बिहार के जहानाबाद के हुलासगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के मठाधीश श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज का पार्थिव शरीर मठ में पहुँचते भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
उनकी लोकप्रियता और प्रभाव अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी शव यात्रा में भावनाओं का जनसमन्दर उमड़ पड़ा।आज अंतिम यात्रा निकाली गई जिसमें दूर-दूर से उनके अनुयाई और चाहने वाले पहुंचे हुए थे महाराज ने अपने शिष्य परंपरा में सभी वर्गों के लोगों को शामिल करने का प्रयास किया चाहे कोई भी जाति का व्यक्ति हो अगर वैष्णव धर्म में आस्था रखता हो तो उन्होंने उसे अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई ।
यही कारण है की हुलासगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की ख्याति सुदूरवर्ती क्षेत्रों में निरंतर बढ़ती गई। इनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में संस्कृत कॉलेज की स्थापना और नशामुक्ति अभियान रहा। इनकी पहल से हजारों गाँव के युवाओं ने मांस मदिरा का त्याग कर दिया ।
गौरतलब है कि हुलासगंज स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर के मठाधीश श्री रंग रामानुजाचार्य जी महाराज का गुरुवार की दोपहर निधन हो गया। पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।