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लालू प्रसाद की अग्नि परीक्षा शुरु चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में बचाव पक्ष की और से दी गयी दलील

,डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की हुई थी अवैध निकासी, लालू प्रसाद की अग्नि परीक्षा शुरु चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में बचाव पक्ष की और से दी गयी दलील। इस मामले में 108 आरोपी ट्रायल फेसकर रहे हैं ।

बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला (Fodder Scam) मामले में आज रांची के सीबीआइ कोर्ट में बचाव पक्ष की ओर से बहस शुरु हो गयी है आज अभियुक्त पूर्व आईएएस अधिकारी वो तत्कालीन वित्त सचिव डॉ फूल चंद सिंह के अधिवक्ता ने रखा पक्ष है इस मामले में अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले RC 47A/96 में जिसमें डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की हुई थी अवैध निकासी ।इस मामले में 108 आरोपी ट्रायल फेसकर रहे हैं ।

इससे पहले सात अगस्‍त को अभियाेजन पक्ष की बहस पूरी कर ली गई थी। इस मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद, डॉ जगन्‍नाथ मिश्र, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा समेत 110 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इस मामले में आरोपित डॉ जगन्‍नाथ मिश्र समेत 37 आरोपितों का निधन हो चुका है। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 575 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे। वहीं बचाव पक्ष की ओर से 27 आरोपितों की गवाही होनी है। इसके आधार पर बहस पूरी होगी। रांची के सिविल कोर्ट परिसर में स्थित सीबीआइ की विशेष कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।डोरंडा कोषागार (RC 47A/96) से अवैध निकासी मामले की सुनवाई विशेष कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने कहा था कि जो फिजिकल मोड में बहस करना चाहते हैं, वे अदालत में व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। कोरोना गाइडलाइन के अनुरूप वे बहस कर सकते हैं। इस दौरान अधिकतम पांच लोग मौजूद रह सकते हैं। वहीं जो वर्चुअल मोड में बहस चाहते हैं वे कोर्ट की अनुमति ले लें। दस्‍तावेजों को देख लें और तब बहस करें। बहस के लिए दोनों विकल्‍प हैं। मालूम हो कि लालू प्रसाद समेत 77 आरोपितों ने फिजिकल कोर्ट शुरू होने तक सुनवाई टालने का आग्रह किया था। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। बचाव पक्ष ने कहा था कि पिछले आदेश के आलोक में वे हाईकोर्ट जाएंगे। इसलिए उन्‍हें समय मिलना चाहिए लेकिन कोर्ट ने समय देने से साफ इनकार कर दिया। हालांकि अदालत ने इस मामले में प्रतिदिन सुनवाई का निर्णय लिया।

इस सुनवाई पर सब की नजर है क्यों कि लालू प्रसाद इन दिनों जमानत पर हैं लेकिन इस मामले में अगर सजा होती है तो उन्हें फिर जेल जाना पड़ सकता है। ऐसे में लालू के परिवार के साथ साथ बिहार की राजनीति के लिए डोरंडा कोषागार अवैध निकासी मामला काफी महत्वपूर्ण है ।

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