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अपराधियों ने सरकार को दी खुली चुनौती 48 घंटों के दौरान एक दर्जन से अधिक हत्या, लूट और रेप की घटी है घटना

पिछले 48 घंटों के दौरान राज्य में जिस तरीके से अपराधी सर चढ़ कर ताडंव किया है उससे एक बार फिर से राज्य में कानून के राज पर सवाल खड़े होने लगे हैं ।उस वक्त जब पूरे राज्य में दुर्गा पूजा को लेकर अर्लट घोषित है और पुलिस मुख्यालय से लेकर थाने स्तर तक राज्य मुख्यालय से मॉनिटरिंग हो रही है।

उस दौरान एक दर्जन से अधिक लोगों की हत्या हुई है , चार चार गैग रेप की घटना घटी है। पूजा के दौरान एक दर्जन से अधिक हिंसक घटनाये घटी है और दो दर्जन से अधिक दर्घटनाए हुई है जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत हुई है।वही पूजा के दौरान गया और सिवान से सम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की भी खबर है।

क———-मंदिर पर हमला

1–दरभंगा–राज किला परिसर स्थित कंकाली मंदिर के पुजारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। एक अन्य पुजारी गोली लगने से घायल हो गया। प्रत्यदर्शी की माने तो कार से आए चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। लोगों ने एक अपराधी को पीट-पीटकर मार डाला दो को बूरी तरह घायल कर दिया है ।

2—सिवान— जिले के दरौंदा के पकवलिया- ढेबर गांव की है। गांव के मंदिर के पुजारी का पानी में शव मिला है। शव मिलने का स्थान मंदिर के पास हीं है। शव पर चोट के गम्भीर निशान है । बताया गया है कि तीन दिन पहले पुजारी का कुछ मनचलों से विवाद हआ था। उन लोगों ने पुजारी के साथ मारपीट भी की थी।

3—अररिया में एक युवक की हत्या कर दी गई। घटना कुर्साकांटा के कुआड़ी ओपी क्षेत्र के अंतर्गत मधुबनी गांव में मंदिर की है। शुक्रवार देर रात 25 साल युवक मंदिर के बरामदे पर सोया हुआ था, तभी अपराधियों ने तलवार से वारकर उसकी हत्या कर दी। वह मूर्ति विसर्जन कर लौटा था। परिजन में युवक के साथ में सो रहे युवक पर हत्या की आशंका जता रहे हैं। शनिवार सुबह युवक की हत्या की खबर से इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों की भीड़ लग गई।

ख—दर्गा पूजा के दौरान हिंसा —

4—गया —जिले के डुमरिया प्रखंड के मुख्य बाजार में मां दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन करने गए लोगों पर अपराधियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दिया । शुक्रवार की रात हुई गोलीबारी में कई लोग जख्मी हो गए हैं वजह लड़की के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर यह घटना घटी है गोलीबारी के बाद मेला में भगदड़ मच गई।

5—पटना के पालीगंज इलाके में शुक्रवार की देर शाम थाना के नजदीक दुर्गा पूजा की लगी मेला में जमकर गोलीबारी हुई। इस गोलीबारी में 2 लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पालीगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने इन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया है।मामला यहां भी लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का विरोध करना ही बताया जा रहा है ।

6—-सीतामढ़ी जिले में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान शुक्रवार रात पुलिस और पब्लिक के बीच झड़प हो गई। इस भिड़ंत में 4 लोग घायल हो गए। घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद है। छापेमारी के बाद करीब छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

7—नवादा :- जिले के वारिसलीगंज में दशहरा मेला के दौरान शुक्रवार की देर रात बलबापर गांव के कुछ बदमाश युवकों एवं स्टेशन रोड पूजा समिति के सदस्यों के बीच छेड़छाड़ को लेकर विवाद हो गया। बाद में ईंट पत्थर एवं गोलीबारी की सूचना है।
बताया गया कि मेला के दौरान रात को बलबापर गांव के करीब एक दर्जन युवकों द्वारा मेले में घूम रही लड़कियों के साथ स्टेशन रोड स्थित पूजा पंडाल के पास छेड़छाड़ किया जाने लगा, जिसका पूजा समिति के सदस्यों ने विरोध किया बाद में इसकी सूचना जब गांव वालो को मिली तो फिर बीच- बचाब करने पहुंची पुलिस टीम पर नाराज गाँव वालों ने हमला कर दिया, वहीं इस हमले में कई पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए है।

इतना हीन नहीं नाराज हमलावरों ने रेल थाना के वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना के बाद अफरातफरी मच गया, इस घटना में कई पुलिसकर्मियों की जख्मी होने की सूचना है । जख्मी पुलिस कर्मियों ने बताया कि उग्र ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव तो किया हीं, कई चक्र गोलियां भी चलाया । लेकिन गोली तो किसी भी पुलिसकर्मियों को नहीं लगा लेकिन रेल थाना पुलिस एवं वारिसलीगंज थाना के एसआई समेत कई पुलिस कर्मी जख्मी है ।

8—बेगूसराय में विजय दशमी की रात बेखौफ बाइक सवार अपराधियों ने मिठाई दुकान में लूटपाट किया। लूट का विरोध करने पर बदमाशों ने दुकान तोड़फोड़ भी की। इस दौरान बदमाशों ने दूकान से लगभग 22 हजार नगद रुपए लूटकर फरार हो गया। घटना नगर थाना क्षेत्र के विश्वनाथ नगर मोहल्ले की है।

9—समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धुरलख गांव स्थित पुरानी दुर्गा स्थान में शुक्रवार की रात मारपीट हुई। इस घटना में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए समस्तीपुर सदर अस्पताल ले जाया गया। मारपीट की सूचना पर मुफस्सिल थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार मिश्र, एएसआई नवल किशोर पुलिस बल के साथ पूजास्थल पर पहुंचे। पुलिस जांच में जुट गई है।

10—मधेपुरा में बीते देर रात मेला देख कर घर लौट रहे एक युवक की अज्ञात अपराधियों ने हत्या कर शव को भर्राही और मधुवन के बीच सड़क किनारे फैंक कर हुआ फरार. मामला भर्राही सहायक थाना क्षेत्र के मधुवन गाँव की है

11–लखीसराय—अमहरा ओपी के पतनेर-झाखर सड़क किनारे एक युवक का शव मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। शव की शिनाख्त नही हो पायी है। मृतक के चेहरे पर गहरे जख्म का निशान है। जिससे लोग हत्या की आशंका जता रहे है।घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मृतक के शिनाख्त में जुट गई है।

12–अररिया— फारबिसगंज में जनता डिस्ट्रिक्ट इलेक्ट्रॉनिक दुकान के मालिक के आवास में लूट,बीती रात एक दर्जन लोगों ने दिया घटना को अंजाम, पुलिस मौके पर पहुंच मामले की जांच में जुटी। घटना के संदर्भ में व्यवसाई ने बताया की बीती रात एक दर्जन लोगों ने घर पर धावा बोल मारपीट की घटना को अंजाम दिया और घर वालों को एक कमरा में बंद कर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। घटना में लगभग 12 लाख नगदी समेत लगभग 8 लाख रुपए की जेवरात की लूट की बात कही जा रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

13—-मुंगेर— PDS डीलर कृष्णा पासवान के बेटे राजा कुमार (23) की गला रेत कर हत्या कर दी गई। पिता ने बताया- ‘बेटा घर के बगल में ही गोदाम में सोया था। तभी अपराधियों ने गला रेत दिया। वह 20 अक्टूबर को रेलवे में जॉयनिंग के लिए मैसूर जाने वाला था। हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी।

14—नवादा— जिले में मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया है।गोविंदपुर थाना क्षेत्र में एक युवक की गुरुवार की देर रात घर में घुसकर गांव के ही दबंगों ने गड़ासा से हमला कर हत्या कर दी है। इस हत्या के पीछे जमीनी विवाद को कारण बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक कृष्ण यादव के 30 वर्षीय पुत्र रंजय यादव की उनके गांव के ही दबंग व्यक्ति भुट्टू यादव और माना यादव ने घर में घुसकर हत्या कर दी। हत्या की इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।

15—सीवान में बेखौफ अपराधियों ने एक कारोबारी को गोली मार दी और उससे 60 हजार रुपये लूट लिए। घटना बड़हरिया थाना के बड़हरिया- बहादुरपुर मुख्य मार्ग पर शिवराजपुर गांव में स्थित एक बगीचे के पास की है। घायल कारोबारी की पहचान हो गयी है। वह जिले के कागजी मोहल्ला का रहने वाला विशाल कुमार (22 वर्ष) है।

16—गोपालगंज – 11 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर युवको ने किया सामूहिक दुष्कर्म। शौच करने के दौरान हुआ अपहरण पीड़िता के पिता के बयान पर तीन युवकों के खिलाफ हुआ मामला दर्ज। विशंभरपुर थाना क्षेत्र का है मामला।

17—बेगूसराय में नवरात्रा के दौरान एक 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का अपहरण कर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया। महिला थाना में पीड़िता के आवेदन पर मामला दर्ज किया गया। पूरी घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की है बताया जाता है।

18— सिवान—जिले के बड़हरिया के लकड़ी दरगाह में असामाजिक तत्वों तोड़फोड़ कर दिया है इसके विरोध में दूसरे पक्ष ने सड़क जाम कर दिया। बाजार की दुकानें बंद कर दी। उनका कहना है कि जब तक उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा तब तक लकड़ी दरगाह की दुकानें बंद रहेगी और मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा। गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस कैंप कर रही है। दोनों पक्षों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से पूरी घटना हुई है।

ग—-दर्घटना

19—खगड़िया–ऑटो ने खाई पलटी एक महिला सहित तीन की हुई मौत 8 यात्री हुए घायल।मरने वाले में एक महिला, एक युवक और एक 6 साल का बच्चा शामिल।मरने वाले तीनों एक ही परिवार के थे।मेला देखकर अपने घर को लौट रहे थे। उसी दौरा तेज गति से आ रहे ट्रक के ने सीधे धक्का मार दिया ऑटो पलटी।महेशखूंट थाना इलाके के हरंगी टोला की घटना ।

20—टिकारी (गया)। टिकारी-कुर्था मुख्य मार्ग में चितौखर टोला नौघड़ा पर गांव की एक वृद्ध महिला की मौत ऑटो की टक्कर से हो गई। उक्त घटना शुक्रवार की देर शाम की है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, स्थानीय निवासी महेंद्र यादव की 70 वर्षीय मां जीरा देवी शौच के लिए सड़क की ओर जा रही थी। इसी क्रम में तेज रफ्तार में उक्त मार्ग से गुजर रही एक ऑटो ने जोरदार टक्कर मार दी। इसमें महिला सड़क पर फेंका गई और गंभीर रूप से चोट लगने के कारण मौके पर ही मौत हो गई।

21—-सिवान–सड़क दुर्घटना में दो लोगों के मौत की खबर है। जिले के दरौंदा के कोडारी और बसंतपुर के कन्हौली गांव के निकट हुई अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत की खबर है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। उनका पहचान नही हो पाई है। उनकी पहचान के लिए पुलिस छानबीन कर रही है।

22—अररिया—पुरैनी से उदाकिशुनगंज जानेवाली स्टेट हाईवे 58 पर शुक्रवार की शाम को एक तेज गति से आ रहे ऑटो को बचाने में ट्रैक्टर पलट गया। इस हादसे में ट्रैक्टर पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी और चार अन्य घायल हो गये‌। घटना के बाद करीब दो घंटे तक हाईवे पर परिचालन बाधित रहा।

23—बगहा — अनियंत्रित स्कॉर्पियो ने 4 लोगों को रौदा एक-एक कर दो बाइक पर सवार 3 लोगों को रौंद दिया चारों घायल का पास के अस्पताल में इलाज चल रहा है ।

24–बेगूसराय -मॉर्निंग वॉक के दौरान बाइक ने महिला को मारी ठोकर, महिला की हुई मौत। बाइक सवार भी घायल। वीरपुर थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव की घटना ।

25—पटना—सचिवालय थाना के जू के पास स्कॉर्पियो ने फुलवारी के दो युवक को कुचला। मोहम्मद अरमान की मौत। जबकि मोहम्मद गोल्डन घायल। दोनों फुलवारी के मुर्गिया टोला का रहने वाला है। यह दोनों बाइक से देर रात पटना जा रहे थे।

26—अररिया:– फारबिसगंज में सड़क हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल,इलाज के क्रम में दो की मौत, पुलिस मौके पर पहुंची।

27—-पटना–रोडरेज में एक की मौत चार घायल
मोकामा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर गांव में स्कार्पियो ने 4 लोगों को कुचलते हुए निकल गया है इस दौरान एक की मौत हो गयी है और 3 लोग घायल।

28–मधेपुरा जिला के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत पुरैनी में दुर्गा पूजा की खुशी कई परिवारों के लिए मातम में बदल गया। चौसा-योगिराज पथ पर दुर्गा पूजा का मेला देख कर लौट रहे लोगों से भरा ट्रैक्टर पलट गया। इस सड़क हादसे में शुक्रवार की शाम दो लोगों की मौत हो गई। जबकि, दो लोग घायल हो गए हैं।

29—कैमूर –देवरिया के पास एनएत 2 पर ट्रक और कार की हुई टक्कर में दो युवक बूरी तरह घायल। अनुमंडल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए किया गया रेफर। दोनों युवक उत्तराखंड निवासी बताए जा रहे।

आरा का छोरा अर्णव आदित्य सिंह JEE एडवांस्ड में पूरे देश में 9वां रैंक हासिल किया।

#JEEAdvanced2021: आरा का छोरा अर्णव आदित्य सिंह JEE एडवांस्ड में पूरे देश में 9वां रैंक हासिल किया है। वह भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ईश्वरपुरा गांव के रहने वाले हैं। शुक्रवार को IIT खड़गपुर ने JEE एडवांस्ड 2021 की प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया।राजस्थान मृदुल अग्रवाल ने परीक्षा में 360 में से 348 मार्क्स हासिल टॉप किया है।वही अर्णव आदित्य सिंह 360 में 324 मार्क्स हासिल कर 9 वां स्थान प्राप्त किया है ।

अर्णव के पिता सियाराम सिंह कंप्यूटर इंजीनियर हैं और अर्णव वही रह कर पढ़ाई कर रहा था बिहार न्यूज पोस्ट से बात करते हुए सियाराम सिंह ने कहा कि मैं ‘बेंगलुरु में जॉब करते थे, लेकिन बेटे की फिजिक्स व केमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए सपरिवार कोटा शिफ्ट हो गए। उसने वहीं से एक निजी कोचिंग संस्थान से परीक्षा की तैयारी की।

अर्णव के दादा राजनाथ सिंह आरा में वकील हैं। उन्होने कहा कि अर्णव बचपन से ही बहुत पढ़ने में तेज है। वह वैज्ञानिक बनना चाहता है। इसके लिए वह बहुत मेहनत करता है। दादा ने बताया- ‘अर्णव की पूरी पढ़ाई बेंगलुरु से ही हुई है। उसका जन्म चेन्नई में हुआ था। उस समय उनके पिता वहीं रहते थे।

55 देशों के 322 छात्रों में अर्णव को मिला था गोल्ड
अर्णव बचपन से ही मेधावी था ‘कतर के दोहा में 2019 में आयोजित 16वें इंटरनेशनल साइंस ओलंपियाड में अर्णव ने गोल्ड मेडल जीता था। उस दौरान 55 देशों के 322 छात्रों ने उस ओलिंपियाड में भाग लिया था, जिसमें अर्णव को गोल्ड मिला था। इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलिंपियाड के 16 साल के इतिहास में पहली बार भारत के सभी 6 छात्रों को गोल्ड मेडल हासिल हुआ था।

अर्णव ने विलियम जोंस के रिसर्च को ठहराया था गलत
इंडियन सोसाइटी ऑफ फिजिक्स टीचर्स के अध्यक्ष प्रो. विजय सिंह और उनके छात्र अर्णव आदित्य सिंह ने सर विलियम जोंस के 236 साल पहले किए गए दावों को गलत ठहराया था। अर्णव और प्रो सिंह का कहना था- ‘करीब 236 साल पहले प्रसिद्ध ओरिएंटलिस्ट और एशियाटिक सोसाइटी के संस्थापक सर विलियम जोंस ने भागलपुर से भूटान के माउंट जोमोल्हरी चोटी को नहीं बल्कि कंचनजंघा को देखा होगा।

उनका कहना था- “लॉकडाउन के दौरान वायुमंडल में हानिकारक कणों के घनत्व में गिरावट और हवा साफ होने से भारत के उत्तरी मैदानी भाग से हिमालय के कई चोटियां देखी गई थीं। यह दावा किया कि माउंट जोमोल्हरी 7326 मीटर ऊंचा है। इसके शिखर से अधिकतम दूरी 216 KM तक देखी जा सकती है। जबकि, माउंट जोमोल्हरी शिखर और भागलपुर के बीच की दूरी 366 किलोमीटर है।

पूर्णिया से भी 1790 में माउंट जोमोल्हरी और हिमालय की कुछ चोटियों के दृश्य देखने की बात विलियम जोंस के उत्तराधिकारी रहे हेनरी कॉल ब्रिज ने कही थी। कोलब्रुक के पूर्णिया आधारित टिप्पणियों का विश्लेषण कर प्रो सिंह और अर्णव ने पाया था कि विलियम जोंस द्वारा देखी गई चोटी कंचनजंघा रही होगी।

आज हम जेपी से क्या सीखें।

जेपी का जन्मदिन विजयादशमी, आज हम जेपी से क्या सीखें :

अपनी दुनियादारी को सपनों की
दुनिया का आधार दो।

राज्य शक्ति को मजबूत करने में
लगे हो या लोक शक्ति को इसकी
स्पष्ट समझदारी बनाओ और
लोक शक्ति को मजबूत बनाने में
लगे रहो।

व्यक्ति या समाज के कष्टों के प्रति
अपनी संवेदनशीलता को
भावनात्मक और बौद्धिक दोनों
दोनों आधारों पर खड़ा करो।

मुसीबत जितनी भी हो दिल में
जलती, आशा और हिम्मत की
मशाल को प्रज्वलित रखो. बुझने
मत दो।

मित्रता को व्यापक बनाओ और
मित्रों के प्रति प्रतिबद्ध रहो।

तुम्हारी प्रतिबद्धता मूल्यों के प्रति
हो विचारधारा यह सिद्धांतों के
प्रति नहीं।

अपने जीवन या समाज के उत्थान
के लिए “पहल” करना सीखो।

लेकर–कुमार शुभमूर्ती ( जेपी आंदोलन के नायक रहे है )

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के कार्यशैली पर उठने लगा है सवाल

अडानी गुजरात पोर्ट से ड्रग्स की जो भारी मात्रा पकड़ी गई उसका क्या हुआ? क्या कोई जांच हो रही है?

उस स्मगलिंग में शामिल लोग कौन हैं? इतना बड़ा काम करने वाले क्या सिर्फ साधारण लोग हैं? क्या कुछ विशिष्ट लोग भी शामिल हैं? क्या उनका संबंध पोर्ट के मालिक से संबंधित लोगों से भी है? क्या उनका संबंध पोर्ट के मालिक और अडानी से भी है? क्या इतनी बड़ी स्मगलिंग का संबंध केंद्र के सत्ताधारियों से भी है? इन सारे प्रश्नों को सिर्फ एक समाचार से दबा दिया गया कि एक मुसलमान खान का मुसलमान बेटा आर्यन, एक क्रूज़ पर जो मुंबई से गोवा जा रहा था ड्रग्स का आनंद लेते पकड़ा गया।

जिनके पास ड्रक्स मिले वे गिरफ्तार कर लिए गए। इस बेटे के पास ड्रग्स की थोड़ी बहुत मात्रा भी नहीं मिली, फिर भी इसकी गिरफ्तारी कर ली गई। गिरफ्तारी के कई दिनों बाद नए आरोप लगाए गए। आर्यन का संबंध अंतरराष्ट्रीय गिरोह के साथ है जो गिरोह, हो सकता है ड्रग्स का व्यापार करता हो। ऐसी काल्पनिक संभावना को आधार बनाकर आर्यन को गिरफ्तारी में रखा जा रहा है।

गुजरात में अडानी पोर्ट पर जो काला व्यापार रंगे हाथों पकड़ा गया उसकी जांच पर कोई चर्चा नहीं हो रही? क्यों? क्या केंद्रीय सत्ता का इसमें कुछ हाथ है? क्या इसलिए इस मामले की जांच को जनता से छुपाया जा रहा है?

लेखक –कुमार शुभमूर्ती ( जेपी आंदोलन के नायक रहे है )

अधिवक्ता कोटे से पटना हाई कोर्ट को मिला जज।

भारत के राष्ट्रपति ने अधिवक्ता कोटे से संदीप कुमार, पुरणेंदु सिंह, सत्यव्रत वर्मा व राजेश कुमार वर्मा को पटना हाई कोर्ट का जज नियुक्त किया है। भारत के राष्ट्रपति ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 217 के क्लॉज़ (1) में दी गई शक्ति का इस्तेमाल करते हुए ये नियुक्ति की है। कार्यभार संभालने की तिथि से इनकी वरीयता निर्धारित की जाएगी।

इस आशय की अधिसूचना भारत सरकार के विधि व न्याय मंत्रालय द्वारा 14 अक्टूबर, 2021 को जारी की गई है। उक्त अधिसूचना की प्रति अधिवक्ता संदीप कुमार, पुरणेंदु सिंह, सत्यव्रत वर्मा व राजेश कुमार वर्मा को भी पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक के जरिये भेजी गई है।

इसके अलावे अधिसूचना की प्रति बिहार के राज्यपाल के सचिव, राज्य के मुख्यमंत्री के सचिव, पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सचिव, बिहार सरकार के चीफ सेक्रेटरी के सचिव, पटना हाई कोर्ट के महानिबंधक व राज्य के अकाउंटेंट जनरल, प्रेसिडेंटस सेक्रेटेरिएट ( नई दिल्ली), प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के पी एस, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के कार्यालय के रजिस्ट्रार, सेक्रेटरी (जस्टिस) के एम एल एंड जे/ पी पी एस के पी एस व डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के टेक्निकल डायरेक्टर को भी भी भेजी गई है।

रामविलास पासवान की पत्नी ने पारस पर किया बड़ा हमला कहा मंत्री बनने के लिए परिवार को तोड़ा ।

रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान के बयान से एक बार फिर बिहार की राजनीति गरमा गयी है हलांकि रामविलास पासवान की पहली पत्नी पशुपति पारस को लेकर कहा था कि रामविलास जी बेटा की तरह पारस को प्यार करते थे लेकिन गद्दी के लिए परिवार को तोड़ दिये आज उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए रामविलास पासवान की पत्नी रीना पासवान ने कहा है कि केवल मंत्री बनने के लिए पारस ने पार्टी को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि 44 साल तक परिवार के साथ रहने के बाद अब मुझे पति के साथ क्या संबंध था ये बताना पड़ रहा है।

रीना ने कहा कि आज जिस सीट से पारस सांसद हैं रामविलास मुझे देना चाहते थे। उन्होंने बताया कि रामविलास पासवान की इच्छा थी कि हाजीपुर सीट से मैं चुनाव लड़ूं। रामविलास ने मुझे मनाने की काफी कोशिश की पर मैं नहीं मानी, तब पशुपति कुमार पारस हाजीपुर से चुनाव लड़े और जीते। रीना ने कहा कि मैं कभी राजनीति में नहीं आना चाहती, लेकिन पारस के मन में केंद्र में जाने की महात्वाकांक्षा थी तो उन्हें बताना चाहिए।

केवल मंत्री बनने के लिए उन्होंने चोरों की तरह रातों रात पार्टी तोड़ दी।रीना ने कहा कि रामविलास के अस्पताल में रहने के समय से ही पारस ने हमसे दूरी बनानी शुरू कर दी थी। पार्टी और परिवार के खिलाफ उधर-उधर बोलने का कारण अस्पताल से फोनकर रामविलास ने पारस से पूछा था।

रीना ने बताया कि रामविलास पारस से जानना चाहते थे कि उनके मन में चल क्या रहा है। रीना ने कहा कि रामविलास के निधन के बाद मेरा फोन तक नहीं उठाए जाते हैं। मैंने अपनी देवरानी से भी बात करने की काफी कोशिश की पर उन्होेंने भी हमसे संपर्क करना ठीक न समझा।

लखीमपुर खीरी घटना को लेकर माओवादियों ने 17 अक्तूबर को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का ऐलान किया

लखीमपुर खीरी घटना को नरसंघार मानते हुए भाकपा माओवादियों ने 17 अक्तूबर को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में बंद का ऐलान किया है इसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने नक्सली प्रभावित 11 जिलों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है ।

बंदी को लेकर माओवादियों ने गया औरंगाबाद ,जमुई ,बांका जैसे जिलों में पोस्टर लगाया है जिसमें लिखा है कि आंदोलनरत किसानों पर वाहन दौड़ा देना नरसंहार की श्रेणी में आता है। इस नरसंहार में मारे गए किसानों के प्रति सरकार संवेदनहीन बनी हुई है। मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई, पर अब तक नौकरी मुहैया नहीं कराई गई है।

माओवादी के बंद को देखते हु नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात अर्धसैनिक बल के जवानों को विशेष तौर पर बंदी से निपटने का निर्देश जारी किया गया है साथ ही जिन जिन जिलों में एएसपी अभियान की तैनाती है उन्हें आज से ही विशेष ऑपरेशन चलाने का निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय दिया जारी किया गया है साथ ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने आईजी ऑपरेशन को निर्देश दिया है कि एसटीएफ को नक्सल प्रभावित जिलों में मूवमेंट तेज कर दे वही दूसरी और पंचायत चुनाव के बहिष्कार को लेकर माओवादियों ने जो आदेश जारी किया है उसको देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग और पुलिस मुख्यालय के बीच जल्द ही बैठक होने वाली है जिसमें नक्सल प्रभावित जिलों में कैसे शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न हो सके इस पर लाइन ऑफ एक्शन तैयार किया जायेगा ।

माओवादियों का मानना है- ‘पंचायत चुनाव से जात-पात, भाई-भतीजावाद, गोतिया व परिवार के बीच वैमनस्य और भी गहरा होता है और वह खूनी संघर्ष का रूप ले लेता है। साथ ही राजनीतिक हिंसा भी बढ़ती है।’

निफ्टी पहली बार 18,300 के ऊपर, सेंसेक्स पहली बार 61,300 के पार।

गुरूवार को एफ एन ओ समाप्ति के दिन सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स 568.90 अंक बढ़कर 61,305.95 पर बंद होने से पहले 61,353.25 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी 18,350.75 के सर्वकालिक उच्च स्तर को छूने के बाद 176.80 अंक बढ़कर 18,338.55 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स चार्ट (14.10.21) एक नजर में

ऑटो को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे रंग में समाप्त हुए, इंफ्रा, आईटी, रियल्टी, पीएसयू बैंक, पावर और मेटल इंडेक्स एक-एक प्रतिशत ऊपर थे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.5% की बढ़ोतरी हुई।

बीएसई मिडकैप इंडेक्स और बीएसई स्मॉलकैप करीब 0.5% चढ़े। एसएंडपी बीएसई ऑटो इंडेक्स को छोड़कर, बीएसई लिमिटेड द्वारा संकलित अन्य सभी 18 सेक्टोरल इंडेक्स एसएंडपी बीएसई बैंकेक्स इंडेक्स में लगभग 1.7% की बढ़ोतरी हुई।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 22 शेयर बढ़त के साथ और 8 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए। बीएसई पर कारोबार के दौरान 348 शेयर्स 52 हफ्ते के ऊपरी स्तर पर और 26 शेयर्स 52 हफ्ते के निचले स्तर पर कारोबार करते दिखे।

सेंसेक्स में आईटीसी सबसे बड़ा गेनर रहा, इसके बाद एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, एनटीपीसी, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी), रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), एक्सिस बैंक, टाइटन कंपनी का स्थान है। दूसरी तरफ, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, सन फार्मा बीएसई सेंसेक्स के शीर्ष ड्रैगर्स शेयरों में शामिल थे।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

निफ्टी ऑटो को छोड़कर सभी सेक्टोरियल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। बैंक निफ्टी पहली बार 39,350 के करीब बंद होते हुए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

जमीन माफिया से लेन देन की वजह से पुजारी की हुई है हत्या पुलिस इस बिन्दू पर शुरु की जांच

मीडिया वाले और कसाई पर अब कोर्ई फर्क नहीं रह गया है – दरभंगा के ऐतिहासिक कंकाली मंदिर में आज सुबह जिस तरीके से अंधाधुध फायरिंग करके मुख्य पुजारी की हत्या कर दी गयी उससे पूरा मिथिलांचल हतप्रभ है। क्यों कि दुर्गा पूजा के दौरान पूरे मिथिलांचल में एक अलग तरह का भक्तिमय माहौल रहता है उपवास और पूजा पाठ में घर के सभी सदस्य लगे रहते हैं।

ऐसे में आस्था के केन्द्र माने जाने वाले कंकाली मंदिर के मुख्य पुजारी जिनके बारे में कहां जाता है कि वो पूरे दुर्गा पूजा के दौरान सिर्फ पानी पीकर रहते हैं उनके साथ इस तरह की घटना महज मोबाइल विवाद को लेकर घटित हो जाये किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा है।

परिवार वाले मोबाइल विवाद को ही वजह बता रहे हैं हलांकि जिन चार अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया है उसमें से तीन अपराधियों को मंदिर के पास मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और जमकर पिटाई शुरु कर दिया जिस दौरान एक अपराधी पुलकित कुमार सिंह की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी ।

पुलकित कुमार सिंह के पिता विश्वविधालय में कर्मचारी है और ये चकिया मोतिहारी का रहने वाला है घटना स्थल से जो कार बरामद हुआ है वो कार पुलकित कुमार सिंह के पिता के नाम पर ही है ।दो और अपराधी जिसका इलाज चल रहा है अभिजित श्रीवास्तवऔर अभिषेक राज दरभंगा का ही रहने वाला है चौथा जो अपराधी भाग गया वो अंशु ठाकुर है जो कटरा मुजफ्फरपुर का रहने वाला है।

पुजारी की हत्या पर दरभंगा एसएसपी क्या कह रहे हैं जरा आप भी सुनिए

इन चारों अपराधी को मुख्य पुजारी के परिवार वाले पहचान रहे हैं और उनकी माने तो इन्हीं लोगों से विवाद हुआ था हलाकि पुलिस के रिकार्ड में इन लोगों के खिलाफ कोई अपराधिक मामला दर्ज नहीं है लेकिन पर्दे के पीछे जो तथ्य सामने आ रहा है वह पूरा मामला मंदिर के करोड़ो के जमीन से जुड़ा हुआ है जिसका डील ये चारों कर रहा था और इन चारों का सम्बन्ध संतोष झा गैग से रहा है हलाकि पुलिस फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहा लेकिन इस घटना दूसरा पहलु इस घटना से भी घिनौना है ।

पुजारी की हत्या पर उनके पड़ोसी का क्या कहना है

मीडियाकर्मी और राजनीतिज्ञ इस घटना में सांप्रदायिक एंगल ढूढ़ते दिखे

जैसे ही यह खबर सोशल मीडिया पर ब्रेक हुआ पांच मिनट के अंदर दिल्ली और पटना से जुड़े मीडियाकर्मियों और राजनीतिज्ञों का फोन आना शुरु हो गया कैसे हुआ संतोष जी क्या मामला है, मेरी संगति राइट और लेफ्ट दोनों से है और दोनों की सियासत को भी समझते हैं ।

फोन की घंटी से ही समझ जाते थे कि इस खबर में जबाव ढूंढ क्या रहे हैं, मंदिर में पुजारी की कैसे हत्या हुई उसको लेकर को गम्भीर नहीं थे बल्कि हत्यारा कौन है ये जानने के लिए ज्यादा उत्साहित थे ।

चलिए राजनीतिज्ञों की तो आज कल इसी से दुकान चल रही है लेकिन मीडिया वाले हमारे बंधु का व्यवहार हैरान करने वाला था। राजनीतिज्ञ तो थोड़ा धैर्य से घटना क्यों हुई वो सून भी रहे थे हमारे मीडिया वाले भाइयों का सीधा सवाल था मिया मारा है क्या,मैंने कहां नहीं तो उसके बाद ऐसा लगा जैसे वो बेहोश हो कर गिर गया उसके आवाज में जो खनक थी वो समाप्त हो गयी ठीक है संतोष रखते हैं।

एक बंधु इतना उत्साहित थे कि संतोष कुछ तो इनसाइड स्टोरी रहा होगा दरभंगा है वहां इस तरह का खेल पर्दे के पीछे चलता रहता है ,जरा पता करो ना मोबाइल के लिए इस तरह हत्या नहीं हो सकती है मैंने कहां ठीक है पता करते हैं वैसे एक स्टोरी है दरभंगा एसएसपी को लेकर मंदिर में जाने से रोक रहे थे एसएसपी दलित है कुछ एंगल बना सकते हैं तो बना लीजिए ये भी बिकने वाला एंगल है ,बाईट मिलेगा संतोष मैं तो पटना हूं दरभंगा आपके चैनल का भी स्ट्रिगर होगा ही मंगवा लीजिए देने में कोई दिक्कत नहीं होगा वैसे कोई नहीं कोई मिलेगा तो माले वाला है ही ।

पूर्व डीजीपी अभयानंद ने नीतीश के सलाहकार पर साधा निशाना कहां ऐसे लोग सलाहकार नहीं दलाल है।

सलाहकारों की फ़ौज **
नौकरी जब शुरू की थी तब जानकारी दी गई थी कि सरकार के मुख्य सलाहकार मुख्य सचिव हुआ करते हैं।
जैसे-जैसे समय बीता, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने अपने चारों तरफ सलाहकारों की सेना खड़ी कर ली।

यह तथाकथित विशेष्य माने जाने लगे, विभिन्न विधाओं के। कोई ऊर्जा तो कोई विधि-व्यवस्था, आदि आदि।
यह सभी सलाहकार जन-सेवक की तरह वेतन लेते हैं और सरकारी सुख-सुविधाओं का उपभोग भी करते हैं।

मैं भी जब DGP था, तब एक चर्चा सुनने को मिली कि पुलिस विभाग के लिए भी सलाहकार नियुक्त किए जाएँगे। मैंने अनौपचारिक रूप से अपनी भावना राज्य प्रमुख तक पहुँचा दी कि जो सलाह दें, वे ही क्रियान्वित भी करें।

यह नहीं होगा कि सलाहकार सलाह देकर किनारे हो जाएँगे और क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी कोई और लेगा। अगर अच्छा हुआ तो सलाहकार महोदय की वाह-वाह और खेल बिगड़ा तो ठीकरा किसी और के सर।
लगता है यह बात राज्य प्रमुख को सही लगी और पुलिस में कोई सलाहकार नियुक्त नहीं हुआ।

अन्य विभागों में हुआ।
नीतिगत रूप से भी जो व्यक्ति सरकारी वेतन पर सलाह देता है, उसको अपने सलाह की पूरी जवाबदेही लेनी चाहिए। अगर यह नहीं होता है, तो सलाहकार और दलाल में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।

लेखक–अभयानंद (बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी)

दरभंगा के प्रसिद्द कंकाली मंदिर में घूस कर अपराधियों ने मुख्य पूजारी को गोली से छलनी कर दिया।

दरभंगा – राज किला परिसर स्थित कंकाली मंदिर के पुजारी की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। यह घटना अहले सुबह घटित हुई। गोली लगने से पुजारी की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी, जबकि एक अन्य पुजारी गोली लगने से घायल हो गया। प्रत्यदर्शी की माने तो कार से आए चार अपराधियों ने वारदात को अंजाम दिया है। लोगों ने एक अपराधी को पीट-पीटकर मार डाला। मौके पर पुलिस पहुंच गई।

मुख्य पुजारी राजीव झा की हत्या के खबर से लोगों में खासा आक्रोश है खबर ये भी आ रही है तीन और अपराधी को लोगों ने पकड़ लिया है जिसके साथ भी आक्रोशित लोगों ने जमकर मारपीट किया है।फिलहाल स्थिति काफी तनाव पूर्ण और स्थानीय पुलिस के खिलाफ लोगों में खासा आक्रोश है ।

प्रजातंत्र को जीवित रखने के लिए पत्रकारों का दायित्व महत्वपूर्ण है।

दरभंगा 13 अक्टूबर। पत्रकारों को सत्य आधारित पत्रकारिता करनी चाहिए। प्रजातंत्र को जीवित रखने के लिए पत्रकारों का यह दायित्व महत्वपूर्ण है।

वरिष्ठ राजनीति चिंतक एवं विश्लेषक और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ जितेन्द्र नारायण ने ख्यातिलब्ध पत्रकार सह समाजसेवी स्व.रामगोविंद प्रसाद गुप्ता की 86वीं जयंती के अवसर पर “नोबेल शांति पुरस्कार और निर्भीक पत्रकारिता” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि सत्ता का सामान्यतः चरित्र पक्षपात पूर्ण एवं दलहित में होता है ऐसे में पत्रकारों की पैनी निगाह हमेशा बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्ता के समर्थन एवं विरोध की प्रवृत्ति की पत्रकारिता ने प्रजातंत्र का सबसे ज्यादा नुकसान किया है उन्होंने कहा कि सत्य आधारित पत्रकारिता के लिए पत्रकारों का निर्भीक होना एवं पक्षपात रहित होना पत्रकारिता जगत की प्राथमिक प्रवेश की प्राथमिक शर्त होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार प्राप्त दोनों पत्रकारों ने साबित कर दिया है कि स्वतंत्र संस्थान का निर्माण पत्रकारों को स्वंय करना चाहिए ताकि उनकी कलम पर किसी दूसरे संस्थान का प्रभाव नहीं पड़े। डॉ नारायण ने कहा कि आज पाश्चात्य के पत्रकारिता का इतिहास पाश्चात्य जगत में उभरते हुए पूंजीवाद और साम्राज्यवाद के समर्थन से जुड़ा हुआ रहा है जबकि भारत के पत्रकारिता का इतिहास निरंकुश सत्ता के विरोध एवं स्वतंत्र आंदोलन से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की पत्रकारिता मूल्यों पर आधारित रही है पर पश्चिमी पत्रकारिता का मूल ध्येय इससे इतर रहा है। उन्होंने अपना हित साधने के लिए पत्रकारिता को साधन की तरह इस्तेमाल किया है और हमने सत्य को स्थापित करने, जुल्म और जुल्मी का प्रतिकार करने के लिए पत्रकारिता का प्रयोग किया है।

इस वर्ष शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए दो पत्रकारों का चयन हुआ है जिसके चलते एकबार फिर पत्रकारिता और पत्रकार के दायित्वों का विश्लेषण आरंभ हो गया है।

डॉ जितेन्द्र नारायण ने नोबेल पुरस्कारों का गहराई से विवरण देते हुए बताया कि पत्रकारिता निर्भीक ही होती है, समझौता करनेवाला और दबाव में सत्य को दबाना पत्रकारिता की रवायत नहीं है। इसकी उत्पत्ति तो बाजारवाद से हुई है। बाजार ने मूल्यों पर आघात किया है। हर तरफ स्वार्थ हावी हो गया। कोई संस्था ऐसी नजर नहीं आती जहाँ भ्रष्टाचार ना हो। इस स्थिति में बदलाव निर्भीक पत्रकारिता ही ला सकती है। देश, समाज को पुष्ट करना ही पत्रकारिता का उद्देश्य रहा है पर बाजार ने इसमें बाधा उत्पन्न कर दी है। फिर भी स्व.रामगोविंद प्रसाद गुप्ता सरीखे पत्रकारों की टोली आज भी जीवंत है और यही कारण है कि देर से ही सही पर सत्य को उजागर करने की जिम्मेदारी का वहन आज भी पत्रकारिता कर रही है।

उन्होंने कहा कि इस साल शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए दो पत्रकारों के नाम चुने गए हैं। फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा और रूस के पत्रकार दिमित्री मुरातोव को अपने देश में अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा करने के लिए यह सम्मान दिया जाना है। जहां रेसा ने फिलीपींस में राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतर्ते की सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ अपने मीडिया ग्रुप ‘रैप्लर’ (Rappler) के जरिए पत्रकारिता को धार दी, तो वहीं रूस में पुतिन सरकार के खिलाफ मुरातोव ने भी ऐसा ही किया।

समारोह के मुख्य अतिथि समाजशास्त्री एवं पूर्व विधान पार्षद डॉ विनोद चौधरी ने कहा कि सत्ता, अधिकारी और समाज को सजग करने की जिम्मेवारी का वहन आज भी मीडिया कर रही है। शायद यही कारण है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में नोबेल नहीं दिया जाता है फिर भी पत्रकारों को उनके कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार मिलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि विश्व के देश में मीडिया प्रतिष्ठान है पर भारत में जितनी निर्भीक मीडिया है वैसी स्वतंत्रता विश्व के अन्य देशों में पत्रकारिता को नहीं मिली हुई है।उन्होंने दरभंगा की पत्रकारिता की चर्चा करते हुए बताया कि स्व.रामगोविंद प्रसाद गुप्ता ने यहाँ की पत्रकारिता को दधीचि की भांति पल्लवित किया है। आज भी उनके द्वारा तैयार पत्रकारों की टोली जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक निर्भीकता से कलम चला रही है।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पत्रकार से जननेता बने बेनीपुर के विधायक डॉ विनय कुमार चौधरी ने कहा कि निर्भीकता के बगैर पत्रकारिता अस्तित्व हीन है। बिना सत्य के इसका कोई मोल नहीं है। यह निर्भीकता ही है जिसके बल पर आज भी पत्रकार स्व.रामगोविन्द प्रसाद गुप्ता के कार्यों की चर्चा होती है पर बाजारू प्रवृत्तियों ने पत्रकारिता पर गहरा आघात किया है जिसके कारण मीडिया की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। इस स्थिति में जब इस क्षेत्र के लोग नोबेल पुरस्कार से सम्मानित हुए है तो उम्मीद की जा सकती है कि फिर नैतिक मूल्यों ने प्रति पत्रकार सजग होगें।नोबेल शांति पुरस्कार ही नहीं अपितु नोबेल पुरस्कार की जो घोषणा की जाती है उसमें निर्भीक पत्रकारिता का अहम योगदान होता है। प्रेस की स्वतंत्रता और निर्भीक पत्रकारिता एक दूसरे के पर्याय है।

इससे पूर्व विषय प्रवेश कराते हुए वरीय पत्रकार डॉ विष्णु कुमार झा ने बताया कि यह नोबेल पुरस्कार सांकेतिक है और अगर आज कहीं भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कायम है तो उसका श्रेय मीडिया को ही दिया जाना चाहिए। रसायनशास्त्री डॉ प्रेम मोहन मिश्र ने कहा कि पत्रकार शांति के दूत है और सामाजिक सौहार्द के साथ-साथ कुरीतियों का प्रतिकार करना उनकी प्राथमिकता होती है।नोबेल पुरस्कार ने पत्रकारिता की इसी प्राथमिकता को सशक्ता दी है। प्रोफेसर और पत्रकार डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि नोबेल पुरस्कार से विश्व क्षितिज पर पत्रकारिता गौरवान्वित हुई। सच्चे पत्रकार हदय की आवाज पर लिखते है। कलम के सिपाहियों की निर्भीकता के बल पर ही मीडिया का वजूद टिका है। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रखर पत्रकार डॉ हरिनारायण सिंह ने कहा कि नई पीढ़ी के पत्रकारों को पूर्व के पत्रकारों से कुछ सीख लेनी चाहिए और समाज और देश के विकास के लिए आज उन्हें नए संचार क्रांति का लाभ उठाते हुए हर संभव प्रयास पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करनी चाहिए।
संगोष्ठी का संचालन डॉ एडीएन सिंह ने किया। जबकि स्वागत प्रोफेसर रामचंद्र सिंह चंद्रेश ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रमोद कुमार गुप्ता ने दिया। मौके पर पत्रकार और बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इसके पूर्व स्वर्गीय गुप्ता के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

कोरोना का टीका लेने से छूटे हुए लोगों के लिए विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर को

छूटे हुए लाभाथिर्यों का विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर कोः मंगल पांडेय
आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका को इस कार्ययोजना में लगाया गया

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में छूटे हुए लाभाथिर्यों का विशेष टीकाकरण 22 अक्टूबर को होगा। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से बचाव के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान को और गति देते हुए निर्णय लिया है कि राज्य में जिन लोगों ने अब तक टीकाकरण नहीं करवाया है, उनका अब आशा व आंगनबाड़ी वर्कर्स घर-घर जाकर सर्वे करेंगी और इससे संबंधित रिपोर्ट सौंपेगी। उस आधार पर विभाग उनके लिए विशेष अभियान के तहत उनका टीकाकरण सुनिश्चित करवाएगी।

श्री पांडेय ने कहा कि जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लिया है, उनका सर्वे वोटर लिस्ट के आधार पर पूरे राज्य के अलग-अलग पंचायत व वार्डों में 18 से 20 अक्टूबर तक करवाया जायेगा। यह कार्य संबंधित क्षेत्र के आशा फैसिलिटेटर एवं बीसीएम की देख-रेख में किया जाएगा।

इसके साथ ही इस कार्य में सभी संबंधित सहयोगी संस्थाओं का अनिवार्य रुप से सहयोग लेना सुनिश्चित किया गया है। सर्वे के उपरांत प्रखंड द्वारा आशा से प्राप्त लाभार्थी सूची के अनुसार टीकाकरण सत्र स्थल, टीकाकरण कर्मी एवं संबंधित सामग्री आदि को सूक्ष्म कार्ययोजना में समाहित कर जिला को उपलब्ध कराया जाएगा।

श्री पांडेय ने ये भी कहा कि टीकाकरण की सफलता के लिए दुर्गापूजा के अवसर पर सभी पूजा पंडालों में कोविड -19 टीकाकरण से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्रियों को प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि टीकाकरण के प्रति जागरुकता में और तेजी आ सके।

पाकिस्तानी आतंकी का तार बिहार से जोड़े जाने को लेकर उठने लगे सवाल है

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हत्थे चढ़े पाकिस्तानी आतंकी अशरफ की गिरफ्तारी मामले में जिस तरीके से बिहार से तार जोड़ा जा रहा है उसको लेकर बिहार पुलिस के आलधिकारियों ने गहरी नराजगी व्यक्त किया है ।

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा जो मीडिया को बताया गया है उसको लेकर अभी तक दिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस मुख्यालय के किसी भी अधिकारी से इस संदर्भ में बात नहीं किया है और ना ही किशनगंज एसपी से।

दिल्ली पुलिस के हवाले से जो मीडिया रिपोर्ट आयी है उसके अनुसार आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि पहली बार साल 2004 में पाकिस्तान से बांग्लादेश और कोलकाता होते हुए भारत में दाखिल हुआ था और उसके बाद वह सीधे अजमेर शरीफ गया।

अजमेर शरीफ में उसकी मुलाकात बिहार के कुछ लोगों से हुई, और उन्हीं लोगों के साथ बिहार चला गया । बिहार में जाकर उसने एक गांव में शरण ली और वहां पर कुछ समय रहकर सरपंच का विश्वास जीता और सरपंच से कागज में लिखवाकर गांव का निवासी होने की आइडेंटिटी बनवाई.
कथ‍ित आतंकी अशरफ ने पुल‍िस को पूछताछ के दौरान बताया क‍ि बाद में वह दिल्ली आया और उसी आईडी के सहारे दिल्ली में पहले राशनकार्ड बनवाया और फिर वोटर आईडी कार्ड और उसके बाद 2014 में पासपोर्ट बनवा लिया ।

राशन कार्ड कैसे बनता है —
राशन कार्ड बनाने की एक पूरी प्रक्रिया है जिसमें पंचायत से लेकर प्रखंड स्तर तक पूरा महकमा शामिल होता है बिहार में सरपंच या मुखिया को ये अधिकार नहीं है किसी के नागरिक होने का प्रमाण पत्र दे, इतना ही नहीं सरपंच और मुखिया अगर ऐसा कोई प्रमाण देता भी है तो उसके आधार पर राशन कार्ड बन ही नहीं सकता है क्यों कि इसके साथ वोटर आईडी कार्ड के अलावा कई और दस्तावेज चाहिए तभी आपको राशन कार्ड बन सकता है ।

इसलिए ये जांच का विषय है कि बिहार के किसी सरपंच के पत्र के आधार पर दिल्ली या यूपी में कैसे राशन कार्ड बन गया जाचं तो यहां से शुरु होनी चाहिए कि इस खेल में कौन लोग शामिल है

कैसे बनता है पासपोर्ट–
पासपोर्ट बनाने के लिए आपको मौजूदा एड्रेस प्रूफ के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स पानी का बिल टेलीफोन/मोबाइल का बिल बिजली का बिल इनकम टैक्स असेसमेंट ऑर्डर आईडी-कार्ड के साथ साथ जहां आपका स्थायी पता है उसकी भी जानकारी देनी पड़ती है ।

दोनों जगह पुलिस सत्यापन करती है उसके बाद ही पासपोर्ट बन सकता है ।इतना ही नहीं जन्मतिथि के लिए जरूरी प्रमाण-पत्र नगर निगम की ओर से मिला जन्म प्रमाण-पत्र स्कूल लिविंग या ट्रांसफर लेटर की कॉपी पॉलिसी बॉन्ड या फिर पैन कार्ड होना अनिवार्य है ।

ऐसे में अशरफ का पासपोर्ट कैसे बन गया। जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े कागजात किस संस्थान द्वारा निर्गत किया गया है कई ऐसे सवाल हैं जो दिल्ली पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है क्यों कि 2004 में वो भारत में आता है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए ब्लास्ट से पहले रेकी की थी और उस रेकी में वह कई बार वहां पर आया था, लेकिन उसने बम धमाके में शामिल होने से इनकार कर दिया है.

पुलिस ने धमाकों की साजिश में शामिल एक शख्स की फोटो उसे दिखाई है, जिसके बाद उसने उसे पहचाना लेकिन सही कहा कि उसने सिर्फ रेकी की थी धमाका किसी और ने किया था. स्पेशल सेल अब उसके इस दावे को वेरिफाई करेगी.

कथ‍ित आतंकी अशरफ के जम्मू कश्मीर में भी बम धमाके और हथियार सप्लाई करने का खुलासा हुआ है. सूत्रों के मुताबिक वह काफी समय जम्मू कश्मीर में रहा है, जिसके बाद बुधवार को एनआईए, जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस और आर्मी इंटेलिजेंस स्पेशल सेल के दफ्तर में आतंकी से पूछताछ करने आएंगी और उसके जम्मू कश्मीर में जाने के साथ ही वहां पर साजिश का पता लगाएगी.

इस तरह के वारदात में वो शामिल रहा है वह भी दिल्ला में रहते हुए ऐसे में ये सवाल तो बनता ही है कि दिल्ली में राशन कार्ड बनवाने में से लेकर पासपोर्ट बनवाने तक में किसने सहयोग किया इस संदर्भ में बिहार के एक पूर्व सीनियर पुलिस अधिकारी का कहना है कि दिल्ली और मुबंई पुलिस अक्सर इस तरह का दाव खेलते रहती है ताकि उसके सिस्टम के फेलियर पर लोगों का ध्यान ना जाये ।

शेयर बाजार में लगातार 5वें दिन उछाल; सेंसेक्स 60,737 पर, निफ्टी 18,161 पर बंद हुआ, टाटा समूह के स्टॉक में उछला।

बुधवार को साप्ताहिक एफएंडओ एक्सपायरी से एक दिन पहले सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। सेंसेक्स 452 अंक उछलकर 60,737 पर और एनएसई निफ्टी 170 अंक की तेजी के साथ 18,161 पर बंद हुआ। इंट्राडे ट्रेड में सेंसेक्स 60,836.63 का रिकॉर्ड तोड़ दिया और एनएसई निफ्टी रिकॉर्ड 18,197.80 पर पंहुचा ।

सेंसेक्स चार्ट (13.10.21) एक नजर में

बीएसई स्मॉलकैप और बीएसई मिडकैप क्रमश: 0.62 और 1.46 फीसदी तक चढ़े। सेक्टरों में ऑटो इंडेक्स में 3.5 फीसदी, जबकि एनर्जी, इंफ्रा, आईटी, मेटल, पावर और कैपिटल गुड्स इंडेक्स में 1-1 फीसदी की तेजी आई।

महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, बजाज-ऑटो, एशियन पेंट्स, एनटीपीसी, एलएंडटी, बजाज फिनसर्व, कोटक महिंद्रा बैंक सेंसेक्स में शीर्ष पर रहे। मारुति, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), नेस्लेइंडिया और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) सेंसेक्स के शीर्ष  ड्रैगर्स शेयरों में शामिल थे।

सेंसेक्स के 30 शेयर्स में से 22 शेयर बढ़त के साथ और 8 शेयर कमजोरी के साथ बंद हुए।

सेंसेक्स के शेयर एक नजर में

सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी मीडिया को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। बैंक निफ्टी 0.3 फीसदी, निफ्टी ऑटो 3.43 फीसदी, निफ्टी आईटी 1.19 फीसदी और निफ्टी मेटल 1.5 फीसदी चढ़ा।

निफ्टी के प्रमुख शेयरों के टॉप गेनर और लूजर का हाल

सीएम नीतीश कुमार ने की माँ दुर्गा की पूजा

सीएम नीतीश कुमार आज माँ दुर्गा का दर्शन किया और मीडिया से बात करते हुए कहां कि आज का दिन मॉ का दिन है माँ से बस एक ही आर्शीवाद चाहिए ।राज्य खुशहाली रहे समृद्धि रहे।

बच्चों के संदर्भ में कोरोना को लेकर देश का स्वास्थ्य व्यवस्था निपटने में सक्षम।

“बच्चों के संदर्भ में प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने में देश की मौजूदा निगरानी व्यवस्था से काफी मदद मिली”
डॉ. एन के अरोड़ा राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष

कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख सदस्य डॉ. एन के अरोड़ा ने कोविड-19 वैक्सीन की अब तक की यात्रा और भारत के लिए वर्तमान तथा भविष्य में इसके मायने पर बातचीत की।

देश ने 10 महीने से भी कम समय में 100 करोड़ टीकाकरण की उपलब्धि हासिल कर ली है। यह देश में महामारी की स्थिति में क्या बदलाव लाएगा?
यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। वैक्सीन आत्मनिर्भरता ने इस रिकॉर्ड को हासिल करने में सबसे अधिक सहायता की है। हम इतनी बड़ी आबादी का टीकाकरण कर पाए, क्योंकि हम देश में वैक्सीन का विकास और उत्पादन करने में सफल रहे।
यह उपलब्धि रातोंरात हासिल नहीं की गयी है; यह डेढ़ साल की रणनीतिक सोच, इसके कार्यान्वयन और कड़ी मेहनत का परिणाम है।

हमारे देश में, 94 करोड़ से अधिक वयस्क हैं, जो टीकाकरण के पात्र हैं। कई राज्यों में, 100 प्रतिशत वयस्क आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। भारत की वर्तमान वैक्सीन वितरण क्षमता, वैक्सीन उत्पादन और उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए हम अगले तीन महीनों में वैक्सीन की 70 से 80 करोड़ खुराकें और दे सकते हैं।

भविष्य में हमारे देश में महामारी की स्थिति पांच बातों पर निर्भर रहेगी। एक, लोग कितने प्रभावी ढंग से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हैं? दूसरा, वैक्सीन की उपलब्धता। तीसरा, महामारी की दूसरी लहर के दौरान प्राकृतिक रूप से संक्रमित होने वाली आबादी का प्रतिशत। चौथा, आने वाले सप्ताहों और महीनों में वायरस के किसी नए रूप (वैरिएंट) का सामने आना और पांचवां, भविष्य में मामलों में वृद्धि के निदान के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारी।

दूसरी लहर के दौरान, देश भर में 70 से 85 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए। इसके अलावा, पिछले चार महीनों में कोई नया रूप (वैरिएंट) सामने नहीं आया है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी के माध्यम से आईसीयू बेड की संख्या, ऑक्सीजन की आपूर्ति व जीवन रक्षक दवाओं की उपलब्धता को बढ़ाने और नैदानिक सुविधाओं को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए हैं। अब, यह देशवासियों पर निर्भर है कि वे कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन, विशेष रूप से आने वाले त्योहारों के दौरान भी जारी रखें। मुझे दृढ़ विश्वास है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और अनुशासन बनाए रखने से मामलों को कम रखने तथा सामान्य स्थिति की ओर लौटने में काफी मदद मिलेगी।

हालांकि भारत बच्चों की वैक्सीन (टीका) का सबसे बड़ा उत्पादक रहा है, लेकिन इसे वैक्‍सीन (टीका) विकसित करने के लिए नहीं जाना जाता था। महामारी के दौरान, हालांकि इसने अनेक वैक्सीन विकसित की। ऐसा कैसे संभव हुआ?
पिछले दो दशकों में, देश ने आधारभूत विज्ञान अनुसंधान के लिए बुनियादी ढांचा विकसित करने के क्षेत्र में बड़ी उन्‍नति की है।

वास्तविक बदलाव तब शुरू हुआ जब पिछले साल नए टीकों के बुनियादी अनुसंधान और विकास को उत्प्रेरित करने एवं प्रोत्साहित करने का निर्णय किया गया। मार्च 2020 में, बड़ी धनराशि का निवेश किया गया, और एक अनुकूल वातावरण तैयार किया गया। इसने वैज्ञानिकों के साथ-साथ उद्यमियों को भी नए टीकों के विकास के लिए सहयोग करने और एक जगह पर आने के लिए प्रोत्साहित किया। अंतरराष्ट्रीय भागीदारों, स्थानीय निर्माताओं, वैज्ञानिकों और विभिन्न विज्ञान प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग के परिणामस्वरूप नई प्रौद्योगिकी का विकास और हस्तांतरण हुआ।

इसके परिणामस्‍वरूप, भारत महामारी की शुरुआत के 10 महीने से भी कम समय में अपना राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम शुरू कर सका। आज, इसके पास कोविड टीकों की एक मजबूत पाइपलाइन-निष्क्रिय वैक्सीन, सब-यूनिट वैक्सीन, वेक्टर्ड वैक्सीन, डीएनए वैक्सीन, आरएनए वैक्सीन है- जो वयस्कों के साथ-साथ देश के और अनेक अन्‍य देशों के बच्चों के लिए उपलब्ध होगी।

इन टीकों को बहुत कम समय में विकसित किया गया और इन्हें आपातकालीन उपयोग का अधिकार दिया गया, जिसका अर्थ है कि उनके दीर्घकालिक प्रभाव का अध्ययन करने से पहले उन्हें लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या अन्‍य उपाय किए गए?

जून-जुलाई, 2020 के महीनों से ही, दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने टीकों के संभावित प्रभावों और दुष्प्रभावों पर चर्चा शुरू कर दी थी। सितम्‍बर-अक्टूबर तक, भारत में, एक विस्तारित विशेषज्ञ पैनल स्थापित किया गया जो वयस्क टीकाकरण के कारण उत्पन्न हो सकने वाली समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर से लेकर जिला स्तर तक टीकाकरण के बाद प्रतिकूल स्थिति (एईएफआई) पर नजर रख सके। इस पैनल में अन्‍य लोगों के अलावा सामान्य चिकित्सक, पल्मोनोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरोलॉजिस्ट, हेपेटोलॉजिस्ट शामिल थे। एईएफआई सदस्यों के लिए देश भर में जांच, कारण और प्रभाव प्रशिक्षण अक्टूबर-नवम्‍बर में आयोजित किया गया था और दिसम्‍बर तक उनमें से अधिकांश को प्रशिक्षित किया जा चुका था।

देश ने उन नैदानिक स्थितियों को शामिल करने के लिए एक सूची तैयार की जिनकी परम्‍परागत रूप से प्रतिकूल घटनाओं के रूप में जानकारी दी जा रही थी, लेकिन अतिरिक्त स्थितियों को सूची में जोड़ा गया जो सैद्धांतिक रूप से किसी भी नए टीके के साथ उत्‍पन्‍न हो सकती हैं – इन्हें एईएसआई भी कहा जाता है, यानी विशेष रुचि की प्रतिकूल घटनाएं।

आसपास के अस्पतालों या जिला अस्पतालों में कार्यरत टीके लगाने वालों, नर्सों और डॉक्टरों को इस बारे में जागरूक किया गया कि कैसे किसी भी साधारण प्रतिक्रिया से होने वाली प्रतिकूल घटना, जहां अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है, उसे प्रबंधित और रिपोर्ट किया जा सकता है।

बच्चों के मामले में प्रतिकूल प्रतिक्रियाओं से निपटने में देश के मौजूदा निगरानी अनुभव ने काफी मदद की।
डब्‍ल्‍यूएचओ ने इस कार्य को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके राष्ट्रीय कार्यालय में एक वैक्सीन-सुरक्षा प्रभाग है जो तकनीकी सहायता के साथ-साथ लॉजिस्टिक सहयोग प्रदान करता है।

प्रत्येक टीकाकरण केन्‍द्र में टीकाकरण के बाद 30 मिनट निगरानी रखने के लिए बैठने के स्‍थान की व्‍यवस्‍था है। इसका उद्देश्य किसी भी गंभीर प्रतिक्रिया जैसे कि एनाफिलेक्सिस को तुरंत प्रबंधित करना और फिर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य सुविधा में भेजना है। इस दृष्टिकोण ने कई सौ लोगों की जान बचाई है। टीके की एक खुराक देने के 28 दिन के भीतर होने वाली किसी भी नैदानिक घटना या बीमारी को आगे जांच और यह निर्धारित करने के लिए कि क्या यह टीके और टीकाकरण से संबंधित है, इसकी जानकारी एईएफआई के रूप में दी जानी चाहिए। नियमित पूरक निगरानी की जानकारी के लिए देश भर में 20 से 25 स्‍थानों पर अस्पतालों और सामुदायिक स्थलों पर सक्रिय निगरानी स्थापित की गई। इससे हमें टीकों के किसी भी संभावित दीर्घकालिक प्रभाव को खारिज करने में भी मदद मिलेगी।

टीके की सुरक्षा के बारे में लोगों को समझाना कितना मुश्किल था?
पोलियो उन्मूलन के लिए चलाए गए एक लंबे अभियान, जिसने टीके को लेकर संदेह को दूर किया, की वजह से देश कोविड-19 टीकों के बारे में गलत सूचनाओं, अफवाहों से निपटने के लिए पहले से ही तैयार था। सरकार ने टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले ही पिछले साल अक्टूबर में सामाजिक जागरुकता कार्यक्रम शुरू कर दिया था। इस प्रणाली ने टेलीविजन चैनलों, प्रिंट मीडिया, वेबिनार, रेडियो कार्यक्रमों, आमने-सामने के संवाद के माध्यम से तथ्य-आधारित, वैज्ञानिक जानकारी के प्रसार के लिए समग्र दृष्टिकोण को अपनाया। इसके अलावा, कई प्रतिष्ठित व्यक्ति, धार्मिक नेता, सामुदायिक नेता जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल थे क्योंकि उनका जनता के साथ एक मजबूत जुड़ाव है।

पहली बार, सोशल मीडिया स्कैनिंग एक व्यवस्थित तरीके से की जा रही है ताकि अफवाहों और गलत सूचनाओं पर बहुत बारीकी से नजर रखी जा सके, उनकी निगरानी की जा सके, उनका विश्लेषण किया जा सके और व्यवस्थित तरीके से उनका मुकाबला किया जा सके। मेरा यह मानना है कि टीके (वैक्सीन) को लेकर शंका भी एक संक्रामक बीमारी की तरह है, यह तेजी से एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्रों में फैलती है यदि इसे खत्म करने के लिए त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती है।

आपको क्या लगता है कि देश के लिए बाकी आबादी का टीकाकरण करना कितना आसान या मुश्किल होगा?
भारत में 94 करोड़ वयस्क हैं और इस आबादी को पूरी तरह से प्रतिरक्षित करने के लिए लगभग 190 करोड़ खुराक की आवश्यकता है। जहां तक टीके की आपूर्ति और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का सवाल है, हमें पूरा भरोसा है। वास्तव में, हम अभी लोगों में टीका लगवाने को लेकर उत्साह का माहौल देख रहे हैं, उनमें अब टीके को लेकर कोई शंका नहीं है। आगे मुश्किलें आ सकती हैं, लेकिन मेरा दृढ़ विश्वास है कि प्रासंगिक कारणों को दूर करने के ठोस प्रयासों से देश को पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

ये बिहार पुलिस का मानवीय चेहरा है जिसके सहारे सरकार कानून का राज स्थापित करने की दावा करती है

पुलिस यूपी की हो या दिल्ली की या फिर बिहार की मिजाज एक ही रहता है यह तस्वीर बिहार की राजधानी पटना की है जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस के लाठीचार्ज में घायल युवक की मौत हो गयी ,इस घटना के विरोध में जब लोग सड़क पर उतरे तो फिर पुलिस पुरुष क्या क्या महिला देखिए किस तरीके से मार रहा है ।

हलाकि इस मामले में पटना एसएसपी से सवाल किया गया गया कहां कि वीडिओ की जांच करवाते हैं जो भी दोषी होगा उस पर कारवाई होगी लेकिन सवाल कारवाई का नहीं है जिस तरीके से पुलिस को ट्रेनिंग दी जाती है उसमें पुलिस को इसी तरह की कारवाई करना सिखाया ही जाता है ।

जेपी सम्मान पेंशन राशि में सम्मानजनक वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद।-सुशील कुमार मोदी

  1. जेपी सेनानी सम्मान पेंशन योजना की दोनों श्रेणियों के कुल 2681 सुपात्रों की पेंशन राशि में वृद्धि करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद।
    अब पांच हजार रुपये मासिक पाने वालों को 7.5 हजार रुपये और 10 हजार पाने वालों को 15 हजार रुपये मासिक मिलेंगे।
    बिहार पहला राज्य है, जिसने 2009-10 में जेपी सेनानियों के लिए सम्मान पेंशन शुरू की।
  1. बिहार 1974 के ऐतिहासिक जेपी आंदोलन का एपिक सेंटर था और यहीं के युवाओं ने इसमें सबसे ज्यादा बड़ी भूमिका निभायी।
    इनके योगदान को राजकीय प्रतिष्ठा देने के लिए एनडीए सरकार ने पहले साल पेंशन मद में 1.31 करोड़ रुपये खर्च किये थे वहीं 2020-21 में 23.90 करोड़ खर्च किये गए।
    सम्मान पेंशन राशि में सरकार ने छह साल बाद दूसरी बार वृद्धि की है।
    अब तक इस योजना पर कुल 193.77 करोड़ रुपये खर्च हुए।
  2. राज्य सरकार ने सेनानियों की विधवा का भी ख्याल रखा। 182 ऐसी बुजुर्ग महिलाओं को वही पेंशन राशि दी जा रही है, जो उनके सेनानी पति को मिलती थी।
    इस मामले में पति के बाद विधवा की पेंशन आधी नहीं की गई है।
    सरकार सेनानी परिवार के प्रति संवेदनशील रही।

दिल्ली में गिरफ्तार आतंकी का तार बिहार से जुड़ा

2013 के बाद पहली बार बिहार का किसी बड़े आतंकी से तार जुड़ा है जिसका रिश्ता ISI हो, जी है 2013 में बिहार पुलिस की टीम ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकवादी यासीन भटकल व अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को नेपाल की सीमा से गिरफ्तार किया था । पूछताछ के दौरान बिहार में  उसके नेटवर्क का भी खुलासा हुआ था उस पर काफी कुछ काम बिहार पुलिस और केंद्रीय एजेंसी ने किया था ,हालांकि भटकल की गिरफ्तारी के बाद देश स्तर पर कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं घटी है ।

 लेकिन हाल के दिनों में दरभंगा में ट्रेन ब्लास्ट की साजिश रचने के मामले में NIA ने यूपी और हैदराबाद में बड़ी कारवाई किया है फिर भी ऐसा कुछ भी NIA को हाथ नहीं लगा जिसके सहारे कहां जा सके कि दरभंगा  मॉड्यूल एक बार फिर  सक्रिय हो गया है ।

दिल्ली में जिस आतंकी की गिरफ्तारी हुई है उसके बारे में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस प्रमोद कुशवाहा का कहना है कि असरफ को सोमवार रात 9.20 बजे अरेस्ट किया गया। शुरुआती जांच में पता चला है कि असरफ स्लीपर सेल की तरह काम करके कोई बड़ी साजिश रच रहा था।

वह दिल्ली में रहकर अपनी पहचान पीर मौलाना के तौर पर बना रहा था।उसने जाली दस्तावेजों के जरिए भारतीय पहचान पत्र हासिल किया था जो बिहार में बनवाया गया था। अशरफ के पास कई फर्जी आईडी मिले हैं। इनमें से एक अहमद नूरी नाम से बनवाया गया था। दस्तावेज के लिए उसने गाजियाबाद की महिला से शादी भी की थी।

पुलिस ने उसके पास से एक AK-47 राइफल, इसकी एक मैगजीन, एक हैंड ग्रेनेड और 50 राउंड गोलियों के साथ दो पिस्टल बरामद किया है । वह करीब 15 साल से भारतीय नागरिक के तौर पर रह रहा था।दिल्ली और उसके आसपास अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए वह ‘पीर मौलाना’ का वेश भी बना रहा था।उसने अली अहमद नूरी के नाम से शास्त्री नगर का एक फर्जी आईडी कार्ड बनवा लिया था।

उसके पास से पुलिस ने फर्जी आईडी, बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं।तुर्कमान गेट इलाके से एक भारतीय पासपोर्ट भी उसने बरामद करवाया है। वो पासपोर्ट  2014 में बिहार के किशनगंज से बनवाया था।

सरफ पहली बार बांग्लादेश के रास्ते सिलीगुड़ी बॉर्डर से भारत आया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने उसे ट्रेनिंग दी है। इसके बाद से वह पाकिस्तान के हैंडलर के संपर्क में था। उसे भर्ती करने वाले हैंडलर का कोड नेम नासिर था। नासिर ही अशरफ को निर्देश दे रहा था।

हालांकि इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय में बैठे आलाधिकारी ,एटीएस चीफ और किशनगंज एसपी फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं लेकिन जो खबर आ रही है उसके अनुसार बिहार पुलिस किशनगंज और उत्तर बिहार से जुड़े नेपाल पर चौकसी बढ़ा दी  है ।