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ईडी की बड़ी कारवाई रेलवे इंजीनियर की करोड़ो की संपत्ति किया जप्त

ईडी ने बड़ी कारवाई करते हुए रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव की 3.44 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया है। चन्देश्वर यादव के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था।

ईडी ने रेलवे का स्क्रैप बेचने के मामले में पूर्व रेलवे जमालपुर के तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव को गिरफ्तार किया था।

इसी मामले में मेसर्स श्री महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार को 13 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
अभियुक्तों पर आरोप है कि रेलवे के स्क्रैप (रेल वैगन का पुराना हिस्सा) को मोटी रकम लेकर महारानी स्टील को औने-पौने दाम में बेच दिया था।

इसके कारण रेलवे को लगभग 34 करोड़ रुपये का चूना लगा था। उक्त स्क्रैप के कस्टोडियन तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंद्रेश्वर प्रसाद यादव ही थे।

इस मामले में कंपनी के फाइनांसर राकेश कुमार ने बताया था कि उक्त स्क्रैप को खरीदने के लिए रेलवे के पदाधिकारियों को मोटी रकम दी गयी थी।इस मामले में सीबीआइ ने भी नौ फरवरी, 2018 को मामला दर्ज किया था और जांच कर रहा है।

ईडी ने इस मामले को 28 फरवरी, 2020 में दर्ज की थी। पूछताछ के बाद तत्कालीन सेक्शन इंजीनियर चंदेश्वर प्रसाद यादव व मेसर्स महारानी स्टील के मालिक देवेश कुमार के नाम सामने आये थे और फिर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा – कन्हैया कुमार

काफी जद्दोजहद के बीच आज कन्हैया कुमार नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके साथ गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस से जुड़ गए। पार्टी की सदस्यता लेने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कन्हैया कुमार ने भाजपा और RSS पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश का भविष्य खराब करना चाहते हैं, कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। आज देश में गांधी की एकता, आंबेडकर की समानता और भगत सिंह के साहस की जरूरत है।
कन्हैया ने कहा कि हमारे देश का नेतृत्व कांग्रेस ही कर सकती है।

कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से लोकतांत्रिक पार्टी है। यह परिवार को छोड़ने के लिए नहीं कहती है। महात्मा गांधी पत्नी के साथ आजादी की लड़ाई लड़े थे। कांग्रेस पार्टी वो पार्टी है, जो गांधी की विरासत को आगे ले जाएगी। सरोजिनी नायडू, आंबेडकर, नेहरू, अशफाक उल्लाह खान, भगत सिंह और मौलाना आजाद के रास्तों पर चलेगी।

यहां समानता और बराबरी कुछ लोगों के लिए सीमित नहीं है। ये भारतीय होने का इतिहास है और इस भारतीय होने के इतिहास को अगर कोई अपने आप में कोई समेटे हुए हैं तो वह देश की सबसे पुरानी पार्टी है।

कन्हैया ने कहा कि मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं, क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, एक विचार है। यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है। मैं ‘लोकतांत्रिक’ पर जोर दे रहा हूं… सिर्फ मैं ही नहीं कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना नहीं रह सकता।

मैं कांग्रेस में इसलिए शामिल हो रहा हूं, क्योंकि मुझे ये महसूस होता है कि देश में कुछ लोग सिर्फ लोग नहीं हैं, वे एक सोच हैं। वे देश की सत्ता पर न सिर्फ काबिज हुए हैं, देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्य, इतिहास, वर्तमान, भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस एक बड़े जहाज की तरह है, अगर इसे बचाया जाता है, तो मेरा मानना है कि कई लोगों की आकांक्षाएं, महात्मा गांधी की एकता, भगत सिंह की हिम्मत और बीआर आंबेडकर के समानता के विचार की भी रक्षा की जाएगी। इसलिए शामिल हुआ हूं।

देश के लाखों-करोड़ों नौजवानों को ये लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा। हम कांग्रेस पार्टी में इसलिए शामिल हुए हैं, क्योंकि कांग्रेस गांधी की विरासत को लेकर आगे चलेगी।

जदयू कार्यकारणी की हुई घोषणा पूराने चेहरे पर ही जताया भरोसा

जदयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने पार्टी की नई टीम का गठन कर दिया है। इसमें अधिकांश चेहरे पुराने ही हैं।

राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ने केसी त्‍यागी (KC Tyagi) को फिर राष्‍ट्रीय प्रधान महासचिव (Secretary General) की जिम्‍मेदारी सौंपी है। वहीं उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) भी संसदीय दल के अध्‍यक्ष बने रहेंगे।

गोपालगंज के सांसद डा. आलोक कुमार सुमन को कोषाध्‍यक्ष बनाया गया है। टीम में लंबे अरसे बाद 18 सदस्‍यीय टीम में सांसद रामनाथ ठाकुर को महासचिव बनाया गया है।

इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सांसद मो अली अशरफ फातमी, पूर्व विधायक रामसेवक सिंह, बिहार सरकार के मंत्री संजय झा, विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी, आफाक अहमद खान, प्रवीण सिंह, विधान पार्षद कमरे आलम, हर्षवर्धन सिंह को भी महासचिव बनाया गया है।

कुल नौ महासचिव बनाए गए हैं, जिनमें चार अल्‍पसंख्‍यक हैं। इसके अलावा पांच सचिव बनाए गए हैं। इनमें सांसद आरपी मंडल, पूर्व विधायक विद्यासागर निषाद, रविंद्र प्रसाद सिंह, राज सिंह मान और राजीव रंजन प्रसाद शामिल हैं।

बिहार की राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस से बेहतर कोई और विकल्प नहीं था ।

कन्हैया कुमार का कांग्रेस में जाना 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान ही तय हो गया था क्यों कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरीके से राजद,भाकपा माले और सीपीआई कन्हैया को हराने के लिए घेराबंदी कर रहा था ऐसे में कन्हैया के सामने कांग्रेस में जाने के अलावे कोई विकल्प नहीं बचा था।

1—बिहार में कन्हैया के सामने कांग्रेस से बेहतर कोई विकल्प नहीं था
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस चाहती थी कि कन्हैया बेगूसराय से महागठबंधन के उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़े और इसके लिए अहमद पटेल कई बार लालू प्रसाद से बात किये इतना ही नहीं बीजेपी के विचारधार से असहमति रखने वाले कई बड़ी हस्ती लालू प्रसाद से जेल में जाकर मिले लेकिन राज्यसभा सांसद मनोज झा का वह तर्क भारी पड़ा जिसमें उनका मनना था कि कन्हैया सांसद बन गया तो फिर तेजस्वी के लिए खतरा हो सकता है इतना ही नहीं कन्हैया महागठबंधन का उम्मीदवार ना हो इसके लिए मनोज झा के साथ भाकपा माले और बिहार सीपीआई के नेता भी शामिल थे ।

2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल और लालू प्रसाद के परिवार बीच पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान जो दूरियां रही उसकी वजह कही ना कही कन्हैया भी रहा क्यों कि कांग्रेस का मानना था कि कन्हैया के महागठबंधन से बाहर रहने से मोदी के खिलाफ गोलबंदी कमजोर होगी और इसका प्रभाव भी देखने को मिल बिहार की चुनावी राजनीति में पहली बार लोकसभा चुनाव में राजद खाता तक नहीं खोल पाया।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी सीपीआई भले ही महागठबंधन का हिस्सा रहा लेकिन पूरे चुनाव के दौरान टिकट वितरण से लेकर प्रचार अभियान के तक कन्हैया को कैसे चुनावी प्रक्रिया से अलग रखे इसको लेकर मनोज झा के नेतृत्व में होटल मौर्या में वार रुम बना हुआ था इस खेल में भाकपा माले ,सीपीआई और कांग्रेस के भी कुछ सीनियर नेता शामिल थे ।

चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी के बाद राजद के उम्मीदवारों ने चुनावी सभा कराने के लिए सबसे ज्यादा मांग कन्हैया का ही किया था 90 से अधिक ऐसे राजद के उम्मीदवार थे जो कन्हैया का सभा अपने क्षेत्र में करााना चाह रहा था लेकिन ऐसा नहीं हो सका ।

वही दूसरी और बीजेपी की पूरी टीम कन्हैया की पीछे पड़ी हुई है ऐसे में कन्हैया को राजनीति में बने रहने के लिए कांग्रेस से बेहतर विकल्प दूसरा कोई नहीं था क्यों कि बिहार में सीपीआई की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है वही राजद और बीजेपी के साथ खड़ी उन ताकतों के सामने सीपीआई आज की तारीख में खड़े होने की स्थिति में नहीं है ऐसे में कन्हैया के सामने कांग्रेस छोड़कर कोई दूसरा विकल्प नहीं था।

2—-कन्हैया के साथ आने से बिहार में कांग्रेस मजबूत होगी
आज कांग्रेस की स्थिति 2014 जैसी नहीं है साथ ही आज की तारीख में राहुल पप्पू वाली छवि से बाहर निकल चुका है वही राष्ट्रीय स्तर पर राहुल यह साबित करने में कामयाब रहा है कि वो नरेन्द्र मोदी से मजबूती के साथ लड़ सकता है फिर भी उन्हें ऐसे युवा चेहरे की जरुरत है जो अपने बल पर कुछ वोट जोड़ सके ।

इस लिहाज से कन्हैया बिहार में भी उपयोगी है खास करके बिहार के यूथ का एक हिस्सा और मुस्लिम अभी भी कन्हैया का दिवाना है वही कन्हैया के आने से बिहार कांग्रेस को एक ऐसा चेहरा मिल जायेंगा जो अपने बल पर पांच से दस हजार लोगों की सभा कर सकता है जिसको सूनने के लिए लोग घर से बाहर निकल सकते हैं ।

3–कन्हैया मीडिया ब्वॉय है
भले ही निगेटिव खबर ही क्यों ना चलाये लेकिन मीडिया को आज भी कन्हैया की जरुरत है कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने की खबर आज सभी चैनल का हेडलाइन है बिहार में सीपीआई दफ्तर में मीडिया सुबह से ही स्टोरी करने में लगी हुई है कि कैसे कन्हैया सीपीआई दफ्तर में आना बंद किया तो जिस कमरे में कन्हैया रहता था वहां से AC निकलवा लिया है।
निगेटिव स्टोरी ही क्यों ना चलाये आज से कन्हैया मीडिया में जगह लेता रहेगा ।

हर्ष फायरिंग पर लग सकती है रोक, हाईकोर्ट ने सरकार से माँगी रिपोर्ट ।

पटना हाई कोर्ट ने शादी।समारोहों में लाइसेंसी/बिना लाइसेंसी बंदूको से अंधाधुध फायरिंग कर मानव जीवन को खतरे में डालने पर दायर एक लोकहित याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राजीव रंजन सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 3 सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है |

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हर साल कई सारे लोग शादी समारोहों में लाइसेंसी/बिना लाइसेंसी बंदूको से हुए अंधाधुध फायरिंग का शिकार हो कर जान से हाथ धोते हैं |

याचिकाकर्ता ने वैशाली जिला स्थित चंडी धनुष के ऐसे ही वारदात का हवाला देते हुए विवाह कार्यक्रमों में हवाई फायरिंग पर रोक लगाये जाने पर याचिका दायर की थी |

इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से तीन सप्ताह के अन्दर जवाब देने के लिए कहा है | मामले पर अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी |

विपिन तुम्हारी शहादत रंग लायेंगी

संपादक का पत्र आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल के नाम

27–09—2021

स्वर्गीय विपिन अग्रवाल

आरटीआई कार्यकर्ता(हरसिद्धि ,मोतिहारी)

जिस तरीके से तुम भ्रष्टाचार और भूमाफिया के खिलाफ चला रहे अभियान को लेकर सूचना देते रहते थे ठीक उसी तरीके से सीओ के दफ्तर से निकलने के वक्त तुम पर हमला हुआ और मोतिहारी आने के रास्ते में तुम्हारी मौत हो गयी उसकी पल पल की सूचना मुझे मिल रही थी।
तुम्हारी मौत की सूचना मिलते ही मैंने सबसे पहले बिहार के चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय को फोन किया राय जी मोतिहारी में एक आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या हो गयी है उस सूचना के बाद राय जी क्या कर रहे हैं मुझे कोई जानकारी नहीं है ।कुछ बयान जरुर पढ़ने को मिला है वैसे राय जी जब भी मुझसे इस तरह की घटनाओं को लेकर मिलने आये हैं उनमें थोड़ा जातिवादी लगते हैं ।खैर इसके बाद मैंने पुलिस मुख्यालय के सीनियर अधिकारियों को फोन कर तुम्हारे साथ जो घटना घटी छी उसकी सूचना मैंने दी।

तुम्हारा एसपी तो फोन उठाया ही नहीं सुशासन और भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस का दावा नीतीश कुमार जरुर करते हैं उसमें बिहार में अभी सबसे अधिक खड़ा तुम्हारा एसपी ही उतरा है ।हद है लूट मची हुई है तुम्हारे जिले में मुझे तो कोई उम्मीद नहीं है कि इस एसपी के रहते तुमको न्याय मिल पायेगा ।हलाकि मुख्यमंत्री सचिवालय की संक्रियता के बाद तुम्हारा एसपी हरसिद्दि परसो रात को गया था पांच घंटा थाना पर बैठा है लेकिन तुम्हारे परिवार से मिलने शायद नहीं गया है ।

अभी भी खबर आ रही है कि भूमाफिया तुम्हारे परिवार को धमकी दे रहा है और इस वजह से तुम्हारे पापा चुप्पी साध लिये हैं ।होना ही था ये बिहार है भाई सब कुछ जाति तय करता है आज तुम राजपूत भूमिहार,ब्राह्रण, यादव कोयरी कुर्मी होते तो सोशल मीडिया से लेकर तुम्हारे घर पर नेताओं का ताता लगा रहता। देख रहे हो ना सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया कैसे चुप्पी साधे हुए हैं सुशील मोदी का फोन गया है कि नहीं ,रितू जायसवाल तो गयी थी अब ये भी नेता हो गयी है ।

खैर तुमको कहते थे ना रे मारवाड़ी काहे तुम इस लफरे में पड़ गये हो कोई साथ नहीं देगा सरकार की जमीन है सरकारी अधिकारी उस जमीन पर कब्जा करा रहा है तुम्हारा क्या जा रहा है नहीं सर जान चला जाये होने नहीं देगे देखिए झुठा मुकदमा करवा रहा है फिर भी नहीं ना झुके पेट्रोल पंप सील करवा दिये ना ,जब तक एक एक इंच जमीन खाली नहीं करवा देगे चैन से नहीं बैठेंगे सर तू पागल है जी सर पागल हैं तभी तो लड़ रहे हैं आपका साथ है ना हां जी पूरी साथ है।

हरसिद्दि बाजार और उसके आसपास मुख्य सड़क से सटे बेतिया राज का सैकड़ों एकड़ जमीन है उस सरकारी जमीन के काफी बड़े हिस्से पर अनधिकृत तौर पर मोतिहारी जिले के बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष राजेन्द्र गुप्ता और अजय सिंह सहित दर्जनों बड़े लोग कब्जा कर रखा है उसी को खाली कराने को लेकर विपिन अग्रवाल हाईकोर्ट तक लड़ गया परिणाम यह हुआ कि राजेन्द्र गुप्ता और अजय सिंह को सरकारी जमीन खाली करना पड़ा ।

राजेन्द्र गुप्ता का पेट्रोल पम्प जो सरकार की जमीन का अतिक्रमण करके बनाया गया था विपिन अग्रवाल के कानूनी लड़ाई की वजह से ही प्रशासन को सील करना पड़ा था। यू कहे तो विपिन अग्रवाल के पहल की वजह से सरकार की कोरोड़ो की जमीन अतिक्रमण मुक्त हो सका ।इस दौरान भूमाफिया द्वारा मोटी रकम का भी प्रलोभन दिया इससे बात नहीं बनी तो विपिन अग्रवाल के घर पर हमला हुआ, झूठे मुकदमों मे फंसाया गया इसके बावजूद ये समझौता नहीं किया।
घटना के दिन भी हरसिद्दि के सीओ से सरकारी जमीन के अतिक्रमण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन शीघ्र कैसे हो इसको लेकर मिलने गया था और जैसे ही मिलकर बाहर निकला पहले से घात लगाये अपराधियों ने गोली से छलनी कर दिया।

तू तो चला गया लेकिन एक सवाल छोड़ गया है सिस्टम ,समाज ,सरकार और न्याय व्यवस्था को ईमानदारी और ईमानदार लोग पसंद नहीं है ।तुमसे बेहतर ये कौन जानता है कि यहां न्याय पाना कितना कठिन है इसलिए तुमको मारने वालों को सजा मिलेगी या नहीं मिलेगी कहना मुश्किल है ।लेकिन इस पत्र के सहारे एक कोशिश है इस सिस्टम और समाज को आईना दिखाने की। वैसे मुझे पता है जिंदगी फिल्म नहीं है जिसमें हमेशा सुखद अंत होता है सच्चाई यही है तुम्हारे संघर्ष का दुखद अंत हो गया तुम्हारी ये लड़ाई यही ठहर गयी।

कल फिर से उस सरकारी जमीन पर कब्जा होना शुरु हो जायेंगा और तुम्हारे हत्या में शामिल लोग उसी जमीन पर फाइवस्टार होटल बनायेंगा जहां रोज शाम सिस्टम,सरकार ,न्याय व्यवस्था और समाज का महफ़िल जमेगी रंगीन नजारा होगा और इस सब के बीच तुम्हारे संर्घष की गाथा कभी किसी गरीब के जुवान पर बंद कमरे में आ जाये तो बड़ी बात होगी।
तुमको पहले भी हतोत्साहित नहीं करते थे और तुम्हारे जाने के बावजूद भी हतोत्साहित नहीं कर रहे हैं। तुम तो हीरो निकले यार अब देखना यह है कि उसी मोतिहारी की धरती पर गुजरात से गांधी आकर अमर हो गये और उसी मोतिहारी की धरती पर तुम्हारी शहादत क्या रंग लाती है इसका मुझे भी इन्तजार रहेंगा ।

तुम्हारे जाने का मुझे दुख है अब कौन सुबह सुबह फोन करके कहेगा कैसे हैं संतोष सर सुबह सुबह फिर तंग करने के लिए फोन कर दिये ।जहां रहो सिस्टम से लड़ते रहो और मुस्कुराते रहो जाना तो नियति है ।

तुम्हारा संतोष

संतोष सिंह पत्रकार के फेसबुक वाल से लिया गया है

हर थाली में बिहारी व्यंजन एक और कदम आगे बढ़ा बिहार फाउंडेशन।

हर थाली में बिहारी व्यंजन के लिए काम करेगा बिहार फाउंडेशन…उपमुख्यमंत्री
पटना 26 सितंबर 2021
कल देर शाम बिहार के उपमुख्यमंत्री -सह-वित्त मंत्री-सह-अध्यक्ष, बिहार फाउंडेशन श्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में वर्चुअल मीट के माध्यम से बिहार फाउंडेशन के विदेशों में स्थित चैप्टरों एवं कोविड-19 दूसरी लहर में प्राप्त राहत सामग्रियों के दानकर्त्ताओं के संग एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

बिहार फाउंडेशन के विदेश में अवस्थित 4 चैप्टर के अध्यक्ष/सचिव इस संवाद कार्यक्रम में जुड़े, जिनमें यू०एस०ए० वेस्ट कोस्ट चैप्टर से श्री राजीव सिन्हा (अध्यक्ष) एवं श्री दीपक शर्मा (सचिव), कनाडा चैप्टर से श्री उमेश कुमार (सचिव), क़तर चैप्टर से श्री शकील अहमद काकवी (अध्यक्ष), श्री गौहर अल्ताफ (उपाध्यक्ष), मोहम्मद महफूज़ हसन (महासचिव) तथा यू०ए०ई० चैप्टर से श्री ओमेर हेजाज़ीन (अध्यक्ष) एवं श्री तारिक़ अनवर (सचिव) शामिल हुए। इसके अतिरिक्त अमेरिका में बसे प्रवासी बिहारी जिन्होंने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान बिहार फाउंडेशन के माध्यम से बिहार राज्य को राहत सामग्री उपलब्ध कराई थी, वे भी इस संवाद कार्यक्रम में जुड़े। बिहार झारखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (BJANA) से डॉ अविनाश गुप्ता (अध्यक्ष) एवं श्री आलोक कुमार (सदस्य), डा० सोनल सिंह, एमडी, एमपीएच, एफएसीपी यू०एस०ए०, एवं श्रीमती मनीषा पाठक, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बे एरिया, सिलिकॉन वैली, यू०एस०ए० ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़कर अपने विचारों को रखा।

उपमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी चैप्टर के अध्यक्ष/सचिव एवं प्रवासी बिहारी दानकर्ताओं को कार्यक्रम में शामिल होने तथा बिहार की यथासंभव मदद करने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने सबों को सूचित किया कि बिहार के कटिहार जिले के शुभम कुमार इस वर्ष की यूपीएससी की परीक्षा में पूरे भारत में प्रथम रैंक लाकर बिहार की बौद्धिक शक्ति का परिचय दिया है।

उन्होंने हर्ष के साथ कहा कि जिस प्रकार आप सभी प्रवासी बिहारी विदेशों में भी बिहार के कला, संस्कृति एवं भाषा को न सिर्फ अपने अंदर संजोये हुए है बल्कि इसके प्रचार-प्रसार के लिए भी तत्पर है, इस भावना का हम सभी बिहारवासी सम्मान करते है। इसी सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार फाउंडेशन के माध्यम से एवं आपके सहयोग से विदेश में सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन की परिकल्पना की जाएगी। इस भावी कार्यक्रम में बिहार के कला, संस्कृति एवं भाषा इत्यादि आधारित ऑडियो/वीडियो, अन्य उत्पाद आदि भी साझा की जाएगी।

उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रवासी बिहारियों से अपने-अपने क्षेत्र में बिहार के व्यंजन यथा गया का तिलकुट, बाढ़ का लाई, सिलाव का खाजा, मनेर का लड्डू, नवादा का अनरसा इत्यादि के प्रचार-प्रसार किए जाने पर बल दिया तथा यह भी सुझाव दिया की इन व्यंजनों का विदेश में एक बिक्री-केंद्र खोला जाए जिससे इसका न केवल ब्रांडिंग-मार्केटिंग होगा बल्कि इससे रोजगार का सृजन भी होगा । उन्होंने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा है की बिहार के पारम्परिक व्यंजन सुदूर देशों के प्रवासी चखें। इससे न केवल जड़ों से सम्बन्ध मजबूत रहेगा, वरन् इनके निर्माण में लगे कारीगरों को भी प्रोत्साहन तथा रोजगार भी मिलेगा। साथ ही, उन्होंने बिहारी कला जैसे मधुबनी पेंटिंग एवं बिहारी हस्तशिल्प निर्मित सामग्रियों की भी बिक्री बढ़ाये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए विशेष पहल की जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने समस्त प्रवासी बिहारियों से कोविड की दूसरी लहर के दौरान बिहार फाउंडेशन के माध्यम से बिहार राज्य के लिए उपलब्ध कराये गए राहत सामग्री के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम की शुरुआत में बिहार फाउंडेशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री रविशंकर प्रसाद ने कार्यक्रम में उपस्थित बिहार फाउंडेशन के चैप्टर के अध्यक्ष/सचिव एवं प्रवासी बिहारी दानकर्ताओं का स्वागत किया तथा सभी चैप्टर के अध्यक्ष/सचिव एवं प्रवासी बिहारी दानकर्ताओं द्वारा बिहार राज्य के हितार्थ किये गए कार्यों से अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में फाउंडेशन के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री सुशील कुमार ने उपर वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

भारतीय सिनेमा का पहला गीत !

भारतीय सिनेमा का पहला गीत !

भारत की सबसे पहली बोलती फिल्म थी ‘आलम आरा’। वर्ष 1931 की इस फिल्म के निर्देशक थे अर्देशिर ईरानी। उन्होंने भारतीयों के बीच संगीत की लोकप्रियता को समझा और इस फिल्म में सात गाने डाले। उनमें से पहला गाना था ‘दे दे खुदा के नाम पे प्यारे’। यह एक प्रार्थना गीत था जिसके गायक थे अभिनेता वजीर मोहम्मद खान। वज़ीर खान ने फिल्म में एक फकीर का चरित्र निभाया था। ‘आलम आरा’ सिर्फ एक सवाक फिल्म नहीं थी बल्कि यह बोलने-गाने वाली फिल्म थी जिसमें बोलना कम और गाना ज्यादा था। इस फिल्म के संगीतकार थे फिरोजशाह मिस्त्री और बी ईरानी। इसी फिल्म के साथ हमारे यहां फिल्मी संगीत की नींव पड़ी। फिल्म के साथ इसके संगीत को भी व्यापक सफलता हासिल हुई। ‘दे दे खुदा के नाम पर प्यारे’ को भारतीय फिल्म के पहले गीत और वज़ीर खान को पहला गायक होने का गौरव प्राप्त हुआ। उस दौर में फिल्मों में पार्श्व गायन की परंपरा शुरु नहीं हुई थी। गीत को हारमोनियम और तबले के साथ सजीव रिकॉर्ड किया गया था।

दुर्भाग्य से भारत की पहली बोलती फिल्म का कोईभी प्रिंट अब उपलब्ध नहीं है। गीत की उपलब्ध रिकॉर्डिंग बेहद अस्पष्ट है । फिल्म शोधकर्ताओं ने इस ऐतिहासिक गीत को श्रीमती कृष्णा अटाडकर की आवाज़ में रिकॉर्ड कर भारतीय सिनेमा के पहले गीत के जादू को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया है।

-लेखक ध्रुव गुप्ता (पूर्व आईपीएस अधिकारी )

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जातीय जनगणना की दुहाई देने वाले सुशील मोदी भी पलट गये ।

पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तकनीकी व व्यवहारिक तौर पर केंद्र सरकार के लिए जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं है। इस बाबत केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। मगर राज्य अगर चाहे तो वे जातीय जनगणना कराने के लिए स्वतंत्र है।

श्री मोदी ने कहा कि 1931 की जातीय जनगणना में 4147 जातियां पाई गई थीं, केंद्र व राज्यों के पिछड़े वर्गों की सूची मिला कर मात्र 5629 जातियां है जबकि 2011 में कराई गई सामाजिक-आर्थिक गणना में एकबारगी जातियों की संख्या बढ़ कर 46 लाख के करीब हो गई। लोगों ने इसमें अपना गोत्र,जाति, उपजाति,उपनाम आदि दर्ज करा दिया। इसलिए जातियों का शुद्ध आंकड़ा प्राप्त करना सम्भव नहीं हो पाया।

यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है, लोगों को कोर्ट के फ़ैसले का इंतजार करना चाहिए या जो राज्य चाहे तो वहां अपना पक्ष रख सकते हैं।

जातीय जनगणना का मामला केवल एक कॉलम जोड़ने का नहीं है। इस बार इलेक्ट्रॉनिक टैब के जरिए गणना होनी है। गणना की प्रक्रिया अमूमन 4 साल पहले शुरू हो जाती है जिनमें पूछे जाने वाले प्रश्न,उनका 16 भाषाओं में अनुवाद, टाइम टेबल व मैन्युअल आदि का काम पूरा किया जा चुका है। अंतिम समय में इसमें किसी प्रकार का बदलाव सम्भव नहीं है।

राज्यों की अलग-अलग स्थितियां हैं, मसलन 5 राज्यों में OBC है ही नहीं, 4 राज्यों की कोई राजयसूची नहीं है, कुछ राज्यों में अनाथ व गरीब बच्चों को OBC की सूची में शामिल किया गया है। कर्नाटक सरकार ने तो 2015 में जातीय जनगणना कराई थी, मगर आज तक उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जा सके हैं।

1960 में पहला बिहारी यूपीएससी में टाप किया था

UPSC में टाप करने के बाद जिस तरीके से सूबे के मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री और संतरी तक बधाई दे रहे हैं ऐसे में गालिब का एक शायरी याद आ गया ——– हम को मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है ।

एक दौर था जब पटना विश्वविधालय को ‘ऑक्सफोर्ड ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता था स्थापना के शुरुआती दिनों में वकालत और मेडिकल की पढ़ाई के क्षेत्र में देश और दुनिया में पटना विश्वविधालय ने अलग पहचान स्थापित किया बाद के दिनों में रामशरण शर्मा जैसे इतिहासकार की वजह से पटना विश्वविधालय की पहचान इतिहास लेखन के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हुआ ।60 के दशक में इस विश्वविधालय की पहचान यूपीएससी के फैक्ट्री के रुप में स्थापित हुआ ।

1960 में जगन्नाथन मुरली बिहार से UPSC के पहले टापर बने। उन्होंने पटना में रहकर ही पढ़ाई की थी और उनके पिता भी आइसीएस (ब्रिटिश काल) थे और तब पटना में पदस्थापित थे।बिहार के दूसरे टांपर छह साल बाद 1966 में पूर्णिया के आभास चटर्जी UPSC टापर बने 1970 में पटना विश्वविधालय के तीन छात्र UPSC में पहला स्थान श्याम शरण दूसरा स्थान अनुराधा मजूमदार और तीसरा स्थान लक्ष्णी चक्रवर्ती प्राप्त की थी बाद में श्याम शरण विदेश सचिव बने थे ।

पटना विश्वविधालय से पढ़े आमिर सुबहानी 1987 में टाप किये थे आमिर सुबहानी पटना विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग से स्नातकोत्तर में गोल्ड मेडलिस्ट थे।आमिर सुबहानी के बाद अभी तक कोई दूसरा पटना विश्वविधालय से पढ़कर UPSC में टाप नहीं किया है।

1988में UPSC में प्रशांत कुमार टापर रहे इनकी प्रारंभिक पढ़ाई पटना में हुई थी। उच्च शिक्षा सेंट स्टीफेंस कालेज, दिल्ली से हुई।1997 में सुनील कुमार बर्णवाल टापर रहे सुनील बर्णवाल की प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर में हुई। आइएसएम धनबाद से बीटेक के बाद उन्होंने गेल में भी सेवा दी।

2001 के टापर आलोक रंजन झा ने हिंदू कालेज से स्नातक करने के बाद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमफिल किया। इनके बाद फिर टापर के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और 20 साल बाद कटिहार के शुभम कुमार यूपीएससी में टाप किया है । शुभम ने बोकारो से 12वीं की। फिर बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया है।

1961 बैच के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी आइसी कुमार का कहना है कि 1960 से पहले बिहार से करीब 26 आइसीएस थे। इसके बाद 1960 में प्रथम स्थान पर पटना के जगन्नाथन मुरली, पांचवें स्थान पर रामास्वामी और 12वें स्थान पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा थे।

1977 बैच के आईपीएस अधिकारी बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद का कहना है कि पटना विश्वविधालय उस समय पढ़ाई के हर क्षेत्र में देश और दुनिया में पहचान स्थापित कर लिया था यूपीएससी को तो मक्का कहा जाता था।हर बैच में 25 से 30 छात्र यूपीएससी करता था ।1980 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे राजवर्धन शर्मा जो 1967 में पटना सांइस कांलेज के छात्र थे उनका कहना था कि फिजिक्स ,अर्थशास्त्र और इतिहास विभाग का टांपर का यूपीएससी तय माना जाता था।

लेकिन आज बिहार के स्कूल कांलेज से पढ़े बच्चों के पास कर्मचारी बनने लाइक भी योग्यता नहीं है पिछले 10 वर्षो का बिहार बोर्ड का टापर का लिस्ट निकाल लीजिए देखिए वो क्या कर रहा है ।
पटना विश्वविधालय में पढ़ने वाले पूर्ववर्ती छात्रों का कहना है कि एक रणनीति के तहत बिहार के नेताओं ने पटना विश्वविधालय को बर्वाद किया है और इस बर्वादी में ताबूत में आखिरी कील इंटरमीडियट की पढ़ाई खत्म करने का निर्णय रहा आज बिहार के बजट की बात करे तो सबसे अधिक राशी 17 प्रतिशत 38035.93 करोड़ रुपये खर्च शिक्षा पर ही हो रहा है परिणाम आपके सामने हैं ।

बिहार में जहां कही से भी उम्मीद की छोटी सी किरणें दिखायी दे रही है उसके निर्माण में बिहार के किसी भी संस्थान को कोई योगदान नहीं है। छात्र,मजदूर ,किसान और व्यापारी जो बिहार का नाम रोशन कर रहा है वो सभी व्यक्तिगत प्रयास से सफलता हासिल किया है ।
चलते चलते–मुद्दतें बीत गयी आज पर
यार-ए-ज़िद्द ना गयी
बंद कर दिए गए दरवाजे
मगर उम्मीद ना गयी !!

आज के युवा पीढ़ी के लिए सिटिजन जर्नलिज्म एक सुनहरा मौका है।

अनिता गौतम
सिटिज़न जर्नलिज़्म, यह सिर्फ शब्द भर नहीं बल्कि व्यक्ति समाज, देश और दुनिया की जरूरत है। इस अंग्रेजी शब्द का मूल अनुवाद संभवतः नागरिक पत्रकारिता हो परंतु अलग अलग आयाम में फिट बैठता यह शब्द आम अवाम की मजबूत आवाज बन चुका है। देश दुनिया की राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक और भौगोलिक बदलाव को तकनीक के सहारे अति शीघ्र बहुत बड़े समूह तक पहुचाने का सशक्त माध्यम है यह सिटिज़न जर्नलिज्म।

समय के साथ इस वर्चुअल वर्ल्ड इन्फॉर्मेशन तकनीक में अभी और बदलाव आएंगे परंतु वर्तमान में इस माध्यम की सार्थक भूमिका को हम अपने आस पड़ोस में अनुभव कर सकते हैं।

मीडिया का शुरुआती दौर, जब प्रिंट मीडिया के माध्यम से ख़बरें लोगों तक घटना के अगले दिन या कई दिनों बाद पहुंच पाती थीं। फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आयी और खबरें संकलित और संपादित होकर तस्वीरों और ट्रेंड एंकरों द्वारा कुछ लोगों तक पहुंचने लगीं।

दूरदर्शन से अपना सफर शुरू कर क्रमशः इस खबरों की दुनिया के निरंतर बदलाव का गवाह आज भी एक बहुत बड़ा वर्ग है। टेलीविजन केबल से डेटा केबल तक घूमते हुए आज इस नागरिक पत्रकारिता ने “कर लो दुनिया मुट्ठी में” के तर्ज पर हर किसी को अपने हुनर दिखाने का मंच दे दिया है।

कल तक खबरों के लिए टेलीविजन और अखबार की मोहताज आम आवाम आज खुद खबर बना और परोस रहा है। हर क्षेत्र, राजनीति, अपराध, सिने वर्ल्ड , टेलीविजन की दुनिया या समाज से जुड़ी छोटी बड़ी घटना की जानकारी पलक झपकते लोगों तक पहुँच रही है।

बात चाहे सरकार बनाने की हो, गिराने की हो , चुनावी समीकरण की हो या मत ध्रुवीकरण की, एक क्लिक और खबर पूरी दुनियां में संचारित। जाहिर सी बात है आगे जैसे-जैसे नागरिक पत्रकारिता का दायरा बढ़ेगा इसकी विश्वसनीयता दाव पर लगेगी। सीधे शब्दों में समझे तो बिना किसी तकनीकी पढ़ाई किये स्मार्ट फोन के साथ स्मार्ट बनने की प्रक्रिया में जितनी तेजी से सच फैलेगा उस से कई गुना रफ्तार से झूठ दौड़ेगा। वैसे भी एक पुरानी कहावत है जब तक सत्य बाहर निकलने के लिए अपने जूते तलाशता है, झूठ पूरी दुनिया घूम आता है।

मतलब बिल्कुल सीधा और साफ है कि हर चीज जिसमें अच्छाई होती है उसी में बुराई भी होती है, तो हमें तय करना होगा कि इसके निगेटिव पॉजिटिव प्रभाव को समझने की समझ कैसे विकसित करें?
वर्चुअल मीडिया, सोशल मीडिया के इस वर्ल्ड वाइड वेव ने सिटीजन जर्नलिज्म को एक मंच तो दे दिया है पर इसकी उपयोगिता की जिम्मेवारी हमें तय करनी होगी। इसके बेहतर प्रयोग से समाज और देश सुधार की न सिर्फ दिशा तय करनी होगी बल्कि उसके सकारात्मक प्रभाव पर भी गंभीरता से मंथन करना होगा।

निश्चित रूप से नागरिक पत्रकारिता , किसी भी मीडिया संस्थान से न जुड़कर भी खबरें संचालित करने का अद्भुत मंच है, शर्त यह है कि पत्रकारिता के लिए बने पंच लाइन ‘पत्रकारिता प्रोफेशन नहीं मिशन है।’ को इसमें अपने स्तर से बहाल रखा जाए।
सिक्के के दो पहलू की तरह सिटीजन जर्नलिज्म की भी अपनी ताकत के दो रूप है अच्छाई और बुराई। अगर कभी खबरों की सत्यता तय करने में मुश्किल आये तो हम न सिर्फ निष्पक्ष भाव से समाचार का सृजन करें बल्कि पत्रकारिता के मूल उद्देश्य, जनहित को प्राथमिकता देने का प्रयास करें।

ज्ञातव्य है कि समय के साथ मुख्य धारा की मीडिया में चंद लोगों की मोनोपोली कायम हो रही थी। दिशा निर्देश सत्तारूढ़ पार्टी या खास व्यक्ति के द्वारा प्राप्त होने लगे थे। ऐसी विषम परिस्थितियों में नागरिक पत्रकारिता ने मीडिया के कुछ मुट्ठी भर लोगों के गुरुर को न सिर्फ तोड़ा है बल्कि उनके पूरे किले को ही ध्वस्त कर दिया है। आज इस नागरिक पत्रकारिता की ताकत को ऐसे भी समझा जा सकता है कि कई सारी खबरें सोशल मीडिया पर पहले आती हैं और बाद में सत्यापित और संपादित होकर मुख्य धारा की मीडिया में आती है।

इसके साथ ही अगर बेहतर तरीके से इसके पूरे दिशा निर्देशों का पालन किया जाए और किसी तरह की विवादास्पद सामग्री न परोसी जाए तो इसमें मुद्रीकरण की प्रक्रिया भी है। अर्थात पूरी शर्त के साथ इस मंच को संचालित करने पर पैसे कमाने का साधन भी यहां उपलब्ध है।

इस तरह से देखा जाए तो सही मायने में यह सिटिज़न जर्नलिज्म हर आम और खास को एक बराबर अभिव्यक्ति की आजादी प्रदान करता है। खास लोगों की जिंदगी से प्रेरणा देने एवं उनकी कहानियों के लिए कई प्लेटफॉर्म हैं पर आम अवाम के पास जो अनुभव का खजाना है, उसे साझा करने में मददगार साबित हो रहा है यह मंच।
खाना खजाना, महिला जगत से लेकर बाल विकास तक के पन्नों को अपने में समेटे हुए, यह मंच न सिर्फ किताब बल्कि पूरी लाइब्रेरी है।

नाली गली से लेकर व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने का सबसे प्रभावी जरिया है यह। तस्वीरों, वीडियो और ग्राफिक्स जैसे साक्ष्यों के साथ खबरों की अनोखी दुनिया। अपने पसंद की चीजों को यथा समय खोजने से लेकर फुरसत में खबरों से रूबरू होना, सब संभव हुआ है इस साधन से।

इसकी सबसे बड़ी खामियों में नागरिक पत्रकारिता के नाम पर पीत पत्रकारिता की संभावना बन जाती है। किसी के निजी जीवन की बातें, व्यक्तिगत पहलू या असंसदीय शब्दों का प्रयोग या फिर किसी की मर्यादा भंग करने वाली कहानियों को प्रकाशित करना। साथ ही इस माध्यम का दुरुपयोग सामूहिक रूप से पैसे उगाहने में भी लोग कर रहे हैं। क्राउड फंडिंग के नाम पर तकरीबन भीख मांगने की परंपरा को बढ़ावा मिल रहा है।

इसका सबसे डरावना और वीभत्स प्रयोग है पोर्नोग्राफी। स्त्री से लेकर बच्चों तक के शोषण के रास्ते तैयार करता है। वैसे कुछ कड़े कानून से इस पर रोक लग सकती है। पहले से भी देश में इस तरह के आपत्तिजनक सामग्री को रोकने के लिए कई कानून हैं। धार्मिक उन्माद , धर्मान्ध सामग्री और एक पक्षीय विश्लेषण से भी बचने की आवश्यकता है।

ब्लॉग, वेब पेज, गूगल, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, वी चैट, टिकटाक, सोशल साइट्स और भी न जाने कितने तरीके से अब संचार संभव हो गया है। बहुत हद तक सूचना के अधिकार का विस्तार भी है नागरिक पत्रकारिता, बस जरूरत है भाषा की शुद्धता, तस्वीरों, वीडियो या ग्राफिक्स की प्रामाणिकता और उकसाने वाली खबरों से बचाव के तरीके तलाशने की।
बहरहाल इन सब चुनौतियों के बावजूद सिटिज़न जर्नलिज्म में असीम संभावनाएं है।

सुपर तकनीक के माध्यम से होने वाली इस पत्रकारिता में जरूरत है, थोड़े प्रशिक्षण और कुछ कानूनी दायरे बनाने की। सही मायने में लोकतांत्रिक तरीके से आम आदमी की अभिव्यक्ति का माध्यम बना नागरिक पत्रकारिता का यह मंच अपने आप में अनूठा है।

मुख्य धारा की मीडिया को चुनौती देते इस सिटिज़न जर्नलिज्म यानी नागरिक पत्रकारिता का भविष्य आगे अभी और उज्ज्वल है।

-लेखिका का नाम अनिता गौतम पत्रकार है

20 वर्ष बाद बिहार का कोई लाल यूपीएसपी में टांप किया है।

20 वर्ष बाद बिहार का कोई बेटा यूपीएससी में टांप किया हलाकि शुभम की पढ़ाई लिखाई बिहार में नहीं हुआ है लेकिन परिवार बिहार में ही रहता बिहार के कटिहार के रहने वाले शुभम कुमार कुम्हरी निवासी उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के ब्रांच मैनेजर देवानंद सिंह व पूनम सिंह के पुत्र हैं। उनकी प्रारंभिक से लेकर 10वीं तक की शिक्षा विद्या विहार रेजिडेंशियल स्कूल से हुई। 12वीं की पढ़ाई चिन्मया विद्यालय बोकारो से हुई। उसके बाद उन्होंने IIT बॉम्बे से सिविल इंजीनियरिग किया और फिर उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। दूसरे प्रयास में 2019 में 209वां रैंक हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने इस साल फिर एग्जाम दिया और टॉप किया है।

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मां पूनम सिंह ने कहा- ‘शुभम पुणे में ट्रेनिंग में हैं। मैं बहुत खुश हूं। मुझे बहुत अच्छा लगा। सभी बच्चे शुभम की तरह तैयारी करें। वन से लेकर 10 तक टॉपर रहा। अभी भी टॉपर है। बचपन से पूछती थीं कि तुम क्या बनोगे तो वह कहता था मैं IAS बनूंगा। मैं उसको कहती थी तुम अच्छा तो पढ़ोगे तो मैं तुम्हें पढ़ाती रहूंगी। वह मुझे हौसला देता रहा’।

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टांपर का पूरा परिवार

शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि उनकी बेटी अंकिता कुमार न्यूक्लियर साइंटिस्ट हैं। वह अभी आरआर कैट में पोस्टेड हैं। संयुक्त परिवार है। देवानंद सिंह के छोटे भाई डॉ. मणि कुमार सिंह पूर्णिमा में एक्वाप्रेशर के डॉक्टर हैं।

वहीं, ऑल इंडिया 7वां रैंक जमुई के प्रवीण कुमार को मिला है। चकाई बाजार निवासी प्रवीण कुमार बरनवाल ने ऑल इंडिया में 7 वां रैंक लाकर चकाई का नाम पूरे देश में रोशन किया है। प्रवीण की सफलता से पूरे चकाई बाजार में जश्न का माहौल है। उसके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ रही है। प्रवीण के पिता सीताराम वर्णवाल ने बताया- “वह बचपन से ही मेधावी था। उसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जसीडीह स्थित रामकृष्ण विद्यालय से हुई थी। बाद में उसने पटना से CBSE से मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा पास की। उसके बाद कानपुर IIT से पढ़ाई कर दिल्ली में 2 साल से UPSC की तैयारी कर रहा था। उसने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है।

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प्रवीण की सफलता से उसकी मां वीणा देवी, बड़े भाई धनंजय वर्णवाल, बहन दीक्षा वर्णवाल एवं चाचा रामेश्वर लाल वर्णावाल खुशी से झूम रहे हैं। सीताराम वर्णावाल ने काफी गरीबी में अपने पुत्र प्रवीण को पढ़ाया- लिखाया और आज प्रवीण ने पूरे चकाई का नाम देश स्तर पर ऊंचा किया है।

समस्तीपुर के दिघड़ा निवासी सत्यम गांधी (Satyam Gandhi) ने यूपीएससी में 10वां रैक हासिल किया है । सत्यम गांधी ने राजनीतिक शास्त्र विषय से ग्रेजुएशन किया है ।

सत्यम

परिणाम के बारे में खबर सुनते ही उनके पैतृक गांव दिघड़ा में जश्न का माहौल है. बता दें कि यूपीएससी ने आज सिविल सेवा का परिणाम जारी किया है, जिसमें 761 अभ्यर्थियों का सेलेक्शन हुआ है ।

UPSC टॉपर को दी बधाई।

बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद ने सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता परीक्षा 2020 के आई.ए.एस. टॉपर श्री शुभम् कुमार को उनकी बेमिसाल उपलब्धि के लिए उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।

उन्होंने कहा कि श्री शुभम् कुमार बिहार के कटिहार जिलान्तर्गत कदवा प्रखंड के कुम्हरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने सिविल सर्विसेज परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर बिहार का नाम रौशन किया है। उन्होंने कहा कि बिहार प्रतिभाओं की धरती रही है। आज फिर एक बार बिहार और कटिहार गौरवान्वित हुआ है।

उपमुख्यमंत्री ने श्री शुभम् कुमार के उज्जवल भविष्य की कामना देते हुए कहा कि बिहार एवं देश की तरक्की में उनकी उत्कृष्ट सेवा का लाभ मिलेगा।

झंझारपुर कोर्ट के जज अविनाश का पावर हुआ सीज फैसले को लेकर उठ रहे थे सवाल

पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी जिला के झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार का पावर सीज करने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट के महानिबंधक की ओर से जारी आदेश में उनके न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा दी गई है। हाल के दिनों में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार अपने जारी आदेश से काफी चर्चा में रहे हैं।

कभी डीएम-एसपी तो कभी अधिकारियों को ट्रेनिंग में भेजने की बात करते थे। हाल ही में उन्होंने कपड़ा और नाली साफ करने तथा बच्चों को आधा-आधा लीटर दूध पिलाने सहित अन्य आदेश पारित किये थे। हाईकोर्ट प्रशासन ने अब उनके न्यायिक कार्य करने के अधिकार पर अंकुश लगा दिया है।

पटना हाईकोर्ट ने भभुआ (कैमूर) सिविल कोर्ट के एडीजे शिव प्रसाद शुक्ला को निलंबित कर दिया है| उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही अनुशासनात्मक कार्यवाही लंबित रहने तक उन्हें बगैर अनुमति के मुख्यालय से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है।

हाईकोर्ट प्रशासन ने बिहार ज्यूडिशियल सर्विस (क्लासिफिकेशन कंट्रोल एंड अपील)-2020 के नियम 6 (1) के तहत कार्रवाई की है। निलंबन से संबंधित आदेश पटना हाईकोर्ट के महानिबंधक ने जारी कर दिया है।

भ्रष्टाचारियों से लड़ते लड़ते हार गया विपिन सरेआम अपराधियों ने गोली से कर दी छलनी

मोतिहारी एसपी के दामन पर लगा एक और दाग जी है सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के खिलाफ आवाज उठाने वाले RTI कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की आवाज को अपराधियों ने हमेशा के लिए खामोश कर दिया । हरसिद्धि के सीओ सहित कई पदाधिकारी और भूमाफिया पर विपिन अग्रवाल की हत्या में शामिल होने का आरोप लग रहा है।

जो खबर आ रही है उसके अनुसार विपिन अग्रवाल घर से अंचल कार्यालय सीओ से मिलने निकला था जहां सरकारी जमीन पर फिर से कब्जा होने कि शिकायत लेकर गया था सीओ से मिलकर जैसे ही बाहर निकला पहले से घात लगाये अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरु कर दिया विपिन को चार गोली थी।

घटना की सूचना पर हरसिद्धि थाना पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और विपिन अग्रवाल को मौके से उठाकर मोतिहारी सदर अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।
घटना के बाबत मृतक के पिता विजय कुमार अग्रवाल ने बताया- ‘बेटे ने हरसिद्धि क्षेत्र में अतिक्रमण को लेकर कई RTI आवेदन दाखिल किया था।

इस कारण 2020 में भी मेरे घर पर अपराधियों ने घर पर धावा बोल गोलीबारी की थी। इसको लेकर स्थानीय थाना और SP को सनहा दिया गया था, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

‘इतना ही नहीं भूमाफिया मेरे बेटे को झुठे मुदकमें फंसा कर तंग करने लगा पूरा प्रशासन भूमाफिया के साथ खड़ा है जबकि सरकारी जमीन की रक्षा के लिए मेरा बेटा प्रशासन से गुहार लगा रहा था लेकिन प्रशासन मेरे बेटे के खिलाफ ही कारवाई करने लगा ।

अफरशाही से परेशान सीएम ने गृहविभाग के अपर मुख्य सचिव को लगायी फटकार

इन दिनों अफरशाही को लेकर सीएम का तेवर तल्ख होने लगा है आज मुख्यमंत्री पुलिस निगम द्वारा आयोजित थाना भवन, पुलिस लाइन के उद्घाटन एवं शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान यह पता चला कि अभी भी राज्य में 15 से अधिक ऐसा थाना है जिसके पास अपना भवन नहीं यह सूनते हैं सीएम गुस्से से लाल हो गये और गृह विभाग के अपर मुख्‍य सचिव को यहां तक कह दिये कि इनको चीजों की सही समझ नहीं है।

उन्‍होंने अधिकारियों से कहा कि पहले से सुधार हुआ है, लेकिन यह काफी नहीं है। कोई काम पूरा क्‍यों नहीं हुआ, इसे भी देखना होगा। उन्‍होंने कहा कि आखिर क्‍या बात है कि 15 थानों के लिए राज्‍य में अब तक जमीन ही नहीं मिल पाई है। अगर सरकारी जमीन उपलब्‍ध नहीं है तो जमीन खरीदकर भी इस मसला हल हो। जिस निजी जमीन पर थाना चल रहा है, उसी को खरीदने के विकल्‍प पर विचार करें।

अगर जमीन नहीं मिल रही है तो थाने की जगह बदलने की भी कोशिश हो सकती है।सीएम ने कार्यक्रम में मुख्‍य सचिव से लेकर विकास आयुक्‍त सभी का नाम लेकर कहा कि योजनाओं की मानिटरिंग सही तरीके से करें। कमियां दूर होनी चाहिए। योजनाओं में लेटलतीफी नहीं चलेगी।

अगर कोई बाधा है तो उसका निदान भी तत्‍काल होना चाहिए। उन्‍होंने शराबबंदी को लेकर भी अधिकारियों से कहा कि इसकी सही तरीके से निगरानी की जरूरत है।शराबबंदी को लेकर भी सीएम नराज दिखे और अधिकारियों ने कहां कि ये अब नहीं चलेंगा जिस तरीके से रोजाना शराब पहुंच रहा है यह दिखता है कि बड़े पैमाने पर अभी भी शराब की तस्करी चल रही है ।

छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है पंचायत चुनाव

बिहार पंचायत चुनाव 2021 के पहले चरण का चुनाव दोपहर तक छिटपुट घटना को छोड़ दे तो शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है लेकिन कोरोना को लेकर जारी गाइड लाइन का कही भी अनुपालन होता नहीं दिख रहा है दोपहर 12 बजे तक 20 से 25 प्रतिशत मतदान की खबर है सुबह से ही हर बूथ पर वोटर की लंबी कतार देखने को मिल रही है शातिपूर्ण चुनाव सम्पन्ना कराने को लेकर 2300 पुलिस पदाधिकारी और 10,000 से अधिक जिला बल गृह रक्षक बिहार पुलिस सशस्त्र वाहिनी सैप के जवान को चुनाव कार्य में लगाया गया है ।

पहले चरण में 15,328 प्रत्याशियों ने विभिन्न पदों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। इनमें से 858 पदों पर प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया है। वहीं, 72 पदों पर किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। पहले चरण में ग्राम पंचायत सदस्य के 22,33 पदों को लेकर 8611 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।

ग्राम कचहरी पंच के 2233 पदों को लेकर 3225 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया। मुखिया के 151 पद के लिए 1294 ने नामांकन पत्र दाखिल किया है। सरपंच के 151 पदों के विरुद्ध 772 नामांकन किए गए हैं। पंचायत समिति सदस्य के 195 पदों के लिए 1205 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया है।

जिला परिषद के 22 पदों के लिए 221 प्रत्याशी हैं। 11 लाख 48044 वोटर इस चरण में वोटिंग करेंगे। यहां 14000 चुनाव कर्मियों को बूथों पर तैनात किया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक, 2119 मतदान केन्द्रों में 220 से वेब कास्टिंग की जा रही है।1609 मतदान भवनों में 2119 मतदान केन्द्र बनाए हैं। वोटिंग सुबह 7 बजें से शाम 5 बजे तक होगी।

हाईकोर्ट ने फिजिकल कोर्ट को लेकर गाइड लाइन जारी किया

पटना हाईकोर्ट में 27 सितम्बर,2021 से सप्ताह में चार दिन फिजिकल कोर्ट और एक दिन ऑन लाइन सुनवाई होगी।स्टैण्डर्ड ओपरेटिंग procedure के तहत कोर्ट परिसर व कोर्ट रूम में प्रवेश के नियम तय किये गए हैं।

पटना हाईकोर्ट के गेट न.1 से जजों के आने जाने की व्यवस्था हैं।जबकि गेट न. 3 से अधिवक्ता,क्लर्क और अन्य लोग वाहन से आ कर पार्किंग स्थल में वाहनों को रखेंगे।इस गेट से पैदल भी अनुमति प्राप्त लोग प्रवेश कर सकेंगे।गेट संख्या 4 से पैदल चलने वाले कोर्ट परिसर में आ सकेंगे।

गेट संख्या 3 पर प्रवेश करने वाले लोगों का थर्मल चेकिंग करने के बाद ही कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।फ्लू,बुखार या खांसी लक्षण वाले व्यक्ति को कोर्ट परिसर में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
कोर्ट परिसर और कोर्ट रूम मे उन्हीं अधिवक्ता,क्लर्क और सम्बंधित लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी,जिनका केस उस दिन लिस्ट पर रहेगा।

कोर्ट परिसर और रूम मे कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार के दिशानिर्देश व नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।मास्क पहनने और सोशल डिस्टेन्स के नियमों को सख्त तरीके से पालन करना होगा।
कोर्ट रूम में फिजिकल सुनवाई के लिए वकील,क्लर्क व अन्य सम्बंधित लोगों को ई पास निर्गत किया जाएगा,जो उसी दिन मामले के फिजिकल सुनवाई के लिए वैध होगा।

तीनो अधिवक्ता संघ के दस दस अधिवक्ता नियमों के पालन की निगरानी करने के लिए मौजूद रहेंगे।
जिन अधिवक्ता के केस सुनवाई के लिए कार्य सूची में होंगे,उन्हें,उनके एक सहयोगी व क्लर्क को कोर्ट परिसर व कोर्ट रूम में प्रवेश की अनुमति होगी।

साथ ही मामले की सुनवाई खत्म होने के बाद सम्बंधित अधिवक्ता,क्लर्क व अन्य लोगों कोर्ट परिसर छोड़ देना होगा।
अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी व अन्य सम्बंधित लोगों के प्रवेश के लिए 15 दिनों के विशेष पास दिया जाएगा,जिसे समय समय पर विस्तारित किया जाएगा।

एक्सरे फिल्म बेचने वाली कंपनी को मिला है घर में नल और जल पहुंचाने का ठेका

उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है मीडिया में सफाई देने के बावजूद पार्टी और सीएम दोनों संतुष्ट नहीं है क्यों कि यह पहला मामला नहीं है इससे पहले जदयू विधायक गोपाल मंडल इनके भागलपुर जाने को लेकर जो सवाल खड़े किये थे उसकी सच्चाई भी पार्टी के सीनियर नेता और मुख्यमंत्री तक पहुंच गयी है ।

https://2gz.db6.myftpupload.com/the-company-worked-by-ignoring-the-rules/


जदयू विधायक ने उप मुख्यमंत्री पर पैसा उगाही करने का आरोप लगया था साथ ही उप मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में बेटा के शामिल होने पर भी सवाल खड़े किये थे।
इस बीच सीएम हाउस कटिहार डीएम से इस पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है वैसे ठेका को लेकर जो तथ्य सामने आ रहा है वो उप मुख्यमंत्री के दावे के साफ विपरीत है ।

https://2gz.db6.myftpupload.com/bihars-politics-with-the-revelations-of-bihar-news-post/

एक्सरे फिल्म बेचने वाली कंपनी को हर घर जल नल लगाने का मिला है ठेका

पटना के जिस दो कंपनी Jeevanshree Infrastructure Pvt limited और Deepkiran Infrastructure Pvt Limited को हर घर नल जल योजना का काम देने को लेकर वबेला मचा है उसमें एक कंपनी Deepkiran Infrastructure Pvt Limited ऐसा है जो एक्सरे फिल्म बेचने का काम करता है उस कंपनी को किसी भी तरह के निर्माण कार्य करने का अनुभव नहीं है।

Deepkiran Infrastructure Pvt Limited 2009 की कंपनी है और 2009 से 2017 तक कंपनी के पास कुछ खास काम नहीं था ।इस कंपनी का शेयर कैपिटल 60 लाख रुपया है जिसमें से 54 लाख 59हजार 603 रुपया कंपनी निर्माण के कुछ ही दिनों बाद पहली वाली कंपनी को लोन दे दिया है।
इस कंपनी को पीएचडी कटिहार ने 2019 में 3 करोड़ 6 लाख रुपया का काम हर घर जल नल योजना के तहत दिया है सरकार किसी भी ऐंजसी को काम देती है तो उस कंपनी के कम से कम तीन वर्ष का आंडिट रिपोर्ट देखना अनिवार्य है।

Deepkiran Infrastructure Pvt Limited कंपनी के तीन वर्षो का आंडिट रिपोर्ट इस तरह है ।
वित्तीय वर्ष ——- 1 अप्रैल 2017—–31 मार्च 2018
इस वर्ष उसका आय है 32 लाख 10 हजार 843 रुपया यह आय एक्सरे फिल्म बेचकर कंपनी को प्राप्त हुआ है ।

वित्तीय वर्ष————1 अप्रैल 2018 से —–31 मार्च 20019

कंपनी को इस दौरान 17 लाख 81 हजार 628 रुपया 10 पैसा का आय हुआ है ये आय भी एक्सरे फिल्म बेचने से और सेल ऑफ गुड्स से 6 लाख 64 हजार 856 रुपया 10 पैसा (यह पैसा हर घर जल नल योजना के तहत मिला है )

वित्तीय वर्ष ————1 अप्रैल 2019 से——31 मार्च 2020
कंपनी को इस दौरान 78 लाख 6800.97 पैसा आय हुआ है यह पैसा सरकारी ठेका से प्राप्त हुआ है इस वर्ष एक्सरे फिल्म से कोई आय नहीं हुआ है।

इन दोनों कंपनी को ही काम मिले इसके लिए नियमों की अनदेखी की गयी है

सरकार किसी भी निजी कपंनी को कोई काम देती है तो उस कंपनी को जितने का ठेका मिला है उसका 5 प्रतिशत राशी विभाग के पास जमा करना पड़ता है, वो बैक गारंटी या फिर किसान विकास पत्र जैसे निवेश का प्रमाण होना चाहिए।


इस कंपनी के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। इतना ही नहीं Deepkiran Infrastructure Pvt Limited कंपनी को हर घर जल नल योजना के तहत जो काम मिला है उसमें से उप मुख्यमंत्री के रिश्तेदार को 24 लाख 69428हजार का काम पेटी कॉन्ट्रैक्ट के रुप में दे दिया गया है जबकि नियम है कि इसके लिए पहले आपको विभाग से अनुमति लेना होगा साथ ही कुल काम का 10 प्रतिशत से ज्यादा आप पेटी कॉन्ट्रैक्ट में काम नहीं दे सकते हैं।


वित्तीय वर्ष 2019–2020 में कंपनी जो सरकार का काम किया है उसकी राशी 33 लाख 80 हजार है और 24 लाख 69428हजार रुपया का काम पेटी कॉन्ट्रैक्ट में दे दिया है जो पूरी तौर पर गैर कानूनी है।
इसी तरह से काम करने के दौरान कंपनी के द्वारा सरकार के नियमावली का खुल कर उल्लंघन किया है ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इस कंपनी पर किसी सरपरस्ती है जिसको लेकर पीएचडी इतना मेहरवान है।

आयुष्मान भारत का लक्ष्य बढ़ाया जायेंगा

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तीन वर्ष पूरे होने पर ज्ञान भवन में आयुष्मान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत किया गया था। कार्यक्रम का थीम रोग मुक्त, ऋण मुक्त बिहार था, ताकि राज्य की जनता इलाज के खातिर कर्जदार न हो।

इस अवसर पर जहां दो लाभार्थियों ने अपने इलाज के अनुभव साझा किये, वहीं इस योजना के तहत बेहतर काम करने वाले सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को सम्मानित भी किया गया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने समीक्षा मोबाइल एप का शुभारंभ किया और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ-साथ कुशल मार्गदर्शन के लिए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया।

श्री पांडेय ने आयुष्मान भारत की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि यह योजना लोगों को नया जीवन देने का काम कर रहा है। अस्पताल में हाथ में लिया हुआ गोल्डन कार्ड लाभार्थियों की ताकत होती है। आयुष्मान भारत का तीन वर्षों का सफर काफी चुनौती भरा रहा है। कठिन रास्ते से चलते हुए इस योजना को आगे बढ़ाते रहे हैं।

असफलता के रास्ते ही सफलता की मंजिल पहुंचाता है। कभी चुनौतियों में लड़ने से स्वास्थ्य विभाग पीछे नहीं रहा। आगे आने वाले समय में इसे और गति देते हुए सुलभ और बेहतर बनायेंगे, ताकि लोगों को इस योजना ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। तीन साल में राज्य में इस योजना के तहत तीन लाख लोगों का इलाज किया गया और इस पर लगभग तीन सौ करोड़ खर्च किये गये। 30 फीसदी परिवारों के बीच गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराया गया है।

पूरे राज्य में इस योजना के तहत 940 सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हैं। पूरे देश में 28 हजार अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जहां आयुष्मान भारत के लाभार्थी अपना इलाज करा सकते हैं।
श्री पांडेय ने कहा कि पहले लोगों को अपने परिजनों के इलाज के लिए काफी कठिनाई होती थी।

अपने परिजनों का जीवन बचाने के लिए गरीब तबके के लोग कर्ज लेते थे, जेवर और जमीन बेच देते थे, लेकिन अब लोगों को न तो इलाज के लिए ऋण लेना पड़ रहा है और न ही जमीन बेचने की आवश्यकता पड़ रही है। माननीय प्रधानमंत्री की सोच है कि बीमारी के कारण लोगों को ऋण लेना नहीं पड़े। इसलिए उन्होंने गरीबों की पीड़ा को देखते हुए इस योजना के तहत पांच लाख तक निःशुल्क उपचार की व्यवस्था की।