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Breaking News of Bihar

बाढ़ से बेहाल बिहार रेलवे पुल पर दवाब की वजह से मिथिलाचंल का देश से सम्पर्क टूटा

हायाघाट के पास रेलवे पुल पर पानी के दबाव के कारण जयनगर रेलखंड पर कई ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेलवे प्रशासन ने जयनगर-भागलपुर एक्सप्रेस वे, जयनगर-समस्तीपुर पैसेंजर सहित कई ट्रेनों को रद कर दिया है।इसके साथ ही गंगासागर एक्सप्रेस सहित कुछ ट्रेनें समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और बरौनी से चलाए जाने की खबर है। पवन और शहीद एक्सप्रेस सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के रास्ते चलेंगी। ट्रेनों के रद होने और रूट डायवर्जन के लिए रेल यात्रियों को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है।

01 सितंबर को अपने प्रारंभिक स्टेशन से प्रस्थान करने वाली वैसी ट्रेनें जिनका परिचालन रद्द किया गया है-

  • 05549 जयनगर-पटना स्पेशल ट्रेन
  • 05550 पटना-जयनगर स्पेशल ट्रेन
  • 05553 भागलपुर-जयनगर स्पेशल ट्रेन
  • 05554 जयनगर-भागलपुर स्पेशल ट्रेन
  • 05589 समस्तीपुर-दरभंगा स्पेशल ट्रेन
  • 05590 दरभंगा-समस्तीपुर स्पेशल ट्रेन
  • 05593 समस्तीपुर-जयनगर स्पेशल ट्रेन
  • 05594 जयनगर-समस्तीपुर स्पेशल ट्रेन
  • 05283 मनिहारी-जयनगर स्पेशल ट्रेन
  • 05284 जयनगर-मनिहारी स्पेशल ट्रेन 03225 जयनगर-राजेंद्र नगर टर्मिनल स्पेशल ट्रेन
  • 03226 राजेंद्र नगर टर्मिनल-जयनगर स्पेशल ट्रेन
  • 03227 सहरसा-राजेंद्र नगर टर्मिनल स्पेशल ट्रेन
  • 03228 राजेंद्र नगर टर्मिनल-सहरसा स्पेशल ट्रेन
  • 05559 दरभंगा-अहमदाबाद स्पेशल ट्रेन

सोशल मीडिया के सहारे पंचायत चुनाव पर आयोग की रहेगी नजर

बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर आयोग पहली बार सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की मॉनिटरिंग करेगा. चुनाव के दौरान किसी भी गड़बड़ी की शिकायत के लिए चुनाव आयोग के द्वारा हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.ऐप के माध्यम से मतदाता शिकायत दर्ज करा सकेंगे. आयोग ने शिकायत पर त्वरित कारवाई करने के लिए हेल्पलाइन नंबर18003457243 जारी किया है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव की ऑनलाइन निगरानी कि विभिन्न की सुविधाएं इस बार पंचायत चुनाव में देखने को मिलेगी.


जागरूकता के लिए सोशल मीडिया का सहारा- बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग द्वारा मतदाताओं को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग (bihar state election commission) ने पंचायत चुनाव पर विशेष गीत भी लांच किया है. ये है बिहार जय जय बिहार गीत को कलर ट्यून के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा मतदाताओं से मतदाता सूची की तैयारी और मतदान केंद्रों की स्थापना को लेकर संवाद स्थापित किया जा रहा है.


बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल- बिहार के पंचायत चुनाव में पहली बार बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य में बोगस वोटिंग रोकने के लिए मतदान केंद्रों पर बायोमेट्रिक का भी इस्तेमाल किया जाएगा. बायोमेट्रिक के लगने से मतदाता दो बार मतदान नहीं कर सकेंगे. ईवीएम का प्रयोग- बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा. राज्य में मुखिया (Mukhia), जिला परिषद, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति पद के लिए मतदाता ईवीएम से वोट कर सकेंगे. वहीं पूरे चुनाव में ईवीएम मशीन और पोलिंग पार्टी को भी ऑनलाइन ट्रैकिंग की जायेगी. ईवीएम (EVM) मतदान केंद्र से कब निकली और मतगणना कक्ष तक कितनी देर में पहुचेगी इसकी जानकारी जीपीएस के माध्यम से मिल सकेगी.पोलिंग पार्टी भी मतगणना केंद्र पर कब पहुचेगी इसकी भी ऑनलाइन ट्रैकिंग की जायेगी

शताब्दी भवन के तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग (शताब्दी भवन )के पास मजार से सटे एक बहुमंजिली इमारत के हुए अवैध निर्माण को तोड़ने के पटना हाईकोर्ट के आदेश पर फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने राज्य सरकार व अन्य की अपील पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट के इस मामलें में बहाल amicus curie वरीय अधिवक्ता राजेंद्र नारायण को जारी किया हैं।

इससे पूर्व जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय जजों की बेंच ने इस मामलें पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। जजों की पाँच सदस्यीय बेन्च ने बहुमत के निर्णय से इस भवन निर्माण को अवैध करार देते हुए एक माह के भीतर तोड़ने का आदेश दिया था ।
इस भवन के निर्माण पर कोर्ट ने तत्काल रोक लगाते हुए राज्य सरकार से पूछा था कि क्या इसके निर्माण को लेकर पटना हाईकोर्ट और पटना नगर निगम से भी अनुमति ली गई थी ?

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि नई बिल्डिंग से सटे मजार के करीब वक्फ बोर्ड का चार मंजिला कार्यालय बन रहा है। कार्यालय के सबसे नीचे मुसाफ़िर खाना बन रहा है।
य़ह तिमंजिला भवन है एवं नए इमारत के निर्माण में किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई थी ।
इस पर जजों ने कहा था कि यह गलत तरीके से बना है।बिल्डिंग बाय लॉ की धारा 21 में स्पष्ट कहा गया है कि विधान सभा , राजभवन और हाईकोर्ट जैसे महत्वपूर्ण और सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील से सटे कोई दूसरी बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती है। साथ ही इसकी उँचाई 10 मीटर से अधिक नहीं हो सकती हैं।इस मामलें पर नोटिस का जवाब मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट पुनः सुनवाई करेगा।

पंचायत प्रतिनिधियों के असहज मौत पर राज्य सरकार देंगी मुआवजा

पंचायत चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को लेकर कई तरह के फैसले लिए हैं जिसमें मुखिया ,सरपंच के क्षेत्राधिकारी के साथ साथ अब कार्यकाल के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों की मौत होने पर सरकार मुआवजा का भी प्रावधान किया है ।

राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार, चुनावी व्यवस्था के तहत जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति प्रमुख, उप प्रमुख, पंचायत समिति के सदस्य, मुखिया, उप मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम कचहरी सरपंच, उप सरपंच और ग्राम कचहरी के पंच चुनाव जीतते हैं और कार्यकाल के दौरान उनकी आपराधिक घटना, प्राकृतिक आपदा या हिंसात्मक घटना और दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो उनके स्वजन को सरकार की ओर से पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मृत्यु की स्थिति में राशि स्वीकृति का अधिकार सरकार ने जिलाधिकारी को दिया है।

राज्य में चल रहे विशेष क्वारन्टाइन जेल बंद अब समान्य जेलों में रहेगा कैदी

कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जेलों में कोरोना की रोकथाम और बचाव के लिए बनाई गई विशेष क्वारन्टाइन जेलों (Special Quarantine Cell) को बंद कर दिया गया। जेल आइजी मिथिलेश मिश्र (Jail IG Mithilesh Mishra) ने कोरोना का कहर समाप्त होते ही विशेष क्वारन्टाइन जेलों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।

सूबे के विभिन्न न्यायालयों से न्यायिक हिरासत में भेजे जाने वाले आरोपित अब सीधे स्थानीय जेल भेजे जाएंगे। पूर्व की तरह कोरोना से बचाव को बनाए गए विशेष क्वारन्टाइन जेलों में अब उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारन्टाइन के लिए नहीं भेजा जाएगा।

कोरोना लहर को देखते हुए 2020 में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति से जेल में बंद बंदियों को बचाने के लिए विशेष क्वारन्टाइन जेल बनाए गए थे। कोरोना का असर समाप्त होने के बाद 2020 में ही कुछ दिनों के लिए यह विशेष व्यवस्था स्थगित की गई थी पर कोरोना की दूसरी लहर आते ही 11 अप्रैल 2021 से पुन: इसे न सिर्फ बहाल किया गया था बल्कि कई सुविधाओं से भी लैस कराते हुए बंदियों के लिए वेक्सिनेशन की भी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी।

नीतीश कुमार पीएम पद के नहीं है उम्मीदवार मोदी हैं सर्वमान्य नेता

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में भारत के प्रधानमंत्री बनने की तमाम योग्यता रखते हैं, हालांकि वह पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। रविवार को जदयू की राष्टीय परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास किया गया। साढ़े तीन घंटे से अधिक चली इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, सांसद बशिष्ठ नारायण सिंह समेत जदयू राष्ट्रीय परिषद के करीब ढाई सौ सदस्यों की उपस्थित के बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं और वही एनडीए में पीएम पद के प्रत्याशी भी हैं। लिहाजा, नीतीश कुमार इस पद के दावेदार नहीं हैं। लेकिन, हमारा मानना है कि पीएम पद के लिए जिन योग्यताओं और जिस आला दर्जे के समर्पण तथा दक्षताओं की जरूरत होती है, वे सभी नीतीश कुमार में हैं। ललन सिंह के इस प्रस्ताव को जदयू राष्ट्रीय परिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया।

उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति बिगड़ी कई तटबंध टूटे राजधानी से कई जिलों का सड़क सम्पर्क हुआ भंग

नेपाल में पिछले 72 घंटे से लगातार हो रही है बारिश के कारण एक बार फिर 40 दिनों बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति बिगड़ गयी है वही गंडक बराज से आज रात 5 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने को लेकर पूरे इलाको को प्रशासन ने खाली करने का निर्देश दिया है ।

गंडक , बूढ़ी गंडक, बागमती और कमला बलान सहित तमाम छोटी नदियां भी तबाही मचाने लगी है। चम्पारण से लेकर मिथिलांचल तक नये क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है। पूर्वी चम्पारण में अरेराज- हाजीपुर एसएच-74 पर संग्रामपुर के इजरा के पास करीब एक किलोमीटर में दो फीट गंडक का पानी बह रहा है। पानी और बढ़ा तो आवागमन ठप हो जाएगा। बगहा दो प्रखंड की नौरंगिया दरदरी पंचायत के पचफेड़वा में भपसा नदी के टूटे बांध से गांवों में पानी फैल रहा है। बगहा के पिपरासी प्रखंड की सेमरा लबेदहा पंचायत में गंडक की बाढ़ से दर्जनभर घर व दो सड़कें बह गईं हैं। सीतामढ़ी के छह सात प्रखंड की तीन दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं। कुम्मा डायवर्सन पर पानी बढ़ने से एनएच 104 पर आवागमन ठप हो गया है। दरभंगा के घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र के लोगों को कमला-बलान में उफान से सातवीं बार बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। मधुबनी के झंझारपुर में 15 दिनों से फ्लड फाइटिंग जारी रहने के बाद भी आरएस के अदलपुर-पिपराघाट के सामने कमला बलान के पूर्वी तटबंध में कटाव पर काबू नहीं पाया जा सका है। बगहा की नौरंगिया दरदरी पंचायत के पचफेरवा में भपसा नदी का बांध टूट गया। इससे दो दर्जन गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। सिकरहना की बाढ़ का पानी लौरिया-नरकटियागंज पथ पर अशोक स्तंभ के पास डायवर्सन पर चढ़ गया है। अशोक स्तंभ परिसर में भी पानी फैलने लगा है। पानी रामनगर-लौरिया पथ की ओर बढ़ रहा है। रामनगर के दोन क्षेत्र के बगही व गुदगुदी पंचायत में मसान के कटाव में सैंकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई।

पूर्वी चम्पारण के संग्रामपुर में एसएच 74 पर चढ़ा गंडक का पानी संग्रामपुर प्रखंड में अरेराज- हाजीपुर एसएच 74 पर दो फीट बाढ़ का पानी बह रहा है। अरेराज कीआधा दर्जन पंचायतों में बाढ़ से तबाही मची है। सुगौली, बंजरिया, केसरिया, पताही प्रखंड की कई पंचायतें बाढ़ से प्रभावित है। सुगौली नगर पंचायत के सात वार्ड बाढ़ से घिर गए हैं। पताही में मोतिहारी-शिवहर पथ पर पानी चढ़ने से तीसरे दिन भी आवागमन ठप है। डुमरिया घाट में गंडक नदी लाल निशान से ऊपर बह रही है। लाल बेगिया सिकरहना, लाल बाकेया गुवाबारी व अहिरौलिया में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है।

सीतामढ़ी की तीन दर्जन पंचायतों के दर्जनों गांव प्रभावित
सीतामढ़ी जिले के नये इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है। बागमती व अधवरा समूह की नदियां लाल निशान के ऊपर है। जिले के छह प्रखंड की तीन दर्जन से अधिक पंचायतें बाढ़ से प्रभावित है। सुरसंड प्रखंड के नगर पंचायत सहित 15 पंचायत के चार दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कुम्मा डायवर्सन पर पानी चढ़ने से आवागमन में परेशानी हो रही है। लखनदेई नदी का पानी शहर के निचले इलाके में प्रवेश कर रहा है। बाजपट्टी व चोरौत के दो दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित है। वहीं पुपरी के दो पंचायत के आधा दर्जन गांव प्रभावित है। बेलसंड नगर पंचायत सहित प्रखंड नौ पंचायतों के एक दर्जन गांवों में मनुषमरा नदी का पानी निचले इलाके में फैल गया है। बेलसंड-सीतामढ़ी पथ में कोठी चौक से भोरहा तक व बेलसंड धनकौल पथ में सौली, सुंदरपुर व सौली मठ तक बाढ़ का पानी सड़क तीन फीट बह रहा है।

जिले से होकर गुजरने वाली सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि कमला-बलान नदी के जलस्तर में 83 सेमी की कमी आने से लोग थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं। कमला-बलान के जलस्तर में उफान से घनश्यामपुर प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है। प्रखंड में सातवीं बार बाढ़ आने से लोग परेशान हैं। सड़कों पर पानी बहने से सिर्फ नाव ही आवागमन का माध्यम है। उधर, हनुमाननगर प्रखंड में भी बागमती का पानी फैल गया है। प्रखंड की सभी 14 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हो गयी हैं। हायाघाट-अशोक पेपर मिल सड़क पर पानी बहने से अब भी आवागमन ठप है।

नीतीश के सामने है दोहरी चुनौती पार्टी और सरकार दोनों कैसे बचे

आज जदयू के केंद्रीय संगठन में हाल में हुए बदलाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय देंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच फैले भ्रम को दूर करेंगेे और उन सवालों के जवाब भी देंगे जो पार्टी संगठन में अक्सर पूछे जा रहे हैं। रविवार को पटना में आयोजित राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की बैठक में मुख्यमंत्री के भाषण का इंतजार पार्टी के कार्यकर्ता शिद्दत से कर रहे हैं। हाल के दिनों में उनके बीच संशय पैदा करने वाली कई घटनाएं हुईं। इस या उस नेता के बदले पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के बीच अधिक दुविधा है।

स्वागत समारोह या शक्ति प्रदर्शन
जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर सांसद राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) छह अगस्त को पटना आए। उनके स्वागत में भारी भीड़ जुटी। केंद्र में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह (Union Minister of Steel RCP Singh) पहली बार बिहार आए। उसमें भी अच्छी भीड़ जुटी। लेकिन, तैयारी के बैनर से विवाद हो गया। उस बैनर पर नए बने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का फोटो नहीं था। वह बैनर हटा। नया बैनर लगा। लेकिन, आरसीपी की पूरी यात्रा में बैनर का फोटो विवाद बन कर झूलता रहा। संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) फोटो चुनिन्दा जवाब में उपेंद्र कुशवाहा की यात्रा के बैनरों से आरसीपी गायब कर दिए गए।

संगठन का काम करते रहेंगे
आरसीपी ने सम्मान समारोह में कहा कि वह केंद्र में मंत्री रहेंगे और संगठन का काम पहले की तरह करते रहेंगे। उन्होंने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के घर पर भोजन करने की घोषणा की। कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिया कि इस्पात मंत्रालय और बिहार सरकार में मनोनयन से भरे जाने वाले पदों की वैकेंसी खत्म करेंगे। कार्यकर्ताओं को मनोनीत करेंगे। उन्होंने इशारे में कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उनकी भूमिका कायम रहेगी।

कार्यकर्ताओं-नेतृत्व दोनों में असमंजस
आरसीपी की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं और छोटे-मध्यम दर्जे के नेतृत्व में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि वह किसे संगठन का नेता माने। बेशक नीतीश कुमार सर्वोच्च हैं। लेकिन, संगठन के मामले में वह रोज-रोज अपनी राय नहीं दे सकते हैं। लिहाजा उनके बाद वाले कमांड की जरूरत है। संभव है कि नीतीश कुमार अपने संबोधन में जिक्र करें कि पार्टी संगठन का व्यवहारिक नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी के प्रति संगठन और सरकार-दोनों की जिम्मेवारी है। यह तय होगा प्राथमिक जिम्मेवारी किसकी है।

बैक ड्राप पर सिर्फ नीतीश का चेहरा
अध्यक्ष बनने के बाद भी ललन सिंह संगठन के मामले में अधिक सक्रिय नहीं हैं। स्वागत कराने के बाद लोकसभा की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली चले गए। संसद की कमेटी के साथ जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे। वहां जदयू कार्यालय में गए। लेकिन, बिहार संगठन में उन्होंने कोई महत्वपूर्ण हस्तक्षेप नहीं किया। शायद इसलिए भी कि वे मुख्यमंत्री के मुंह से अपनी भूमिका के बारे में सुन लेना चाहते हैं। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ललन सिंह के अध्यक्ष बनने के फैसले की भी पुष्टि होगी। इसके बाद ललन सिंह की प्रभावी भूमिका शुरू होगी। फिलहाल, जदयू के प्रदेश कार्यालय के बैनर से राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से लगाया गया आरसीपी का फोटो हटा दिया गया है। ललन सिंह का फोटो रविवार के बाद लगेगा।

सरकार में शामिल होने का फैसला
अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किसका था। ललन सिंह कह रहे हैं कि यह राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला था। उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी ही थे। मुख्यमंत्री अबतक कुछ स्पष्ट नहीं बोले हैं। दूसरी तरफ आरसीपी कह रहे हैं कि उन्होंने आज तक बिना मुख्यमंत्री की सहमति से कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुछ ऐसा जरूर कहेंगे, जिससे कार्यकर्ता समझ जाएं कि किसी की सहमति या राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से आरसीपी ने केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने का फैसला किया।

– अरुण अशेष(लेखक दैनिक जागरण के वरिष्ट पत्रकार हैं)

पंचायत चुनाव में एक कर्मचारी चार चरणों के चुनाव में ही लेगा भाग।

बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान एक कर्मचारी को अधिकतम चार चरणों के चुनाव में तैनात किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर्मियों की कमी की दशा में एक मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी, पेट्रोलिंग मैजिस्ट्रेट, माइक्रो ऑब्जर्बर को अधिकतम चार चरणों में ही प्रतिनियुक्त किए जाएंगे।


गौरतलब है कि पूर्व में आयोग ने एक कर्मी को तीन चरणों में ही तैनात करने का निर्देश दिया था। इसके बाद जिलों से कर्मियों की कमी के कारण मात्र तीन चरणों में ही प्रतिनियुक्ति किए जाने में कठिनाई की जानकारी आयोग को दी गयी। इसके बाद आयोग ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए अधिकतम चार चरणों में कर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है।

आयोग के अनुसार प्रत्येक मतगणना (ईवीएम से) टेबुल पर एक महिला कर्मी को मतगणना सहायक के रुप में तैनात किया जाएगा। वहीं, इवीएम के मतगणना टेबुल पर एक माइक्रो ऑब्जार्बर महिला या पुरुष अवश्य तैनात किया जाए। आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने यह आदेश जारी किया और इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी आयोग को देने को भी कहा।

रामविलास जी के मौत के लिए चिराग जिम्मेवार है

केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है हाजीपुर यात्रा के दौरान जिस तरीके से चिराग के समर्थक लगातार पशुपति पारस पर हमलावर रहे इससे बौखला कर पारस ने आज यहां तक कह दिये कि सूरज इधर से उधर हो सकता है मगर अब चिराग के साथ सुलह नहीं हो सकती।

साथ ही पशुपति पारस ने चिराग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चिराग ने जबरन रामविलास पासवान को लोजपा अध्यक्ष पद से हटा दिया था। वह मेरी भी इज्जत भी नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि चिराग मुझे अपने खून से अलग मानते हैं। पशुपति ने कहा कि लोजपा में टूट की वजह मैं नहीं खुद चिराग पासवान हैं। उनके फैसले से पार्टी के लोग नाखुश थे। रामविलास जी भी मुझे ही अपना असली वारिस मानते थे।

चिराग ने पिछले साल संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश को जेल भेजने की बात मुझसे कही थी। बिहार सीएम को विकास पुरुष बोलने पर उन्होंने मुझे पार्टी से निकालने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि यह सब रीना पासवान की मौजूदगी में हुआ था।असली लोजपा मेरे साथ है चंद लफंगा चिराग के पास है जल्द ही बिहार और पूरे देश में एक बार फिर पार्टी को नये सिये से खड़े करेंगे ।

पंचायत चुनाव में भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने लगायी रोक

पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटाए गए मुखिया इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत जिन मुखिया और उप-मुखिया पर निहित शक्तियों के दुरुपयोग या अपने दायित्वों के निर्वहन में दुराचार का आरोप लगा है, प्रमंडलीय आयुक्त अथवा राज्य सरकार द्वारा पद से हटाए गए हों तथा सक्षम प्राधिकार अथवा न्यायालय द्वारा इसे स्थगित या रद नहीं किया गया हो वे पद से हटाए जाने की तिथि से पांच साल तक पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं हो सकेंगे।

ऑन लॉक 6 में वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति ही बिहार में घूम सकता है।

अनलॉक – 6 में क्या खास है

गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव चैतन्य प्रसाद ने दी जानकारी
26 अगस्त से 25 सितंबर तक अनलॉक – 6 लागू रहेगा

पूर्व के प्रतिबंधों में काफी सहूलियत दी गई।
राज्य के सभी दुकान व प्रतिष्ठान सामान्य समय पर खुलेंगे बंद करने के समय पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
दुकान और प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी मालिक व कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण लेना अनिवार्य होगा।

और अपने प्रतिष्ठानों में उसका सर्टिफाइड कॉपी रखना अनिवार्य होगा।

दुकान में प्रतिष्ठानों में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंस का पालन पूर्व की तरह ही करना होगा।

राज्य के सभी शिक्षण संस्थान 100% उपस्थिति के साथ खुलेंगे।

पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को भी 100 % उपस्थिति के साथ खुलेंगे।

शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था रखी जाएगी।

राज्य में चलने वाले सभी सरकारी आवासीय स्कूलों को भी खोला जाएगा।

राज्य के सभी बोर्ड व समिति द्वारा परीक्षाएं लेने की इजाजत होगी।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों को टीकाकरण करने की जिम्मेवारी होगी।

सार्वजनिक स्थल पर किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा लेना अनिवार्य होगा।
आयोजन में कितने लोग शामिल होंगे इसकी सीमा जिला प्रशासन क्या करेगा।

शादी समारोह वर्ष श्राद्ध कार्यक्रम में लोगों की तरह संख्या समाप्त कर दी गई है।
लेकिन शादी समारोह में बारात व डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रहेगा।

सभी पर समान रूप से खुलेंगे।

राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को भी समान रूप से खोला जायेगा।
मंदिर – मस्जिद व गुरुद्वारों में कोविड-19 इनका पालन कर श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे।

राज्य में सभी सामाजिक राजनीतिक और खेलकूद जैसे कार्यक्रम कराने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

राजगीर के कुंड में वे अब स्नान हो सकेगा। हालांकि इसके लिए आरटी पीसीआर का 72 घंटे पूर्व नेगेटिव जांच रिपोर्ट या फिर रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट होना अनिवार्य रहेगा।

50% क्षमता के साथ सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल सामान्य समय से खुल सकेंगे।

50% क्षमता के साथ रेस्टोरेंट सामान्य समय से खोला जाएगा।

राजगीर क्लब जिम और स्विमिंग पूल 50% क्षमता के साथ वैक्सीनेशन लिए हुए व्यक्तियों के लिए खोला जाएगा।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट 100 % क्षमता के साथ चलेंगे।

कहॉ कब होगा पंचायत चुनाव

बिहार पंचायत चुनाव

कुल 11 चरणों मे होगा चुनाव ।

24 सितंबर को पहला चरण ।
10 जिला , 12 प्रखंड ।

29 सितंबर को दिव्तीय चरण।
34 जिला , 48 प्रखंड

8 अक्टूबर को तीसरा चरण ।
35 जिला ,50 प्रखंड

20 अक्टूबर को चौथा चरण ।
36 जिला,53 प्रखंड

24 अक्टूबर को 5वा चरण ।
38 जिला,58 प्रखंड

3 नवंबर को छठा चरण ।
37 जिला,57 प्रखंड

15 नवंबर सातवा चरण ।
37 जिला,63 प्रखंड

24 नवंबर आठवां चरण।
36 जिला,55 प्रखंड

29 नवंबर नवा चरण।
35 जिला,53 प्रखंड

8 दिसंबर 10 वा चरण
34 जिला ,53 प्रखंड

12 दिसंबर 11वा चरण
20 जिलों , 38 प्रखंड

बाढ़ प्रभावित जिले में अंतिम चरण में होगा चुनाव ।

38 जिले
534 प्रखंड
8072 ग्राम पंचायत
9,28,09,194 ग्रामीण जनसंख्या
1,13,891 कुल मतदान केंद्र
6,38,94,737 कुल ग्रामीण मतदाता
3,35,80,487 पुरुष मतदाता
3,03,11,779 महिला मतदाता
2,471 अन्य मतदाता।

6 पद के कुल 2लाख 55 हजार 22 के लिए होना है पंचायत चुनाव।

ग्राम पंचायत मुखिया – 8072
ग्राम पंचायत सदस्य – 113307
पंचायत समिति सदस्य – 11104
जिला परिषद सदस्य – 1160
ग्राम कचहरी सरपंच – 8072
ग्राम कचहरी पंच – 113307

अधिवक्ता के पत्र से घमासान

पटना हाई कोर्ट के विख्यात अधिवक्ता दिनेश को पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित एक खुला पत्र में पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग के अधिवक्ताओं को हाई कोर्ट में जज बनाने की मांग की है। श्री दिनेश ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में अनुसूचित जनजाति वर्ग से जज बनाने की मांग की है।

इस खुले पत्र के जरिये पटना हाई कोर्ट में अनुसूचित जाति- जनजाति वर्ग से जज बनाने को लेकर अनुशंसा करने की मांग की गई है। पत्र में आगे कहा गया है कि पटना हाई कोर्ट 105 वर्ष पुराना है।
विगत वर्षों में विभिन्न जातियों के लोगों को पटना हाई कोर्ट का जज बनाया गया, किन्तु पटना हाई कोर्ट के वर्ष 1916 में की गई स्थापना से अभी तक सिर्फ एक अनुसूचित जाति वर्ग से जज नियुक्त हुए।

लेकिन, पिछले 105 वर्ष में एक भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के जज नहीं बनाए गए। उन्होंने अपने खुले पत्र के माध्यम से उम्मीद जताया है कि इन वंचित वर्ग के लोगों को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।

पटना हाईकोर्ट के राज्य में असिस्टेंट prosecution ऑफिसर की नियुक्ति के लिए बी पी एस सी द्वारा ली गई प्रारंभिक के परिणाम को संशोधित करने का निर्देश के मद्देनजर बी पी एस सी ने कल होने वाली असिस्टेंट prosecution ऑफिसर की होने वाली मुख्य परीक्षा स्थगित कर।जस्टिस सी एस सिंह ने सुदीप कुमार दास की याचिका पर सुनवाई करते हुए बी पी एस सी को यह निर्देश दिया था कि प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट को संशोधित कर रिजल्ट को प्रकाशित करें।
बी पी एस सी ने 553 पदों पर असिस्टेंट prosecution ऑफिसर की नियुक्ति के लिए 6 फरवरी, 2020 को विज्ञापन निकाल कर आवेदन आमंत्रित किया।याचिकाकर्ताओं ने इसके लिए पिछड़ा और आर्थिक पिछडे वर्ग के उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया।
7 फरवरी,2021 को प्रारंभिक परीक्षा बी पी एस सी ने आयोजित किया।27 अप्रैल,2021 को इसका परिणाम प्रकाशित किया गया।
इन उम्मीदवारों ने अपनी श्रेणी मे कट ऑफ मार्क्स से अधिक अंक प्राप्त होने के बाद भी असफल घोषित हुए।बी पी एस सी ने प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम अंक निर्धारित कर दिया,जब की विज्ञापन में मुख्य परीक्षा में शामिल होने उम्मीदवारों की प्रारंभिक परीक्षा में 1:10 के अनुपात में उम्मीदवार लेना था।
कोर्ट ने विज्ञापन मे दिए गए प्रावधान के अनुसार उम्मीदवारों को सफल घोषित करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम संशोधन करने का निर्देश बी पी एस सी को दिया।
गौरतलब है कि प्रारंभिक परीक्षा में न्यूनतम अंक के आधार पर प्रकाशित परिणाम पर कल से मुख्य परीक्षा लेने का कार्यक्रम था।
कोर्ट ने मामलें को प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम में संशोधित करने के बाद मुख्य परीक्षा का कार्यकम घोषित किया जाएगा।कोर्ट ने इसके साथ ही इस मामलें को निष्पादित कर दिया।

जब पेड़ों और जानवरों की गिनती हो सकती है तो जातियों की क्यों नहीं?

जातिगत जनगणना को लेकर बिहार के 10 राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश और राजद लीडर तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद एक साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। नीतीश ने कहा कि हमने बिहार की जातियों के संबंध में प्रधानमंत्री को जानकारी दी है, उन्होंने हमारी बातों को ध्यान से सुना। प्रधानमंत्री ने जातिगत जनगणना की मांग को नकारा नहीं है। तेजस्वी बोले कि जब पेड़-पौधों की गिनती हो सकती है तो जातियों की क्यों नहीं, ये राष्ट्रहित में है।

पीएम से मुलाकात के बाद क्या बोले सीएम नीतीश
सीएम नीतीश कुमार ने कहा, ‘पीएम मोदी ने बिहार से आए प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों की बातों को सुना है। अब पीएम मोदी को निर्णय लेना है, वह जो भी उचित समझें। जातीय जनगणना पर अभी निर्णय के बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं। पीएम ने गंभीरता से सभी को सुना है। इसके लिए उनका आभारी हूं। एक-एक विषय की जानकारी दी गई है। प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने जातीय जनगणना के पक्ष में अपनी बातें रखी’। सीएम नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष की ओर से यह प्रस्ताव मिला था कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर पीएम से मिलना चाहिए।
क्या बोले तेजस्वी
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि पेड़-पौधों की गिनती होती है, जानवरों की गिनती होती है तो इंसानों की क्यों नहीं- ‘सरकार के पास स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, किस समाज के कितने लोग हैं, इसकी जानकारी नहीं है।

आंकड़ों के आधार पर ही किसी भी काम को किया जाएगा। पहली बार किसी राज्य के सभी पार्टियों ने मिलकर विधानसभा में पारित किया गया जातीय जनगणना कराने के बाद कोई विवाद नहीं होगा। इससे रिजर्वेशन लागू करने में भी मदद मिलेगी। सीएम नीतीश कुमार और पीएम मोदी को भी धन्यवाद देता हूं। उन्होंने पूरी बातें सुनी है। अब हम लोगों को निर्णय का इंतजार है’।
CM नीतीश कुमार रविवार देर शाम ही पटना से दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले से ही दिल्ली में हैं। उनके अलावा इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस, HAM, VIP, AIMIM, माले, CPI और CPM के नेता भी मौजूद थे।

इस प्रतिनिधिमंडल में BJP के तरफ से मंत्री जनक राम को भेजा गया था। बैठक में जदयू से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, कांग्रेस नेता अजीत शर्मा, CPI (माले) नेता महबूब आलम, AIMIM के अख्तरुल इमान, पूर्व मुख्यमंत्री और हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी, VIP प्रमुख मुकेश सहनी, CPI नेता सूर्यकांत पासवान और CPM नेता अजय कुमार शामिल हुए हैं।

पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की ।

पटना : 21 अगस्त 2021, मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि स्वर्गीय कल्याण सिंह एक प्रख्यात राजनेता थे। वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने राजस्थान एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद को भी सुशोभित किया था। देश की राजनीति में उनका बहुमूल्य योगदान रहा है। स्वर्गीय कल्याण सिंह जी के साथ मेरा आत्मीय संबंध था और उनसे दिल्ली में प्राय: मुलाकात हो जाती थी। उनके निधन से न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

चिराग को बुझाने वाले मेरे पिता जी को भी बुझाना चाहते थे,नीतीश जी राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार और लूट को रोकिए ना जनता खुद सर आँखों पर बिठा लेगा।

चिराग बुझेगा या जलेगा, ये आरसीपी सिंह या फिर नीतीश कुमार के हाथों में नहीं है। उनका वश चलता तो वो मुझे और मेरे पिताजी को कबका बुझा दिए होते ।ये कहना है लोजपा सांसद चिराग पासवान का हाल ही केन्द्रीयमंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह जब जमुई पहुंचे थे तो पत्रकार ने उनके चिराग पासवान को लेकर सवाल किया था तो उस सवाल के जबाव में आरसीपी ने कहा कि जो बुझ चुका है, उसपर क्या बोलना?

हलाकि आरसीपी के बयान पर चिराग इतना पर ही चुप नहीं हुआ आरसीपी और नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप मंत्री बन कर आये थे, यह पैसा बाढ़ पीड़ितों पर लगा देते, विकास में लगा देते। जगह-जगह पर होडिंग-पोस्टर लगवाए थे, इतनी ही मेहनत बिहार के विकास में करते तो बेहतर रहता।बिना घूस लिये कोई काम नहीं होता है यही करवाता देते जनता गदगद हो जाती है।

उन्होंने कहा कि सड़क की गुणवत्ता में कमी और कमीशनखोरी जैसी समस्या जमुई ही नहीं पूरे प्रदेश की है। इसलिए इसकी मिसाल हम जमुई से कायम करना चाहते हैं। किसी भी सड़क के निर्माण में कोई समझौता किए बिना गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो इसके लिए पदाधिकारियों को भी इमानदारी पूर्वक निष्ठा के साथ कार्य करने के लिए कहा गया है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए फायदा हो।

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण नहीं होने की वजह से गुणवत्ता में समझौता करने की वजह से आज जो सड़क बनी उसके पहले का हिस्सा टूटने लगता है। पहली बरसात में ही सड़क की हालत जर्जर हो जाती है। बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के माध्यम से भी मैंने इस समस्या को बिहार सरकार के संज्ञान में देने का काम किया।बिहार की सबसे बड़ी समस्या है कि बिना घूस दिए कोई कार्य नहीं होता इन तमाम चीजों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी राज्य सरकार और जिला प्रशासन क्यों खामोश है ये मेरे समझ से परे है।

नाम का डबल इंजन की सरकार है

बहरहाल अपने समझ से जितना होता है मैं जिला प्रशासन व मुख्यमंत्री के संज्ञान में देने का कार्य करता हूँ। मैंने सभी अधिकारियों से आग्रह किया है कि हमलोग पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कार्य करें। डबल इंजन की सरकार हैं तो आपकी पास पूरी ताकत है न केंद्र का पूरा सहयोग है। कौन सी ऐसी योजना है जिसमें दोनों का सहयोग नहीं है।उसके बाद भी इंफ्रास्ट्रक्चर की ऐसी स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन राज्य सरकार से हमारी यह शिकायत रही है कि केंद्र सरकार की योजनाएं प्रदेश में पूर्णतः धरातल पर नहीं उतर पाई है। डबल इंजन की सरकार होने का मतलब यही है न की दोनों का तालमेल इतना खूबसूरत हो कि राज्य सरकार की कोई योजना केंद्र में लंबित न हो और केंद्र सरकार की कोई योजना राज्य में लंबित न हो। उसके बाद भी कहीं न कहीं अड़चन आती है तो डबल इंजन की सरकार पर प्रश्नचिन्ह जरूर लगता है।

रेशम नगरी भागलपुर पुराने गौरव को प्राप्त करेगा, बनेगा आत्मनिर्भर…उपमुख्यमंत्री

भागलपुर का अतीत और वर्तमान गौरवशाली रहा है। रेशम नगरी भागलपुर अपने पुराने गौरव को प्राप्त करेगा और आत्मनिर्भर बनेगा। बिहार सरकार अपनी योजनाओं के माध्यम से यहां के लोगों की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरेगी। उक्त बातें भागलपुर के लाजपत पार्क में आयोजित “आत्मनिर्भर बिहार- भागलपुर की बात” कार्यक्रम में बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने कहे।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट-2 के अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, जिसके तहत काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की वैश्विक चुनौती के बीच बिहार ही नहीं समूचे देश में आर्थिक प्रवाह बाधित हुआ है, परंतु इन चुनौतियों के बीच केंद्र सरकार और बिहार सरकार ने मानव जीवन की रक्षा हेतु यथासंभव बेहतर प्रबंध किए। केंद्र सरकार ने लोगों के लिए नि:शुल्क कोरोना टीकाकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की, वहीं बिहार सरकार छ: माह में छ: करोड़ लोगों को टीकाकरण करने लक्ष्य के तहत काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कोराना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए बिहार सरकार तैयार है।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि भागलपुर जिले को हवाई अड्डे की सुविधा एवं भोलानाथ पुल के निर्माण हेतु केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी। उन्होंने कहा कि भागलपुर में स्मार्ट सिटी के विभिन्न अवयवों के क्रियान्वयन की तकनीकी बाधाओं को दूर किया गया है। सैंडिस कंपाउंड में स्मार्ट सिटी के सभी कंपोनेंट पर काम हो रहा है। स्मार्ट रोड नेटवर्किंग के तहत कुल 34 सड़कों का पुनर्विकास एवं पुन:संयोजन किया जा रहा है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 30 किलोमीटर है। सड़क जाम से मुक्ति हेतु घंटाघर चौक से आदमपुर चौक, बड़ी खंजरपुर, मायागंज अस्पताल पथ को बाईपास के लिए चयनित किया गया है। भागलपुर शहर में चार वाहन पार्किंग बनाने की कार्रवाई चल रही है। उन्होंने कहा कि विगत 15 वर्षों में सरकार ने बिहार के चतुर्दिक विकास के लिए बेहतर काम किए हैं, जिसके परिणाम धरातल पर दिख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। गांवों की समृद्धि एवं स्वालंबन के लिए केंद्र सरकार एवं बिहार सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाओं को संचालित किया है। उज्जवला योजना, जलापूर्ति योजना, गली-नाली पक्की सड़क योजना सहित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से गांवों की खुशहाली और समृद्धि के लिए सकारात्मक कदम उठाए गए हैं।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रेशम नगरी भागलपुर उद्योग और कृषि उत्पादों के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। भागलपुर के प्राचीन गौरव को पुर्नस्थापित करते हुए आत्मनिर्भर बिहार के संकल्पों को हम सबके सहयोग से पूरा करेंगे।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर के पद पर नियुक्ति को लेकर बीपीएससी के फैसले को किया रद्द

पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विभिन्न विभागों में असिस्टेंट इंजीनियर (सिविल इंजीनियरिंग) के पद पर नियुक्ति को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा अर्हता प्राप्त उम्मीदवारों की उम्मीदवारी को रद्द किये जाने के मामले पर सुनवाई की। अनामिका आशना व अन्य की याचिकाओं पर जस्टिस चक्रधारी एस सिंह ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि इनकी उम्मीदवारी इस आधार पर रद्द नहीं की जा सकती है कि ये यूनिवर्सिटी द्वारा जारी सर्टीफिकेट प्रस्तुत नहीं कर सके।

कोर्ट ने कहा है कि जैसा कि साक्षात्कार पत्र कहा गया है कि साक्षात्कार के बाद भी यह निर्णय लेने का अधिकार आयोग के पास सुरक्षित है कि कोई उम्मीदवार अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता रखता है या नहीं।ऐसी स्थिति में आयोग यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा कि याचिकाकर्ता बी टेक (सिविल इंजीनियरिंग) की योग्यता आवेदन की अंतिम तिथि को रखते हैं या नहीं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आयोग द्वारा 2017 मे जारी विज्ञापन में याचिकाकर्ताओं से इस पद पर बहाली के लिए आवेदन आमंत्रित किया था। तीनों उम्मीदवारों ने पी टी और मेंस की लिखित परीक्षा को पास करने के बाद साक्षात्कार में भाग लिया।

लेकिन बाद में आयोग ने यह कहते हुए इनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया कि बी टेक का प्रोविजनल सर्टिफिकेट बी आई टी सिंदरी द्वारा जारी किया गया है ,न कि विनोबा भावे यूनिवर्सिटी द्वारा।

आयोग ने साक्षात्कार में सफल उम्मीदवारों की भी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया।याचिकाकर्ता का कहना था कि यह भी आश्चर्य की बात है कि विनोबा भावे विश्विद्यालय से पास बहुत से अन्य उम्मीदवार जो कि सिर्फ प्रोविजनल सर्टिफिकेट प्रस्तुत किये थे, उन्हें इस विज्ञापन संख्या – 02/ 2017 में सफल घोषित किया गया था।

हालांकि जब याचिकाकर्ता ने इस बात को अपने रिट याचिका में इस बात की जानकारी दी, तो बी पी एस सी ने उन सभी सफल उम्मीदवारों की भी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के दलीले सुनने के बाद ऐसे सभी उम्मीदवारों के संदर्भ में बी पी एस सी द्वारा उम्मीदवारी निरस्त करने के निर्णय को रद्द कर दिया।

तेज प्रताप परिवार में अलग थलग पड़े लालू का सीधा संदेश अनुशासन तोड़े तो होगी कारवाई ।जगतानंद सिंह को मिली खुली छुट अनुशासन से नहीं करना है समझौता चाहे मेरा बेटा ही क्यों ना हो ।

तेज प्रताप अपने ही जाल में इस तरह से उलझते चले जा रहे हैं कि अब उनके सलाहकार भी उस जाल से बाहर कैसे निकले इसको लेकर हाथ खड़े कर दिये हैं ।भाई तेजस्वी से मुलाकात बेनतीजा रहा तेजस्वी ने तेजप्रताप को किसी भी तरह के स्पेस देने से साफ मना कर दिया है। साथ ही चेतावनी भी दे डाला है कि पार्टी में अनुशासन बनाये रखे नहीं तो आप पर भी कारवाई होगी ।

इस बयान के बाद तेज प्रताप आपा खो दिये और फिर अपने अंदाज में संजय यादव और तेजस्वी को देख लेने की धमकी देते हुए तेजस्वी के आवास से बाहर निकल गये ।

हलाकि इस मामले में सुबह में ही बहन रोहिणी आचार्य ने ट्वीट के सहारे तेज प्रताप को परिवार की क्या इक्छा है ये जता दिया था , सफलता की मंजिल पानी है, अनुशासन और संयम को अपनाना है।फिर भी तेज प्रताप अपने व्यवहारा में सुधार लाने को तैयार नहीं है।

वही लालू प्रसाद सहित परिवार के अधिकांश सदस्य तो ये समझ में आ गया है कि इस खेल में मुख्यमंत्री आवास में तैनात के सीनियर अधिकारी शामिल है जो तेज प्रताप के हर पैरवी को एंटरटेन भी करता है और उसके कहने पर तेज प्रताप के साथ रहने वाले लोगों को ठीकेदारी दिलाने में भी मदद कर रहा है।

हलाकि यह खेल 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले से चल रहा है लेकिन लालू प्रसाद परिवार में टूट को लेकर कोई संदेश ना जाये इसका ख्याल रखा और तेज प्रताप के हर जायज नजायज बात को मानता रहा हलाकि अब लालू प्रसाद मन बना चूंके हैं कि तेज प्रताप की जो राजनैतिक शैली है उससे तेजस्वी को खासा नुकसान हो सकता है इसलिए तेज प्रताप को लेकर निर्णय लेने का वक्त आ गया है क्यों कि अभी हाल फिलहाल में कोई चुनाव भी होने वाला नहीं है और फिर अनुसाशन को लेकर लालू यह संदेश भी देना चाहते हैं कि मेरा बेटा ही क्यों ना हो बर्दास्त नहीं करेंगे ।

इस संदेश से आने वाले समय में तेजस्वी को बिहार की राजनीति में अलग पहचान बनाने में मदद मिलेगी क्यों कि परिवार को पता है कि कभी तेज प्रताप जैसी शैली साधू और सुभाष का भी रहा करता था जिसके नुकसान से आज भी राजद बाहर निकल नहीं पाया है ।