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नीतीश के सामने है दोहरी चुनौती पार्टी और सरकार दोनों कैसे बचे

आज जदयू के केंद्रीय संगठन में हाल में हुए बदलाव के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय देंगे। पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच फैले भ्रम को दूर करेंगेे और उन सवालों के जवाब भी देंगे जो पार्टी संगठन में अक्सर पूछे जा रहे हैं। रविवार को पटना में आयोजित राष्ट्रीय परिषद (JDU National Council) की बैठक में मुख्यमंत्री के भाषण का इंतजार पार्टी के कार्यकर्ता शिद्दत से कर रहे हैं। हाल के दिनों में उनके बीच संशय पैदा करने वाली कई घटनाएं हुईं। इस या उस नेता के बदले पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं के बीच अधिक दुविधा है।

स्वागत समारोह या शक्ति प्रदर्शन
जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर सांसद राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह (JDU National President Lalan Singh) छह अगस्त को पटना आए। उनके स्वागत में भारी भीड़ जुटी। केंद्र में मंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह (Union Minister of Steel RCP Singh) पहली बार बिहार आए। उसमें भी अच्छी भीड़ जुटी। लेकिन, तैयारी के बैनर से विवाद हो गया। उस बैनर पर नए बने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का फोटो नहीं था। वह बैनर हटा। नया बैनर लगा। लेकिन, आरसीपी की पूरी यात्रा में बैनर का फोटो विवाद बन कर झूलता रहा। संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) फोटो चुनिन्दा जवाब में उपेंद्र कुशवाहा की यात्रा के बैनरों से आरसीपी गायब कर दिए गए।

संगठन का काम करते रहेंगे
आरसीपी ने सम्मान समारोह में कहा कि वह केंद्र में मंत्री रहेंगे और संगठन का काम पहले की तरह करते रहेंगे। उन्होंने बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के घर पर भोजन करने की घोषणा की। कार्यकर्ताओं को यह भरोसा दिया कि इस्पात मंत्रालय और बिहार सरकार में मनोनयन से भरे जाने वाले पदों की वैकेंसी खत्म करेंगे। कार्यकर्ताओं को मनोनीत करेंगे। उन्होंने इशारे में कहा कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष की उनकी भूमिका कायम रहेगी।

कार्यकर्ताओं-नेतृत्व दोनों में असमंजस
आरसीपी की घोषणा के बाद कार्यकर्ताओं और छोटे-मध्यम दर्जे के नेतृत्व में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि वह किसे संगठन का नेता माने। बेशक नीतीश कुमार सर्वोच्च हैं। लेकिन, संगठन के मामले में वह रोज-रोज अपनी राय नहीं दे सकते हैं। लिहाजा उनके बाद वाले कमांड की जरूरत है। संभव है कि नीतीश कुमार अपने संबोधन में जिक्र करें कि पार्टी संगठन का व्यवहारिक नेतृत्व कौन करेगा। पार्टी के प्रति संगठन और सरकार-दोनों की जिम्मेवारी है। यह तय होगा प्राथमिक जिम्मेवारी किसकी है।

बैक ड्राप पर सिर्फ नीतीश का चेहरा
अध्यक्ष बनने के बाद भी ललन सिंह संगठन के मामले में अधिक सक्रिय नहीं हैं। स्वागत कराने के बाद लोकसभा की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली चले गए। संसद की कमेटी के साथ जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए थे। वहां जदयू कार्यालय में गए। लेकिन, बिहार संगठन में उन्होंने कोई महत्वपूर्ण हस्तक्षेप नहीं किया। शायद इसलिए भी कि वे मुख्यमंत्री के मुंह से अपनी भूमिका के बारे में सुन लेना चाहते हैं। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में ललन सिंह के अध्यक्ष बनने के फैसले की भी पुष्टि होगी। इसके बाद ललन सिंह की प्रभावी भूमिका शुरू होगी। फिलहाल, जदयू के प्रदेश कार्यालय के बैनर से राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से लगाया गया आरसीपी का फोटो हटा दिया गया है। ललन सिंह का फोटो रविवार के बाद लगेगा।

सरकार में शामिल होने का फैसला
अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का फैसला किसका था। ललन सिंह कह रहे हैं कि यह राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला था। उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी ही थे। मुख्यमंत्री अबतक कुछ स्पष्ट नहीं बोले हैं। दूसरी तरफ आरसीपी कह रहे हैं कि उन्होंने आज तक बिना मुख्यमंत्री की सहमति से कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुछ ऐसा जरूर कहेंगे, जिससे कार्यकर्ता समझ जाएं कि किसी की सहमति या राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से आरसीपी ने केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने का फैसला किया।

– अरुण अशेष(लेखक दैनिक जागरण के वरिष्ट पत्रकार हैं)

पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी चार चक्का गांड़ी का नहीं कर सकते हैं इस्तमाल

राज्य निर्वाचन आयोग ने शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव को लेकर कई और गाइड लाइन जारी किये हैं जिसके तहत प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के दौरान कितने वाहन यूज करना है इस पर खास ध्यान रखा गया हैै।

प्रत्येक पद के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। जिप सदस्य प्रत्याशी को दो हल्के मोटर या दो दोपहिया वाहन से प्रचार करने की अनुमति दी जा सकती है। वहीं, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं सरपंच को चालक सहित एक यांत्रिक दोपहिया वाहन सिर्फ अभ्यर्थी अथवा उनके निर्वाचन अभिकर्ता के लिए मंजूरी दी जाएगी। ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच प्रत्याशी या उनके निर्वाचन अभिकर्ता चुनाव प्रचार में किसी तरह के वाहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। आयोग द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अभ्यर्थी या निर्वाचन अभिकर्ता में से किसी एक को ही वाहन का परमिट दिया जायेगा। बिना परमिट के वाहन का परिचालन किये जाने पर उसे तुरंत जब्त कर लिया जायेगा।

आयोग द्वारा यह निर्देश जारी किया गया है कि मतदाताओं को दी जाने वाली पहचान पर्चियां सादे कागज पर अंकित होनी चाहिए। उम्मीदवार का नाम या चुनाव चिह्न बिल्कुल भी अंकित नहीं होना चाहिए। 100 मीटर पहले रुक जायेंगे वाहन नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के लिए निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में किसी भी वाहन का प्रवेश पूरी तरह वर्जित होगा।

जदयू राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक से बिहार की राजनीति की दिशा तय होगी

जदयू के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आज और कल पार्टी के प्रदेश कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में होनी है। इस बैंठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ,मंत्री आरसीपी सिंह ,संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, प्रधान महासचिव केसी त्यागी, राष्ट्रीय महासचिव संजय झा, आफाक अहमद,रामसेवक सिंह, रामनाथ ठाकुर, गुलाम रसूल बलियावी, कमर आलम, राष्ट्रीय सचिव आरपी मंडल, विद्यासागर निषाद, रवीन्द्र प्रसाद सिंह, संजय वर्मा, राजसिंह मान, कोषाध्यक्ष डॉ. आलोक सुमन समेत कुल 18 नेता शामिल होंगे।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को बैठक में शामिल होंगे और पार्टी नेता को सम्बोधित करेंगे ।

हलाकि बैठक के एजेंडे की बात करे तो बैठक में मुख्य रूप से उन प्रस्तावों पर मुहर लगनी है, जिन्हें दिल्ली में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिया गया था।

1—पहला प्रस्ताव था जातिगत जनगणना
2–दूसरा प्रस्ताव था जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने से सम्भव नहीं है पार्टी इसके लिए लोगों को जागरूक के लिए अभियान चलायेंगी
3–तीसरा प्रस्ताव था जदयू अपने संविधान में संशोधन पर भी मुहर लगाएगा। इसके तहत यह व्यवस्था की गई है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह अधिकार होगा कि वे पार्टी के राष्ट्रीय संंसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में किसी को जिम्मेदारी दे सकें।
4—जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में यह भी तय हुआ था पार्टी उन राज्यों में विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारेगी, जहां चुनाव बहुत जल्द होने वाले है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश और मणिपुर का जिक्र आया था। इससे जुड़े प्रस्ताव पर भी राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुहर लगेगी।

हलाकि ये सारे एजेंडे दिखावे के लिए इस बैठक के पीछे मूल रुप से दो एजेंडा प्रमुख है जिसमें एक जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी कैसे बैकफुट पर आती है और दूसरा संगठन से आरसीपी सिंह और उनके चाहने वाले लोगों का सफाया कैसे हो।
पहले एजेंडे को प्रभावी बनाने की जिम्मेवारी के0सी त्यागी को दी गयी है और आरसीपी सिंह के ऑपरेशन की जिम्मेवारी ललन सिंह और उपेन्द्र कुशवाहा दो गयी है।

क– नीतीश कुमार जातीय जनगणना को लेकर दूसरे राज्यों के दौरे पर निकलेंगे
रणनीति के तहत राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में एक प्रस्ताव पार्टी की और से लाया जा रहा है जिसमें जातीय जनगणना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक नैरेटिव बने इसके लिए नीतीश कुमार देश स्तर उन्हें कैंपेन की जिम्मेवारी दी जाये ।
इसकी पीछे नीतीश कुमार की मंशा यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू मुस्लिम और राष्ट्रवाद का जो नैरेटिव चरम पर है उसको कमजोर किया जा सके ।क्यों कि जब तक राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू मुस्लिम और राष्ट्रवाद का नैरेटिव चलता रहेंगा जातिवादी राजनीति कमजोर होती चली जायेंगी और ऐसे में पार्टी को बचाये रखना मुश्किल हो जायेंगा। इसलिए राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक पूरी तौर पर जातीय जनगणना को लेकर फोकस रहेंगा ।
साथ ही जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बीजेपी जो कानून लाना चाह रही है उसका अपने तरीके से विरोध जारी रखने की रणनीति पर भी गम्भीर चर्चा होगी क्यों कि जातीय जनगणना को तोड़ जनसंख्या नियंत्रण कानून ही है ।
जो जातिवादी राजनीति को हाशिए पर पहुंचा सकता है क्यों कि बीजेपी इस कानून को पूरी तौर पर मुस्लिम नैरेटिव को सामने रख कर आगे बढ़ रही है।

ख–आरसीपी सिंह को पर कतरने की भी तैयारी है
राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के अध्यक्ष बनने पर जैसे ही मोहर लगेंगा ललन सिंह को संगठन के विस्तार का अधिकार मिल जायेंगा ।आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाने के लिए भले ही पार्टी एक व्यक्ति एक पद की बात कह रहा है जबकि आरसीपी सिंह से पहले शरद यादव और नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं और मंत्री और सीएम भी इसलिए एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला के पीछे आरसीपी को संगठन और पार्टी से दूर करना ही था इसलिए सबकी नजर राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक पर है क्यों कि अभी तक जदयू के नेताओं को बयान है उस गौर करेंगे तो एक बात समान्य है जदयू के हमारे सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हैं और जदयू में एक ही नेता है, वह नीतीश कुमार हैं. जनता दल यूनाइटेड का मतलब आप लोग अच्छे तरीका से जान लीजिए, जनता दल यूनाइटेड है और इसका मतलब भी साफ है. पार्टी पूरी तरह से एकजुट है. कहीं भी पार्टी में किसी भी तरह का मतभेद नहीं है।बयान जरुर इस तरह के आ रहे हैं लेकिन पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक ठाक नहीं है यह दिख रहा है भले ही नीतीश कुमार क्यों ना मतभेद की बात सिरे से खारिज कर दे।
हलाकि आरसीपी विरोधी जो भी नेता है उसके निशाने पर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा है माना यही जा रहा है कि राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद उमेश कुशवाहा को प्रदेश अध्यक्ष से हटाया जा सकता है हलाकि यह निर्णय इतना आसाना नहीं है क्यों कि भले ही आरसीपी सिंह नीतीश में पूरी आस्था दिखा रहे हैं लेकिन आज वो इतने कमजोर भी नहीं है कि नीतीश उन्हें सिरे से खारिज कर दे ।

वैसे नीतीश और आरसीपी के बीच के रिश्ते को समझना आज की परिस्थिति में भी बहुत मुश्किल है भले ही 2020 के विधानसभा चुनाव में 10 से 15 ऐसे सीटों पर जहां जदयू चुनाव हारी है, उस हार के लिए आरसीपी जिम्मेवार है ये नीतीश भी स्वीकार करते हैं लेकिन इसके इतर भी बहुत सारी बाते ऐसी है जो आरसीपी को सिरे से खारिज करना नीतीश के लिए मुश्किल होगा ।

ऐसे में दो दिनों के इस राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक से बिहार की राजनीति किस और करवट लेगी इसका निर्घारण होना तय माना जा रहा है ।

पंचायत चुनाव में कौन कहां से चुनाव लड़ सकता है चुनाव आयोग ने जारी किया निर्देश मुखिया पद के प्रखंड का वोटर होना अनिवार्य

बिहार में होने वाले पंचायत आम चुनाव के दौरान कोई भी मतदाता अपने प्रखंड के किसी भी पंचायत से मुखिया पद का प्रत्याशी बन सकेगा।राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के निर्वाचन क्षेत्रों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार किस पद के प्रत्याशी के निर्वाचन क्षेत्र की सीमा कौन-कौन सी होगी, इसकी जानकारी दी गयी है। आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर मुखिया पद का प्रत्याशी बनना चाहता है तो वह अपने प्रखंड के अंदर किसी भी पंचायत से मुखिया का चुनाव लड़ सकता है। इसी प्रकार, आयोग ने अन्य पदों के लिए भी निर्वाचन क्षेत्रों की स्थिति स्पष्ट कर दी है।

आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किसी भी प्रत्याशी को चुनाव लड़ने के लिए उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम दर्ज होना आवश्यक है। मतदाता सूची में नाम दर्ज होने के बाद कोई व्यक्ति ग्राम पंचायत सदस्य या ग्राम कचहरी के पंच का चुनाव लड़ना चाहता है तो वह उस ग्राम पंचायत के किसी भी वार्ड से प्रत्याशी हो सकता है।

इसी प्रकार कोई भी व्यक्ति मुखिया, सरपंच या पंचायत समिति सदस्य का प्रत्याशी बनना चाहता है तो वह उस प्रखंड के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव का प्रत्याशी हो सकता है। शर्त यह है कि उसका नाम उस प्रखंड के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल होना चाहिए।

इसी प्रकार, आयोग ने जिला परिषद प्रत्याशी को लेकर भी निर्देश दिया है। जिला परिषद प्रत्याशी अपने जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हो सकता है। बर्शेते कि उसका नाम उस जिले के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल हो।

सेंसेक्स, निफ्टी हरे निशान में हुआ बंद; मिड और स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन

सेंसेक्स 56124 पर, निफ्टी 16700 के ठीक ऊपर बंद हो कर ऑल टाइम हाई पर पहुंचा । दलाल स्ट्रीट पर बुल्स फिर से नियंत्रण में थे क्योंकि घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों ने सितंबर एफएंडओ श्रृंखला की शुरुआत लाभ के साथ की थी।

बैंक निफ्टी 35,627 पर सकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सपाट बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 50 1% और निफ्टी मिडकैप 50 0.91% ऊपर। सेंसेक्स के शीर्ष लाभ के रूप में अल्ट्राटेक सीमेंट 3.64% ऊपर था, इसके बाद एलएंडटी, डॉ रेड्डीज, बजाज फिनसर्व और सन फार्मा थे। तालिका के दूसरे छोर पर, इंफोसिस शीर्ष के रूप में 1.07% नीचे था, इसके बाद इंडसइंड बैंक और एमएंडएम थे। सेंसेक्स के 30 में से 22 शेयर्स में तेजी और 8 शेयर्स में गिरावट देखने को मिली।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

पंचायत चुनाव में एक कर्मचारी चार चरणों के चुनाव में ही लेगा भाग।

बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान एक कर्मचारी को अधिकतम चार चरणों के चुनाव में तैनात किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कर्मियों की कमी की दशा में एक मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी, पेट्रोलिंग मैजिस्ट्रेट, माइक्रो ऑब्जर्बर को अधिकतम चार चरणों में ही प्रतिनियुक्त किए जाएंगे।


गौरतलब है कि पूर्व में आयोग ने एक कर्मी को तीन चरणों में ही तैनात करने का निर्देश दिया था। इसके बाद जिलों से कर्मियों की कमी के कारण मात्र तीन चरणों में ही प्रतिनियुक्ति किए जाने में कठिनाई की जानकारी आयोग को दी गयी। इसके बाद आयोग ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए अधिकतम चार चरणों में कर्मियों की तैनाती का निर्देश दिया है।

आयोग के अनुसार प्रत्येक मतगणना (ईवीएम से) टेबुल पर एक महिला कर्मी को मतगणना सहायक के रुप में तैनात किया जाएगा। वहीं, इवीएम के मतगणना टेबुल पर एक माइक्रो ऑब्जार्बर महिला या पुरुष अवश्य तैनात किया जाए। आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने यह आदेश जारी किया और इस संबंध में की गयी कार्रवाई की जानकारी आयोग को देने को भी कहा।

सृजन मामले में सीबीआई और ईडी ने गठित की विशेष टीम

सृजन मामले में सीबीआई बैंक कर्मी और भागलपुर नजारत से जुड़े कर्मियों को जेल भेज कर कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट सौप दिया था उससे ये लगने लगा था कि बिहार के सबसे बड़े घोटाले के रहस्य पर से पर्दा नहीं उठेगा ,लेकिन जिस तरीके से एक बार फिर केन्द्रीय ऐंजसी संक्रिय हुई है उससे ये लगने लगा है कि सृजन मामले बड़ी कारवाई होने वाली है क्यों कि जो काम सीबीआई चार वर्ष में नहीं कर पायी है वो काम सीबीआई एक माह के अंदर कर दिया है ।


सीबीआई इस माह सृजन से जुड़े 30 लोगों को गिरफ्तारी किया है वही गुरुवार को आरोपी सीमा कुमारी पटना सीबीआई कोर्ट में सरेंडर की है वही मनोरमा देवी के बेटे और उसकी पत्नी कि गिरफ्तारी के लिए राँ जैसी केन्द्रीय ऐंजसी का भी सहयोग सीबीआई ले रही है कहां जा रहा है कि दोनों नेपाल के रास्ते आस्ट्रेलिया भाग गया है वही खबर ये भी आ रही है कि सीबीआई ने बिहार के तीन एडीजी और एक एसपी रैंक के अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है जिसमें एक के खाते में सृजन के खाते से सीधा पैसा गया है दूसरे एडीजी स्तर के अधिकारी पर आरोप है कि वो सरकार के अनुमति के बगैर थाईलैंड घूमने गया था सरकार ने इसको लेकर उक्त एडीजी से स्पष्टीकरण भी पुंछा है तीसरे पर साक्ष्य को दबाने का आरोप है और चौथे पर पी0के0घोष के कम्पनी में निवेश का आरोप है वही कई आईएस अधिकारी को भी फिर से नोटिस भेजने कि तैयारी चल रही है जिनके हस्ताक्षर युक्त चेक के माध्यम से सरकार के खाते से पैसे सृजन के खाते में ट्रांसफर
हुआ है ।वही सीबीआई की टीम पटना स्थित एक हीरा कारोबारी से फिर पुछताछ शुरु किया है जो बिहार के कई नेता और पदाधिकारी की पत्नी को हीरे की अंगूठी और हीरे की हार डिलेभरी किया था जिसका भुगतान सृजन के द्वारा किया गया था।
वही ईडी सृजन मामले का मास्टमाइड प्रणव कुमार घोष को गिरफ्तार किया है जिससे दिल्ली में सीबीआई के अधिकारी भी पुछताछ किया था इस पुछताछ के दौरान घोष ने सरकार का जो पैसा सृजन के खाते में गया था उस पैसे का कहां कहां निवेश हुआ है इसकी पूरी जानकारी ईडी और सीबीआई को दे दिया है।


जानकार बता रहे हैं कि निवेश मामले में कई पॉलिटिशियन और ब्यूरोक्रेट्स सीधे सीधे शामिल है। ईडी सृजन के धन से बेगलुरु ,रायपुर , गाजियाबाद, पुणे, पटना और भागलपुर,में फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की खरीद हुई है। ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है और ऐसे 32 फ्लैट, 18 दुकान, 38 जमीन का प्लॉट और 47 बैंक खाते को जप्त किया है जिसमें 18.45 करोड़ रुपए जमा है उसको जप्त कर लिया है वही भागलपुर ,गाजियाबाद और रायपुर शहर में स्थिति कई और बड़े निवेश की जांच कर रही है ।


वही सीबीआई ने जनवरी 2021 में भागलपुर कोतवाली थाने में सृजन से जुड़े मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर बुधवार को एक केस दर्ज किया है जिसमें महालेखाकार के उस पत्र का भी जिक्र है जिसमें महालेखाकार ने बिहार सरकार के वित्त विभाग को आगाह किया था कि सृजन में गलत तरीके से पैसे का ट्रांजेक्शन हो रहा है। महालेखाकार के इस पत्र पर वित्त विभाग ने कोई कारवाई नहीं किया था ।


जानकार बता रहे हैं कि सीबीआई ने महालेखाकार के उस पत्र का हवाला एफआईआर में करके जांच का दायर बढ़ा दिया है ।

अब बिहार आने वाले यात्रियों को भी पास होना होगा कोरोना टेस्ट

शुक्रवार से पटना एयरपोर्ट, पटना जंक्शन, दानापुर जंक्शन और पाटलिपुत्रा स्टेशन पर केरल और महाराष्ट्र से आने वालों का रैपिड एंटीजन टेस्ट होगा। पॉजिटिव मिले लोगों को आइसोलेशन सेंटर भेज दिया जाएगा। पाटलिपुत्र खेल परिसर में किया जाएगा आइसोलेट ।


केरल और महाराष्ट्र के यात्रियों की जांच के लिए एयरपोर्ट और स्टेशन पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहेगी, ताकि उन्हें लाइन में लगाकर उनकी कोरोना जांच की जा सके। सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने बताया कि पटना जंक्शन, दानापुर और पाटलिपुत्रा स्टेशन पर जांच के लिए लैब टेक्नीशियन और एएनएम की टीम तीन पाली में तैनात रहेगी। जिन यात्रियों की रिपोर्ट एंटीजन में पॉजीटिव आएगी, उन्हें पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आइसोलेट करने के लिए भेजा जाएगा।

रामविलास जी के मौत के लिए चिराग जिम्मेवार है

केन्द्रीय मंत्री पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है हाजीपुर यात्रा के दौरान जिस तरीके से चिराग के समर्थक लगातार पशुपति पारस पर हमलावर रहे इससे बौखला कर पारस ने आज यहां तक कह दिये कि सूरज इधर से उधर हो सकता है मगर अब चिराग के साथ सुलह नहीं हो सकती।

साथ ही पशुपति पारस ने चिराग पर आरोप लगाते हुए कहा है कि चिराग ने जबरन रामविलास पासवान को लोजपा अध्यक्ष पद से हटा दिया था। वह मेरी भी इज्जत भी नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि चिराग मुझे अपने खून से अलग मानते हैं। पशुपति ने कहा कि लोजपा में टूट की वजह मैं नहीं खुद चिराग पासवान हैं। उनके फैसले से पार्टी के लोग नाखुश थे। रामविलास जी भी मुझे ही अपना असली वारिस मानते थे।

चिराग ने पिछले साल संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश को जेल भेजने की बात मुझसे कही थी। बिहार सीएम को विकास पुरुष बोलने पर उन्होंने मुझे पार्टी से निकालने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि यह सब रीना पासवान की मौजूदगी में हुआ था।असली लोजपा मेरे साथ है चंद लफंगा चिराग के पास है जल्द ही बिहार और पूरे देश में एक बार फिर पार्टी को नये सिये से खड़े करेंगे ।

पंचायत चुनाव में भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने पर चुनाव आयोग ने लगायी रोक

पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप में पद से हटाए गए मुखिया इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते हैं राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत जिन मुखिया और उप-मुखिया पर निहित शक्तियों के दुरुपयोग या अपने दायित्वों के निर्वहन में दुराचार का आरोप लगा है, प्रमंडलीय आयुक्त अथवा राज्य सरकार द्वारा पद से हटाए गए हों तथा सक्षम प्राधिकार अथवा न्यायालय द्वारा इसे स्थगित या रद नहीं किया गया हो वे पद से हटाए जाने की तिथि से पांच साल तक पंचायत चुनाव में उम्मीदवार नहीं हो सकेंगे।

पुलिस अवर निरीक्षक 2018 बैच के दीक्षांत समारोह में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

पुलिस अवर निरीक्षक 2018 बैच के दीक्षांत समारोह में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, स्थान, बिहार पुलिस अकाडमी, राजगीर, दिनांक 26 अगस्त 2021

सेंसेक्स 55,949 पर, निफ्टी 16,637 के साथ सपाट हुआ बंद, रिलायंस गेनर तो भारती एयरटेल बना टॉप लूजर

इक्विटी मार्केट बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने अगस्त सीरीज फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस एक्सपायरी सेशन सकारात्मक के साथ बंद हुआ ।

बीएसई सेंसेक्स 55,949 पर बंद हुआ जबकि एनएसई निफ्टी 50 16,637 पर बंद हुआ । बैंक निफ्टी 0.09% बढ़कर 35,617 पर बंद हुआ । सेंसेक्स के 30 में से 14 शेयर्स में खरीदारी हुई और 16 शेयर्स में बिकवाली हुई। कारोबार के दौरान मेटल शेयर्स में गिरावट देखने को मिली। भारत VIX मामूली बढ़त के साथ 13.54 पर बंद हुआ।

आरआईएल 1.29% उछला, इसके बाद एमएंडएम, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा। दूसरे छोर पर, भारती एयरटेल 4.18% की गिरावट के साथ दिन का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला था। इसके बाद मारुति सुजुकी इंडिया, एसबीआई और पावर ग्रिड का स्थान रहा।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

अफरशाही और भ्रष्टाचार बीजेपी और नीतीश दोनों के गले की बनी फांस जनता दरबार से भी नहीं निकल रहा है हल

बिहार के मुख्यसचिव राज्य में जारी अफसरशाही को लेकर एक माह के दौरान दूसरी बार जिलों में तैनात अधिकारियों को चेतावनी दिया है कि माननीय सांसद और विधायक के सम्मान का ख्याल रखे और ऐसा नहीं हुआ तो अब कारवाई होगी ।इस तरह का एक पत्र मुख्यसचिव 27-07-2021 को भी जारी किये थे।

लेकिन इस पत्र के बावजूद जिला में तैनात अधिकारियों के कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ है और इसको लेकर सरकार काफी चिंतित है।क्यों कि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को जो बड़ा नुकसान हुआ उसकी एक बड़ी वजह थाना और प्रखंड स्तर पर व्याप्त अफरशाही और भ्रष्टाचार रहा है ।

मुख्यसचिव को एक माह के अंदर दूसरी बार पत्र जारी करने के पीछे वजह यही है अब सरकार अफरशाही और भ्रष्टाचार को बर्दास्त करने के मूड में नहीं है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अफरशाही और भ्रष्टाचार हमेशा उपर से नीचे कि और बढ़ता है कभी भी नीचे से उपर कि और नहीं बढ़ता है।इस सच्चाई के बावजूद नीतीश कुमार और बीजेपी दोनों बीच बीच का राश्ता निकालने में लगा है और इसी कड़ी में नीतीश कुमार जनता से सीधा संवाद पर फिर से काम करना शुरु किये , जनता दरबार शुरु हुआ ,घर से बाहर निकलने लगे ,बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर लोगों से मिलना शुरु किये फिर भी सरकार का इकबाल कायम नहीं हो रहा है ।

1–अफरशाही और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए प्रदेश कार्यालय में शुरु हुआ दरबार
मुख्यसचिव और सीएम के पहल के बावजूद अफरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर बहुत कुछ बदल नहीं पा रहा है और सरकार का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है इसको देखते हुए सीएम जहां हर सोमवार को जनता दरबार में शामिल हो रहे हैं वहीं बीजेपी के मंत्री पार्टी दफ्तर में रोजाना सहयोग कार्यक्रम के तहत बैठ रहे हैं और अब तो जदयू के मंत्री भी पार्टी दफ्तर में बैठने लगे हैं ।

बात इन दफ्तरों में शिकायत के चरित्र कि करे तो यहां भी अधिकांश मामले थाने और प्रखंड में व्याप्त अफसरशाही और भ्रष्टाचार को लेकर ही आ रहा है या फिर बहाली में व्याप्त फर्जीवाड़े से जुड़ा है मतलब समस्या एक ही है समाधान कि कोशिश अलग अलग प्लेटफर्म से शुरु कि गयी है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जो कोशिश शुरु कि गयी है उसके सहारे प्रशासनिक तंत्र की सबसे निचली इकाई में सुधार कैसे सम्भव है जबकि उस तंत्र को भ्रष्ट और लूटेरा बनने पर पटना में बैठे लोग कम मजबूर नहीं कर रहे हैं ।

बिहार के आठ दस जिलों को छोड़ दे तो अधिकांश जिलों में एसपी और डीएम थाना प्रभारी और बीडीओ ,सीओ से सीधे पैसा लेता है ,थाना प्रभारी पद पर नियुक्त करने के लिए एसपी पैसा लेता बीडीओ और सीओ के लिए मंत्री पैसा लेता है।
ऐसे में जब कोई पदाधिकारी पोस्टिंग में पैसा देगा तो फिर आप उन अधिकारियों से सही काम की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।

रेप के आरोपी डीएसपी को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत ।

पटना हाई कोर्ट ने एक नाबालिग से रेप के आरोपी गया के तत्कालीन डीएसपी कमलाकांत प्रसाद को फिलहाल राहत दे दी है।जस्टिस आशुतोष कुमार की एकल पीठ ने अग्रिम जमानत के लिए दायर अपील पर सुनवाई के बाद केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया है।

साथ ही अपने अंतरिम आदेश में निचली अदालत को निर्देश दिया कि अगर कमलाकांत प्रसाद आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें जमानत दे दी जाए।

कमला कांत प्रसाद की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को एक साजिश के तहत फंसाया गया है।गत 27 मई को गया के महिला थाना में पीड़ित लड़की के भाई ने एफआईआर दर्ज कर आरोप लगाया कि वर्ष 2017 में दशहरा पर्व के दौरान उसकी नाबालिग बहन के साथ गया मुख्यालय में तैनात तत्कालीन डीएसपी ने रेप किया था।

पुलिस ने भाई के बयान पर रेप के साथ ही पोक्सो तथा एस सी एस टी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।वर्मा ने कहा कि कथित घटना के समय लड़की नाबालिग नहीं थी।इसलिए पोक्सो के तहत मामला नहीं बनता है।

मेडिकल जांच में भी डॉक्टर ने रेप की पुष्टि नहीं की है।उन्होंने कोर्ट को बताया कि आवेदक कमलाकांत प्रसाद की पत्नी जो अलग रहती है उसी ने यह झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।केस डायरी आने के बाद फिर सुनवाई होगी।

भारत में अमेरिकी मिशन (U.S. Mission) ने 2021 में रिकॉर्ड संख्या में छात्र वीजा को मंजूरी दी

भारत में यूनाइटेड स्टेट्स मिशन को यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि उसके दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने वैश्विक COVID-19 महामारी के बावजूद, 2021 में पहले से कहीं अधिक छात्र वीजा आवेदकों को मंजूरी दी। इन प्रयासों के माध्यम से, ५५,००० से अधिक छात्र और विनिमय आगंतुक संयुक्त राज्य में अध्ययन करने के लिए विमानों में सवार हो रहे हैं, और हर दिन अधिक छात्रों को अनुमोदित किया जा रहा है। यू.एस. मिशन एक और महान छात्र सत्र की प्रतीक्षा कर रहा है क्योंकि यह आने वाले कुछ महीनों में वसंत सेमेस्टर (Spring semester) के छात्रों के लिए अध्ययन की सुविधा प्रदान करता है।

इस उपलब्धि को स्वीकार करते हुए, राजदूत (Ambassador) अतुल केशप (Atul Keshap), नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में चार्ज डी’अफेयर्स ने कहा: “संयुक्त राज्य में अध्ययन भारतीय छात्रों के लिए एक अनूठा और अक्सर जीवन बदलने वाला अनुभव है, जो ताजा, वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करता है और अमूल्य कैरियर के अवसरों के लिए अग्रणी होता है। भारतीय छात्र अमेरिकी समाज को भी समृद्ध करते हैं, उच्च स्तर की शैक्षणिक सफलता प्राप्त करते हैं, और हमारे देशों के बीच दोस्ती के बंधन को गहरा करते हैं। भारत में अमेरिकी मिशन की कई मेहनती महिलाएं और पुरुष अपनी यात्रा और अध्ययन को सुविधाजनक बनाने पर गर्व महसूस कर रहे हैं।”

ऑन लॉक 6 में वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति ही बिहार में घूम सकता है।

अनलॉक – 6 में क्या खास है

गृह विभाग के अपर प्रमुख सचिव चैतन्य प्रसाद ने दी जानकारी
26 अगस्त से 25 सितंबर तक अनलॉक – 6 लागू रहेगा

पूर्व के प्रतिबंधों में काफी सहूलियत दी गई।
राज्य के सभी दुकान व प्रतिष्ठान सामान्य समय पर खुलेंगे बंद करने के समय पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
दुकान और प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी मालिक व कर्मचारियों द्वारा टीकाकरण लेना अनिवार्य होगा।

और अपने प्रतिष्ठानों में उसका सर्टिफाइड कॉपी रखना अनिवार्य होगा।

दुकान में प्रतिष्ठानों में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंस का पालन पूर्व की तरह ही करना होगा।

राज्य के सभी शिक्षण संस्थान 100% उपस्थिति के साथ खुलेंगे।

पहली से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को भी 100 % उपस्थिति के साथ खुलेंगे।

शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था रखी जाएगी।

राज्य में चलने वाले सभी सरकारी आवासीय स्कूलों को भी खोला जाएगा।

राज्य के सभी बोर्ड व समिति द्वारा परीक्षाएं लेने की इजाजत होगी।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों को टीकाकरण करने की जिम्मेवारी होगी।

सार्वजनिक स्थल पर किसी भी तरह के आयोजन की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा लेना अनिवार्य होगा।
आयोजन में कितने लोग शामिल होंगे इसकी सीमा जिला प्रशासन क्या करेगा।

शादी समारोह वर्ष श्राद्ध कार्यक्रम में लोगों की तरह संख्या समाप्त कर दी गई है।
लेकिन शादी समारोह में बारात व डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगा रहेगा।

सभी पर समान रूप से खुलेंगे।

राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को भी समान रूप से खोला जायेगा।
मंदिर – मस्जिद व गुरुद्वारों में कोविड-19 इनका पालन कर श्रद्धालु पूजा कर सकेंगे।

राज्य में सभी सामाजिक राजनीतिक और खेलकूद जैसे कार्यक्रम कराने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

राजगीर के कुंड में वे अब स्नान हो सकेगा। हालांकि इसके लिए आरटी पीसीआर का 72 घंटे पूर्व नेगेटिव जांच रिपोर्ट या फिर रैपिड एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट होना अनिवार्य रहेगा।

50% क्षमता के साथ सिनेमा हॉल और शॉपिंग मॉल सामान्य समय से खुल सकेंगे।

50% क्षमता के साथ रेस्टोरेंट सामान्य समय से खोला जाएगा।

राजगीर क्लब जिम और स्विमिंग पूल 50% क्षमता के साथ वैक्सीनेशन लिए हुए व्यक्तियों के लिए खोला जाएगा।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट 100 % क्षमता के साथ चलेंगे।

उतार-चढ़ाव के बीच बाजार सपाट बंद, तेल और गैस, बिजली शेयरों में तेजी

फार्मा, रियल्टी, बैंक और ऑटो को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स, बिजली और तेल और गैस सूचकांकों में 1 % की तेजी के साथ समाप्त हुए। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5% की तेजी आई।

बीएसई सेंसेक्स 56,198 का ​​एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, लेकिन मामूली नुकसान के साथ 55,944 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 50 0.06% की बढ़त के साथ 16,634 पर हरे रंग में बंद हुआ।

सेंसेक्स में सबसे ज्यादा टीसीएस 1.42% की बढ़त के साथ इंफोसिस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचयूएल का स्थान रहा। दूसरी ओर, बजाज फिनसर्व सेंसेक्स में 2.29% नीचे था, इसके बाद टाइटन, मारुति सुजुकी और भारती एयरटेल थे।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

बिहार में लांक डाउन पूरी तरह खत्म सीएम ने की घोषणा

कोविड की स्थिति की समीक्षा की गई। कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार को देखते हुए सभी दुकानें, प्रतिष्ठान, शापिंग माल, पार्क, उद्यान एवं धार्मिक स्थल सामान्य रूप से खुल सकेगें। जिला प्रशासन की अनुमति से सभी प्रकार के सामाजिक, राजनीतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन अपेक्षित सावधानियों के साथ आयोजित किए जा सकेगें।

सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, तकनीकि शिक्षण संस्थान तथा विद्यालय (पहली से बारहवीं कक्षा तक) के साथ साथ कोंचिग संस्थान भी सामान्य रूप से खुलेगें। राज्य के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, विद्यालयों द्वारा परीक्षा आयोजित की जा सकेंगी। 50% क्षमता के साथ सिनेमा हॉल, क्लब, जिम, स्वीमिंग पूल, रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकान (आंगतुको के साथ) खुल सकेगें।

परन्तु तीसरे लहर की संभावना के मद्देनजर हम सभी बिहारवासियों को कोविड अनुकूल व्यवहार के साथ सावधानी बरतना जरूरी है।

प्रतिबंधित दवाओं के बिक्री पर शीध्र लगाये रोक – हाईकोर्ट

पटना हाई कोर्ट ने राज्य में प्रतिबंधित दवाओं के व्यापार में लिप्त लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शशि रंजन सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि बिहार ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 व रूल्स 122 ई का हवाला देते हुए कहा है कि कानून के प्रावधानों के विरुद्ध प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री की जा रही है।

इस जनहित याचिका में यह भी आरोप लगाया है कि कथित तौर पर पूरे राज्य में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री वर्तमान समय के प्रभारी ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से की जा रही है। इस मामले में सहायक औषधि नियंत्रक, मुजफ्फरपुर, ने कुल 111 फर्मों के नामों को 12 जून, 2021 को अपने पत्र के जरिये अभियोजन चलाने को लेकर भेजा था।

परंतु ड्रग्स कंट्रोलर ने अभियोजन चलाने की स्वीकृति नहीं दी। श्री श्रीवास्तव ने आगे ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया के विगत 11 फरवरी, 2021, 22 मार्च, 2021 और 26 अप्रैल, 2021 के पत्रों का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि राज्य के ड्रग्स कंट्रोलर की मिलीभगत से पूरे राज्य में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री जारी है और इनके संरक्षण में ही इन सब कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। प्रतिबंधित चीजों को दवाओं में मिलाकर दवाओं की बिक्री की जा रही है।

राज्य सरकार का पक्ष राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता एस डी यादव ने रखा। इस मामले पर आगे की सुनवाई आगामी 31 अगस्त को की जाएगी।

कहॉ कब होगा पंचायत चुनाव

बिहार पंचायत चुनाव

कुल 11 चरणों मे होगा चुनाव ।

24 सितंबर को पहला चरण ।
10 जिला , 12 प्रखंड ।

29 सितंबर को दिव्तीय चरण।
34 जिला , 48 प्रखंड

8 अक्टूबर को तीसरा चरण ।
35 जिला ,50 प्रखंड

20 अक्टूबर को चौथा चरण ।
36 जिला,53 प्रखंड

24 अक्टूबर को 5वा चरण ।
38 जिला,58 प्रखंड

3 नवंबर को छठा चरण ।
37 जिला,57 प्रखंड

15 नवंबर सातवा चरण ।
37 जिला,63 प्रखंड

24 नवंबर आठवां चरण।
36 जिला,55 प्रखंड

29 नवंबर नवा चरण।
35 जिला,53 प्रखंड

8 दिसंबर 10 वा चरण
34 जिला ,53 प्रखंड

12 दिसंबर 11वा चरण
20 जिलों , 38 प्रखंड

बाढ़ प्रभावित जिले में अंतिम चरण में होगा चुनाव ।

38 जिले
534 प्रखंड
8072 ग्राम पंचायत
9,28,09,194 ग्रामीण जनसंख्या
1,13,891 कुल मतदान केंद्र
6,38,94,737 कुल ग्रामीण मतदाता
3,35,80,487 पुरुष मतदाता
3,03,11,779 महिला मतदाता
2,471 अन्य मतदाता।

6 पद के कुल 2लाख 55 हजार 22 के लिए होना है पंचायत चुनाव।

ग्राम पंचायत मुखिया – 8072
ग्राम पंचायत सदस्य – 113307
पंचायत समिति सदस्य – 11104
जिला परिषद सदस्य – 1160
ग्राम कचहरी सरपंच – 8072
ग्राम कचहरी पंच – 113307