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लालू परिवार मीडिया के सामने दहाड़ते हैं और CBI के सामने भीगी बिल्ली बन जाते हैं: सुशील मोदी

पटना । राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह ने कभी फर्जी, कमजोर दस्तावेज नहीं बल्कि मजबूत तथ्यों पर आधारित इतने पुख्ता सबूत जांच एजेंसी को उपलब्ध कराया है कि आज तक कोई बचकर निकल नहीं पाया है। चारा घोटाला हो या आईआरसीटीसी घोटाला हर घोटाले के सबूत के पीछे ललन सिंह का हाथ है। इन्हीं के कागजातों के आधार पर लालू प्रसाद को चारा घोटाला के 4 मामलों में सजा हो चुकी है। श्री ललन सिंह केवल पुख्ता सबूत ही नहीं बल्कि मुकदमे के हर पल-पल की स्वयं मॉनिटरिंग भी करते हैं।

• लालू परिवार मीडिया के सामने दहाड़ते हैं और सीबीआई के सामने भीगी बिल्ली बन जाते हैं
• ललन सिंह के कारण भागलपुर दंगे में बरी किए जा चुके कामेश्वर यादव को 15 वर्ष बाद सजा हुई

रेलवे की नौकरी के बदले जमीन घोटाले जिसमें पिछले दिनों तेजस्वी यादव और लालू परिवार से पूछताछ हुई उसके भी सारे कागजात 2008 में श्री ललन सिंह और स्वर्गीय शरद यादव ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दिया था। परंतु केंद्र में राजद के समर्थन से यूपीए की सरकार चल रही थी। अतः प्रधानमंत्री सचिवालय से कागज गायब करा दिए गए।

Sushil_Modi

2014 में एनडीए की सरकार बनने के बाद पुनः कागजात सुपुर्द किए गए। कभी मुकदमा बंद नहीं हुआ था। इस घोटाले की जांच अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनने के 1 वर्ष पहले ही प्रारंभ हो गई थी।

श्री ललन सिंह को परिणाम का पूरा अंदेशा है चूँकि कागज उन्हीं के दिए हुए हैं इसलिए डरे हुए हैं। कागज कभी मरते नहीं हैं। संचिका कभी बंद नहीं होती है। भागलपुर दंगे में एक दोषमुक्त किए जा चुके आरोपी कामेश्वर यादव को 15 वर्षों के बाद श्री ललन सिंह के प्रयास से मुकदमा खोलकर नीतीश सरकार में सजा दिलाई गई थी।

लालू परिवार मीडिया के सामने दहाडते हैं और सीबीआई के सामने भीगी बिल्ली बन जाते हैं। झुकने या लड़ने का प्रश्न नहीं है बल्कि पुख्ता सबूत होंगे तो कोई बच नहीं सकता। आखिर लालू प्रसाद झुके या ना झुके चार मामलों में सजायाफ्ता हो चुके हैं।

तेजस्वी बतायें, फ्रेंड्स कालोनी में 150 करोड़ के मकान के मालिक कैसे बने: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना होगा कि दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी में डेढ़ सौ करोड़ के चार मंजिला मकान (डी-1088) के मालिक कैसे बन गए? सीबीआई उनसे ऐसे सवालों का जवाब चाहती है।

ललन सिंह सीबीआई तक पहुँचा चुके हैं पुख्ता सबूत

उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में हजारी राय के दो भतीजों ( दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार) को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे की ग्रुप-डी की नौकरी मिली। हजारी राय से एक जमीन 21 फरवरी 2007 को एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम लिखवा ली गई।

Sushil Modi vs Tejashwi

श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की फ्रेंड्स कालोनी वाले मकान का स्वामित्व एके इन्फोसिस्टम्स के पास था। बाद में मामूली धन राशि देकर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव इसी कंपनी के मालिक बन गए।

उन्होंने कहा कि जदयू के स्वर्गीय शरद यादव और ललन सिंह ने इस मामले में यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ज्ञापन देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। बाद में ललन सिंह ने नीतीश कुमार के इशारे पर सीबीआई को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये।

उन्होंने कहा कि सीबीआई इस मामले में सच जानना चाहती है, जबकि राजद और जदयू भ्रष्टाचार से जुड़े इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।

NHRC की रिपोर्ट में खुलासा; बिहार में सारण जहरीली शराब त्रासदी में 77 लोगों की हुई है मौत, अधिकारियों ने जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या दबाई

पटना। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार में दिसंबर 2022 में सारण और सीवान जिलों में हुई जहरीली शराब त्रासदी में “मृतकों की संख्या को कम करने” के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराया है और कहा है कि इस घटना में सरकार के खिलाफ कम से कम 77 लोग मारे गए थे। राज्य सरकार ने इस घटना में केवल 44 लोगों की मौत की बात स्वीकार की थी।

एनएचआरसी की एक 13-सदस्यीय टीम, जिसने जहरीली शराब त्रासदी की जांच की, ने यह भी देखा कि “2016 में राज्य में शराबबंदी लागू होने के बाद से नकली शराब के सेवन से होने वाली मौतें बिहार की कानून व्यवस्था का हिस्सा बन गई हैं।”

NHRC की रिपोर्ट, जिसे हाल ही में एनएचआरसी की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था ने घटना में स्थानीय प्रशासन और आबकारी विभाग की “अक्षमता” को भी उजागर किया है। एनएचआरसी ने अपनी 18 पन्नों की रिपोर्ट में दावा किया कि जिला प्रशासन ने बिना किसी पोस्टमॉर्टम के 33 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मौतों के अलावा, सात लोगों ने जहरीली शराब त्रासदी में अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी।

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रिपोर्ट में मृतकों के परिवारों को मुआवजा नहीं देने के राज्य सरकार के फैसले को भी ‘अनुचित’ बताया गया है।

NHRC ने घटना का स्वत: संज्ञान लेने के बाद 21 से 23 दिसंबर के बीच जांच करने के लिए एक टीम भेजी थी। टीम ने सदर अस्पताल, विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा किया था और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से बात की थी।

NHRC की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा “रिपोर्ट में पटना उच्च न्यायालय की टिप्पणी का भी जिक्र है कि राज्य सरकार शराबबंदी कानून को लागू करने में विफल रही है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि मरने वालों में से अधिकांश गरीब और समाज के कमजोर वर्ग से थे।

बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुभानी ने कहा: “बिहार सरकार को अभी तक एनएचआरसी जांच समिति की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।”

मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट का फैसला स्वागत-योग्य, छिन सकती है राहुल की सांसदी: सुशील कुमार मोदी

पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मोदी सरनेम वाले सभी लोगों को चोर बताने वाले राहुल गांधी के अमर्यादित बयान के विरुद्ध मैंने भी पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है और अगर इसमें भी उन्हें सूरत की अदालत की तरह सजा सुनाया गई, तो उनकी संसद सदस्यता छिन जा सकती है।

  • पटना में मैंने भी किया है मानहानि का मुकदमा, गवाही अगले माह
  • अमर्यादित टिप्पणी करने वालों को कड़ा संदेश दे सकती है न्यायपालिका
  • “चौकीदार चोर है” वाले बयान के कारण उन्हें कोर्ट में मांगनी पड़ी थी माफी

सूरत कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए श्री सुशील मोदी ने कहा कि “मोदी” सरनेम वाले लाखों लोगों ने सांसद राहुल गांधी की टिप्पणी से अपमानित अनुभव किया। उनके विरुद्ध पटना सहित कई अन्य जगह भी मुकदमें दायर हुए।

उन्होंने कहा कि मेरे मामले में वे जमानत ले चुके हैं, लेकिन अगले महीने गवाही के लिए उन्हें पटना सीजेएम के कोर्ट में उपस्थित होना पड़ सकता है।

श्री मोदी ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी ने देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करने की मंशा से “चौकीदार चोर है” जैसा घटिया बयान दिया था।

उन्होंने कहा कि राफेल विमान सौदे और “चौकीदार चोर है” वाले मामले में राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी। फिर भी उन्होंने जुबान पर लगाम लगाना नहीं सीखा।

श्री मोदी ने कहा कि यदि सरनेम वाले बयान के कारण राहुल गांधी को विभिन्न अदालतों से कड़ी सजा सुनायी जाती है, तो यह अमर्यादित भाषा बोलने वालों के विरुद्ध कड़ा संदेश होगा।

बिहार की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि इस सम्बन्ध में ब्लू प्रिंट एक सप्ताह में नहीं पेश किया गया, तो कोर्ट इस पर गंभीर रुख अपनाएगा

पटना हाइकोर्ट ने राज्य की प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित मधुबनी पेंटिंग की सरकारी उपेक्षा और कलाकारों की दयनीय अवस्था पर सुनवाई की। आत्मबोध की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने राज्य सरकार दिए गए कार्रवाई रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जाहिर किया।

कोर्ट ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यदि इस सम्बन्ध में ब्लू प्रिंट एक सप्ताह में नहीं पेश किया गया, तो कोर्ट इस पर गंभीर रुख अपनाएगा।

पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास,विस्तार और कलाकारों के कल्याण के लिए राज्य सरकार ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कला व संस्कृति सचिव व उद्योग विभाग के निर्देशक को पटना एयरपोर्ट परिसर में बने मधुबनी पेंटिंग का निरीक्षण कर कल कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत का निर्देश दिया था।

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उन्होंने जो रिपोर्ट दिया ,उससे स्पष्ट हुआ कि पटना एयरपोर्ट के परिसर में जो मधुबनी पेंटिंग लगी है,वहां न तो कलाकारों को क्रेडिट दिया गया है।साथ ही जी आई टैग भी नहीं लगा है।इससे मधुबनी पेंटिंग व उसके कलाकारों की उपेक्षा स्पष्ट होती है।

कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि मधुबनी पेंटिंग के विकास और विस्तार के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाना चाहिए।याचिकाकर्ता के वकील डा. मौर्य विजय चन्द्र ने कोर्ट को बताया कि मधुबनी पेंटिंग सरकारी उपेक्षा का शिकार तो है ही, साथ ही मधुबनी पेंटिंग करने वाले कलाकारों का शोषण भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग की ख्याति देश विदेश में है,लेकिन मधुबनी पेंटिंग के कलाकार गरीबी में जीवन बिता रहे है।उन्होंने बताया कि मधुबनी पेंटिंग के कलाकारों को अपने कानूनी अधिकारों का ज्ञान नहीं है।

इसी का लाभ बिचौलिए उठाते है।उनकी पेंटिंग का बाहर ले जा कर महंगे दामों में बेचते है, जबकि उन कलाकारों को बहुत थोड़ी सी रकम दे देते है।

उन्होंनेे कोर्ट को बताया कि उन्हें 2005 में ही जीआई टैग भारत सरकार से लगाने की अनुमति प्राप्त हुई।ये भौगोलिक क्षेत्र के तहत रजिस्टर होता है ,लेकिन इसका आजतक रेजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।

इसके सम्बन्ध में इन कलाकारों को जानकारी नहीं है।इसका लाभ बिचौलिए उठाते है। इस मामलें पर अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी।

पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई की। एक्टिंग चीफ जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने मामलें पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम को विस्तृत जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का मोहलत दिया।

पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचडखाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है।निविदा की कार्रवाई की जा रही है। पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह की मोहलत मांगी,जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है। अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को बताया कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इससे जहाँ आम आदमी के स्वास्थ्य पर पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे लड़कों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

Patnahighcourt

याचिकाकर्ता के वकील अंकिता कुमारी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचडखानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए ।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाज़ार, पाटलिपुत्रा , राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है।

उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है ,जो कि जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले।

साथ ही जनता को भी स्वस्थ और प्रदूषणमुक्त मांस मछली मिल सके।इस मामलें पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।

बिहार में बिजली हुई महंगी, उपभोक्ताओं को लगा महंगी बिजली का करंट; 24% बढ़ोतरी की घोषणा

पटना। बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका, बिजली की दर में 24.10% की बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। इसके बाद बिजली 2 रुपए तक प्रति यूनिट महंगी हो जाएगी । अब सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर तय होगा प्रति यूनिट बिजली का दर।

बिहार विधानमंडल के मौजूदा सत्र में तमाम गतिरोधों के बीच लाइन लॉस को आधार बनाते हुए बिहार में बिजली की दरें बढ़ा दी गई हैं। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने गुरुवार को बिजली दर में बढ़ोतरी की घोषणा की है। बिजली कंपनी ने इसे 40% तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। आयोग ने सुनवाई के बाद 24.1 फीसदी की मंजूरी दी है।

बढ़ी दरें इस प्रकार से हैं
100 यूनिट से ज्यादा बिजली का उपयोग करने वाले को 1.67 रुपए प्रति यूनिट ज्यादा देने हाेंगे। इसमें फिक्स्ड चार्ज जोड़ दिया जाए तो बढ़ोतरी प्रति यूनिट 2 रुपए से ज्यादा होगी। अभी तक यह दर 6.95 रुपए प्रति यूनिट थी, जो बढ़कर अब 8.62 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। अब सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के आधार पर तय होगा प्रति यूनिट बिजली का दर।

फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी
बिजली दर बढ़ोतरी के साथ ही बिल में फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है। अब बिजली दरों के 3 स्लैब की जगह अब दो ही होंगे।

बढ़ी दरों का यह फैसला 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगा।

पटना हाईकोर्ट में मुज़फ़्फ़रपुर के सरैया थाना चर्चित हत्याकांड में मृतक के परिजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई 3 सप्ताह के लिए टल गई

पटना हाई कोर्ट ने मुज़फ़्फ़रपुर के सरैया थाना चर्चित हत्याकांड में मृतक निर्भया कुमारी (काल्पनिक नाम) के परिजन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई तीन सप्ताह के लिए टल गई। राज्य सरकार की ओर से जस्टिस अंशुमान की एकल पीठ को बताया गया कि वीडिओ जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं आया है।

आज कोर्ट में उपस्थित सरैया के डीएसपी और सम्बंधित अनुसंधानकर्ता ने कोर्ट को ये जानकारी दी।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ओम प्रकाश कुमार ने कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केस में नामजद अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। साथ ही केस को किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाया जाए।

इस केस में काम नही कर रहे पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही भी चलाया जाए। पिछले सुनवाई के दौरान मुज़फ़्फ़रपुर के एस एस पी ने शपथ पत्र दायर कर बताया कि इस केस में सिर्फ एक व्यक्ति ही संलिप्तता जांच में सामने आई है ।इसलिए बाकी अभियुक्तों को गिरफ्तार नही किया गया।

पूर्व की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि जो शपथ पत्र एसएसपी ने दायर किया है, उसे देखने से प्रतीत होता है कि पुलिस अन्य अभियुक्तों को बचा रही है।

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कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इस केस के डीएसपी और अनुसंधान कर्ता को अगली सुनवाई में कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया था।अधिवक्ता ओम प्रकाश ने बताया कि दिनांक 26 अप्रैल 2022 को याचिकाकर्ता की पुत्री अपने घर से बाहर गयी थी ,लेकिन वह वापस नही लौटी।

जिसके बाद परिजन वालों ने अपनी पुत्री को जा खोजबीन किया, परन्तु वह नही मिली। उसी दिन रात्रि 12.47 बजे एक कॉल आया, जिसमे याचिकाकर्ता की पुत्री की आवाज सुनाई दी।वह दर्द से कराह रही थी।

इसके बाद फोन कट गया और पुनः प्रयास करने पर मोबाइल बंद मिला।अगले दिन सुबह में ग्रामीण ने बताया कि याचिकाकर्ता की पुत्री की बॉडी पोखर में पड़ी हुई है।

इसके बाद परिजन घटना स्थल पर जाने के क्रम में देखे की गांव के ही मो0 वसीम खान के द्वारा याचिकाकर्ता की पुत्री को बोलेरो कार से लेकर कहीं जा रहा था।वह बोलेरो मोहम्मद वसीम के घर पर जाकर रुकती है।

फिर मोहम्मद वसीम के परिवार वाले गाड़ी में बैठते है। वे लोग वैष्णवी हॉस्पिटल, मुज़फ़्फ़रपुर याचिकाकर्ता की पुत्री को लेकर जाते हैं, जहाँ याचिकाकर्ता की पुत्री के परिजन भी पहुचते हैं ।

अपनी पुत्री से बात करते हैं, तो याचिकाकर्ता की पुत्री द्वारा बताया जाता है कि लगभग 8 लोग द्वारा बलात्कार किया गया और जहर पिलाया गया। इसमें उसने चार लोगों का नाम भी लिया था, जिसमे से एक व्यक्ति मोहम्मद वसीम खान को गिरफ्तार कर लिया गया है ।

लेकिन अभी भी तीन नामजद अभियुक्त पुलिस के गिरफ्त से बाहर है।इस मामलें पर पुनः तीन सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।

बिहार BJP के सम्राट चौधरी होंगे Bihar BJP के नए प्रदेश अध्यक्ष

पटना । बिहार BJP में सम्राट चौधरी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है । विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है ।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने तत्काल प्रभाव से सम्राट चौधरी को बिहार का अध्यक्ष बनाया है। एनडीए की सरकार में सम्राट चौधरी पंचायती राज विभाग के मंत्री थे। सम्राट चौधरी वर्तमान में बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं।

Bihar Diwas 2023: तीन दिवसीय समारोह की हुई शुरुआत ; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य मंत्री उद्घाटन समारोह में रहे मौजूद

पटना । बुधवार 22 मार्च को बिहार अपना 111वां स्थापना दिवस मना रहा है । 1912 में आज ही के दिन बिहार को बंगाल प्रेसीडेंसी से अलग किया गया था। बिहार राज्‍य का गठन आज ही के दिन हुआ था । इसीलिए प्रतिवर्ष 22 मार्च को Bihar Diwas मनाया जाता है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को गांधी मैदान में तीन दिवसीय बिहार दिवस समारोह का उद्घाटन किया । उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य मंत्री उद्घाटन समारोह में रहे मौजूद ।

Bihar Diwas 2023 अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हमने राज्य में 2010 में बिहार दिवस मनाना शुरू किया था। अब बिहार दिवस अन्य राज्यों और विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है।

“पटना के गांधी मैदान में आयोजित बिहार दिवस के अवसर पर आए लोगों को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम नीतीश ने फिर से विशेष राज्य की मांग को दोहराते हुए कहा कि हमलोग बहुत पीछे है. राज्य के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।

उन्होंने बिहार के साथ बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और सूफीवाद के विशेष संबंध का भी उल्लेख किया।

मुख्यमंत्री ने पद्म श्री प्राप्तकर्ता और सुपर 30 कोचिंग संस्थान के संस्थापक आनंद कुमार को सम्मानित किया। उन्होंने शौर्य श्रेणी में पश्चिम चंपारण के धीरज कुमार और दरभंगा की साइकिल गर्ल ज्योति कुमारी को जबकि समाज सेवा श्रेणी में छपरा की पाल साक्षी को सम्मानित किया।

Bihar Diwas समारोह में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और प्रसिद्ध गायकों के प्रदर्शन द्वारा चिह्नित किया गया।

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार लगातार विकास कर रहा है. हम 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार के अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम जल्द ही अपना वादा पूरा करेंगे।”

महायज्ञ का समापन 24 मार्च को होगा।

राजनीतिक स्थिरता लाने और विकसित राज्य बनाने का संकल्प ले बिहार: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बिहार दिवस (22 मार्च) पर प्रदेशवासियों को बधाई दी और अपील कि लोग राजनीतिक स्थिरता लाने और दस साल में विकसित राज्य बनाने का संकल्प लें।

  • श्रीबाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में हुआ था राज्य का प्रारम्भिक विकास
  • 29 साल में 23 मुख्यमंत्री आये-गए, अस्थिरता से बाधित हुआ विकास
  • 1990 में ऐसी सरकार आयी, जिसने अपराध और भ्रष्टाचार का राजनीतिकरण किया, विकास नहीं
  • 2005 में आयी एनडीए सरकार, विकास पटरी पर लौटा, बिहार दिवस मनाने की शुरुआत उसी दौर में
  • निजी महत्वाकांक्षाओं के हावी होने से फिर अस्थिरता मेंं फंसा बिहार

श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 14 साल तक राजनीतिक स्थिरता रही और प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू के दूरदर्शी नेतृत्व में राज्य का प्रारम्भिक विकास हुआ।

उन्होंने कहा कि 1961 में श्री बाबू की मृत्यु के बाद अस्थिरता, भ्रष्टाचार और कुशासन के चलते बिहार लगातार पिछड़ता गया।

उन्होंने कहा कि 1961 से 1990 तक 29 साल में यहाँ 23 मुख्यमंत्री आये-गए और राष्ट्रपति शासन भी लगता रहा। इससे विकास बाधित हुआ।

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श्री मोदी ने कहा कि 1990 में ऐसी सरकार आयी, जिसने बीस साल राज करने के इरादे से अपराध और भ्रष्टाचार का खुलकर राजनीतिकरण किया, लेकिन विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया। उस दौर में बिहारी कहलाना शर्म की बात हो गई थी।

उन्होंने कहा कि भले ही एक सरकार 20 साल राज नहीं कर सकी, लेकिन 15 साल में ही उसने राज्य को 50 साल पीछे धकेल दिया।

श्री मोदी ने कहा कि 2005 में जब एनडीए सरकार आयी, तब विकास पटरी पर लौटा था। उस दौर में अपराध पर कठोर नियंत्रण, वित्तीय अनुशासन, भ्रष्टाचार पर अंंकुश, ढांचागत विकास में भारी निवेश और उच्च शिक्षा के नये संस्थान खुलने से बिहारी अस्मिता का पुनर्जागरण हुआ। बिहार दिवस मनाने की शुरुआत भी उसी दौर में हुई थी।

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने विकास और गुड गवर्नेंस दिया, जिससे बिहार सबसे तेज विकास करने वाला राज्य बना।

श्री मोदी ने कहा कि दुर्भाग्यवश, कुछ लोगों की पीएम-सीएम बनने की महत्वाकांक्षाएँ इतनी भारी पड़ीं कि बिहार फिर अस्थिरता के भँवर मेंं फंस गया।

उन्होंने कहा कि बिहार दिवस पर हमें राजनीतिक स्थिरता और विकास का दौर लौटाने का संकल्प लेना चाहिए।

पटना हाइकोर्ट ने फोर लेन रजौली-बख्तियारपुर नेशनल हाइवे के प्रथम पैकज के निर्माण में हो रहे बिलम्ब पर NHAI को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया

पटना हाइकोर्ट ने फोर लेन रजौली बख्तियारपुर नेशनल हाइवे के प्रथम पैकज के निर्माण में हो रहे बिलम्ब पर एनएचएआई को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। विपिन कुमार की जनहित याचिका पर एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट को एनएचएआई के अधिवक्ता ने बताया कि ये एन एच 31 के 105 किलोमीटर को तीन पैकेज में बांटा गया है। पैकेज दो और तीन के कार्य चल रहे है।लेकिन पैकेज एक का कार्य नहीं हो पा रहा है।

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#PatnaHighCourt

उन्होंने बताया कि इस पैकेज के निर्माण के वन व पर्यावरण विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलना बाकी है।उन्होंने बताया कि इसके बाद पैकेज एक का काम प्रारम्भ हो सकेगा।

कोर्ट ने एनएचएआई को छह सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।इस मामलें पर अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी।

बिहार के तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अदालती कार्रवाई पर तत्काल रोक

पटना हाइकोर्ट ने बिहार के तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अदालती कार्रवाई पर तत्काल रोक लगाते हुए बड़ी राहत दी। जस्टिस संदीप कुमार ने नित्यानंद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

उनके विरुद्ध अपने भाषण में सामुदायिक विद्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया था।अंचलाधिकारी, नरपतगंज,ज़िला अररिया ने एक नरपतगंज थाने मे तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद रॉय के विरुद्ध अपने 9 मार्च,2018 को अपने भाषण में साम्प्रदायिक विद्वेष फैलाने की सूचना दी।

सीजेएम अररिया 13अप्रिल,2022 को पुलिस द्वारा 31अक्तुबर,2021 के दायर चार्जशीट पर सुनवाई करते हुए संज्ञान लिया।कोर्ट ने थाना प्रभारी को इनके विरुद्ध समन जारी करने का निर्देश दिया।

NityanandRai

निचली अदालत के इस आदेश के विरुद्ध केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद रॉय ने एक याचिका दायर की।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया कि जिन प्रावधानों के तहत उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है, वह उन पर लागू ही नहीं होगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि नित्यानंद रॉय ने किसी प्रकार से अपने भाषण में सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का काम नहीं किया है।उन्होंने विदेश के एक आतंकवादी के सन्दर्भ में बात कही थी।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि ये मामला 2018 का है,जबकि निचली अदालत ने इस मामले का संज्ञान 2022 में लिया।

इन तथ्यों को देखते हुए कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दिया।इस मामलें पर अगली सुनवाई जुलाई,2023 में की जाएगी।

जमीनी सच से टकरा कर टूटे CM-PM के दो हसीन सपने: सुशील मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के बीच जो भी डील हुई हो, लेकिन तेजस्वी प्रसाद यादव को जमीनी हकीकत का एहसास हो गया है कि न वे अभी सीएम बन सकते हैं, न नीतीश कुमार कभी पीएम बन सकते हैं।

  • जस्वी को कुर्सी सौंपने की डील से पलटे नीतीश कुमार
  • राजद अब नीतीश पर दबाव बनाने की स्थिति में नहीं
  • विपक्षी एकता फेल, ममता,अखिलेश ने जदयू को पूछा नहीं
  • किसी को राष्ट्रीय राजनीति ने किनारे किया, किसी को बिहार के हालात ने

श्री मोदी ने कहा कि सीएम-पीएम के सपने देखने वाले चाचा-भतीजा अपने समर्थकों से नारे लगवा कर या पोस्टर-होर्डिंग्स के जरिये अपनी महत्वाकांक्षा प्रकट करते रहे हैं। अब दोनों सफाई देते फिर रहे हैं कि उन्हें बड़े पद पाने की इच्छा नहीं है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2023 में तेजस्वी यादव को कुर्सी सौंपने की बात से पलट चुके हैं और राजद भी अब कोई दबाव बनाने की स्थिति में नहीं है।

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श्री मोदी ने कहा कि जो तेजस्वी यादव कह रहे थे कि उन्हें मुख्यमंत्री बनने की जल्दी नहीं है, वही अब पद की इच्छा त्याग कर अचानक संत कैसे हो गए?

उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में जब राजद-जदयू अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रहे होंगे, तब सीएम-पीएम तो बहुत दूर की बात होगी। अच्छी बात है कि तेजस्वी यादव ने इस सच को स्वीकार किया।

श्री मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी और अखिलेश यादव कांग्रेस को अलग रख कर फ्रंट बनाने का एलान कर चुके हैं। नीतीश कुमार को न ममता पूछ रही हैं, न केसीआर ने भाव दिया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृष्य जहाँ नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षा को चूर कर रहा है, वहीं बिहार के हालात तेजस्वी यादव के सपनों पर ओला बरसा रहे हैं।

JDU के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में बड़ा फेरबदल; केसी त्यागी का नाम कटा, देखें पूरी लिस्ट

पटना । मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राष्ट्रीय पदाधिकारियों की सूची में बड़ा फेरबदल किया। जदयू की नयी सूची से जदयू महासचिव केसी त्यागी का नाम हटा दिया।

JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने पार्टी के नए राष्ट्रीय पदाधिकारियों के नामों का ऐलान किया । पार्टी द्वारा जारी सूची में मंगनी लाल मंडल को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है।

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नई टीम में 22 नेताओं को महासचिव बनाया गया है।

JDU की नई टीम की सूची

Patna High Court News: पिछले दो दशकों से राज्य के विभिन्न निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामलें पर सुनवाई अधूरी रही

पटना हाइकोर्ट में पिछले दो दशकों से राज्य के विभिन्न निचली अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित आपराधिक मुकदमों के मामलें पर सुनवाई अधूरी रही। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ कौशिक रंजन की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में Patna High Court ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार(बालसा)के सचिव को नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के उपलब्ध आंकड़े को मूल रिकॉर्ड से जांच करने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता कौशिक रंजन की अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि बड़ी तादाद में आपराधिक मामलें लंबित पड़े है।उन्होंने बताया कि लगभग 67 हज़ार मामलें ऐसे है,जिनमें पार्टियां कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है।

Patna High Court ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार व विभिन्न ज़िला विधिक सेवा प्राधिकार को ऐसे मामलों को चिन्हित कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि वकीलों सहायता के अभाव में लगभग सात लाख आपराधिक मामलें लंबित है।

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Patna High Court ने इस सम्बन्ध में बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को आंकड़े की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।कोर्ट ने कहा कि इन मामलों में वकीलों की सहायता दिए जाने को गम्भीरता से लिया जाना चाहिए था।

अधिवक्ता शमा सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि बहुत सारे मामलें काफी पुराने है,जिनमें अधिकांश सन्दर्भहीन हो चुके है।तीस चालीस साल पुराने मामलों का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। याचिकाकर्ता के वकील शमा सिन्हा ने Patna High Court को बताया था कि ये आंकड़े नेशनल जुडिशल ग्रिड और नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो से मिले है।इन्ही आंकड़ों को कोर्ट के सामने पेश किया गया।

Patna High Court को यह भी बताया गया इतने पुराने लंबित मामले में आरोपी और परिवादी दोनों की जीवित रहने पर संदेह है, ऐसी स्थिति में या नहीं तो बेकार और कानूनी तौर पर औचित्य पड़े अपराधिक मामले को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए ।

इस मामलें पर सुनवाई कल भी जारी रहेगी।

बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट (12th) वार्षिक परीक्षा, 2023 का रिजल्ट किया जारी; 83.70% स्टूडेंट्स हुए पास, यहां देखें रिजल्ट-टॉपर्स लिस्ट

पटना । बिहार इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2023 का परीक्षाफल मंगलवार दिनांक 21.03.2023 को अपराह्न 02:00 बजे जारी किया गया। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर और बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने घोषित किया रिजल्ट। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि टॉप 6 स्टूडेंट्स को लैपटॉप, किंडल ई-बुक और 1 लाख नगद इनाम दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड ने इंटर का रिजल्ट जारी किया, जिसमें 83.70% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। यह पिछली बार से 3.55% ज्यादा है। तीनों स्ट्रीम में लड़कियां टॉपर रही हैं। आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स मिलाकर 13 साल 4 हजार 586 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।

आर्ट्स में 82.74%, वाणिज्य में 93.35% और साइंस में 83.93% छात्र सफल। साइंस में आयुषी नंदन बनी टॉपर , आर्ट्स में मोहनिशा और कॉमर्स में सौम्या और रजनीश बने टॉपर।

साइंस स्ट्रीम में आयुषी नंदन 94.8% के साथ, कॉमर्स स्ट्रीम में सौम्या शर्मा और रजनीश 95% के साथ और आर्ट्स स्ट्रीम में पूर्णिया की मोहनिसा 95% के साथ टॉपर घोषित।

छात्र-छात्राएं अपना परिणाम, घोषित होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in, secondary.biharboardonline.com और results.biharboardonline.com पर देख सकते हैं।

बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट (12th) वार्षिक परीक्षा, 2023 का रिजल्ट किया जारी

पटना । बिहार इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा, 2023 का परीक्षाफल मंगलवार दिनांक 21.03.2023 को अपराह्न 02:00 बजे जारी किया गया। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर और बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने घोषित किया रिजल्ट। बिहार सरकार ने घोषणा की है कि टॉप 6 स्टूडेंट्स को लैपटॉप, किंडल ई-बुक और 1 लाख नगद इनाम दिया जाएगा।

बिहार बोर्ड ने इंटर का रिजल्ट जारी किया, जिसमें 83.70% स्टूडेंट्स पास हुए हैं। यह पिछली बार से 3.55% ज्यादा है। तीनों स्ट्रीम में लड़कियां टॉपर रही हैं। आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स मिलाकर 13 साल 4 हजार 586 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी।

BSEB-12th-Result-2022-Inter-result

छात्र-छात्राएं अपना परिणाम, घोषित होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in, secondary.biharboardonline.com और results.biharboardonline.com पर देख सकते हैं।

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने ट्विट कर जानकारी दी।

Patna High Court News: दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण से संबंधित लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार, NHAI एवं रेलवे को हलफ़नामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया

पटना हाई कोर्ट ने दानापुर – बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण से संबंधित लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, एनएचएआई एवं रेलवे को हलफ़नामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है। एसीजे जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने सुनवाई की।

ये जनहित याचिका विपिन कुमार ने दायर किया है। याचिकाकर्ता ने इस जनहित याचिका के माध्यम से दानपुर – बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण में प्रगति लाने के लिए ये जनहित याचिका को दायर किया है।

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कोर्ट ने इस याचिका में पूर्व मध्य रेलवे को भी प्रतिवादी बनाने का भी निर्देश दिया है।

इस मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल,2023 को होगी ।

पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट में राज्य की निचली अदालतों में वकीलों के बैठने और कार्य करने की व्यवस्था एवं अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने के मामलें सुनवाई की। एसीजे जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत किया गया।

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पी के शाही ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया गया कि तेरह स्थानों के लिए वकीलों के लिए भवन निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के लिए टेंडर जारी कर दिया गया। बाकी अन्य जिलों में भी कार्रवाई चल रहा है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने भूमि उपलब्धता से सम्बंधित मामलें पर राज्य के विकास आयुक्त को अधिकारियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी बताने को कहा था कि राज्य के 38 जिलों में से कितने जिलों में वकीलों के भवन निर्माण के लिए जिलाधिकारियों ने भूमि चिन्हित कर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी कर ली है।

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वरीय अधिवक्ता श्री रमाकांत शर्मा ने कोर्ट को बताया था कि भवनों का निर्माण राज्य सरकार के भवन निर्माण भवन निर्माण विभाग करें,तो काम तेजी से हो सकेगा।ठेकेदारी के काम में बिलम्ब होने के अलावे लागत भी ज्यादा आएगा।

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य के अदालतों की स्थिति अच्छी नहीं है।अधिवक्ता अदालतों में कार्य करते है,लेकिन उनके लिए न तो बैठने की पर्याप्त व्यवस्था है और न कार्य करने की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है।

वकीलों के लिये शुद्ध पेय जल,शौचालय और अन्य बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं होती हैं।उन्होंने कोर्ट को बताया कि अदालतों के भवन के लिए जहां भूमि उपलब्ध भी है,वहां भूमि को स्थानांतरित नहीं किया गया है। जहां भूमि उपलब्ध करा दिया गया है, वहां कार्य प्रारम्भ नही तो पाया हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी।