सरकार भले ही भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात करता है लेकिन पिछले 72 घंटे से एक इंजीनियर जिस तरीके से पूरी सरकार को लील डाउन कराये हुए है यह देख कर मेरे जैसा पत्रकार भी हैरान है कि नीतीश कुमार के सीएम रहते हुए सिस्टम इतना लाचार बेवस और कमजोर कैसे हो सकता है ।
जी है मैं बात कर रहा हूं दरभंगा जिले में ग्रामीण कार्य विभाग में पदस्थापित अधीक्षण अभियंता अनिल कुमार की जिन्हें मुजफ्फरपुर पुलिस ने तीन दिन पहले 18 लाख रुपया केस के साथ पकड़ा है हलाकि उसके पास दो करोड़ से ज्यादा पैसा था ऐसी खबरे हम लोग के पास आ रही थी ।
खैर मैंने जब मुजफ्फरपुर एसएसपी जयकांत से खुद बात किया तो इन्होंने कहा कि संतोष जी 30 लाख रुपया बरामद हुआ है हमलोग भी सून रहे हैं कि दो करोड़ इसके पास था लेकिन गांड़ी में इतना ही है आर्थिक अपराध इकाई और इनकमटैक्स को सूचना दे दिए हैं वो लोग आ रहे हैं जो कारवाई करे वो लोग। एसएसपी मुजफ्फरपुर से हमारी बात दोपहर दो बजे के करीब हुई थी शाम में एएसपी वेस्ट सैयद इमरान मसूद ने कहा कि इंजीनियर के पास से 18 लाख रुपया बरामद हुआ है और इंजीनियर पर पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में जारी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें इस समय नगद पैसे लेकर चलने पर रोक है ।
ये समझ से पड़े कि बात है कि एक सरकारी इंजीनियर जिसके विभागीय गांड़ी से 18 लाख रुपया नगद पैसा बरामद होता है और उस पर मुखिया चुनाव वाले धारा के तहत मामला दर्ज होता है ,और इससेे बड़ी बात यह है कि एएसपी वेस्ट को जब मीडिया वाले ने इंजीनियर को मीडिया के सामने लाने को कहां तो इस तरह भड़क गये जैसे मीडिया वाले कोई अपराध कर दिया हो अभी तक इंजीनियर की तस्वीर किसी मीडिया के पास नहीं है।
खैर मुजफ्फरपुर पुलिस उसी दिन शाम में थाना पर से ही इंनजीयिर को जमानत दे दिया हलाकि इस मामले में एएसपी और एसएसपी दोनों से सवाल किया गया तो अधिकारिक तौर पर कोई जबाव नहीं दिया गया फिर दूसरे दिन खबर आती है कि इंजीनियर के दरभंगा और पटना स्थित आवास पर छापा मारा गया तो 49 लाख रुपया नगद उसके आवास से बरामद हुआ।
49 लाख रुपया की बरामदगी के बावजूद अभी तक पुलिस यह तय नहीं कर पा रही है कि इस इंजीनियर के साथ करे क्या ,वैसे खबर आ रही है कि इंजीनियर पुलिस को पुछताछ में सहयोग नहीं कर रही है इसलिए अब इनको बेल दे कर छोड़ दिया जाये अभी वो पुलिस हिरासत में है या फिर पुलिस उसको छोड़ दिया है हलाकि अधिकारिका तौर पर पूरा सिस्टम खामोश है कोई भी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है ।
बिहार में भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री के अंदर तीन विभाग है विशेष निगरानी ,निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई जिसके अधिकारी सीधे सीएम को रिपोर्ट करते हैं एक इंजीनियर के पास से 67 लाख रुपया कैस बरामद हो रहा है लेकिन ये सारी ऐजेंसी ऐसे खामोश है जैसे ये कोई साधारण बात है आर्थिक अपराध इकाई की एक टीम पहुंची हुई है लेकिन चार दिन होने को है लेकिन अभी तक कोई बड़ी कारवाई नहीं हुई है ।
ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि ये इंजीनियर कौन है क्यों कि चैन छिनतई में एक पूर्व विधायक के बेटा की गिरफ्तारी हुई तो पुलिस भी और हम मीडिया वाले भी बड़े बड़े अंक्षर में लिख रहे हैं दिखा रहे हैं लेकिन इस इंजीनियर को लेकर पूरा सिस्टम खामोश है कहां जा रहा है कि इस इंजीनियर का रिश्ता सत्ता में बैठे ऐसे लोगों से हैं जो इन दिनों सरकार के नाक के बाल बने हुए हैं इसलिए कारवाई करने से सब बच रहा है ।सबसे बड़ी बात है ग्रामीण कार्य विभाग के एक सीनियर इंजीनियर चार दिनों से पुलिस के हिरासत में है और विभाग ऐसे खामोश है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है ।