Press "Enter" to skip to content

बिहार के पुनरुत्थान का रास्ता क्या हो सकता है?

देश जिस सांस्कृतिक और धार्मिक पुनरुत्थान के दौर से गुजर रहा है उसमें हमारे बिहार में ना तो अयोध्या है,ना तो कासी है,ना तो मथुरा है और ना ही ज्ञानवापी है ऐसे में बिहार के पुनरुत्थान का रास्ता क्या हो सकता है। प्राचीन काल से लेकर आजादी के दौर में भी बिहार हर क्षेत्र देश का नम्बर वन राज्य था शिक्षा का तो जवाब ही नहीं था।

लेकिन हाल के दिनों में सिविल सर्विसेज ,इंजीनियरिंग ,मेडिकल और सर्विस सेक्टर में बिहार का प्रतिनिधित्व देश स्तर पर पांच प्रतिशत से भी कम हो गया है। उस 5 प्रतिशत में भी 90 प्रतिशत छात्र ऐसे हैं जिनका दादा दादी बिहार में रह रहे हैं उसका बिहार से कोई वास्ता नहीं है कभी कभार छठ या फिर किसी शादी में दो तीन बार बिहार आया है ये सारे यू कहे तो अप्रवासी बिहारी है जबकि एक दौर था जब बिहार का प्रतिनिधित्व 20 से 25 प्रतिशत हो गया था ।

कुछ ऐसा ही हाल बिहार के किसानों का भी है दो दशक पहले तक बिहार के किसान अपनी पैदावार के बल पर बच्चों को अच्छी शिक्षा और अपनी बेटी की शादी बड़े घर में करते थे और आज बच्चों को बेहतर शिक्षा और शादी करनी है तो जमीन बेचने के अलावे उनके पास दूसरा कोई साधन नहीं है।

रोजगार का भी कुछ ऐसा ही हाल है छोटे छोटे कस्बे में शॉपिंग मॉल खुलने से पीढ़ी दर पीढ़ी से दुकान चला रहे बनिया का हाल लगातार खराब होता जा रहा है छोटी दुकान बंदी के कगार पर है हाल के दिनों में मछली और अंडा उत्पादन के क्षेत्र में बिहार काफी तेजी के आगे बढ़ा था लेकिन सरकार के असहयोग के कारण दोनों फील्ड से जुड़े बड़े किसानों और व्यापारियों का हाल लगातार खराब होता जा रहा है और पिछले एक माह के दौरान मछली के फीड के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि होने के कारण लागत मूल्य इतना बढ़ गया है कि किसान मछली पालन बंद करने लगा है ।

BiharNewsPost

वही अंडा पैदा करने में लगे हैदराबाद हरियाणा और यूपी के बड़े खिलाड़ी अंडा उत्पादन में बिहार के बढ़ते कदम को देखते हुए अंडा का कीमत पांच रुपये से घटाकर 2 रुपया 80 पैसा कर दिया था पिछले माह की बात करे तो 3,66 पैसा एक अंडा दाम एनइसीसी (राष्ट्रीय अंडा कोर्डिनेशन कमेटी)तय किया था जबकि एक अंडा को पैदा करने में लगभग पांच रुपये का खर्च आता है।

बड़े खिलाड़ियों के इस खेल का प्रभाव यह हुआ कि बिहार में मुर्गी का अंडा पैदा करने के काम में लगे 60 प्रतिशत से अधिक कारोबारी काम बंद कर दिया है पटना के बिहटा सहित बिहार के गांव गांव में अंडा उत्पादन का केंद्र कैसे उजर रहा है इसे आप जाकर देख सकते हैं। वही बीपीएससी परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में जो तथ्य उभर कर सामने आ रहा है वह यह दिखाने के लिए काफी है कि बिहार में जो भी परीक्षा हुई है सब में परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र लीक हुआ था और पैसा देकर बच्चे अधिकारी ,डाँ ,इंजीनियर,प्रोफेसर और सरकारी कर्मचारी बन रहे थे ।

ये बिहार की हकीकत है जबकि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बजट का सबसे अधिक 17 प्रतिशत यानी 38035.93 करोड़ रुपये शिक्षा क्षेत्र पर खर्च हो रहा है ।लेकिन बड़ा सवाल यह है कि हम बिहारी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य,कृषि और रोजगार मुद्दा है भी कि नहीं क्यों कि इन मुद्दों को लेकर हाल के दिनों में कभी हलचल होते नहीं देखा है आज कल मैं यह सवाल राज्य के सभी राजनीतिक दल के नेता और बुद्धिजीवी के साथ साथ छात्र छात्राओं से भी कर रहा हूं। बिहार का एक बार फिर से पुनर्जागरण हो पायेगा या फिर यू ही भारत पाकिस्तान,हिन्दू मुसलमान, मथुरा ,काशी ,वापी और कुतुबमीनार में उलझते रहेंगे ।

कभी ख्याल नहीं आता है कि बिहार के पढ़ाई का एक एक सेंटर खत्म होते जा रहा है और पूरा बिहार मौन है ।किसानी खत्म होता जा रहा है बिहार मौन है ,रोजगार के अवसर लगातार कम होते जा रहे हैं बिहारी मौन है क्या हम सब ने मौन रहने का जिद्द पाल रखा है क्या ।

More from खबर बिहार कीMore posts in खबर बिहार की »