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बिहार की राजनीति में अभी भी नीतीश फैक्टर प्रभावी है

कल दोपहर टीवी देख रहे थे चैनल पर जगदानंद सिंह के पुत्र के जदयू में शामिल होने कि खबर लाइव चल रही थी और ललन सिंह जगता भाई को नसीहत दे रहे थे ठीक उसी समय टीवी स्क्रीन पर बिग ब्रेकिंग फुल प्लेट खबर ब्रेक होता है नालंदा में नीतीश कुमार के कार्यक्रम में धमाका खबर जैसे ही खत्म हुआ एंगर सीधे बोचहा उप चुनाव में मौजूद अपने रिपोर्टर के पास जाता है, और मतदान का हाल जानना चाहता है रिपोर्टर मुजफ्फरपुर से सटे भूमिहार के सबसे बड़ा गाँव खबरा में मौजूद था रिपोर्टर वोटर से सवाल कर रहे हैं विकास के मुद्दे पर वोट दे रहे हैं या बदलाव के मुद्दे पर वोटर अपना नाम और जाति बोलते हुए कहां कि मैं भूमिहार हूं और राजद को वोट देकर आया हूं बहुत हो गया अपमान अब नहीं चलेगा ।        

ठीक उसी समय दूसरे चैनल पर अखाड़ाघाट से रिपोर्टर लाइव पर था जहां राजपूत मतदाता वोट देकर बाहर निकलता है और कहता है कि मैं राजद को वोट दिया हूं बहुत हो गया हम लोग एनडीए का बंधुवा वोटर नहीं है ।                 

ये सब चल ही रहा था कि मैं मुजफ्फरपुर के बीजेपी के एक बड़े यूथ लीडर को फोन लगा दिया और जैसे ही वो फोन उठाया मेरा सीधा सवाल था क्या देख रहे हैं टीवी पर ,भैया सही देख रहे हैं पता नहीं क्यों यूथ में गजब का गुस्सा है हाल यह है कि तमाम भूमिहार बस्ती में यूथ अभिभावक को घर से निकलने ही नहीं दे रहा है कह रहा है लोकसभा में मोदी को वोट देंगे लेकिन आज आप लोग वोट देने मत जाइए ।

रिजल्ट क्या होगा ,भैया नीतीश के वोटर पर हम लोग लड़ाई में बने हैं बात जीत की तो बहुत मुश्किल है हजार दो हजार से जीत जाये तो बहुत बड़ी बात होगी वैसे हारे तो 15 हजार से ऊपर से हारेंगे ।              

भैया ये लोग मुकेश सहनी को सहनी का नेता बना दिया 75 प्रतिशत सहनी रमई राम के साथ चला गया जो बचा वो राजद और भाजपा में गया है पासवान वोट भी राजद के साथ खड़ा रहा है पचपनिया(अति पिछड़ा) वोटर में भी बिखराव दिख रहा है, बात आगे बढ़ी तो मैंने भी कहां विधान पार्षद के वोट में भी अति पिछड़ा वोटर वर्षो बाद राजद की और जाते हुए मैंने भी देखा।

 तभी ख्याल आया कि अति पिछड़ा वोटर का यह ट्रेड सिर्फ तिरहुत और मिथिलाचंल में ही है या फिर अन्य जगह भी है ,फोन काटा और सीधे औरंगाबाद में उसके पास फोन लगा दिया जो विधान परिषद के चुनाव में छह माह से डटा हुआ था उनसे भी मेरा सवाल यही था कि चुनाव तो जीत गये, पैसा भी बेहिसाब खर्च किये लेकिन जरा ये बताये अति पिछड़ा वोटर का क्या हाल था संतोष भाई पैसा लेने के बाद भी यह वोटर राजद को वोट किया है, मैंने पूछा क्या आपको लगता है कि नीतीश का अति पिछड़ा वोटर भाजपा के साथ सहज नहीं है संतोष भाई सौ फिसड्डी जो भी साथ छोड़ा है वो राजद के साथ गया है और ये साफ दिख रहा कि बिहार का अगला मुख्यमंत्री तेजस्वी ही बनेगा संतोष भाई भाजपा का कार्यकर्ता इतना करप्ट हो गया है कि आप सोच नहीं सकते हैं साला एक दर्जन संगठन गांव गांव में खड़ा कर दिया है और सबको पैसा चाहिए गजब हाल है इन लोगों का राजद का कार्यकर्ता अभी भी सतुआ खाकर काम करता है लेकिन हमारे यहां पगला गये इन लोगों को सम्भालते सम्भालते।

 बात चल ही रही थी कि देखते हैं मेरे नालंदा रिपोर्टर का लगातार फोन आ रहा है इनसे विदा लेते हुए नालंदा रिपोर्टर का फोन रिसीभ किये कैसे हुआ क्या हुआ कौन है वो सब बात होने के बाद मैं धीरे से पुछा पटाखा छोड़ने वाला कौन जाति का है सर बनिया है हद है बाढ़ में भी बनिया और यहां भी बनिया ये बनिया सब को क्या हो गया है सर उसके परिवार का किसी भी राजनीतिक दल से उस तरह का जुड़ाव नहीं है लेकिन प्रतिबद्धता बीजेपी के साथ जरुर है , उस लड़के से बात हुई है क्या जी सर कह रहा है कि नीतीश शासन सही तरीके से नहीं चला रहा है इसको मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देना चाहिए वैसे ये भी मानसिक रूप से कमजोर ही लगता है।

वैसे जगतानंद सिंह के बेटे का जदयू में शामिल होना,नीतीश कुमार की सभा में पटाखा छोड़ देना और बोचहा चुनाव में एनडीए के परम्परागत वोटर का गुस्सा होना ये सारी बाते भले ही तात्कालिक लग रहा है लेकिन बिहार की राजनीति फिजा बदल रही है ये भी साफ दिख रहा है ।

Patna High Court : पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ रीता कुमारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नही करने का निर्देश दिया

पटना हाई कोर्ट ने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ रीता कुमारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नही करने का निर्देश पटना पुलिस को दिया है।साथ ही कोर्ट ने सेकंडरी एडुकेशन के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।

जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने डॉ रीता कुमारी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश दिया।
कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2020 के इंटरमीडिएट परीक्षा के मूल्यांकन में भाग नहीं लेने पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कदमकुआं थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

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कोर्ट को बताया गया कि यूनिवर्सिटी प्रोफेसर को इंटरमीडिएट परीक्षा के मूल्यांकन में लगाना विश्वविद्यालय कानून के खिलाफ है।कोर्ट ने फिलहाल नोटिस जारी कर प्रोफेसर के खिलाफ किसी प्रकार का दण्डात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है।

करोड़ो का सम्पत्ति धारक निकला जेल अधिकारी रूपक कुमार, सहायक कारा महानिरीक्षक

जेल के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति मामले में छापेमारी मामले में विशेष निगरानी में बड़ा खुलासा किया है रूपक कुमार ने बैंगलोर में हवाई अड्डा के पास आवासीय फ्लैट लिया है और बैंगलोर में इन्होंने जमीन और प्लॉट खरीदने का एग्रीमेंट किया है

झारखंड के देवघर में एक बड़ा आवासीय भूमि का प्लॉट है जिसकी कीमत करोड़ों में है

जमशेदपुर के प्रसिद्ध जगह पर 3 बीएचके का फ्लैट है जिसकी कीमत करोड़ों में है

जमशेदपुर में आवासीय भूमि का प्लॉट भी मिला है

रांची में भी फ़्लैट और जमीन के कागजात मिले हैं

नोएडा में ब्यबसायिक दुकान ली है जिसकी कीमत करोड़ों में है नोएडा में भी आवासीय फ्लैट मिला है

पश्चिम बंगाल में भी करोड़ों के प्लेट और आवासीय जमीन के कागजात मिले हैं

पटना के बिहटा में भी जमीन के कागजात मिले हैं

पटना के लोदीपुर मेरी फ्लैट मिला है जो किराए पर लगा है

रूपक कुमार के आवाज से 62 लाख रुपए से ज्यादा का आभूषण मिला है

निगरानी ने यह भी खुलासा किया है कि रूपक कुमार के घर की तलाशी के दौरान कैदियों के उपयोग के लिए खरीदी गई समान और वस्तुओं का अपने घर में यह प्रयोग करते थे

अभी तक 10 करोड़ से अधिक के चल और अचल संपत्ति के बारे में पता चला है जिसकी जांच की जा रही है यह और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है

विपिन अग्रवाल की हत्या मामले की जांच को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता हुए गोलबंद

नई दिल्ली: आरटीआई का समर्थन करने वाली एक राष्ट्रीय संस्था ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग की है कि आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की हत्या और उसके बाद उनके 14 वर्षीय बेटे की आत्महत्या के मामले में जांच के आदेश दिए जाएं.

‘नेशनल कैंपेन फॉर पीपुल्स राइट टू इंफोर्मेशन’ (एनसीपीआरआई) ने 8 अप्रैल को भेजे पत्र में कहा है कि बिपिन अग्रवाल की सितंबर 2021 में दिन-दहाड़े हत्या की गई थी और हत्यारा अभी भी पुलिस के पकड़ से बाहर है ।

मोतीहारी के हरसिद्धि इलाके के 47 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता बिपिन अग्रवाल की 2012 में 24 सितंबर को अज्ञात मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने सीओ के दफ्तर के सामवे गोली मारकर हत्या कर दी थी. अग्रवाल के परिवार ने हत्या के लिए बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष सहित स्थानीय भू-माफिया को जिम्मेदार ठहराते हुए हमलावरों का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की थी.

एनसीपीआरआई ने लिखा, उनकी हत्या के बाद परिवार न्याय के लिए संघर्ष कर रहा था और उनका बड़ा बेटा पुलिस हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए प्रयासरत था.

पत्र में आगे लिखा गया है, पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी न किए जाने से क्षुब्ध होकर बिहार के पूर्वी चंपारण के मोतीहारी में बेटे ने आत्महत्या करके जान दे दी.

हालांकि, पत्र में बेटे का नाम लिखा है लेकिन द वायर नाम का उल्लेख नहीं कर रहा है क्योंकि वह नाबालिग था.
एनसीपीआरआई ने लिखा, ’24 मार्च 2022 को, (लड़के का नाम) के दादा द्वारा जारी वीडियो के अनुसार, (वह) मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक ज्ञापन सौंपने पुलिस स्टेशन गया था और उसने कथित तौर पर वहां कई घंटों तक वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने की कोशिश में इंतजार किया.’

इसमें आगे कहा गया है कि लड़के के दादा के अनुसार पुलिस परिवार पर यह कहने के लिए दबाव बना रही थी कि उसने निजी कारणों के चलते आत्महत्या की है.

‘बिपिन की हत्या और उनके बेटे की मौत… व्हिसलब्लोअर और उनके परिवारों की रक्षा करने में राज्य मशीनरी की घोर विफलता की ओर इशारा करते हैं. पुलिस और प्रशासन की भूमिका की जांच करने की जरूरत है और सबसे पहले बिपिन अग्रवाल को बचाने और उनकी मृत्यु के बाद मुख्य आरोपी की समयबद्ध तरीके से जांच और मुकदमा चलाने में विफलता के लिए जवाबदेही तय करने की जरूरत है.

संस्था ने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य (सरकार) ने न्याय की तलाश में भटकते परिवार की सहायता नहीं की.
संस्था ने पत्र में कहा है, ‘राज्य की उदासीनता का परिणाम (लड़के की) मौत के रूप में निकला. आरटीआई उपोगकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याओं की घटनाएं बिहार में बिना किसी भय के निरंतर जारी हैं.’

पत्र पर प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, निखिल डे, वेंकटेश नायक, पंक्ति जोग, डॉ. शेख, प्रदीप प्रधान, राकेश दुब्बुडू, आशीष रंजन, शैलेश गांधी, अमृता जौहरी, कात्यायनी चामराज, विपुल मुद्गल, भास्कर प्रभु, अजय जांगिड़, करुणा एम., चक्रधर, अभय जॉर्ज, रोली शिवहरे और अशोक कुमार के हस्ताक्षर हैं.

हस्ताक्षरकर्ताओं ने नीतीश कुमार से एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने का आह्वान किया है.
उन्होंने कहा है कि पुलिस और अधिकारियों की भूमिका की ठीक से जांच की जानी चाहिए और परिवार को तुरंत उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए.

एनसीपीआरआई ने बिहार सरकार से राज्य स्तरीय व्हिसलब्लोअर्स सुरक्षा क़ानून अपनाकर व्हिसलब्लोअर को सुरक्षा प्रदान करने की भी मांग की है.

उसने कहा कि क्योंकि केंद्र सरकार 2014 में संसद द्वारा पारित व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने में विफल रही है और अब तक क़ानून के तहत नियमों का ऐलान नहीं किया है, इसलिए जरूरी है कि राज्य सरकार पहल करे।

पुल चोरी मामले का हुआ खुलासा विभाग के इंजीनियर ही था शामिल

बिहार के रोहतास में 60 फुट लंबे लोहे के पुल की चोरी मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।जिसमें सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी अरविंद और गाड़ी के मालिक चंदन को भी गिरफ्तार किया है। वहीं पुल चोरी में इस्तेमाल किए गए गैस कटर और जेसीबी को भी बरामद कर लिया गया है।

नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर का है। आधे दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए आरा कैनाल पर ये पुल बना था। रोहतास में 60 फुट लंबा ये ऐतिहासिक पुल करीब 50 साल पुराना था।

पुल की चोरी मामले में पुलिस की माने तो इस चोरी में सासाराम सिंचाई विभाग का एसडीओ राधेश्याम सिंह ही इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड था। चौंकानेवाली बात तो ये रही कि राधेश्याम सिंह ने ही पुल चोरी की घटना की एफआईआर तक दर्ज कराई थी। पूरा मामला नासरीगंज प्रखंड के आदर्श ग्राम अमियावर का है। आधे दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए आरा कैनाल पर ये पुल बना था। रोहतास में 60 फुट लंबा ये ऐतिहासिक पुल करीब 50 साल पुराना था।

पुल चोरी मामले का हुआ खुलासा

पूरी साजिश सासाराम में तैनात सोन नहर अवर प्रमंडल, नासरीगंज के SDO राधेश्याम सिंह ने रची थी। राधेश्याम ने इसके लिए पूरी प्लानिंग की थी और एक स्थानीय RJD नेता को भी अपने साथ मिला लिया था, जिससे कोई बवाल न खड़ा हो पाए। ये आरजेडी नेता अमियावर गांव का ही रहनेवाला है और उसका नाम शिव कल्याण भारद्वाज है।

पुलिस ने इस दौरान पुल चोरी कांड में इस्तेमाल किए गए सामान, जिसमें बुलडोजर, पिकअप वैन, 247 किलो लोहा, दो गैस सिलेंडर और दो गैस कटर को भी बरामद किया। पुलिस के मुताबिक RJD नेता शिव कल्याण भारद्वाज ने अपराधियों को संरक्षण देने के बदले SDO से 10 हजार रुपये लिए थे।

इस साजिश के लिए राधेश्याम सिंह ने विभाग के कुछ कर्मचारियों को भी तैयार किया। इसके बाद तय समय पर जेसीबी, कटर वगैरह लेकर ये सब लोग मौके पर पहुंच गए। चुंकि वहां पर मौजूद सभी चोरों ने अपना परिचय सरकारी कर्मचारी और मजदूर के तौर पर दिया इसलिए उन्हें इस पुल को गायब करने में विरोध का सामना नहीं करना पड़ा। इसके बाद सारा माल लोड कर मौके से सभी आरोपी उड़न छू हो गए।

SSB ने भारत नेपाल सीमा पर दो नेपाली युवक को 15 ग्राम ब्राउन सुगर के साथ गिरफ्तार किया

मधुबनी । जयनगर बॉर्डर पर तैनात एसएसबी 18 वीं वाहिनी के जवानों के द्वारा बाईक सवार दो नेपाली नागरिक को ब्राऊन सुगर नशीला पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया गया।

एसएसबी के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सशस्त्र सीमा बल एसएसबी 18 वीं वाहिनी के जवानों के द्वारा भारत नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में सीमा स्तम्भ संख्या 268/02 के समीप भारतीय क्षेत्र में विशेष गस्ती दल के द्वारा पेट्रोलोनिंग के दौरान एक बाईक पर सवार दो व्यक्ति को भारत से नेपाल जाने के क्रम गस्ती पार्टी के द्वारा उस बाईक सवार से पूछताछ की गई और तलाशी लेते हुए जाँच की गई।

भारत नेपाल सीमा पर दो नेपाली युवक गिरफ्तार
भारत नेपाल सीमा पर दो नेपाली युवक गिरफ्तार

तलाशी के दौरान उस व्यक्ति के पास से पोटली बरामद हुआ। पोटली को खोल कर देखा और उसकी जाँच पहचान की गई तो ब्राउन सुगर बताया गया। पूछताछ के बाद हिरासत में लिए गए व्यक्तियों बरामद सुगर होने की बात कही गई।

बाईक सवार व्यक्ति से 15 ग्राम ब्राउन सुगर बरामद होने की जानकारी दी गई। ब्राउन सुगर समेत बाईक को जब्त कर दोनों व्यक्ति को एसएसबी कैम्प लाया गया पूछताछ की गई। दोनों आरोपी नेपाल सिरहा जिला मिर्चया निवासी नथु कामत का 24 वर्षीय पुत्र श्याम कुमार कामत और दूसरा आरोपी घौना मण्डल का 28 वर्षीय पुत्र उमेश मण्डल बताया जाता हैं।

एसएसबी के जब्त ब्राऊ अध्यक्ष ने बताया कि मामला दर्ज कर दोंनो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया हैं।

बिहार के सासाराम में पुल चोरी का अनोखा मामला आया सामने

सासाराम । रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र से एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। जहां चोरों ने लगभग 60 फीट लंबी एक लोहे के पुल को ही चुरा लिया।

बताया जाता है कि जर्जर और परित्यक्त हो चुके नहर पर बने पुल को सिंचाई विभाग के अधिकारी बन कर कुछ लोग आए तथा जेसीबी, गैस कटर से पूरे पुल को काट तथा उखाड़ कर वाहनों पर लाद कर लेते चले गए। जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर में आरा कैनाल नहर पर सन 1972 के आसपास बनाए गए लोहे के पुल को चोरों ने दिनदहाड़े चुरा लिया।

बताया जाता है कि विभागीय अधिकारी बन कर कुछ लोग जेसीबी, पिकअप वान, गैस कटर तथा गाड़ियां लेकर पहुंचे और 3 दिनों में काट काट कर पूरा ब्रीज़ ही गायब कर दिया। सबसे मजे की बात है कि सिंचाई विभाग के अधिकारी होने का झांसा देकर चोरों ने स्थानीय विभागीय कर्मियों की मदद भी ली और उनकी मौजूदगी में पूरा पुल ही चुरा लिया। आप तस्वीरों में देख सकते हैं किस प्रकार मजदूर लोहे के पुल के मलबे को ले जाकर पिकअप वैन पर लाद रहे हैं।

चोरी की घटना पर क्या कहना है ग्रामीणों का

बता दे की पिछले कई दशक से जर्जर हो जाने के कारण इस लोहे के पुल का लोग उपयोग लोग नहीं कर रहे थे। ऐसे में ग्रामीण स्कूल को हटाने के लिए आवेदन भी दे चुके थे। विभाग ने पुल के बगल में एक कंक्रीट की समानांतर पुल बना दिया था। वैसे भी पुल के लोहे की धीरे-धीरे चोरी हो रही थी। लेकिन पिछले तीन दिनों से धीरे धीरे काट काट कर इस पूरे पुल की चोरी कर ली गई और विभाग तथा ग्रामीण देखते रह गए।

पुल चोरी की जॉच करने एसपी पहुँचा घटना स्थल

लगभग 60 फीट लंबा और 12 फीट ऊंची यह पुल जब पूरी तरह चोरी हो गई, तब जाकर ग्रामीण तथा विभाग को समझ में आया कि वे लोग झांसे में पड़ गए हैं। जिसके बाद विभागीय अधिकारियों ने जाकर थाने में पुल चोरों के खिलाफ केस दर्ज कराया। लेकिन जिस तरह से दिनदहाड़े अपराधियों ने नहर पर बने लोहे का पूरा पुल चुरा लिया। यह कई सवाल खड़े करती है।

चोरी की घटना पर विभाग के अधिकारी और सासाराम के एसपी का क्या कहना है जरा आप भी सूने

चुकी ऐसी कहानी फिल्मों में मिलती है। लेकिन जिस तरह से नटवरलाल बन कर रोहतास के अमियावर में चोरों ने पूरा पुल को ही चुरा लिया। ये मामला कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम को शर्मिंदा करती हैं।

पटना के सड़कों पर मंत्री नितिन नवीन ने लगाया झाड़ू

रामनवमी को लेकर स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
महावीर मंदिर के आसपास के क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर लगाया झाड़ू

वार्ड 28 के पार्षद विनय कुमार पप्पू समेत सैकड़ों लोग इस अभियान में शामिल
पटना को साफ रखने का संदेश दिया जा रहा है
लोग अपने घरों के साथ आसपास के क्षेत्र के बीच सप्ताह का ध्यान रखें

Patna High Court: राज्य में अवैध शराब को बरामद कर नष्ट करने से हो रहे प्रदूषण और पर्यावरण पर पड रहे विपरीत प्रभाव के मामलें पर राज्य सरकार से जवाबतलब किया

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध शराब को बरामद कर नष्ट करने से हो रहे प्रदूषण और पर्यावरण पर पड रहे विपरीत प्रभाव के मामलें पर राज्य सरकार से जवाबतलब किया। जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने अर्जुन कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने कहा कि ऐसी कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित निर्देशों के जनादेश के खिलाफ है।इस मामलें पर ध्यान नहीं दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सलाहकार निकाय होने के नाते, बोर्ड के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे उन क्षेत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन करने के लिए सबसे पहले गंभीर कदम उठाएँ ।

राज्य के अधिकारियों द्वारा शराब को नष्ट किया जा रहा है ,उस पर ध्यान देने की जरूरत है। भारत का संविधान राज्य की जनता की सुरक्षा हेतु सभी उपाय करने का आदेश देता है।

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कोर्ट ने अवैध शराब नष्ट किए जाने से पर्यावरण पर इससे पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव , पारिस्थितिक असंतुलन और मानव जीवन के लिए ख़तरनाक होने के संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को 12 अप्रैल,2022 तक रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है ।

कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में शराब की तस्करी प्रतिबंधित है। यह केवल आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि इसकी तस्करी करने वाले आर्थिक अपराध के लिए उत्तरदायी हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 12 अप्रैल,2022 को होगी ।

उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करके हुआ आस्था के महापर्व चैती’छठ’ का समापन

छठ अकेली ऐसी पूजा है, जिसमें उगते हुए और अस्त होते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। अस्त होता सूरज जहां आपको कालचक्र के बारे में बताता है तो वहीं उगता सूरज नई सोच और ऊर्जा का प्रतीक है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए इन दोनों चीजों का होना बहुत ज्यादा जरूरी है। आपको बता दें कि आम से लेकर खास तक सभी ने पूरी श्रद्धा के साथ छठ पूजा की और अपने परिवार की खुशहाली के लिए सूर्य भगवान और छठ मैया से प्रार्थना की।

बगहा
आस्था के महापर्व चैती’छठ’ आज सुबह बगहा औऱ रामनगर छठ वर्ती महिलाओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने सुबह-सुबह ही घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। जिसके बाद उपवास रखने वाले व्रतियों ने छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ा। आपको बता दें छठ पूजा करने का उद्देश्य जीवन में सूर्यदेव की कृपा और छठ मैया का प्रेम-आशीष पाना है। सूर्य की कृपा से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है तो वहीं छठ मैया के आशीष से इंसान को सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

बेगूसराय
बेगूसराय में उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चार दिवसीय चैती छठ पर्व समाप्त हो गया। इस मौके पर बेगूसराय जिले के भी झमटिया गंगा घाटों पर छठ व्रतियों ने सूप के साथ  भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया।  चैती छठ व्रत को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है एवं छठ व्रतियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में लोग गंगा घाटों पर मौजूद हैं। जिले के कई पोखरों के साथ-साथ घरों पर भी लोगों ने लोक आस्था का पर्व चैती छठ को पूरे धूमधाम से मनाया। 4 दिनों तक चलने वाले इस छठ पर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य की उपासना कर छठ पर्व का समापन हो गया। छठ व्रतियों ने घर परिवार समाज और देश की समृद्धि की कामना की है।

गया जिला के विभिन्न घाटों पर चैती छठ पूजा सम्पन हो गया, उगते हुए सूर्य का पूजा जल, दूध, धूप फल समर्पित कर किया गया।

Patna High Court : दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामले पर सुनवाई की

पटना हाईकोर्ट ने दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामले पर सुनवाई की। इस मामलें 11 अप्रैल,2022 को पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को पटना हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित होंगे।

इस घटना के सिलसिले में वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ के समक्ष पूरी बात को रखा था। श्री शाही ने यह भी बताया कि उस रास्ते से राज्य के मुख्यमंत्री को जाना था। उसके बाद आज ही खंडपीठ ने इस मामले में दिए गए पत्र को आधार बनाते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया।

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राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पीड़ित अधिवक्ता की समुचित इलाज करवाने के लिए आश्वस्त किया है। सुनवाई के दौरान राज्य एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि इस तरह की घटनाएं बराबर घटती है, जो अच्छी बात नहीं है।

पत्र में कहा गया है कि जब पीड़ित अधिवक्ता नालंदा जिला अंतर्गत अपने जन्म स्थान चुलिहारी से पटना आ रहे थे ,तो दनियावां पुलिस द्वारा मारपीट की गई, जिसकी वजह से अधिवक्ता के दोनों कान बुरी तरह से घायल हो गए।पत्र में कहा गया है कि जब अधिवक्ता ने पटना के एसएसपी व दनियावां थाना के एसएचओ के समक्ष शिकायत करना चाहा ,तो दोनों ने शिकायत लेने से मना कर दिया।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 11 अप्रैल,2022 को होगी।

Patna High Court : पटना हाईकोर्ट में मानसिक रोग चिकित्सा के सिलसिले में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकार के गठन के मामलें पर सुनवाई हुई

पटना हाईकोर्ट में मानसिक रोग चिकित्सा के सिलसिले में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकार के गठन के मामलें पर सुनवाई हुई।चीफ जस्टिस संजय करोल एवं जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ में चीफ सेक्रेटरी ने हलफनामा दायर कर जानकारी दी कि राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकार का गठन कर दिया गया है।

ये जनहित याचिका आकांक्षा माविया ने दायर की हैं।कोर्ट को बताया गया कि प्राधिकार के पदेन सदस्यों व अन्य सदस्यों की नामित व बहाल करने की प्रक्रिया जारी हैं।

अपर महाधिवक्ता एस डी यादव ने कोर्ट को बताया गया कि प्राधिकार के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के रूप में शैलेन्द्र कुमार को नियुक्त किया गया है।

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साथ ही उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला में 272 बेड का अस्पताल बनाया जाना हैं।इसकी लागत 129 करोड़ रुपए होगी और 3 माह में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को अपर महाधिवक्ता एस डी यादव ने बताया गया कि राज्य के इकतीस जिलों मे ज़िला मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम प्रारम्भ हो गया हैं।साथ ही शेष आठ जिलों में इसे स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की सहमति मिल गई है।
मानसिक रोगियों के ईलाज के लिए 61 डॉक्टरों व 47 नर्सों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया हैं। मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के मामलें में एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने चार दिनों का समय देते हुए इस प्राधिकार को पूरी तरह से शुरू करने के लिए एक समय सीमा देने का निर्देश दिया था । इस मामलें पर आगे सुनवाई की जाएगी।

बिहार विधान परिषद के 24 सीटों का मतगणना आज दोपहर बाद परिणाम आने की है उम्मीद है

बिहार विधान परिषद के लिए पंचायती राज व्यवस्था से होने वाले चुनाव गिनती बिहार विधान सभा और लोकसभा के चुनाव की गिनती से बिल्कुल अलग होती है इस चुनाव में एक कल संक्रमणीय अनुपातिक मतदान के आधार पर विजेता का फैसला होता है एक मतदाता अपनी पसंद के एक से अधिक प्रत्याशी को वरीयता दे सकता है विधान परिषद के चुनाव में वोटरों के पास एक से ज्यादा प्रत्याशियों को वोट देने पहली दूसरी तीसरी पसंद जैसे विकल्प होते हैं वोटर को अधिकार होता है कि वह यह तय करता है कि किस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं और किसे कम।

BIHAR विधानपरिषद चुनाव
BIHAR विधानपरिषद चुनाव

उम्मीदवारों को जीत के लिए मिले कुल वैध मतों के 50% के अलावा कम से कम एक अधिक वोट लाना होता है प्रथम वरीयता के वोट किसी उम्मीदवार को यदि 50 फ़ीसदी से एक ज्यादा मिल गए तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है लेकिन इतने वोट किसी को नहीं मिले तो दूसरी वरीयता की गिनती शुरू होती है इसमें सबसे पहले प्रथम वरीयता के सबसे कम वोट पाने हमारे प्रत्याशी को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर दिया जाता है और उनके बैलेट पेपर में मिले दूसरी वरीयता के वोटों को संबंधित प्रत्याशियों के वोट में जोड़ दिया जाता है

वोट गिरने के दौरान पहली वरीयता के वोटों में पिछड़ कर दी किसी कैंडिडेट के जीतने की संभावना खत्म नहीं होती है वह मुकाबले में बना रहता है दूसरी वरीयता के वोटों के सहारे उसे जीत मिल सकती है इस प्रक्रिया में सामान्य मतगणना तीन गुना अधिक समय लगता है।

Supreme Court : मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा कर राहत दी है

सुप्रीम कोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा कर राहत दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डा रणजीत कुमार ने बताया कि साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजेन्द्र प्रसाद द्वारा पटना हाई कोर्ट में दायर अग्रिम जमानत व कार्यवाही को रद्द करने हेतु दायर अर्जियों पर आदेश की सूचना की तिथि से तीन सप्ताह के भीतर सुनवाई करने का आग्रह किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस बीच याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया है।

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राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध आई पी सी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश) / 420(जालसाजी) व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था। इसके पूर्व याचिकाकर्ता ने पटना हाई कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत हेतु याचिका भी दायर किया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए अर्जी भी दायर किया है।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की दलील थी कि उनकी अर्जियों पर सुनवाई बड़े पैमाने पर मुकदमों के लंबित रहने की वजह से नहीं सुना जा रहा है।

Patna High Court : राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में कोताही बरतने पर नाराज़गी जाहिर किया

पटना हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में कोताही बरतने पर नाराज़गी जाहिर किया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई की।

हाईकोर्ट ने सड़क निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख तथा भागलपुर के कार्यपालक अभियंता को 7 अप्रैल को तलब किया हैं। प्रणव कुमार झा द्वारा इस मामले को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया ।

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खंडपीठ ने आदेश दिया हैं कि दोनों अधिकारी 7 अप्रैल, 2022 को तीन बजे कोर्ट में सुनवाई के समय उपस्थित रहे। कोर्ट राज्य से गुजरने वाली बहुत सारी एन एच ( राष्ट्रीय राजमार्ग) के मामलों पर लगातार सुनवाई और मॉनिटरिंग कर रही हैं।

कोर्ट का मानना हैं कि राज्य की। जनता को यात्रा करने के लिए आरामदायक और अच्छी सड़के उपलब्ध हो।

इस मामले पर फिर 7अप्रैल, 2022 को सुनवाई होगी.

Patna High Court : सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गए पैसे का भुगतान को लेकर दायर की गई हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई हुई

पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये गए पैसे का भुगतान को लेकर दायर की गई हस्तक्षेप याचिकाओं पर सुनवाई की। जस्टिस संदीप कुमार ने इन मामलों पर सुनवाई की।

कोर्ट मे सुनवाई के दौरान सेबी के संबंधित अधिकारी कोर्ट में उपस्थित थे ।कोर्ट ने जब उनसे पूछा कि जितनी भी हस्तक्षेप याचिकाये हाईकोर्ट में दायर की गई है, उन्होंने उन याचिकाओं में से कितने याचिकाओं की छानबीन कर कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों को भेजा है ।इस पर सेबी की ओर से बताया गया कि उन्होंने अभी तक करीब 430 हस्तक्षेप याचिकाओं की जांच की है ।साथ ही अन्य याचिकाओं की जांच भी की जा रही है।

इस पर कोर्ट ने कहा कि आप जल्द से जल्द जांच कर संबंधित अधिकारी के पास इस मामले को भेज दें ,ताकि लोगों उनका पैसा लौटने की करवाई हो सके।

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कोर्ट ने कहा कि बिहार एक गरीब राज्य है और यहां की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो सहारा कंपनी द्वारा विभिन्न स्कीमों में अपने यहां जमा करवा कर रखा गया है और जमा कर्ताओं को भुगतान नहीं किया जा रहा है ,यह बहुत ही गलत है।

कोर्ट ने जब सहारा इंडिया के अधिवक्ता से पूछा तो उन्होंने कहा कि अगर सेवी 1000 करोड़ रूपया भी उन्हें दे देती है ,तो वह बिहार के निवेशकों का पूरा पैसा उससे लौटा देंगे।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सेबी को कहा है कि दो कंपनियों के पैसे को छोड़कर बाकी पैसा सेबी सहारा को लौटा दे, लेकिन सेबी ऐसा नही कर रहा है ।

उन्होंने कोर्ट को बताया की कोर्ट को बताया कि सहारा इंडिया के दो स्कीम सहारा हाउसिंग और सहारा रियल स्टेट में जमा किए गए पैसों को भुगतान करने के लिए अभी तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नही है।

कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में अगली सुनवाई तक आप जानकारी प्राप्त कर बताएं कि इन दो स्कीमों के बाद वाले स्कीमों का पैसा क्यों नहीं लौटाने का निर्देश सहारा के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को दिया जाय।

कोर्ट को इकोनामिक ऑफेंस यूनिट (ईओयू ) की ओर से बताया गया कि आम जनता का पैसा जमा कराने वाले निधि कंपनियों के खिलाफ 10 प्राथमिकी दर्ज कर जांच की गई है। इसमें जांच के बाद आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया गया है।5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।आगे भी कार्रवाई की जा रही है ।

इस मामले पर अब 20 अप्रैल को फिर सुनवाई होगी।

बिहार के रिमांड होम में चलता है देह व्यापार -थानेदार

पश्चिमी चंपारण के बैरिया थाने के SHO का एक ऑडियो वायरल हो रहा है. इसमें वह बालिका सुधार गृह की सच्‍चाई को बताने का दावा कर रहे हैं. मामले की जांच में ऑडियो सही पाए जाने पर अब बैरिया थानाध्‍यक्ष को निलंबित कर दिय गया है. बताया जाता है कि पीड़ित ने थानाध्‍यक्ष की बात को टेप कर उसे वायरल कर दिया.बेतिया (पश्चिम चंपारण). बिहार के पश्चिम चंपारण से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है.

बेतिया में बैरिया थानाध्‍यक्ष का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कथित तौर पर बालिका सुधार गृह की सच्‍चाई बता रहे हैं. ऑडियो के वायरल होने के बाद मामले की जांच करवाई गई. जांच में ऑडियो सही पाए जाने पर SHO को निलंबित कर दिया गया है.

इस ऑडियो में लड़की को घर ले जाने से इनकार करने वाले परिजनों को आरोपी थानाध्‍यक्ष बालिका सुधार गृह की हकीकत बता रहे हैं. इसमें बैरिया थानाध्‍यक्ष बता रहे हैं कि बाल‍िका सुधार गृह या रिमांड होम में बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग आते हैं और लड़कियों को ले जाते हैं. उनका यह ऑडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया.।

आरोपी बैरिया एसएचओ की पहचान दुष्‍यंत कुमार के तौर पर हुई है. वायरल ऑडियो में थानाध्‍यक्ष लड़की के परिजनों को नसीहत देते हुए बता रहे हैं कि रिमांड होम में लड़कियों के साथ अनैतिक काम होते हैं. इस ऑडियो के सोशल नेटवर्किंग साइट पर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई करनी पड़ी है. दरअसल, बैरिया थाना क्षेत्र के एक गांव से 25 मार्च को एक नाबालिग लड़की का अपहरण हो गया था.

अपहरण का आरोप बैरिया थाना के चौकीदार शम्भू साह के पुत्र सुधीर पर लगा था. परिजनों ने आवेदन दिया तो पुलिस ने आनाकानी करते हुए केस दर्ज नहीं किया. इसके बाद पीड़ित परिवार SP से मिला] तब जाकर मामले में केस दर्ज हुआ. इसके बाद पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया और न्यायालय में उसका बयान भी करवा लिया.।

परिजनों का लड़की को घर ले जाने से इनकार अब लड़की के घरवाले लड़की को अपने साथ नहीं ले जाना चाहते हैं. दूसरी तरफ पुलिस द्वारा जबरन लड़की को उसके घर भेजने के लिए दवाब बनाया जाने लगा. थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार ने पीड़ितों से कहा कि चौकीदार के पुत्र पर आरोप है तो वह चौकीदार का ही पक्ष लेंगे.

इस दौरान थानाध्यक्ष ने रिमांड होम की हकीकत बताकर लड़की के घरवावों को डराने का भी प्रयास किया, लेकिन लड़की के परिजन उसे अपने साथ नहीं ले जाना चाहते थे. बताया जाता है कि लड़की के परिजनों ने ही थानाध्यक्ष का ऑडियो रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया.ऑडियो वायरल होते ही एसपी ने मामले की जांच एसडीपीओ सदर मुकुल परिमल पांडेय से करवाई.

जांच में यह मामला सही पाया गया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया है. दरअसल, जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार लड़का-लड़की आपस में प्रेम करते थे और दोनों घर से भाग गए थे. पुलिस ने लड़की को बरामद कर लिया, लेकिन परिजन उन्‍हें घर नहीं ले जाना चाहते हैं. इस बीच, आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

बीजेपी की स्थापना दिवस आज

बचपन संघ के साथ ,कॉलेज ABVP के साथ और पत्रकारिता का एक बड़ा हिस्सा भाजपा के नेता और कार्यकर्ता के बीच गुजरा है ।

स्वभाविक है मेरा परिवार बिहार में संघ के स्थापक सदस्यो में एक थे ,काँलेज में ABVP की तरह व्यवस्थित दूसरा कोई छत्र संगठन नहीं था ,पत्रकार बने तो उस समय बीजेपी विपंक्ष में थी,सत्ता और सरकार के खिलाफ कार्यक्रम और आंदोलन करने के मामले में इनका जोड़ा नहीं है ।आंदोलन में लोग जुटे या ना जुटे मीडिया में बेहतर कभर कैसे हो इसके गुर में ये माहिर होते थे ।

इस वजह से बीजेपी का गाँव का कार्यकर्ता हो या फिर राष्ट्रीय नेता हो आप इसके आलोचक ही क्यों ना हो व्यक्तिगत रिश्ता हमेशा बना कर रखते थे ।

हालांकि बीजेपी जब से सत्ता में आयी इनकी मीडिया से पहले जैसी जरुरत नहीं रही फिर मोदी के बाद तो मीडिया से तो ये दुश्मनी साधने लगे ।

लेकिन 40 से उपर वाले इनके नेता और कार्यकर्ता में अभी भी वो भाव बची हुई है ,इन सबों में विपंक्ष में होने का एहसास अभी भी मिटा नहीं है वैसे सोशल मीडिया वाली आक्रमकता फिल्ड में देखने को नहीं मिलता है आंख में पानी है लेकिन पहले जैसा घार अब कार्यकताओं में नहीं है ,चाल चरित्र और चेहरा की बात अब बस कहने के लिए रह गया ।

Patna High Court : पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई हुई

पटना हाई कोर्ट ने पटना के गाय घाट स्थित आफ्टर केअर होम की घटना के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने बताया कि इस मामलें की जांच 4 सप्ताह में पूरी कर ली जाएगी।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अनुसंधान को डी एस पी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से कराने का निर्देश दिया था।राज्य सरकार द्वारा इस मामलें की जांच 4 सप्ताह में पूरी कर कोर्ट के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया जाएगा।

पहले की सुनवाई में कोर्ट का यह भी कहना था कि बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज ऑथोरिटी, यदि पीड़िता को जरूरत हो ,तो जो मदद हो सके पीड़िता को उपलब्ध करवाए। कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने अपने हलफनामा को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा था, जिसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी, 2022 का बयान भी शामिल हो।

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राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि दोनों पीडितों की ओर से महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। एक का पी एस केस नंबर – 13/2022 है और दूसरे का पी एस केस नंबर -17/ 2022 दर्ज कर लिया गया है।

पीड़िता की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई। महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिये गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है। उनका कहना था कि पीड़िता ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही है।
हाई कोर्ट इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है।हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मोनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है।

कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया था।

केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं।इस मामलें पर चार सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी।

Patna High Court : गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई सम्पत्ति समेत अन्य अवरोधो को हटाने के मामलों पर सुनवाई हुई

पटना हाईकोर्ट ने गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई सम्पत्ति समेत अन्य अवरोधो को हटाने के मामलों पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता शिल्पी केशरी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना के सभी पुलिस स्टेशन में जब्त वाहनों का ब्यौरा तलब किया है।

कोर्ट ने कल गाँधी मैदान थाना में जब्त वाहनों को हटाने के अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की।कोर्ट ने डी जी पी,बिहार को 24 घंटों में गाँधी मैदान थाना से सभी अवरोध हटाने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने सभी जब्त वाहनों के बारे में पूरी जानकारी मांगते हुए ये भी बताने को कहा कि अबतक इन वाहन जब्ती मामलों में क्या कार्रवाई की गई हैं।

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि पटना के गाँधी मैदान के आस पास पार्किंग स्थल को छोड़ कर और कहीं भी गाड़ी पार्क नहीं किया जाएगा।

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अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने कोर्ट को बताया कि आज गाँधी मैदान थाना से जब्ती की वाहनों को भले हटा दिया गया है, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर वहीं हालत हो जाएगी।कोर्ट द्वारा इसके निरंतर मॉनिटरिंग की जरूरत हैं।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को पटना हाईकोर्ट ने गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई संपत्ति समेत सभी अवरोधों को दो सप्ताह में हटाना सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।

याचिकाकर्ता अधिवक्ता शिल्पी केशरी ने कल डी जी पी, बिहार के द्वारा दायर हलफनामे पर आपत्ति की।उन्होंने कोर्ट को बताया कि अब तक गाँधी मैदान थाना में जब्त की गई कई गाडियां और अन्य संपत्ति पड़ी हुई है।उन्होंने फोटो के जरिये सबूत भी दिया।उन्होंने बताया कि पटना के अगमकुआं,कंकड़बाग़, पत्रकार नगर समेत अन्य कई थानो की ऐसी ही स्थिति हैं।

कोर्ट ने इस मामलें को काफी गम्भीरता से लेते हुए कल ही डी जी पी, बिहार को चौबीस घंटों के भीतर कार्रवाई कर कोर्ट के समक्ष कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इस स्थान की खूबसूरती के कारण इसे पटना का गौरव और ज्वेल की संज्ञा दी थी।इस मामलें पर अगली सुनवाई 9 अप्रैल,2022 को होगी।