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बिहार में कोरोना का कहरा जारी 48 घंटे में हुई 12 मौत

#Covid19 बिहार में कोरोना का कहर जारी है पिछले 24 घंटे में 6413 कोरोना के मरीज मिले हैं जिसमें पटना में सबसे ज्यादा 2014 मरीज मिले है और इसके साथ ही राज्य में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 28659 हुई। वही पिछले 48 घंटे में 12 लोगों की मौत हो गयी है ।

कोरोना की तीसरी लहर में पहली बार एक साथ 7 मौत हुई है। पटना AIIMS में 67 साल की संक्रमित महिला की मौत हुई है। वह सारण की रहने वाली थी। 10 जनवरी को उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया था और 11 को मौत हो गई। नालंदा मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को 3 मौतें हुई हैं। इनमें आलमगंज पटना के 70 साल के संक्रमित, जमुई के 70 साल के संक्रमित और पटना के गौर हट्‌टा के 68 साल के संक्रमित शामिल हैं।

1–हलके में ना ले कोरोना को घातक साबित हो सकता है

मौत का यह आकड़ा कोरोना की दूसरी लहर में भी शुरुआती दिनों में ऐसा ही था हालांकि इस बार की चुनौती दोहरी है। क्योंकि कोरोना के एक नहीं 2 वैरिएंट से लड़ाई है। इसमें एक डेल्टा है, जिसने दूसरी लहर में तबाही मचाई। वहीं, दूसरा ओमिक्रॉन, जो संक्रमण की रफ्तार को कम्युनिटी स्प्रेड कर दिया है। ऐसे में अब खतरा बढ़ रहा है। वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकाॅल में लापरवाही भारी पड़ सकती है। क्योंकि वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग भी वायरस को अंडर स्टीमेट करना खतरनाक बता रहा है।

एक्सपर्ट बताते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा ने तबाही मचा दी थी। इस बार भी वह जानलेवा है। मौत का कारण भी बन रहा है। वैक्सीनेशन नहीं कराने वालों पर इसका बड़ा असर दिख रहा है।

कोरोना पर स्टडी करने वाले पटना एम्स के ट्रामा इमरजेंसी के एचओडी डॉ. अनिल कुमार का कहना है कि अगर वैक्सीनेटेड नहीं है और उसके बाद भी कोरोना को हल्के में ले रहे। बिना मास्क के सोशल डिस्टेंस भी नहीं मान रहे तो यह जान से बड़ा खिलवाड़ है। डेल्टा अभी खत्म नहीं हुआ था और वह आज भी एक्टिव है। ऐसे में 48 घंटों के दौरान 12 मौत खतरे की घंटी है।

2–प्रतिबंध के साथ लांक डाउन बिहार में जारी रहेगा

हालांकि आपदा प्रबंधन प्राधिकारी की बैठक में और सख्त प्रतिबंध लगाने और शनिवार और रविवार को पूर्ण कर्फ्यू पर विचार किया गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने फिलहाल जो पाबंदी लगी हुई है उसे ही जारी रखने के पक्ष थे फिलहाल बिहार में जारी रहेगी पाबंदी और जो गाइडलाइंस जारी हुआ है उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है एक सप्ताह बाद फिर बैठक होगी उस बैठक में हालात की समीक्षा के बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा ।

हाईकोर्ट में कोरोना महामारी से निपटने को लेकर राज्य सरकार की तैयारी पर सुनवाई टली ।

#Covid19 पटना हाईकोर्ट में राज्य में कोरोना महामारी के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोक थाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर सुनवाई कल 13 जनवरी,2022 तक टली। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।

पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने इस महामारी के रोक थाम और नियंत्रित करने के लिए की जा रही कारवाइयों का ब्यौरा दिया।

इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।।एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि करोना महामारी के रोक थाम के दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है।सार्वजानिक स्थलों,सिनेमा,मॉल,पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया।
साथ ही 10 रात्रि से सुबह पाँच बजे तक curfew भी प्रशासन ने लागू कर दिया है।
सरकारी,निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के पचास फी सदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा।स्कूलों कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई हैं।
उन्होंने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इसके महामारी से निबटने कार्रवाई करने को तैयार किया जा रहा।सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में करोना मरीज के ईलाज के पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है।ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के पूरी कार्रवाई हो रही है।

जो व्यक्ति करोना से पीड़ित हैं,उनके लिए ईलाज की व्यवस्था की गई है।उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है। दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है। इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में पिछले सप्ताह ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुका है।

इस मामले पर 13 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।

वेंटिलेटर के संचालन हेतु कर्मियों को मिलेगा और बेहतर प्रशिक्षण -स्वास्थ्यमंत्री

#Covid19 इलाज के लिए जिलों को केंद्र से चिह्न्ति दवाओं की उपलब्धता करायी जा रही सुनिश्चित : मंगल पांडेय

पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग तत्परता से काम कर रहा है। कुशल रणनीति के तहत विभाग कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार में लगा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों में केंद्र से चिह्नित जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जा रही है। वहीं कोरोना के बेहतर उपचार के लिए राज्य के सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर संचालन एवं रख-रखाव के लिए मेडिकल कॉलेजों एवं जिलों में पदस्थापित डॉक्टरां और कर्मियां को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया जारी है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सभी सिविल सर्जनों और मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अधीक्षकों को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए जिलों को कोरोना इलाज के चिह्नित दवाइयां र्प्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। बीएमएसआईसीएल द्वारा इन दवाओं को चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पतालों एवं सभी जिलों को केस के आधार पर दवाइयां लगातार आवंटित की जा रही है। वहीं वेंटिलेटर की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को अत्यधिक विशिष्ट बनाने के लिए उसे सुचारू रूप संचालित करने के लिए चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ के रिफ्रेशर प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस की गई है। ऐसे में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल से लेकर जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में पदस्थापित चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल स्टाफ को वेंटिलेटर के संचालन एवं रख-रखाव के लिए और बेहतर प्रशिक्षण हेतु एम्स, पटना से समन्वय बनाया गया है।

श्री पांडेय ने कहा कि कोविड संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान स्थिति में गंभीर रोगियों के उपचार को ध्यान में रखते हुए आक्सीजनयुक्त बेड, आईसीयू बेड एवं वेंटिलेटर समेत अन्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है। इसी क्रम में सरकार द्वारा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों यथा सभी जिलों के सदर अस्पतालों में वेंटिलेंटर अधिष्ठापित कर दी गई है। साथ ही उसके संचालन के लिए कई चरणों में डॉक्टरां एवं कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जृा चुका है।

बिहार में कोरोना का सुनामी पटना बना हाॅट स्पोट

#Covid19 बिहार में कोरोना का सुनामी जारी है आज शाम तक जारी आकड़ों के अनुसार आज 5908 लोग पॉजिटिव पाए गए। वहीं, 5 लोगों की मौत भी हुई है। मृतकों में NMCH से 2, साईं हॉस्पिटल से 1, PMCH से 1 और भागलपुर से एक संक्रमित शामिल हैं। अकेले पटना में 2202 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। इधर, सोमवार को कोरोना के 4,737 नए मामले सामने आए, जो रविवार के आंकड़े से 6% कम है लेकिन इस दौरान रविवार की तुलना में जांच भी कम हुआ । रविवार को 5,022 कोरोना केस आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CM नीतीश कुमार से फोन पर बात कर उनका हालचाल जाना। नीतीश कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से होम आइसोलेशन में हैं।

वही बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि नये वैरियंट की वजह से बढ़ता कोरोना संक्रमण जब विशिष्ट व्यक्तियों, डाक्टरों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है, तब आम नागरिकों को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।

उम्र या बीमारी के कारण जिन्हें बूस्टर डोज की जरूरत है, उन्हें इसके लिए बेहिचक आगे आना चाहिए।

  1. कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। केंद्र सरकार ने बिहार सहित सभी राज्यों को 156.05 करोड़ डोज उपलब्ध करायी है। स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। अभी संक्रमितों में केवल 5 से 10 फीसद लोगों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है।

लोगों को भयभीत होने के बजाय मास्क, दूरी और होम आइसोलेशन के जरिये स्वयं को सुरक्षित करना चाहिए।

बेपरवाह बिहार कोरोना के फर्जी जांच का हुआ खुलासा

#Covid19 बिहार में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना सजग है इसको लेकर आये दिन खबर आती रहती है नया मामला समस्तीपुर से जुड़ा है जहां एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इससे पहले नालंदा में जहां देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है कोवीशील्ड वो वैक्सीन दो बच्चों को लगा दिया । समस्तीपुर में दो दिन पहले एक स्वास्थ्य कर्मचारी ने एक पॉजिटिव व्यक्ति का सीरम एक ही क्षेत्र के 115 लोगों के अलग-अलग नाम से RT-PCR जांच के लिए भेज दिया। इससे सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भेजी गई तब पता चला कि जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव है, वे एकदम भले-चंगे हैं।

मामला कल्याणपुर प्रखंड का है। मामले का खुलासा होने के बाद DM योगेंद्र सिंह के आदेश पर सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने स्वास्थ्य कर्मी दिनेश झा को निलंबित कर दिया। इस मामले में जांच के लिए कल्याणपुर PHC प्रभारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। दो दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।हुआ ऐसा कि कल्याणपुर PHC (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) से 5 जनवरी को 115 लोगों का सैंपल जांच के लिए IGIMS (इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान) पटना भेजा गया था। 7 जनवरी को सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रविवार को कल्याणपुर टीम भेजी गई। जांच में पता चला कि PHC में एक व्यक्ति की एंटीजन रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। कर्मचारी दिनेश झा ने पॉजिटिव व्यक्ति के सीरम को अलग-अलग रख कर 115 लोगों का सैंपल बना लिया और जांच के लिए पटना भेज दिया था।          

इसके पीछे कि कहानी यह है कि आज कल पूरे बिहार में कोरोना जांच किट स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है ,विभागीय लोगों का कहना है कि स्टॉक मिलाने के चक्कर में यह गलती हो गयी और मामला प्रकाश में आ गया फिलहाल उक्त स्वास्थ्य कर्मी पर प्राथमिकी दर्ज करने पर विभाग विचार कर रही है ।

वही मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में पिछले सप्ताह देश में जिस वैक्सीन का अब तक बच्चों पर ट्रायल ही नहीं हुआ है,  2 बच्चों को उसी वैक्सीन की डोज लगा दी गई। स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही के शिकार दोनों भाई पीयूष रंजन और आर्यन किरण बिहारशरीफ की प्रोफेसर कॉलोनी के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि हमने रविवार को कोवैक्सिन के लिए स्लॉट बुक कराया था। इसके बाद आज हम 10 बजे के करीब नालंदा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित टीकाकरण केंद्र IMA हॉल गए।वहां सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद हमने टीका लगवाया। टीकाकरण के बाद पता चला कि हम दोनों को कोवैक्सिन की जगह कोवीशील्ड का टीका लगा दिया गया है।हालांकि इस मामले में सरकार उपाधीक्षक को हटा दिया है और जांच गठित कर दिया है लेकिन सवाल यह है कि पूरी मशीनरी लगने के बावजूद इतनी बड़ी गलती कैसे हो जा रही है इसी तरह 2020 में कोरोना वैक्सीन के दौरान फर्जी मोबाइल नम्बर के इस्तेमाल का मामला सामने आया था और इसको लेकर सरकार की बड़ी किरकरी हुई थी ।

विशेष राज्य का दर्जा को लेकर सड़क पर उतरे पप्पू यादव

जन अधिकार पार्टी द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, किसानों के लिए एमएसपी, बेरोजगारी एवं वार्ड सचिवों की जायज मांग को लेकर पूरे बिहार में रेल चक्का जाम किया है जाम का नेतृत्व जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव खुद कर रहे थे पटना के सचिवालय हॉल्ट पर रेल चक्का जाम करने के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलनी चाहिए। नीति आयोग के आकंड़ों के अनुसार बिहार पिछड़ा राज्य है। विकास के सभी सूचकांक में बिहार निचले पायदान पर हैं। बिहार के विकास के लिए , विशेष राज्य के मांग के लिए हमारी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं।

पप्पू यादव फिर उतरे सड़क पर

बिहार की जनता ने केंद्र और राज्य सरकार को भर भर के सांसद और विधायक दिए हैं। ऐसे में अब उनकी बारी है कि जनता को उनका हक विशेष राज्य के दर्जे के रूप में दें। यह राजनीति का नहीं, बिहार के भविष्य का सवाल है और हम किसी भी कीमत पर इससे समझौता नहीं करेंगे।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत पाप्पू यादव अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ करीब 11 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेनों की आवाजाही को रोक दी। जाप कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए पुलिस का घेरा तोड़कर रेलवे स्टेशन की ओर बढ़ गए और रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह, पूर्व विधायक भाई दिनेश, राजू दानवीर, डॉक्टर संतोष कुमार को रेल प्रशासन ने गिरफ्तार किया।

मौके पर प्रदेश अध्यक्ष राघवेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव प्रेमचन्द सिंह, राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू, अरुण सिंह, जावेद अली, पूनम झा, सुप्रिया खेमका, राजू दानवीर, संजय सिंह, गौतम आनन्द, भाई दिनेश, सन्नी , पुरुषोत्तम कुमार,दीपक कुमार रजत, आलोक सिंह,ननि यादव, शशांक कुमार मोनू, बबलू यादव, टिंकू यादव, नीतीश यादव, नीरज सिंह,अमित सिंह, अमरनाथ साह, गौरीशंकर सहित सैकड़ों लोग मैजूद थे।

बिहार में युवा सबसे अधिक कोरोना से हो रहे हैं संक्रमित, ओमीक्रोन के दस्तक से दहशत में सरकार

#Covid19  कोरोना को हलके में ना ले दूसरे लहर से भी खतरनाक हो सकता है तीसरा लहर ऐसा मानना है पटना एम्स के डांक्टर का, हो यह रहा है कि तीसरी लहर को सामान्य सर्दी खांसी वाली लहर समझ कर मरीज घर से बाहर  निकल जा रहे हैं जो खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता है। लक्षण होने के बावजूद जांच ना कराना और काम पर निकल जाना बड़ी परेशानी बन सकती है। एम्स में अभी तक जीतने भी मरीज आ रहे हैं उनमें ज्यादातर वही लोग हैं जो कामकाजी लोग हैं। 18 से 25 साल के बीच के लोग जो सक्रिय लोग हैं जो घरों से ज्यादा निकलते हैं कामकाज करते हैं ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है।  साथ ही आम लोग काफी हद तक खुद से घर में इलाज कर ले रहे हैं। लेकिन, ऐसे में यह समझ लेना कि लक्षण गंभीर नहीं हैं ऐसा नहीं है एम्स में अभी तक 60 मरीज भर्ती हो चुके हैं, अब तक 5 की मौत भी हुई है 11 लोग ICU में हैं।

1—24से 26 जनवरी तक तीसरा लहर पीक पर जा सकता है 

तीसरे लहर में कोरोना को लेकर अभी तक जो बात सामने आयी है उसमें बिहार का R-Value 4.55 यानी एक व्यक्ति 4 से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में हम यह मान रहे हैं कि बिहार में तीसरी लहर की पीक 24 से 26 जनवरी के बीच आएगी ऐसे में काफी सतर्क रहने कि जरूरत है और इस बार 40 से 50 के बीच युवा मरीज ज्यादा परेशानी महसूस कर रहे हैं ।

2– तीसरे लहर में कोरोना का लक्षण बदल गया है 

सामान्य तौर पर इस बार लक्षणों में सर्दी खांसी ज्यादा है लेकिन इसके साथ ही कुछ नए लक्षण भी हैं जो सामने आ रहे हैं। बदन में असहनीय दर्द हो रहा है, इतना ज्यादा कि मरीज कई बार दर्द की वजह से डिप्रेशन में चले जा रहे हैं। गले में खराश बहुत ज्यादा परेशान करने वाली है। इसके साथ ही पेट खराब होना , आंखों में लालीपन, लाल चकत्ते शरीर पर होना , सिर दर्द यह सारे लक्षण है जो इस बार सामने आ रहे हैं।

3—कोरोना संक्रमित मरीजों के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला तेज हो रहा है

एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 72 घंटों के दौरान बिहार में कोरोना से संक्रमित मरीजों का अस्पताल में भर्ती होने का सिलसिला तेज होने लगा है चार दिन पहले दो चार ऐसे मरीज आ रहे थे जिनको भर्ती होने कि जरूरत महसूस हो रही थी लेकिन अभी 

एम्स में—48, आईजीएमस–12, एनएमसीएच–47, पीएमसीएच–05

मतलब पूरे बिहार में इस समय सौ के करीब मरीज भर्ती है जिसमें 30 से अधिक मरीज आईसीयू में भर्ती है ।

4–ओमीक्रोन पहुंचा बिहार

एक सप्ताह तक बिहार में ओमीक्रोन से पीड़ित एक मरीज का पता चला था जो दिल्ली अपने ओमीक्रोन पीड़ित भाई से मिलने गया था लेकिन बिहार में कल जिस 32 सैंपल की जांच हुई है उसमें 27 ओमीक्रोन से पीड़ित मिला है इस तरह कुल टेस्ट का 85 प्रतिशत मरीज ओमीक्रोन से पीड़ित मिल रहा है ऐसे में विशेषज्ञों की राय है कि बिहार में जांच में तेजी लायी जाये तो ओमीक्रोन से संक्रमित मरीजों की संख्या काफी हो सकती है ऐसे में बिहार के लोगों को और सतर्क रहने कि जरूरत है ।

5–पटना बना #Corona Hotspot 

जी है अभी तक जो जांच रिपोर्ट सामने आया है उसमें संक्रमण दर की बात करे तो बिहार में सबसे अधिक 21.94 प्रतिशत संक्रमण पटना का है दूसरे स्थान पर गया है वही अभी तक 300 प्रखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो चुकी है पिछले एक सप्ताह के दौरान जांच के बाद संक्रमण दर एक फीसदी से बढ़कर 2.55 प्रतिशत हो गया है ।

बिहार में दूसरी लहर से भी तेज गति से बढ़ रहा है कोरोना।

सीमित लॉकडाउन के बावजूद बिहार में कोरोना का लहर बेकाबू होता जा रहा है इस बीच बिहार में कोरोना के फैलाव का जो आकड़ा सामने आ रहा है वह चिंता बढ़ाने वाली है दूसरे और तीसरे लहर के आंकड़ों के अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि शुरुआती 15 दिनों में दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में संक्रमण दर 1.5 गुना ज्यादा है ।

दूसरी लहर में 15 दिनों 22 मार्च से 05 अप्रैल के बीच 5410 संक्रमित मरीज जांच में सामने आया था वही इस बार 24 दिसंबर से 07 जनवरी के बाच 9447 संक्रमित मरीज जांच में सामने आया है वही बात जांच के प्रतिशत की कड़े तो 10 मरीज में 1.64 मरीज संक्रमित पाये जा रहे हैं साथ ही मरीज के भर्ती होने कि बात करे तो यहां भी दूसरी लहर से ज्यादा लोग अभी तक भर्ती हो चुके हैं वही अभी तक बिहार में तीन लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है।

वही बीते 24 घंटे में पटना AIIMS में 6 साल की मासूम के साथ 33 नए मरीज भर्ती हुए हैं। संक्रमण के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं उसी हिसाब से हॉस्पिटल में भी भीड़ बढ़ रही है।

बात रिकवरी रेट की करे तो बिहार में रिकवरी रेट में भी गिरावट आनी शुरु हो गयी है। अब यह 97.20% पहुंच गई है। अब तक राज्य में कुल 7,35,852 लोग संक्रमित हुए हैं, जिसमें 7,15,262 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। अब तक राज्य में 12,100 लोगों की मौत हो चुकी है।

शनिवार को राजद कार्यालय में हुई जांच में 8 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद एहतियात के तौर पर ऑफिस को बंद किया गया है। वहीं, इस संबंध में राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि हमारे सभी कर्मचारी और पदाधिकारी कोविड जांच में सुरक्षित पाए गए हैं। लेकिन, पोर्टल के कुछ लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। कोरोना की बढ़ती स्थिति को देखते हुए राजद कार्यालय अगले आदेश तक के लिए बंद किया गया है।

बिहार में कोरोना का कहर जारी हर घंटे 100 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं

बिहार में कोरोना का कहर जारी है और अब हर घंटे 100 से अधिक कोरोना पाँजिटिव मरीज सामने आने लगा है ।आज बेगूसराय जिले में कोरोना के 103 नये मरीज सामने आये हैं इस तरह बेगूसराय में मरीजों की संख्या 197 पंहुची गयी है वही पटना अभी भी कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है डॉक्टरों से लेकर नेता तक कोरोना की चपेट में आ गये हैंमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सेक्रेटरी अनुपम कुमार व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा भी कोरोना पॉजिटिव हो गये हैं वही दरभंगा के एसएसपी अवकाश कुमार के कोरोना संक्रमित होने की सूचना आ रही है ।

वहीं दरभंगा व्यवहार न्यायालय के 4 अधिकारी समेत कई कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना आ रही है. इधर शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई है कि जदयू कार्यालय में 5 और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

बात पटना की करे तो AIIMS के कोरोना नोडल डॉ. सजीव कुमार का कहना है कि पिछले 24 घंटे में 2 मौतें हुई है। पटना के दीदारगंज के बांका गांव के रहने वाले एक 25 साल के मरीज का एम्स में आंत का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के पहले कोरोना की जांच में पुष्टि नहीं हुई। ऑपरेशन के बाद कोरोना की पुष्टि हुई और तब हालात काफी गंभीर हो गई। आपात स्थिति में ऑपरेशन के बाद कोरोना से मरीज की मौत हो गई है। दूसरी मौत एक 85 वर्षीय महिला की हुई है, जो पिछले कुछ दिनों से वेंटिलेटर पर थी और उसके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। कोरोना नोडल का कहना है कि 24 घंटे में डॉ. अनिल कुमार, HOD, ट्रॉमा और इमरजेंसी के साथ 14 डॉक्टर संक्रमित हुए हैं। पैरामेडिक्स स्टाफ भी अधिक संख्या में संक्रमित हुए हैं।

पटना सिविल कोर्ट में भी एक न्यायिक पदाधिकारी, 12 कर्मचारी समेत 19 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनमें वकील हैं।
इस बीच बिहार सरकार ने कोरोना को लेकर नया गाइड लाइन जारी किया है कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने थोड़ी सी सख्ती और बढ़ा दी है। सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान व कोचिंग को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश जारी कर दिया। सभी छात्रावास भी बंद रहेंगे, लेकिन स्कूल, कॉलेज, शिक्षण, प्रशिक्षण व कोचिंग संस्थान के कार्यालय 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे। ऑनलाइन शिक्षण कार्य संचालित होंगे। केन्द्र तथा राज्य आयोग द्वारा आयोजित नियोजन संबंधी परीक्षाएं तथा विभिन्न विद्यालय बोर्डों द्वारा आयोजित परीक्षाएं होंगी। पुलिस व होमगार्ड प्रशिक्षण संस्थान तथा चिकित्सा से संबंधित शिक्षण, प्रशिक्षण संस्थान(छात्रावास सहित) खुले रहेंगे। अन्य सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष निर्णय लेंगे। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी के आदेश से गृह विभाग ने यह आदेश जारी कर दिया है। सभी इंडोर व आउटडोर स्टेडियम में होने वाले खेल से संबंधित गतिविधियां स्थगित होंगी। राज्य में गुरुवार से नया गाइड लाइन जारी किया है। इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं जो 21 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट पटना बना हांट स्पांट।

बिहार में कोरोना का हाल लगातार बिगड़ता जा रहा है पटना सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन गया है। आज दोपहर 12 बजे तक 1599 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसमें से 1203 मरीज पटना का है और 396 लोग पटना से बाहर के हैं।जांच रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आया है उसमें 17 साल से कम उम्र के 18 बच्चे भी शामिल हैं।वही दूसरी और कोरोना को लेकर आ रही खबर को देखते हुए मुख्य सचिव अमीर सुबहानी बिहार के सभी जिले के डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हलात का जायजा ले रहे हैं ।

इस बीच स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने मीडिया को बताया है कि ‘बिहार में कोरोना मरीज 3 से 5 दिन में ठीक हो रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है। सिर्फ 63 लोग अस्पताल में भर्ती हैं।

98% होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। कोरोना का बढ़ता ट्रेंड इंडीकेट करता है कि यह कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन है। बिहार में डेल्टा व डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस भी हैं। नए वैरिएंट की पहचान के लिए IGIMS में एक और मशीन लगेगी।

‘वहीं, BJP के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘कल जांच में कोरोना पॉजिटिव आया है। सम्पर्क में आए लोग जांच करा लें।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना को लेकर जारी किया गाइडलाइन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओमिक्रोन मरीजों के लिए होम आइसोलेशन में रहने की नई गाइडलाइन जारी की है।

आज बुधवार को होम आइसोलेशन के हल्के और बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले दो वर्षों में दुनिया के अलावा यह भारत में भी देखा गया है कि कोविड-19 के अधिकतर मामले बिना लक्षण और हल्के होते हैं। ऐसे मामले आमतौर पर न्यूनतम दखलअंदाजी, सही मेडिकल गाइडेंस और मॉनिटरिंग के तहत मरीज घर पर ठीक हो जाते हैं।

इसलिए केंद्र सरकार ने अपनी गाइडलाइंस बदलाव की है।

कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव आने के 7 दिन बाद और लगातार 3 दिन तक बुखार नहीं आने के बाद होम आइसोलेशन खत्म हो जाएगा और मरीज को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

होम आइसोलेशन पीरियड खत्म होने के बाद मरीज को दोबारा टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

कोरोना की तैयारी को लेकर आज फिर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।एडवोकेट जेनरल ने कोर्ट को बताया कि इस महामारी पर नियंत्रण के कई तरह के राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं।करोना महामारी के रोक थाम के दिए गए दिशानिर्देशों का पालन सख्त तरीके किया जा रहा है।
सार्वजानिक स्थलों,सिनेमा,मॉल,पार्क आदि को फिलहाल बंद कर दिया गया।साथ ही 10 रात्रि से सुबह पाँच बजे तक curfew भी प्रशासन ने लागू कर दिया है।
सरकारी,निजी दफ्तरों में कर्मचारियों के पचास फी सदी उपस्थिति के साथ ही कार्य होगा।स्कूलों कॉलेजों में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को इसके महामारी से निबटने कार्रवाई करने को तैयार किया जा रहा।सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में करोना मरीज के ईलाज के पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
कोर्ट को यह भी बताया गया कि अभी दो लाख व्यक्तियों का प्रति दिन टेस्ट किया जा रहा है।ऑक्सीजन की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त है और अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति के पूरी कार्रवाई हो रही है।
जो व्यक्ति करोना से पीड़ित हैं,उनके लिए ईलाज की व्यवस्था की गई है।उन्हें आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है।दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है।इस स्थिति को देखते हुए कल से ही पटना हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई प्रारम्भ हो चुका है।

इस मामले पर 12 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट, सात माह पहले वाली स्थिति की और बढ़ा बिहार।

कोरोना प्रोटोकाँल में लापरवाही अब भारी पड़ने लगा है हलात सात माह पहले जैसे होती जा रही है इस बीच खबर आ रही है कि बिहार के दोनों डिप्टी CM समेत 4 मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं सभी मंत्री होम आइसोलेशन में हैं वही कल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी कोरोना पाँजिटिव पाये गये थे।

कोरोना संक्रमित मंत्रियों में डिप्टी CM रेणु देवी, डिप्टी CM तारिकशोर प्रसाद, मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं।

एक्टिव मरीजों की संख्या 2222 पहुंची वहीं । आरा के नवोदय विद्यालय में 17 छात्र कोरोना पॉजिटिव मिले हैं।

बिहार में लगा मिनी लॉक डाउन

बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार (आपदा प्रबंधन समूह/Crisis Management Group) की बैठक में निम्नांकित निर्णय लिए गए है:-

  1. आवश्यक सेवाओ को छोड़ कर सभी दुकाने 8 बजे तक खुली रहेंगी।
  2. रात्रि 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू जारी रहेगी।
  3. क्लास 9, 10, 11 एवम 12 की क्लास एवम सभी कॉलेज 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे।
    ऑनलाइन क्लास को प्राथमिकता देंगे।
  4. क्लास 8 तक के सभी क्लास ऑनलाइन ही चलेंगे।
  5. कोचिंग क्लास 9, 10, 11, 12 के लिए 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे।
  6. सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय 50 प्रतिशत उपस्थित के साथ खुलेंगे। किसी भी बाहरी व्यक्ति के कार्यालय में प्रवेश वर्जित रहेगा।
  7. सभी पूजा स्थल श्रद्धालुओं के लिए अगले आदेश तक बन्द रहेंगे। केवल पुजारी ही पूजा कर सकेंगे।
  8. सिनेमा हॉल/ जिम/पार्क/ क्लब/ स्टेडियम/ स्वीमिंग पूल पूर्णतः बन्द रहेंगे।
  9. रेस्टोरेंट/ ढाबे आदि 50% कैपेसिटी के साथ खुलेंगे।
  10. शादी विवाह में अधिकतम 50 व्यक्ति तथा अन्तिम संस्कार में 20 व्यक्ति की अनुमति होगी।
  11. सभी राजनीतिक/ सामुदायिक/ सांस्कृतिक सार्वजनिक आयोजनों में अधिकतम 50 व्यक्ति की अनुमति होगी। परंतु इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
  12. शॉपिंग मॉल पूर्णतः बन्द रहेँगे।

कोरोना के कोहराम का असर कल से हाईकोर्ट में होगा आंनलाइन सुनवाई

पटना हाईकोर्ट में राज्य में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुए हालात को गम्भीरता से लेते हुए कल 4 जनवरी,2022 से मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई होगी। इस सम्बन्ध शिवानी कौशिक व अन्य की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा मौखिक जानकारी दी गई कि चूंकि पटना हाई कोर्ट के कुछ जज व कर्मी भी कोरोना से संक्रमित हो गए, इसलिए कल 4 जनवरी, 2022 से पटना हाई कोर्ट में कामकाज ऑनलाइन तौर पर ही किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि वकीलों का जीवन भी बहुमूल्य है, इसलिए इन बातों को भी ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने पूर्व में भी सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना अभी गया नहीं है।

इसके पूर्व में भी कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में मुहैया कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्यौरा देने को कहा था।

अगली सुनवाई आगामी 5 जनवरी, 2022 को होगी।

बिहार में हुआ कोरोना विस्फोट, क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बुलाई गयी बैठक।

बिहार में पिछले 24 घंटों के दौरान 500 से अधिक नये कोरोना के संक्रमित पाये गये हैं. इसकी संख्या में पिछले एक सप्ताह से लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है. एक दिन में राज्य में इसके प्रसार की संख्या 56 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. साथ ही एक दिन में कोरोना का फैलाव 21 जिलों से बढ़कर 26 जिलों में हो गया ।

इस बीच कल 4 जनवरी को कोरोना के बढ़ते फैलाव को देखते आपदा प्रबंधन की विशेष बैठक बुलाई गयी है जिसमें लांक डाउन और कोरोना से निपटने की तैयारी को लेकर विस्तृत चर्चा होगी ।

कोरोना को लेकर कल होगी बैठक

इधर आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के दौरान एंटीजन टेस्ट में 14 लोग संक्रमित पाए गए इसमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल है इसकी सूचना आते ही पूरे मुख्यमंत्री सचिवालय में हड़कम्प मच गया है ।

वही आज से प्रशासन सख्ती बरतनी शुरु कर दिया है मास्क चेकिंग और कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए पांच नयी टीमें बनायी गयी हैं. अब इसके लिए जिले में कुल 10 टीमें सक्रिय हो गयी हैं.जिन पांच नयी टीमों का गठन किया गया है, उनमें तीन टीमें बस, टेंपो आदि में मास्क की चेकिंग करेंगी. बिना मास्क के अगर ड्राइवर, खलासी या उसमें बैठे अन्य लोग मिले, तो वाहन को जब्त किया जा सकता है.

कोरोना को लेकर हालात सही नहीं –नीतीश

इसके अतिरिक्त दो टीमें दुकानों पर मास्क चेकिंग अभियान चलायेंगी. उपभोक्ता और दुकानदार को बिना मास्क पाये जाने पर दुकान को सील कर दिया जायेगा. इसके अतिरिक्त पांच मोबाइल टीमें सब्जी मंडी तथा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में मास्क चेकिंग कर दंडात्मक कार्रवाई करेंगी।

वही आज से पूरे बिहार में 15 से 18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरु हो गयी है इस बीच सीएम ने कहा कि कोरोना से निपटने को सरकार तैयार है और कल की बैठक में निर्णय लिया जा सकता है ।

कोरोना के कहर पर सरकार के रवैये पर हाईकोर्ट ने जतया एतराज

पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी के नए वेरिएंट के बढ़ते प्रभाव के रोक थाम व नियंत्रित किये जाने के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को बताने को कहा है कि करोना महामारी के तीसरे लहर के रोकथाम और स्वास्थ्य सेवा की क्या कदम उठाए जा रहे है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष राज्य सरकार ने बताया कि अगली सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा बुकलेट के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

लेकिन अभी जो ओम्रिकोन नामक नए वेरिएंट के तेजी से बढ़ने के कारण स्थिति में परिवर्तन हो रहा है।दिल्ली,मुंबई जैसे शहरों से ले कर देश के अन्य भागों में ओम्रिकोन बहुत तेजी से फैल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट व अन्य कई हाई कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई शुरू कर दी गई है।इस स्थिति को देखते हुए पटना हाईकोर्ट में शीघ्र ऑनलाइन सुनवाई होने की संभावना है।
इससे पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी।

पिछली ऑन लाइन सुनवाई में स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों से पूरी जानकारियां ले कर उन्हें बुकलेट के रूप में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

प्रधान अपर स्वास्थ्य सचिव अमृत प्रत्यय ने कोर्ट को बताया था कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार के अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित किया गया है, जो राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रहा है।
ज़िला के सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे।

पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है।कोरोना का खतरा अभी भी बरकरार है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्योरा देने को कहा था। कोर्ट ने विशेष तौर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमाइक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था।
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया था कि कोर्ट ने उसके पूर्व भी राज्य के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था।

इस मामले पर 5 जनवरी, 2022 को सुनवाई होगी।

बिहार में मिला पहला ओमिक्रांन के मरीज सीएम ने बुलाई आपात बैठक

#OmicronVirus बिहार में ओमिक्रॉन के मरीज मिलने की सूचना के बाद आज मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें ओमिक्रांन के सम्भावित खतरों से निपटने को लेकर चर्चा होगी ।स्वास्थ्य विभाग की मानें तो बिहार में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का पहला मरीज गुरुवार को मिला। वह इंग्लैंड से आए भाई से मिलने के लिए दिल्ली गया था, जो संक्रमित है और दिल्ली में क्वारंटाइन है।

ओमिक्रॉन को देखते हुए नीतीश ने बुलाई बैठक

संक्रमित 26 वर्षीय युवक किदवईपुरी के IAS कॉलोनी स्थित घर में होम आइसोलेशन में है। इसका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली स्थित एनसीडीसी लैब भेजा गया था। युवक 21 दिसंबर को संक्रमित हुआ था। अब सुबह से कांटेक्ट ट्रेसिंग शुरू होगी। आज यानी शुक्रवार से ही ओमिक्रॉन मरीज के लिए अलग से सर्विलांस टीम का भी गठन किया जाएगा। 31 दिसंबर को पटना में 99, गया में 48 और मुंगेर में 9 नए केस मिले।

कोरोना को देखते हुए हाईकोर्ट की सुरक्षा बढ़ाई गयी

कोविड – 19 संक्रमण के बढ़ते हुए प्रवृत्ति को देखते पटना हाई कोर्ट परिसर में प्रवेश तत्काल प्रभाव से सीमित कर दिया गया है। पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी नोटिस के अनुसार कोर्ट के सभी कर्मियों को प्रवेश द्वार पर अनिवार्य रूप से पहचान पत्र दिखाने को कहा गया है।

अधिवक्ताओं को कोर्ट द्वारा निर्णय किये गए उचित अधिकारी द्वारा जारी ई – पास दिखाने पर ही प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह से, मुवक्किलों को भी कोर्ट परिसर में प्रवेश हेतु स्पेशल पास जारी किया जाएगा।

जारी नोटिस के अनुसार कोर्ट ऑफीसर को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। कोविड – 19 के संबंध में पूर्व में अधिसूचित प्रोटोकॉल व मानक संचालन प्रक्रियाओं ( एस ओ पी ) का सख्ती से पालन किया जाएगा और इसका उल्लंघन करने को गंभीरता से लिया जाएगा।

कोरोना से निपटने को लेकर राज्य सरकार की क्या तैयारी इस आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई

#Covid19 : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना महामारी के मामले पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने शिवानी कौशिक व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की।

राज्य सरकार ने कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि अगली सुनवाई में राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा बुकलेट ( Compendium) के रूप में पेश करेगी।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से पूरे तथ्यों की जांच कर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था।

इससे पहले राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा में विरोधाभासी तथ्यों के मद्देनजर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई थी।आज इस मामलें की ऑन लाइन सुनवाई हुई,जिसमें स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों से पूरी जानकारियां ले कर उन्हें बुकलेट( Compendium) के रूप में कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा दायर विरोधभासी हलफनामा पर पिछली सुनवाई में ऑन लाइन उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव अमृत प्रत्यय ने खेद जाहिर किया था।उन्होंने कहा था कि अगली सुनवाई में विस्तृत और पूरे तथ्यों के साथ हलफनामा दायर किया जाएगा।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिहार राज्य स्वास्थ्य सेवा समिति के कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार के अध्यक्षता में चार सदस्यों की एक टीम गठित किया गया है।यह टीम राज्य के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी और उपलब्ध सुविधाओं की जांच कर रहा है।

ज़िला के सभी जिलों के सिविल सर्जनों द्वारा ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा तथ्यों को जांच कर प्रस्तुत करेंगे।

राज्य सरकार ने जो इससे पहले ज़िला के सरकारी अस्पतालों के सम्बन्ध में हलफनामा दायर किया था, उसमें काफी जानकारियां सही नहीं थी।कोर्ट ने इसे काफी गम्भीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पूरा और सही तथ्यों पर आधारित ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा था।

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इस मामलें पर आज साढ़े ग्यारह बजे सुबह ऑनलाइन पर सुनवाई किया। कोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अपर प्रधान सचिव ने ऑन लाइन उपस्थित हो कर सारी स्थिति का ब्यौरा दिया।
कोर्ट ने पटना के सिविल सर्जन को अस्पतालों में सारी व्यवस्था,दवा,डॉक्टर व अन्य सुविधाओं की तैयारी बनाए रखने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा था कि कोरोना के नए वैरिएंट के मद्देनजर हमें सावधानी बरतने की जरूरत है।कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार से कोरोना को लेकर राज्य भर में कराई गई सुविधाओं के संबंध में ब्योरा देने को कहा था। कोर्ट ने विशेष तौर साउथ अफ्रीका में फैले कोविड के नए वैरियंट ओमाइक्रोन के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन और भंडारण के संबंध में सूचित करने को कहा था।

अधिवक्ता विनय कुमार पांडेय ने बताया था कि कोर्ट ने उसके पूर्व भी राज्य के राज्य भर में उपलब्ध मेडिकल स्टाफ, दवाइयां, ऑक्सीजन व एम्बुलेंस आदि के संबंध में ब्यौरा तलब किया था।
इस मामले पर 7 जनवरी, 2022को सुनवाई होगी।