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पटना हाईकोर्ट ने ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट को अबतक स्थापित नहीं किये जाने पर सुनवाई की

इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को राज्य सरकार ने बताया कि ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट लगभग चार महीने में कार्य करने लगेगा।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट को स्थापित करने की समय सीमा बताने को कहा था।ये जनहित याचिका बिहार आदिवासी अधिकार फोरम ने की है।

सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट को स्थापित करने की प्रक्रिया लगभग चार माह में पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस इंस्टिट्यूट को स्थापित करने के वित्तीय,प्रशासनिक और अधिकारियों व कर्माचारियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ हो रही हैं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के लिए पटना के बेली रोड में एक भवन की व्यवस्था कर ली गई है।जबतक ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के लिए स्थाई भवन की व्यवस्था नहीं हो जाती,तबतक ट्राइबल रिसर्च इंस्टिट्यूट इस भवन में कार्य करेगा।

PatnaHighCourt
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सम्बंधित सचिव को इस सम्बन्ध में पूरी जानकारी देते हुए एक सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले की सुनवाई में सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया था कि 30 जून,2022 को बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई।इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे।याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास पंकज ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत किया।

कोर्ट ने इस मामलें को सुनवाई करने के इसे निष्पादित कर दिया।

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