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पिछले महीने से लापता NMCH के डॉक्टर संजय कुमार की बरामदगी को लेकर पटना हाईकोर्ट में एक आपराधिक रिट याचिका दायर की गई हैं

पिछले एक मार्च,2023 से लापता एनएमसीएच के डॉक्टर संजय कुमार की बरामदगी को लेकर पटना हाई कोर्ट में एक आपराधिक रिट याचिका दायर की गई हैं। गायब डॉक्टर की पत्नी की ओर से अधिवक्ता हर्ष सिंह ने दायर की है।

दायर याचिका में डॉक्टर की सकुशल बरामदगी की गुहार कोर्ट से लगाई गई हैं।याचिका में ये कहा गया है कि 1 मार्च,2023 से लापता डॉक्टर का मोबाईल फोन 2 मार्च,2023 को इस्तेमाल किया गया है।लेकिन पुलिस इसको नजरअंदाज कर रही हैं।

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उनका कहना है कि पुलिस सही तरीके से खोजने का काम नहीं कर रही हैं। लापता होने के बाद सुराग पाने के लिए खोजी कुत्ता को नहीं लगाया गया।यहाँ तक कि गांधी सेतु सीसीटीवी फुटेज की फोरेंसिक जांच अब तक नहीं कराई गई हैं।

पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया हैं कि राज्य के सभी स्कूलों में छात्राओं की संख्या के समुचित अनुपात में शौचालय एवं सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करने वाली मशीनों की व्यवस्था हेतु एक जरूरी दिशानिर्देश तैयार करें

पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया हैं कि राज्य के सभी स्कूलों में छात्राओं की संख्या के समुचित अनुपात में शौचालय एवं सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करने वाली मशीनों की व्यवस्था हेतु एक जरूरी दिशानिर्देश तैयार करें।

चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने इस मामलें पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस जनहित याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिया इस सम्बन्ध में एक कमिटी गठित करने का निर्देश दिया।

पटना जिले में राजकीय एवं राजकीयकृत बालिका विद्यालयों ( प्राथमिक मध्य एवं उच्च विद्यालय) में शौचालयों की दयनीय अवस्था पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान ले कर सुनवाई कर रही है।

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पूर्व की सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने जनहित याचिका का दायरा पटना जिला से बढ़ाकर पूरे राज्य के लिए कर दिया था।साथ ही कोर्ट ने सरकार से सभी स्कूलों के अंदर छात्राओं के लिए समुचित और स्वच्छ शौचालय सहित सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करने वाली मशीनों के बारे में जानकारी मांगी थी ।

राज्य सरकार की तरफ से दायर हुए जवाबी हलफनामा पर असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि पटना हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में एक निश्चित दिशा निर्देश बनाए।और

इस मामले पर अगली सुनवाई 2 महीने बाद होगी।

बैंक के वरिष्ठ अधिकारी जो बैंक के पैसे के संरक्षक हैं, उनसे जमाकर्ताओं के पैसे से अनियमितता की उम्मीद नहीं की जा सकती, ये अनियमितताएं कर्तव्य में चूक नहीं , बल्कि जानबूझकर किए गए कार्य हैं: पटना हाईकोर्ट

पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्पष्ट किया है कि बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो बैंक के पैसे के संरक्षक हैं, उनसे निवेशकों / जमाकर्ताओं के पैसे से इस तरह की अनियमितता की उम्मीद नहीं की जा सकती है। ये अनियमितताएं कर्तव्य में चूक नहीं , बल्कि जानबूझकर किए गए कार्य हैं, जिनसे बैंक को गंभीर नुकसान हुआ है और अपीलकर्ता को व्यक्तिगत लाभ हुआ है।

जस्टिस आशुतोष कुमार एवं जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने अशोक कुमार सिन्हा की अपील याचिका को खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की । अपीलकर्ता भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में नियुक्ति की गई थी।

सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 409, 467, 468 और 471 और पीसी अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) ,13 (1) (सी) (डी) के तहत आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने निवास पर कई ऋण दस्तावेज रखे थे और कर्ज लेने वालों की व्यक्तिगत ऋणों को मंजूरी देने हेतु उनके वेतन पर्ची में हेरफेर किया था।

उनके खिलाफ अन्य आरोप यह थे कि उन्होंने कई व्यक्तिगत ऋण खाते कम सीमा के साथ खोले गए थे। केवल कुछ महीनों के बाद, उच्च सीमा के लिए ऋण मंजूर किए गए थे ।

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जांच रिपोर्ट के आधार पर, अपीलकर्ता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया और उसकी पूरी ग्रेच्युटी राशि बैंक को हुई वास्तविक हानि को ध्यान में रखते हुए साढ़े तीन लाख रुपये जब्त कर लिए गए।

अपीलकर्ता के वकील अरविंद कुमार तिवारी ने एकलपीठ के फैसले को चुनौती देते हुए कहा कि बैंक के नियमों के नियम 68(6) के अनुसार, एक संयुक्त जांच की जानी चाहिए थी,क्योंकि दो अन्य अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही में समान आरोप लगे थे।लेकिन अलग-अलग पूछताछ की गई और उन्हें बिना किसी औचित्य के कम सजा दी गई।

एसबीआई की ओर से वरीय अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने कोर्ट को बताया कि अपीलकर्ता एक उच्च पद पर था और उसके कब्जे से बरामद ऋण दस्तावेजों के साथ वह वित्तीय कदाचार में फंसा हुआ था।उन्होंने कहा कि अपीलकर्ता को अनुशासनात्मक कार्यवाही में अपना बचाव करने का उचित अवसर दिया गया था।

मामले का अवलोकन कर खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को यह कहते हुए सही करार दिया कि ये अनियमितताएं केवल कर्तव्य में चूक नहीं हैं, बल्कि जानबूझकर किए गए कार्य हैं ,जिसके परिणामस्वरूप बैंक को भारी नुकसान हुआ है।सार्वजनिक धन का लूट किया गया है।

Corona in Bihar: पिछले 24 घंटे में बिहार में 52 नए केस मिले; पटना बन रहा है कोरोना का हब

पटना । बिहार में कोरोना के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक फिलहाल पटना में ही है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट XBB1.16 वायरस के मामले भी मिले हैं।

पिछले 24 घंटे में बिहार में 52 नए Corona केस मिले। वहीं पटना में 29 नए केस मिले। मरीजों के गले में खरास, खांसी सर्दी, बुखार लक्षण मिल रहे हैं। बिहार स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रही है।

बिहार में अब Corona के 214 केस एक्टिव हैं। इधर, राजधानी पटना में पिछले 24 घंटे में 29 नए केस सामने आए हैं। पटना में फिलहाल 114, गया में 21, भागलपुर में 13 और मुंगेर में 10 केस एक्टिव हैं। ऐसे कई केस सामने आए हैं जिनमें टीका के दोनों डोज लेने वाले भी कोविड पॉजिटिव हो गए। डॉक्टर की मानें तो वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का खतरा कम हो जाता है लेकिन इससे ऐसा नहीं है कि संक्रमण आपको नहीं हो सकता है। इसलिए अलर्ट रहें।

corona virus

बिहार सरकार ने बढ़ते Corona को लेकर अलर्ट जारी किया है। बिहार सरकार लोगों से मास्क लगाने की अपील कर रही है। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए भी कहा है। बिहार स्वास्थ्य विभागलगातार कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील कर रहा है।

Corona में थोड़ी सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। ट्रेवल हिस्ट्री नहीं रहने के बावजूद लोग कोरोना पॉजिटिव हुए। ताजा रिसर्च के अनुसार गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी Corona खतरनाक है, कोरोना से बच्चे के दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है।


बिहार के मोतिहारी में ICICI बैंक से 40 लाख की लूट; CCTV फुटेज के सहारे लूटेरों की तलाश में जुटी पुलिस

मोतिहारी। बिहार में अपराधियों के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं। नया मामला पूर्वी चंपारण के मोतिहारी से सामने आई है। जहां अपराधियों ने एक बैंक को अपना निशाना बनाया है। दिनदहाड़े अपराधियों ने ICICI बैंक में लूट की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। बैंक से करीब 40 लाख रुपये की लूट हुई है। ICICI बैंक से लाखों की लूट कर अपराधी फरार हो गए है।

ये घटना मोतिहारी के चकिया बाजार इलाके का बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बैंक से 40 लाख रूपये लेकर बाइक सवार 5 अपराधी फरार हो गए। अपरधियों ने हथियार दिखाकर बैंक के कर्मियों और ग्राहकों को डराया और सारे पैसे लेकर फरार हो गए। इस दौरान बैंक में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है।

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बैंक के मैनेजर ने बताया कि ब्रांच में करीब 40 लाख रुपये थे। लूट की ये वारदात चकिया इलाके की है। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस बैंक में लगे CCTV को खंगाल रही है। साथ ही पुलिस बैंक के मैनेजर और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।

दिनदहाड़े हुई बैंक लूट की इस बड़ी घटना से पूरे शहर में हड़कंप मच गया। मोतिहारी एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा भी घटना वाली जगह पहुंचे और मामले की जांच करने में जुट गए है। साथ ही पुलिस द्वारा सीसीटीवी भी खंगाला जा रहा है ताकि अपराधियों कि पहचान कि जा सके।

श्री राहुल गांधी के विरुद्ध गैर जमानती वारंट निर्गत किया जाए: सुशील मोदी

पटना । बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी के द्वारा माननीय श्री आदि देव, विशेष न्यायाधीश, एम.पी.एम.एल.ए. न्यायालय, पटना के समक्ष दायर परिवाद पत्र में न्यायालय के दिनांक 18.03.2023 के आदेश से कांग्रेस पार्टी के नेता श्री राहुल गाँधी को आज दिनांक 12.04.2023 को न्यायालय के समक्ष संदेह उपस्थित होने का आदेश दिया गया था ताकि श्री राहुल गाँधी का धारा 313 द०प्र०सं० के अंतर्गत बयान दर्ज किया जा सके।

परन्तु श्री गाँधी के द्वारा माननीय न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए आज उपस्थित नहीं हुए जबकि वे दिनांक 11.04.2023 को केरल के वाईनाड में एक राजनीतिक रोड शो कर रहे थे और यहाँ न्यायालय में आज उनके अधिवक्ता के द्वारा समयावेदन दिया गया है।

इसका श्री सुशील कुमार मोदी के अधिवक्ता श्री एस.डी. संजय वरीय अधिवक्ता के द्वारा पूर जोर विरोध किया गया तथा श्री राहुल गाँधी द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना करके इस मुकदमे को लम्बा खींचने के कारण उनकी जमानत को रद्द करते हुए उनके विरुद्ध गैरजमानतीय अधिपत्र जारी किये जाने का अनुरोध किया गया है।

Rahul-vs-Sushil-Modi

उनके अधिवक्ता ने न्यायालय को यह बताया कि माननीय उच्चतम न्यायालय देश के एम.पी.एम.एल.ए. के खिलाफ मुकदमों को जल्द से जल्द निपटाने का आदेश अश्विनी उपाध्याय वनाम् भारत सरकार की एक लोकहित याचिका में दिया है, अतः इस मामले को अभियुक्त की उपस्थिति के लिए अधिक लंबित रखना न्यायोचित नहीं होगा।

अतः उनकी जमानत को रद्द करके उन्हें न्यायालय में सदेह उपस्थित कराने को सुनिश्चित करने के लिए उनके विरूद्ध गिरफ्तारी का वारंट निर्गत करने का आदेश जारी किया जाए। इस आशय का आवेदन उनके अधिवक्ता के द्वारा न्यायालय में दिया गया।

विदित हो कि वर्ष 2019 में श्री राहुल गाँधी द्वारा कर्नाटक के कोलार की सभा में यह बयान दिया गया था कि देश में सारे मोदी चीर हैं जिसपर गुजरात के अलावा पटना में भी उनके उपर मानहानी का आपराधिक मुकदमा तत्कालीन मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, पटना के न्यायालय में दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में अब परिवादी का बयान पूरा हो चूका है और अभियुक्त के बयान के लिए लंबित है।

CM नीतीश कुमार का 3 दिवसीय दिल्ली दौरा; आज कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात हो सकती है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 3 दिवसीय दौरे पर दिल्ली में हैं । 3 दिवसीय दौरे में कई विपक्षी नेताओं से करेंगे मुलाकात – मल्लिकार्जुन खरगे , सोनिया गांधी, लालू यादव, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी और डी राजा से मिलेंगे नीतीश।

मंगलवार को सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। इस दौरान सीएम के साथ जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संजय झा भी मौजूद रहे। रिपोर्ट के अनुसार दोनों शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात राज्यसभा सांसद मीसा भारती के आवास पर हुई है। सीएम नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से उनकी तबीयत का हालचाल जाना है।

Nitish Kumar and Mallikarjun Kharge

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आज कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात हो सकती है। नीतीश कुमार अपने 3 दिवसीय दिल्ली दौरे पर विपक्ष के नेताओं से मेल-मिलाप बढ़ा रहे हैं। नीतीश कुमार अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ भी मुलाकात करेंगे।

विपक्षी नेताओं से सीएम नीतीश कुमार की यह मुलाकात 2024 के आम चुनाव को लेकर बेहद अहम मानी जा रही है। नीतीश कुमार जिन नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं उनमें आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी और डी राजा का नाम भी शामिल है।

बिहार के कई इलाकों में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 4.3 रही तीव्रता

बिहार में भूकम्प के झटके पूर्णिया भागलपुर समेत कई इलाकों में महसूस किए गए हैं। अररिया जिले में भी बुधवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं हैं।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप के झटके सुबह करीब 5 बजकर 35 मिनट पर महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है।

Bihar Earthquake

बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। बुधवार की सुबह सिलीगुड़ी से 140 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई थी।

NCS ने कहा कि भूकंप बुधवार को सुबह 5:35 बजे आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था।

बीपीएससी से नियुक्ति नियोजित शिक्षकों और पात्रता सिद्ध युवाओं के साथ बड़ा धोखा: सुशील कुमार मोदी

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार ने बजट में धनराशि का प्रावधान किये बिना बीपीएससी के माध्यम से एक नये संवर्ग में स्कूली शिक्षक नियुक्ति की जो घोषणा की है, वह लाखों शिक्षित युवाओं के साथ धोखा है।

  • नये शिक्षक संवर्ग के लिए चाहिए 5000 करोड़, बजट में प्रावधान नहीं
  • CTET/STET पास अभ्यर्थियों को पहले नियुक्ति पत्र दे सरकार

श्री मोदी ने कहा कि सबसे पहले सरकार उन को नियुक्ति पत्र दे, जो CTET/STET/TET की परीक्षाएं पास कर चार साल से नौकरी पाने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे कुछ अभ्यर्थियों की नियुक्ति हुई भी, लेकिन शेष को केवल आश्वाशन दिया जाता रहा।

उन्होंने कहा कि ऐसे 1लाख से ज्यादा प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों और 4 लाख नियोजित शिक्षकों को भी अब नये संवर्ग वाला सरकारी शिक्षक बनने के लिए बीपीएससी की परीक्षा देनी पड़ेगी। यह नई नियमावली पात्रता सिद्ध कर चुके युवाओं के मनोबल पर बड़ा बज्रपात है।

sushil-modi

श्री मोदी ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाना चाहिए और नये संवर्ग के लिए बजट प्रावधान में कम से कम 5000 करोड़ की वृद्धि करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के बजट में शिक्षकों के वेतन और स्थापना व्यय में मात्र 1200 करोड़ की वृद्धि की गई है। इससे साफ है कि अगले एक साल तक नये संवर्ग में शिक्षक भर्ती नहीं होने जा रही है।

श्री मोदी ने कहा कि यदि सरकार नई नियमावली लागू करती है, तो एक विद्यालय में एक ही पाठ्यक्रम के लिए दो तरह के शिक्षक होंगे- एक बीपीएससी से पास सरकारी टीचर और दूसरे नियोजित शिक्षक।

उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा को विसंगतियों और विफलताओं का ऐसा पिटारा बना दिया गया है कि बिहार से प्रतिभा पलायन तेज होगा ।

बिहार में बड़े पैमाने पर पदाधिकारियों का तबादला; 3 IPS सहित 30 DSP और 22 अनुमंडल पदाधिकारी बदले गए, जाने पूरी लिस्ट…

पटना । बिहार में एक बार फिर बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला किया गया है। 3 IPS अधिकारी सहित 30 डीएसपी तथा 22 अनुमंडल पदाधिकारी बदले गए।

बिहार प्रशासनिक सेवा के 64 अफसरों का तबादला किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। सत्य प्रकाश शर्मा और विनय कुमार बीपीएससी के संयुक्त सचिव बनाए गए। तकनीकी सेवा आयोग के उप सचिव अमित कुमार SC/ST कल्याण विभाग के उप सचिव मनन राम।

तीन IPS अफसरों का भी हआ तबादला, रोहतास के SDPO बने शुभांक मिश्रा, आरा के SDPO बने चंद प्रकाश, मोतिहारी के एसडीपीओ बने राज।

Police transfer

हाल में अधिकारियों का बड़े पैमाने पर यह दूसरा तबादला है। सरकार ने बिहार पुलिस सेवा के 30 अधिकारियों का ट्रांसफर किया है।

  • चंद्रप्रकाश आरा का डीएसपी बनाए गए हैं।
  • शुभांक मिश्र को फारबिसगंज अररिया से डेहरी रोहतास का डीएसपी बनाया गया है।
  • पंकज कुमार को रजौली नवादा का अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बनाया गया है।
  • पहले वे पुलिस उपाधीक्षक, रेल, मुजफ्फरपुर थे।
  • सत्येंद्र कुमार सिंह को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चकिया मोतिहारी बनाया गया है।
  • पहले वे बेगूसराय में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
  • इसी प्रकार नंद जी प्रसाद पुलिस उपाधीक्षक अपराध अनुसंधान विभाग, पटना में थे।

जाने पूरी लिस्ट…

पटना हाइकोर्ट ने बिहार में अभियोजन के निदेशक और उप निदेशक की नियुक्ति में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि इन पदों पर वे ही नियुक्त हो सकते है, जिन्होंने दस या उससे अधिक वर्षों तक कानूनी प्रैक्टिस की हो

पटना हाइकोर्ट ने राज्य में अभियोजन के निदेशक और उप निदेशक की नियुक्ति में महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए स्पष्ट किया कि इन पदों पर वे ही नियुक्त हो सकते है, जिन्होंने दस या उससे अधिक वर्षों तक कानूनी प्रैक्टिस की हो। सुशील कुमार चौधरी की याचिका पर जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने 2003 के बिहार अभियोजन मेनुएल के रूल 5 में 2016 में लाए गए राज्य सरकार के संशोधन को रद्द कर दिया।

कोर्ट ने संघीय कानून अनुरूप रूल बनाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने कानून में संशोधन किया, उसके अनुसार अभियोजन कैडर के अधिकारी अभियोजन के निदेशक और उप निदेशक के पदों पर नियुक्त होंगे।

उन्होंने बताया कि संसद द्वारा पारित कानून सीआरपीसी के 25 ए के तहत अभियोजन निदेशक और उप निदेशक के पदों पर उन्हें ही नियुक्त किया जा सकता है, जिन्होंने 10वर्षों या उससे अधिक वर्षों तक कानूनी प्रैक्टिस की हो।

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उन्होंने बताया कि बिहार सरकार ने जो 2016 में जो नियमों में संशोधन किया, उसके तहत अभियोजन
कैडर के अधिकारी इन पदों पर नियुक्त किये जा सकते है।ये संसद द्वारा पारित कानून के विपरीत है।

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार और अधिवक्ता रितिका रानी व राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।

पटना हाइकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण स्थित हारनाटांड में अनुसूचित जनजाति बालिकाओं के एकमात्र स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी

पटना हाइकोर्ट में राज्य के पश्चिम चम्पारण स्थित हारनाटांड में अनुसूचित जनजाति बालिकाओं के एकमात्र स्कूल की दयनीय हालत पर सुनवाई दो सप्ताह बाद की जाएगी। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य में बड़ी संख्या में अनुसूचित जनजाति के छात्रों द्वारा स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़ दिए जाने के मामले को गम्भीरता से लिया था।।कोर्ट ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार लीगल सर्विसेज़ अथॉरिटी (बालसा) से रिपोर्ट तलब किया था।

कोर्ट ने बालसा को ये बताने को कहा था कि कितने बच्चों ने स्कूलों की पढ़ाई छोड़ दी है और कितने बच्चों ने दोबारा इन स्कूलों में जाना शुरू किया है ? बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की लोकहित याचिका दायर की थी।

कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए चिंता जताते हुए ये जानना चाहा था कि इन बच्चों की पढ़ाई के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई है।

इसके साथ साथ कोर्ट ने बालसा के एक सदस्य को लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड में स्थित स्कूल एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के विकास से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट इस मामले में लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है ।

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इस मामले में पहले भी हाईकोर्ट ने वकीलों की एक टीम गठित कर निरीक्षण करने का निर्देश दिया था । इस टीम में अधिवक्ता सूर्या नीलांबरी, अधिवक्ता आकांक्षा मालवीय , अधिवक्ता आयुष अभिषेक एवं अन्य अधिवक्ता शामिल थे ।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि बिहार में अनुसूचित जनजाति के बालिकाओं के लिए पश्चिम चम्पारण के हारनाटांड एकमात्र स्कूल है।पहले यहाँ पर कक्षा एक से लेकर कक्षा दस तक की पढ़ाई होती थी।

लेकिन जबसे इस स्कूल का प्रबंधन राज्य सरकार के हाथ में आया तबसे इस स्कूल की स्थिति बदतर होती गई।कक्षा सात और आठ में छात्राओं का एडमिशन बन्द कर दिया गया।

साथ ही कक्षा नौ और दस में छात्राओं का एडमिशन पचास फीसदी ही रह गया।इस स्कूल में पर्याप्त संख्या में शिक्षक भी नहीं है।इस कारण छात्राओं की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है।

इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को हलफनामा दायर कर राज्य के सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति व किये गए सुधार का ब्यौरा देने का निर्देश दिया

Patna High Court ने राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों के स्थिति के सम्बन्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

Patna High Court ने राज्य के अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। राज्य के सरकारी व निजी लॉ कॉलेजों की स्थिति व किये गए सुधार का ब्यौरा देने का निर्देश दिया है।

पूर्व की सुनवाई में चान्सलर कार्यालय के हलफनामा में बताया गया था कि लॉ कालेजों में नेट/ पीएचडी डिग्रीधारी शिक्षक होने चाहिए।

पूर्व की सुनवाई में Patna High Court ने चान्सलर कार्यालय को हलफनामा दायर कर ये बताने को कहा था कि राज्य में लॉ की पढ़ाई के लिए क्या क्या सुधारात्मक कार्रवाई की गई।साथ ही ये भी बताने को कहा गया था कि इन लॉ कालेजों में छात्रों को पढ़ाने के लिए यूजीसी मानक के तहत नेट/पीएचडी डिग्री वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है या नहीं।

चान्सलर ने राज्य के विश्वविद्यालयों के वाईस चान्सलर की बैठक 3अप्रैल,2023 को तय किया था।इस बैठक में असिस्टेंट प्रोफेसर, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्माचारियों की संख्या, बुनियादी सुविधाएँ, सम्बद्धता दिए जाने के सम्बन्ध विचार विमर्श किया जाना था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि इन लॉ कालेजों में जो प्रिंसिपल और शिक्षक कार्य कर रहे है, वे यूजीसी के मानदंडों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते है।

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उन्होंने बताया कि ये शिक्षक यूजीसी द्वारा नेट की परीक्षा बिना पास किये पद पर बने हुए।इन लॉ कालेजों के प्रिंसिपल भी पीएचडी की डिग्री प्राप्त नहीं किया है।

पिछली सुनवाई में Patna High Court ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को यह बताने को कहा था कि राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में नेट की परीक्षा पास किए शिक्षकों को क्यों नियुक्त नहीं किया जा सकता है।

राज्य में स्थित लॉ कॉलेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव के मामलें पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की जा रही है।

Patna High Court ने बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया से ये जानना चाहा था कि राज्य के लॉ कॉलेज में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या है।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि लॉ कालेजों में योग्य शिक्षकों की नियुक्ति होना आवश्यक है।

कोर्ट को अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति बहुत दयनीय है।वहां बुनियादी सुविधाओं का काफी अभाव है।

बीसीआई के निर्देश और जारी किए गए गाइड लाइन के बाद भी बहुत सुधार नहीं हुआ है।बीसीआई के निरीक्षण के बाद भी बहुत सारे कालेज निर्धारित मानकों को नहीं पूरा कर रहे है।

इससे पूर्व Patna High Court ने बीसीआई के अनुमति/ अनापत्ति प्रमाण मिलने के बाद ही सत्र 2021- 22 के लिए राज्य के 17 लॉ कालेजों को अपने यहां दाखिला लेने के लिए अनुमति दी थी।

सुनवाई के समय याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार एवं रितिका रानी, बीसीआई की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने Patna High Court में अपने अपने पक्षों को प्रस्तुत किया।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 25अप्रैल,2023 को की जाएगी।

बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 7वें चरण के शिक्षक बहाली का रास्ता साफ, शिक्षकों को राज्यकर्मी का मिला दर्जा, 50 % महिला आरक्षण

पटना । सोमवार को बिहार कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में उपमुख्मंत्री तेजस्वी यादव सहित अन्य नेता मौजूद थे इस बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंड़ों पर मोहर लगी ।

Bihar Cabinet Meeting : आज हुई बैठक में 7वें चरण की शिक्षक नियुक्ति के लिए नयी नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। नयी नियमावली में कई बदलाव किये गये हैं, अब सभी विषयों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान किया गया है। सभी शिक्षकों को महंगाई भत्ता भी मिलेगा। इसके साथ ही, अब शिक्षकोंकी नियुक्ति आयोग के माध्यम से होगी ।

Bihar में इस नियमावली के पास होने के बाद अब करीब 3 लाख पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए अब जल्द ही विज्ञापन जारी होगा।

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नयी नियमावली में तीन परीक्षाओं का प्रावधान किया गया है। तीनों परीक्षा पास करने के बाद शिक्षक पूर्ण रूप से राज्यकर्मी के कैडर में आ जायेंगे।नियुक्ति के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित की गई है। पेंशन भोगियों को 1 जनवरी, 2023 के प्रभाव से 38% के स्थान पर 42% महंगाई भत्ता मिलेगा। इस प्रावधान से नियोजित शिक्षकों के सरकारी शिक्षक बनाने की पुरानी मांग भी पूरी हो गयी है।

JDU ने नीतीश सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि शिक्षकों के लिए इसे बड़ी खुशखबरी नहीं हो सकती। Office of Tejashwi Yadav के ट्विटर हैंडल से…

Bihar Corona News Update: बिहार में कोरोना संक्रमण पांव पसार रहा है, एक्टिव मरीजों की संख्या 109 हुई

पटना । बिहार में कोरोना के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं । गया में एक मौत के बाद अब बिहार के कई जिलों में कोरोना संक्रमण ने पांव पसार लिए हैं। कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक फिलहाल पटना में ही है। ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट XBB1.16 वायरस के मामले भी मिले हैं।

बिहार में Corona के एक्टिव मरीजों की संख्या 109 हो गयी है। बीते 24घंटे के दौरान कोरोना के 46 नये संक्रमित मिले है। पटना में 27 नये मरीज मिले है, वहीं अन्य जिलों में भी कई मरीज पाए गए। नये संक्रमितों की संख्या में दोगुनी से अधिक वृद्धि दर्ज की गयी है।

बिहार के 10 जिलों में Corona केनये मरीज पाये गये हैं। बिहार के जिन जिलों में कोरोना के नये मरीज पाये गये हैं उनमें सबसेअधिक 27 संक्रमित सिर्फ पटना जिले में पाये गये हैं। इसके अलावा गया जिले में आठ,खगड़िया,सहरसा व मुंगेर जिले में दो-दो और भागलपुर, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद,मधुबनी और सीवान जिले में एक-एक नये संक्रमित पाये गये हैं।

Coronavirus

Corona में थोड़ी सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। मुंगेर में दो कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हड़कंप है, ट्रेवल हिस्ट्री नहीं रहने के बावजूद हुए कोरोना पॉजिटिव। फुलवारीशरीफ के एक मरीज को तीसरे डोज लेने के बाद भी कोरोना हो गया है।

ताजा रिसर्च के अनुसार गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी Corona खतरनाक है, कोरोना से बच्चे के दिमाग को नुकसान पहुंच सकता है।

स्वास्थ्य विभाग ने Corona के बढ़ते मामले को देखते हुए सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वह मरीजों का सैंपल लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान,पटना को भेजें। आइजीआइएमएस के लैब को भी निर्देश दिया गया है कि सोमवार से जीनोमसिक्वेंसिंग की जांच आरंभ कर दे।

बिहार में बड़े पैमाने पर अधिकारियों का हुआ तबादला; कई IAS और IPS अफसरों का तबादला, कई जिलों के DM बदल दिए गए

बिहार सरकार ने शनिवार को 15 डीएम और 26 आईपीएस अधिकारियों सहित 37 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया।

गृह विभाग के आदेश के मुताबिक 36 आईएएस अधिकारी और 24 आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। कई अफसरों को नई जिम्मेदारी दी गई है जबकि कई अधिकारियों को दूसरे जिलों का प्रभार सौंपा गया है।

स्थानांतरित किए गए लोगों में एक वरिष्ठ एसपी और नौ एसपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं। सहरसा एसपी लिपि सिंह को रोहतास जिले के डेहरी में बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (बीएसएपी) -2 इकाई के कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया है।

Bihar police IAS IPS transfer

जिन जिलों के डीएम का तबादला किया गया है उनमें पूर्वी चंपारण, खगड़िया, कटिहार, पश्चिमी चंपारण, सारण, कैमूर, सहरसा, सीवान, औरंगाबाद, मधेपुरा, पूर्णिया, बक्सर, शेखपुरा, अरवल और शिवहर शामिल हैं।

पूर्वी चंपारण के डीएम शीर्षत कपिल अशोक को आईजी (जेल) लगाया गया है, जबकि खगड़िया के डीएम आलोक रंजन घोष को निदेशक (कृषि) का प्रभार दिया गया है। कटिहार के डीएम उदयन मिश्रा को निदेशक (विज्ञान और प्रौद्योगिकी) के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया है, और पश्चिम चंपारण के डीएम कुंदन कुमार को सुहर्ष भगत की जगह पूर्णिया का डीएम बनाया गया है, जो औरंगाबाद के डीएम का पदभार संभालेंगे। सारण डीएम राजेश मीणा को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि कैमूर के डीएम नवदीप शुक्ला को पशुपालन विभाग के निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया है। सहरसा के डीएम आनंद शर्मा को पंचायती राज का निदेशक बनाया गया है और सीवान के डीएम अनिल कुमार पांडेय खगड़िया के डीएम का पदभार संभालेंगे।

पटना हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह चुनाव जीत गए

पटना हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर अधिवक्ता शैलेन्द्र कुमार सिंह चुनाव जीत गए है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी राजेंद्र नारायण को हराया।

महासचिव पद पर अधिवक्ता जय शंकर चुनाव जीत गए है। अधिवक्ता पुष्पा सिन्हा कोषाध्यक्ष के पद के लिए चुनाव जीत गई है।लेकिन इनके जीत की औपचरिक घोषणा होना बाकी है।

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उपाध्यक्ष के तीन पदों के लिए मतगणना चल रही है। अन्य पदों के लिए भी मतगणना जारी है।देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघों में सबसे बड़े अधिवक्ता संघ एडवोकेट्स एसोसिएशन के विभिन्न पदों के निर्वाचन के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया; कल आएंगे परिणाम

पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता संघों में सबसे बड़े अधिवक्ता संघ एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, महासचिव व कोषाध्यक्ष समेत विभिन्न पदों पर पदाधिकारियों के निर्वाचन के लिए मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हो गया।

मतदान पूर्वाह्न 10 बजे से अपराह्न 5 बजे तक हुआ। पटना हाई कोर्ट परिसर के ही दक्षिणी पार्किंग स्थल में मतदान केंद्र बनाए गए थे।

अधिवक्ताओं की सुविधा के लिए कई मतदान केंद्र बनाए गए थे। खास बात यह थी कि मतपत्र में उम्मीदवारों के नाम के साथ ही साथ फ़ोटो भी छापे गए थे।

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कल मतगणना का कार्य सुबह साढ़े नौ बजे से किया जाएगा। देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।

अपने पसंदीदा उम्मीदवार के नाम के सामने क्रॉस का चिन्ह लगाकर मतदाता को अपना मत देने का निर्देश रिटर्निंग अधिकारी द्वारा दिया गया था। मतदान देने के लिए मतदाताओं को एसोसिएशन द्वारा जारी पहचान पत्र के साथ ही साथ अन्य विकल्प के तौर पर लाइब्रेरी कार्ड, बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र, आधार कार्ड/ पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस लाने को कहा गया था।

बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18अप्रैल, 2023 को सुनवाई की जाएगी

पटना । बिहार सरकार द्वारा राज्य में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18अप्रैल,2023 को सुनवाई की जाएगी। अखिलेश कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नही है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जातियों के आधार पर व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है।

उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है।ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।

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उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है।राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की।उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है।

कोर्ट ने इस मामलें पर 18अप्रैल,2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।इस याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।

आज पटना हाइकोर्ट के सबसे बड़े अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव व अन्य पदों पर अधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान होगा

आज पटना हाइकोर्ट के सबसे बड़े अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,महासचिव व अन्य पदों पर अधिकारियों के चुनाव के लिए मतदान होगा। मतदान आज सुबह दस बजे से शाम पाँच बजे तक होगा।

इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई।बड़ी तादाद में मतदान केंद्र बनाए गए,ताकि सभी अधिवक्तागण अपना
मतदान का सुविधा से कर सके।

ये अधिवक्ता संघ काफी बड़ा है और इसके सदस्य भी लगभग तीन हज़ार है।इस मतदान को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा बल के जवान रहेंगे।

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एक बूथ पर लगभग दो सौ वकीलों के मतदान करने की व्यवस्था की गई है।सभी मतदाताओं को दस दस मतपत्र दिए जाएँगे,जो अलग अलग रंगों के होंगे।

कल 8 अप्रैल ,2023 को मतगणना की जाएगी।मतगणना का कार्य सुबह साढ़े नौ बजे प्रारम्भ होगा।देर रात तक परिणाम प्राप्त होने की संभावना है।