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पटना हाईकोर्ट ने राज्य के उत्पाद कोर्ट के बुनियादी सुविधाओं के नहीं होने और विकास के मामले पर सुनवाई की

जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ ने इस मामलें पर सुनवाई उत्पाद कोर्ट समेत अन्य कोर्ट में बुनियादी सुविधाओं के अभाव पर कड़ा रुख अपनाया।

कोर्ट ने कहा कि राज्य में उत्पाद क़ानून से सम्बंधित मामलें बड़ी संख्या में सुनवाई के लिए लंबित हैं।लेकिन उत्पाद कोर्ट के गठन और सुविधाएं उपलब्ध कराने की रफ्तार धीमी हैं।

कोर्ट ने उत्पाद कानून में राज्य सरकार द्वारा किये गए संशोधन की प्रति अगली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष रखने को कहा।

राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने पक्ष प्रस्तुत हुए कहा कि इस सरकार द्वारा शराब पर लगे प्रतिबन्ध को नहीं हटाया जाएगा।उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने हाल में ही व्यवहारिक कठिनाई को देखते हुए इस क़ानून में संशोधन किया हैं।

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उन्होंने कोर्ट को बताया कि उत्पाद कोर्ट के गठन,जज,कर्माचारियों की नियुक्ति और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातर कार्रवाई कर रही है।

उन्होंने बताया कि सामान्य और उत्पाद कोर्ट के जुडिशियल ऑफिसर को बुनियादी सुविधाएं, पेय जल,शौचालय,बैठने व कार्य करने का स्थान उपलब्ध कराया जा रहा हैं।साथ ही उन्हें लैपटॉप भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

कोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा था कि सीबीआई, श्रम न्यायलयों व अन्य कोर्ट के लिए अलग अलग भवन की व्यवस्था है,तो उत्पाद कोर्ट के लिए अलग भवन की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है।

महाधिकवक्ता ललित किशोर ने राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कोर्ट को बताया था कि सभी 74 उत्पाद कोर्ट के लिए जजों की बहाली हो चुकी हैं।साथ ही 666 सहायक कर्मचारियों की बहाली के लिए स्वीकृति दे दी गई हैं।

उन्होंने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार इन उत्पाद कोर्ट के एक फ्लोर उपलब्ध कराने की जाने की व्यवस्था की जा रही। सही ढंग से के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत हैं।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 27 अप्रैल,2022 को की जाएगी।

तेलिहार ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए हुआ चयन

सरकारी योजनाओं का कार्य बेहतर होने को लेकर हुआ चयन खगड़िया जिले के बेलदौर प्रखंड के तेलिहार ग्राम पंचायत को भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2022 के लिए चयनित किया है।

बिहार सरकार के सात निश्चय योजना, मनरेगा, आवास योजना समेत अन्य योजनाओं का काम पंचायत में बेहतर तरीके से होने को लेकर पंचायत का चयन हुआ है।

लिहाजा ग्राम पंचायत के मुखिया अनिल कुमार सिंह को राष्ट्रीय पंचायत दिवस के मौके पर आगामी 24 अप्रैल को पंचायती राज मंत्रालय के द्वारा PFMS के माध्यम से प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया जाएगा। ईधर तेलिहार पंचायत को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के लिए चयन होने पर जिले के डीएम डॉक्टर आलोक रजंन घोष ने खुशी जाहिर किये हैं।

और पंचायत के मुखिया अनिल कुमार सिंह को बधाई देते हुए उम्मीद जाहिर किये हैं आगे भी पंचायत का विकास होते रहे और पंचायत वासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ शत-प्रतिशत मिलता रहे।वन्ही मुखिया अनिल कुमार सिंह ने कहा कि यह सम्मान पूरे पंचायत वासियों का है।मुझे काम करने की अब और प्रेरणा मिलेगी।

पेड़ के अंदर से निकली मूर्तियां, स्थानीय लोग बताते हैं सैकड़ों साल पुरानी

जीवन के अनुभवों के आधार पर आस्था निर्मित होती है। आम इंसान उसी में विश्वास कर लेता है, जिसके विषय में पूर्वज उसे सुनाते हैं। विश्वास मनुष्य की मूल प्रकृति है, जबकि आस्था उसके संस्कारों का परिणाम होता है।

आस्था और विश्वास का एक ऐसा ही पेड़ है, जहानाबाद के रतनी प्रखंड में जहां दूर दूर से पूजा करने लोग आते हैं। जहानाबाद से 20 किलोमिटर जिला का सबसे दक्षिणी इलाका रतनी फरीदपुर। इसी प्रखंड में है कंटाही बिगहा। इस गांव का एक बरगद का पेड़ लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। पेड़ के अंदर पत्थर की आकृतियां हैं। जिसकी पूजा करने लोग दूर दूर से आते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि बरगद का पेड़ सैकड़ों साल पुराना है। जिसके अंदर शिव परिवार की मूर्तियां हैं।

महादेव शिव शंकर के दो रूपों में पूजा की जाती है। एक मूर्ति रूप में दूसरी शिवलिंग के रूप में। उनके मंदिर शहर, गांव और कस्बे हर जगह मिलेंगे। वैसे तो दोनो स्वरूपों की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है लेकिन शिवलिंग की पूजा सर्वश्रेष्ठ होती है।
कंटाही बिगहा में भी आस्थावान अपनी मन्नत पूरी होने पर पहुंचते हैं। और शिवलिंग के साथ ही पूरे शिव परिवार की पूजा करते हैं।

चाय बेचनी वाली बिहारन

पटना वीमेंस कॉलेज के बाहर चाय बेचने की शुरुआत करने वाली प्रियंका गुप्ता आजकल मीडिया के लिए हांट केक बनी हुई है एक सप्ताह में जितनी कप चाय नहीं बेच पायी है उससे कही अधिक अभी तक मीडिया को इंटरव्यू दे चुकी है हाल यह है कि वीमेंस कांलेज के रास्ते से गुजरने वाला हर कोई एक नजर उस चाय बेचने वाली को देखना चाहता है वैसे उसका कहना है कि जब देश में इतने सारे चायवाला हैं तो क्यों कोई चायवाली नहीं हो सकती.

उन्होंने कहा, ‘मैंने 2019 में अपना स्नातक किया लेकिन बीते 2 सालों में कोई नौकरी नहीं मिल पाई. जिसके बाद कुछ अलग कर आत्मनिर्भर होने की बात सोची.’

उन्होंने कहा, ‘मेरे ऊपर से अब बेरोजगार का टैग हट गया है. अब खुद से रोजगार पाने वाले का टैग लग गया है.’
गुप्ता ने वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन किया है. वो बिहार के पूर्णिया की रहने वाली हैं.
हालांकि गुप्ता ने जिस अंदाज में अपनी चाय की दुकान की शुरुआत बीते हफ्ते की है, वो सभी का ध्यान खींच रही हैं.

गुप्ता ने पोस्टर में लिखा है- ‘लोग क्या सोचेंगे अगर ये भी हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे ‘. वहीं पोस्टर में उन्होंने अपने इस कदम को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एक पहल बताया है.

ग्राहकों का ध्यान खींचने के लिए उनका टैगलाइन है- पीना ही पड़ेगा. वहीं वो कहती हैं कि सोच मत…चालू कर दे बस.

जीतनराम मांझी के पुत्र मंत्री संतोष कुमार सुमन अपने पिता के बातों से नही रखते है इतेफाक

जहानाबाद ।हम पार्टी के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन अपने पिता के बातों से इतेफाक नही रखते है।

आरक्षण और धार्मिक जुलूस को लेकर दिये गए पिता की बातों से अपने को अलग करते हुए कहा कि सबको अपनी अपनी बात रखने का संविधान में अधिकार है उनकी राय अलग है मेरी राय अलग है मंत्री संतोष कुमार सुमन हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार जहानाबाद सर्किट हाउस पहुंचे थे।

जीतन राम मांझी ने क्या कहा था

दरअसल में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भगवान राम ,आरक्षण और धार्मिक जुलूस पर प्रतिबंध लगाने सहित कई बयान देकर गठबंधन सरकार में असहज स्थिति लाते रहते है।

जीतनराम मांझी ने हाल में देश मे बढे साम्प्रदायिक तनाव को लेकर धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने की मांगकर अपरोक्ष रूप से बीजेपी पर हमला बोला था। मांझी अक्सर NDA की लाइन से अपना स्टैंड रखते हुए राजनीति सरगर्मी बनाए रखते है।

सबको साथ लेकर चलने में रखते है विश्वास

इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी मीडिया के सवाल के जवाब में जीतन राम मांझी के बयान से असहज की स्थिति है पर संतोष कुमार सुमन ने कहा कि संविधान के तहत सबको बोलने का अधिकार है। और यह उनका व्यक्तिगत मामला है, इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते है ।

उन्होंने यह भी कहा कि वे सबको साथ लेकर चलने में विश्वास रखते है । बहरहाल मंत्री संतोष कुमार सुमन जहानाबाद के प्रभारी मंत्री भी है और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनकी बातों के अलग राजनीति निहितार्थ निकाले जा सकते है

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार बेगूसराय में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की

बेगूसराय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर भारत सरकार के मंत्रियों को जिलों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए भेजा गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार बेगूसराय पहुंचे‌।

बेगूसराय में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने समाहरणालय स्थित कारगिल भवन में विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा बैठक की जिसके बाद सदर प्रखंड के मोहनपुर विद्यालय का भ्रमण किया इसके साथ ही प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण किया। इसके बाद समाहरणालय स्थित कारगिल भवन में प्रेस वार्ता कर शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने कहा कि बेगूसराय में सभी विकासआत्मक योजना सही से चल रही है और जिससे बेगूसराय का विकास होगा।

बेगूसराय में शिक्षा, कृषि , समेत पांच बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया। बेगूसराय में जल्द ही 600 बेड का मेडिकल कॉलेज का निर्माण होगा उसकी प्रक्रिया चल रही है। शिक्षा के क्षेत्र में प्राइमरी सेकेंडरी और कॉलेजों में इसमें सारे लोग लगे हुए हैं‌ विद्यालयों में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर विद्यांजलि पोर्टल चालू किया गया है जिसमें स्कूलों को जो जरूरत है उसमें वह दर्ज कर सकते हैं। कृषि में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिला है, पशुपालन में विस्तार के लिए सेक्स शॉर्टेज सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री सड़क योजना में काफी काम किया जा रहा है जन धन योजना में खातों को रेगुलर करने से काफी लाभ लोगों को मिल रहा है। वही मोहनपुर स्कूल में भ्रमण के बाद कहा कि स्कूल काफी अच्छा लगा जहां बच्चों और शिक्षकों में काफी तालमेल था और वहां शौचालय में एक पोस्टर चिपकाया जो जिसमें पानी का उपयोग करें दो बार उपयोग से पहले और उपयोग के बाद यह बेहतरीन लगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेगूसराय में बेहतरीन कार्य किए जा रहे हैं जिससे बेगूसराय का विकास होगा

पटना हाई कोर्ट ने सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान से सिविल डिप्लोमाधारियों को 40 फीसदी आरक्षण का लाभ देते हुए निकाले गये रिजल्ट को रद्द कर दिया

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने विनीत कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की।

कोर्ट ने विज्ञापन संख्या 01/ 2019 के अंतर्गत निकाले गए सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया। खंडपीठ ने माना कि राज्य सरकार द्वारा संचालित पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा पास किये अभ्यर्थियों को चालीस फीसदी आरक्षण देना सही नहीं था।

खंडपीठ ने फिर से मेरिट लिस्ट तैयार कर रिजल्ट देने का आदेश दिया है। इस विज्ञापन के तहत 6379 कनीय अभियंता (असैनिक/ यांत्रिक/ विद्धुत ) की बहाली होनी थी।

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याचिककर्ता की वरीय अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने बताया कि इस प्रकार से बनाया गया नियम भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 व 16 (4) का उल्लंघन है। साथ ही साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीविका के अधिकार को भी प्रभावित करता है।

याचिका में ये कहा गया कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा 8 मार्च, 2019 को निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/2019 के क्लॉज़ 4 (iv)(के) को रद्द किया जाए।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सवाल किया है कि अब रामनवमी का जुलूस पाकिस्तान में निकाला जाएगा क्या?

कटिहार । देश के कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान धार्मिक जुलूस पर हुए हमले की घटनाओं पर बीजेपी के फायर ब्रांड लीडर और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने है कि यह देश में गंगा जमुनी तहजीब के दावे के विपरीत है। उन्होंने सवाल किया है कि अब रामनवमी का जुलूस पाकिस्तान में निकाला जाएगा क्या?

Giriraj Singh


गिरिराज ने आगे कहा आजादी के बाद देश में बड़ी संख्या में मस्जिद बनाई गई और मुसलमानों की आबादी में कई गुना बढ़ोतरी हुई। लेकिन कहीं से भी इस पर कोई विरोध दर्ज नहीं कराया गया। लेकिन, इसी दौरान पाकिस्तान में बड़ी तादाद में मंदिरों को तोड़ दिया गया और वहां की हिंदू आबादी अब विलुप्त होने के कगार पर है। बीजेपी नेता ने कहा कि अब धैर्य जवाब दे रहा है।

पटना हाईकोर्ट में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दयनीय हालत के सम्बन्ध में सुनवाई की

अर्कीलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक पटना स्थित राजेंद्र स्मृति 1 और 2 का पटना के डी एम के साथ जायजा ले कर कल कोर्ट को रिपोर्ट करेंगे। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता विकास कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि बिहार विद्यापीठ परिसर में सभी गैर कानूनी अतिक्रमण को हटा दिया गया।साथ ही बिहार विद्यापीठ के प्रबंधन का जिम्मा पटना के प्रमंडलीय आयुक्त को सौंपा गया है।

कोर्ट को यह भी बताया गया था कि जमाबंदी रद्द करने की प्रक्रिया चल रही है।कोर्ट ने पिछली सुनवाई में डी एम, पटना को पटना स्थित बिहार विद्यापीठ के भूमि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि बिहार विद्यापीठ के चारदीवारी के भीतर की भूमि राष्ट्र की धरोहर है, न कि किसी निजी संपत्ति।

कोर्ट ने डी एम, पटना को बिहार विद्यापीठ की भूमि का विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।साथ ही यह भी बताने को कहा था कि बिहार विद्यापीठ की भूमि पर कितना अतिक्रमण है और इससे सम्बंधित कितने मामलें अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित हैं।

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याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार ने कोर्ट को बताया कि पटना स्थित बांसघाट के सौंदर्यीकरण के लिए ढाई एकड़ भूमि ज़िला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराने की बात कही गई थी।

वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया था कि कोर्ट ने ए एस आई के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय निर्देश और पटना ए एस आई के अधीक्षक को कोर्ट ने जीरादेई जा कर विकास की संभावना पर विचार कर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

जीरादेई स्थित रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के लिए रेलवे और राज्य सरकार ने सहमति दे दी।कोर्ट ने इस सम्बन्ध में रेलवे को आगे की कार्रवाई के लिए दो सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल,2022 को होगी।

2024 से पहले राजनाथ सिंह को निपटाने कि तैयारी तो नहीं है कुंवर सिह की जंयती से राजपूता नेताओं को अलग रखना

महात्मा गांधी को छोड़ दे तो देश के तमाम महापुरुषों को या तो राजनीतिक पार्टियां याद करती हैं या फिर उनके बिरादरी के लोग याद करते हैं। राजनीतिक दल के याद करने के पीछे भी कही ना कही महापुरुषों के सहारे उनके जाति को ही साधना रहता है।
बीजेपी भारतीय राजनीति में वर्षो ले चली आ रही इस नैरेटिव को अमृत महोत्सव कार्यक्रम के सहारे बदलना चाह रही है और प्रयोग के तौर पर बिहार में 23 अप्रैल को वीर कुंवर सिंह की जयंती के मौके पर उनके जन्मस्थली जगदीशपुर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है ।इस कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेवारी नित्यानंद राय दो दी गयी है ।

कार्यक्रम सफल हो इसके लिए बीजेपी के तमाम विधायक और विधान पार्षद को दो सौ गांड़ी लाने की जिम्मेवारी दी गयी है वही सभी मंत्री को कार्यकर्ता के लाने ले जाने से लेकर ट्रैफिक व्यवस्था बहाल रखने तक की जिम्मेवारी दी गयी है कहा ये जा रहा है कि इस मौके पर तीन लाख तिरंगा फहराया जायेगा ताकी इस सभा का नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज हो सके उसी स्तर की तैयारी भी चल रही है ।इस मौके पर खास तौर पर राजपूत नेता को अलग रखा गया है और इस कार्यक्रम में अमित शाह मुख्य अतिथि होंगे।

जानकारों का मानना है कि इसके पीछे दो वजह है एक तो बीजेपी जातिगत राजनीति को राष्ट्रवाद के सहारे साधना चाह रही है दूसरा राजनाथ सिंह को 2024 के चुनाव से पहले निष्प्रभावी बनाना

1—रणनीति के तहत राजपूत नेताओं को इस कार्यक्रम से दूर रखा गया है
बिहार में वीर कुंवर सिंह की जयंती राजद ,जदयू और भाजपा तीनों मनाती रही है और उन्हीं की जयंती के सहारे सभी राजनीतिक दल राजपूत वोट को साधने के कोशिश करते रहे हैं लेकिन बीजेपी ने इस पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा इस तरह से तैयार किया है कि वीर कुंवर सिंह की जयंती बीजेपी मना रही है राजपूत नहीं यह संदेश लोगों के बीच पहुंचे ताकी आने वाले समय में राजपूत के बड़े नेता को उसके अपने विरादरी में राष्ट्रवाद के सहारे नेपथ्य में पहुंचाया जा सके और यही वजह है कि राजनाथ सिंह को इस कार्यक्रम से पूरी तौर पर अलग रखा गया है ,

इतना ही नहीं आर0के0सिंह जो स्थानीय सांसद हैं उन्हें भी मुख्य जिम्मेवारी से दूर रखा गया है, कहा ये जा रहा है कि बीजेपी के इस रणनीति को भापते हुए ही औरंगाबाद सांसद सपरिवार होम कोरेन्टीन हो गये हैं ।कहां ये जा रहा है कि राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह की सक्रियता को नियंत्रित करने के लिए अमित शाह खुद उनके मेडिकल में जाने कि स्वीकृति दिये हैं,इतना ही नहीं आरा ,सासाराम.औरंगाबाद जिले से जो राजपूत विधायक और विधान पार्षद है उन्हें भी इस कार्यक्रम से दूर रखा जा रहा है। भले ही मंच पर राजपूती शान दिखे लेकिन मंच पर राजपूत नेता कम से कम दिखे इसकी कोशिश अभी से ही चल रही है।

2–2024 से पहले राजनाथ सिंह को निपटाने की है तैयारी
बीजेपी की राजनीति पर नजर रखने वाले विद्वानों का मानना है कि भारतीय राजनीति में जाति को नकारा नहीं जा सकता है ,भ्रष्टाचार ,आतंकवाद,हिन्दू मुसलमान और भारत पाकिस्तान के सहारे मोदी और शाह 2014 और 2019 का चुनाव तो जीत लिये लेकिन 2024 में इन मुद्दों पर चुनाव जीतना सम्भव नहीं है ऐसा साफ दिख रहा है ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में जाति का नैरेटिव लौट सकता है जो मोदी और शाह को सूट नहीं करता है क्यों कि मोदी के साथ आक्रमक हिन्दू नेता की छवि है लेकिन शाह की ना तो ऐसी छवि है और ना ही वो हिन्दू हैं।

कहा जा रहा है कि एक बार संघ के बैठक में योगी इस मुद्दा को उठा भी चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि देश का अगला पीएम तो अल्पसंख्यक ही बनेगा जिसको लेकर पूरे बैठक में मौजूद लोग योगी के तरफ देखने लगे थे और फिर योगी ने कहा था शाह तो जैन हैं और नरेंद्र भाई की इच्छा है कि शाह उनका उत्तराधिकारी बने ऐसे में देश का अलगा पीएम तो अल्पसंख्यक ही बनेगा ना।

कहा जाता है कि इस बैठक के बाद ही योगी और शाह के बीच दूरिया लगातार बढ़ती चली गयी और योगी के फिर से यूपी के मुख्यमंत्री बनने से शाह को कुछ ज्यादा ही परेशान है। यूपी की राजनीति को करीब से देखने वाले को पता है कि यूपी के चुनाव में किस तरह राजनाथ सिंह योगी के पीछे खड़े थे ।

ये सारा खेल राजनाथ सिंह की घेराबंदी के लिए खेला जा रहा है राजनाथ सिंह जिनके साथ बीजेपी के हिन्दी प्रदेश के अधिकांश बड़े नेता अभी भी खड़े हैं ऐसे में 2024 में गठबंधन की सरकार बनने कि स्थिति बनी तो राजनाथ सिंह मोदी और शाह दोनों के लिए परेशानी खड़े कर सकते हैं फिर राजनाथ सिंह 2024 के लोकसभा चुनाव में मार्गदर्शक मंडल वाली उम्र में भी नहीं पहुंच रहे हैं।

शाह और उनकी टीम राष्ट्रीय स्तर पर राजपूत की राजनीति को कैसे कमजोर किया जा सके इसकी कोशिश यूपी में भी किया और अब बिहार में वीर कुंवर सिंह की जयंती के सहारे करने कि है ऐसा राजनीति पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है ये कितना सफल होगा या फिर शाह की यह रणनीति बैक फायर करता है यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि 2024 का बिसात बिछ चुका है और अभी से ही बीजेपी के अंदर ही शह मात का खेल शुरू हो गया है ।

पटना हाईकोर्ट ने भूमि विवाद में प्राथमिकी दर्ज नही करने पर पटना जिला के दानापुर स्थित शाहपुर थाना के थानाप्रभारी को कड़ी फटकार लगाई

कोर्ट ने अदालत में उपस्थित शाहपुर के थाना प्रभारी से पूछा कि भूमि विवाद में उनके द्वारा प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई।

मामला सेवानिवृत्त जिला जज के जमीन पर एक महिला सब इंस्पेक्टर के पति द्वारा कब्जा किये जाने से संबंधित है।इस बात की शिकायत मिलने के बाद भी थानेदार ने कार्रवाई करना तो दूर, प्राथमिकी भी दर्ज नही किया।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस अपना काम करने के बजाय असमाजिक तत्वों को प्रश्रय देने का काम कर रही हैं ।कोर्ट ने दानापुर के एएसपी के मौजूदगी में थानेदार से कई सवाल किया।

कोर्ट का कहना था कि एक खास आदमी के लोगों से ही निर्माण सामग्री खरीदने का दबाब थानाप्रभारी द्वारा दिया जाता हैं।निर्माण सामग्री नहीं खरीदने पर निर्माण कार्य बाधित कर दिया जाता हैं।

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पुलिस को शिकायत किये जाने पर पुलिस उल्टे शिकायतकर्ता पर ही कार्रवाई करती हैं।कोर्ट का कहना था कि भले ही कोई कितना भी बड़ा क्यों ना हो कानून के सामने सभी एक समान हैं,सभी को कानून का पालन करना होगा।

कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आम जनता को तंग करने की बजाय उन्हें सहयोग करें।कोर्ट में उपस्थित वकीलों ने कहा कि पुलिस सबसे ज्यादा वकील को तंग करती हैं, जबकि वकील ही उन्हें कानूनी पेंच से बाहर निकालते हैं।कोर्ट ने पुलिस के अधिकारियों से कहा कि पुलिस भूमि9 विवाद को हल्के में लेना बंद करें और भूमि विवाद की जानकारी मिलने पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर करवाई शुरू करे।

कोर्ट ने एएसपी को कहा कि अगली तारीख पर वे इस मामले से संबंधित पूरा रिपोर्ट कोर्ट को दें। इस मामले पर अगली सुनवाई 18 मई को फिर की जाएगी।

बिहार एडवोकेट्स एक्शन फोरम के नाम से वकीलों की एक 21 सदस्यीय गैर राजनीतिक समिति का गठित किया गया

राज्य के अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ मांगो को पूरा करने के लिए बिहार एडवोकेट्स एक्शन फोरम के नाम से वकीलों की एक 21 सदस्यीय गैर राजनीतिक समिति का गठित किया गया है। पटना हाई कोर्ट के एडवोकेट्स एसोसिएशन के लाइब्रेरी में ये बैठक हुई थी।

एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरोय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा व अवधेश कुमार पांडेय ने कहा कि कोविड काल मे ज्यादातर अधिवक्ताओं की स्थिति बद से बदतर हो गई है। अधिवक्ताओ के हित में अधिवक्ता का कोई भी संगठन प्रभावी रूप से काम नहीं कर रहा है।

इन अधिवक्ताओ ने कहा कि मई माह से वकील बैज लगाकर विरोध दर्ज करेंगे।

यदि इससे अधिवक्ताओ की मांगे नहीं मानी गई, तो आगामी जून महीने में प्रदर्शन किया जाएगा।

अधिवक्ताओं की मुख्य मांगों में अधिवक्ताओं के कल्याणार्थ न्यायालय परिसर में सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रति वर्ष सरकार के बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान करना, एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट बनाना, पेंशन योजना, नए अधिवक्ताओं के लिए स्टाइपेंड को देना शामिल हैं।इसके साथ ही न्यायमित्रों को नियमित मानदेय भुगतान, हाईकोर्ट में आयोग के जरिये जजों की नियुक्ति व वकीलों को आयुष्मान योजना से जोड़ना शामिल है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, कुल 26 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मोहर लगी है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 26 महत्वपूर्ण एजेंडों पर मोहर लगी है।

सम्राट अशोक जयंती को राजकीय समारोह का दर्जा।

चैत शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन मनेगी जयंती।

सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में मनेगी राजकीय समारोह।

बिहार नगरपालिका निर्वाचन संसोधन 2022 की स्वीकृति।

मेयर और डिप्टी मेयर की सीधे निर्वाचन होंगे।

जमुई के तत्कालीन सिकंदरा CO धर्मेंद्र कुमार भारती बर्खास्त।

राजस्व सेवा के अधिकारी मनोज झा को जबरन सेवानिवृति।

बांका में तैनात है मनोज झा।

ITI में 118 पदों का सृजन।

अनुदेशक का पद सृजित।

बाबा केवल स्थान मेला समस्तीपुर को राजकीय मेला का दर्जा।

समस्तीपुर अमर सिंह हजरत शिउरा को राजकीय दर्जा।

CM Nitish Kumar
CM Nitish Kumar

बिहार सरकार कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारी मनोज कुमार झा जो बांका में पदस्थापित हैं उन्हें 3 महीने पूर्व ही सेवानिवृत्ति करने पर स्वीकृति मिली है। प्रभारी अंचल अधिकारी धर्मेंद्र कुमार जो जमुई में पदस्थापित हैं उन्हें बर्खास्त किया गया है।

बिहार के 18 वर्ष से 59 वर्ष तक के सभी लोगों को कोविड-19 का निशुल्क प्रिकॉशन डोज दिया जाएगा जिसके लिए 1314.15 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। राज्य के 2 जिलों में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल का निर्माण होगा जिसके लिए 12073600000 रुपए की स्वीकृति हुई है।

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में क्या रहा खास

जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, 127 लोगों की सुनी समस्यायें, अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश

पटना, 18 अप्रैल 2022 मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 127 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर विभाग, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग, विधि विभाग तथा जीविका से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुयी।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में रोहतास से आये एक व्यक्ति ने मनरेगा में अनियमितता की शिकायत की। वहीं वैशाली जिले के पातेपुर के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास मिलनेवाली सूची में नाम होने के बावजूद उसे आवास नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

शिवहर से पहुंचे एक फरियादी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके महादलित टोला का

सड़क, मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा गया है, इसके कारण मुख्य सड़क तक जाने में काफी कठिनाई होती है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका जिले के बेलहर से आए एक बुजुर्ग जे०पी० सेनानी ने कहा कि बिना अनुमति के उनकी जमीन के बीच में तीन बिजली का पोल लगा दिया गया है। थाना में भी कई बार आवेदन देने के बाद भी मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

• शिवहर जिले के विश्वम्भरपुर के एक व्यक्ति ने विश्वम्भरपुर पंचायत के वार्ड नंबर-7 के

महादलित टोला में रास्ता निर्माण को लेकर अपनी मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं भोजपुर

जिले के गड़हनी के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण को लेकर

अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश

दिया। ●भागलपुर जिले के बिहपुर के एक व्यक्ति ने प्राकृतिक आपदा के कारण अपनी फसल नष्ट होने की शिकायत की और मुआवजे की मांग को लेकर अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखी। वहीं

बेगूसराय के मसदपुर के एक व्यक्ति ने फैक्ट्री से उत्पन्न प्रदूषण के कारण ग्रामीणों को होने वाली परेशानी के संबंध में शिकायत की मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। फतुहा के एक व्यक्ति ने नगर परिषद् के वार्ड-16 में गंगा घाट निर्माण कार्य कराने के

संबंध में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। वहीं दानापुर से आयी एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्या होने के कारण उन्हें पलायन करना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, सहकारिता मंत्री श्री सुबाष सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। देश में कोरोना के मामले में हो रही वृद्धि के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कहीं-कहीं से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर आ रही है। दिल्ली में भी कोरोना के मामले में वृद्धि की खबर आयी है। बिहार में अभी कोरोना के काफी कम मामले हैं लेकिन बाहर में कोरोना के मामले बढ़ने का असर यहां भी पड़ता है क्योंकि लोग एक-दूसरे जगह आते जाते रहते हैं।

राज्य में लगातार कोरोना की जांच कराई जा रही है। यहां इसको लेकर पूरी तरह सतर्कता है और लोगों को भी सतर्क किया जा रहा है ताकि बाहर से आनेवालों की जांच होती रहे। सब लोगों से आग्रह है कि कोरोना की जांच करायें, इसको लेकर सरकार की ओर से पूरी व्यवस्था है। बिहार में कोरोना जांच की दर सर्वाधिक है। देश में दस लाख की आबादी पर जितनी औसत जांच हो रही है उससे ज्यादा जांच बिहार में हो रही है।

कोरोना दूसरे देशों में भी बढ़ा है। बिहार में कोरोना संक्रमण की दर काफी नीचे गया है लेकिन अगर फिर कहीं बढ़ रहा है तो उसके लिए अलर्ट रहने की जरूरत है। हमलोगों के यहां अलर्टनेस है, उसके लिए जो भी जरूरी है किया जाएगा। सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि भीषण गर्मी के चलते अन्य प्रकार की बीमारियों का भी खतरा है। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के द्वारा इस पर नजर रखी जा रही है। हमलोग निरंतर जरूरी जानकारी लेते रहते हैं कि कहां पर किस जगह पर क्या स्थिति है ? सब ध्यान दे रहे हैं। बिहार में कुछ जगहों पर तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है। पिछले अनेक वर्षों से इस वर्ष तापमान में ज्यादा वृद्धि हुई है इसलिए लोगों को तो सतर्क रखना ही पड़ेगा। हमलोग इसको लेकर पूरे तौर पर अलर्ट है। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ प्रशासन की तरफ से

भी अलर्ट किया गया है। ए०ई०एस० से बचाव के लिए काम किया जा रहा है। लाऊडस्पीकर पर नमाज को लेकर देश के कुछ हिस्सों में जारी विवाद के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमें काम करने का मौका मिला है तब से ही आपस में किसी तरह का विवाद न हो, झंझट न हो इसको लेकर हमलोग काम करते रहे हैं। पहले बिहार में कितना विवाद होता था लेकिन हमलोगों ने लोगों में अवेयरनेस लाकर इसको बिल्कुल समाप्त करने की लगातार कोशिश की है जब किसी समुदाय, धर्म के त्योहार का अवसर आता है तो प्रशासन पूरी
तौर पर अलर्ट रहता है ताकि कोई गड़बड़ी न कर सके। एक-एक चीज पर कॉन्सेसनेस है। जिसके मन में जो आता है, बोलते रहता है। हमलोग चाहते हैं कि सभी लोगों में आपस में प्रेम और भाईचारे का भाव रहना चाहिए। कोई भी किसी धर्म को मजहब को माननेवाला है, उसका अपना-अपना तरीका है।

सब लोग अपने-अपने ढंग से अपना त्योहार मनायें लेकिन इसको लेकर के आपस में विवाद नहीं करना चाहिए। ये बहुत जरूरी चीज है। सब अपने-अपने धर्म का मजहब का पालन कीजिए। इसको लेकर कहीं कोई रोक नहीं है। अगर आप सचमुच पूजा में विश्वास करते हैं तो ठीक से पूजा कीजिये। एक-दूसरे से झगड़ा करने का, पूजा करने से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई भी किसी कम्युनिटी का है आपस में इस तरह का विवाद करता है तो मान लीजिए उसको धर्म से कोई मतलब नहीं है। इसका मतलब है कि वो सही आदमी नहीं है। यहां पर ऐसा कुछ नहीं है लेकिन कुछ-न-कुछ तो इधर-उधर होता ही रहता है। यहां पर अलर्टनेस है। उसके लिए ज्यादा चिंता मत करिए। हमलोग सबकी इज्जत करते हैं, हमलोग किसी को अपमानित नहीं करते हैं।

कुछ मंत्रियों द्वारा की जा रही बयानबाजी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। अगर आप लोग जानकारी दीजिएगा तो हम उनसे तुरंत पूछ लेंगे। हमारे पास कहीं से कोई जानकारी मिलती है तो तत्काल पूछ लेते हैं। ऐसा कुछ नहीं है, कोई भूल से कुछ बोल दिया हो तो उसकी बात अलग है।

श्री प्रशांत किशोर द्वारा कांग्रेस की जिम्मेदारी संभालने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं है। सबको अपना अधिकार है, राजनैतिक रूप से कोई क्या करना चाहता है, ये उसका अपना अधिकार है। हमसे उनका व्यक्तिगत संबंध रहा है और है भी। वे सबसे पहले भाजपा के साथ थे। फिर हमलोगों के साथ काम किये। अब कहीं और कर रहे हैं यह उनकी अपनी इच्छा है। ऐसे हमारा कोई इंटरफेयरेंस नहीं है और न ही इसमें हमारी कोई प्रतिक्रिया है।

उपचुनाव के नतीजे के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक जगह बाइइलेक्शन में हमलोगों की हार हो गई तो ये कोई खास बात नहीं है। इससे पहले दो बाइइलेक्शन हमलोग भी जीते हैं। यह कोई जेनरल इलेक्शन नहीं था। हमलोग तो एन०डी०ए० के उम्मीदवार के प्रचार के लिये गये ही थे, सब लोग प्रचार किये ही थे। वहां क्या हुआ इसकी अभी पूरे तौर पर जानकारी नहीं है कि हार क्यों हुई। आपस में बातचीत करने से इसकी पूरी जानकारी मिलेगी कि मामला क्या था। जनता मालिक है, उसको जो मन करे, उसे वोट दे। इस पर हम कभी कमेंट नहीं करते हैं।

श्री शत्रुघ्न सिंहा के बंगाली बाबू के रूप में लोकसभा उपचुनाव में मिली सफलता के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहारी बाबू और बंगाली बाबू क्या है, सब हिंदूस्तानी बाबू हो जाइये। ये सबसे अच्छा है। इसमें क्या दिक्कत है।

स्पेशल स्टेट्स के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग काम भी करते हैं और बिहार को जो जरूरत रहती है उसके लिये बात भी करते रहते हैं। कौन क्या कॉमेंट देता उससे क्या मतलब। हमलोग जितना बिहार के लिये करते हैं वो आपलोगों को पता है। हमलोग मांग भी करते हैं और बिहार के लिए काम भी करते हैं। इन सब पर ज्यादा चिंता करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए अभी एक- दो महीने लोगों को अलर्ट रहने की जरुरत है। राजनीतिक बातें तो होती ही रहती है, उसका उतना महत्व नहीं है लेकिन लोगों की सर्वोपरि है। सभी लोग स्वस्थ रहें किसी को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर हम सभी लोग लगे हुए हैं। मीडियाकर्मी भी लोगों को सचेत करते रहें, यह बहुत जरुरी है। अभी सभी लोगों को सचेत रहने की जरुरत है।

विश्व विरासत दिवस पर बिहार के पारंपरिक कलाओं के प्रशिक्षण के लिए बिहार संग्रहालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया

यह कार्यशाला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना मंडल, बिहार पुराविद परिषद्, फेसेस पटना और बिहार म्यूजियम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यशाला में पटना विमेंस कॉलेज, नोट्रे डेम अकैडमी, इंटरनेशनल स्कूल, रेडियंट इंटरनेशनल स्कूल, केंद्रीय विद्यालय नंबर-2, आर्मी पब्लिक स्कूल दानापुर और उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसन्धान संस्थान से कुल 70 छात्रों ने मधुबनी पेंटिंग, मृण्मूर्ति कला, पटना कलम, मञ्जूषा कला और टिकुली कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया। युवा कलाकार एवं प्रशिक्षकों ने छात्रों को उनके पसंद की कलाओं का प्रशिक्षण दिया। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद बिहार संग्रहालय के महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री के सलाहकार अंजनीकुमार सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि बिहार की पारंपरिक कला को सीखने और समझने के लिए इतनी संख्या में छात्रों के उत्साहपूर्ण भागीदारी से मैं अभिभूत हूँ। यह इस बात का प्रमाण है कि दुनिया चाहे जितनी बदल गई हो, बिहार के युवाओं की कला-प्रियता कम नहीं हुई है। हमारे युवाओं के हाथों में हमारी कलात्मक विरासत सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बिहार की पारंपरिक कलाएं केवल शौकिया ही नहीं बल्कि रोजगार का भी बहुत बड़ा साधन है। हमने सरकार की ओर से एक प्रशिक्षण संस्थान भी खोला है, जिसमें प्रशिक्षण देने के लिए प्रोफेसर की नियुक्त डिग्री के आधार पर नहीं बल्कि काम के आधार पर किया गया है।

विशिष्ट अतिथि के तौर पर बिहार के मूर्धन्य कलाकार और रेलवे स्टेशनों को मधुबनी कला से सजाने वाले भारत के प्रथम कलाकार राजेन्द्र प्रसाद मंजुल ने कहा कि बिहार की धरती परंपरागत कलाओं की विविध रंगों से सजी एक बड़े कैनवास की तरह है, जिसे समय का धूल कभी धूमिल नहीं कर सकता। युवा पीढ़ी में इन कलाओं के प्रति अनुराग पैदा करने के इस पावन कार्य की मैं भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूँ।

विश्व विरासत दिवस

कार्यशाला को संबोधित करते हुए बिहार पुराविद परिषद् के महासचिव डॉ. उमेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि कि बिहार की भूमि कला-प्रसूता है। मानव सभ्यता के विकास की उषा काल में ही यहाँ कलाओं का उदय हुआ, जिसके पुरातात्विक प्रमाण शैल और गुफा चित्रों के रूप में आज भी हमारे सामने हैं। बिहार की कलाएं मानव जीवन की गहराइयों से उद्भूत हैं, अतः शाश्वत हैं। इन कलाओं के प्रति हमारा प्रेम ही इनके संरक्षण और विकास की गारंटी है। अतः आवश्यक है कि हम इन्हें अपनी नयी पीढ़ी को सौंपने का अथक प्रयास करें।

इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण पटना मंडल के सहायक अधीक्षक पुरातत्वविद डॉ. प्रसन्ना दीक्षित, फेसेस की महासचिव सुनिता भारती, फेसेस के संस्कृति सचिव शुभम सिंह, बिहार संग्रहालय के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुनील कुमार झा सहित अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

उधर इस अवसर पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण,पटना सर्किल द्वारा नालंदा महाविहार पुरातात्विक स्थल (प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय) में भी छात्रों के बीच चित्रकला व भाषण प्रतियोगिता, विश्व धरोहर स्थलों की फोटो प्रदर्शनी और वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रति वर्ष 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस मनाया जाता है । संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूनेस्को द्वारा घोषित इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य अपनी विरासत के प्रति जन जागरूकता पैदा करना है । इस समय 1150 के करीब विश्व विरासत स्थल हैं इनमें से 40 भारत में स्थित हैं । विश्व विरासत स्थल वे स्थल या विरासत हैं, जिनके बारे में यह स्वीकार किया जाता है कि इनका निर्माण किसी देश, जाति या पंथ का न होकर संपूर्ण मानव जाति की उपलब्धि है और इस प्रकार उनका सार्वभौमिक मूल्य है और इसलिए उनके अस्तित्व को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना संपूर्ण मानव जाति का कर्तव्य है ।

पटना हाईकोर्ट ने राजीव रंजन सिंह की राष्ट्रीय राजमार्ग से सम्बंधित याचिका पर सुनवाई गंडक नदी पर पुल निर्माण में हो रहे बिलम्ब को गम्भीरता से लिया

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पुल निर्माण करने वाली कंपनी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक को 20 अप्रैल,2022 को तलब किया है।

कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जाहिर किया कि हाजीपुर में आर ओ बी का निर्माण एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गंडक नदी पर पुल निर्माण कार्य पूरा करने के लिए पुल निर्माण कंपनी को छह से सात माह का समय दिया।साथ ही कहा था कि निर्माण कार्य दोनों ओर हाजीपुर और छपरा से शुरू होना चाहिए।

निर्माण कंपनी द्वारा इस पुल के निर्माण के लिए दस महीने की मोहलत मांगी गई,जिसे कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया था। आज कोर्ट ने कहा कि कोर्ट अगली सुनवाई में एन एच ए आई के अध्यक्ष को तलब किया जा सकता है।

पिछली सुनवाई में याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वैशाली के डी एम से पूछा कि प्रशासन इस मामलें में क्या कर रहा था।कोर्ट ने उनसे जानना चाहा कि जनता की मुश्किलों को दूर करने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की।

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वैशाली के जिलाधिकारी ने बताया था कि हाजीपुर के रामाशीष चौक से बस स्टैंड नेटवर्क से हटा दिया गया है। साथ ही ये भी बताया कि रामाशीष चौक पर जाम का मुख्य कारण अंजानपीर चौक से आर ओ बी का नहीं बनना और दोनों साइड
सड़कों का खस्ताहाल होना।साथ ही जगह जगह मनमाने तरीके से स्पीड ब्रेकर का निर्माण किया जाना।

कंपनी के अधिवक्ता सिद्धार्थ प्रसाद ने बताया था कि अजानपीर दोनों ओर की सड़कों को एक माह में मरम्मत और निर्माण कार्य पूरा कर सड़क को ठीक कर दिया जाएगा। साथ ही अजानपीर के आसपास अनावश्यक स्पीड ब्रेकर को भी हटा दिया जाएगा।

इस मामलें पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल,2022 को होगी।

केन्द्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को अभी तक की सर्वाधिक राशि प्राप्त

पटना । राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सम्प्रति राज्य सभा सांसद श्री सुशील कुमार मोदी ने आज एक वक्तव्य में कहा कि कोविड के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार का परिणाम है कि केन्द्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को 2020-21 की तुलना में 2021-22 में 34 प्रतिशत ज्यादा राशि केंद्र से प्राप्त हुई है। जहां 2020-21 में मात्र 59 हजार 861 करोड़ प्राप्त हुआ था वहीं 2021-22 में 31,491 करोड़ ज्यादा प्राप्त हुआ यानि 91 हजार 352 करोड़ प्राप्त हुए हैं।

केन्द्रीय करों में हिस्से के रूप में बिहार को अभी तक की सर्वाधिक राशि प्राप्त
• 2021-21 में 91,352.62 करोड़ प्राप्त
• 2020-21 की तुलना में 31,491 करोड़ ज्यादा प्राप्त – सुशील कुमार मोदी

ज्ञातव्य है कि केंद्र सरकार को आय-कर, कॉरपोरेट कर, एक्साइज, कस्टम्स ड्यूटी, जीएसटी से प्राप्त टैक्स वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्यों को डीवोल्युसन (Devolution) के रूप में प्राप्त होता है। इस राशि को राज्य सरकार किसी भी कार्य पर व्यय कर सकती है। 15वें वित्त आयोग ने केन्द्रीय करों में राज्यों को 41 प्रतिशत और उसमें बिहार को 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी निर्धारित की है ।

पंचायती राज संस्थाओं को 3709 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में प्राप्त हुआ परंतु शहरी निकायों के लिए 1827 करोड़ के विरुद्ध 836.25 करोड़ ही प्राप्त हो सका ।

राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से बिहार को 2021-21 में 1038.96 करोड़ की सहायता मिली है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के रूप में राज्य आपदा राहत कोष में केंद्र की हिस्सेदारी के रूप में 1416 करोड़ प्राप्त हुए हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन एवं कोविड से मुकाबला हेतु बिहार को 2348.96 करोड़ प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त पंचायत एवं नगर निकायों के माध्यम से स्वास्थ्य संरचनाओं के लिए अतिरिक्त 1116.31 करोड़ की राशि प्राप्त हुई है।

Patna High Court: मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है

पटना हाईकोर्ट ने मगध विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर (वीसी) राजेन्द्र प्रसाद उर्फ डॉ राजेन्द्र प्रसाद की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा कर राहत दी है। जस्टिस आशुतोष कुमार ने इस अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य निगरानी विभाग से जवाबतलब किया हैं।

इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट को तीन सप्ताह के भीतर सुनवाई करने का आग्रह किया था।साथ उनकी गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगा दिया था।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डा रणजीत कुमार ने बताया कि साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राजेन्द्र प्रसाद द्वारा पटना हाई कोर्ट में दायर अग्रिम जमानत व कार्यवाही को रद्द करने हेतु दायर अर्जियों पर सुनवाई की थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस बीच याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को निष्पादित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया था।

राजेन्द्र प्रसाद के विरुद्ध आई पी सी की धारा 120 बी (अपराध करने के लिए रची गई आपराधिक साजिश) / 420(जालसाजी) व भ्रष्टाचार निवारण एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

इसके पूर्व याचिकाकर्ता ने पटना हाई कोर्ट के समक्ष अग्रिम जमानत हेतु याचिका भी दायर किया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए अर्जी भी दायर किया है।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की दलील थी कि उनकी अर्जियों पर सुनवाई बड़े पैमाने पर मुकदमों के लंबित रहने की वजह से नहीं सुना जा रहा है।

इस मामलें पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई 25 अप्रैल,2022 को होगी।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपचुनाव के रिजल्ट, विशेष राज्य का दर्जा, कोरोना संक्रमण पर अपनी बात कही

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपचुनाव के रिजल्ट पर कहा कि अभी पूरे मामले पर क्या हुआ इसकी जानकारी हमें नहीं है भारतीय जनता पार्टी से इस मामले पर भी बातचीत नहीं हुई है जनता मालिक है जनता जिस को वोट दें।

शत्रुघ्न सिन्हा के उपचुनाव में जीत पर उन्होंने कहा कि बिहारी बाबू और बंगाली बाबू में फर्क क्या है सभी लोगों को हिंदुस्तान में बाबू हो जाना चाहिए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विशेष राज्य का दर्जा को लेकर कहा कि यह सब चीज तो लगातार कई सालों से है और जब भी जरूरत पड़ती है हम बताते रहते हैं

संक्रमण के चौथे लहर पर उन्होंने कहा कि हम मीडिया से भी अपील करते हैं कि लोगों को इलाज कराइए और अभी मौसम भी काफी खराब चल रहा है।

नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर से हमारा तो संबंध है ही पहले भाजपा के साथ थे बाद में हमारे साथ है वह जहां भी जा रहे हैं वह उनका व्यक्तिगत फैसला है हम से उनका संबंध दूसरा है।

संक्रमण को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह अलर्ट है और लगातार जांच चल रही है जो भी जरूरत होगा जो भी कार्रवाई होगा की जाएगी भीषण गर्मी को देखते हुए भी विभाग को अलर्ट पर रखा गया है

Patna High Court: दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामलें पर सुनवाई हुई

पटना हाईकोर्ट ने दनियावां थाना के पुलिसकर्मी संतोष कुमार व अनूप कुमार द्वारा अधिवक्ता विनोद कुमार के साथ किये गए मारपीट के मामलें पर सुनवाई की चीफ जस्टिस संजय करोल की डिवीजन बेंच इस मामलें सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने की गई कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत किया।

राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस मामलें सम्बंधित पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है।साथ ही उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ की गई हैं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि पीड़ित अधिवक्ता विनोद कुमार की ईलाज की पूरी व्यवस्था की गई।उनका मेडिकल जांच किया गया।साथ ही उन्हें दवा भी दी गई।

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एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को बताया की इस तरह की घटनाएं अक्सर होते रहती हैं।ऐसी घटनाओं को सख्त तरीके से रोकने की जरूरत हैं।कोर्ट में आज पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक को पटना हाई कोर्ट के समक्ष उपस्थित थे। उन्होंने भी अपनी बात कोर्ट के समक्ष रखा।

कोर्ट के समक्ष पिछली सुनवाई में इस घटना के सम्बन्ध में सीनियर एडवोकेट पी के शाही ने पूरी घटना को रखा था। श्री शाही ने यह भी बताया कि उस रास्ते से राज्य के मुख्यमंत्री को जाना था।

उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में दिए गए पत्र को आधार बनाते हुए जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का आदेश दिया था।

कोर्ट को राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने पीड़ित अधिवक्ता की समुचित इलाज करवाने के लिए आश्वस्त किया था। सुनवाई के दौरान राज्य

इस घटना के बारे में पत्र में कहा गया है कि जब पीड़ित अधिवक्ता नालंदा जिला अंतर्गत अपने गांव चुलिहारी से पटना आ रहे थे ,तो दनियावां पुलिस द्वारा मारपीट की गई।

इसकी वजह से अधिवक्ता के दोनों कान बुरी तरह से घायल हो गए।पत्र में कहा गया है कि जब अधिवक्ता ने पटना के एसएसपी व दनियावां थाना के एसएचओ के समक्ष शिकायत करना चाहा,तो उन्होंने शिकायत लेने से इंकार कर दिया था।

इस मामलें पर कोर्ट आदेश पारित करेगा।