राज्य में नगर निकाय के चुनाव का रास्ता साफ, अति पिछडे के आरक्षण के साथ साफ कर दिया। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने राज्य सरकार व अन्य की पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई की।
राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अति पिछडे वर्ग के राजनीतिक पिछडेपन के लिए एक विशेष कमीशन का गठन किया गया है।
ये कमीशन राज्य में अतिपिछडे वर्ग में राजनीतिक पिछडेपन पर अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी।
इसके बाद राज्य सरकार के रिपोर्ट के आधार पर राज्य चुनाव आयोग राज्य में नगर निकायों का चुनाव कराएगा। कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार व अन्य द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को निष्पादित कर दिया।
भूकंप को लेकर नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने जो ताजा जानकारी साझा की है। उसके मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल काठमांडू से 66 किलोमीटर पूर्व में पाया गया है। दोपहर 2 बजकर 52 मिनट और 44 सेकंड पर भूकंप का झटका आया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 पाई गई है।
गोपालगंज -भूकंप के झटके महसूस किये गए. 2. बजकर 58 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता कम होने से नहीं पड़ा जानमाल पर असर।
पटना । बिजली विभाग के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 2 लाख रुपया रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया । इन्हें निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने पकड़ा है। पकड़े गए इंजीनियर का नाम राकेश कुमार है।
आयकर गोलंबर के पास स्थित विद्युत भवन से बुधवार को निगरानी ने उन्हें गिरफ्तार किया है।
गोपालगंज। मोतिहारी के विधायक प्रमोद कुमार की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त। टेलर ट्रक ने मारी विधायक की स्कॉर्पियो और कार में टक्कर। हादसे में बाल-बाल बचे विधायक प्रमोद कुमार। कार और स्कॉर्पियो हुआ क्षतिग्रस्त। मांझागढ़ थाने के कोइनी गांव के पास एनएच-27 पर हुआ हादसा।
हादसे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस. आरोपी ड्राइवर को किया गया गिरफ्तार. पुलिस ने ट्रक और दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को किया जब्त।
हादसे की सूचना पर नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने विधायक से की बात, ली हादसे की जानकारी।
बेतिया । प्रशांत किशोर ने की प्रेस वार्ता,नरकटियागंज के टीपी वर्मा कॉलेज परिसर में की पीसी। नीतीश कुमार पर जमकर बोला हमला, कहा-बिहार के स्कूलों में खिचड़ी बंट रही है और कॉलेजों में डिग्री, बिहार में शिक्षा की भयावह स्थिति ।
नीतीश कुमार के 17 साल के कार्यकाल का यह काला अध्याय है,पीएम आवास योजना में भी कमीशनखोरी हावी,लाभार्थियों के खातों की जांच कराने की मांग,बीडीओ स्तर से की जा रही है अनियमितता।
पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन कर आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार को दोष मुक्त करने का जो मामला सामने आया है यह मामला पूरी तौर पर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था कैसे ध्वस्त हो गयी है इसके अध्ययन के लिए सबसे फिट केस है।
सरकार और सरकार का तंत्र कैसे काम कर रहा है ये तो आप पूर्व की स्टोरी में पढ़ ही चुके हैं आज हम आपको इतनी बड़ी घटना को लेकर विपक्ष क्या कर रहा है जरा ये दिखाते हैं। सुशील मोदी के इस ट्वीट के सहारे ही आज मैं तीन दिनों से चल रहे स्टोरी बिहार पुलिस का अपराधीकरण को आगे बढ़ाते हैं।
इतनी बड़ी बात हो गयी पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फर्जी फोन काल के सहारे एक अपराधी आईपीएस अधिकारी को डीजीपी बचा ले गये लेकिन इतने गंभीर विषय पर नेता प्रतिपक्ष जो विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में अक्सर अफसरशाही पर बड़ी बड़ी बातें करते थे वही सुशील मोदी ,बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सम्राट चौधरी जैसे नेता जो नीतीश सरकार पर हमला करने से चुकते नहीं है वो सारे के सारे खोमाश है जैसे लगता है कि राज्य में कुछ हुआ ही नहीं है ।
1.विपक्ष के खामोशी का राज क्या है सुशील मोदी ट्वीट 17.10.2022नीतीश कुमार में हिम्मत हो तो पूर्व मंत्री सुधाकर को राजद से बाहर कराएं सुशील कुमार मोदी . जब भाजपा सरकार में थी, तब अपनी सीमा में रहते थे सीएम सुधाकर के बयान पर जदयू नेतृत्व की जुबान बंद क्यों ?
सुशील मोदी – ट्वीट18.10.2022माफी मांगने पर बची तेजस्वी की जमानत, हिम्मत हो तो फिर धमकाएँ सुशील कुमार मोदी नीतीश कुमार ने जिससे घोटाले पर जवाब मांग कर गठबंधन तोड़ा था, उसके अभियुक्त बनने पर फिर हाथ क्यों मिलाया ?
ललन सिंह ने सीबीआई को दिये थे आइआरसीटीसी घोटाले के कागजात इस मामले में गिरफ्तार अभिषेक अग्रवाल के पेज थ्री पार्टी में राज्य के कई पुलिस अधिकारी शामिल होते रहे हैं लेकिन मामले के खुलासे के बावजूद भी विपक्ष खामोश है आखिर इस खामोशी की वजह क्या है बिहार पूछता है क्यों कि आईपीएस अधिकारी संजीव कुमार (एस के) सिंघल को जब बिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था उस समय ये चर्चा जोड़ पर था कि जो व्यक्ति शहाबुद्दीन के खिलाफ गवाही देने का साहस नहीं जुटा पाया उसको नीतीश कुमार डीजीपी कैसे बना दिए खैर सिंघल जिसके भी कोटे से डीजीपी बने हो लेकिन विपक्ष की खामोशी पर सवाल तो बनता है इतने गंभीर मसले पर चुप्पी क्यों जबकि भ्रष्टाचार और बेलगाम अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है ।यही राजनीति है और इसी राजनीति को समझने कि जरूरत है।
2. डीजीपी कब गिरफ्तार होंगे एक और बात जो बेहद गंभीर है गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार के साथ शुरू से ही डीजीपी का साथ रहा है जब गया आईजी ने एसएसपी के शराब मामले अभियुक्त के खिलाफ हमदर्दी जताने पर सवाल खड़ा किया तो डीजीपी पूरी तौर पर एसएसपी के साथ खड़े हो गये थे इसलिए डीजीपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के फोन कॉल की बात कही बहाना तो नहीं है ।
वैसे अभिषेक अग्रवाल (फर्जी मुख्य न्यायाधीश पटना हाईकोर्ट)और डीजीपी के बीच जो वाट्सएप संदेश है उसमें डीजीपी आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार से जुड़े मुकदमे में क्या क्या कार्यवाही हो रही है उस फाइल को फोटो खींचकर भेजते रहे हैं । मतलब दोष मुक्त करने का आधार फर्जी फोन कॉल था ऐसे में डीजीपी आईपीसी की धारा 212 का अभियुक्त है।
अब देखना यह है कि सरकार उनके रिटायर होने का इन्तजार करती है या फिर पहले ही कार्रवाई करने का आदेश देते हैं।
बिहार के पूर्व कानून मंत्री व विधान पार्षद कार्तिकेय कुमार ऊर्फ कार्तिक सिंह की अग्रिम जमानत की याचिका पटना हाइकोर्ट में सुनवाई टल गई। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।इस अग्रिम जमानत की याचिका पर जस्टिस सुनील कुमार पंवार ने सुनवाई की।
ये मामला बिहटा के राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह के अपहरण से सम्बंधित मामला है।14नवम्बर,2014 को बिहटा पुलिस स्टेशन में थाना कांड संख्या 859/2014 रजिस्टर किया गया।
ये मामला दानापुर के जुड़ीशियल मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास, अजय कुमार के समक्ष सुनवाई हेतु लंबित हैं। इस मामलें में सूचक सचिन कुमार ने बिहटा थाना में 14 नवंबर,2014 को सूचना दी कि उन्हें टेलिफोन पर ये पता चला है कि उनके चाचा राजीव रंजन सिंह ऊर्फ राजू सिंह का अपहरण हो गया है।
अपहर्ता 18 की संख्या में थे,जो पाँच scorpio गाड़ी से आये थे।उन्होंने राजू को बलपूर्वक ले गए।ये आरोप लगाया गया कि मोकामा के विधायक अनंत सिंह,बंटू सिंह व अन्य सोलह व्यक्तियों ने इसे अंजाम दिया।इससे पहले भी दस करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने का आरोप लगाया गया था,जिसकी सूचना कृष्णापुरी थाने को दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में कोर्ट को बताया है कि उनके विरुद्ध जो अन्य आपराधिक मामलें है,उनमें वे जमानत पर है।पटना हाईकोर्ट में 2017 में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी,लेकिन उसे 16 फरवरी,2017 को कोर्ट ने नामंजूर कर दिया।
#PatnaHighCourt
उसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की कोई याचिका पटना हाइकोर्ट में नहीं दायर की।उन्होंने अपनी अग्रिम जमानत की याचिका में ये बताया है कि प्राथमिकी में उनका नाम नहीं था।साथ ही पीड़ित और सूचक ने उनका नाम इस घटना के सम्बन्ध में नहीं लिया था।
उन्होंने बताया कि घटना के दिन 14 नवंबर,2014 को वे सरकारी स्कूल में अपनी ड्यूटी में थे।उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति रजिस्टर में अंकित है।
इस अग्रिम जमानत की याचिका पर दिवाली अवकाश के सुनवाई की जाएगी।
18 अक्टूबर 2022 । पटना हाईकोर्ट ने नेत्र सहायक(ऑप्थलमिक असिस्टेंट) के पद पर बहाली प्रक्रिया में गणित से आईएससी पास अभ्यर्थियों को भी शामिल होने की अनुमति देते हुए राहत दी। चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने रणधीर कुमार सिंह व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश को पारित किया।
बिहार पारा मेडिकल/पारा डेंटल शिक्षा संस्थान रुल 2005 के अनुसार नेत्र सहायक के पद के लिए फिजिक्स,केमिस्ट्री,जीव विज्ञान,अंग्रेजी के साथ गणित इंटर पास उम्मीदवार योग्यता रखते थे।
2011 में ये स्पष्ट किया गया कि 2012 से नेत्र सहायक के पद के लिए इंटर में गणित को हटा दिया गया।फिजिक्स, केमिस्ट्री,बायोलॉजी और अंग्रेजी विषय में इंटर उत्तीर्ण उमीदवार ही नेत्र सहायक के पद के योग्य माना गया।
कोर्ट ने ये आदेश बिहार तकनीकी सेवा आयोग, पटना के उप सचिव के हस्ताक्षर से निकाले गए विज्ञापन संख्या 01/ 2021 के मामले में दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने कोर्ट को बताया कि बिहार पारा मेडिकल/ पारा डेंटल शिक्षा संस्थानों की स्थापना की अनुमति) रूल, 2005 व इस रूल के रूल 26 का हवाला दिया गया है।
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इसके तहत इन पदों पर नियुक्ति की योग्यता साइंस में इंटर पास या फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या मैथ और अंग्रेजी विषयों में इंटर पास बताया गया है।
18 अक्टूबर 2022 । पटना हाइकोर्ट ने राज्य की जनता के स्वास्थ्य,जीवन खतरे में डाल कर राज्य मशीनरी द्वारा बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद कानून ,2016 को सही ढंग से नहीं लागू करने पर नाराजगी जाहिर की। जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने एक जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए टिप्प्णी की।
कोर्ट ने इसे बड़ा जनहित याचिका मानते हुए इस पर संज्ञान लेने हेतु पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष भेजा हैं। उन्होंने कहा कि इस कानून के कारण इससे जुड़े कई अपराधों में बढोतरी हुई हैं।उ न्होंने कहा कि जहरीली शराब को नष्ट करने का तरीके का भूमि की उर्वरता पर घातक प्रभाव डालता हैं।
शराब में मिले हुए रासायनिक पदार्थ micro organism पर असर डालता है,जिससे भूमि की उपजाऊ होने पर बुरा असर पड़ता है।इसका बुरा असर पेय जल पर भी पड़ता है,जिससे कैंसर और अन्य घातक बीमारियां हो जाती हैं।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इसके घातक प्रभाव को देखते हुए शराब की बोतलों और प्लास्टिक से चूडियां बनायीं जाने लगी हैं।कोर्ट ने राज्य सरकार को सलाह दी कि पर्यावरण को देखते हुए नीति बनायीं जाए,जिससे इसके दुष्प्रभाव को रोका जा सके।
इसे मद्यनिषेध को सही और प्रभावी ढंग से लागू नहीं करने के कारण शराब की तस्करी होने लगी।इसमें नेपाल और अन्य देशों तक शराब की तस्करी होने लगी हैं। इसमें विधि व्यवस्था सम्भालने में पुलिस बल को इन अपराधियों से जूझना पड़ता है।
साथ ही इससे कानून व्यवस्था पर भी असर पड़ता हैं। साथ ही शराब की तस्करी के लिए अवैध वाहनों का इस्तेमाल किया जाने लगा,जिसका रेजिस्ट्रेशन नंबर,इंजन नंबर आदि फर्जी होने लगे। साथ ही पुलिस जब इन वाहनों को पकड़ लेती है,तो फिर अदालत में ही आना होता है।
शराब के अवैध कारोबार में छोटे उम्र के किशोरों को शामिल कर लिया जाता हैं।इससे अपराध और अपराधियों की संख्या और गम्भीरता बढ़ते जा रही हैं।
साथ ही जांच करने वाली एजेन्सी भी अपने कर्तव्य को सही ढंग से नहीं निभाती है।पुलिस शराब स्मग्लरों और गैंग ऑपरेट करने वालोंं के खिलाफ चार्ज शीट दायर नहीं करती।
वह ड्राइवर,क्लीनर,खलासी जैसे लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर देती है, जिनका इसमें कोई सीधी भागीदारी नहीं होती हैं। जो इस मामले में दोषी अधिकारी है,उनके विरुद्ध सरकार सख्त कार्रवाई नहीं करती है।
पुलिस,ट्रांसपोर्ट,उत्पाद और अन्य सम्बंधित विभागों के दोषी और जिम्मेदार अधिकारियो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिये।
जहरीली शराब से भी बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होती है।इस पर भी सरकार को सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।जो भी लोग इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार और दोषी हो,उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की आवश्यकता है।
मद्यनिषेध और उत्पाद कानून से सम्बंधित मामलें बड़े पैमाने पर राज्य की अदालतों सुनवाई हेतु लंबित है।इससे अदालतों के सामान्य कामकाज को भी प्रभावित करता है।
जहानाबाद । जिले से एक बड़ी खबर सामने निकल कर आ रही है कि निगरानी विभाग की टीम ने पुलिस भवन निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अब्दुल करीम को ₹50000 घूस लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार ।
गौरतलब है कि जहानाबाद शहर के पुराने थाना परिसर में महिला थाना का नया भवन जो कि बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग की तरफ से बनाए जा रहा था । उसी भवन निर्माण में ढलाई का बिल पास करने के लिए सहायक अभियंता अब्दुल करीम के द्वारा ₹50000 की मांग ठेकेदार से की जा रही थी ।
जिसकी सूचना निगरानी विभाग को दी गई तो निगरानी विभाग की टीम ने अब्दुल करीम को ₹50000 घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर अपने साथ पटना ले गई है ।
18 अक्टूबर 2022 । राज्य के पूर्व एवं वर्तमान सांसदों, विधायकों के विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों से सम्बंधित मामलों पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई कल तक टली।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा इस मामलें पर सुनवाई की जा रही है।
पिछली सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि अप्रैल,2022 में इन मामलों के निष्पादन का दर शून्य था।लेकिन जब से कोर्ट ने इन मामलों की सुनवाई और निगरानी प्रारम्भ किया,जुलाई,2022 तक ऐसे 164 मामलों को निष्पादित किया जा चुका है।ये प्रगति काफी सकारात्मक है।
पूर्व की सुनवाई में महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया था कि वर्तमान और पूर्व एमपी व एमएलए के विरुद्ध 78 आपराधिक मामलों में 12 मामलों पर आरोप पत्र और 4 मामलों पर अंतिम प्रपत्र दायर किया जा चुका है।
उन्होंने कोर्ट को ये भी बताया था कि 280 मामलों में कुल 481 गवाहों का परिक्षण किया जा चुका है | पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया था कि वर्तमान व पूर्व एमपी और एमएलए के विरुद्ध कुल 598 आपराधिक मुकदमें लंबित है, जिसमें अधिकतर केस में अनुसंधान पूरा हो गया है।
लगभग 78 आपराधिक मुकदमों में अनुसंधान लंबित है। इस मामले पर अगली सुनवाई 19अक्टूबर,2022, को होने की संभावना है।
दिल्ली । IRCTC घोटाले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की जमानत कोर्ट ने बरकरार रखी है। कोर्ट ने कहा कि बेल कैंसिल नहीं कर रहे हैं। इसका कोई आधार नहीं है।
साथ ही तेजस्वी को नसीहत देते हुए कहा कि आप आगे से ऐसा कोई बयान नहीं देंगे।
बक्सर जिले के मुरार थाना क्षेत्र से है जहां बीती रात महादलित बस्ती के लोगों ने थाने पर जमकर बवाल काटा । ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस ने उनकी बस्ती से 5 लोगों को शराब के धंधे में शामिल होने का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया है।
जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने थाने पर पहुंचकर बवाल काटा,जिसमें थाने की पुलिस जीप के शीशे को फोड़ दिया गया। लेकिन वही इस मामले में मुरार थाना के थाना प्रभारी का कहना है कि बस्ती के पांच लोगों को उत्पाद विभाग की टीम उठाकर ले गई है जिसकी सूचना थाने को भी नहीं थी।
रविकांत, थानाध्यक्ष, मुरार
सोमवार की देर रात स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बगैर चौगाई महादलित बस्ती में छापेमारी कर उत्पाद विभाग की टीम ने बस्ती से शराब के साथ 5 शराबी को शराब के साथ हिरासत मे ले लिया,पांचो को टीम ने गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव IRCTC घोटाला में मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होंगे। अभी तेजस्वी यादव जमानत पर चल रहे हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मांगा इस्तीफा। सीएम नीतीश कुमार से डिप्टी सीएम का मांगा इस्तीफा। कहा-नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचारियों से कुर्सी के लिए किया समझौता।
लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद दिल्ली में चिराग पासवान ने मीडिया से कहा कि लोजपा मोकामा और गोपालगंज का उप-चुनाव नहीं लड़ेगी।
समर्थन के सवाल पर चिराग ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं होना चाहिए कि लोजपा का समर्थन किसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि वो शुरू से नीतीश कुमार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं इसलिए जिस गठबंधन में नीतीश कुमार की जेडीयू होगी, उस गठबंधन को लोजपा का समर्थन नहीं मिलेगा।
चिराग ने इसी मौके पर गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया।
सीवान में बंद पड़े एक मकान में अचानक भीषण आग लग गई। जिससे अफरा-तफरी का माहौल हो गया। फ्रिज फटने से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
आग बुझाने पहुंची दमकल की गाड़ी पानी नहीं निकलने की वजह से फेल हो गई। हालांकि स्थानीय लोगों ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। महादेवा ओपी थाना क्षेत्र के नई बस्ती की घटना है।
बताया जा रहा है कि किराएदार अपना कमरा बंद कर ड्यूटी पर गया था। इसी दौरान शार्ट सर्किट की वजह से फ्रिज फट गई और मकान में आग लग गई। कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया। स्थानीय लोगों ने जब मकान से धुआं निकलते देखा तो इसकी सूचना दमकल विभाग और थाने को दी। जिसके बाद मौके पर ओपी थाना की पुलिस और दमकल की गाड़ी पहुंची लेकिन दमकल की गाड़ी पानी नहीं निकलने की वजह से फेल हो गई।
स्थानीय लोगों के घंटो मस्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। लेकिन कमरे में रखा कीमती सामान जलकर राख हो गया।हालांकि कितनी की छती हुई है यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार नगर निकाय में आरक्षण मामले में एक पुनर्विचार याचिका दायर की है। इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तिथि 19 अक्टूबर,2022 को की जाएगी। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनील कुमार व अन्य की याचिकाओं पर 29 सितम्बर,2022 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे कोर्ट ने 4 अक्टूबर,2022 फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद नगर निकायों के चुनाव स्थगित करना पड़ा था। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि प्रावधानों के अनुसार ओबीसी/इबीसी के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक राज्य सरकार 2010 मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच की अहर्ताएं पूरी नहीं कर लेती है।
गौरतलब है कि स्थानीय निकायों के चुनाव 10अक्टूबर,2022 से शुरू होने वाले थे,लेकिन पटना हाइकोर्ट के निर्णय के आलोक में इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करना पड़ा।
सुप्रीम कोर्ट ने तीन जांच के प्रावधानों के तहत ओबीसी/इबीसी के पिछड़ापन पर आंकड़े जुटाने के लिए एक विशेष आयोग गठित करने और आयोग के सिफारिश के मद्देनजर प्रत्येक स्थानीय निकायों में आरक्षण का अनुपात तय करने की जरूरत हैं। साथ ही ये भी सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीट के पचास फीसदी की सीमा को पार नहीं करें।
राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में ये पुनर्विचार याचिका दायर करते कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस मामलें में कई बिंदुओं पर तथ्य रखने के लिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की जाए।
जहानाबाद । जहानाबाद सड़क दुर्घटना में एक बच्ची की मौत । बताया जाता है कि बौरी गांव निवासी सुहानी कुमारी सोमवार के पढ़ने के लिए विद्यालय जा रही थी। तभी किसी अज्ञात मोटरसाइकिल ने इस बच्ची को जबरदस्त टक्कर मार दिया जिसके कारण इस बच्ची की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
इस घटना की सूचना आसपास के लोगों द्वारा मृतक के परिजन को दिया गया मृतक के परिजन घटनास्थल पर पहुंचकर इस घटना की सूचना स्थानीय थाने की पुलिस को दी गई । मौके पर पुलिस पहुंच कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल जहानाबाद भेज दिया है ।
बताया जाता है कि सोहानी कुमारी जिसका उम्र लगभग 7 वर्ष है जो बगल के ही विद्यालय में कक्षा दो में पढ़ा करती थी। लेकिन जैसे ही घर से निकला किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दिया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई । इस घटना के बाद उसके परिवार में कोहराम मच गया परिवार जनों के रोते-रोते बुरा हाल है ।
इस घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने थोड़ी देर के लिए सड़क भी जाम कर दिया लेकिन स्थानीय थाने के पुलिस लोगों को समझा-बुझाकर सड़क जाम को हटवाया। पुलिस का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति की पहचान की जा रही है और इसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
लोगों का कहना है कि तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण यह घटना घटी है।
राज्य के दिव्यांग ( दृष्टिहीन,मूक व बधिरों के लिए) स्कूलों की दयनीय अवस्था पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई दीपावली के अवकाश के बाद की जाएगी।राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की जा रही है।
ये जनहित याचिका भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड स्थित गिरिजा शंकर दृष्टिहीन बालिका विद्यालय के दयनीय हालत के सम्बन्ध में दायर किया गया था।कोर्ट ने इस जनहित याचिका का दायरा बढ़ा कर राज्य के सभी दिव्यांग स्कूलों की अवस्था की सुनवाई के लिए कर दिया।
6जनवरी,2020 में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के मुख्य सचिव को पार्टी बनाने का आदेश देते हुए उन्हें हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।उन्हें ये बताने को कहा गया कि क्या दिव्यांग छात्रों को प्रावधानों के अनुसार मिलने वाली सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।
इस मामलें पर 25 जुलाई,2022 को कोर्ट ने सुनवाई की थी।इसमें जो जवाब राज्य सरकार की ओर से दिया गया था, उसमें स्पष्ट था कि इन दिव्यांग स्कूलों में शिक्षकों के काफी पद रिक्त पड़े हैं।
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जो स्वीकृत पद रिक्त पड़े थे,उन पर शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं हुई थी।इन स्कूलों में या तो शिक्षक ही नहीं थे या एक या दो शिक्षक थे।दृष्टिहीन छात्रों के शिक्षा को बहुत हल्के ढंग से लिया गया।
कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव और राज्य दिव्यांग आयोग को इन स्कूलों की स्थापना और स्कूलों में चल रही व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।
इन स्कूलों में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं है और पढ़ाने के लिए शिक्षकों की भी काफी कमी है।इस मामलें पर अब दीपावली के अवकाश के सुनवाई की जाएगी।