Press "Enter" to skip to content

Bihar News in Hindi: The BiharNews Post - Bihar No.1 News Portal

पटना हाइकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण स्थित हारनाटांड में अनुसूचित जनजाति बालिकाओं के एकमात्र स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी

पटना हाइकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण स्थित हारनाटांड में अनुसूचित जनजाति बालिकाओं के एकमात्र स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दिए जाने के मामले को गम्भीरता से लिया था।।कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी (बालसा) से रिपोर्ट तलब किया था।

कोर्ट ने बालसा को ये बताने को कहा था कि कितने बच्चों ने स्कूलों की पढ़ाई छोड़ दी है और कितने बच्चों ने दोबारा इन स्कूलों में जाना शुरू किया है ? बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की लोकहित याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए चिंता जताते हुए ये जानना चाहा था कि इन बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई है।

इसके साथ साथ कोर्ट ने बालसा के एक सदस्य को लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड में स्थित स्कूल एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के विकास से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है ।

Patnahighcourt

इस मामले में पहले भी हाईकोर्ट ने वकीलों की एक टीम गठित कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया था । इस टीम में अधिवक्ता सूर्या नीलांबरी, अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय , अधिवक्ता आयुष अभिषेक एवं अन्य अधिवक्ता शामिल थे ।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है।पहले यहाँ पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी।

लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन राज्य सरकार के हाथ में आया तबसे इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।

साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया।इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।

इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को हलफनामा दायर कर राज्य के सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति व किये गए सुधार का ब्यौरा देने का निर्देश दिया

Patna High Court ने राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों के स्थिति के सम्बन्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

Patna High Court ने राज्य के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। राज्य के सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति व किये गए सुधार का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है।

पूर्व की सुनवाई में चान्सलर कार्यालय के हलफनामा में बताया गया था कि लॉ कालेजों में नेट/ पीएचडी डिग्रीधारी शिक्षक होने चाहिए।

पूर्व की सुनवाई में Patna High Court ने चान्सलर कार्यालय को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा था कि राज्य में लॉ की पढ़ाई के लिए क्या क्या सुधारात्मक कार्रवाई की गई।साथ ही ये भी बताने को कहा गया था कि इन लॉ कालेजों में छात्रों को पढ़ाने के लिए यूजीसी मानक के तहत नेट/पीएचडी डिग्री वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है या नहीं।

चान्सलर ने राज्य के विश्वविद्यालयों के वाईस चान्सलर की बैठक 3अप्रैल,2023 को तय किया था।इस बैठक में असिस्टेंट प्रोफेसर, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्माचारियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएँ, सम्बद्धता दिए जाने के सम्बन्ध विचार विमर्श किया जाना था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि इन लॉ कालेजों में जो प्रिंसिपल और शिक्षक कार्य कर रहे है, वे यूजीसी के मानदंडों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते है।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

उन्होंने बताया कि ये शिक्षक यूजीसी द्वारा नेट की परीक्षा बिना पास किये पद पर बने हुए।इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपल भी पीएचडी की डिग्री प्राप्त नहीं किया है।

पिछली सुनवाई में Patna High Court ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह बताने को कहा था कि राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में नेट की परीक्षा पास किए शिक्षकों को क्यों नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही है।

Patna High Court ने बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से ये जानना चाहा था कि राज्य के लॉ कॉलेज में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लॉ कालेजों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति होना आवश्यक है।

कोर्ट को अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति बहुत दयनीय है।वहां बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है।

बीसीआई के निर्देश और जारी किए गए गाइड लाइन के बाद भी बहुत सुधार नहीं हुआ है।बीसीआई के निरीक्षण के बाद भी बहुत सारे कालेज निर्धारित मानकों को नहीं पूरा कर रहे है।

इससे पूर्व Patna High Court ने बीसीआई के अनुमति/ अनापत्ति प्रमाण मिलने के बाद ही सत्र 2021- 22 के लिए राज्य के 17 लॉ कालेजों को अपने यहां दाखिला लेने के लिए अनुमति दी थी।

सुनवाई के समय याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार एवं रितिका रानी, बीसीआई की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने Patna High Court में अपने अपने पक्षों को प्रस्तुत किया।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 25अप्रैल,2023 को की जाएगी।

बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 7वें चरण के शिक्षक बहाली का रास्ता साफ, शिक्षकों को राज्यकर्मी का मिला दर्जा, 50 % महिला आरक्षण

पटना । सोमवार को बिहार कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में उपमुख्मंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य नेता मौजूद थे इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंड़ों पर मोहर लगी ।

Bihar Cabinet Meeting : आज हुई बैठक में 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। नयी नियमावली में कई बदलाव किये गये हैं, अब सभी विषयों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान किया गया है। सभी शिक्षकों को महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इसके साथ ही, अब शिक्षकोंकी नियुक्ति आयोग के माध्यम से होगी ।

Bihar में इस नियमावली के पास होने के बाद अब करीब 3 लाख पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए अब जल्द ही विज्ञापन जारी होगा।

nitishkumar

नयी नियमावली में तीन परीक्षाओं का प्रावधान किया गया है। तीनों परीक्षा पास करने के बाद शिक्षक पूर्ण रूप से राज्यकर्मी के कैडर में आ जायेंगे।नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। पेंशन भोगियों को 1 जनवरी, 2023 के प्रभाव से 38% के स्थान पर 42% महंगाई भत्ता मिलेगा। इस प्रावधान से नियोजित शिक्षकों के सरकारी शिक्षक बनाने की पुरानी मांग भी पूरी हो गयी है।

JDU ने नीतीश सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि शिक्षकों के लिए इसे बड़ी खुशखबरी नहीं हो सकती। Office of Tejashwi Yadav के ट्विटर हैंडल से…

Bihar Corona News Update: बिहार में कोरोना संक्रमण पांव पसार रहा है, एक्टिव मरीजों की संख्या 109 हुई

पटना । बिहार में कोरोना के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं । गया में एक मौत के बाद अब बिहार के कई जिलों में कोरोना संक्रमण ने पांव पसार लिए हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक फिलहाल पटना में ही है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट XBB1.16 वायरस के मामले भी मिले हैं।

बिहार में Corona के एक्टिव मरीजों की संख्या 109 हो गयी है। बीते 24घंटे के दौरान कोरोना के 46 नये संक्रमित मिले है। पटना में 27 नये मरीज मिले है, वहीं अन्य जिलों में भी कई मरीज पाए गए। नये संक्रमितों की संख्या में दोगुनी से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी है।

बिहार के 10 जिलों में Corona केनये मरीज पाये गये हैं। बिहार के जिन जिलों में कोरोना के नये मरीज पाये गये हैं उनमें सबसेअधिक 27 संक्रमित सिर्फ पटना जिले में पाये गये हैं। इसके अलावा गया जिले में आठ,खगड़िया,सहरसा व मुंगेर जिले में दो-दो और भागलपुर, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद,मधुबनी और सीवान जिले में एक-एक नये संक्रमित पाये गये हैं।

Coronavirus

Corona में थोड़ी सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। मुंगेर में दो कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप है, ट्रेवल हिस्ट्री नहीं रहने के बावजूद हुए कोरोना पॉजिटिव। फुलवारीशरीफ के एक मरीज को तीसरे डोज लेने के बाद भी कोरोना हो गया है।

ताजा रिसर्च के अनुसार गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी Corona खतरनाक है, कोरोना से बच्चे के दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है।

स्वास्थ्य विभाग ने Corona के बढ़ते मामले को देखते हुए सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वह मरीजों का सैंपल लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान,पटना को भेजें। आइजीआइएमएस के लैब को भी निर्देश दिया गया है कि सोमवार से जीनोमसिक्वेंसिंग की जांच आरंभ कर दे।

बिहार में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का हुआ तबादला; कई IAS और IPS अफसरों का तबादला, कई जिलों के DM बदल दिए गए

बिहार सरकार ने शनिवार को 15 डीएम और 26 आईपीएस अधिकारियों सहित 37 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया।

गृह विभाग के आदेश के मुताबिक 36 आईएएस अधिकारी और 24 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। कई अफसरों को नई जिम्मेदारी दी गई है जबकि कई अधिकारियों को दूसरे जिलों का प्रभार सौंपा गया है।

स्थानांतरित किए गए लोगों में एक वरिष्ठ एसपी और नौ एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। सहरसा एसपी लिपि सिंह को रोहतास जिले के डेहरी में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) -2 इकाई के कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया है।

Bihar police IAS IPS transfer

जिन जिलों के डीएम का तबादला किया गया है उनमें पूर्वी चंपारण, खगड़िया, कटिहार, पश्चिमी चंपारण, सारण, कैमूर, सहरसा, सीवान, औरंगाबाद, मधेपुरा, पूर्णिया, बक्सर, शेखपुरा, अरवल और शिवहर शामिल हैं।

पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक को आईजी (जेल) लगाया गया है, जबकि खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष को निदेशक (कृषि) का प्रभार दिया गया है। कटिहार के डीएम उदयन मिश्रा को निदेशक (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है, और पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार को सुहर्ष भगत की जगह पूर्णिया का डीएम बनाया गया है, जो औरंगाबाद के डीएम का पदभार संभालेंगे। सारण डीएम राजेश मीणा को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि कैमूर के डीएम नवदीप शुक्ला को पशुपालन विभाग के निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया है। सहरसा के डीएम आनंद शर्मा को पंचायती राज का निदेशक बनाया गया है और सीवान के डीएम अनिल कुमार पांडेय खगड़िया के डीएम का पदभार संभालेंगे।

पटना हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह चुनाव जीत गए

पटना हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह चुनाव जीत गए है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजेंद्र नारायण को हराया।

महासचिव पद पर अधिवक्ता जय शंकर चुनाव जीत गए है। अधिवक्ता पुष्पा सिन्हा कोषाध्यक्ष के पद के लिए चुनाव जीत गई है।लेकिन इनके जीत की औपचरिक घोषणा होना बाकी है।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

उपाध्यक्ष के तीन पदों के लिए मतगणना चल रही है। अन्य पदों के लिए भी मतगणना जारी है।देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघों में सबसे बड़े अधिवक्ता संघ एडवोकेट्स एसोसिएशन के विभिन्न पदों के निर्वाचन के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया; कल आएंगे परिणाम

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघों में सबसे बड़े अधिवक्ता संघ एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष समेत विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया।

मतदान पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 5 बजे तक हुआ। पटना हाई कोर्ट परिसर के ही दक्षिणी पार्किंग स्थल में मतदान केंद्र बनाए गए थे।

अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए कई मतदान केंद्र बनाए गए थे। खास बात यह थी कि मतपत्र में उम्मीदवारों के नाम के साथ ही साथ फ़ोटो भी छापे गए थे।

Patnahighcourt

कल मतगणना का कार्य सुबह साढ़े नौ बजे से किया जाएगा। देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने क्रॉस का चिन्ह लगाकर मतदाता को अपना मत देने का निर्देश रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया था। मतदान देने के लिए मतदाताओं को एसोसिएशन द्वारा जारी पहचान पत्र के साथ ही साथ अन्य विकल्प के तौर पर लाइब्रेरी कार्ड, बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र, आधार कार्ड/ पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस लाने को कहा गया था।

बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18अप्रैल, 2023 को सुनवाई की जाएगी

पटना । बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18अप्रैल,2023 को सुनवाई की जाएगी। अखिलेश कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नही है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जातियों के आधार पर व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है।

उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है।ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।

Patna-High-court-on-Bihar-caste-based-survey

उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की।उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है।

कोर्ट ने इस मामलें पर 18अप्रैल,2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।इस याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।

आज पटना हाइकोर्ट के सबसे बड़े अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व अन्य पदों पर अधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान होगा

आज पटना हाइकोर्ट के सबसे बड़े अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव व अन्य पदों पर अधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान होगा। मतदान आज सुबह दस बजे से शाम पाँच बजे तक होगा।

इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई।बड़ी तादाद में मतदान केंद्र बनाए गए,ताकि सभी अधिवक्तागण अपना
मतदान का सुविधा से कर सके।

ये अधिवक्ता संघ काफी बड़ा है और इसके सदस्य भी लगभग तीन हज़ार है।इस मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बल के जवान रहेंगे।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

एक बूथ पर लगभग दो सौ वकीलों के मतदान करने की व्यवस्था की गई है।सभी मतदाताओं को दस दस मतपत्र दिए जाएँगे,जो अलग अलग रंगों के होंगे।

कल 8 अप्रैल ,2023 को मतगणना की जाएगी।मतगणना का कार्य सुबह साढ़े नौ बजे प्रारम्भ होगा।देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

पटना हाइकोर्ट ने भाजपा सांसद के अंगरक्षक,उनके भाई एवं उनकी पत्नी को घर में घुसने नहीं दिये जाने के मामले में सीआरपीएफ के डीजी सहित राज्य के डीजीपी एवं सांसद से जबाब तलब किया

पटना हाइकोर्ट ने भाजपा सांसद के अंगरक्षक,उनके भाई एवं उनकी पत्नी को घर में घुसने नहीं दिये जाने के मामले में सीआरपीएफ के डीजी सहित राज्य के डीजीपी एवं सांसद से जबाब तलब किया है।

कोर्ट ने सभी को एक सप्ताह के भीतर जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।जस्टिस डॉ अंशुमान ने भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के भाई सेवानिवृत्त एयर कमांडर रणधीर प्रताप की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की।

आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आवेदक भारतीय वायुसेना से सेवानिवृत्त है।इनकी बेहतर सेवा पर केंद्र सरकार ने विशिष्ट सेवा मेडल दिया।

लेकिन उनके माँ का देहांत होने के बाद भाईयो में सम्पति को लेकर विवाद होने लगा।आवेदक ने छपरा सिविल कोर्ट में बटवारा केस भी दायर किया है।

Patnahighcourt

उनका कहना था कि सांसद के इशारे पर उनके सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवान उन्हें एवं उनकी पत्नी को पुस्तैनी घर में प्रवेश करने से रोक दिये।यही नहीं जवान उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किये।

इसकी शिकायत सीआरपीएफ के डीजी सहित राज्य के डीजीपी सारण के एसपी से जवाबतलब किया।

लेकिन कही से कोई कार्रवाई नहीं हुई।उनका कहना था कि आपसी विवाद की जानकारी होने के बाद भी सीआरपीएफ के आला अधिकारी कुछ नहीं किये।जबकि घटना की सूचना एवं शिकायत किये जाने के बाद भी कोई कार्रवाई की गई।

उन्होंने अपने पुस्तैनी घर में प्रवेश करने एवं शांतिपूर्ण तरीके से घर में रहने की गुहार कोर्ट से लगाई।कोर्ट ने सभी अधिकारियों सहित सांसद को जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया।इस मामलें पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह सहित बीस प्रोफेसरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया

पटना हाईकोर्ट ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह सहित बीस प्रोफेसरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। जस्टिस संदीप कुमार ने आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद दायर प्राथमिकी को रद्द कर दिया।

याचिकाकर्ताओं के वकील नवीन प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वर्ष 2019 के इंटर परीक्षा की कॉपी जांचने के लिए मगध विश्वविद्यालय के शिक्षकों का लिस्ट तैयार कर भेज दिया।लेकिन विश्वविद्यालय में स्नातक की परीक्षा होने के कारण शिक्षक इंटर की कॉपी जाचने नहीं गये।

इंटर कॉपी नहीं जांचने के कारण को लेकर एक सूचना एएन कॉलेज के प्रिंसिपल ने उच्च माध्यमिक के परीक्षा नियंत्रक सह संयुक्त सचिव को पत्र भेज दिया।लेकिन इंटर कॉपी जांचने नहीं आने वाले शिक्षकों के खिलाफ पटना जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बहादुरपुर थाना को 72 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

डीईओ के चिठ्ठी पर बहादुरपुर थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।उनका कहना था कि जिस समय इंटर की कॉपी जांचने के लिए शिक्षकों को लगाया गया था उस समय विश्वविद्यालय स्नातक सहित स्नातकोत्तर एवं अन्य कई विषयों का परीक्षा कार्यक्रम जारी किया था।

यही नहीं कॉलेज के प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग के संयुक सचिव को पत्र भेज पूरी जानकारी भी दे दी।इसके बावजूद विभाग प्राथमिकी दर्ज करा दी।कोर्ट ने दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया।

पहली बार पटना हाईकोर्ट में अधिवक्ता संघ के चुनाव में मतपत्रों पर उम्मीदवारों के नाम के साथ उनका फोटो भी रहेगा

पहली बार पटना हाई कोर्ट में अधिवक्ता संघ के चुनाव में मतपत्रों पर उम्मीदवारों के नाम के साथ उनका फोटो भी रहेगा। इसकी जानकारी चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी वरीय अधिवक्ता अंजनी कुमार ने दी।

उनका कहना था कि एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव में मतदाता को अपने मनपसंद उम्मीदवार के नाम के सामने क्रॉस का निशान लगाना होगा।क्रॉस निशान के बजाये कोई अन्य निशान लगाये जाने पर उस मतपत्र को रद्द कर दिया जायेगा।

उनका बताया कि पद से ज्यादा उम्मीदवारों को वोट दिए के स्थिति में भी मतपत्र को रद्द कर दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 7 अप्रैल,2023 को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।मतदान के बाद सभी पदों के उम्मीदवारों के मौजूदगी में मत पेटी को सील कर सुरक्षित स्थान पर रखा जायेगा।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

उन्होंने बताया कि कहना 8 अप्रैल को सुबह साढ़े नौ बजे से मतों की गिनती का काम शुरू किया जायेगा।चुनाव के लिए बीस बूथ बनाये गए है।

सभी बूथों पर चार चार वकील को पीठासीन अधिकारी बनाया गया है ।एक बूथ पर करीब दो सौ वकीलों को वोट देने की व्यवस्था की गई है।

सभी मतदाता को दस दस मतपत्र दिया जायेगा सभी मतपत्रों को अलग अलग रंग में रहेगा। शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस बल तैनात करने के लिए पटना डीएम को चिट्ठी भेजी गई है।

पटना हाइकोर्ट ने स्वीकृत नक्शे के बगैर हुए निर्माण को अवैध घोषित करने के बाद अपार्टमेंट के लोगों को जबरन निकालने हेतु उनका बिजली कनेक्शन काटे जाने पर नाराजगी जताई

पटना हाइकोर्ट ने स्वीकृत नक्शे के बगैर हुए निर्माण को अवैध घोषित करने के बाद अपार्टमेंट के लोगों को जबरन निकालने हेतु उनका बिजली कनेक्शन काटे जाने पर नाराजगी जताई।कोर्ट ने पूर्णिया के डीएम, एसडीओ और नगर आयुक्त सहित वहां के उत्तर बिहार विद्युतआपूर्ति कंपनी के पूर्वी पश्चिमी प्रमंडल के कार्यपालक विद्युत अभियंता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है।

जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने डॉक्टर संजीव कुमार की रिट याचिका पर सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के सीनियर एडवोकेट विनायक कीर्ति सिंह को कहा कि उनके मुवक्किल यह सुनिश्चित करें कि आज ही एक घंटे के अंदर पूर्णिया के इस अपार्टमेंट की विद्युत आपूर्ति को तुरंत चालू किया जाए ।

कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया,तो सम्बंधित विद्युत कार्यपालक अभियंता हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के लिए जिम्मेदार होंगे।

याचिकाकर्ता के वकील पुरुषोत्तम झा ने कोर्ट को बताया कि एक निगरानी जांच के मामले में नगर आयुक्त ने उस अपार्टमेंट के चौथे तल्ले का पूरा निर्माण को अवैध करार देते हुए वहां के निवासियों को भवन खाली कर आदेश दिया था । उस आदेश के को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता बिहार भवन निर्माण ट्रिब्यूनल में अपील दायर किया, लेकिन ट्रिब्यूनल में सदस्यों की संख्या पर्याप्त नहीं होने के कारण वहां सुनवाई नहीं हो पा रही है।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

अंततः कोई कानूनी निदान नहीं देखते हुए याचिकाकर्ता ने आनन-फानन में हाईकोर्ट का याचिका दायर की। हाई कोर्ट में रिट याचिका के दायर होने की जानकारी के बावजूद पूर्णिया के नगर आयुक्त ने वहां के अनुमंडल अधिकारी को नगर आयुक्त के कार्यालय से निगरानी वाद में पारित आदेश के अनुपालन करने का निर्देश दिया। अनुमंडल अधिकारी ने आनन-फानन में बिना मकान खाली करने का नोटिस और मौका दिए ही 1 दिन के अंदर ही अपार्टमेंट के चौथा तल्ला को खाली कर सील करने की कार्रवाई कर दी।

यही नहीं,जिला प्रशासन और नगर आयुक्त के इशारे पर ही बगैर किसी कानूनी सकती हो कहीं अनाधिकृत रूप से विद्युत कार्यपालक अभियंता ने पूरे चौथे तल्ले का विद्युत आपूर्ति भी काट दिया।

हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा अधिकारी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग खुलेआम करेंगे, तो कानून का राज कैसे स्थापित हो सकेगा?

कोर्ट ने इन चारों अधिकारियों को अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया। इस मामलें पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।

साजिश रामभक्तों के विरुद्ध हुई, हमले हुए, अब उन्हें ही प्रताड़ित करना चाहते हैं नीतीश: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि रामनवमी पर बिहारशरीफ और सासाराम सहित चार शहरों में उपद्रव करना उनकी साजिश थी, जिन्होंने रामभक्तों पर पत्थरों से हमला किया और विस्फोट कराये।

  • हिम्मत है तो हाल के दंगों की न्यायिक जांच कराये सरकार
  • सरकारी जांच से पहले जब सीएम बता रहे हैं साजिश किसकी, तब नाटक क्यों ?
  • जान लें, राम भक्तों की प्रताड़ना नहीं है लाल किला पहुंचने का रास्ता

श्री मोदी ने कहा कि साजिश उनकी थी, जो सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर मजहबी कब्जा हटाने के खिलाफ थे। साजिश उनकी थी, जो सम्राट अशोक की जयंती मनाने से भाजपा को रोकना चाहते थे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कहना तो सही है कि माहौल खराब कराया गया, लेकिन वे लगे हाथ साजिश का आरोप उन्हीं राम भक्तों पर लगा रहे हैं, जिन पर हमले हुए, जिनके घर जले और जिस समुदाय के एक व्यक्ति की जान गई।

श्री मोदी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री पहले ही तय कर रहे हैं कि दंगों की साजिश किन लोगों की, तब राज्य सरकार की जांच का कोई मतलब नहीं।

Sushil_Modi

उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार साम्प्रदायिकता से समझौता नहीं करते तो उन्हें पूरे मामले की न्यायिक जांच करानी चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राम भक्तों को प्रतिड़ित करने और दंगाइयों को बचाने का मन बना लिया है। यही उन्हें लाल किले तक पहुँचने का रास्ता लगता है।

उन्होंने कहा कि संवेदनशील इलाकों में समय पर फ्लैग मार्च क्यों नहीं हुआ? कर्फ्यू लगाने में देर क्यों हुई? केंद्र से अर्धसैनिक बल की पर्याप्त टुकड़ी क्यों नहीं मांगी गई? शोभायात्रा के मार्ग में पड़ने वाले घरों और उनकी छतों की तलाशी पहले क्यों नहीं की गई?

श्री मोदी ने कहा रामनवमी पर चाक-चौबंद सुरक्षा देने में जो सरकार फेल रही और वह खुद ही अपनी जांच करेगी और खुद ही पास घोषित कर देगी।

Bihar Caste-based Survey: बिहार में कोड बताएगा कौन किस जाति से है, हर जाति का एक अलग कोड; जाने किस जाति का कोड कौन सा होगा

पटना । बिहार में 15 अप्रैल से जाति गणना के दूसरे चरण की शुरुआत होने वाली है। इसके पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था। दूसरे चरण में 215 जातियों और एक अन्य के साथ कुल 216 जातियों की गणना होगी। जातियों की सूची और उसकी श्रेणी भी तैयार कर ली गई है।

बिहार में अब अंकों से अलग-अलग जातियों की पहचान होगी। प्रदेश में 215 जातियों की गणना के लिए अलग-अलग कोड निर्धारित किए गए हैं। बिहार में जातियों के लिए कोड तय कर दिया गया है। किसकी कौन सी जाति, यह अंकों से पता चल जाएगा। Bihar Caste-based Survey के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। हर जाति का एक अलग कोड अंकों के रूप में होगा।

Bihar-caste-based-survey

जाति पूछ कर गणनाकर्मी अंक अंकित करेंगे। 15 अप्रैल से होने वाली दूसरे चरण की गणना में 215 व एक अन्य मिलाकर कुल 216 जातियों की आबादी की गिनती होगी। 11 अप्रैल तक अधिकारियों से लेकर गणनाकर्मियों तक को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

गणना के दौरान जातियों के नाम के साथ उस जाति के लिए निर्धारित कोड को लिखा जाएगा। एक व्यक्ति की गणना एक ही स्थान से होगी। अलग-अलग समुदाय के सामान्य से लेकर अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग की जातियों के लिए कोड होगा। इस कोड या अंक का उपयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने, आवेदन व अन्य रिपोर्ट में किया जा सकेगा। एक उदाहरण बनिया जाति का लें तो कोड संख्या 124 है।

JaatiJangannaCode

बनिया जाति के लिए 124 कोड संख्या निर्धारित किया गया है, जिसमें सूड़ी, गोदक, मायरा, रोनियार, पंसारी, मोदी, कसेरा, केसरवानी, ठठेरा, कलवार, कमलापुरी वैश्य, माहुरी वैश्य, बंगी वैश्य, वैश्य पोद्दार, बरनवाल, अग्रहरी वैश्य, कसौधन, गंधबनिक, बाथम वैश्य, गोलदार आदि शामिल हैं।

सवर्ण जातियों की बात करें तो कायस्थ का कोड 22, ब्राह्मण के लिए 128, राजपूत के लिए 171 तो भूमिहार के लिए 144 है। कुर्मी जाति का अंक 25 और कुशवाहा कोइरी का 27 है। यादव जाति में ग्वाला, अहीर, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप, लक्ष्मीनारायण गोला के लिए कोड संख्या 167 है।

पटना हाईकोर्ट में एडवोकेट एसोसिएशन के 30 पदों के लिए चुनाव 7 अप्रैल को; कुल 144 प्रत्याशि मैदान में

पटना हाईकोर्ट में एडवोकेट एसोसिएशन के 30 पदों के लिए 7 अप्रैल,2023 को होने वाले चुनाव में कुल 144 प्रत्याशियों ने अपनी पूरी शक्ति जीत के लिए लगा दी है। एडवोकेट एसोसिएशन के होने वाले इस चुनाव में अध्यक्ष के 1 पद के लिए 15 उम्मीदवार , उपाध्यक्ष के तीन पद के लिए 28 उम्मीदवार, महासचिव के 1 पद के लिए 13 उम्मीदवार, संयुक्त सचिव के 3 पद के लिए 25 उम्मीदवार है।

सहायक सचिव के 3 पद के लिए 16 उम्मीदवार , कोषाध्यक्ष के 1 पद के लिए 6 उम्मीदवार, ऑडिटर के 2 पद के लिए 2 दो उम्मीदवार, सीनियर एग्जीक्यूटिव के 5 पद के लिए 8 उम्मीदवार, एग्जीक्यूटिव के 7 पद के लिए 21 उम्मीदवार, निगरानी के 3 पद के लिए 7 उम्मीदवार और लाइब्रेरी कमेटी के 1 पद के लिए तीन उम्मीदवार हैं।

इस बार के चुनाव में सभी उम्मीदवार अपने अपने तरीके से मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में वोट देने के लिए लुभाने में लगे हैं।

Patnahighcourt

इस बार के चुनाव मे चारों तरफ होर्डिंग, फलैक्स से पूरा हाई कोर्ट परिसर के साथ साथ बार कॉउंसिल भवन भी पट गया है।

अध्यक्ष पद के लिए वरीय अधिवक्ता राजेन्द्र नारायण , राजीव कु० वर्मा,विंध्यकेशरी कुमार, शैलेन्द्र कुमार सिंह,प्रेम कुमार झा, और
अरुण कुशवाहा में मुकाबला है। उपाध्यक्ष पद के लिए प्रबल दावेदारों में द्विवेदी सुरेन्द्र,राम जीवन प्रसाद,शंभु शरण शर्मा,मनोज कुमार सिंह के बीच सीधी टक्कर है। इन्हीं में से कोई भी तीन व्यक्ति उपाध्यक्ष बन सकता है। वैसे द्विवेदी सुरेंद्र को सभी अधिवक्ताओं का समर्थन मिल रहा है ।

सेक्रेटरी जेनरल पद के लिए शारदानंद मिश्र,राम संदेश राय,पुनम कुमारी सिंह,पांडेय, और राकेश कुमार सिन्हा के बीच टक्कर है।

सहायक सचिव के लिए राजेश कुमार,चौबे, राकेश रंजन,राजनीश चंद्रा,नलिन कुमार,श्यामेशवर कुमार सिंह, और महिला उम्मीदवार श्वेता सिंह के बीच ही टक्कर है।

पटना हाईकोर्ट के दूसरे बड़े वकील संघ लायर्स एसोसिएशन का चुनाव 19 अप्रैल,2023 को होगा

पटना हाईकोर्ट के दूसरे बड़े वकील संघ लायर्स एसोसिएशन का चुनाव 19 अप्रैल,2023 को होगा। शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सारी तैयारी की जा रही हैं। मतदान के लिए नये मतपेटी बनाई गई हैं।

निर्वाची पदाधिकारी वरीय अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने बताया कि मतपेटी ऐसा बनाया गया है, कि किसी भी हाल में मतपेटी से मतपत्र निकलना संभव नहीं है।मतदान के लिए सभी मतदाताओं को एसोसिएशन का पहचान पत्र साथ लाना अनिवार्य किया गया है।चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी वरीय अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह ने बताया कि सभी उम्मीदवारों से शांतिपूर्ण चुनाव सहयोग करने की अपील की है।

उन्होंने बताया कि चुनाव के पूर्व सभी उम्मीदवारों के साथ एक अहम बैठक की जायेगी।आरओ ने वरीय कार्यकरणी सदस्य के पांच पद,कार्यकरणी सदस्य के 7 पद,ऑडिटर के तीन पद, निगरानी सदस्य के तीन पद सहित लाइब्रेरी कमेटी के तीन पद पर उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

इन सभी पदों पर जितना सीट था, उतने ही उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये।अब अध्यक्ष पद के एक सीट के लिए चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में है।वही उपाध्यक्ष पद के तीन सीट के लिए दस उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं।जबकि महासचिव के एक सीट के लिए पांच उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रहे हैं।

वही संयुक्त सचिव और सहायक सचिव के तीन तीन पद के लिए सात व छह उम्मीदवार तथा कोषध्यक्ष के एक पद के लिए तीन उम्मीदवार के बीच काटे का टक्कर हैं।19 अप्रैल,2023 को होने वाले चुनाव में सभी उम्मीदवारों जोर शौर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।

पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई दो सप्ताह तक टली

पटना हाईकोर्ट में पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई दो सप्ताह तक टली। जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में एस एस पी, पटना और एस आई टी जांच टीम का नेतृत्व करने वाली सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा भी कोर्ट में उपस्थित रही थी।

अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया था कि कोर्ट अब तक एस आई टी द्वारा किये गए जांच और कार्रवाई के सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करना चाहता था।उन्होंने बताया कि आफ्टर केअर होम में रहने वाली महिलाओं की स्थिति काफी खराब है।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

पहले की सुनवाई में कोर्ट ने अनुसंधान को डी एस पी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट भी तलब किया था।

हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे।

इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।

Patna High Court News: बिहार में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट के पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने बिहार सरकार को जवाब देने के पुनः 3 सप्ताह का समय दिया

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट के पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के पुनः तीन सप्ताह का समय दिया है।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन खंडपीठ ने मुकेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर असंतोष जाहिर किया था।कोर्ट ने राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आलोक में राज्य सरकार को पुनः जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशान्त सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि डॉक्टरों द्वारा लिखें गए पर्ची पर निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा दवा नहीं दी जाती है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि बहुत सारे सरकारी अस्पतालों में अनिबंधित नर्स,एएनएम,क्लर्क ही फार्मासिस्ट का कार्य करते है।वे बिना जानकारी और योग्यता के ही मरीजों को दवा बांटते है।जबकि ये कार्य निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा किया जाना है।

Patnahighcourt

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि इस तरह से अधिकारियों द्वारा अनिबंधित नर्स,एएनएम,क्लर्क से काम लेना न केवल सम्बंधित कानून का उल्लंघन है,बल्कि आम आदमी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।

पिछली सुनवाई में उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि फार्मेसी एक्ट,1948 के तहत फार्मेसी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों के अलग अलग पदों का सृजन किया जाना चाहिए।लेकिन बिहार सरकार ने इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।इस आम लोगों का स्वास्थ्य और जीवन पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि फार्मेसी एक्ट,1948 के अंतर्गत बिहार राज्य फार्मेसी कॉउन्सिल के क्रियाकलापों और भूमिका की जांच के लिए एक कमिटी गठित की जाए।ये कमिटी कॉउन्सिल की क्रियाकलापों की जांच करें,क्योंकि ये गलत तरीके से जाली डिग्री देती है।

उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि बिहार राज्य फार्मेसी कॉउन्सिल द्वारा बड़े पैमाने पर फर्जी पंजीकरण किया गया है।राज्य में बड़ी संख्या मे फर्जी फार्मासिस्ट कार्य कर रहे है।इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सहरसा में स्थापित किये जाने वाले एम्स अस्पताल को दरभंगा स्थानांतरित किये जाने के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 17अप्रैल,2023 तक मोहलत दी

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के सहरसा में स्थापित किये जाने वाले एम्स अस्पताल को दरभंगा स्थानांतरित किये जाने के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने कोशी विकास संघर्ष मोर्चा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 17अप्रैल,2023 तक मोहलत दी है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया था कि विभिन्न राज्यों में एम्स के स्तर के अस्पताल स्थापित करने की योजना तैयार की गई।बिहार के सहरसा में एम्स के तर्ज पर अस्पताल बनाए जाने का प्रस्ताव था।

कोर्ट को बताया गया था कि इस अस्पताल के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि सहरसा में उपलब्ध है।2017 में सहरसा के जिलाधिकारी ने इस अस्पताल के लिए आवश्यक 217.74 एकड़ भूमि की उपलब्धता की जानकारी विभाग को दी थी।

कोर्ट को ये बताया था कि इस क्षेत्र में एम्स स्तर का अस्पताल नहीं है।गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिए इस क्षेत्र के लोगों को या तो पटना जाना पड़ता है या सिलिगुडी जाना पड़ता है।इसमें न सिर्फ लोगों को आने जाने में कठिनाई होती है,बल्कि आर्थिक बोझ भी पड़ता है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सहरसा में एम्स अस्पताल के निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध है,जबकि दरभंगा में एम्स अस्पताल के लिए पर्याप्त भूमि की उपलब्ध नहीं है।

PatnaHighCourt
#PatnaHighCourt

कोर्ट को एम्स अस्पताल के निर्माण के मानकों पर सहरसा ज्यादा खरा था,लेकिन राज्य सरकार ने 2020 में दरभंगा में एम्स अस्पताल स्थापित किये जाने की अनुशंसा कर दी थी।यह इस क्षेत्र लोगों के साथ अन्याय किया गया।

कोर्ट को याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि सहरसा,पूर्णियां,कटिहार, किशनगंज और अररिया जिले इस क्षेत्र में आते है।इस क्षेत्र की जनसंख्या के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एम्स अस्पताल स्थापित की जानी चाहिए।

कोर्ट को बताया गया कि इस क्षेत्र के बहुत सारे लोग कैंसर समेत कई अन्य गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।आमलोग को बेहतर ईलाज के लिए इस क्षेत्र में एम्स स्तर के अस्पताल की सख्त आवश्यकता है।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 17अप्रैल,2023 के बाद की जाएगी।