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इस बार के पंचायत चुनाव में लोकसभा और विधानसभा जैसी सुविधाएं रहेंगी मतदान केन्द्रों पर

पंचायत चुनाव 2021 के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न हो इसको लेकर कई सुधार किये है जिसमें पहली बार पंचायत चुनाव में ईवीएम का इस्‍तेमाल हो रहा है। पहली बार ऐसा चुनाव हो रहा है, जिसमें ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों का प्रयोग एक साथ हो रहा है। इस बीच आयोग ने हर मतदान केंद्र पर सेल्‍फी प्‍वाइंट बनाने की बात कही है। आयोग ने राज्य के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव में किए जा रहे सभी नए प्रयोगों को शत प्रतिशत सफल बनाये ।

लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव कि तरह पंचायत चुनाव को उत्सवी माहौल में कराने के लिए हर बूथ पर सेल्फी प्वाइंट बनाया जाए। आयोग के इस पहल से पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान करने वाले युवा मतदाता सेल्फी प्वाइंट तस्वीर लेकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर कर करने में सहूलियत होगी।

मतदाताओं मैं जागरूकता फैलाये
आयोग ने कहा है कि पंचायत चुनाव को लेकर राज्य में उत्सवी महौल बनाया जाए जिसमें दीवार लेखन, वीडियो के माध्यम से मतदाताओं का जागरूकता जैसे कार्य सुनिश्चित किए जाएं। आयोग के आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्रत्याशियों का नामांकन पत्रों का शत प्रतिशत डिजिटलाइज कर अपलोड किया जाए। हर बूथ पर मतदान के दिन बिजली और मोबाइल कनेक्टिविटी हर हाल में बनी रहे।

हर बूथ पर दो महिला कर्मियों की तैनाती का निर्देश
मतदान के दिन हर बूथ पर कम से कम दो महिला कर्मियों की तैनाती की जाए वही 11 चरणों में चुनाव होने कि वजह से चुनाव कार्य में लगे कर्मी थके नहीं इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला के निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि चुनाव में एक कर्मचारी की अधिकतम चार बार ड्यूटी लगाई जाएगी। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कई आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है

नालंदा ,विक्रमशिला और ऑक्सफोर्ड ऑफ द इस्ट देने वाला बिहार शिक्षा के क्षेत्र में आज कही नहीं है

”तमाशबीन हूं मैं
नालंदा विश्वविधालय ,विक्रमशिला विश्वविद्यालय और आधुनिक भारत की बात करे तो पटना विश्वविधालय
देश का सातवां सबसे पुराना विश्वविद्यालय है और कभी इस विश्वविधालय को ऑक्सफोर्ड ऑफ द इस्ट कहा जाता था।
लेकिन कल राष्टीय स्तर पर उच्च शिक्षा पर नजर रखने वाली संस्थान ने देश के विश्वविधालय की जो रैंकिंग जारी किया है उस रैंकिंग में बिहार कही नहीं है ।

वो भी इस स्थिति में जब बिहार के अभिभावक का सबसे बड़ा निवेश बच्चों के शिक्षा पर ही हो रहा है ,इतना ही नहीं राज्य सरकार भी पढ़ाई करने वाले बच्चों को भोजन ,वस्त्र और स्कूल जाने में दिक्कत ना हो इसके लिए साइकिल तक दे रही है ।
10वीं की परीक्षा में फस्ट आने पर राज्य सरकार पैसा देती है टांप करने पर ढ़ेर सारी सुविधाए सरकार दे रही है और ये सारी सुविधाये राज्य सरकार ग्रेजुएशन तक मुहैया करती है इतना ही नहीं प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने से लेकर परीक्षा देने जाने तक के लिए राज्य सरकार खर्च वहन कर रही है।

लेकिन पिछले 10 वर्षो के दौरान बिहार बोर्ड से पढ़े बच्चे जो टाँप किये हैं इसकी पड़ताल जब शुरु किये तो हैरान रह गये बहुत मुश्किल से पांच दस को ढ़ूढ पाये जो बेहतर कर रहा है, जबकि इसी बिहार में 90 के दशक तक गांव के स्कूल का टाँपर भी सरकारी नौकरी सीमित होने के बावजूद कुछ ना कुछ बेहतर जरुर करता था।
मेरे बैंंच का टाँपर डीएसपी बना ,मेरे बैंच के बाद दो चार बैंच नीचे और तीन चार सीनियर बैंच के बारे में जो जानकारी है सारे टांपर कही ना कही उच्च पद पर कार्यरत हैं ।

जहां तक मैंने जो जानकारी इकट्ठा किया है आज नवोदय विधालय नहीं होता तो बिहार में पले बढ़े और सरकारी स्कूल से पढ़ा हुआ छात्र यूपीएससी ,आईआईटी और मेडिकल कांलेज में ढ़ूढने से नहीं मिलता यू कहिए तो नवोदय विधालय बिहार का लाज बचा कर रखा है।

क्या आपको लगता नहीं है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को लेकर नये सिरे से सोचने कि जरुरत है पिछले 15 वर्षो में बिहार सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे प्रयोग किये हैं चाणक्य लाँ विश्वविधालय जैसे कई नये संस्थान राज्य सरकार द्वारा खोला गया लेकिन वो भी आज गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने में सफल नहीं है ।

कल ही एक लड़की नौकरी के लिए मुझसे मिलने आयी थी पटना कांलेज से पत्रकारिता से ग्रेजुएशन कि है मैंने उसे कहां तुम अपने गांव से पटना तक के सफर में एक लड़की के रुप में क्या परेशानी हुई उस पर एक रिपोर्ट लिख कर दिखाओं।
नहीं लिख पायी इसी तरह 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान सासाराम से पटना लौट रहे थे तो एक गांव में चुनावी चर्चा करने बैठ गये बातचीत चल ही रही थी उसी दौरान जिसके दरवाजे पर बैठ कर चर्चा कर रहे थे उस घर की पुतहू गेट के अंदर से ही बोली सर मुझे भी कुछ कहना है मैं हैरान रह गया और फिर वो जो बोली कह नहीं सकते सर मैं ग्रेजुएशन तक पढ़ी हूं मेरा मां पिता जी इसलिए पढ़ाएं की हमारी बेटी नौकरी करेगी हुआ क्या पांच वर्ष तक सरकारी नौकरी की वैकेंसी ही नहीं आयी ।
मेरी शादी हुई जमीन जायदाद वाले हैं लोग है हमारे ससुर पढ़ी लिखी पुतहू चाहते थे इसलिए यहां मेरी शादी हो गयी हाल क्या है सुबह मेरी सास मवेशी का चारा काटती है ,धान रोपनी कर लेती है ,मवेशी के लिए घास काट कर ले आती है ,खेत में निकौनी तक कर लेती है और मैं चुपचाप देखती रहती हूं और इस वजह से रोजोना घर में विवाद होता है और मैं चाह करके भी पांच वर्ष में खेती का काम नहीं सीख पायी।

जीविका से जुड़े 800 रुपया मिलता है सरी जी आज बिहार की लड़कियां कही कि नहीं रही ना पति मिला, ना ससुराल मिला सब कुछ अधकचरा रह गया खाना भी ठीक से नहीं बना पाते हैं नीतीश जी को कहिएगा रोजगार पैदा नहीं कर सकते तो लड़कियों को पढ़ाना बंद कर दे हलाकि मैं इनकी बातो से सहमत नहीं था लेकिन बातचीत के दौरान उसके सवालों को लेकर कई बार मैं खुद निरुत्तर हो जाता था ।

इस स्थिति में आपको लगता नहीं है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को नये सिरे से सोचने कि जरुरत है क्यों कि हमारा समाज अभी भी खेतिहर है और शिक्षा का मतलब सरकारी नौकरी मात्र से हैं ऐसे में सरकार पर सरकारी नौकरी देने को लेकर दबाव है और इस वजह से हर परीक्षा में पैसे का खेल चलता है ।

बिहार जिला जज परीक्षा का परिणाम धोषित

बिहार डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल परीक्षा में 16 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किए गए । पटना हाईकोर्ट ने आज एक नोटिस जारी कर बिहार डिस्ट्रिक्ट जज एंट्री लेवल परीक्षा 2020 के परिणाम घोषित कर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की ।

लिखित परीक्षा ऐवम साक्षात्कार के आधार पर परीक्षा में सफल उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इनके नाम इस प्रकार से है, दीपक कुमार,राज विजय सिंह,मनीष कुमार शुक्ला,सुदेश कुमार श्रीवास्तव,मनीष कुमार,पीयूष कुमार,नर्वेदेश्वर पाण्डेय, पवन कुमार,निकिता आर बोरा,रंजीता कुमारी,रचना अग्रवाल,गौरव सिंह,प्रमोद कुमार,पुष्पा कुमारी,सत्य नारायण लाल सांझी और ज्योति कुमारी।

इस परीक्षा में कुल 53 उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया था जिसमें से केवल 16 उम्मीदवार ही सफल हुए। ग़ौरतलब है कि परीक्षा में एससी कोटे से एक भी उम्मीदवार सफल नहीं हो सके ।

बीजेपी विधायक के पुत्र को केन्द्र सरकार के वकील के तौर पर नियुक्त किये जाने को लेकर विरोध शुरु

पटना हाई कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा आशीष सिन्हा को केंद्रीय सरकार का पक्ष रखने के लिए वकील नियुक्त किये जाने को चुनौती दी गयी है। अधिवक्ता दिनेश कुमार ने याचिका दायर कर आशीष सिन्हा की नियुक्ति को चुनौती दी हैं।गौरतलब है कि आशीष सिन्हा भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा के पुत्र हैं। याचिकाकर्ता ने उनकी नियुक्ति के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा विगत 21 जनवरी, 2021 को दिए गए आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है। याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा है कि इस तरह नियुक्ति के लिए हाईकोर्ट से परामर्श लेने का प्रावधान हैं।

पटना हाई कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड नहीं होने के बाद् भी इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार के वकील के रूप में की गई है।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि करदाताओं के पैसों का इस्तेमाल किसी को भी कही से वकील नियुक्त करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इस नियुक्ति से पक्षपात की बू आती है क्योंकि आशीष सिन्हा भाजपा विधायक के लड़के हैं ।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के वकील के तौर पर श्री सिन्हा की नियुक्ति मनमाने ढंग से हुई है और यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने अपने याचिका में कहा है कि क्या केंद्र सरकार जब केंद्र सरकार के लिए वकील समेत किसी विधि पदाधिकारी की नियुक्ति करती है, तो गाइडलाइंस का पालन करती है ?

जेल से जुड़े कर्मी के सेवा शर्त को लेकर पटना हाईकोर्ट में दायर हुई याचिका

पटना हाईकोर्ट में राज्य के विभिन्न जेलों में कार्यरत अपर डिवीजन क्लर्क, लोअर डिवीजन क्लर्क व हेड क्लर्क से उनके कार्यों, ड्यूटी व जिम्मेदारियों जैसी सेवा के मामलों में अधिकारियों के कथित मनमाना रवैया पर एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका बिहार स्टेट प्रिजनस नॉन ग़ज़िटेड एम्प्लाइज एसोसिएशन व अन्य द्वारा दायर की गई है।

इस याचिका में उक्त कर्मियों के भविष्य के प्रोन्नति के रास्ते का भी जिक्र किया गया है। इस याचिका में इन कर्मियों के ड्यूटी, जिम्मेदारियों और कार्यों को विशेष रूप से पारदर्शी करते हुए उनसे काम लेने हेतु निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

इस याचिका में कहा गया कि क्लर्क का काम वास्तव में कार्यालय में होता है, लेकिन जेल अधीक्षक द्वारा क्लर्क से अन्य कार्य ,जैसे बंदी का रिलीज करना, सिक्योरिटी का काम करवाना व नाईट पेट्रोलिंग आदि करवाया जाता है।

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि इन कर्मियों से वैसे ही काम लिये जाए, जो राज्य सरकार व विभाग द्वारा नियमानुसार कराए जाने का प्रावधान है।याचिका के जरिये बिहार के जेलों में ऑफिस सुपरिंटेंडेंट या असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद का सृजन करने की मांग भी की गई है, ताकि राज्य के जेलों में कार्यरत क्लर्क समेत लोअर डिवीजन क्लर्क, अप्पर डिवीजन क्लर्क व हेड क्लर्क को प्रोन्नति का एक और मौका मिल सके।

याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्ष 2008 के पहले राज्य के जेलों में कार्य कर रहे क्लर्क के लिए कोई सर्विस रूल्स नहीं था। पुनः 2008 के नियम को 2016 में तब्दील किया गया और अभी 2016 लागू है।
इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई किये जाने की उम्मीद है।

बिहार जदयू संगठन में आँपरेशन आरसीपी शुरु अनिल कुमार और चंदन सिंह पर गिरी गाज

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से आसीपी सिंह के हटने के बाद बिहार जदयू संगठन के अंदर ऑपरेशन आरसीपी की आज शुरुआत हो गयी ।ललन सिंह के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आज पहली बार JDU के तमाम प्रकोष्ठ के प्रभारियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें आरसीपी के करीबी माने जाने वाले जदयू राष्ट्रीय प्रदेश महासचिव अनिल कुमार और चंदन सिंह को जिम्मेवारी मुक्त कर दिया है।

प्रदेश मुख्यालय प्रभारी के तौर पर काम कर रहे अनिल कुमार और चंदन सिंह की जगह अब प्रदेश मुख्यालय का जिम्मा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीन कुमार आर्य, महासचिव मृत्युंजय कुमार, वासुदेव कुशवाहा और मनीष कुमार को दी गई है।

ललन सिंह ने जदयू के जिला अध्यक्ष को और अधिकारी प्रदान किया है अब जिले के अंदर काम करने वाले सभी प्रकोष्ट के सभी पदाधिकारी जिला अध्यक्ष के अंदर होगे , साथ ही संगठन में जनता दल यूनाइटेड के अंदर बड़ा बदलाव किया गया है। अब हर जिले में दो-दो प्रभारियों की नियुक्ति की गयी है जिन्हें संगठन को मजबूत और धार दार बनाने कि जिम्मेदारी दी गयी है ।18 जिलों के लिए 36 पार्टी के पूर्व विधायक और पदाधिकारी को जिले का कमान दिया गया है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर नियु्कत किया प्रेक्षक

राज्य निर्वाचन आयोग ने एडीएम, उप सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के 170 प्रेक्षकों की तैनाती की है। ये अधिकारी बिहार राज्य खाद्य निगम, श्रम संसाधन विभाग, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, समाज कल्याण विभाग, भू-अर्जन निदेशालय, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, ऊर्जा विभाग, योजना पर्षद, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार लोक सेवा आयोग, आपदा प्रबंधन विभाग, पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित निगम, बिहार राज्य चिकित्सा सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड, परिवहन विभाग,भवन निर्माण विभाग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, सामान्य प्रशासन विभाग, जीविका में पदस्थापित हैं।

आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को प्रेक्षकों की सूची भेज दी है। हालांकि प्रेक्षक के पद पर जिन अधिकारियों की तैनाती हुई है, उन्हें किस जिले में जाना है। अभी इसकी सूची प्रशासन को नहीं मिली है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद प्रेक्षकों को जिलावार सूची भी जारी कर दी जाएगी।

बिहार के स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहाल

आज हम आपको बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़ी तीन तस्वीरें दिखा रहे हैं और उन तस्वीरों के सहारे कोरोना के तीसरी लहर से लड़ने को लेकर जो दावे किये जा रहे हैं उसकी सच्चाई से आप रुबरु हो सकते हैं ।

पहली तस्वीर राज्य में फैले वायरल बुखार से जुड़ी है खबर यह है कि शहर से लेकर गांव तक में बच्चे वायरल बुखार से पीड़ित है पीड़ित बच्चों में पांच से आठ प्रतिशत बच्चें ऐसे हैं जिनको अस्पताल की जरुरत है हाल यह है कि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच,आईजीएमएस.एनएमसीएच और एम्स जहां कोरोना के तीसरी लहर को देखते हुए विशेष तौर पर पीकू व नीकू अस्पताल तैयार किया गया था वहां एक भी बेड खाली नहीं है ।

अस्पताल के बाहर गलियारे में इलाज के अभाव में बच्चा तरप रहा है ।वही कोरोना वाला हाल माँ के गंधे पर बीमार बच्चा और बाप के हाथ में आँक्सीजन का सिलेंडर ।बेड की जगह बाथरुम के गेट पर बच्चों को गोद में लिए मां हैरान परेशान मरीज के परिजनों को निहार रही है और अपने पति से बार बार कह रही है कुछ कीजिए ना बाबू बहुत रो रहा है ।

पति परेशान है अस्पताल में ना डां है ना बेड है और ना ही दवा है,करे तो करे क्या हर आने जाने वालों को टकटकी निगाह से देख रहा है कही किसी रास्ते से फरिस्ता की तरह कोई डाँ आये और उसके बच्चे को बचा ले ।ये हाल राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच का है जिला और अनुमंडल अस्पताल की तो बात ही छोड़ दे ।

दूसरी तस्वीर सिवान सदर अस्पताल की है जहां एक व्यक्ति की लाश 15 घंटे तक फर्श पर पड़ी रही और वार्ड में कुत्ते घूमते रहे, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

तीसरी तस्वीर जीएमसीएच बेतिया की है जहां चोरों ने आईसीयू में घुसकर मरीज को लगा आक्सीजन मॉनिटर चुरा लिया। मरीज के परिजनों के टोकने पर चोर ने खुद को अस्पताल का कर्मचारी बताया। खराब होने व बदलने के नाम पर मॉनिटर चुराकर ले गया। जल्दबाजी में मॉनिटर खोलने के दौरान चोर ने ऑक्सीजन पाइप भी नोंच दिया थोड़ी देर बाद मरीज की स्थिति जब बिगड़ने लगी तो परिचन भागे भागे नर्स रुम में गयी वहां नर्स मौजूद नहीं थी हल्ला हंगामा शुरु हुआ तो कही से एक नर्स पहुंची और फिर किसी तरह आंक्सीजन का पाइप लगायी ये मेडिकल कांलेज का हाल है ।

इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के टीम को अस्पताल का दौरा करने के लिए भेजा गया है उन्हें रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है कई विशेषज्ञों से बातचीत में पता चला है कि वायरल फीवर है और सभी सरकारी अस्पतालों में बच्चों के समुचित इलाज का निर्देश दिया गया है पूरे मामले पर मैं खुद नजर रख रहा हूं और लगातार अधिकारियों के संपर्क में हूं

संभार–संतोष सिंह के वाल से

उतार-चढ़ाव के बाद बाजार हरे निशान में बंद; सेंसेक्स 58,305, निफ्टी 17,369 पर बंद; एयरटेल, नेस्ले टॉप गेनर

साप्ताहिक एफएंडओ समाप्ति सत्र में घरेलू बेंचमार्क सूचकांक मामूली बढ़त के साथ सपाट बंद हुए । बीएसई सेंसेक्स 54.81 अंक (0.09 प्रतिशत) बढ़कर 58,305.07 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 15.75 अंक (0.09 प्रतिशत) ऊपर 17,369.25 पर बंद हुआ।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स 72.07 अंक (0.29 फीसदी) ऊपर 24,639.15 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एसएंडपी बीएसई स्मॉलकैप 105.72 अंक (0.38 फीसदी) ऊपर 27,607.00 पर था। बैंक निफ्टी अपने इंट्राडे लाभ को बनाए रखने में विफल रहा, 0.23% कम 36,683 पर समाप्त हुआ ।

भारती एयरटेल 2.73% की बढ़त के साथ सेंसेक्स में शीर्ष पर रही, इसके बाद नेस्ले इंडिया, टाटा स्टील और बजाज फिनसर्व का स्थान रहा। टाइटन गुरुवार को सेंसेक्स का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला था, जो लगभग 1% गिर गया। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक और एचडीएफसी बैंक का स्थान रहा। मीडिया, एफएमसीजी, धातु सबसे अधिक लाभ में रहे ।

सेंसेक्स एक नजर में

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 18 शेयर्स बढ़त के साथ और 12 शेयर्स लाल निशान में बंद हुए। बी एस ई पर कारोबार के दौरान 196 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 23 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

निफ्टी एक नजर में

बाढ़ को लेकर सीएम की अध्यक्षता में हुई मैराथन बैठक

राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति पर मुख्यमंत्री की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय,
प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया निर्देश

मुख्य बिन्दु :-
1. बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें।

2. कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

3. तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें।

4. पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

5. जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो।

6. जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो।

7. हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं।

पटना 08 सितम्बर 2021 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में राज्य में बाढ़ आपदा एवं अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। साढ़े पांच घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान प्रस्तुतीकरण के माध्यम से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के प्रतिनिधि ने अब तक की वर्षापात की स्थिति और आने वाले दिनों के वर्षा पूर्वानुमान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं अल्पवृष्टि को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक तीन चरणों, प्रथम चरण- 13 से 17 जून, द्वितीय चरण- 1 जुलाई से 7 जुलाई, तृतीय चरण- 8 अगस्त से 22 अगस्त में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। आपदा पीड़ितों के लिए सभी प्रकार के राहत एवं बचाव कार्य किये गये। मुख्यमंत्री द्वारा हवाई सर्वेक्षण एवं बाढ़ राहत शिविरों में शरणार्थियों से मिलकर राहत कार्यों का जायजा लिया गया। इससे पीड़ितों का काफी मनोबल बढ़ा। अब तक 7,95,538 परिवारों के बीच 477.32 करोड़ रुपये ग्रैच्युट्स रिलीफ की राशि का वितरण किया जा चुका है और बाकी बचे लोगों में जी0आर0 का वितरण 25 सितंबर तक कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ से 26 जिलों के 16.60 लाख परिवारों की 69.63 लाख जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिन्हें हरसंभव मदद की जा रही है।

समीक्षा बैठक में कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के सचिव श्री जितेंद्र श्रीवास्तव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती एन0 विजयलक्ष्मी एवं जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बाढ़ के दौरान अपने-अपने विभागों द्वारा किये गये कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने-अपने जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों, जी0आर0 वितरण, क्षतिग्रस्त सड़कें, फसल क्षति, पशु क्षति आदि के साथ-साथ बाढ़ के दौरान किये गये राहत एवं बचाव कार्यों की भी जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अधिक वर्षापात होने से नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति बनी। हमने हवाई सर्वेक्षण कर राज्य के सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। साथ ही प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों को भी हवाई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया ताकि वे अपने जिलों के पूरे क्षेत्रों का ठीक से जायजा ले सकें। प्रभावित लोगों के बीच राहत एवं बचाव कार्य कर उन्हें हरसंभव मदद मुहैया कराया गया। हमने राहत शिविरों में जाकर बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यों एवं वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली और अधिकारियों को सभी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सभी जिलाधिकारी अभी भी मौसम पूर्वानुमान के आधार पर आगे की स्थिति के लिए सचेत रहें और पूरी तैयारी रखें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि बाढ़ के कारण जहां किसानों द्वारा फसल नहीं लगायी जा सकी, उसे फसल क्षति मानते हुये उन सभी किसानों को उचित सहायता उपलब्ध करायें। साथ ही किसानों की फसल क्षति का भी आंकलन कर उन्हें सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिलों के जिलाधिकारी बाढ़ के कारण हुई क्षति का पंचायतवार सही तरीके से आंकलन करें ताकि उसके आधार पर सभी प्रभावितों की मदद की जा सके। कोई भी बाढ़ आपदा पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन से चार दिनों में बाढ़ से हुई क्षति का पूर्ण आंकलन कर लें। इसके पष्चात् जिलों के प्रभारी मंत्री संबंधित जिलों में जाकर जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे अंतिम रुप दें। उन्होंने कहा कि पषु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशु क्षति का भी ठीक से आंकलन कराये और पशुपालकों की सहायता करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग बाढ़ के स्थायी समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करे ताकि बाढ़ का असर कम से कम हो। उन्होंने कहा कि जिलों के उन विषिष्ट क्षेत्रों का भी आंकलन कर लें, जहॉ अल्पवृष्टि की स्थिति बन रही हो। हर वर्ष बाढ़ के कारण बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है, उससे बचाव एवं राहत के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार भविष्य के लिये सचेत रहते हुये पूरी तैयारी रखें।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री श्रीमती रेणु देवी, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार,पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, कला, संस्कृति एवं युवा मामले के मंत्री श्री आलोक रंजन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, श्रम संसाधन मंत्री श्री जिवेश मिश्रा, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री व्यास जी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी0एन0 राय, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अपर मुख्य सचिव पथ श्री अमृत लाल मीणा सहित सभी जिलां के प्रभारी अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, संबंधित विभागों के अन्य वरीय पदाधिकारीगण, सभी प्रमंडलीय आयुक्त, रेंज के आई0जी0/डी0आई0जी0, सभी जिलों के जिलाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

दरभंगा एम्स के निर्माण की प्रक्रिया शुरु विभाग ने निकाली टेंडर

डीएमसीएच परिसर में प्रस्तावित एम्स निर्माण स्थल पर बालू भराई व समतलीकरण को लेकर निकाल दी गयी है. 21 सितंबर तक निविदा डालने की तिथि निर्धारित की गयी है. तकनीकी बीड 23 सिंतबर को खुलेगा तथा उसी दिन अग्रधन की राशि जमा होगी. द्वितीय बीड खोलने की तिथि बाद में प्रकाशित करने की जानकारी संबंधित विज्ञापन में दी गयी है.निविदा की वैधता अवधि 120 दिन बतायी गयी है. काम पूरा करने का समय तीन माह है. बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इनफ्राक्सट्रक्चर कोपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसिएल) ने यह निविदा निकाली है. इसके तहत 75 एकड़ भूखंड पर बालु भराई व समतलीकरण का काम होना है. इस पर 12 करोड़ 41 लाख 35 हजार रुपया खर्च होगा.पिछले कई दिनों से दरभंगा में छात्र संगठन एमएसयू दरभंगा में एम्स निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे थे. साथ ही एमएसयू ने ऐलान किया था कि दरभंगा में आठ सितंबर को प्रतीकात्मक शिलान्यास भी करेंगे. वहीं इसके बाद प्रशासन हरकत में आ गई .

दरभंगा में एम्स निर्माण को लेकर जारी आंदोलन के बीच आज बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इनफ्राक्सट्रक्चर कोपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसिएल) ने निविदा निकाला है. इसके तहत 75 एकड़ भूखंड पर बालु भराई व समतलीकरण का काम होना है. इस पर 12 करोड़ 41 लाख 35 हजार रुपया खर्च होगा।

विभाग ने जो निविदा जारी किया है उसके अनुसार 21 सितंबर तक निविदा डालने की तिथि निर्धारित की गयी है. तकनीकी बीड 23 सिंतबर को खुलेगा द्वितीय बीड खोलने की तिथि बाद में प्रकाशित करने की जानकारी संबंधित विज्ञापन में दी गयी है.निविदा की वैधता अवधि 120 दिन बतायी गयी है तथा काम पूरा करने का समय तीन माह निर्धारित किया गया है।

हनुमान मंदिर की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट सख्त सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने राजधानी के पटना सिटी स्थित जल्ला हनुमान मंदिर की सुरक्षा व संरक्षण तथा वहाँ जलाशय पर किये गए अतिक्रमण के मामले पर सुनवाई की।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निगम आयुक्त को सफाई और रौशनी की व्यवस्था के मामले पर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि चूँकि राजस्व सचिव ने कमेटी का गठन कर दिया है, इसलिए राजस्व सचिव इस मामले पर हलफनामा दायर करें।

इस मामले में कोर्ट ने विगत 5 जुलाई को राजस्व सचिव को एक कमेटी का गठन करने का आदेश दिया था। पटना के जिला विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

कोर्ट ने जलाशय की सुरक्षा के लिये उपाय करने को भी कहा था। पटना के जिलाधिकारी को संबंधित क्षेत्र को वीडियोग्राफी करवाकर के की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था।

पिछले 27 जुलाई को कोर्ट ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करने को भी कहा था। उसके बाद अपर जिलाधिकारी ने राजस्व रिकॉर्ड में सुधार करते हुए आवश्यक आदेश पारित किया।

पिछले 23 अगस्त को कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को राजधानी के बीचों बीच स्थित इस जलाशय की सुरक्षा हेतु कार्रवाई करने को कहा था। कोर्ट ने जलाशय की घेराबन्दी करने को भी कहा ,ताकि जलाशय में कोई नया अतिक्रमण नहीं हो। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने बताया कि इस आदेश के अनुपालन में हलफनामा दायर करने को कहा गया था, लेकिन आज को कोई हलफनामा दायर नहीं किया जा सका।

याचिकाकर्ता का कहना था कि मंदिर के पास के जल क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से इसकी सुरक्षा व्यवस्था और संरक्षण को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मामले में आगे की सुनवाई आगे भी की जाएगी।

सेंसेक्स 58250, निफ्टी 17353 पर सपाट बंद ; मिडकैप, स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन

बीएसई सेंसेक्स 29 अंक की गिरावट के साथ 58,250 पर, एनएसई निफ्टी 8.60 अंक फिसलकर 17,353 पर बंद हुआ। सेक्टरों में, निफ्टी बैंक, निजी बैंक, पीएसयू बैंक और वित्तीय सेवा सूचकांक प्रत्येक में लगभग एक प्रतिशत की वृद्धि हुई। दूसरी तरफ, आईटी, मीडिया, ऑटो और फार्मा इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए।

कारोबार के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। बाजार को बैंकिंग शेयर्स का सपोर्ट मिला। PSU और प्राइवेट बैंक के शेयर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया।

मिडकैप और स्मॉलकैप 50 बढ़त के साथ बंद हुए. बैंक के शेयर आज शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से थे। शीर्ष इंडेक्स गेनर के रूप में कोटक महिंद्रा बैंक 3.5% उछलकर बंद हुआ, इसके बाद एनटीपीसी, टाइटन और सन फार्मा का स्थान रहा। नेस्ले इंडिया 2.27% नीचे था, जो दिन का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला सेंसेक्स घटक था। मारुति, बजाज फिनसर्व और बजाज ऑटो अन्य पिछड़ों में से थे।

सेंसेक्स के 30 में से 15 शेयर्स तेजी के साथ जबकि 15 शेयर्स कमजोरी के साथ बंद हुए।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

पंचायत चुनाव में सम्पति के ब्योरा पड़ भी आयोग की रहेंगी नजर

राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष सम्पन्न हो इसको लेकर कई तरह के सुधार किये हैं साथ ही उन तमाम कानूनों को लागू करने की छूट चुनाव कार्यों से जुड़े अधिकारियों को दिया है जिससे चुनाव निष्पक्ष सम्पन्न हो सके ।
इसके लिए इस बार आयोग ने चुनाव में नामंकन के दौरान जो भी प्रत्याशी अपने सम्पति का ब्योरा सही नहीं देंगे और वो चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी सदस्याता रद्द कर दी जायेंगी साथ ही उन पर अपराधिक मामला भी दर्ज किया जायेंगा ।

सरकार ऐसे लोगों पर लोक प्रहरी के माध्यम से कार्रवाई करेगी।जो भी इस बार चुनाव में नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे, उन्हें संपत्ति की घोषणा करनी होगी। अगर गलत संपत्ति की घोषणा की तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। गलत संपत्ति की घोषणा करने पर सरकार नियम 18 (5) के तहत कार्रवाई करेगी। ऐसे पंचायत प्रतिनिधियों की बर्खास्तगी भी होगी।

12 सितंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मनाई जाएगी और बरसी के बहाने चिराग बड़ी राजनैतिक लकीर खींचने की तैयारी में लगा है आज इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मुलाकात कर आने का निमंत्रण दिया है वही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को भी न्योता भेजा है। हलाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निमंत्रण को लेकर जब चिराग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है ।
वही निमंत्रण कार्ड पर चिराग ने पूरे पासवान परिवार का नाम छपवाया है।कार्ड के एक भाग में शोकाकुल परिवार के तौर पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई कृष्ण राज, चचेरे भाई व समस्तीपुर सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (पारस गुट वाली लोजपा) प्रिंस राज और यश राज का नाम लिखा हुआ है। कार्ड के दूसरे भाग में विनीत के तौर पर चिराग पासवान का नाम सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लोजपा लिखा हुआ है।

रामविलास पासवान की पहली बरसी मनायी जायेंगी पटना तैयारी जोड़ो पर

लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) नेता चिराग पासवान अपने पिता व दलित नेता रामविलास पासवान की पहली बरसी पर 12 सितंबर को पटना में बड़े आयोजन करने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को न्योता भेजा है।

12 सितंबर को लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली बरसी पटना में मनाई जाएगी और बरसी के बहाने चिराग बड़ी राजनैतिक लकीर खींचने की तैयारी में लगा है आज इसको लेकर बिहार के नेता प्रतिपंक्ष तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी से मुलाकात कर आने का निमंत्रण दिया है वही इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत शीर्ष राष्ट्रीय नेताओं को भी न्योता भेजा है। हलाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निमंत्रण को लेकर जब चिराग से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी तक मिलने का समय नहीं मिला है ।

वही निमंत्रण कार्ड पर चिराग ने पूरे पासवान परिवार का नाम छपवाया है।कार्ड के एक भाग में शोकाकुल परिवार के तौर पर सबसे पहले केंद्रीय मंत्री और अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, चचेरे भाई कृष्ण राज, चचेरे भाई व समस्तीपुर सांसद सह प्रदेश अध्यक्ष (पारस गुट वाली लोजपा) प्रिंस राज और यश राज का नाम लिखा हुआ है। कार्ड के दूसरे भाग में विनीत के तौर पर चिराग पासवान का नाम सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष लोजपा लिखा हुआ है।

कांग्रेस के कद्दावर नेता सदानंद सिंह नहीं रहे

कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह का आज निधन हो गया है। पटना में खगौल के पास एक निजी अस्पताल क्यूरिस हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। लीवर सिरोसिस की बीमारी से परेशान थे। दिल्ली के प्रसिद्ध डॉक्टर एसके सरीन से लीवर का इलाज कराया था। उसके बाद पटना लौटे, लेकिन तकलीफ बढ़ी तो फिर अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। खगौल के पास क्यूरिस हॉस्पिटल में लगभग दो माह से उनका इलाज चल रहा था। लीवर सिरोसिस जब बढ़ने लगा तो किडनी में इंफेक्शन हो गाया। इसके बाद मंगलवार को उनका डायलिसिस किया गया। लेकिन उनके शरीर ने डायलिसिस बर्दाश्त नहीं किया और बुधवार की सुबह नौ बजकर नौ मिनट पर उनका निधन हो गया। उन्हें एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं।

राज्यपाल ,सीएम नीतीश कुमाप और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने भी जताया शोक
सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सदानंद सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा है कि वे एक अनुभवी राजनेता थे। क्षेत्र के लोगों में भी काफी लोकप्रिय थे। 2000 से 2005 तक विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे थे। उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध था। उनके निधन से मर्माहत हूं। इधर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूं। उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे। ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।

पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी शोक जताया है। उन्होंने कहा कि सदानंद बाबू की कमी हमेलंबा है राजनीतिक इतिहास, नौ बार रहे थे विधायक
सदानंद सिंह का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। वह पहली बार कहलगांव सीट से 1969 में जीत कर विधायक बने थे। विधानसभा अध्यक्ष के अलावा बिहार सरकार में कई विभागों के मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट से नौ बार विधायक भी रहे थे।

लड़कियां अभी भी सुरक्षित नहीं है बिहार में

तमाशबीन हूं मैं बात 2008 की है सुशासन उस वक्त लोगों के जुबान पर था उस वक्त मैं ईटीवी सा जुड़ा हुआ था और आंफिस एग्जीबिशन रोड स्थित शाही भवन में था । यही कोई रात के आठ बज रहे होंगे ।हमलोगों के साथ काम करने वाले एक सहयोगी के शादी का रिसेप्शन था आंफिस लगभग खाली हो गया था और सबसे विलम्भ से मैं ही आंफिस से निकला था ।जैसे ही गांधी मैदान से सामने स्थित रामगुलाम चौक से बाये मौर्या होटल की और मुड़े सामने देखते हैं बीच सड़क पर एक गांड़ी खड़ी है और एक लड़की को जबरन सड़क पर से उठा कर गांड़ी में बिठा रहा है तब तक मैं वहां पहुंच गया लड़की को तो बचा लिये लेकिन मेरे साथ जो हुआ उसकी कई बार चर्चा कर चुके हैं ।

लड़की को उठाने वालों में एक जंगलराज में चर्चित साले का साला था एक उस समय के जदयू के कद्दावर नेता और मंत्री के साढ़ू का बेटा था और तीसरा एक पुलिस अधिकारी का बेटा था इस घटना की चर्चा मेैं इसलिए कर रहा हूं कि लड़कियों के लेकर जंगलराज हो या फिर कानून की राज वाली सरकार हो लड़कियों को लेकर अपराधी प्रवृति वाले लोगों के नजरिया में कोई फर्क नहीं आया जैसे पहले होता था वैसे उस समय भी हो रहा था।

आज भी बिहार में अक्सर खबर आती है कि बेटी को छेड़खानी से रोकने पर बाप को गोली मार दिया भाई को पीट पीट कर अधमरा कर दिया मतलब आज भी राजधानी पटना में बेटी ,बहन और पत्नी को लेकर चलना सुरक्षित नहीं है कब कहां कोई छींटाकशी कर दे, छेड़छाड़ कर दे कहना मुश्किल है यह प्रवृति लड़कियों को लेकर सिर्फ शहर में ही नहीं है ,गांव में भी यही स्थिति है इस तरह की खबरे गांव से भी आती रहती है ।

आज भी किसी की बेटी और बहन घर से बाहर निकलती है तो जब तक वो वापस नहीं लौटती है पूरा परिवार तनाव में रहता है ।इसी तरह की एक घटना राजधानी पटना से सटे मनेर से आ रही है जहां ब्यापुर राजकीय मध्यविधालय में पढ़ने वाली छात्रा और शिक्षिका स्कूल आना बंद कर दी है ।

वजह आये दिन स्कूल जाने के दौरान आसपास के अपराधिक प्रवृति के लड़के स्कूल की छात्रा और शिक्षिका के साथ छेड़छाड़ करता रहता है स्कूल के प्राचार्य राज कुमार ने विभाग और थाने को लिख कर शिकायत किया है फिर भी कारवाई तो दूर अब ये गुंडे प्राचार्य को ही जान से मारने की धमकी दे रहा है जबकि इस स्कूल में 690 छात्राएं और 9शिक्षिकाएं है कार्यरत है फिर भी जब लड़कियां स्कूल के लिए निकलती है आस पास के लड़के सरेआम छेड़खानी करता है और शिक्षिका द्वारा आपत्ति करने पर शिक्षिका के साथ गाली गलौज और छेड़छाड़ करने से भी परहेज नहीं करता है ।

इस मानसिकता को क्या कहा कहेंगे, ये कोई सिर्फ मनेर की ही घटना नहीं है इस तरह की घटनाएं सरेआम बिहार के स्कूलों में होता रहता है ।हमें लगता है वक्त आ गया है समाज और कानून के रखवाले एक साथ मिल बैठ कर इसका समाधान निकाले ।नहीं तो फिर मुश्किले बढ़ेगी क्यों कि लड़किया भी अब फाइट करने लगी है ऐसे में बड़ी घटना घट सकती है ।

संभार –संतोष सिंह के वाल से

हाईकोर्ट से सरकार को फिर लगा झटका सृजन मामले में बैक से वसूली पर लगाया रोक

पटना हाई कोर्ट ने सृजन घोटाला से जुड़े मामले में सर्टिफिकेट केस के जरिये पैसे की वसूली की कार्यवाही पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है। जस्टिस मोहित कुमार शाह ने बैंक ऑफ बरोडा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया।

सृजन घोटाला में कथित तौर पर संलिप्त भागलपुर शाखा के बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक से राज्य सरकार की 189 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि को सर्टिफिकेट केस चला कर वसूली करने की कार्यवाही शुरू की थी। पर फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश देते हुए जिला प्रशासन को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

याचिकाकर्ता बैंक के वरीय अधिवक्ता पी के शाही ने बताया कि सृजन घोटाले में जो पैसा है, जिला प्रशासन ने पैसा बसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया है। इसमें बैंक का कहना है कि ये सर्टिफिकेट केस नहीं हो सकता है, क्योंकि कानून में लोक मांग नहीं है। अभी सृजन घोटाले का मुकदमा चल रहा है, कोई फैसला नहीं हुआ है, इसलिए बैंक से पैसा वसूला नहीं किया जा सकता है।श्री शाही ने सुनवाई के दौरान सर्टिफिकेट ऑफिसर के क्षेत्राधिकार पर भी सवाल उठाया।

राज्य सरकार का पक्ष रखते हुए सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने नीलाम वाद के आदेश के विरुद्ध अपील दायर किये बगैर ही सीधे हाई कोर्ट में मामला दायर करने पर आपत्ति जताई।

वायरल बुखार ने बिहार के बच्चों की बढ़ाई परेशानी 3हजार से अधिक बच्चे भर्ती है अस्पताल में

कोरोना के तीसरी लहर की आशंका के बीच बिहार में वायरल बुखार ने पूरी सरकार की नींद हराम कर दी है अभी तक जो सूचनायें आ रही उसके अनुसार पीएमसीएच ,आईजीएमएस और एम्स पटना में कोरोना के सम्भावित खतरे को देखते हुए बच्चों के लिए जीतने भी बेड लगाये गये थे वो सारे फुल हो चुके हैं यही स्थिति SKMCH मुजफ्फरपुर और डीएमसीएच दरभंगा का है अभी तक सरकारी अस्पतालओं की ही बात करे तो 3000 हजार से अधिक बच्चों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है ।

एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि वायरल बरोंकोलिस्ट बीमारी में श्वांस नली में सूजन हो जाता है। यह स्थिति जुकाम से शुरू होती है। सांस नली में सूजन होने से सांस फूलना, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। यह एक सप्ताह से एक महीने तक रह सकता है। अगर सही से और समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह गंभीर रूप ले लेता है अभी तक पांच सौ से अधिक बच्चे भर्ती हो चुके हैं सभी में इसी तरह के लक्षण पाये गये हैं आज सिविल सर्जन डॉ. विनय शर्मा के नेतृत्व ने एक टीम SKMCH में निरीक्षण करने पहुंची। टीम में पटना के भी स्वास्थ्य विभाग के एक वरीय अधिकारी हैं। SKMCH अधीक्षक डॉ. बीएस झा के साथ बैठक हुई। इसके बाद पीकू वार्ड निरीक्षण किया। सिविल सर्जन ने अधीक्षक से पूरी रिपोर्ट मांगी है। कहा है जिस इलाके के बच्चे अधिक प्रभावित होंगे। वहां पर विशेष निगरानी की जाएगी और जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा।

एम्स के शिशुरोग विशेषज्ञ डां लोकेस तिवारी की माने तो अभी तक अधिकांश बच्चों में वायरल बुखार के ही लक्षण देखने को मिल रहा है फिर भी सतर्क रहने कि जरुरत है क्यों कि कोरोना में भी कुछ ऐसा ही लक्षण मरीजों में देखा जाता है हलाकि अभी तक एम्स में एक बच्चे में कोरोना पाँजिटिभ पाया गया है और दो बच्चों में पोस्ट कोरोना के लक्षण दिखे गये हैं ।

हाईकोर्ट से सरकार को बड़ा झटका ,राज्यपाल कोटे से मनोनयन मामले में कोर्ट कर सकती है सुनवाई

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में राज्यपाल कोटा से मनोनीत किये गए 12 विधान पार्षदों के मनोनयन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि कोर्ट इन मामलों की सुनवाई कर सकता हैं। वरीय अधिवक्ता वसंत चौधरी की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि मनोनीत किये गए ये विधान पार्षद को राजनीतिज्ञों को समाजसेवी माना जाए या नहीं,इस मामले पर विचार करने की जरूरत नहीं। याचिकाकर्ता अधिवक्ता वसंत चौधरी का कहना था कि इस तरह के मामले में भारत का संविधान के प्रावधानों के तहत साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता व सहकारिता आंदोलन से जुड़े हुए विशिष्ट लोगों के मनोनयन हो सकता है।

जिन बारह लोगों का विधान पार्षद के रूप में मनोनयन किया गया है ,वे बहुमत बढ़ाने और जो लोग विधान सभा में चुन कर नहीं आ सके हैं, उन्हें विधान परिषद में इस तरह से लाया गया है। यह संविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई भी न तो सामाजिक कार्यकर्ता है, न ही साहित्य से जुड़ा व्यक्ति या न ही कोई वैज्ञानिक उपलब्धियां हैं। उन्होंने दलील देते हुए कहा था कि एक सामाजिक कार्यकर्ता को काम का अनुभव, व्यवहारिक ज्ञान और विशिष्ट होना चाहिए।लेकिन इन सब बातों पर गौर नहीं किया गया है।

श्री चौधरी ने कोर्ट को बताया कि इनमें कोई पार्टी का अधिकारी है ,तो कोई कहीं का अध्यक्ष। पिछ्ली सुनवाई मे कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता से पूछा कि क्या मनोनीत किये गए एम एल सी में राज्य के मंत्री पद पर है क्या।

विधान पार्षद के रूप में अशोक चौधरी, जनक राम, उपेंद्र कुशवाहा, डॉ राम वचन राय, संजय कुमार सिंह, ललन कुमार सर्राफ, डॉ राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, संजय सिंह, देवेश कुमार, प्रमोद कुमार, घनश्याम ठाकुर और निवेदिता सिंह को राज्यपाल के कोटे से मनोनयन किया गया।
अब इस मामले पर अगली सुनवाई 13 सितंबर को की जाएगी।