सिंग होम के लोग खुद से ही आग पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले ही यह नया निजी नर्सिंग होम खोला गया था। जहां अचानक आग लगी है। आग लगने की सूचना के बाद मौके पर भारी संख्या में स्थानीय लोग जमा हो गए हैं।

वहीं आसपास के नर्सिंग होम से भी लोग भयभीत होकर बाहर निकल रहे हैं।

बीच सड़क पर गुत्थम गुत्था हुईं कोचिंग की दो छात्राएं, वीडियो हो रहा वायरल

छपरा में परसा के दरोगा राय चौक से पीछे उत्तर गली चेतन परसा रोड स्थित कोचिंग सेंटर की दो छात्राएं बीच सड़क पर्वआपस में लड़ने लगी। छात्राओं ने सड़क पर एक-दूसरे की मारपीट की उसी दौरान तमाशबीन छात्रों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।

घटना के सम्बंध में स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि चेतन परसा रोड में संचलित एक्सलेंट कोचिंग के नीचे छात्राएं क्लास अटैंड करने बाद बाहर निकलीं तो दोनों लड़कियों के बीच किसी बात को लेकर नोंकझाेंक हुई। एक छात्रा ने दूसरी छात्रा को थप्पड़ मारा तो दोनों के बीच सिर के बाल पकड़कर मारपीट शुरू हाे गई।

छात्राओं के बीच मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में पंखे से लटककर छात्रा ने की आत्महत्या

मुजफ्फरपुर । पंखे से लटककर छात्रा ने की आत्महत्या। बेतिया की रहने वाली 25 वर्षीय सलोनी ने मुजफ्फरपुर में किराए के मकान में दी जान ।

बीएड का फॉर्म भरने के नाम पर निकली थी छात्रा। मुजफ्फरपुर के काजीमुहम्मदपुर थाना क्षेत्र के रामदयालु मुक्तिनाथ मंदिर के निकट की घटना।

पुलीस ने दरवाजा तोड़कर निकाला शव, पंखे से लटक रहा था शव। सुसाइड नोट भी बरामद – हम अच्छी बेटी नहीं बन पाए।

hang dead

शव को पोस्टमार्टम के लिए SKMCH भेजा गया।

एक लाख का इनामी नक्सली गोपाल बक्सर स्टेशन से गिरफ्तार, एसटीएफ की स्पेशल टीम ने किया गिरफ्तार

बिहार सरकार द्वारा घोषित एक लाख का इनामी का कुख्यात हार्डकोर नक्सली गोपाल दास को बक्सर स्टेशन के आसपास से शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर मुंगेर एसपी जग्गू नाथ रेड्डी जला रेड्डी के नेतृत्व में एएसपी अभियान कुणाल कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ विशेष टीम ने गिरफ्तार किया ।

कई नक्सली कांडों में पुलिस को इसकी थी तलाश । एएसपी अभियान कुणाल कुमार एवं हवेली खड़गपुर डीएसपी राकेश कुमार ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि गिरफ्तार हार्डकोर नक्सली बीएमपी कैंप पे हमला के साथ साथ वर्ष 2018 में मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र में रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के चार नजदुरों का फिरौती हेतु अपहरण किया गया था। तथा कंपनी के चार पोकलेन, दो हाईवा एवं एक मोटरसाइकिल को जला दिया था।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नक्सली के विरुद्ध हवेली खड़गपुर थाना सहित अन्य कई थानों में भी 1 दर्जन से अधिक कांड में नाम दर्ज है। जिसे पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर बक्सर से गिरफ्तार कर लिया गया ।

अब पुलिस अन्य कई कांडों में इसकी संलिप्ता को ले पुछ ताछ करने में जुटी हुई है। बिहार सरकार ने इस हार्ड कोर नक्सली पे एक लाख का इनाम भी रखा हुआ था ।

मिशन 2024 की सफलता के लिए नीतीश को अपनी छवि बनाए रखनी होगी

मिशन 2024 की सफलता बिहार के कानून व्यवस्था की स्थिति पर निर्भर करेगा ।
—–बेगूसराय की घटना सरकार के साख पर सवाल है—–

बेगूसराय फायरिंग मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस मेंं प्रोफेशनलिज्म की कमी साफ देखने को मिला,ऐसे में मेरे जैसे व्यक्ति के लिए जो बिहार की पुलिसिंग पर खास नजर रखती है बेहद चिंता का विषय है।इस घटना के जांच के दौरान पुलिस की जो प्रवृत्ति देखी गयी है उससे आने वाले समय में अब हर घटना को जाति के चश्मे से देखने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और इसका प्रभाव राज्य के कानून व्यवस्था पर पड़ेगा यह तय है।

बेगूसराय फायरिंग मामले मेंं गिरफ्तार अपराधियों के खिलाफ साक्ष्य है लेकिन उस साक्ष्य को लेकर जिस स्तर तक पुलिस को काम करने कि जरुरत थी उसमें साफ कमी देखने को मिल रही है और इसका असर यह हुआ कि पुलिस बेगुनाह लोगों को जेल भेज दिया है ऐसी बात चर्चा में आनी शुरु हो गयी है और इस घटना में जो अपराधी शामिल है उसको पुलिस बचा रही है।

घटना 13 तारीख के शाम की है बेगूसराय पुलिस का हाल यह था कि 24 घंटे तक वो अंधेरे में ही तीर चला रहा था ,14 तारीख की शाम को पुलिस ने दो तस्वीर जारी किया और कहा कि यही वो चार अपराधी जो दो मोटरसाइकिल पर सवार होकर इस घटना को अंजाम दिया है। इतने महत्वपूर्ण केस में 15 तारीख की शाम मीडिया में खबर आने लगी कि इस कांड में शामिल अपराधी पकड़े गये और इस घटना में शामिल अपराधियों का नाम क्या है यह भी मीडिया में चलने लगा जबकि उस समय तक सभी कि गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी उन अपराधियों का नाम कैसे बाहर आ गया बड़ा सवाल है।

फिर 16 तारीख के अहले सुबह बेगूसराय पुलिस के इनपुट पर झाझा रेलवे स्टेशन पर तैनात जीआरपी ने केशव उर्फ नागा को पकड़ा जो इस मामले की सबसे बड़ी गिरफ्तारी थी क्यों कि उससे पूछताछ के दौरान इस घटना के पीछे का खेल सामने आ सकता था लेकिन हुआ क्या जीआरपी थाना के प्रभारी फोटो खिंचवा कर 5 बजे सुबह में ही मीडिया को तस्वीर के साथ उसके गिरफ्तारी को सार्वजनिक कर दिया और मीडिया को फोनिंग देने लगा इसका असर यह हुआ कि 10 बजे नागा गैंग से जुड़े लोग बिहट चौक पर स्थित कुणाल लाइन होटल के सीसीटीव का फुटेज जारी कर बेगूसराय पुलिस की पूरी कार्रवाई पर ही सवाल खड़ा कर दिया।

देखिए जिसको पुलिस सूटर बता रही है वो घटना के समय लाइन होटल पर बैठा हुआ है जैसे ही यह खबर मीडिया में आयी बेगूसराय पुलिस सकते में आ गया और फिर पूछताछ छोड़ कर कितनी जल्दी इसको जेल भेजा जाए इस पर काम करना शुरू कर दिया ।

इसका असर यह हुआ कि केस का पूरी तौर पर खुलासा नहीं हो पाया बहुत सारी बाते सामने नहीं आ सकी और इस वजह से एसपी के सामने प्रेस रिलीज पढ़ने के अलावे को दूसरा चारा नहीं था । क्यों कि उनके पास क्रॉस क्यूसचन का जवाब नहीं था यही स्थिति एडीजीपी मुख्यालय का रहा मीडिया वाले सवाल करते रहे गिरफ्तार अपराधियों में गोली चलाने वाला कौन था नाम तक बताने कि स्थिति में वो नहीं थे ,केशव उर्फ नागा के होटल में बैठे होने कि बात सीसीटीवी में कैद होने पर सवाल किया गया तो कहां गया ये सब घटना की साजिश में शामिल थे, साजिश क्या है तो यह अनुसंधान का मसला है इस तरह से सवाल जवाब ने पुलिस के कार्रवाई को और भी संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया और सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं को इस मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच की मांग करने का मौका मिल गया।

इतने संवेदनशील मामले में इससे पहले कभी भी इस तरह की बाते देखने को नहीं मिली है पुलिस वाले सूचना लीक कर रहे थे और झाझा जीआरपी ने तो हद कर दी तस्वीर तक जारी कर दिया जो दिखाता है कि बिहार पुलिस की कार्य प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।

याद करिए 1995 से 2005 का दौर राज्य में जो भी आपराधिक घटना घटित होता था सरकार उसको जाति से जोड़ देता था इस वजह से बिहार की पुलिसिंग धीरे धीरे कमजोर होती चली गयी वही सरकार के इस प्रवृत्ति का लाभ उठाते हुए अपराधियों ने भी अपने अपराध को छुपाने के लिए पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए जाति से जोड़ना शुरू कर दिया और धीरे धीरे पूरी व्यवस्था जाति के आधार पर एक दूसरे के साथ खड़े होने लगी और उसी का असर था कि बिहार की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गया।

नीतीश कुमार इसी व्यवस्था पर चोट करके राज्य में कानून का राज्य स्थापित करने में कामयाब रहे थे लेकिन पहली बार वो किसी घटना को जातिवादी आधार से जोड़ते हुए बयान दिया और इसका असर बेगूसराय फायरिंग मामले में पुलिस के कार्यशैली पर साफ दिखाई दिया है।

हालांकि इसके लिए सिर्फ लालू प्रसाद या नीतीश कुमार ही जिम्मेवार नहीं है सुशील मोदी और गिरिराज सिंह जैसे नेता के साथ साथ यहां के सवर्णवादी मानसिकता वाले जो लोग है वो भी कम जिम्मेदार नहीं है क्योंकि उनको भी इसी तरह की राजनीति सूट करता है ।

बेगूसराय की घटना पूरी तरह से अपराधिक घटना है और सरकार या फिर किसी जिले में एसपी बदलने के बाद अपराधियों की यह प्रवृत्ति रही है कि इस तरह की घटना करके वह देखना चाहता है कि सरकार और पुलिस प्रशासन की सोच क्या है ।
याद करिए नीतीश कुमार 2005 में जब सत्ता में आये थे तो शुरुआती एक वर्ष तक किस तरीके से अपराधी सरकार को लगातार चुनौती दे रहे थे लेकिन जैसे ही अपराधियों को यह समझ में आ गया कि सरकार,कोर्ट और सत्ता में बैठे अपनी जाति वाले अधिकारियों से अब मदद मिलने वाली नहीं है स्थिति धीरे धीरे सुधरने लगी।

लेकिन बेगूसराय की घटना के बाद अपराधी और असामाजिक तत्व एक बार फिर से सिस्टम में बैठे अधिकारियों और नेताओं पर दबाव बनाना शुरु कर सकते हैं इस उदाहरण के साथ की मेरे साथ जाति के आधार पर भेदभाव हो रहा है हालांकि इस सोच को कितना बल मिलेगा यह कहना मुश्किल है लेकिन इन नेताओं की यही कोशिश होगी कि इस आधार पर समाज को बांटा जाये।

छपरा में अपराधियों ने पुलिस को बनाया निशाना, 2 कॉन्स्टेबल को चाकू मारकर किया घायल

बड़ी खबर छपरा से आ रही है जहां बेखौफ अपराधियों ने पुलिस पर हमला किया है। पुलिस गिरफ्त से दो सिपाहियों को चाकू मारकर अपराधी फरार हो गए है।

घायल दोनों सिपाहियों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों का नाम अजीत यादव और विवेकानंद बताया जा रहा है। एसपी सियाली धुरत सदर अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जान रही हैं।

छपरा में यह कोई पहली घटना नहीं है 3 साल पहले भी अपराधियों ने मढ़ौरा थाना क्षेत्र में बड़ी घटना को अंजाम दिया था।अपराधियों को गिरफ्तार करने गई एसआईटी टीम पर अपराधियों ने गोलीबारी कर दी थी जिसमें एक दरोगा और एक सिपाही शहीद हो गए थे।

शहीद हुए दरोगा का नाम मिथिलेश कुमार एवं शहीद हुए सिपाही का नाम फारुख अहमद था.वही दो अन्य सिपाही घायल हुए थे।

एक बार फिर इस तरह की घटना से शहर में सनसनी फैल गई है।

मुजफ्फरपुर पुलिस को मिली सफलता, फाइनेंस कर्मी से लूट के अनसुलझे मामले को सुलझाया, तीन अपराधी गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर पुलिस ने कटरा थाना क्षेत्र में एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी साथ हुई लूट का उद्भेदन करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. इनके पास से दो लोडेड देशी कट्टा, कारतूस, टैब और ₹25000 बरामद किए हैं।

दरअसल बीते सप्ताह कटरा थाना क्षेत्र के बड़का गांव के समीप तीन अज्ञात अपराधियों के द्वारा फाइनेंस कर्मी से लूट की वारदात को अंजाम दिया गया। ₹75000 लूट और टैब लिए गए जिसके बाद पुलिस ने पुलिस ने गुप्तचर लगाते हुए कार्रवाई की है।

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पुलिस को गुप्त सूचना मिली की एक बार फिर से अपराधी लूट की वारदात को अंजाम देने वाले हैं जिसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है जिनके पास से हथियार और टाइम के साथ लूट की रकम में से ₹25000 बरामद हुए हैं ।

इस पूरे मामले को लेकर एसएसपी जयंत कांत ने जानकारी दी है।

इश्कबाज बुड्ढे के चंगुल में फंसी थी नाबालिग, पुलिस ने लखनऊ से किया आरोपी को गिरफ्तार

जहानाबाद शहर के रामगढ़ मोहल्ला में रहने वाली और करीब दो माह पूर्व बहला-फुसलाकर 55 वर्षीय एक ट्यूशन शिक्षक के द्वारा अगवा की गई 14 वर्षीया छात्रा को नगर थाने की पुलिस ने लखनऊ से बरामद किया। साथ ही आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया है।

लड़की के घर में दूध पहुंचाने वाला दिलीप उर्फ दीपक मुख्य रूप से अरवल जिला के कुर्था थाना अंतर्गत खेमकरण सराय का निवासी है जो शहर के निजामुद्दीनपुर मोहल्ला के रामानंद कॉलोनी में किराए के मकान में रहता था। समीप के ही रामगढ़ मोहल्ले में वह 14 वर्षीया एक लड़की के घर दूध पहुंचाने जाया करता था।

अगवा किए जाने के संबंध में छात्रा के पिता के बयान पर 13 जुलाई को नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एसपी दीपक रंजन द्वारा गठित टीम ने तकनीकी अनुसंधान कर उक्त सफलता हासिल की। एसडीपीओ अशोक पांडे ने बरामदगी की पुष्टि करते हुए उक्त जानकारियां दी।

खबर के अनुसार बच्ची के घर आते जाते अचानक वह नाबालिग लड़की को लेकर लापता हो गया। लड़की के परिजनों ने काफी खोजबीन की बाद में लड़की के पिता के बयान पर नगर थाने में मामला दर्ज करने के बाद पुलिस अनुसंधान कर रही थी। इसी क्रम में पुलिस को जानकारी हुई कि आरोपित शिक्षक लखनऊ के गोसाईगंज में रह रहा है।

तकनीकी अनुसंधान के तहत नगर थाने की टीम पुलिसकर्मियों के साथ वहां पहुंचे और वहां की लोकल पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर लड़की को बरामद किया। साथ हीं आरोपित को भी गिरफ्तार किया गया। बरामद लड़की और गिरफ्तार शिक्षक को पुलिस जहानाबाद लायी। इस संबंध में आगे कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी के एक अंचल अधिकारी पर कड़ा रुख अपनाते हुए अविलंब ससपेंड करने का निर्देश दिया

पटना हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में मधुबनी के एक अंचल अधिकारी पर कड़ा रुख अपनाते हुए मधुबनी के जिलाधिकारी को उन्हें अविलंब ससपेंड करने का निर्देश दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने गोविंद नाथ झा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया ।

यह मामला लखनौर के अंचल अधिकारी द्वारा ग़ैरक़ानूनी रूप अतिक्रमण केस चला कर याचिकाकर्ता पर नोटिस जारी करने से संबंधित है । कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मधुबनी के ज़िलाधिकारी को संबंधित अंचल अधिकारी के खिलाफ जांच करने और उचित विभागीय कार्यवाही शुरू करने का आदेश दिया।

PatnaHighCourt
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साथ-साथ उसे तत्काल निलंबित कर इस हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को 2 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिसमें विफल रहने पर जिलाधिकारी के वेतन पर रोक लगा दी जाएगी।

सेंसेक्स 1090 अंक से अधिक गिरा,निफ्टी 17,531 पर बंद हुआ; सभी सेक्टर लाल निशान पर बंद

शुक्रवार को कमजोर वैश्विक बाजार के बीच सेंसेक्स 1,093 अंक से अधिक की गिरावट के साथ बंद हुआ । सेंसेक्स 1,093 अंक की गिरावट से 58,841 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी 50 346 अंक की गिरावट से 17530 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स चार्ट (16.09.2022) एक नजर में

रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंफोसिस, एमएंडएम, नेस्ले इंडिया, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), डॉ रेड्डीज, एशियन पेंट्स शीर्ष घाटे के साथ बंद हुए।
दूसरी तरफ, इंडसइंड बैंक एकमात्र लाभार्थी थे।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 1 शेयर बढ़त के साथ और 29 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

बैंक निफ्टी इंडेक्स 1% गिरकर 40,777 पर बंद हुआ । सेक्टरों में, आईटी और रियल्टी में 3 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में से प्रत्येक में लगभग 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई।

निफ़्टी के प्रमुख इंडेक्स

निफ्टी इंडेक्स के 50 शेयरों में से 2 हरे निशान में बंद हुए, जबकि 48 लाल निशान में बंद हुए । निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल ।

बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया व बिहार राज्य बार कॉउंसिल द्वारा 24 सितम्बर,2022 को पटना में राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है

पटना । बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया व बिहार राज्य बार कॉउंसिल द्वारा 24 सितम्बर,2022 को पटना के बापू सभागार में राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार का आयोजन किया गया है ।इसमें भारत के चीफ जस्टिस यू यू ललित,केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू,बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत बड़ी संख्या में गणमान्य अतिथिगण इसमें भाग लेंगे।

22 सितम्बर,2022 को डेढ़ बजे दिन में बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा द्वारा प्रेस वार्ता में पूरी जानकारी दी जाएगी।आप सबसे अनुरोध हैं कि अपने प्रतिनिधि व कैमरामैन को भेजने का कष्ट करेंगे।धन्यवाद।

प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल …. बिहार राज्य बार कॉउंसिल भवन

22 सितम्बर,2022 को डेढ़ बजे दिन में बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री मनन कुमार मिश्रा सम्बोधित करेंगे।